hotaks444
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वासू की बातें रीति के समझ से परे थी, मन मे बस सोच रही थी, अभी तो ठीक से मिले भी नही, ठीक से देखी भी नही, छुकर थोड़ा महसूस तो करने दिया होता, ये इसे अचानक से हो क्या गया. कहाँ ये देर रात तक, मेरे प्यार को तलाशने मे जागी रही थी, और कहाँ अब ये दुश्मन बन गयी.
रीति मन मे ख्याल लाती अपना मुँह लटका ली. मायूसी भरी नज़रों से अभी भी बस रीति के मुरझाए चेहरे को ही देख रहा था, इन दोनो को मुँह लटकाए खड़े देख वासू अंदर से खूब हसी....
वासू.... अच्छा अच्छा ठीक है, देवदास और पारो बन'ने की कोई ज़रूरत नही, 5 दिन बाद सनडे हैं, हम कहीं बाहर मिलते हैं और वहीं आराम से बैठ कर तुम दोनो के प्यार की रूप-रेखा तय होगी, पर इस बीच कोई एक दूसरे से मिला तो अच्छा नही होगा.
रीति मुँह लटकाए.... पर क्या उपर अपने कमरे के बाल्कनी से खड़ी होकर मैं और यहाँ से खड़े होकर अभी मुझे देख सकते हैं.
वासू.... देखने की क्या बात है, नीचे चली आना, दोनो मिल लेना, घूमना फिरना....
इत्ता सुनते ही रीति का चेहरा बिल्कुल खिल गया.. पर बीच मे ही आँखें दिखाती वासू.... ज़्यादा अकल लगाई, तो सिर फोड़ दूँगी, कोई देखना सुन'ना इस बीच नही होगा, समझ गये दोनो. यदि फिर भी तुम्हारा मन ना माने तो सोच लेना मैं मर गयी तुम्हारे लिए और फिर जो जी मे आए तुम्हे रीति फिर वो करना.
इंदु की डाँट और इस एमोशनल अत्याचार से उसके आँसू निकल आए, पर वासू इस बार उसके आँसुओं को अनदेखा करती उसका हाथ पकड़ कर के वापस ले जाने लगी...
अभी... ओ' मेडम इतना बड़ा भाषण तो दे दी, पर हम सनडे को मिलेंगे कैसे, नंबर तो देती जाओ और लेती जाओ, ताकि मैं कॉंटॅक्ट कर सकूँ.
वासू, अभी का मोबाइल लेकर अपने नंबर पर कॉल की, और उसके मोबाइल से अपना नंबर डेलीट कर के उसे फोन दे दी. अभी, वासू की इस हरकत पर मुस्कुराता हुआ चुप-चाप वहाँ से चला गया.
वासू की बात से मायूस होकर रीति चुप-चुप वापस अपने कमरे की ओर एक-एक कदम, आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ने लगी.
वासू... अब आप को क्या हुआ मेडम, नाराज़ है हम से.. सूऊओ सोल्लय्ययी
रीति... जाओ वासू, जब अलग ही करना था तो मेरे दिल की सोई आस जगाई हे क्यों. पहली बार तो किसी को देख कर दिल धड़का था, और आप ने.....
वासू... लो कान पकड़े, लेकिन अलग कैसे किया, मैने तो बस 5 दिन का समय लिया है, सनडे को मिल रहे है ना.
रीति.... पर सनडे तक वो नही आया तो, और सनडे तक उसकी लाइफ मे कोई और आ गयी तो. मैं उसे पसंद करती हूँ वासू....
वासू.... ईत्ति भी चाहत ठीक नही अभी से पगली. और हम लड़कियाँ है, जल्दी से मान गयी तो इन लड़कों के भाव बढ़ जाएँगे. अच्छा बता तुम क्या जानती हो उसके बारे मे..
रीति थोड़ा मुस्कुराती हुई .... मैं उनके बारे मे..
वासू.... हां, तुम...
