Mastram Sex kahani मर्द का बच्चा - Page 9 - SexBaba
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Mastram Sex kahani मर्द का बच्चा

एक लड़की जो लल्लू के ठीक सामने उसकी ओर चेहरा कर बैठी हुई थी.

लड़की- यार देख कितना हॅंडसम लड़का है ये. पहले तो कभी नही देखा इसे कॉलेज में.

बाकी की दोनो लड़किया पलट कर उस लड़की की नज़रो का पीछा करती है.

दूसरी लड़की- हा लड़का तो हॅंडसम है. हम से जूनियर होगा.

तीसरी लड़की- चले क्या उसके पास.

पहली उठ भी गई चेयर से और आ कर बैठ गई लल्लू के सामने वाली चेयर पर.

दोनो लड़किया ये देख कर वहाँ से उठ कर लल्लू वाले टेबल पर आ गई और पहली वाली के साथ बैठ गई.

पहली लड़की- चल नाश्ता मंगा.

लल्लू उस लड़की का मूह देखने लगा की ये ऐसे क्यू बोल रही है.

दूसरी लड़की- ऐसे क्या देख रहा है. कभी लड़की नही देखा है क्या.

लल्लू- लड़की तो बहुत देखा है लेकिन में आप लोगो को पहचाना नही. क्या हम पहले कभी मिले हैं.

तीसरी लड़की- नही मिले है तभी तो मिलने आए है तुम्हारे टेबल पर.

पहली- चल जल्दी मॅंगा. मेरे लिए समोसे.

दूसरी- साथ में कोल्ड्रींक भी.

लल्लू सोच रहा था की ये है कौन जो उसके गले पड़ रही है.

पहली - तुम्हे समझ नही आ रहा क्या. अगर इस कॉलेज में रहना है तो अपने सीनियर की बात मानना सीख.

दूसरी- कॅंटीन वाले से. काका इस लड़के के नाम पर टीन प्लेट समोसे और कोल्ड्रींक भेजना.

लल्लू- अरे में भी खाउन्गा मेरे मूह में चिटी थोड़े ना उठा है.

तीसरी- तुम्हे खाना है तो अपना ऑर्डर कर दो.

पहली- कौन से क्लास में पढ़ते हो तुम

दूसरी- नाम बताओ अपना.

लल्लू- पहले किस का जवाब दूं.

पहली- नाम बताओ अपना.

लल्लू- ललित कुमार.

दूसरी- कौन से क्लास में पढ़ते हो.

लल्लू- पढ़ाई नही करता में.

तीसरी लड़की- फिर यहाँ क्या करने आए हो.

सोनम- ये मेरे साथ आया है.

पहली- कामिनी कहा थी इतनी देर से. कब से तेरा इंतजार कर रहे है हम लोग.

रिधि- हम दोनो तुम्हे सारे कॉलेज में ढूंड रहे थे.

दूसरी- सोनम क्या बात है तू तो बड़ी तेज निकली. बोल रही थी बाय्फ्रेंड नही बनाएगी. बाय्फ्रेंड की बात पर भी शरमा जाती थी और यहाँ तो अपने बाय्फ्रेंड को ले कर घूम रही है.

रिधि- तो तेरी क्यू जल रही है. तू भी बुला ले सौरभ को.

दूसरी- नाम मत ले उस हरामी का. साला कमीना था वो. बाहर और कई से संबंध था उसका.

सोनम- इसी लिए में इन झमेलो से दूर रहने को कहती थी तुम लोगो को. लेकिन तुम सब पर तो भूत सवार था.

तीसरी लड़की- तो फिर इस हॅंडसम को लेके जो घूम रही है ये कौन है.

रिधि- ये मेरा बाय्फ्रेंड है.

दूसरी- हाय्यी क्या लड़का पटाया है यार.

रिधि- वैसे तुम्हे चाहिए तो में अपना बाय्फ्रेंड तुम्हे दे सकती हूँ लेकिन एक शर्त है.

पहली- क्या शर्त है.

सोनम- हम सब के लिए नाश्ता वित कोल्ड्रींक मंगाना पड़ेगा.

तीसरी लड़की- में तैयार हूँ. वो झट से सब के लिए नाश्ता ऑर्डर कर दिया.

कॅंटीन वाला इन तीनो का ला ही रहा था वो तीन और लगा कर दे दिया सब को.

सब मिल कर नाश्ता करने लगे.

(इन लड़कियो का ज़्यादा रोल नही है तो इसी लिए इनका परिचय नही दिया.)

सोनम- चलो अब फॉर्म सॅब्मिट कर ले.

(लल्लू से) तुम यही बैठो हम आते है.

फिर ये सभी वहाँ से चल दी फॉर्म जमा करने.

लल्लू वहाँ बैठा इधर उधर देखता टाइम पास कर रहा था.
 
थोड़ी देर बाद सभी लड़किया फॉर्म जमा कर आ गई.

लल्लू सोनम को देख खड़ा हो गया.

लल्लू- चले क्या.

सोनम- हा भाई चलते है.

तीसरी लड़की- लेकिन ये तो अब मेरा बाय्फ्रेंड है तो तुम लोग जाओ. में अपने बाय्फ्रेंड के साथ बाज़ार घूमने जा रही हूँ.
सभी लड़किया हँसने लगी.

सोनम - मेरे भाई को तंग मत करो.
चलो भाई चलते है.

फिर सब वहाँ से निकल कर कॉलेज से बाहर आ गये.

वो तीनो लड़किया दूसरे गाँव की थी तो बस पकड़ कर उधर चली गई.

