hotaks444
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रंगीला ने उसको समझाया- ऐसा होता है कभी-कभी.. अब तू जा रश्मि वेट कर रही है।
जय के जाने के बाद रंगीला वहीं खड़ा रहा, थोड़ी देर में साजन और जेम्स एक साथ वहीं पर आ गए।
रंगीला- आओ आओ.. मेरे दोस्तो.. आज तो उस साले को जलील करके मज़ा आ गया..
साजन- बॉस क्या बताऊँ.. आज तो साली कयामत लग रही थी.. उस साले पुलिस वाले ने जीप के अन्दर तो उसके बहुत मज़े लिए होंगे..
रंगीला- कुछ मज़े नहीं लिए.. बस उसके जिस्म को छूकर देखा है.. उसको इतने ही काम का कहा था मैंने.. साले कुत्ते ने इतने से काम के 20000 ले लिए।
साजन- मानना पड़ेगा बॉस आपको.. कहाँ कहाँ अपने सैटिंग बना रखी है और ये एसीपी कहाँ से ले आए आप?
रंगीला- ये कोई एसीपी नहीं.. मेरा दोस्त है.. अब ये भी हमारे साथ उस रंडी के मज़े लेगा।
जेम्स- यार रंगीला उसको रंडी मत बोलो.. उसको तो मैं चोदने के बाद रंडी बनाऊँगा.. हा हा हा हा..
जेम्स के साथ साथ दोनों भी हँसने लग गए।
साजन- बॉस अपने कैसे उसको कल के लिए मना लिया.. मज़ा आ गया.. अब बस ये बता दो कि मैं जीत कर पहले उसको चोदूँगा ना..
रंगीला- चुप कर साले.. मेहनत मैं करूँ.. और फल तू खाए.. पहले मैं जाऊँगा.. उसके बाद तुम और तेरे वो चमचे जाएँगे लास्ट में जेम्स करेगा उस कुतिया की चुदाई।
साजन- अरे हम सब चोद देंगे तो उसकी चूत का भोसड़ा बन जाएगा.. बेचारे जेम्स को क्या मज़ा आएगा?
रंगीला- साले.. अगर ये पहले गया ना.. तो जरूर हम में से किसी को मज़ा नहीं आएगा.. इसका लौड़ा नहीं बांस है.. इसलिए इसको लास्ट में ही चान्स देना ठीक रहेगा.. वैसे भी इसके जाने के बाद हमारा नंबर कहाँ आने वाला है।
जेम्स- सही कहा रंगीला.. तुम सब जल्दी निपट लेना.. उसके बाद असली चुदाई तो मैं करूँगा उस साली की.. कसम से लौड़ा अभी से उसके लिए खड़ा हो गया है.. ना जाने ये रात कब बीतेगी।
साजन- बॉस एक बात समझ नहीं आई.. गेम तो मेरे और जय के बीच में है.. तो आप कैसे पहले चोदोगे.. और जय तो आपका दोस्त है..
रंगीला- साले हर चीज़ का एक टाइम होता है.. कल क्या करना है.. अब सुन ले अच्छे से.. मैं कैसे पहले जाऊँगा ये प्लान को तुझे अंजाम देना है।
रंगीला उनको समझने लगा कि कैसे कल सब काम करना है और उसने जेम्स को भी कुछ बातें समझा दीं।
उधर जय गाड़ी में बैठा ही था कि रश्मि उस पर बरस पड़ी।
रश्मि- भाई ये क्या नाटक है.. हाँ आपकी वजह से आज मेरी कितनी बेइज़्ज़ती हुई.. आप ऐसे ही शहर में जय खन्ना का ढोल पीटते हो क्या.. एक मामूली पुलिस वाले को नहीं समझा सके और आपके ही दोस्त की एसीपी तक से पहचान है।
जय- सॉरी रश्मि.. ऐसी बात नहीं है मैं क्यों पुलिस से पहचान रखूँ.. पापा की तो बहुत पहचान है.. अब ऐसी हालत में हम दोनों को उसने पकड़ा था। तुम समझ सकती हो पापा तक यह बात चली जाती तो गड़बड़ होती.. नहीं तो मैं उस कुत्ते को दो घूंसे लगा देता।
रश्मि- हाँ भाई यही सोच कर तो मैं चुप थी.. वरना उस कमीने ने जब मेरे मैंगोज को टच किया.. उसी टाइम उसको धक्का मार देती।
जय- यार रश्मि गाड़ी में उसने कुछ गलत तो नहीं किया ना?
रश्मि- कुछ नहीं बस मुझे गोद में बैठा कर मेरे मम्मों को दबाया और गंदी बातें कीं।
जय- उसकी ये हिम्मत.. कल तू देखना थाने जाकर साले को जलील करूँगा।
रश्मि- अब बस रहने दो.. कोई जरूरत नहीं है.. और अपने कल फार्म पर जाने का प्रोग्राम किससे पूछ कर बनाया है?