रीति कहीं दूर खोती हुई.... जब वो पास होते हैं तो समा हसीन होता है, दिल की धड़कने बढ़ जाती है, बस जी करता है उन्हे देखती रहूं, अपने बाहों मे यूँ कस के जकडूं की कहीं वो जा ना सके सिर्फ़ मेरे पास रहे... दिल उनके बारे मे बस यही कहता है .... यही है राइट चाय्स हब्बी... आह्ह्ह्ह हाअ !
वासू अपना सिर पीट'ती हुई... और वो रहता कहाँ है, करता क्या है. उसके व्यवहार कैसा हैं. क्या अच्छी और बुरी आदतें हैं, ये सब कौन जानेगा...
रीति कुछ सोचती हुई... पर इतना जान'ने की क्या ज़रूरत है, आप ही कही थी ना वो लाखों मे एक होंगे, अब आप ही इतना सोचने लगी.
वासू.... क्या करूँ मैं तुम्हारा, कोई बात समझने को तैयार ही नही है ये लड़की. पागल और कहीं वो प्यार का नाटक कर रहा हो तो. तुम्हे फँसा कर इस्तेमाल करने की कोशिस कर रहा हो तो. बस मुलाकात हुई और रिस्ता आगे बढ़ गया. क्या है कैसा है ये भी जान'ना ज़रूरी नही समझी. रीति दिल टूटने का जखम बहुत गहरा होता है, 5 दिन रुक जाओ तबतक उसके बारे मे सब पता लग जाएगा, फिर देखते हैं क्या करना है.
आज तो जैसे वासू कोई कसर ना छोड़ रही हो, रीति को उलझने की, और वासू की बात सुनकर रीति काफ़ी उलझ भी चुकी थी... खामोश उसकी बातों को सुनी, और दिल ने बस यही कहा, की वासू की बातें ग़लत हैं , वो कभी बुरे हो ही नही सकते.
लेकिन मन उसका क्या करे, मन तो कहीं ना कहीं सहमति जता ही दिया था वासू की बात पर, दिल और मन के बीच फँस कर रह गयी रीति.
वासू की संका भी अपनी जगह जायज़ थी, उसका इशारा भी ग़लत नही था. पर जो दिल की लगी हो तो, प्रीत ना जाने रीत.
रीति... लेकिन वासू 5 दिनो मे होगा क्या ...
वासू... जासूसी.. अभी के बारे मे...
रीति... और वो कैसे...
वासू.... सिंपल है.. उसका मोबाइल नंबर ले लिया है, अब इस नंबर से उसके बारे मे सब पता लग जाएगा. और 5 दिनो मे अभी की पूरी इन्फ़ॉर्मेशन हमारे पास. फिर हम डिसाइड करेंगे उस से मिलना है कि नही.
रीति, खामोशी के साथ वासू का ये फ़ैसला स्वीकारती हुई, गुम्सुम अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी, भगवान से बस यही प्रार्थना करते... हे भगवान वो बिल्कुल मेरे सपनो के राजकुमार जैसे हों, और ये वासू खुद मुझ से कहे .... नही मैं ग़लत थी, अभी वाकई लाखों मे एक है.
इधर सैली और इंदु, देल्ही घूमती हुई, शाम को इम्परियल डिस्को पहुँची. सैली काफ़ी उखड़ी-उखड़ी थी, पर यहाँ की रौनक देख थोड़ा उसका मन भी लग गया. सैली को साइड मे एक सोफे पर बिठा कर इंदु अंदर एक कमरे मे दाखिल हुई...
सैली जब सोफे पर बैठी थी, तब एक लड़का उसके पास आया और अपना हाथ आगे बढ़ा कर उस से कहने लगा... वाना डॅन्स सेक्सी...
सैली उसे एक नज़र देखी और, बिना कोई प्रतिक्रिया दिए दूसरी ओर देखने लगी, उस लड़के ने एक बार फिर कहा.... हेययय बेबी, कम ऑन, लेट्स एंजाय दा पार्टी...
सैली.... भाग जा हराम्खोर नही तो सॅंडल उतार कर मारूँगी....