लल्लू पार्किंग से अपना बुलेट ले कर आ गया सोनम और रिधि बैठ गई.

लल्लू बाइक आगे बढ़ा दिया.

सोनम- भाई पहले बाज़ार में चलना.

वो तीनो बाज़ार पहुच गये.

लल्लू- क्या लेना है दी.
रिधि- ललित पहले किसी कपड़े के शॉप पर चलना. मुझे अपने भाई के लिए कुछ कपड़े लेने है.

लल्लू इन लोगो को उसी शॉप पर ले गया जहा वो सुनील के साथ अपना कपड़ा लेने आया था.

तीनो दुकान के अंदर गये.

दुकान वाला- हा बेटा क्या चाहिए.

लल्लू- रिधि से. किस एज का है आप का भाई.

रिधि- काका दस साल के लड़के के लिए पेंट टी शर्ट दिखना.

दुकानदार उन को कुछ अलग अलग डिज़ाइन और कलर के कपड़े दिखाए.
रिधि इन में से दो सेट ले लिए.

सोनम- भाई क्या यहाँ लॅडीस का भी रखते है कपड़े.

लल्लू- बाहर में बोर्ड देखा था जिस पर लॅडीस जेंट्स दोनो लिखा था.
हा दीदी आप को क्या लेना है.

सोनम- भाई मुझे भी सब के लिए कुछ जींस पेंट्स और टीशर्ट लेने है.

लल्लू- काका क्या आप के पास गर्ल्स के भी जींस और टीशर्ट होंगे.

दुकानदार- सब मिलेगा बेटा. अभी दिखाता हूँ.

फिर वो कई तरह के पेंट्स दिखाए जिन में से सोनम टीन जींस ले ली और फिर तीन टी शर्ट भी ले लिए.
बिल पे कर वो लोग वहाँ से बाहर आ गये.

लल्लू- दी अब कहाँ चलना है.

सोनम- अब भाई जहा सूट का कपड़ा मिलेगा उस दुकान पर.

फिर ये लोग एक शोरुम में गये जहा सारी सूट सब लॅडीस का कपड़ा मिलता है

दुकान वाला- हा भैया क्या लेंगे. आइए बैठिए.

तीनो जा कर सोफा पर बैठ गये.

लल्लू सोनम को देख कर- क्या लेना है दी बताओ इन को.

सोनम- अंकल मुझे कुछ सूट्स का कपड़ा चाहिए.

वो दुकान वाला वहाँ काम करने वाली एक लेडी को बोला कपड़ा दिखाने को.
वो लेडी दीदी को अपने पास बुलाई.
सोनम और रिधि उठ कर वहाँ चले गये.

दुकान वाला- बेटा कहाँ से आए हो आप.

लल्लू- जी में तरुवर पूर से आया हूँ.

दुकान वाला- पिता जी का क्या नाम है आप के.

लल्लू- राम सिंग.

दुकान वाला- हूंम्म. चेहरा देख कर ही लगा था मुझे की तुम राम के ही बेटे हो. क्योंकि तुम्हारा चेहरा बहुत मिलता है राम से.

लल्लू- धन्यवाद अंकल.

तब तक सोनम और रिधि आ गई.
लल्लू- क्या हुआ पसंद नही आया क्या.

सोनम- नही नही. ले लिया है कपड़ा. आ रहा है पॅकिंग कर रहे है.

दुकान वाला- बेटा अगर सिलाई करवाना हो तो दे दो यहाँ सिलाई भी होता है.

सोनम- सॉरी अंकल वो में अपने बहनो के लिए खरीदा है.

लल्लू- एक अपने लिए भी ले लो दी. यही सिलाने दे दो.

सोनम उसे देखने लगी.
लल्लू उठ कर उस तरफ चला गया जहा वो लड़की कपड़ा दिखाई थी सोनम और रिधि को.
 
लल्लू वहाँ जा कर दो कलर का कपड़ा पसंद किया और सोनम और रिधि को पकड़ा दिया.
चलो दोनो अपना अपना नाप दे कर आओ.

दुकान वाला एक लादिए के साथ दोनो को दुकान के पीछे क रूम में भेज दिया जहा टेलरिंग का काम होता था.

दुकान वाला- बेटा अगर सारी या और कुछ लेना हो तो ले लो. तुम्हारे परिवार के साथ हमारा पुराना परिवारिक रिश्ता है.
तुम्हारे अनिल और सुनील काका भी यहाँ आते रहते है.

लल्लू तो सुरपरिसे हो गया की सच में इसे सब का पता है.
लल्लू को मान किया की कुछ सारी ले ले अपने काकी और मा के लिए भी तो वो उठ कर सारी सेलेक्ट करने चला गया.

थोड़ी देर मग़ाजमारी करने के बाद वो चार सारी सेलेक्ट कर लिया.

फिर काउंटर पर आ कर सब का बिल बनवा लिया.

जेब से कार्ड निकाल कर सब का पेमेंट कर वापस आ कर सोफे पर बैठ गया सब पॅकेट ले कर.

तब तक वो दोनो भी आ गये.

लल्लू- तो चले अब.
दुकान वाला- बेटा दो मिनिट्स रुक जाओ. जूस आ रहा है. वो पी कर जाना. पहली बार आए हो तुम लोग मेरे यहाँ.

लल्लू- अंकल मुझे पता नही था यहाँ का. अब आते रहेंगे.
तब तक एक लड़का टीन ग्लास जूस ले आया.

दुकान वाला - लो आ ही गया बेटा.

