hotaks444
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"हा काका देखा है पर ,निधि को लेकर जाना और अकेले ,मुझे सही नही लग रहा है ,और आप तो जानते है की हमारे आने जाने पर कोई नजर रखे हुए है ,हमले का डर हमेशा लगा रहता है ,और इस पागल लड़की के जिद में मैं इसे मुस्किल में नहीं डाल सकता "कलवा के चहरे पर मुस्कान आ गयी
"तुम सही कह रहे हो पर एक काम करो की तुम उसे मना कर दो ,वो रोती हुई नाराज होकर अपने कमरे में चली जायेगी तब कुछ देर बाद तुम उसके पास जाना और उसके साथ पीछे के गेट से निकल जाना ,जाने के लिए कोई ऐसी बाइक ले जाओ जिसे कोई भी पहचाने और अपने कपडे भी बदल लो ,ऐसे उस इलाके में अभी शांति है और मुझे तुम पर पूरा भरोषा है की अगर कुछ हुआ भी तो तुम सब सम्हाल लोगे ,और तुम्हे कुछ परेशानी हो गयी तो तुम बाबा जी के पास मदद को जा सकते हो ,किसी की इतनी हिम्मत नहीं है की उनके आश्रम में घुस जाए ,"
कलवा की बात अजय को समझ आ गयी और वो जाकर निधि को डांटकर मना कर देता है और सचमे निधि मुह फुलाकर वहा से चली जाती है ,
जब सब चले गए बस कलवा और बाली ही गार्डन में रह गए थे,
"अब चंपा पहले जैसी नहीं रह गयी ,मैं जब से आया हु मुझे ये देख कर ख़ुशी हुई की वो कैसे निधि को माँ जैसा प्यार कर रही थी ,"कलवा बाली की ओर देखता हुआ कहता है ,दोनों बचपन के दोस्त थे वही कलवा ही था जो चंपा को को भी बाली की शादी से पहले से जानता था,असल में तो उसे ने ही दोनों को मिलाया था क्योकि वो बजरंगी से मिलने तिवारियो के गाव जाता रहता था ,
"हा यार बात तो सही है ,मुझे भी ये देख कर बहुत ख़ुशी होती है ,पर काश वो हमेशा से ऐसी रहती तो ..."बाली की आँखे नाम हो चुकी थी ,कलवा उसके कंधे पर हाथ रखता है ,
"भाई जब जागो तभी सवेरा,तुमने भी बहुत पाप किये है अपनी जिंदगी में समझ ले ये उसका ही परिणाम था ,अब उसके साथ अच्छा बरताव किया कर ,उससे बात किया कर ,और उसने जो भी किया वो तिवारियो के भड़काने पर किया था ,लेकिन जब से वीर भईया गए है ,वो उनके संपर्क में नहीं रही ,इतने सालो से वो सबसे दूर रही है ,यही उसकी सजा सजा है मेरे भाई "कलवा की बातो से बाली की मन की दुविधा जाती रही ,कुछ दिनों से वो चंपा को देख रहा था और उसका गुस्सा उसके लिए धीरे धीरे कम हो रहा था,जो अब पूरी तरह से कम हो चूका था ,पर एक दुविधा सी उसके मन में जरुरु थी जो की अब कलवा के समझाने से कम हो चुकी थी ,
"तू तो पूरा ही बाबा बन गया बे "बाली ने मजाक में कहा और दोनों हसने लगे
"चल आज मेरा भाई आया है आज दारू पीते है ,पहले की तरह ही शुद्ध देसी वाला मउहा,जगलो में जाकर ,देशी मुर्गे के साथ बिलकुल शुद्ध और प्राकृतिक ,क्या बोलता है फिर से जवानी के दिन जीते है "कलवा भी हस पड़ा