वो लड़का मुस्कुराया, और अपनी जेब से रुमाल निकालता सैली की नाक के पास हवा मे लहरा दिया. कुछ पाउडर उड़ा अंदर से, और सैली पहले खाँसी, फिर उसका सिर हल्का घूमने लगा. सामने खड़ा लड़का उसे घूमता हुआ नज़र आ रहा था, डिस्को की रंग बिरंगी लाइट, मौजूद लोग, हर चीज़ जो आँखों के सामने थी, घूम रही थी.....
इंदु उस कमरे से जब वापस लौटी सैली के पास, तो वो वहाँ नही थी, पहले सोची कहीं गयी होगी, इसलिए उसका इंतज़ार करने लगी, पर जैसे-जैसे वक़्त बीत'ता गया, इंदु परेशान होती रही .... ये पागल भी ना, ना जाने कहाँ चली गयी, एक फोन नही कर सकती थी........
सैली फोन करती भी कैसे, वो खुद होश मे रहे तो ना फोन करती. रोहन नाम के लड़के ने सैली के उपर अफिम डाली थी, और अपने दोस्त भावेश के साथ मिलकर उसे बाहर ले आया.
सैली बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी, उसे ज़रा भी होश नही था कि उसके साथ क्या हो रहा है और कौन कर रहा है. वो तो मदहोश बड-बड़ाती उसके साथ चल दी.
दोनो उसे लेकर अपने फ्लॅट पर पहुँचे और सैली को बिस्तर पर लिटा दिया.....
रोहन... यार भावेश ज़रा म्यूज़िक तो बजा, ऐसे सूने-सूने महॉल मे मज़ा नही आएगा.
भावेश... मुझे तो इस पर सीधा कूद जाने का मन कर रहा है, यार कितनी हॉट माल है, और इसके बूब्स देख कितने टाइट है, इसे तो आज मैं निचोड़ दूँगा.
रोहन... हां आज अपनी सारी तमन्ना पूरी कर लेना, लेकिन पहले ये बता पूडिया लाया है क्या ?
भावेश... हां यार लाया हूँ, रुक म्यूज़िक ऑन कर के लेता हूँ.
भावेश मे लाइट म्यूज़िक पर गाना चालू कर दिया.... "भीगे होंठ तेरे, प्यासा दिल मेरा" और अफिम की पूडिया लाकर दोनो टेबल पर बैठ गये...
रोहन... क्या गाना बजाया है यार, सच मे प्यासा दिल है.... आज तो पूरी प्यास बुझाउन्गा...
भावेश... तेरा तो दिल प्यसा है मेरा तो कुछ और बस प्यासा है .....
दोनो हँसते हुए, अफिम को सुघने लगे. इधर सैली अपने हाथों से बिस्तर को दबोचे बस अपने शरीर को लहरा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसा मदहोशी तन-बदन पर छाइ हो. लहराते बदन पर वो अपने हाथ भी लहराती हुई फिरा रही थी.
दोनो अफिम सूंघ कर बिस्तर पर पहुँचे... सैली को इस तरह से मचलते देख दोनो को बर्दास्त नही हुआ... भावेश सीधा सैली के बूब्स को कपड़े के उपर से पकड़ कर दबाने लगा, और उसके होंठो को अपने होठ मे दबाए चूसने लगा.
रोहन ने सीधा अपना सिर सैली की स्कर्ट मे डाल दिया और पैंटी के उपर से ही उसके पूरे योनि को मुँह मे भरकर उसे चूसने लगा.
सैली बिल्कुल मदहोश, अपने अंगों को इस तरह से छुये जाने पर पूरी वासना मे जल्द ही डूब गयी, और तेज-तेज साँसे लेकर भावेश के सिर पर हाथ फेरने लगी.
भावेश से बर्दास्त कर पाना मुश्किल था, उसने जल्दी से सैली की शर्ट के सारे बटन खोल दिए, ब्रा निकालने का समय इस उत्तेजना मे कहाँ मिलता, उसने ब्रा को उपर कर के उसके बूब्स को नंगा कर दिया. दोनो हाथों मे भरकर अपनी आँखें बड़ी कर के उसे देखने लगा, और जल्दी से उसपर टूट पड़ा.