फिर तीनो बैठ कर जूस पिए और वहाँ से बीड़ा ले कर चल दिए.

सोनम- भाई उन्हे पैसा तो दे लेने दो.

लल्लू- दी पैसा में दे दिया.

सोनम- इतने पैसे तुम्हारे पास कहाँ से आए.
लल्लू- क्यू में कमाता नही तो क्या हुआ. आज तक जो सब पैसे दिए थे वो रखा ही तो था मेरे पास. किसी ने कभी खर्च ही नही करने दिया. और सुनील काका सुबह मुझे दिए थे पैसे.

फिर वहाँ से लल्लू एक रेस्तरो में गाड़ी ले जा कर रोका.

रिधि- अब यहाँ क्या करना है.

लल्लू- बहुत भूख लगा है कुछ खा लेते है ना.

रिधि- नही, मेरे घर चलो. में कॉल कर दिया है. वहाँ खाना बन गया है.

लल्लू- क्या..

रिधि- ऐसे क्यू रिक्ट कर रहा है. वहाँ में पकड़ कर तेरे से शादी नही कर लूँगी.

सोनम- हा भाई इस ने घर कॉल कर दिया है.

फिर सब वहाँ से वापस घर की ओर चल दिए.
बरगद के पेड़ के पास से रिधि अपने घर का रास्ता बताती गई.

बहुत सुंदर घर था रिधि का.

दो मंज़िल का एक बड़ा सा बांग्ला था. जिस के आगे बहुत सुंदर दोनो और बगीचा बना था जिस में तरह तरह की छोटे छोटे फूल खिले थे.
उसके बीच से अंदर बंगले में जाने का रास्ता था.
पोर्च में दो कार खड़ी थी साथ में एक पोलीस की जीप्सी भी थी.

गेट से अंदर आ कर लल्लू बाइक पॉर्चे में खड़ा कर दिया.

दोनो भाई बहन रिधि के साथ अंदर घर में एंटर किए.

रिधि- मा. मा कहाँ हो .

रसोई से निकलती एक महिला आई.
क्या है क्यू चिल्ला रही है.

रिधि- मा मेहमान आए है और आप ऐसे बोल रही हो.
रिधि की मा ज्योति सोनम को देख कर अच्छा आज फ़ुर्सत मिला है तुम्हे.
सोनम जा कर ज्योति क पैर च्छू का प्रणाम की.
लल्लू सोनम को देख कर वो भी जा कर पैर च्छू लिया.
 
लल्लू सोनम को देख कर वो भी जा कर पैर च्छू लिया.
ज्योति- इस बच्चे को नही पहचाना.

रिधि- ये सोनम का भाई ललित है.

ज्योति लल्लू को देखती हुई- बहुत प्यारा बचा है.

दोनो को रिधि सोफा पर बैठैई ड्रॉयिंग रूम में.

लल्लू यहाँ पहली बार आया था लेकिन सोनम दो तीन बार आ चुकी है.

लल्लू नज़र घुमा कर चारो और देख रहा था.

लल्लू- नाइस बंगलो रिधि दी.

रिधि- कितनी बार बोला है मुझे दीदी मत बोल. समझ नही आता क्या.

लल्लू छोटा सा मूह कर की गर्दन झुका लिया.

सोनम बेटा बहुत दिनों बाद आई है यहाँ. सब कैसे है घर पर.
सीढ़ियो से नीचे उतरता पोलीस की वर्दी पहने एक आदमी बोला.

सोनम खड़ी हो गई और जा कर पैर च्छू कर प्रणाम किया.
सोनम- कभी मौका ही नही मिला अंकल. और घर में सब बढ़िया है.

सोनम को देख कर लल्लू भी जा कर प्रणाम किया

वो आदमी- ये बच्चा कौन है.

सोनम- मेरा भाई है अंकल.

रिधि के पापा- क्या करते हो तुम बेटा.

लल्लू- कुछ नही करता.

रिधि के पापा सोनम की और देखने लगे.

सोनम- वो अंकल, भाई का तबीयत खराब रहता है इस लिए पढ़ाई छूट गई है. घर पर ही पढ़ता है और पापा और काका के साथ खेती बाड़ी में भी मदद कर देता है.

रिधि के पापा- कोई बात नही. सब ठीक हो जायगा.
तुम लोग खाना खा लिए.

रिधि- नही पापा अभी अभी आए है.

रिधि पापा- खाना खा कर ही जाना. और कभी कभी यहाँ भी आते रहा करो. ये भी तुम्हारा ही घर है. में थोड़ा जल्दी में हूँ. बाद में मिलता हूँ.
रिधि के पापा घर से निकल गये.

तभी ज्योति रसोई से बाहर आई.
ज्योति- तीनो हाथ मूह धो लो. खाना बन गया है.

रिधि- आओ तुम लोग मेरे साथ.
रिधि दोनो को ले कर अपने कमरे में आ गई.

रिधि- ये मेरा कमरा है. सोनम तुम पहले फ्रेश हो जाओ.
सोनम फ्रेश होने चली गई.

रिधि आगे बढ़ कर लल्लू के सामने उस से चिपक कर.
रिधि- तो क्या सोचा है. तुम ने मेरे बारे में.

लल्लू- गले से थूक गटकते हुए. क..क्या मा.मतलब.

रिधि- अरे हमारी शादी के बारे में.

लल्लू- आरीए ये...ये कब हुआ.

रिधि- में तुम्हे पसंद करने लगी हूँ और तुम से शादी करना चाहती हूँ. (लल्लू की आँखो में देखते हुए बोली)

लल्लू- प्लीज़ दी मज़ाक मत करो.

