अपडेट-27
मेने माँ की गान्ड अपनी गोद में रख रखी थी और अपने छोटे भाई अजय को माँ की चूत पूरी फैला कर दिखा रहा था. चूत का गहरा
और बिल्कुल लाल सुराख ठीक अजय की आँखों के सामने था. वह बड़े चाव से चूत पर झुका हुआ उसे देख रहा था.
में; "ले मुन्ना अब ठीक से देख. तेरे भैया इसीके दीवाने थे. असली मज़ा तो इसी में है. देख अपनी माँ की चूत कितनी मस्त है. ठीक से अंदर तक देख. इसे छू, इसे सहला, इसे प्यार कर, इसे चाट, इसमें अंगुल घुसा कर देख. देख माँ की चूत कितनी गदराई हुई है. इसे एक बार चोदेगा तो फिर गान्ड मरवाना भूल जाएगा. देख तेरे लिए मेने माँ की चूत छोड़ी कर दी है. अब पूरी मस्ती ले इसकी." तभी अजय ने अपनी लंबी सी जीभ निकाल कर चूत के अंदर डाल दी और वह अपनी जीभ चूत के छेद में चारों ओर फिराने लगा. उसने अपने दोनो हाथ चूत
पर रख दिए और चूत को फैलाते हुए मस्त हो उसे चाटने लगा. अजय बार बार उस विशाल चूत को पूरी अपने मुख में भरने की कोशिश कर रहा था.तभी मेने माँ को खींच कर अपनी गोद में सीधा बैठा लिया और माँ की दोनो चूचियाँ अपने हाथों में भर ली. माँ के होंठ अपने होंठों
में ले लिए और चूचियाँ दबाते हुए उसके होंठ चूसने लगा. उधर मुन्ना चूत का रस पान कर रहा था.
में: "माँ आज तो तू एक साथ दोनो भाइयों की बीवी बन गई हो और देखो तुम्हारे साथ तेरे 6 फुट दो दो बेटे एक साथ सुहागरात मना रहे हैं. तेरी तो इस उमर में आ कर तक़दीर खुल गई है. अब से तुझे दो दो जवान लंड का एक साथ मज़ा मिलेगा. अब तेरी चूत और गान्ड को
लंड की कमी नहीं खलेगी. देखो तुम कैसे एक बेटे की गोद में बैठ अपनी चूची मसलवा रही हो और दूसरे बेटे से अपनी चूत चटवा रही हो.
" में गोद में बैठी माँ की टाँगें कुच्छ उपर उठा अजय के लिए माँ की चूत फैला रहा था, जिससे कि वह भीतर तक चाट कर मज़ा ले सके.
माँ: "जब मेरे दो दो जवान गान्डू बेटे मेरे लिए बहुएँ लाने की वजाय आपस में ही गान्ड मारा मारी करने लगे तो में क्या करती. जब तुम दोनो को ही आपस में शरम नहीं है तो में फिर शरम क्यों करूँ? जब तुम दोनो खुल के गान्ड मारा मारी और लंड चूसा चूसी का खेल खेलते हो तो में फिर चूत और गान्ड वाली होकर तुम दोनों गान्डूओ और चूतियों से मज़ा क्यों ना लूँ. छोटे वाले को देखो कैसा भुक्कड़ की तरह मेरी चूत पर पिला हुआ है और जब तू अपनी माँ को नंगी करके अपनी गोद में खड़े लंड पर बैठा सकता है तो मुझे तुम से चुदने में और मराने में
कैसा परहेज? बड़ा वाला मादरचोद चूतिया है तो छोटे वाला भोसड़ी का गान्डु."
में: "मुन्ना तूने माँ की बात सुनी, हम दोनो को गान्डू और चूतिया बोल रही है. देख बहन की लोडी हमें कैसी गालियाँ दे रही है. आज इसकी सारी गर्मी निकाल देनी है. इसकी चूत और गान्ड में बहुत गर्मी है. इसे आज एक रंडी की तरह चोदना है. साली बहुत नमकीन है." फिर मेने माँ की ठुड्डी पकड़ उसका चेहरा उपर उठा लिया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा, "अरे माँ में तो तेरे जैसी बेशरम और खुल के बात करनेवाली औरत का पक्का रसिया हूँ. तभी तो मेने तुझे पटाया है. तेरे लिए मुन्ना को भी राज़ी किया है. अब हम दोनो भाई तेरी मस्त जवानी को खुल के भोगेंगे. अबसे तुम हमारी साझे की बीवी हो. हम दोनो तुम्हारे पति हैं." यह कह मेने माँ को गोद से उतार दिया और खड़ा
हो गया. फिर मेने अजय को खड़ा किया और उसके सारे कपड़े उतारने शुरू किए साथ ही अजय भी मेरे कपड़े उतारने लगा. देखते
देखते हम दोनो भाइयों ने एक दूसरे को पूरा नंगा कर दिया. अब हम तीनों के शरीर पर वस्त्र नामकी कोई चीज़ नहीं थी. अजय का 10"
का लंड पूरा तना हुआ था. मेने अजय का लंड पकड़ माँ को दिखाते हुए कहा, "माँ अपने छोटे बेटे का लंड देख. मुन्ना का देख कितना
प्यारा 'मुन्ना' है. जब इससे चुदायेगि ना पूरी मस्त हो जाएगी." तभी अजय ने भी मेरा लंड पकड़ लिया.
