hotaks444
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नौकरी हो तो ऐसी--21
गतान्क से आगे…………………………………….
मालंबंती ने अपनी पॅंट पहेनी और अपने बिना ब्रा वाले संतरो को हिलाते वो तेल लेने चली गयी मैने नसरीन को घोड़ी की तरह झुका दिया और अपना थूक उसकी गांद के उपर लगाके अपनी उंगली मे मस्त थूक लगा के उसकी गांद के छेद मे हल्के से अंदर डाला…. वो थोड़ी सी आगे सरक गयी…
नसरीन- अरे यहाँ तो दर्द हो रहा है
मैं – अरे अभी तेल नही लगाया ना इसलिए हो रहा है… अभी मैं थूक से थोड़ा तुम्हारे छेद को खोलने की कोशिश करता हू, सो जैसे ही तेल आएगा हम मेरा लंड उसमे डालके तुम्हे बहुत सारा मज़ा देंगे….
नसरीन – पर आपका लंड इसमे जाएगा कैसे …ये तो मेरे हाथ इतना बड़ा है….?
मैं – तुम बस मज़े लो … इसकी चिंता मत करो मेरी प्यारी जान …
और घोड़ी अवस्था मे उसकी गांद के पीछे बैठ के उसके संतरो को दबाने लगा… बेचारिकी तो आज बुरी हालत होनेवाली थी जिसका उसे बिल्कुल भी अंदाज नही था और मुझे एक अन्चुदी गांद ठोकने को मिलने वाली थी…
दरवाजे पे कुछ हलचल हुई नसरीन ने जाके दरवाजा खोला, मालंबंती तेल की सीशी लेके अंदर आ गयी… मैने नसरीन को घोड़ी ही रहने को कहा और तेल निकाल के उसकी गांद के च्छेद पे मलना शुरू किया अभी तो मालंबती ने भी तेल लेके मेरे लंड पे मलना शुरू किया मेरा लंड उसके कोमल हाथो मे पूरा तन के बैठा था और उसके कोमल हाथोसे चिकना हो रहा था…
मैने नसरीन की गांद के छेद के अंदर उंगली डाली और अंदर तक चिकनाई लाने के लिए शीशी से तेल छोड़ दिया नसरीन बोली
नसरीन - बहुत ठंडा है ये ……
मैं- हां इसलिए तो तुम्हे दर्द बिल्कुल नही होगा और बस मज़ा आएगा
नसरीन – पर मुझे गुदगुदी हो रही है इससे…
मैं – थोड़ा रुक जाओ मेरी जान बहुत माजा आएगा…
और मैने अपनी आधी उंगली उसके पूरी तरह चिपके हुए गांद के छेद मे डाल दी …वो थोड़ा आगे सरकने की कोशिश करती पर फिर शांत हो जाती…. नसरीन की गांद तेल से बहुत ज़्यादा चमक रही थी… और बहुत चिकनी हो गयी थी…
मैने मालंबती से कहा – तुम्हारे पास रुमाल है
मालंबति – हाँ है अभी लाती हू
नसरीन – रुमाल क्यू??
मैं – अरे ऐसे ही ..इस क्रिया मे ज़्यादा मज़ा आने के लिए रुमाल मुँह मे घुसाते है उससे बहुत ज़्यादा मज़ा आता है....
मालंबंती रुमाल लाई मैने उस रुमाल को नसरीन के मुँह मे ऐसे तरह थुस दिया कि वो आसानी से उसे बाहर निकल ना सके…
मैने पीछे से जाके अपना सूपड़ा जिस पे बहुत ही ज़्यादा तेल लगा था उसके गांद के छेद पे रखा और मालंबंती को उसके दोनो हाथ पकड़ने को बोला और जब तक मैं ना कहु छोड़ना नही ऐसा आँखोसे इशारा किया…
मेरा लंड अभी बिल मे जाने के लिए तैय्यार था, उस कुँवारी गांद का उद्घाटन करनेका मौका जो उसे मिला था… मैने सूपदे का निशाना गांद के छेद पे लगाया नसरीन को पीछेसे अच्छे से जाकड़ लिया और एक ही झटके मे आधा लंड उसकी कोमल गांद मे घुसा दिया…. तेल के कारण आधा लंड एकसाथ अंदर चला गया था जो बहुत ही बड़ी घटना थी… उधर नसरीन एक दम से आगे की तरफ झुक गयी और उहह… और ओूऊऊऊऊऊऊऊऊओउुुुुुउउ उहह…हह.हमुऊऊवूऊओउुउुमुंम्मूऊ….. मुउहह.. मुउहह………उूुुुुउउ हुउऊ.. …महूऊऊउउ…. मूऊऊऊओ उहह…… उसकी हालत बहुत ज्यदा पतली हो गयी थी… वो झपाते मार रही थी मेरे वार से उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था, मालंबंती थोड़ी सी घबराई हुई लग रही थी… पर मैने उसे हाथ ना छोड़ने के लिए कहा उसने हाथ नही छोड़े और मैने और ज़ोर्से धाक्का लगाया पूरा का पूरा लंड जो सेठानी की चूत के अंदर भी जाता तो वो चिल्लाती थी, नसरीन की गांद के अंदर समा गया था …. वो दर्द से पागल हो रही थी बार बार हाथ मार रही थी पर मेरी पकड़ मजबूत होने की वजह से वो उस अवस्था से निकल नही पा रही थी….