रिधि- फिर दीदी बोला. रुक्क तू ऐसे नही समझेगा.

रिधि झटके से लल्लू के सर को पीछे से दोनो हाथो से पकड़ कर उसके होंठो पर अपना होंठ लगा दिया और आँख बंद कर उसे चूसने लगी.

लल्लू भौचक्का सा स्टॅच्यू बन कर खड़ा रह गया.
तभी सोनम फ्रेश हो कर बाहर आ गई.
 
सोनम- ये क्या कर रहे हो तुम दोनो. कुछ शरम हया है की नही.

रिधि लल्लू को छोड़ कर हट गई.
लल्लू नज़रे झुकाए वहाँ से बाथरूम में चला गया.

फ्रेश हो कर लल्लू बाहर आ गया तो रिधि अंदर चली गई.

सोनम- भाई ये क्या था.

लल्लू- आप को क्या लगता है.

सोनम- में तुम्हारे से जानना चाहती हूँ.

लल्लू- वो आप के सामने कई बार बोल चुकी है की मुझे दीदी मत बोल. जब आप फ्रेश होने गई तो वो मुझे पकड़ ली और कहने लगी की में तुम से शादी करना चाहती हूँ.

मैने कहा भी की दी मज़ाक मत करो.तो फिर भड़क गई की दीदी क्यू बोला और फिर आगे बढ़ कर वो सब करने गई तब तक तो आप निकल ही गई थी.

सोनम- ठीक है हम अब बाद में बात करेंगे.

तभी रिधि बाहर आ गई फ्रेश हो कर.
फिर तीनो वहाँ से नीचे आ गये ड्रॉयिंग रूम में. जहा ज्योति सब के लिए खाना लगा रही थी.

आते ही तीनो खाने पर बैठ गये.

रिधि- मा, दादू और दादी कहा है.

ज्योति- वो पड़ोस में पूजा में गये है.

रिधि- छोटी और भाई नही आए है क्या.

ज्योति- आने वाले ही होंगे.

फिर ये तीनो खाना खा कर उठ गये.

ज्योति- सोनम बेटा घर में सब कैसे है.

सोनम- सब बढ़िया है आंटी.

ज्योति- बेटा मैने ऋतु बहन को एक लड़की का बताया था तेरे भाई के लिए उसका बहन कुछ जवाब ही नही दी.

सोनम- आप पूछे नही फिर.

ज्योति- नही फिर बात ही नही हुई बेटा. ज़रा तुम पूछना वो अभी दो दिन में यहाँ आने वाली है अगर बहन देखना चाहे तो देख भी लेगी.

सोनम- ठीक है आंटी. में बात करूँगी मा से. अच्छा अब इजाज़त दीजिए हमें.
सोनम सोफा से खड़ी होती बोली.

लल्लू भी उठ खड़ा हुआ.

ज्योति- आती रहा करना कभी कभी.और अपने इस भाई को भी साथ लाना. तुम तो हमें भूल ही जाती हो.

सोनम- जी आंटी आती रहूंगी.

ज्योति को प्रणाम कर दोनो फिर बाइक से अपने घर की ओर चल दिए.

सोनम लल्लू की पीठ पर चिपकी हुई बोली- कही आगे एकांत में रोकना भाई.

लल्लू गाँव से पहले एक आम क बाग देख कर बुलेट उधर बाग में ले लिया.

थोड़ा अंदर जा कर बाइक रोक दी.
लल्लू- लो दीदी. बताओ क्या हुआ.

सोनम- अब दाता क्या हुआ वहाँ रिधि क यहाँ.

लल्लू- क्या बताऊं दीदी. बिना मतलब वो गले पड़ रही है. जब आप बाथरूम फ्रेश होने गई थी तब तो उस ने हद ही कर दी. आ कर मुझ से चिपकने लगी और बोलने लगी की वो मुझ से शादी करना चाहती है.

में जब मना किया तब वो झपट कर मुझे चूमने लगी. और फिर आप आ गई थी तब वो मुझ से अलग हुई.

सोनम- लेकिन वो तो कह रही थी की तुम उसे पलट कर चूमने की कोशिश कर रहे थे.

लल्लू- आप तो आ कर देखी ही थी. आप को क्या दिखा था. ज़रा याद कीजिए.

सोनम याद करते हुए.
मुझे जहा तक याद है वो तुम्हारे सर को पकड़े हुए थी और तुम्हारा हाथ दोनो साइड उठा हुआ था.
हा सही कह रहे हो तुम वो कलमूहि तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती कर रही थी.
अब कभी उसके यहाँ हम नही जाएँगे. कभी उस बेशरम कलमूहि से नही मिलूंगी.

सोनम लल्लू को अपने बाहों में ले कर उसके गालो को चूमती बोली.
चल भाई अब घर चले बहुत समय हो गया है.
सोनम जल्दी से लल्लू के होंठो को हल्का सा चूम कर अलग हो गई और बाइक की और जाती बोली.

फिर दोनो वहाँ से घर आ गये.

घर आ कर एक और झटका लगा इन दोनो को
राघव आया था घर.

लल्लू दौड़ कर राघव को गले से लगा लिया.

राघव लल्लू दोनो एक दूसरे के कमर से पकड़ कर एक दूसरे को एक एक कर उठा लेते बारी बारी से और अजीब से नाच रहे थे जिसे घर के सभी खड़े हो कर हँसते हुए देख रहे थे.

लल्लू- भैया ये तो आप सरप्राइज दे दिए.