जय- यार प्लीज़.. अब तुम कोई नाटक मत करना.. मैंने तुम्हें सब बताया हुआ है.. अब मेरी ज़ुबान तेरे हाथ में है। उस साजन ने तेरे साथ जो सुलूक किया उसका बदला लेना है।
रश्मि- अच्छा एक बात बताओ.. आप जीत जाओगे.. तो साजन की बहन को सब मिलकर चोदेंगे.. तो मैं वहाँ अकेले बैठ कर क्या करूँगी?
जय- अरे तुझे वापस घर भेज दूँगा.. वहाँ थोड़ी रहने दूँगा.. वहाँ तो उस कुत्ते की बहन की चीर-फाड़ मचेगी.. साला बहुत अकड़ता है।
रश्मि- कहीं आप हार गए तो मेरी खैर नहीं वहाँ पर.. आपका खास दोस्त रंगीला भी मेरी चुदाई करेगा क्या?
जय- मुझे नहीं लगता रंगीला ऐसा करेगा.. बस वो तीन कुत्ते ही करेंगे.. मगर तू ऐसा सोच क्यों रही है.. मैं हारूँगा ही नहीं यार..
रश्मि ने कुछ सोचा फिर चुप हो गई क्योंकि पार्टी में रंगीला भी उससे बहुत चिपक के मज़े ले रहा था। उसको पता था कि अगर उसको मौका मिला तो वो जरूर उसको चोदेगा।
ऐसे ही बातें करते हुए वो दोनों घर पहुँच गए और नशे और थकान के कारण दोनों सो गए। उधर विजय भी देर रात को घर आ गया था और आते ही सो गया था।
दोस्तो, अब जिस गेम के लिए यह कहानी शुरू हुई है.. उसका टाइम आ गया है। बस अब कल सूरज किसकी जिंदगी में क्या तूफान लाएगा.. वो तो अब कल ही पता लगेगा.. तो आओ हम सब कल क्या होता है वो देख लेते हैं।
रात की थकान ऐसी थी कि सभी देर तक सोते रहे.. दोपहर बीत जाने पर वो लोग उठे और फार्म पर जाने की तैयारी करने लग गए।
उधर जेम्स ने भाभी और निधि को समझा दिया- आज उसको किसी काम से जाना होगा.. तो कल ही वापस आ पाऊँगा.. तुम दोनों अपना ख्याल रखना।
जय के जाने के बाद रंगीला वहीं खड़ा रहा, थोड़ी देर में साजन और जेम्स एक साथ वहीं पर आ गए।
रंगीला- आओ आओ.. मेरे दोस्तो.. आज तो उस साले को जलील करके मज़ा आ गया..
साजन- बॉस क्या बताऊँ.. आज तो साली कयामत लग रही थी.. उस साले पुलिस वाले ने जीप के अन्दर तो उसके बहुत मज़े लिए होंगे..
रंगीला- कुछ मज़े नहीं लिए.. बस उसके जिस्म को छूकर देखा है.. उसको इतने ही काम का कहा था मैंने.. साले कुत्ते ने इतने से काम के 20000 ले लिए।
साजन- मानना पड़ेगा बॉस आपको.. कहाँ कहाँ अपने सैटिंग बना रखी है और ये एसीपी कहाँ से ले आए आप?
रंगीला- ये कोई एसीपी नहीं.. मेरा दोस्त है.. अब ये भी हमारे साथ उस रंडी के मज़े लेगा।
जेम्स- यार रंगीला उसको रंडी मत बोलो.. उसको तो मैं चोदने के बाद रंडी बनाऊँगा.. हा हा हा हा..
जेम्स के साथ साथ दोनों भी हँसने लग गए।
साजन- बॉस अपने कैसे उसको कल के लिए मना लिया.. मज़ा आ गया.. अब बस ये बता दो कि मैं जीत कर पहले उसको चोदूँगा ना..
रंगीला- चुप कर साले.. मेहनत मैं करूँ.. और फल तू खाए.. पहले मैं जाऊँगा.. उसके बाद तुम और तेरे वो चमचे जाएँगे लास्ट में जेम्स करेगा उस कुतिया की चुदाई।
साजन- अरे हम सब चोद देंगे तो उसकी चूत का भोसड़ा बन जाएगा.. बेचारे जेम्स को क्या मज़ा आएगा?
