hotaks444
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- Nov 15, 2016
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हमारा चुंबन ख़तम होने के बाद उन्होने मुझे किसी गुड़िया की तरह अपने हाथों मे उठाया और मुझे बाथरूम मे ले आए. उस समय 6.30 हुए थे और हमारे पास पार्टी मे जाने के पहले काफ़ी समय था. उन्होने फव्वारा चालू किया और हम दोनो भीगने लगे. मैने अपना गीला गाउन उतार कर अपने सेक्सी बदन को कपड़े से आज़ाद किया. गर्मी का मौसम और फव्वारे का ठंडा ठंडा पानी. लेकिन वो ठंडा पानी भी हमारी चुदाई की गर्मी को कम नही कर रहा था, बल्कि और बढ़ा रहा था. मैने उनकी चड्डी भी उतार दी और देखा की उनका खड़ा हुआ लंबा लॉडा मुझे सलाम कर रहा था. मैने देखा कि उनके लंड के आस पास कुछ बाल उग आए हैं. मेरी चूत तो बिल्कुल सॉफ, बिना बालों के, चिकनी थी क्यों कि मैने तो दो दिन पहले ही अपनी चूत के बाल सॉफ किए थे. मैने उनके खड़े हुए, सख़्त, लंबे और मोटे लंड लो अपने हाथ मे पकड़ा. उनके लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर से होता हुआ पानी नीचे गिर रहा था.
मेरे पति को पता है कि मुझे चूत या लंड पर बाल पसंद नही है, खास कर के मुख मैतून करते वक़्त. वो तुरंत समझ गये की मेरी आँखों ने क्या देखा है. उन्होने तुरंत नीचे के बाल साफ करने वाला सामान बाथरूम की छोटी आलमारी से निकाला. मैं फव्वारे के नीचे बैठी उनको देख रही थी जबकि वो फव्वारे के बरसते पानी से बाहर चले गये. उन्होने अपने खड़े लंड के आस पास, जहाँ जहाँ बाल थे, और लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर भी थोड़ी शेविंग क्रीम लगाई. हमेशा की तरह मैने उनको अपनी झाँटे सॉफ करने मे मदद की क्यों कि मुझे ये काम पसंद है. जब वो रेज़र से अपने बाल साफ कर रहे थे तो मैने उनका लंड पकड़ रखा था और मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को भी इधर उधर कर के वहाँ से बाल साफ करने मे उनकी मदद की. जल्दी ही उनका सुंदर लंड बिना बालों के, चिकना हो कर मेरी आँखों के सामने था. अब वो भी फव्वारे के नीचे आ गये थे और उनके लौडे के आस पास लगी साबुन पानी मे बह गई और उनका लंड चमक उठा. मैने बिना कोई समय बर्बाद किए तुरंत ही नीचे बैठे बैठे उनका प्यारा सा, खड़ा हुआ, सख़्त, लंबा और मोटा लंड चूसने के लिए अपने मूह मे ले लिया. वो खड़े थे और उनके हाथ मेरे सिर के बालों मे प्यार से घूमने लगे जबकि मैं बाथरूम के फर्श पर बैठ कर उनके लंड को चूस रही थी. आप को मेरे पति की मर्दानगी मालूम ही है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है और ज़्यादातर उनकी एक चुदाई मे मेरी दो चुदाई हो जाती है. उनकी ये मर्दानगी हम दोनो के लिए बड़े गर्व की बात है. अब मुझे उनको अपने हाथ और मूह से ही इतना गरम करना था और इतना आगे ले जाना था कि चोद्ते वक़्त उनके लंड से मेरे खुद के झड़ने के साथ ही पानी निकले. फव्वारे से बरसता पानी हम को और भी सेक्सी बना रहा था. उन के लंड का मूह मेरे मूह मे था और निचला हिस्सा मेरे हाथ मे था. मेरी जीभ उनके लंड के मूह, सुपाडे पर घूम रही थी जो उनको पूरा मज़ा दे रही थी. वो हमेशा कहतें हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती और चाट ती हूँ. मैं खुद जानती हूँ कि मैं कितनी क़ाबलियत के साथ लंड चुस्ती हूँ. मैं उनका लंड अपनी हथेली मे पकड़ कर आगे पीछे करते हुए उनके लंड का सुपाडा चूस रही थी. उनका लंड चूस्ते और मूठ मारते हुए मुझे ये अंदाज़ा हो गया था कि मैं उनको आधी दूर ले आई हूँ और अब हम अपना पसदीदा चुदाई का खेल शुरू कर सकतें हैं. मेरी चूत तो उनका लंड चूस्ते चूस्ते ही काफ़ी गीली हो चुकी थी और उनका लंड लेने को तय्यार थी.
