hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मैने कहा अरे वो पुरानी साइकल देगा मैं तुझे नई साइकल लाकर देता हू ना फिर नंदू बोला मैं अब जाउ मैने कहा ठीक है उसके जाने के बाद मैने डिन्नर किया थोड़ी देर अपनी घरवालो की तस्वीरो को देखता रहा और फिर सो गया एक नये कल की उम्मीद मे …………………………………………………………………. ………………………. ……………………………… ………
अगली सुबह मैं थोड़ी जल्दी ही बाग की तरफ निकल गया लखन मुझे वही पर मिला मैने कहा हम भाई सब ठीक चल रहा है वो बोला मालिक आपकी दया है बस मैने कहा और बताओ तो वो बोला मालिक बात ये है कि बाग बहुत बड़ा है
और एक आदमी के बस की नही है रखवाली करनी 3-4 लोग चाहिए मैने कहा यार मैं तेरी बात समझता हू जल्दी ही करता हू कुछ वो बोला दो लोगो को तो मैं राज़ी कर लूँगा आने को मैने कहा वाह ये बढ़िया बात कही तूने वो बोला पर थोड़ी सी परेशानी है एक थोड़ा दारूबाज है मैने कहा बस अपना काम ठीक से करे फिर चाहे दारू पिए या जहर मुझे कोई मतलब नही
फिर वो बोला पीछे की तरफ तारबंदी करवानी है मैने कहा करवाले तुझे जो करना है काम होने के बाद बता दियो कितना खर्चा आया है फिर मैं घर आया तो देखा कि ना नंदू आया था और ना पुष्पा कुछ देर इंतज़ार किया पर कोई भी नही आया तो फिर मैं शहर के लिए निकल गया
शहर मे ऐसा उलझा कि बस फिर टाइम का पता ही नही चला आधा दिन तो तहसीलदार के ऑफीस मे लग गया कुछ पुराने नक्शे देखे और कहा कि जल्दी से मेरी पूरी ज़मीन की पैमाइश कर्वाओ फिर फोन के कनेक्षन के लिए अप्लाइ किया मैने सोचा इधर के जो भी काम है आज पूरे ख़तम करके ही घर जाउन्गा ताकि फिर कई दिन चक्कर लगाने की नोबत ही ना आए आते आते रात हो गयी थी तो बस मैं सो ही गया सुबह जब मैं उठा तो बारिश हो रही थी
बिजली थी नही मैं फ्रेश होकर आया मुझे चाइ के बड़ी तलब लगी थी पर जब पुष्पा आए तब चाइ बने पता नही क्यो मेरा मन हुवा बारिश मे भीगने को तो मैं गेट के पास आ गया और भीगने लगा ठंडी ठंडी बूंदे जब मेरे जिस्म पर पड़ रही थी तो बड़ा ही अच्छा लग रहा था मुझे दिल ऐसा खुश हुआ कि दिल फिर किया ही नही अंदर जाने को
तभी छतरी लिए पुष्पा आ गयी काले घाघरा-चोली मे क्या मस्त लग रही थी वो घाघरा उसकी जाँघो पर बिल्कुल चिपका हुवा था जिस से वी शेव मुझे सॉफ दिख रही थी वो बोली मालिक आप भीग क्यो रहे हो कही बीमार ना हो जाना मैने कहा दिल किया तो भीगने लगा तुम जाओ और जल्दी से चाइ बनाओ बड़ी तलब लगी है वो अंदर जाने लगी और एक बार मेरी नज़र उसके चुतड़ों पर ठहर गयी
ये जवानी भी एक अलग ही होती है और फिर मेरे मूह तो खून लग चुका था लक्ष्मी की लेने के बाद से मैं और भी ज़्यादा तप रहा था मुझे ज़रूरत थी एक चूत की जो मुझे ठंडा कर सके दिल तो किया कि मुट्ठी मार के हल्का हो जाउ पर फिर सोचा कि अब तो बस चूत ही मारनी है बारिश अब थोड़ी और तेज होने लगी थी तो मुझे और भी मज़ा आने लगा था