"साले तू अभी भी इन सबके शौक रखता है "
"क्या करू भाई जब से तू गया है किसके साथ जाता ,सब छुट गया है ,याद है पहले कैसे हम दोनों भईया से छुपकर जगलो में जाया करते थे ,देसी मऊहा ,देसी मुर्गा ,और देसी लडकियों के साथ ,....हा हा हा क्या दिन थे यार वो भी ,"बाली याद कर थोडा इमोशनल सा हो जाता है ,
"हा यार क्या दिन थे ,पर अब नहीं ये सब छोड़ चूका हु मैं ,यही शराब थी जिसने ना जाने कितने गलत काम कराये है हमसे ,वीर भईया ने हमें कभी भी मन नहीं किया पर इसका हमने क्या फायदा उठाया ,पता नहीं कितनी लडकियों की जिंदगी से खेल गए ,"कवला थोडा उदास सा हो जाता है ,
"क्या गलत किया था भाई ,क्या कभी किसी लड़की को बिना उसकी मर्जी के कुछ किया है हमने ,"
"हा नहीं किया पर क्या हमने जो किया वो सही था "
"अबे वो हमारी जवानी थी ,लडकिय भी तो अपने कपडे हमारे लिए ऐसे ही खोल दिया करती थी ,हा हा हा "
बाली की बात सुन कर कलवा भी मुस्कुरा देता है ,
"चल बस हो गया अब हम भी बड़े हो चुके है और हमारे बच्चो के दिन आ गए है ,तू चंपा से जाकर बात तो कर ,अब उम्र के इस पड़ाव में भी क्या तू और वो अकेले ही रहोगे ,जिंदगी भर तो तूने उसे प्यार नहीं दिया अब दे दे ,"कलवा की बात बाली को समझ में तो आ चुकी थी पर इसपर अमल करना थोडा मुस्किल मामला था ..........क्योकि सालो से दोनों ने आपस में बात नहीं किया था ...
इधर शहर में ...........
सोनल ,रानी ,किशन और विजय कॉलेज के लिए निकल जाते है ,किशन ने जहा एक ब्लू टी-शर्ट पहना था वही विजय ने ब्लैक वही किशन जहा ब्लैक जींस में था वही विजय डेनिम ब्लू जींस में ,,,,,कातिल और क्लासिक कॉम्बिनेशन लेकिन विजय के सामने किशन फीका ही दिख रहा था ,उनकी बहनों ने अपने भाइयो के लिए इस्पेसल शोपिंग की थी ,ये उनकी ही चॉइस थी ,विजय का गोरा रंग काले रंग में और भी खिलकर आ रहा था ,वो किसी रियासत के राजकुमार सा लग रहा था ,बस माथे पर लाल टिका और हाथो में एक तलवार की कमी थी,....उसका लम्बा चौड़ा शारीर उसमे ऐसे खिल रहा था की कोई भी देखे तो बस थोड़ी देर के लिए देखता ही रह जाय ,ऐसे तो दोनों के परिधान बहुत ही सोबर थे पर उनकी पर्सनाल्टी को देख कर माडल भी जलन खा जाते ,विजय के कसे हुए डोले चौड़ा सीना और सपाट पेट ,दुधिया गोरा तेजमय उसका शारीर ,और उसकी लम्बाई ......दूसरो की बात छोडो दोनों बहनो की ही नजर अपने भाइयो से नहीं हट रही थी ,विजय की पर्सनाल्टी के सामने किशन टिक नहीं पा रहा था लेकिन वो किसी चोकलेटी बॉय सा लुक कर रहा था ,उसका शारीर विजय जितना चौड़ा तो नहीं था पर लम्बाई और गोरा रंग मासूम सा छरहरा बदन उसे चोकलेटी लुक दे रहे थे ,उसके चहरे में वो तेज नहीं था जो विजय और अजय के रंग में था ..........