अजय: "और माँ यह देख भैया का मूसल सा हल्लबि लॉडा. में तो इसे आराम से पूरा का पूरा ले लेता हूँ पर तू तो भीतर जाते ही हाय हाय करने लगेगी. तेरी तो चूत को फाड़ कर भैया भोसड़ी बना देंगे. हम चूतिए हैं तो तेरी मस्त चूत के लिए हैं और गान्डू हैं तो तेरी फूली फूली गान्ड के लिए हैं. में तो भैया के हल्लाबी लौडे से आराम से गान्ड मरा लेता हूँ पर तू अपनी सोच. भैया जब हुमच कर तेरे में पेलेंगे तब
तेरी यह कतरनी सी ज़ुबान बाहर आ जाएगी." तभी में माँ के पिछे चिपक गया और अजय माँ के आगे चिपक गया. हम दोनो मर्दाने भाइयों के बीच माँ पिसी जा रही थी. मेने माँ की चूचियाँ हाथों में समा ली और अजय माँ के होंठ चूसने लगा. में माँ की गान्ड की गर्मी लेते हुए
उसकी गान्ड पर लंड रगड़ रहा था और अजय उसकी चूत से अपना लंड टकरा रहा था.
में: "माँ अब बता पहले किससे चुदवायेगी, अपने बड़े बेटे से या छोटे बेटे से." तभी अजय बोल पड़ा,
अजय: "नहीं भैया माँ पर पहला हक़ आपका है. माँ से व्याह आपने किया है, सुहागरात आपकी है में पहले कहाँ से आ गया? चलिए
अब अपनी चुदासी माँ की चूत की प्यास बुझाइये." मेने माँ की चूत में अंगुल डालते हुए कहा,
में: "क्यों माँ तैयार होना अपनी इस मस्त चीज़ का स्वाद चखाने के लिए?"
माँ: "मेरे लिए तो तुम दोनो एक जैसे हो कोई भी पहले आ जाओ मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है, तुम लोग चाहो तो दोनो एक साथ आ जाओ, दोनो को भी झेल लूँगी. विजय बेटे, मेरी चूत का तुम लोगों को स्वाद चखाने के लिए ही तो नंगी हुई हूँ. मुझे जी भर के चोदो, मेरे से जी भरके मस्ती करो. दो दो नंगे बेटों के बीच नंगी होने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. दो दो खड़े लंड एक साथ देख में वासना से जल रही हूँ, मुझे खुल
के भोगो मेरे प्यारों, में बिल्कुल तैयार हूँ." माँ की बात सुन में माँ को बिस्तर पर खींच लाया और उसे चित लेटा दिया. उसकी गान्ड के
नीचे एक बड़ा सा तकिया लगा दिया और उसके घुटने मोड़ चूत को उभार दिया.
में: "मुन्ना माँ की झान्ट भरी मस्त चूत देख कैसी खुल के मुझे दावत दे रही है. देख भीतर से कैसी चिकनी है. इस में तो तेरी गान्ड जैसे वॅसलीन लगाने की भी दरकार नहीं है." में माँ की चूत पर झुक गया और उसे चाटने लगा. मुन्ना ने मेरे लंड को अपने मुख में लेलिया और उसे अपने थूक से तर करते हुए चूसने लगा. कुच्छ देर चूत चाटने के बाद मेने माँ की टाँगों के बीच अपना आसन जमा लिया. मेरा लंड माँ की चूत के ठीक सामने था. अजय मेरे सामने माँ के ठीक बगल में बैठा हुआ था. उसने मेरा लंड पकड़ा और माँ की चूत के छेद से भिड़ा दिया.
फिर उसने दोनो हाथों से चूत फैला दी ताकि मेरा विशाल लंड उसमें आराम से जा सके. मेने धीरे से धक्का दिया तो माँ की लस्लसि चूत में लंड का सुपाड़ा ढुक गया. फिर धीरे धीरे लंड अंदर ठेलने लगा और कुच्छ देर में मेरा आधा लंड माँ की चूत में समा गया. अब में आधे लंड से ही माँ को चोदने लगा.