तभी पुष्पा अहाते से चिल्लाते हुवे बोली कि चाइ तैयार है आप आ जाइए पर मेरा मूड आज थोड़ा सा अलग था मैने कहा बगीचे मे ले आओ उधर ही पीऊंगा और मैं बगीचे की तरफ चल पड़ा और मेरे पीछे पीछे वो भी एक हाथ मे छतरी पकड़े और दूसरे मे कप और केतली बड़ी ही मुश्किल से संभाले हुए मेरी तरफ आने लगी मुझसे बस दो कदम ही दूर थी कि तभी उसका पैर गीली मिट्टी पर फिसला और छतरी और केतली उसके हाथो से छूट गयी
मैं जल्दी से उसकी ओर भागा और गिरने से पहले ही उसे अपनी बाहों मे थाम लिया इस कोशिश मे मेरा एक हाथ उसकी गान्ड पर आ गया और दूसरे मे उसकी चूची आ गयी उसका सारा वजन मेरी टाँग पर आ गया था मैने भी मोके का पूरा फ़ायदा उठाते हुवे उसके चूची को कसकर दबा दिया तो उसके मूह से सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकल गयी दो पल हम उसी पोज़िशन मे रहे फिर वो बोली मुझे खड़ा कीजिए मैं भीग रही हू तो मैने उसको खड़ा किया मैने जल्दी से छतरी उठा कर उसको दी इस बीच वो भी काफ़ी हद तक भीग गयी थी
वो थोड़ा सा घबराते हुवे बोली मालिक ग़लती हो गयी मैं अभी दूसरी छाई बना देती हूँ आगे से मैं ध्यान रखूँगी कि ऐसी ग़लती दुबारा ना हो गी मेरी नज़र तो उसके ब्लाउज मे से होते हुवे उसकी चूचियो की घाटी पर थी तो पता ही नही चला कि उसने क्या कहा फिर जब दुबारा उसने मुझे कहा तो मैने हड़बड़ाते हुवे कहा कि वो छोड़ो पहले बताओ तुम्हे कही चोट तो नही लगी ना तो वो बोली नही
फिर हम अंदर आ गये मैने कहा पहले तुम अपने कपड़ो को सूखा लो फिर दुबारा से चाइ बना लेना मैं भी तब तक कपड़े चेंज करके आता हू फिर जब मैं रसोई मे गया तो वो गॅस के पास खड़ी चाइ बना रही थी मैं बिस्कटो का डिब्बा उतारने के बहाने से उसके पिछवाड़े से बिल्कुल सट गया और थोड़ा सा आगे होते हुवे अपने लंड को उसकी गान्ड से सटा दिया
इस तरह से वो स्लॅब की पट्टी और मेरे बीच मे आ गयी मैने बस खाली निक्कर ही डाली हुवी थी तो लंड भी थोड़ा सा आज़ाद फील कर रहा था तो वो उसकी गान्ड की दरार पर रगड़ खाने लगा मुझे भी डिब्बा उतारने की कोई जल्दी नही थी पर हटना भी तो था फिर मैं वही उसके पास खड़ा हो गया और उस से बाते करने लगा उसने कहा कि मैं कल आई तो बड़े गेट पर ताला लगा था
मैने काफ़ी देर आपका इंतज़ार किया फिर शाम को भी ताला ही था तो काफ़ी राह देखने के बाद मैं वापिस चली गयी मैने कहा नंदू मिला वो बोली नही वो भी पिछले तीन दिन से नही दिखा है मैने कहा आज जाता हू उसके घर पर पता करता हू तो वो बोली मालिक बुरा ना माने तो एक बात कहूँ मैने कहा बोलो तो वो बोली कि आप इन नीच जात वालो को कुछ ज़्यादा ही मूह लगाते है
अब तो गाँव मे भी लोग यही चर्चा करते है कि एक नीच जात वाले के ज़िम्मे पूरी हवेली खुली छोड़ कर चले जाते है मैने कहा मुझे कोई फरक नही पड़ता कि लोग क्या कहते है और फिर वो भी तो एक इंसान ही है ना और फिर वो हर काम पूरी ज़िम्मेदारी से करता है पुष्पा बोली मालिक आपके विचार बड़े ठाकूरो से बिल्कुल अलग है मैने कहा तुम भी तो और गाँव वालो से बहुत अलग हो
वो बोली क्या आप भी मुझसे मसखरी कर रहे हो मैने कहा मैं तो सच बोल रहा हू तुम देखो कितनी सुंदर हो तुम्हे देखते ही लगता है जैसे ही कोई खिला हुआ गुलाब हो तो पुष्पा बुरी तरह से शरमा गयी उसके गोरे गालो पर लाली छा गयी वो बोली मैं कहाँ इतनी सुंदर हू आप तो ख़ामाखाँ मे ही इतनी तारीफ़ कर रहे है मैने उसको अपने साथ लिया और मेरे कमरे मे शीशे के सामने लाकर खड़ी कर दिया