हम दोनो पानी बरसाते फव्वारे के नीचे आमने सामने खड़े थे. मेरी चुचियों और मेरी निपल्स पर से होता हुआ फव्वारे का पानी बह रहा था. उन्होने मेरी गीली चुचियों को, गीली निपल्स को बहुत ही प्यार से चूसा.
हम दोनो को ही हमेशा अलग अलग पोज़िशन मे चुदाई करना पसंद है. उन्होने अपने हाथ मेरे पीछे करते हुए मुझे मेरी नंगी गंद पकड़ कर उठा लिया. मैं जैसे उनकी हथेलियों पर अपनी गंद टिका कर बैठी थी. मैं चुद्वाने के लिए तय्यार थी और मेरी चूत भी उनके लंड का स्वागत करने को तय्यार थी. क्यों कि मैं उनके दोनो हाथ पर अपनी गंद रख कर बैठी थी और वो खड़े थे, मैने अपना हाथ नीचे करके, उनके इंतज़ार करते हुए गरम लौडे को पकड़ कर अपनी चूत के दरवाजे पर लगाया और उन्होने मेरी गंद ज़रा दबाई तो उनका फन्फनाता हुआ लंड मेरी चूत मे घुसने लगा. चुदाई की इस पोज़िशन मे मेरे लिए ज़्यादा कुछ करने को नही था सिवाय चुद्वाने के. वो मेरी गंद पकड़े हुए थे और मुझे उपर नीचे, उपर नीचे कर रहे थे. मेरे हाथ उनकी गर्दन पर लिपटे हुए थे. हमेशा की तरह उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों मे मज़ा देने वाले स्थान को खत खता रहा था. वो मेरी गंद पकड़ कर मुझे चोद रहे थे और मैं अपनी गंद उनके हाथ मे रख कर मज़े से चुद्वा रही थी. फव्वारे के बरसते पानी के नीचे जो जवान नंगे जिस्म जल रहे थे और अपनी चुदाई की गर्मी को कम करने की कोशिश कर रहे थे. बहते पानी मे भी चुदाई की फ़चा फॅक .. फ़चा फॅक…….. फाका फक…… फाका फक हो रही थी. एक बार फिर मुझे लगा कि मैं उनसे कहीं पहले ही झाड़ जाउन्गि. मैं अपने पूरे अनुभव और क़ाबलियत के साथ इस तरह चुद्वा रही थी कि उनको भरपूर मज़ा मुझको चोद्ने मे आए. अब उनकी चोद्ने की रफ़्तार बढ़ गई थी और उनका लंड तेज़ी से और जल्दी जल्दी मेरी गीली चूत मे अंदर बाहर हो रहा था. हमारी आँखें चुदाई के आनंद के मारे बंद हुई जा रही थी. चुदाई का पूरा दारोमदार उन पर था और वो मेरी नंगी गंद पकड़ कर धक्के लगा रहे थे. मैं जोरदार चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी. उनके लंड के, मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मेरी चुचियाँ उच्छल रही थी. वो मुझे किसी गुड़िया की तरह अपने हाथों मे उठाए बाथरूम मे बरसते पानी के नीचे चोद रहे थे. मुझे उनके तेज होते धक्कों, उनके लंड के मेरी चूत मे आते जाते और अधिक सख़्त होने से ये पता चल चुका था कि जल्दी ही उनका लंड मेरी चूत मे अपना लंड रस बरसाने वाला है. मैं तो पहले से ही अपने झड़ने के काफ़ी करीब थी. अचानक ही उनकी चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो गई और मैं उनके हाथों मे किसी खिलोने की तरह हवा मे उच्छल रही थी. मेरी हवा मे उच्छलती चुचिया कई बार मेरी खुद की ठुड्डी से टकराई. मैं तो बस पहुँचने ही वाली थी और मेरा नंगा बबन झड़ने के लिए अकड़ने लगा. उनका लॉडा भी हर धक्के के साथ सख़्त, और सख़्त होता जा रहा था.