राघव- हा बहुत दिन हो गया था घर आए हुए. और सब की बहुत याद आ रही थी तो छुट्टी का अप्लाइ किया और छुट्टी मिल भी गई तो आ गये.

रोमा- बहुत अच्छा किए भाई. हमें भी आप की बहुत याद आ रही थी.

फिर सब बैठ कर बाते करने लगे.
 
सोनम- मा भैया आ गये है तो अबकी इनकी शादी कर ही दो. आज रिधि के घर गयी थी तो उसकी मा भी कह रही थी की एक लड़की है जिस के बारे में आप को बताए थे लेकिन आप ने कोई जबाब नही दिया अभी तक. और मा वो लड़की अभी दो दिन बाद आने वाली है.

लल्लू- भैया कितने दिन की छुट्टी है.

राघव-1 महीने की छुट्टी मिला है भाई.

लल्लू- फिर तो बहुत मज़ा आने वाला है.
यू ही बातों में शाम हो गया.

रात में खाना खाने सब आँगन में बैठे थे.
खाना खाने के बाद सब वही बैठ कर हसी मज़ाक कर रहे थे.
गौरी- भैया हमारे लिए कुछ लाए नही आप.

राघव- लाया हूँ गुड़िया सुबह निकालूँगा.

सोनम- अभी में लाई हूँ वो देती हूँ.
फिर सोनम अपनी लाई हुई कपड़े सब उठा कर ले आई.

रोमा रानी और गौरी के लिए जींस और टीशर्ट सोनम उनको दे दी.
वो तीनो ले कर उछलती हुई अपने कमरे में चली गई पहन कर देखने.

कोमल मीनू के लिए सौटस का कपड़ा लाई थी सोनम तो वो दे दी.

कोमल- दीदी ये सिलवाएँगे कैसे.

सोनम लल्लू की ओर देखने लगी.
लल्लू सोनम का इशारा समझ गया.

लल्लू- मेरे साथ चलना दीदी. में सिल्वा दूँगा.

कोमल खुश हो कर लल्लू के गाल को आ कर चूम ली.

बॅग खाली देख कर रागिनी बोली सोनम से.
रागिनी- अपनी बहनो का याद था और हम मा तुम्हे याद नही रहे.

फिर लल्लू उठ कर काजल के कमरे से बॅग लाया और उस में से सारी निकाल कर तीनो काकी को दे दिया.

शालिनी- देखो आख़िर बेटे को ही मा की याद रही. बेटी तो भूल गई.
लल्लू- नही काकी ये भी दीदी ने ही खरीदा है.

ऋतु- बहुत सुंदर सारी है बेटी. में तो समझती थी की मेरी बेटी को सिर्फ़ लड़को वाले कपड़े ही पसंद करने आते है.

सोनम- नही मा ये सारी का तो मुझे पता भी नही था. ये तो भाई की ही पसंद का है. लगता है में जब अपने सूट्स का नाप देने गई थी तभी भाई ने खरीदा है और मुझे बताया भी नही.

लल्लू हँसने लगा.

काजल- तू सारी खरीदना कब से सीख गया रे. लगता है तेरे भैया के साथ साथ तेरा भी ब्याह करना पड़ेगा.

लल्लू- मा में तो अभी बच्चा हूँ. अभी तो सब दीदी की शादी होगी फिर कही मेरा नंबर आएगा. कम से कम 10 साल तो अभी भूल जाओ.

राघव- तू कहे तो में काका से बात करू की तेरी शादी ही पहले कर दे.

लल्लू- भाई मुझे पता है आप के मन में लड्डू फुट रहे होंगे.
घबराओ मत आप की शादी इस बार करा कर ही भेजेंगे.

सब हँसने लगे.

फिर रात बहुत हो रहा था और राघव थका हुआ था तो वो सोने चला गया.
 
ऋतु- लल्लू बेटा आज तुम मेरे पास सो जाना.

राघव के सोने चले जाने के बाद ऋतु लल्लू से बोली.

लल्लू एक बार मा को देखा तो काजल सर हिला कर स्वीकृति दे दी.

काजल- हा बेटा, आज तू अपने प्यारी काकी के पास ही सोना.

लल्लू- अब तुम ठीक हो ना मा.

काजल- हा मुझे क्या हुआ था जो ठीक होना था.

रागिनी- कभी मेरे पास भी सो जाया कर. मैं भी तेरी मा हूँ.

लल्लू उठ कर रागिनी के गालो को चूम लिया.
लल्लू- कल में आप के पास सो जाउन्गा और फिर अगले दिन छोटी काकी के पास .

शालिनी मुस्कुरा कर बोली- ठीक है तो चलो अब रात बहुत हो गई है.

फिर सब अपने कमरे में चले गये.

ऋतु- लल्लू बेटा तू चल में आती हूँ.

लल्लू ऋतु के कमरे में जा कर बेड पर लेट गया.

थोड़ी देर में ऋतु आ गई. आ कर कमरे का दरवाजा बंद कर दी फिर अपना सारी खोल कर एक ओर रख दी और ब्लाउस पेटिकोट पहन कर सोने आ गई.

लल्लू- इसे कौन खोलेगा. ये सब भी खोल लेती.

ऋतु- ये सब मेरे पति देव खोलेंगे.

लल्लू- अच्छा. और ऋतु को पकड़ कर उसके चुचे को दबाने लगा और ऋतु के पतले सहद से मीठे होंठो को चूसने लगा अपने मूह में ले कर.