जब चारो कॉलेज में इंटर हुए तो शायद ही कोई होगा जिसने इन दोनों नए लडको को मुड कर और घुर कर नहीं देखा हो ,सोनल और रानी तो थोड़े घबरा भी गए थे ,क्योकि उन्हें पता नहीं था की उनके भाई इतने ज्यादा हैण्डसम है,की लडकिय तो लडकिय लड़के भी उन्हें घुर रहे थे ,खासकर विजय को ,एक तो उसकी लम्बाई और शारीर ही ऐसा था की वो अलग से ही दिख जा रहा था ,ऊपर से उसके अंदर का वो तेज जो शहर में रहने वाले लडको ने शायद कभी जाना ही नहीं था ,एक आजीब सा तेज होता है जो बयां नहीं किया जा सकता ये तेज आता है ,सही खाने पिने से ,व्ययाम से ,निश्चिन्त दिनचर्या से ,और कुछ कुछ अपने खानदान से ...सोनल और रानी उन्हें केंटिन में ले गयी ,उनके लगभग सभी दोस्त अजय और विजय से मिल चुके थे इसलिए उन्होंने सच्चाई नहीं छुपाई और उन्हें सबसे इंट्रो कराया ,विजय उस दिन तो अजय के साथ था और इसलिए बड़ी ही शराफत से सबसे मिल रहा था पर आज इतनी लडकियों को देखकर वो बहुत ही खुश था ,ऐसा लग रहा था की शेर को खरगोशो का झुण्ड मिल गया हो ,वही किशन अब प्यार का मारा हो गया था उसे सभी के बीच सुमन की ही याद आ जाती है ,विजय अपने रंग में आ रहा था ,सोनल उसे बार बार आँख दिखाती और वो थोडा चुप हो जाता ,पता नहीं क्या था साले में की सभी लडकिय उससे जोक की तरह चिपकी जा रही थी,ऐसे की सोनल रानी किशन और खुसबू (सोनल की बेस्ट फ्रेंड जो अजय की दीवानी थी )दुसरे ही टेबल में आ गए ,और विजय सभी लडकियों से घिरा हुआ दुसरे टेबल में था ,
"तेरा भाई पागल है "खुसबू ने हस्ते हुए कहा
"तो तू भी जा ना उसी के साथ बैठ "सोनल चिड़ते हुए बोली
"अरे मैं तो तेरे अजय भईया की दीवानी हो गयी हु ,पता नहीं जब से उनको देखा है ....."खुशबु खो सी गयी अपने और अजय के बीच की गहराई को वो अच्छे से जानती थी ,वो जानती थी की अगर उनके बीच कुछ हुआ तो वही इतिहास फिर से दोहराया जाएगा जो उसके बुआ के समय में हुआ था ,वही कत्लेआम वही नफरत .........खुशबु के आँखों में फिर से पानी आ गया जिसे सोनल ने देख लिया ,
"अरे मेरी जान अब ऐसा भी क्या प्यार की जुदाई में रोना शुरू कर दो ,हा ...मेरी गारंटी है की तू ही मेरी भाभी बनेगी ,"सोनल ने खुशबु के बाजुओ को हलके से चुटकी काटी की खुशबु हस पड़ी
"क्या पता बहन ,वक़्त को क्या मंजूर है ,"वो शून्य आकाश में देखने लगी थी
वही किशन एक अनजान नजरो से खुशबु को देख रहा था उसे समझ नहीं आया की आखिर ये हो क्या रहा है ,
"ये हमारी भाभी जी है,अजय भईया की गर्लफ्रेंड और होने वाली बीवी चलो पाओ छुओ "रानी को मजाक सुझा ,किशन को थोडा यकीं नहीं आया पर सोनल और खुशबू की बाते और खुसबू का इतनी गंभीरता दिखाना ....वो उठा और खुशबु के पैरो को छूता हुआ ,
"पाँव लागी भाभी जी "किशन के इस कारनामे से अपने खयालो में खोयी हुई खुशबू अचानक ही जागी और खड़ी हो गई ,उसने आसपास देखा रानी और सोनल पेट पकड़ कर हस रहे थे वही बेचारा किशन मासूम सा खड़ा था ,पुरे केंटिन में उसे देखने वाला और कोई नहीं था ,एक कोने में विजय के टेबल के आसपास लकिया ऐसे मंडरा रही थी जैसे वह कोई क्लास चल रही हो ,वो उन्हें पता नहीं क्या क्या कहानिया सुना रही थी लडकिय बीच बीच में जोरो से हस्ती ,वो किसी के गालो को किसी के बालो को छूता और वो लड़की शर्मा जाती वही बाकि जलने लगते ,ऐसा लग रहा था की कोई हैण्डसम सा प्रोफ़ेसर क्लास ले रहा हो ...वही कुछ लड़के भी वहा बैठे उसे जलन की निगाहों से देख रहे थे ,
खुसबू और किशन को जब समझ आया की ये एक मजाक ही वो भी हसने लगे और खुशबु ने सोनल को एक हलके से मुक्का मारा ,