मेरे पति को पता है कि मुझे चूत या लंड पर बाल पसंद नही है, खास कर के मुख मैतून करते वक़्त. वो तुरंत समझ गये की मेरी आँखों ने क्या देखा है. उन्होने तुरंत नीचे के बाल साफ करने वाला सामान बाथरूम की छोटी आलमारी से निकाला. मैं फव्वारे के नीचे बैठी उनको देख रही थी जबकि वो फव्वारे के बरसते पानी से बाहर चले गये. उन्होने अपने खड़े लंड के आस पास, जहाँ जहाँ बाल थे, और लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर भी थोड़ी शेविंग क्रीम लगाई. हमेशा की तरह मैने उनको अपनी झाँटे सॉफ करने मे मदद की क्यों कि मुझे ये काम पसंद है. जब वो रेज़र से अपने बाल साफ कर रहे थे तो मैने उनका लंड पकड़ रखा था और मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को भी इधर उधर कर के वहाँ से बाल साफ करने मे उनकी मदद की. जल्दी ही उनका सुंदर लंड बिना बालों के, चिकना हो कर मेरी आँखों के सामने था. अब वो भी फव्वारे के नीचे आ गये थे और उनके लौडे के आस पास लगी साबुन पानी मे बह गई और उनका लंड चमक उठा. मैने बिना कोई समय बर्बाद किए तुरंत ही नीचे बैठे बैठे उनका प्यारा सा, खड़ा हुआ, सख़्त, लंबा और मोटा लंड चूसने के लिए अपने मूह मे ले लिया. वो खड़े थे और उनके हाथ मेरे सिर के बालों मे प्यार से घूमने लगे जबकि मैं बाथरूम के फर्श पर बैठ कर उनके लंड को चूस रही थी. आप को मेरे पति की मर्दानगी मालूम ही है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है और ज़्यादातर उनकी एक चुदाई मे मेरी दो चुदाई हो जाती है. उनकी ये मर्दानगी हम दोनो के लिए बड़े गर्व की बात है. अब मुझे उनको अपने हाथ और मूह से ही इतना गरम करना था और इतना आगे ले जाना था कि चोद्ते वक़्त उनके लंड से मेरे खुद के झड़ने के साथ ही पानी निकले. फव्वारे से बरसता पानी हम को और भी सेक्सी बना रहा था. उन के लंड का मूह मेरे मूह मे था और निचला हिस्सा मेरे हाथ मे था. मेरी जीभ उनके लंड के मूह, सुपाडे पर घूम रही थी जो उनको पूरा मज़ा दे रही थी. वो हमेशा कहतें हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती और चाट ती हूँ. मैं खुद जानती हूँ कि मैं कितनी क़ाबलियत के साथ लंड चुस्ती हूँ. मैं उनका लंड अपनी हथेली मे पकड़ कर आगे पीछे करते हुए उनके लंड का सुपाडा चूस रही थी. उनका लंड चूस्ते और मूठ मारते हुए मुझे ये अंदाज़ा हो गया था कि मैं उनको आधी दूर ले आई हूँ और अब हम अपना पसदीदा चुदाई का खेल शुरू कर सकतें हैं. मेरी चूत तो उनका लंड चूस्ते चूस्ते ही काफ़ी गीली हो चुकी थी और उनका लंड लेने को तय्यार थी.
हम दोनो पानी बरसाते फव्वारे के नीचे आमने सामने खड़े थे. मेरी चुचियों और मेरी निपल्स पर से होता हुआ फव्वारे का पानी बह रहा था. उन्होने मेरी गीली चुचियों को, गीली निपल्स को बहुत ही प्यार से चूसा.
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