थोड़ी देर चूसने के बाद लल्लू ऋतु के ब्लाउसके हुक्स खोल दिया फिर उसके ब्रो को खोल कर निकाल दिया.
ऋतु के मोटे दो दो किलो के चुचे ब्रा खुलते ही उछल कर बाहर आ गये.

फिर लल्लू उन सुंदर चुचो को मूह में ले कर प्यार करते हुए अपना हाथ नीचे ले जा कर पेटिकोट के नाडे को पकड़ कर खिच दिया.

ऋतु गान्ड उठा कर पेटिकोट के साथ कच्छी भी निकाल कर अलग कर दी

ऋतु की कच्छी उसके अमृत रस से भींग गया था.

लल्लू ऋतु के मम्मे को दबाता निचोड़ता हुआ एक हाथ नीचे ला कर उसके स्वर्ग के द्वार को कुरादने लगा फिर एक उंगली उस में घुसा दिया.

ऋतु चिहुक पड़ी.

ऋतु लल्लू के होंठो पर टूट पड़ी लल्लू के होंठो को मूह में ले कर उसे चूसने लगी.

लल्लू ऋतु की चूत में उंगली करता हुआ एक हाथ से ऋतु के मम्मे को दबाता रहा.

ऋतु आहे भरते हुए बेड पर इधर से उधर करवट बदल रही थी.

फिर लल्लू उठ कर ऋतु के पैरो के बीच आ कर उसे फैला कर उस में अपना मूह घुसा दिया और ऋतु के पानी छोड़ती चूत को जीभ निकाल कर चाटने लगा.

ऋतु आहें भरती हुई लल्लू के सर को अपने चूत पर दबाने लगी.

ऋतु- कितना अच्छा करता है. कितना मज़ा आ रहा है. ऐसे ही करता रह. बहुत अच्छा लग रहा है.

लल्लू दो उंगली ऋतु की चूत में घुसा कर उसे चोदता हुआ ऋतु की चूत को चाटने लगा.

लल्लू अपने उंगली में ऋतु की चूत रस निकल कर उसे ऋतु के मूह में डाल दिया.

ऋतु मज़े से आँखे बंद किए हुए मूह में लल्लू के उंगलियो को डाले उसे चूस रही थी किसी लोली पोप की तरह.

लल्लू अपने जीभ को निकोला बना कर ऋतु की चूत में घुसा कर उसे चोदने लगा.
ऋतु मज़े की अधिकता से बड़बड़ाती हुई झरने की तरह अपना पानी बहा दी.
लल्लू ऋतु की चूत में अपना मूह घुसाए ऋतु के सारा पानी चाट कर गया.
ऋतु झड़ कर बेजान हो कर बेड पर लुढ़क गई.
 
लल्लू बेड से उतर कर खड़ा हो गया और ऋतु के सर की ओर आ गया.

लल्लू जब से कुंभ से आया था तब से उस टॅटू के कारण उसका शरीर बहुत गठिला हो गया था.
उसके गोरे शरीर पर काला टॅटू चमक रहा था.
लल्लू अपने धोती को खोल कर अलग कर दिया.
उसका डंडा तो पहले से ही खड़ा था.
लल्लू ऋतु का हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रख दिया.
ऋतु सासो को संभालती हुई लल्लू एल लौड़े को सहलाने लगी.

फिर अपना मूह खोल कर सर उठा लल्लू एल लौड़े को गुपप से मूह में भर कर चूसने लगी.
ऋतु- उऊहह कितना मज़ा आ रहा है. आज में इस गन्ने का पूरा रस चूस जाउन्गी.

लल्लू आँखे बंद किए ऋतु के मूह के गर्माहट को फील कर रहा था.

ऋतु मूह को आगे पीछे कर लल्लू के गन्ने को चूसे जा रही थी.

थोड़ी देर उसे चूसने के बाद जब ऋतु का.मूह दुखने लगा तो लौड़े को निकाल कर अपने पैर फैला लिए और लल्लू को इशारा करने लगी.

लल्लू भी आँखो के इसरे से पूछने लगा की ऋतु क्या कह रही है.

ऋतु- ऐसे क्यू नाटक कर रहा है जैसे पता ही नही. आ अब अपनी लुगाई की इस रस बहाती निगोडी बुर का भोसड़ा बना दे अपना लॉडा डाल कर. जल्दी आ रे अब नही रहा जाता. पता नही क्या आग लगा दी है तुम ने.

अब तो हर दम यही मन करता है की इस प्यारे से लौड़े को अपने बुर में घुसा कर लेती रहूँ.

लल्लू ऋतु के ऊपर चढ़ गया और उसके दोनो पैर पकड़ कर मोड़ दिया फिर ऋतु के छाती से चिपका दिया.\

ऋतु की चूत के साथ साथ उसके बड़ी सी गान्ड भी हवा में उठ गई.
लल्लू को ऋतु की बड़ी गान्ड पागल बना रहा था.

लल्लू ऋतु की चूत पर अपने लौड़े को पकड़ कर रगड़ने मसलने लगा.

ऋतु आँखे बंद किए अपने होंठो को दाँतों से दबाए आहे भर रही थी.

लल्लू चूत के छेद पर लौड़े को लगा कर ऋतु के गान्ड के नीचे दोनो हाथ लगा कर उसे मसलते हुए एक करारा धक्का लगा दिया.

ऋतु अपने दोनो हाथो से अपने पैर को पकड़े हुए चिल्ला उठी.

ऋतु- हरामी एक बार में ही पूरा घुसा दिया.
आज फाड़ कर ही मानेगा. हाय्यी मेरी चूत.