"तो तूने नितिन को बताया क्या अजय भईया के बारे में "सोनल ने बातो के दौर में ही पूछ लिया ,खुसबू ने उसे एक गंभीर सा चहरा बनाया और
"तूने बताया क्या ..........,"खुशबु का इतना ही बोलना था की सोनल ने अपनी आँखे बड़ी करके उसे रोक दिया जैसे कह रही हो कुछ भी मत कहना ,खुशबू समझ गयी थी की किशन पास ही और किसी को कुछ भी नहीं पता ,खुशबु ने टॉपिक पलट दिया
"तूने बताया क्या अजय को मेरे बारे में "सोनल और रानी ने राहत की साँस ली ,
"भाई देख ना ये विजय क्या कर रहा है ,हमें क्लास भी जाना है ,उसे बुला ला "
"अरे दीदी वो मेरी कहा सुनेगा "
"अरे जा ना क्यों नहीं सुनेगा "किशन उठकर विजय के पास चले जाता है ,सोनल खुशबु की तरफ रुख करती है ,
"तू पागल है क्या ,मैंने नितिन के बारे में अपने भाइयो को नहीं बताया है ,"सोनल ने धीरे से कहा ,खुशबू के चहरे पर एक मुस्कान आ गयी
"हा कामिनी तो तूने कैसे सोच लिया की मैं अपने भाई को तेरे भाई के बारे में बताउंगी"सोनल के चहरे पर भी एक मुस्कान आ गयी
"हा यार ये भाई लोग बड़े अजीब होते है है ना ,बहनों के ऊपर जान छिडकते है ,कुछ भी करने को तैयार रहते है ,लेकिन जैसे ही किसी लड़के का नाम आया तो बस....सब प्यार की "सोनल बोलकर चुप हो जाती है ,थोड़ी देर बाद वो फिर कहती है
"एक हम बहन है जो अपने भाईयो के लिए लडकिय ढूंढते रहती है "सोनल थोडा सा चिढ जाती है ,
"अरे मेरी जान वो इसलिए क्योकि भाइ कभी भी अपनी बहनों को गलत हाथो में जाता नहीं देख सकता ,"खुशबु बड़े ही प्यार से कहती है ,
"ऐसे मुझे लगता है अजय भईया मेरे और नितिन के रिश्ते को लेकर मान जायेंगे उन्होंने कहा भी था की हम लोग जिसे पसंद करेंगे उससे हमारी शादी करा देंगे ,"सोनल ने चहकते हुए कहा ,वही खुशबु फिर अपने ही विचारो में खो गयी ,'तुझे क्या पता बहन की जब अजय को इस रिश्ते के बारे में पता चलेगा और ये पता चलेगा की हम कौन है ,ना जाने क्या भूचाल आएगा
"तुम सही कह रहे हो पर एक काम करो की तुम उसे मना कर दो ,वो रोती हुई नाराज होकर अपने कमरे में चली जायेगी तब कुछ देर बाद तुम उसके पास जाना और उसके साथ पीछे के गेट से निकल जाना ,जाने के लिए कोई ऐसी बाइक ले जाओ जिसे कोई भी पहचाने और अपने कपडे भी बदल लो ,ऐसे उस इलाके में अभी शांति है और मुझे तुम पर पूरा भरोषा है की अगर कुछ हुआ भी तो तुम सब सम्हाल लोगे ,और तुम्हे कुछ परेशानी हो गयी तो तुम बाबा जी के पास मदद को जा सकते हो ,किसी की इतनी हिम्मत नहीं है की उनके आश्रम में घुस जाए ,"
कलवा की बात अजय को समझ आ गयी और वो जाकर निधि को डांटकर मना कर देता है और सचमे निधि मुह फुलाकर वहा से चली जाती है ,
जब सब चले गए बस कलवा और बाली ही गार्डन में रह गए थे,
"अब चंपा पहले जैसी नहीं रह गयी ,मैं जब से आया हु मुझे ये देख कर ख़ुशी हुई की वो कैसे निधि को माँ जैसा प्यार कर रही थी ,"कलवा बाली की ओर देखता हुआ कहता है ,दोनों बचपन के दोस्त थे वही कलवा ही था जो चंपा को को भी बाली की शादी से पहले से जानता था,असल में तो उसे ने ही दोनों को मिलाया था क्योकि वो बजरंगी से मिलने तिवारियो के गाव जाता रहता था ,
"हा यार बात तो सही है ,मुझे भी ये देख कर बहुत ख़ुशी होती है ,पर काश वो हमेशा से ऐसी रहती तो ..."बाली की आँखे नाम हो चुकी थी ,कलवा उसके कंधे पर हाथ रखता है ,