गतान्क से आगे…………………………………….
मालंबंती ने अपनी पॅंट पहेनी और अपने बिना ब्रा वाले संतरो को हिलाते वो तेल लेने चली गयी मैने नसरीन को घोड़ी की तरह झुका दिया और अपना थूक उसकी गांद के उपर लगाके अपनी उंगली मे मस्त थूक लगा के उसकी गांद के छेद मे हल्के से अंदर डाला…. वो थोड़ी सी आगे सरक गयी…
नसरीन- अरे यहाँ तो दर्द हो रहा है
मैं – अरे अभी तेल नही लगाया ना इसलिए हो रहा है… अभी मैं थूक से थोड़ा तुम्हारे छेद को खोलने की कोशिश करता हू, सो जैसे ही तेल आएगा हम मेरा लंड उसमे डालके तुम्हे बहुत सारा मज़ा देंगे….
नसरीन – पर आपका लंड इसमे जाएगा कैसे …ये तो मेरे हाथ इतना बड़ा है….?
मैं – तुम बस मज़े लो … इसकी चिंता मत करो मेरी प्यारी जान …
और घोड़ी अवस्था मे उसकी गांद के पीछे बैठ के उसके संतरो को दबाने लगा… बेचारिकी तो आज बुरी हालत होनेवाली थी जिसका उसे बिल्कुल भी अंदाज नही था और मुझे एक अन्चुदी गांद ठोकने को मिलने वाली थी…
दरवाजे पे कुछ हलचल हुई नसरीन ने जाके दरवाजा खोला, मालंबंती तेल की सीशी लेके अंदर आ गयी… मैने नसरीन को घोड़ी ही रहने को कहा और तेल निकाल के उसकी गांद के च्छेद पे मलना शुरू किया अभी तो मालंबती ने भी तेल लेके मेरे लंड पे मलना शुरू किया मेरा लंड उसके कोमल हाथो मे पूरा तन के बैठा था और उसके कोमल हाथोसे चिकना हो रहा था…
मैने नसरीन की गांद के छेद के अंदर उंगली डाली और अंदर तक चिकनाई लाने के लिए शीशी से तेल छोड़ दिया नसरीन बोली
नसरीन - बहुत ठंडा है ये ……
मैं- हां इसलिए तो तुम्हे दर्द बिल्कुल नही होगा और बस मज़ा आएगा
नसरीन – पर मुझे गुदगुदी हो रही है इससे…
मैं – थोड़ा रुक जाओ मेरी जान बहुत माजा आएगा…
और मैने अपनी आधी उंगली उसके पूरी तरह चिपके हुए गांद के छेद मे डाल दी …वो थोड़ा आगे सरकने की कोशिश करती पर फिर शांत हो जाती…. नसरीन की गांद तेल से बहुत ज़्यादा चमक रही थी… और बहुत चिकनी हो गयी थी…
मैने मालंबती से कहा – तुम्हारे पास रुमाल है
मालंबति – हाँ है अभी लाती हू
नसरीन – रुमाल क्यू??
मैं – अरे ऐसे ही ..इस क्रिया मे ज़्यादा मज़ा आने के लिए रुमाल मुँह मे घुसाते है उससे बहुत ज़्यादा मज़ा आता है....
मालंबंती रुमाल लाई मैने उस रुमाल को नसरीन के मुँह मे ऐसे तरह थुस दिया कि वो आसानी से उसे बाहर निकल ना सके…
मैने पीछे से जाके अपना सूपड़ा जिस पे बहुत ही ज़्यादा तेल लगा था उसके गांद के छेद पे रखा और मालंबंती को उसके दोनो हाथ पकड़ने को बोला और जब तक मैं ना कहु छोड़ना नही ऐसा आँखोसे इशारा किया…
मेरा लंड अभी बिल मे जाने के लिए तैय्यार था, उस कुँवारी गांद का उद्घाटन करनेका मौका जो उसे मिला था… मैने सूपदे का निशाना गांद के छेद पे लगाया नसरीन को पीछेसे अच्छे से जाकड़ लिया और एक ही झटके मे आधा लंड उसकी कोमल गांद मे घुसा दिया…. तेल के कारण आधा लंड एकसाथ अंदर चला गया था जो बहुत ही बड़ी घटना थी… उधर नसरीन एक दम से आगे की तरफ झुक गयी और उहह… और ओूऊऊऊऊऊऊऊऊओउुुुुुउउ उहह…हह.हमुऊऊवूऊओउुउुमुंम्मूऊ….. मुउहह.. मुउहह………उूुुुुउउ हुउऊ.. …महूऊऊउउ…. मूऊऊऊओ उहह…… उसकी हालत बहुत ज्यदा पतली हो गयी थी… वो झपाते मार रही थी मेरे वार से उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था, मालंबंती थोड़ी सी घबराई हुई लग रही थी… पर मैने उसे हाथ ना छोड़ने के लिए कहा उसने हाथ नही छोड़े और मैने और ज़ोर्से धाक्का लगाया पूरा का पूरा लंड जो सेठानी की चूत के अंदर भी जाता तो वो चिल्लाती थी, नसरीन की गांद के अंदर समा गया था …. वो दर्द से पागल हो रही थी बार बार हाथ मार रही थी पर मेरी पकड़ मजबूत होने की वजह से वो उस अवस्था से निकल नही पा रही थी….