लल्लू ऋतु के गान्ड को मुट्ठी में कस के दबोचे हुचक हचक कर उसे पेलने लगा.

ऋतु की बड़ी बड़ी चुचिया हर धक्के से ऊपर नीचे हिल रहा था.

लल्लू ऋतु के गान्ड को छोड़ कर उसके मोटे मोटे पपीते को पकड़ लिया और उसे ज़ोर ज़ोर से मसलता हुआ कस कस कर ऋतु के बुर में शॉट लगाने लगा.

लल्लू- आहह, ये ली. यी लीयी उउउहह. क्या गर्मीी हाई. लगता है जैसे पिघल जाउन्गा में इस अंदर.

लल्लू ऋतु के ऊपर चढ़ कर उसे रगड़ने लगा.
ऋतु के दोनो चुचे को मसल कर लाल कर दिया.

लल्लू ऋतु को पकड़ कर पलटा दिया और उसे घोड़ी बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लॉडा पेल दिया.

लल्लू कमर हिलाता हुआ चूत मार रहा था और एक उंगली को गीला कर ऋतु के गान्ड पर थूक कर उस में अपना उंगली घुसा दिया.

ऋतु इस दोहरे हमले को नही झेल पाई और आहे भरती हुई झड़ गई.

लल्लू ऋतु के बाल को पकड़ कर उसे चोदने में लगा हुआ था.

लल्लू का लॉडा ऋतु की चूत से पूरा भींग गया था और अब तो लल्लू के लोडा के आस पास उसके कमर और लल्लू के टटटे भी भींग गया था ऋतु की चूत रस से.

लल्लू ऋतु की चूत का धज्जिया उड़ा ता हुआ दो उंगली से उसके गान्ड का छेड़ ढीला करने में लगा हुआ था.

ऋतु जब थोड़ी संभली तो वो कमर हिला कर लल्लू का साथ देने लगी.

लल्लू झट से अपना लॉडा निकाल कर ऋतु के गान्ड के छेद पर लगा दिया अपना उंगली निकाल.

लल्लू ऋतु के गान्ड पर पहले ही थूक थूक कर चिकना कर रखा था उंगली से.

लंड लगते ही लल्लू एक धक्का लगा दिया.

गान्ड का छल्ला फैल कर लल्लू के लंड के टोपे को अपने अंदर फशा लिया.

ऋतु इस अचानक हमले के लिए तैयार नही थी वो आगे को गिर गई.

लल्लू ऋतु के कमर को पकड़े लंड को उसके गान्ड में डाले रुक गया.

थोड़ी देर बाद लल्लू आहिस्ता से लौड़े को गान्ड में धकलने लगा.

ऋतु- अया क्या कर रहाा है. मुआअ आजज्ज तूओ तू माअरर दीईया रीए.

लल्लू हल्के हल्के दबाव बनाता हुआ लॉडा ठेलता रहा गान्ड में.
एक चौथाई लंड घुस गया था.

लल्लू- बहुत टाइट है तेरी गान्ड मेरी घोड़ी.
ऋतु- मुआ हट जा वहाँ से.. बहुट्त्त दर्द्द्द कर रहा है.

लल्लू एक चौथाई लंड से ही ऋतु के गान्ड को चोदने लगा हौले हौले.

लल्लू को लग रहा था जैसे उसके लंड को किसी पाइप में फसा दिया हो.

चारो ओर से उसका लंड किसी सिकंजे में फसा हुआ था.

लल्लू जब लंड बाहर निकालता तो जैसे लग रहा था की ऋतु के गान्ड का छल्ला भी साथ ही खिछा चला आ रहा है.

आगे ऋतु अपने सर को इधर उधर पटकती रही थी.

लल्लू उतने से ही ऋतु के गान्ड को चोदने लगा.

थोड़ी देर में जब गान्ड का छल्ला थोड़ा ढीला हुआ तो लल्लू का लंड थोड़ा और अंदर जा पहुचा.
ऋतु को जो थोड़ा आराम मिला था वो फिर उसे दर्द देने लगा.

ऋतु- मुआ निकाल ले वहाँ से नही तो में मार जाउन्गी..

लल्लू अपने लंड को निकाल कर चूत में घुसा कर ताबड तोड धक्के लगा दिया.
कमरा फॅक फुच्च से गूँज उठा.

लल्लू ताबड तोड बिना रुके उसे चोदे जा रहा था

फिर अचानक उस से लंड निकाल कर इस बार एक बार में ही आधा लंड ऋतु के मखमली गान्ड में उतार दिया.

ऋतु अधमरी हो गई.
 
लल्लू अपने लौड़े को टोपा तक निकाल कर एक बार साँस अंदर खिच घच्छ से पूरा का पूरा ठोक दिया ऋतु की गान्ड में.

ऋतु तकिये में मूह रगड़ती गो गो करने लगी.

दर्द से उसे जैसे लगता था की उसकी गान्ड में किसी ने मिर्च घुसा दिया है.

ऋतु- रोते हुए मररर दियाअ मुुआअ नी. हाय्यी बेदर्द्द्द यी क्या किया. मा क्या कर दिया यी. किसका मुह देख कार मेनी आऐ इसकी पास.

ऋतु बेसूध हो गई.

लल्लू तो डर गया की क्या हुआ.

लल्लू ऐसे ही ऋतु की पीठ को जीभ निकाल कर चाटता हुआ उसके चुचे को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद ऋतु थोड़ी संभली.

लल्लू अब हल्के हल्के अपना कमर हिलाने लगा.