"भाई जब जागो तभी सवेरा,तुमने भी बहुत पाप किये है अपनी जिंदगी में समझ ले ये उसका ही परिणाम था ,अब उसके साथ अच्छा बरताव किया कर ,उससे बात किया कर ,और उसने जो भी किया वो तिवारियो के भड़काने पर किया था ,लेकिन जब से वीर भईया गए है ,वो उनके संपर्क में नहीं रही ,इतने सालो से वो सबसे दूर रही है ,यही उसकी सजा सजा है मेरे भाई "कलवा की बातो से बाली की मन की दुविधा जाती रही ,कुछ दिनों से वो चंपा को देख रहा था और उसका गुस्सा उसके लिए धीरे धीरे कम हो रहा था,जो अब पूरी तरह से कम हो चूका था ,पर एक दुविधा सी उसके मन में जरुरु थी जो की अब कलवा के समझाने से कम हो चुकी थी ,
"तू तो पूरा ही बाबा बन गया बे "बाली ने मजाक में कहा और दोनों हसने लगे
"चल आज मेरा भाई आया है आज दारू पीते है ,पहले की तरह ही शुद्ध देसी वाला मउहा,जगलो में जाकर ,देशी मुर्गे के साथ बिलकुल शुद्ध और प्राकृतिक ,क्या बोलता है फिर से जवानी के दिन जीते है "कलवा भी हस पड़ा
"साले तू अभी भी इन सबके शौक रखता है "
"क्या करू भाई जब से तू गया है किसके साथ जाता ,सब छुट गया है ,याद है पहले कैसे हम दोनों भईया से छुपकर जगलो में जाया करते थे ,देसी मऊहा ,देसी मुर्गा ,और देसी लडकियों के साथ ,....हा हा हा क्या दिन थे यार वो भी ,"बाली याद कर थोडा इमोशनल सा हो जाता है ,
"हा यार क्या दिन थे ,पर अब नहीं ये सब छोड़ चूका हु मैं ,यही शराब थी जिसने ना जाने कितने गलत काम कराये है हमसे ,वीर भईया ने हमें कभी भी मन नहीं किया पर इसका हमने क्या फायदा उठाया ,पता नहीं कितनी लडकियों की जिंदगी से खेल गए ,"कवला थोडा उदास सा हो जाता है ,
"क्या गलत किया था भाई ,क्या कभी किसी लड़की को बिना उसकी मर्जी के कुछ किया है हमने ,"
"हा नहीं किया पर क्या हमने जो किया वो सही था "
"अबे वो हमारी जवानी थी ,लडकिय भी तो अपने कपडे हमारे लिए ऐसे ही खोल दिया करती थी ,हा हा हा "
बाली की बात सुन कर कलवा भी मुस्कुरा देता है ,
"चल बस हो गया अब हम भी बड़े हो चुके है और हमारे बच्चो के दिन आ गए है ,तू चंपा से जाकर बात तो कर ,अब उम्र के इस पड़ाव में भी क्या तू और वो अकेले ही रहोगे ,जिंदगी भर तो तूने उसे प्यार नहीं दिया अब दे दे ,"कलवा की बात बाली को समझ में तो आ चुकी थी पर इसपर अमल करना थोडा मुस्किल मामला था ..........क्योकि सालो से दोनों ने आपस में बात नहीं किया था ...
इधर शहर में ...........
सोनल ,रानी ,किशन और विजय कॉलेज के लिए निकल जाते है ,किशन ने जहा एक ब्लू टी-शर्ट पहना था वही विजय ने ब्लैक वही किशन जहा ब्लैक जींस में था वही विजय डेनिम ब्लू जींस में ,,,,,कातिल और क्लासिक कॉम्बिनेशन लेकिन विजय के सामने किशन फीका ही दिख रहा था ,उनकी बहनों ने अपने भाइयो के लिए इस्पेसल शोपिंग की थी ,ये उनकी ही चॉइस थी ,विजय का गोरा रंग काले रंग में और भी खिलकर आ रहा था ,वो किसी रियासत के राजकुमार सा लग रहा था ,बस माथे पर लाल टिका और हाथो में एक तलवार की कमी थी,....उसका लम्बा चौड़ा शारीर उसमे ऐसे खिल रहा था की कोई भी देखे तो बस थोड़ी देर के लिए देखता ही रह जाय ,ऐसे तो दोनों के परिधान बहुत ही सोबर थे पर उनकी पर्सनाल्टी को देख कर माडल भी जलन खा जाते ,विजय के कसे हुए डोले चौड़ा सीना और सपाट पेट ,दुधिया गोरा तेजमय उसका शारीर ,और उसकी लम्बाई ......दूसरो की बात छोडो दोनों बहनो की ही नजर अपने भाइयो से नहीं हट रही थी ,विजय की पर्सनाल्टी के सामने किशन टिक नहीं पा रहा था लेकिन वो किसी चोकलेटी बॉय सा लुक कर रहा था ,उसका शारीर विजय जितना चौड़ा तो नहीं था पर लम्बाई और गोरा रंग मासूम सा छरहरा बदन उसे चोकलेटी लुक दे रहे थे ,उसके चहरे में वो तेज नहीं था जो विजय और अजय के रंग में था ..........