अपने होठ सैली के लेफ्ट बूब्स पर डाला और राइट बूब्स को पूरी मुट्ठी मे पकड़ कर निचोड़ने लगा. नीचे रोहन ने भी अपना सिर निकाल कर, सैली की पैंटी को बाहर निकाल दिया, और उसकी योनि मे जीभ डालकर अंदर-बाहर करने लगा.
सैली की योनि मे जैसे ही जीभ गयी, मस्ती मे उसने अपने पाँव को रोहन के सिर से मोड़ कर उसे योनि पर पूरी ताक़त से दबाने लगी, और अपने हाथों को भावेश के सिर पर रख कर उसे भी अपने बूब्स पर रगड़ने लगी.
मस्ती मे बस सैली के मुँह से.... आहह... ईश्ह्ह्ह लगातार निकल रही थी... और वो अपना दबाव लगातार दोनो के सिर पर बनाए हुई थी....
रोहन को जब सांस लेने की दिक्कत हुई, तो थोड़ा ताक़त लगा कर उसने योनि और मुँह के बीच थोड़ी जगह बनाई, पर आज तो रोहन जैसे कोई खजाना लूट रहा हो, जगह बना कर सांस लेने लगा लेकिन वहाँ से हटा नही.
भावेश के अंदर भी ज्वाला फुट रही थी. उसने बूब्स से अपना मुँह हटाकर, अपने कपड़ा उतार लिए, और अपने लिंग को मसलते हुए सैली के हाथ मे थमा दिया....
लिंग सैली के हाथ पड़ते ही भावेश के बदन ने जैसे एक झटका खाया हो, और मारे उत्तेजना के आँखें उसकी बंद हो गयी. सैली के हाथ मे तो जैसे कोई खिलोना लग गया हो, वो उसे अपने मुट्ठी मे भर कर खूब उपर नीचे करने लगी....
"अहह, क्रेज़ी बोययय्ी ये कितना सॉफ्ट है... अहह" .. करती हुई लगातार लिंग को उपर नीचे कर रही थी. भावेश भी अपनी आँखें मुन्दे बस मज़ा ले रहा था.
रीति मन मे ख्याल लाती अपना मुँह लटका ली. मायूसी भरी नज़रों से अभी भी बस रीति के मुरझाए चेहरे को ही देख रहा था, इन दोनो को मुँह लटकाए खड़े देख वासू अंदर से खूब हसी....
वासू.... अच्छा अच्छा ठीक है, देवदास और पारो बन'ने की कोई ज़रूरत नही, 5 दिन बाद सनडे हैं, हम कहीं बाहर मिलते हैं और वहीं आराम से बैठ कर तुम दोनो के प्यार की रूप-रेखा तय होगी, पर इस बीच कोई एक दूसरे से मिला तो अच्छा नही होगा.
रीति मुँह लटकाए.... पर क्या उपर अपने कमरे के बाल्कनी से खड़ी होकर मैं और यहाँ से खड़े होकर अभी मुझे देख सकते हैं.
वासू.... देखने की क्या बात है, नीचे चली आना, दोनो मिल लेना, घूमना फिरना....
इत्ता सुनते ही रीति का चेहरा बिल्कुल खिल गया.. पर बीच मे ही आँखें दिखाती वासू.... ज़्यादा अकल लगाई, तो सिर फोड़ दूँगी, कोई देखना सुन'ना इस बीच नही होगा, समझ गये दोनो. यदि फिर भी तुम्हारा मन ना माने तो सोच लेना मैं मर गयी तुम्हारे लिए और फिर जो जी मे आए तुम्हे रीति फिर वो करना.
इंदु की डाँट और इस एमोशनल अत्याचार से उसके आँसू निकल आए, पर वासू इस बार उसके आँसुओं को अनदेखा करती उसका हाथ पकड़ कर के वापस ले जाने लगी...