अगली सुबह मैं थोड़ी जल्दी ही बाग की तरफ निकल गया लखन मुझे वही पर मिला मैने कहा हम भाई सब ठीक चल रहा है वो बोला मालिक आपकी दया है बस मैने कहा और बताओ तो वो बोला मालिक बात ये है कि बाग बहुत बड़ा है
और एक आदमी के बस की नही है रखवाली करनी 3-4 लोग चाहिए मैने कहा यार मैं तेरी बात समझता हू जल्दी ही करता हू कुछ वो बोला दो लोगो को तो मैं राज़ी कर लूँगा आने को मैने कहा वाह ये बढ़िया बात कही तूने वो बोला पर थोड़ी सी परेशानी है एक थोड़ा दारूबाज है मैने कहा बस अपना काम ठीक से करे फिर चाहे दारू पिए या जहर मुझे कोई मतलब नही
फिर वो बोला पीछे की तरफ तारबंदी करवानी है मैने कहा करवाले तुझे जो करना है काम होने के बाद बता दियो कितना खर्चा आया है फिर मैं घर आया तो देखा कि ना नंदू आया था और ना पुष्पा कुछ देर इंतज़ार किया पर कोई भी नही आया तो फिर मैं शहर के लिए निकल गया
शहर मे ऐसा उलझा कि बस फिर टाइम का पता ही नही चला आधा दिन तो तहसीलदार के ऑफीस मे लग गया कुछ पुराने नक्शे देखे और कहा कि जल्दी से मेरी पूरी ज़मीन की पैमाइश कर्वाओ फिर फोन के कनेक्षन के लिए अप्लाइ किया मैने सोचा इधर के जो भी काम है आज पूरे ख़तम करके ही घर जाउन्गा ताकि फिर कई दिन चक्कर लगाने की नोबत ही ना आए आते आते रात हो गयी थी तो बस मैं सो ही गया सुबह जब मैं उठा तो बारिश हो रही थी
बिजली थी नही मैं फ्रेश होकर आया मुझे चाइ के बड़ी तलब लगी थी पर जब पुष्पा आए तब चाइ बने पता नही क्यो मेरा मन हुवा बारिश मे भीगने को तो मैं गेट के पास आ गया और भीगने लगा ठंडी ठंडी बूंदे जब मेरे जिस्म पर पड़ रही थी तो बड़ा ही अच्छा लग रहा था मुझे दिल ऐसा खुश हुआ कि दिल फिर किया ही नही अंदर जाने को
तभी छतरी लिए पुष्पा आ गयी काले घाघरा-चोली मे क्या मस्त लग रही थी वो घाघरा उसकी जाँघो पर बिल्कुल चिपका हुवा था जिस से वी शेव मुझे सॉफ दिख रही थी वो बोली मालिक आप भीग क्यो रहे हो कही बीमार ना हो जाना मैने कहा दिल किया तो भीगने लगा तुम जाओ और जल्दी से चाइ बनाओ बड़ी तलब लगी है वो अंदर जाने लगी और एक बार मेरी नज़र उसके चुतड़ों पर ठहर गयी
ये जवानी भी एक अलग ही होती है और फिर मेरे मूह तो खून लग चुका था लक्ष्मी की लेने के बाद से मैं और भी ज़्यादा तप रहा था मुझे ज़रूरत थी एक चूत की जो मुझे ठंडा कर सके दिल तो किया कि मुट्ठी मार के हल्का हो जाउ पर फिर सोचा कि अब तो बस चूत ही मारनी है बारिश अब थोड़ी और तेज होने लगी थी तो मुझे और भी मज़ा आने लगा था
तभी पुष्पा अहाते से चिल्लाते हुवे बोली कि चाइ तैयार है आप आ जाइए पर मेरा मूड आज थोड़ा सा अलग था मैने कहा बगीचे मे ले आओ उधर ही पीऊंगा और मैं बगीचे की तरफ चल पड़ा और मेरे पीछे पीछे वो भी एक हाथ मे छतरी पकड़े और दूसरे मे कप और केतली बड़ी ही मुश्किल से संभाले हुए मेरी तरफ आने लगी मुझसे बस दो कदम ही दूर थी कि तभी उसका पैर गीली मिट्टी पर फिसला और छतरी और केतली उसके हाथो से छूट गयी