ऋतु की बड़ी बड़ी बाहर को निकली मटका लल्लू के सब्र की परीक्षा ले रहा था.
लल्लू के मन में काम वासना हिलोरे मार रहा था.

लल्लू गान्ड को हाथो से सहलाता हुआ लंड को हल्के से निकालता और फिर डाल देता.

ऋतु चादर को दोनो हाथो में ज़ोर से पकड़े दाँतों से तकिये को दबाए अपनी पीड़ा को सहने की कोशिश कर रही थी.

लल्लू अब अपना कमर हिलाना थोड़ा तेज कर दिया था.
ऋतु की गान्ड से अजीब आवाज़े निकल रहा था.

लल्लू दोनो हाथो में गान्ड थामे अब अपना पूरा लॉडा निकाल निकाल कर ऋतु की ठुकाई कर रहा था.
अब लल्लू के लिए रुकना मुश्किल हो रहा था. लालू को लग रहा था जैसे उसके खून का प्रवाह उसके बदन में नीचे आ कर लंड से बाहर निकलना चाह रहे हो.
लल्लू का लॉडा अब ऋतु की गान्ड में ही फूलने पिचक ने लगा था.
ऋतु को अब बहुत आनद आ रहा था.
ऋतु की गान्ड का छल्ला भी अब कभी खुल जाती और कभी कस जाती.
लल्लू जैसे हवा में उड़ रहा था.
उसके मूह से मज़े की अधिकता से अजीब अजीब आवाज़े निकल रहा था.
लल्लू अंधाधुंड ऋतु की गान्ड को गुब्बारा बनाए जा रहा था.

लल्लू के मूह से गुर्राहट निकल रहा था.
लल्लू गुर्राता हुआ ऋतु की गान्ड में अपना पानी उडेलने लगा.
ऋतु लल्लू के पानी को अपने गान्ड में फील करती वो भी झरने को तरह अपना छूट रस बहा दी.

लल्लू झड़ कर ऋतु की पीठ पर लुढ़क गया.

ऋतु तो पहले ही निढाल हो रखी थी ऐसे ही अपने गान्ड में लल्लू का लंड लिए उसके नीचे दबे पड़ी रही.

लल्लू का लंड सिकुड कर छोटा होता हुआ बाहर निकल गया.
ऋतु के ऊपर से लुढ़कता हुआ लल्लू इसे अपने आगोश में लिए पीछे से ऋतु से चिपका दोनो सो गये.

सुबह 4 बजे लल्लू की नींद खुल गया.
उठ कर देखा तो ऋतु की गान्ड मूसल से चुदने के कारण फैल गया था और उस पर लल्लू के वीर्य के साथ कुछ खून के धब्बे फैला हुआ था.

लल्लू ऋतु के ऊपर एक चादर डाल कर कपड़ा पहन लिया और दरवाजा खोल कर बाहर आ गया.

बाहर आ कर लल्लू नदी किनारे चला गया.
वहाँ अपने निर्धारित स्थान पर जा बैठा
 
सुबह के करीब 5 बज रहे थे.
हरिद्वार की ' हर की पौडी' में श्रधालुओ के स्नान का ताँता लगा हुआ था. उसी में एक गोरी चित्ति लड़की.लंबे घने भूरे बाल, चौड़ी ललाट उस पर छोटी सी लाल बिंदी, धनुष की तरह तीखे भौहे. उस के नीचे झील सी नीली आँखे. जिस में कोई देख ले तो डूब जाने को जी चाहे.

लंबी सुतवा नाक, पतले रस से भरे कोमल होंठ और फूले हुए कसमीरी सेब की तरह गोरे गाल. उस गाल पर एक तिल जो उस हुश्न की मल्लिक्का के हुश्न को चार चाँद लगा दे रखा था.

वो हुश्न की मल्लिका एक गेरुआ वस्त्र पहने हर की पौडी' पर श्रधालुओ की भीड़ में स्नान कर बाहर आई ही थी कपड़े पहन कर की एक लुच्छे ने बॅग झपट कर भागने की कोशिश की उस बॅग का एक हिस्सा उस चोर के हाथ में और दूसरा लड़की के.

वो लड़की अपने बॅग को पकड़ कर खीची तो चोर उस बॅग के साथ उड़ता हुआ खिच कर सीता गंगा जी में गिरा.

आस पास के सभी लोग देख कर ताली बजाते हुए उस लड़की को शाबासी दे रहे थे.

वो लड़की वहाँ से निकल कर चन्डी देवी मंदिर जो गंगा नदी के पूर्व में नील पर्वत पर स्थित है वहाँ पहुचि
.
वहाँ मा चन्डी की पूजा कर वहाँ से फिर वो लड़की माया देवी मंदिर में पूजा अर्चन करने गई.

वहाँ से निकल कर मा वैष्णो देवी मंदिर चल दी जो हर की पौडी से करीब एक किमी दूर था वहाँ करीतिम तरीके से जम्मू में स्थित मा वैष्णो की मंदिर की तरह ही बनाया गया है.

वैसा ही गुफा बनाने की कोशिश की गई है. मार्ग को भी दुर्गम बनाने की कोशिश की गई है यहाँ.

यहाँ पूजा कर वो लड़की भारत माता मंदिर जा कर वहाँ की भव्य सुंदरता का आनंद लेती वहाँ देवी मा की पूजा की फिर ऑटो पकड़ कर वहाँ से सप्त ऋषि आश्रम जा पहुचि.

वहाँ मा गंगा की सात धारा बटी हुई है जो आगे और कई धारा में बिभाजित हो गई है.
 
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