रंगीला- साले.. अगर ये पहले गया ना.. तो जरूर हम में से किसी को मज़ा नहीं आएगा.. इसका लौड़ा नहीं बांस है.. इसलिए इसको लास्ट में ही चान्स देना ठीक रहेगा.. वैसे भी इसके जाने के बाद हमारा नंबर कहाँ आने वाला है।
जेम्स- सही कहा रंगीला.. तुम सब जल्दी निपट लेना.. उसके बाद असली चुदाई तो मैं करूँगा उस साली की.. कसम से लौड़ा अभी से उसके लिए खड़ा हो गया है.. ना जाने ये रात कब बीतेगी।
साजन- बॉस एक बात समझ नहीं आई.. गेम तो मेरे और जय के बीच में है.. तो आप कैसे पहले चोदोगे.. और जय तो आपका दोस्त है..
रंगीला- साले हर चीज़ का एक टाइम होता है.. कल क्या करना है.. अब सुन ले अच्छे से.. मैं कैसे पहले जाऊँगा ये प्लान को तुझे अंजाम देना है।
रंगीला उनको समझने लगा कि कैसे कल सब काम करना है और उसने जेम्स को भी कुछ बातें समझा दीं।
उधर जय गाड़ी में बैठा ही था कि रश्मि उस पर बरस पड़ी।
रश्मि- भाई ये क्या नाटक है.. हाँ आपकी वजह से आज मेरी कितनी बेइज़्ज़ती हुई.. आप ऐसे ही शहर में जय खन्ना का ढोल पीटते हो क्या.. एक मामूली पुलिस वाले को नहीं समझा सके और आपके ही दोस्त की एसीपी तक से पहचान है।
जय- सॉरी रश्मि.. ऐसी बात नहीं है मैं क्यों पुलिस से पहचान रखूँ.. पापा की तो बहुत पहचान है.. अब ऐसी हालत में हम दोनों को उसने पकड़ा था। तुम समझ सकती हो पापा तक यह बात चली जाती तो गड़बड़ होती.. नहीं तो मैं उस कुत्ते को दो घूंसे लगा देता।
रश्मि- हाँ भाई यही सोच कर तो मैं चुप थी.. वरना उस कमीने ने जब मेरे मैंगोज को टच किया.. उसी टाइम उसको धक्का मार देती।
जय- यार रश्मि गाड़ी में उसने कुछ गलत तो नहीं किया ना?
रश्मि- कुछ नहीं बस मुझे गोद में बैठा कर मेरे मम्मों को दबाया और गंदी बातें कीं।
जय- उसकी ये हिम्मत.. कल तू देखना थाने जाकर साले को जलील करूँगा।
रश्मि- अब बस रहने दो.. कोई जरूरत नहीं है.. और अपने कल फार्म पर जाने का प्रोग्राम किससे पूछ कर बनाया है?
जय- यार प्लीज़.. अब तुम कोई नाटक मत करना.. मैंने तुम्हें सब बताया हुआ है.. अब मेरी ज़ुबान तेरे हाथ में है। उस साजन ने तेरे साथ जो सुलूक किया उसका बदला लेना है।
रश्मि- अच्छा एक बात बताओ.. आप जीत जाओगे.. तो साजन की बहन को सब मिलकर चोदेंगे.. तो मैं वहाँ अकेले बैठ कर क्या करूँगी?
जय- अरे तुझे वापस घर भेज दूँगा.. वहाँ थोड़ी रहने दूँगा.. वहाँ तो उस कुत्ते की बहन की चीर-फाड़ मचेगी.. साला बहुत अकड़ता है।
रश्मि- कहीं आप हार गए तो मेरी खैर नहीं वहाँ पर.. आपका खास दोस्त रंगीला भी मेरी चुदाई करेगा क्या?
जय- मुझे नहीं लगता रंगीला ऐसा करेगा.. बस वो तीन कुत्ते ही करेंगे.. मगर तू ऐसा सोच क्यों रही है.. मैं हारूँगा ही नहीं यार..
रश्मि ने कुछ सोचा फिर चुप हो गई क्योंकि पार्टी में रंगीला भी उससे बहुत चिपक के मज़े ले रहा था। उसको पता था कि अगर उसको मौका मिला तो वो जरूर उसको चोदेगा।
ऐसे ही बातें करते हुए वो दोनों घर पहुँच गए और नशे और थकान के कारण दोनों सो गए। उधर विजय भी देर रात को घर आ गया था और आते ही सो गया था।
दोस्तो, अब जिस गेम के लिए यह कहानी शुरू हुई है.. उसका टाइम आ गया है। बस अब कल सूरज किसकी जिंदगी में क्या तूफान लाएगा.. वो तो अब कल ही पता लगेगा.. तो आओ हम सब कल क्या होता है वो देख लेते हैं।
रात की थकान ऐसी थी कि सभी देर तक सोते रहे.. दोपहर बीत जाने पर वो लोग उठे और फार्म पर जाने की तैयारी करने लग गए।
उधर जेम्स ने भाभी और निधि को समझा दिया- आज उसको किसी काम से जाना होगा.. तो कल ही वापस आ पाऊँगा.. तुम दोनों अपना ख्याल रखना।