मैं जल्दी से उसकी ओर भागा और गिरने से पहले ही उसे अपनी बाहों मे थाम लिया इस कोशिश मे मेरा एक हाथ उसकी गान्ड पर आ गया और दूसरे मे उसकी चूची आ गयी उसका सारा वजन मेरी टाँग पर आ गया था मैने भी मोके का पूरा फ़ायदा उठाते हुवे उसके चूची को कसकर दबा दिया तो उसके मूह से सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकल गयी दो पल हम उसी पोज़िशन मे रहे फिर वो बोली मुझे खड़ा कीजिए मैं भीग रही हू तो मैने उसको खड़ा किया मैने जल्दी से छतरी उठा कर उसको दी इस बीच वो भी काफ़ी हद तक भीग गयी थी
वो थोड़ा सा घबराते हुवे बोली मालिक ग़लती हो गयी मैं अभी दूसरी छाई बना देती हूँ आगे से मैं ध्यान रखूँगी कि ऐसी ग़लती दुबारा ना हो गी मेरी नज़र तो उसके ब्लाउज मे से होते हुवे उसकी चूचियो की घाटी पर थी तो पता ही नही चला कि उसने क्या कहा फिर जब दुबारा उसने मुझे कहा तो मैने हड़बड़ाते हुवे कहा कि वो छोड़ो पहले बताओ तुम्हे कही चोट तो नही लगी ना तो वो बोली नही
फिर हम अंदर आ गये मैने कहा पहले तुम अपने कपड़ो को सूखा लो फिर दुबारा से चाइ बना लेना मैं भी तब तक कपड़े चेंज करके आता हू फिर जब मैं रसोई मे गया तो वो गॅस के पास खड़ी चाइ बना रही थी मैं बिस्कटो का डिब्बा उतारने के बहाने से उसके पिछवाड़े से बिल्कुल सट गया और थोड़ा सा आगे होते हुवे अपने लंड को उसकी गान्ड से सटा दिया
इस तरह से वो स्लॅब की पट्टी और मेरे बीच मे आ गयी मैने बस खाली निक्कर ही डाली हुवी थी तो लंड भी थोड़ा सा आज़ाद फील कर रहा था तो वो उसकी गान्ड की दरार पर रगड़ खाने लगा मुझे भी डिब्बा उतारने की कोई जल्दी नही थी पर हटना भी तो था फिर मैं वही उसके पास खड़ा हो गया और उस से बाते करने लगा उसने कहा कि मैं कल आई तो बड़े गेट पर ताला लगा था
मैने काफ़ी देर आपका इंतज़ार किया फिर शाम को भी ताला ही था तो काफ़ी राह देखने के बाद मैं वापिस चली गयी मैने कहा नंदू मिला वो बोली नही वो भी पिछले तीन दिन से नही दिखा है मैने कहा आज जाता हू उसके घर पर पता करता हू तो वो बोली मालिक बुरा ना माने तो एक बात कहूँ मैने कहा बोलो तो वो बोली कि आप इन नीच जात वालो को कुछ ज़्यादा ही मूह लगाते है
अब तो गाँव मे भी लोग यही चर्चा करते है कि एक नीच जात वाले के ज़िम्मे पूरी हवेली खुली छोड़ कर चले जाते है मैने कहा मुझे कोई फरक नही पड़ता कि लोग क्या कहते है और फिर वो भी तो एक इंसान ही है ना और फिर वो हर काम पूरी ज़िम्मेदारी से करता है पुष्पा बोली मालिक आपके विचार बड़े ठाकूरो से बिल्कुल अलग है मैने कहा तुम भी तो और गाँव वालो से बहुत अलग हो
वो बोली क्या आप भी मुझसे मसखरी कर रहे हो मैने कहा मैं तो सच बोल रहा हू तुम देखो कितनी सुंदर हो तुम्हे देखते ही लगता है जैसे ही कोई खिला हुआ गुलाब हो तो पुष्पा बुरी तरह से शरमा गयी उसके गोरे गालो पर लाली छा गयी वो बोली मैं कहाँ इतनी सुंदर हू आप तो ख़ामाखाँ मे ही इतनी तारीफ़ कर रहे है मैने उसको अपने साथ लिया और मेरे कमरे मे शीशे के सामने लाकर खड़ी कर दिया