hotaks444
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वकील बाबू- “हमे बहुत पसंद है लस्सी ज़रा हमे भी पिला दो बड़ी भाभिजी… वैसे कैसे बनी है लस्सी गाढ़ी है या पतली है…”
रूपवती – “लस्सी के आप तो खूब दीवाने है ये कौन नही जानता… वैसे आपकी लस्सी से ज़्यादा गाढ़ी लस्सी कोई नही बना सकता ”
वकील बाबू- “हम कहाँ भाभिजी…..यहा हम से भी बड़े बड़े दीवाने है जो लस्सी के प्यासे रहे है….”
अब सब हसने लगे मुझे कुछ समझ रहा था कुछ नही….
इस बातचीत के कारण मैं अभी कई लोगोको जानने लगा था …ताइजी जो सेठ जी की एकलौती बेटी थी वो कोई अप्सरा से कम नही थी… उसकी एक एक चुचि 2-2 किलो के तरबूज के बराबर थी और उनका वो पारदर्शक सारी मेसे दिखने वाला सुंदर पेट …. मेरा लॉडा खाना खाते हुए ही बड़ा हो रहा था… ताइजी का ख़ासकर मेरी तरफ ज़्यादा ध्यान था और ये बात छोटी बहू ने भाँप ली थी… मैं जब भी उपर देखता वो मुझे हल्केसे आँख मारती और मैं नीचे देखने लगता…
तभी मैने देखा वकील बाबू की मझली लड़की रसोईघर के अंदर आ गयी… वो नलिनी थी, वही नलिनी जिसे खुद के बापने वकिलबाबू ने चलती गाड़ी मे राव साब ने चोदा था और बाद मे पंडितजी ने… उसका वो गदराया बदन और चुतताड एक लय मे हिल रहे थे पर मैने देखा कि उसे चलने मे थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी वो धीरे धीरे पाव उठा कर चल रही थी… ये सब कल की चुदाई का परिणाम था… बेचारी को कल 3 भारी भरकम काले घोड़ो की भूख शांत करनी पड़ी थी…. नलिनी धीरसे नीचे बैठ गयी नीचे बैठते समय उसके मुँह पे पीड़ा जनक भाव दिख रहे थे….
क्रमशः...................
रूपवती – “लस्सी के आप तो खूब दीवाने है ये कौन नही जानता… वैसे आपकी लस्सी से ज़्यादा गाढ़ी लस्सी कोई नही बना सकता ”
वकील बाबू- “हम कहाँ भाभिजी…..यहा हम से भी बड़े बड़े दीवाने है जो लस्सी के प्यासे रहे है….”
अब सब हसने लगे मुझे कुछ समझ रहा था कुछ नही….
इस बातचीत के कारण मैं अभी कई लोगोको जानने लगा था …ताइजी जो सेठ जी की एकलौती बेटी थी वो कोई अप्सरा से कम नही थी… उसकी एक एक चुचि 2-2 किलो के तरबूज के बराबर थी और उनका वो पारदर्शक सारी मेसे दिखने वाला सुंदर पेट …. मेरा लॉडा खाना खाते हुए ही बड़ा हो रहा था… ताइजी का ख़ासकर मेरी तरफ ज़्यादा ध्यान था और ये बात छोटी बहू ने भाँप ली थी… मैं जब भी उपर देखता वो मुझे हल्केसे आँख मारती और मैं नीचे देखने लगता…
तभी मैने देखा वकील बाबू की मझली लड़की रसोईघर के अंदर आ गयी… वो नलिनी थी, वही नलिनी जिसे खुद के बापने वकिलबाबू ने चलती गाड़ी मे राव साब ने चोदा था और बाद मे पंडितजी ने… उसका वो गदराया बदन और चुतताड एक लय मे हिल रहे थे पर मैने देखा कि उसे चलने मे थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी वो धीरे धीरे पाव उठा कर चल रही थी… ये सब कल की चुदाई का परिणाम था… बेचारी को कल 3 भारी भरकम काले घोड़ो की भूख शांत करनी पड़ी थी…. नलिनी धीरसे नीचे बैठ गयी नीचे बैठते समय उसके मुँह पे पीड़ा जनक भाव दिख रहे थे….
क्रमशः...................