अभी... ओ' मेडम इतना बड़ा भाषण तो दे दी, पर हम सनडे को मिलेंगे कैसे, नंबर तो देती जाओ और लेती जाओ, ताकि मैं कॉंटॅक्ट कर सकूँ.
वासू, अभी का मोबाइल लेकर अपने नंबर पर कॉल की, और उसके मोबाइल से अपना नंबर डेलीट कर के उसे फोन दे दी. अभी, वासू की इस हरकत पर मुस्कुराता हुआ चुप-चाप वहाँ से चला गया.
वासू की बात से मायूस होकर रीति चुप-चुप वापस अपने कमरे की ओर एक-एक कदम, आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ने लगी.
वासू... अब आप को क्या हुआ मेडम, नाराज़ है हम से.. सूऊओ सोल्लय्ययी
रीति... जाओ वासू, जब अलग ही करना था तो मेरे दिल की सोई आस जगाई हे क्यों. पहली बार तो किसी को देख कर दिल धड़का था, और आप ने.....
वासू... लो कान पकड़े, लेकिन अलग कैसे किया, मैने तो बस 5 दिन का समय लिया है, सनडे को मिल रहे है ना.
रीति.... पर सनडे तक वो नही आया तो, और सनडे तक उसकी लाइफ मे कोई और आ गयी तो. मैं उसे पसंद करती हूँ वासू....
वासू.... ईत्ति भी चाहत ठीक नही अभी से पगली. और हम लड़कियाँ है, जल्दी से मान गयी तो इन लड़कों के भाव बढ़ जाएँगे. अच्छा बता तुम क्या जानती हो उसके बारे मे..
रीति थोड़ा मुस्कुराती हुई .... मैं उनके बारे मे..
वासू.... हां, तुम...
रीति कहीं दूर खोती हुई.... जब वो पास होते हैं तो समा हसीन होता है, दिल की धड़कने बढ़ जाती है, बस जी करता है उन्हे देखती रहूं, अपने बाहों मे यूँ कस के जकडूं की कहीं वो जा ना सके सिर्फ़ मेरे पास रहे... दिल उनके बारे मे बस यही कहता है .... यही है राइट चाय्स हब्बी... आह्ह्ह्ह हाअ !
वासू अपना सिर पीट'ती हुई... और वो रहता कहाँ है, करता क्या है. उसके व्यवहार कैसा हैं. क्या अच्छी और बुरी आदतें हैं, ये सब कौन जानेगा...
रीति कुछ सोचती हुई... पर इतना जान'ने की क्या ज़रूरत है, आप ही कही थी ना वो लाखों मे एक होंगे, अब आप ही इतना सोचने लगी.
वासू.... क्या करूँ मैं तुम्हारा, कोई बात समझने को तैयार ही नही है ये लड़की. पागल और कहीं वो प्यार का नाटक कर रहा हो तो. तुम्हे फँसा कर इस्तेमाल करने की कोशिस कर रहा हो तो. बस मुलाकात हुई और रिस्ता आगे बढ़ गया. क्या है कैसा है ये भी जान'ना ज़रूरी नही समझी. रीति दिल टूटने का जखम बहुत गहरा होता है, 5 दिन रुक जाओ तबतक उसके बारे मे सब पता लग जाएगा, फिर देखते हैं क्या करना है.
आज तो जैसे वासू कोई कसर ना छोड़ रही हो, रीति को उलझने की, और वासू की बात सुनकर रीति काफ़ी उलझ भी चुकी थी... खामोश उसकी बातों को सुनी, और दिल ने बस यही कहा, की वासू की बातें ग़लत हैं , वो कभी बुरे हो ही नही सकते.
लेकिन मन उसका क्या करे, मन तो कहीं ना कहीं सहमति जता ही दिया था वासू की बात पर, दिल और मन के बीच फँस कर रह गयी रीति.
वासू की संका भी अपनी जगह जायज़ थी, उसका इशारा भी ग़लत नही था. पर जो दिल की लगी हो तो, प्रीत ना जाने रीत.
रीति... लेकिन वासू 5 दिनो मे होगा क्या ...