अजय: "भैया अभी तो आपका आधा ही भीतर गया है. क्या आपका पूरा इसमें नहीं जाएगा? ज़ोर लगा के ठेलिये. आज इसकी चूत फाड़ कर भाड़ सा भोसड़ा बना दीजिए." अजय की बात सुन मेने तीन चार करारे शॉट माँ की चूत में मारे और मेरा लंड जड़ तक चूत में समा गया. अब में माँ पर झुक गया और उसके होंठ चूसने लगा. उधर तीन चोथाई लंड बाहर निकालता और एक धक्के में वापस पूरा पेल देता. अभी धक्कों की स्पीड बहुत धीमी थी.
माँ: "अजय यह माँ की चूत है. ऐसे तो दो लंड एक साथ भीतर ले लूँ. ठीक से देख भैया का मूसल मेरी चूत में कितने आराम से जा रहा है. देख औरत की चूत को मरद कैसे चोदते हैं. ठीक से देखले और सीखले, आख़िर तुझे भी तो चोदनी है. तेरे भैया को मेरी जैसी बड़ी सी चूत चाहिए तो मुझे भी तेरे भैया के जैसा हल्लाबी लॉडा चाहिए. छोटी मोटी नूनी तो किसी कोने में ही अटक के रह जाएगी. ऐसे मस्ताने लंड की ही तो में पूरी शौकीन हूँ. इसीलिए जब तूने मेरी भैया से शादी की बात छेड़ी तो में फ़ौरन तैयार हो गई. में बहुत खुश हूँ कि तूने मुझे ऐसे लंड की दुल्हन बना दिया है. तेरा यह अहसान में कभी नहीं भूलूंगी. आ तेरा लंड चूस देती हूँ. ला इसे मेरे मुख में देदे." माँ की बात सुन में पूरा गरम हो गया था और अब चूत में लंड दनादन पेल रहा था. मेरे धक्कों की स्पीड बहुत ज़्यादा बढ़ गई थी और चूत फ़चा फच्च चुद रही थी
. इधर अजय ने माँ की छाती के दोनो ओर अपने घुटने जमा दिए और माँ के मुख के सामने उसका लंड लहराने लगा. माँ अजय के लंड
के सुपाडे पर अपनी जीभ फिराने लगी.
माँ: "वाह मेरे छोटे बेटे का लंड तो उसके जैसा ही मक्खन सा चिकना और प्यारा है. यह सुपाड़ा तो रसगुल्ले जैसा है. इसे तो अब रोज आइस क्रीम की कॅंडी की तरह चूसुन्गि. बड़ा बेटा तो मुझे बाज़ार की कॅंडी खिला के लाता है पर अब से में तो यह घर की ही कॅंडी चूसुन्गि."
यह कह माँ मुन्ने का लंड अपने मुख में लेने लगी. उसने आधा लंड अपने मुख में ले लिया और बाहर भीतर करते हुए थूक से तर करने लगी
. माँ अजय की गोटियों को हाथों से धीरे धीरे दबा रही थी. मेने माँ की दोनो चूचियाँ हाथों में लेली और माँ को कस के चोदने लगा.
में: "मुन्ना इस लंड खोरनी माँ के मुख में अपना पूरा लॉडा पेल दे. पूरा भीतर ठेल दे जिससे कि इसे ठीक से साँस भी नहीं आए. इसे भी थोड़ा पता तो चले कि दो दो लंड की क्या ताक़त होती है. देख में इसे कैसे कस कस के चोद रहा हूँ और यह गान्ड उछाल उछाल कर चुदा रही है. अपनी माँ पक्की चुद्दकड है. इसकी चूत में बहुत खाज है पर में इसकी चुदाई की आज सारी खाज मिटा दूँगा." मेरी बात सुन अजय माँ के मुख में लंड ठेलने लगा और उधर माँ भी पूरा मुख खोल अपने छोटे बेटे का लंड मुख में लेने लगी. थोड़ी ही देर में मुन्ना ने अपना लंड
जड़ तक माँ के मुख में दे दिया. अब वह लंड बाहर भीतर करते हुए माँ के मुख को चोदने लगा. माँ भी मुख आगे पिछे करते हुए पूरी तन्मय होकर लंड चूस रही थी. माँ ने अजय के दोनो चुतड़ों पर अपने हाथ जमा दिए और वह उन्हें अपनी ओर दबाने लगी. अब वह पूरा लंड मुख में भर बड़े आराम से चूस रही थी.