जब चारो कॉलेज में इंटर हुए तो शायद ही कोई होगा जिसने इन दोनों नए लडको को मुड कर और घुर कर नहीं देखा हो ,सोनल और रानी तो थोड़े घबरा भी गए थे ,क्योकि उन्हें पता नहीं था की उनके भाई इतने ज्यादा हैण्डसम है,की लडकिय तो लडकिय लड़के भी उन्हें घुर रहे थे ,खासकर विजय को ,एक तो उसकी लम्बाई और शारीर ही ऐसा था की वो अलग से ही दिख जा रहा था ,ऊपर से उसके अंदर का वो तेज जो शहर में रहने वाले लडको ने शायद कभी जाना ही नहीं था ,एक आजीब सा तेज होता है जो बयां नहीं किया जा सकता ये तेज आता है ,सही खाने पिने से ,व्ययाम से ,निश्चिन्त दिनचर्या से ,और कुछ कुछ अपने खानदान से ...सोनल और रानी उन्हें केंटिन में ले गयी ,उनके लगभग सभी दोस्त अजय और विजय से मिल चुके थे इसलिए उन्होंने सच्चाई नहीं छुपाई और उन्हें सबसे इंट्रो कराया ,विजय उस दिन तो अजय के साथ था और इसलिए बड़ी ही शराफत से सबसे मिल रहा था पर आज इतनी लडकियों को देखकर वो बहुत ही खुश था ,ऐसा लग रहा था की शेर को खरगोशो का झुण्ड मिल गया हो ,वही किशन अब प्यार का मारा हो गया था उसे सभी के बीच सुमन की ही याद आ जाती है ,विजय अपने रंग में आ रहा था ,सोनल उसे बार बार आँख दिखाती और वो थोडा चुप हो जाता ,पता नहीं क्या था साले में की सभी लडकिय उससे जोक की तरह चिपकी जा रही थी,ऐसे की सोनल रानी किशन और खुसबू (सोनल की बेस्ट फ्रेंड जो अजय की दीवानी थी )दुसरे ही टेबल में आ गए ,और विजय सभी लडकियों से घिरा हुआ दुसरे टेबल में था ,
"तेरा भाई पागल है "खुसबू ने हस्ते हुए कहा
"तो तू भी जा ना उसी के साथ बैठ "सोनल चिड़ते हुए बोली
"अरे मैं तो तेरे अजय भईया की दीवानी हो गयी हु ,पता नहीं जब से उनको देखा है ....."खुशबु खो सी गयी अपने और अजय के बीच की गहराई को वो अच्छे से जानती थी ,वो जानती थी की अगर उनके बीच कुछ हुआ तो वही इतिहास फिर से दोहराया जाएगा जो उसके बुआ के समय में हुआ था ,वही कत्लेआम वही नफरत .........खुशबु के आँखों में फिर से पानी आ गया जिसे सोनल ने देख लिया ,
"अरे मेरी जान अब ऐसा भी क्या प्यार की जुदाई में रोना शुरू कर दो ,हा ...मेरी गारंटी है की तू ही मेरी भाभी बनेगी ,"सोनल ने खुशबु के बाजुओ को हलके से चुटकी काटी की खुशबु हस पड़ी
"क्या पता बहन ,वक़्त को क्या मंजूर है ,"वो शून्य आकाश में देखने लगी थी
वही किशन एक अनजान नजरो से खुशबु को देख रहा था उसे समझ नहीं आया की आखिर ये हो क्या रहा है ,
"ये हमारी भाभी जी है,अजय भईया की गर्लफ्रेंड और होने वाली बीवी चलो पाओ छुओ "रानी को मजाक सुझा ,किशन को थोडा यकीं नहीं आया पर सोनल और खुशबू की बाते और खुसबू का इतनी गंभीरता दिखाना ....वो उठा और खुशबु के पैरो को छूता हुआ ,