वासू... जासूसी.. अभी के बारे मे...
रीति... और वो कैसे...
वासू.... सिंपल है.. उसका मोबाइल नंबर ले लिया है, अब इस नंबर से उसके बारे मे सब पता लग जाएगा. और 5 दिनो मे अभी की पूरी इन्फ़ॉर्मेशन हमारे पास. फिर हम डिसाइड करेंगे उस से मिलना है कि नही.
रीति, खामोशी के साथ वासू का ये फ़ैसला स्वीकारती हुई, गुम्सुम अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी, भगवान से बस यही प्रार्थना करते... हे भगवान वो बिल्कुल मेरे सपनो के राजकुमार जैसे हों, और ये वासू खुद मुझ से कहे .... नही मैं ग़लत थी, अभी वाकई लाखों मे एक है.
इधर सैली और इंदु, देल्ही घूमती हुई, शाम को इम्परियल डिस्को पहुँची. सैली काफ़ी उखड़ी-उखड़ी थी, पर यहाँ की रौनक देख थोड़ा उसका मन भी लग गया. सैली को साइड मे एक सोफे पर बिठा कर इंदु अंदर एक कमरे मे दाखिल हुई...
सैली जब सोफे पर बैठी थी, तब एक लड़का उसके पास आया और अपना हाथ आगे बढ़ा कर उस से कहने लगा... वाना डॅन्स सेक्सी...
सैली उसे एक नज़र देखी और, बिना कोई प्रतिक्रिया दिए दूसरी ओर देखने लगी, उस लड़के ने एक बार फिर कहा.... हेययय बेबी, कम ऑन, लेट्स एंजाय दा पार्टी...
सैली.... भाग जा हराम्खोर नही तो सॅंडल उतार कर मारूँगी....
वो लड़का मुस्कुराया, और अपनी जेब से रुमाल निकालता सैली की नाक के पास हवा मे लहरा दिया. कुछ पाउडर उड़ा अंदर से, और सैली पहले खाँसी, फिर उसका सिर हल्का घूमने लगा. सामने खड़ा लड़का उसे घूमता हुआ नज़र आ रहा था, डिस्को की रंग बिरंगी लाइट, मौजूद लोग, हर चीज़ जो आँखों के सामने थी, घूम रही थी.....
इंदु उस कमरे से जब वापस लौटी सैली के पास, तो वो वहाँ नही थी, पहले सोची कहीं गयी होगी, इसलिए उसका इंतज़ार करने लगी, पर जैसे-जैसे वक़्त बीत'ता गया, इंदु परेशान होती रही .... ये पागल भी ना, ना जाने कहाँ चली गयी, एक फोन नही कर सकती थी........
सैली फोन करती भी कैसे, वो खुद होश मे रहे तो ना फोन करती. रोहन नाम के लड़के ने सैली के उपर अफिम डाली थी, और अपने दोस्त भावेश के साथ मिलकर उसे बाहर ले आया.
सैली बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी, उसे ज़रा भी होश नही था कि उसके साथ क्या हो रहा है और कौन कर रहा है. वो तो मदहोश बड-बड़ाती उसके साथ चल दी.
दोनो उसे लेकर अपने फ्लॅट पर पहुँचे और सैली को बिस्तर पर लिटा दिया.....
रोहन... यार भावेश ज़रा म्यूज़िक तो बजा, ऐसे सूने-सूने महॉल मे मज़ा नही आएगा.
भावेश... मुझे तो इस पर सीधा कूद जाने का मन कर रहा है, यार कितनी हॉट माल है, और इसके बूब्स देख कितने टाइट है, इसे तो आज मैं निचोड़ दूँगा.
रोहन... हां आज अपनी सारी तमन्ना पूरी कर लेना, लेकिन पहले ये बता पूडिया लाया है क्या ?
भावेश... हां यार लाया हूँ, रुक म्यूज़िक ऑन कर के लेता हूँ.
भावेश मे लाइट म्यूज़िक पर गाना चालू कर दिया.... "भीगे होंठ तेरे, प्यासा दिल मेरा" और अफिम की पूडिया लाकर दोनो टेबल पर बैठ गये...