"पाँव लागी भाभी जी "किशन के इस कारनामे से अपने खयालो में खोयी हुई खुशबू अचानक ही जागी और खड़ी हो गई ,उसने आसपास देखा रानी और सोनल पेट पकड़ कर हस रहे थे वही बेचारा किशन मासूम सा खड़ा था ,पुरे केंटिन में उसे देखने वाला और कोई नहीं था ,एक कोने में विजय के टेबल के आसपास लकिया ऐसे मंडरा रही थी जैसे वह कोई क्लास चल रही हो ,वो उन्हें पता नहीं क्या क्या कहानिया सुना रही थी लडकिय बीच बीच में जोरो से हस्ती ,वो किसी के गालो को किसी के बालो को छूता और वो लड़की शर्मा जाती वही बाकि जलने लगते ,ऐसा लग रहा था की कोई हैण्डसम सा प्रोफ़ेसर क्लास ले रहा हो ...वही कुछ लड़के भी वहा बैठे उसे जलन की निगाहों से देख रहे थे ,
खुसबू और किशन को जब समझ आया की ये एक मजाक ही वो भी हसने लगे और खुशबु ने सोनल को एक हलके से मुक्का मारा ,
"तो तूने नितिन को बताया क्या अजय भईया के बारे में "सोनल ने बातो के दौर में ही पूछ लिया ,खुसबू ने उसे एक गंभीर सा चहरा बनाया और
"तूने बताया क्या ..........,"खुशबु का इतना ही बोलना था की सोनल ने अपनी आँखे बड़ी करके उसे रोक दिया जैसे कह रही हो कुछ भी मत कहना ,खुशबू समझ गयी थी की किशन पास ही और किसी को कुछ भी नहीं पता ,खुशबु ने टॉपिक पलट दिया
"तूने बताया क्या अजय को मेरे बारे में "सोनल और रानी ने राहत की साँस ली ,
"भाई देख ना ये विजय क्या कर रहा है ,हमें क्लास भी जाना है ,उसे बुला ला "
"अरे दीदी वो मेरी कहा सुनेगा "
"अरे जा ना क्यों नहीं सुनेगा "किशन उठकर विजय के पास चले जाता है ,सोनल खुशबु की तरफ रुख करती है ,
"तू पागल है क्या ,मैंने नितिन के बारे में अपने भाइयो को नहीं बताया है ,"सोनल ने धीरे से कहा ,खुशबू के चहरे पर एक मुस्कान आ गयी
"हा कामिनी तो तूने कैसे सोच लिया की मैं अपने भाई को तेरे भाई के बारे में बताउंगी"सोनल के चहरे पर भी एक मुस्कान आ गयी
"हा यार ये भाई लोग बड़े अजीब होते है है ना ,बहनों के ऊपर जान छिडकते है ,कुछ भी करने को तैयार रहते है ,लेकिन जैसे ही किसी लड़के का नाम आया तो बस....सब प्यार की "सोनल बोलकर चुप हो जाती है ,थोड़ी देर बाद वो फिर कहती है
"एक हम बहन है जो अपने भाईयो के लिए लडकिय ढूंढते रहती है "सोनल थोडा सा चिढ जाती है ,
"अरे मेरी जान वो इसलिए क्योकि भाइ कभी भी अपनी बहनों को गलत हाथो में जाता नहीं देख सकता ,"खुशबु बड़े ही प्यार से कहती है ,
"ऐसे मुझे लगता है अजय भईया मेरे और नितिन के रिश्ते को लेकर मान जायेंगे उन्होंने कहा भी था की हम लोग जिसे पसंद करेंगे उससे हमारी शादी करा देंगे ,"सोनल ने चहकते हुए कहा ,वही खुशबु फिर अपने ही विचारो में खो गयी ,'तुझे क्या पता बहन की जब अजय को इस रिश्ते के बारे में पता चलेगा और ये पता चलेगा की हम कौन है ,ना जाने क्या भूचाल आएगा