रोहन... क्या गाना बजाया है यार, सच मे प्यासा दिल है.... आज तो पूरी प्यास बुझाउन्गा...
भावेश... तेरा तो दिल प्यसा है मेरा तो कुछ और बस प्यासा है .....
दोनो हँसते हुए, अफिम को सुघने लगे. इधर सैली अपने हाथों से बिस्तर को दबोचे बस अपने शरीर को लहरा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसा मदहोशी तन-बदन पर छाइ हो. लहराते बदन पर वो अपने हाथ भी लहराती हुई फिरा रही थी.
दोनो अफिम सूंघ कर बिस्तर पर पहुँचे... सैली को इस तरह से मचलते देख दोनो को बर्दास्त नही हुआ... भावेश सीधा सैली के बूब्स को कपड़े के उपर से पकड़ कर दबाने लगा, और उसके होंठो को अपने होठ मे दबाए चूसने लगा.
रोहन ने सीधा अपना सिर सैली की स्कर्ट मे डाल दिया और पैंटी के उपर से ही उसके पूरे योनि को मुँह मे भरकर उसे चूसने लगा.
सैली बिल्कुल मदहोश, अपने अंगों को इस तरह से छुये जाने पर पूरी वासना मे जल्द ही डूब गयी, और तेज-तेज साँसे लेकर भावेश के सिर पर हाथ फेरने लगी.
भावेश से बर्दास्त कर पाना मुश्किल था, उसने जल्दी से सैली की शर्ट के सारे बटन खोल दिए, ब्रा निकालने का समय इस उत्तेजना मे कहाँ मिलता, उसने ब्रा को उपर कर के उसके बूब्स को नंगा कर दिया. दोनो हाथों मे भरकर अपनी आँखें बड़ी कर के उसे देखने लगा, और जल्दी से उसपर टूट पड़ा.
अपने होठ सैली के लेफ्ट बूब्स पर डाला और राइट बूब्स को पूरी मुट्ठी मे पकड़ कर निचोड़ने लगा. नीचे रोहन ने भी अपना सिर निकाल कर, सैली की पैंटी को बाहर निकाल दिया, और उसकी योनि मे जीभ डालकर अंदर-बाहर करने लगा.
सैली की योनि मे जैसे ही जीभ गयी, मस्ती मे उसने अपने पाँव को रोहन के सिर से मोड़ कर उसे योनि पर पूरी ताक़त से दबाने लगी, और अपने हाथों को भावेश के सिर पर रख कर उसे भी अपने बूब्स पर रगड़ने लगी.
मस्ती मे बस सैली के मुँह से.... आहह... ईश्ह्ह्ह लगातार निकल रही थी... और वो अपना दबाव लगातार दोनो के सिर पर बनाए हुई थी....
रोहन को जब सांस लेने की दिक्कत हुई, तो थोड़ा ताक़त लगा कर उसने योनि और मुँह के बीच थोड़ी जगह बनाई, पर आज तो रोहन जैसे कोई खजाना लूट रहा हो, जगह बना कर सांस लेने लगा लेकिन वहाँ से हटा नही.
भावेश के अंदर भी ज्वाला फुट रही थी. उसने बूब्स से अपना मुँह हटाकर, अपने कपड़ा उतार लिए, और अपने लिंग को मसलते हुए सैली के हाथ मे थमा दिया....
लिंग सैली के हाथ पड़ते ही भावेश के बदन ने जैसे एक झटका खाया हो, और मारे उत्तेजना के आँखें उसकी बंद हो गयी. सैली के हाथ मे तो जैसे कोई खिलोना लग गया हो, वो उसे अपने मुट्ठी मे भर कर खूब उपर नीचे करने लगी....
"अहह, क्रेज़ी बोययय्ी ये कितना सॉफ्ट है... अहह" .. करती हुई लगातार लिंग को उपर नीचे कर रही थी. भावेश भी अपनी आँखें मुन्दे बस मज़ा ले रहा था.