Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद - Page 7 - Sex Baba Indian Adult Forum
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Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद


मा: "ले तुझे गांद मराने का बहुत शौक़ हैईना तो मारा मेरे से. मेरे पास लंड नहीं है तो क्या हुवा यह चूची तो हैईना. में इसे ही पूरी तेरी गांद में ठूंस दूँगी." यह कह माने चूची बदल ली और अपनी बाँयी चूची का बूटा अजय की गांद में ठेलने लगी. मा चूची को थामे हुए उसकी गांद में धक्के भी मार रही थी. मा मुन्ना की गांद पर झुकी हुई थी इसलिए उसकी गांद पिच्चे उभरी हुई थी. मेने काफ़ी वॅसलीन माकी गांद के च्छेद में माली और अपनी पूरी अंगुल उसकी गांद में डेडी और माकी गांद अंगुल से मारने लगा.

में: "मुन्ना मासे गांद मारा के कैसा लग रहा है? ऐसी गांद मराने के बारे में तो तूने आज तक सोचा भी नहीं होगा. माका भी यह आइडिया क्या मस्त कर देने वाला है." मा द्वारा मुन्ने की गांद मारा जाना देख में पूर्ण रूप से उत्तेजित हो गया. मेने सारे कपड़े खोल दिए, लंड पर कॉंडम चढ़ाली और उसे वॅसलीन से अच्छे से चिकना कर लिया.

अजय: "भैया बहुत ही मज़ा आ रहा है. माका बूटा गांद में सुरसुरी दे रहा है. माकी बड़ी सी गरम और मुलायम चूची गांद पर बहुत ही मजेदार महसूस हो रही है. मा मार्टी रहो, तुम से गांद मारा के तो एक नये तरीके का मज़ा आ रहा है." अब अजय भी माकी चूची पर अपनी गांद दबाने लगा था. मा कुच्छ देर इसी प्रकार मुन्ना की गांद में अपनी चूची ठूनसट्ी रही फिर हाँफती हुई अलग हो गई.

में: "मा तू हम भाइयों की लीला देखना चाहती थी ना तो अब देख तेरे सामने यह मेरा लाड़ला छ्होटा भाई अपनी गांद कैसे मरवाता है." मेरी बात सुन अजय उठा और मुझे भी खड़ा कर लिया. फिर उसने एक टाँग ठीक माके बगल में बेड पर रख ली और झुक कर ढेर सारी वॅसलीन मेरे लंड और अपने गांद के फैले हुए च्छेद पर माली और अपनी फूली हुई गांद मेरे आयेज उभार दी. फिर वा मेरे लंड पर अपनी गांद दबाते हुए बोला.

मुन्ना: "हाय मेरे राजा देखो मेने अपनी गांद कैसे चिकनी कर ली है. अब में अपने सैंया भैया का पूरा 11" का हल्लाबी लॉडा अपने गांद के च्छेद में खुद पीलवौनगा." मेरे लंड और अपनी गांद को अच्छी तरह से चिकनी कर लेने के बाद वा एक टाँग बेड पर रख मेरे लंड पर अपनी गांद दबाने लगा. फिर उसने अपना एक हाथ पिच्चे कर मेरे लंड को पकड़ा और लंड के सुपारे को अपनी गांद के च्छेद पर टीका लिया. फिर वा अपनी गांद खोलते हुए अपनी गांद कस के मेरे लंड पर दबाने लगा. मा आँखें फाडे अपने छ्होटे बेटे की सारी करतूत देख रही थी. तभी अजय ने कहा,

"भैया आज इस च्चिनाल माके सामने मेरी ऐसी धुनवाधार तरीके से गांद मारिए जैसी की आपने आज तक नहीं मारी. अपने हल्लाबी लॉड से मेरी गांद के परखचे उड़ा दीजिए." अजय की बात सुन में दुगुने जोश में आ गया और भाई की गांद के निमंत्रण देते गांद के च्छेद में अपने लंड को छापने लगा. उधर मुन्ना भी एक मज़े हुए गांडू की तरह अपनी गांद का च्छेद खुला छ्चोड़ रहा था. फलस्वरूप मेरा लंड धीरे धीरे गांद में सरकने लगा. कुच्छ ही देर में मेरा 11" का लंड पूरी तरह से उसकी गांद में समा गया.
 
अपडेट-32

मुन्ना: "क्यों भैया मज़ा आ रहा है ना? ऐसा छ्होटा भाई नहीं मिलेगा जो अपने बड़े भैया का मूसल सा लॉडा पूरा का पूरा इतने शौक से अपनी गांद में ठुकवा लेता है. आप ऐसे ही मेरी गांद में अपना लंड छापते रहिए. आज आप मेरी गांद माके सामने बहुत मस्त हो कर मारिएगा, मुझे बोल बोल कर आपसे मरवाने में बहुत मज़ा आता है. देख मा में कैसे भैया से गांद मरवा रहा हूँ. में भैया के लंड का पक्का शौकीन हूँ. भैया मेरे सैंया है और में अपने जानू भैया की लुगाई हूँ. देख में अपने प्यारे भैया से गांद मरवा कर कितना खुश हूँ." में मुन्ना का जोश देख कर पूरा उत्तेजित हो गया और मेने अजय की कमर दोनो हाथों से जाकड़ ली. मेने उसकी पीठ अपनी छ्चाटी से दबानी शुरू कर दी. में माके सामने गांडू भाई की गांद ताबड़तोड़ तरीके से मार रहा था. अब मुन्ना रह रह गांद कुच्छ आयेज खींचता जिससे टीन चोथाई लंड बाहर आ जाता और फिर पिच्चे कस के ज़ोर का धक्का देता जिससे मेरा लंड जड़ तक वापस उसकी गांद में समा जाता. इस प्रकार वा कई देर मरवाता रहा और में भी उसकी गांद में लंड छापता रहा. तभी मेने भाई के होंठ अपने होंठों में कस लिए और सिसकते हुए बहुत कमतूर हो भाई का चुंबन लेने लगा. मेने अपनी ज़ुबान भाई के मुख में डाल दी जिसे अजय चूसने लगा. उधर मेरा लंड उसकी गांद में एक पिस्टन की तरह आयेज पिच्चे हो रहा था. मा हम दोनो भाइयों की यह लीला बहुत ही आश्चयचकित हो कर देख रही थी.

कुच्छ देर इस प्रकार तेज़ी से गांद मरवाने के बाद वा बेड पर घुटनों के बाल चोपाया बन गया और अपनी गांद मेरे लंड के सामने उभार दी. उसकी फूली हुई बड़ी सी गोरी गांद मेरे सामने पूरी उभरी हुई बड़ी मस्त लग रही थी. गांद का बड़ा सा गोल च्छेद बिल्कुल खुला हुवा साफ दिख रहा था. में भी अब घुटनों के बाल बेड पर मुन्ना के पिच्चे बैठ गया. तब मुन्ना ने वापस अपनी गांद का च्छेद मेरे लंड से भिड़ा दिया और अपनी गांद जब तक मेरे लंड पर दबाता चला गया तब तक की वापस मेरा पूरा लंड उसकी गांद में ना समा गया. एक बार फिर सतसट गांद मरवाने की क्रिया शुरू हो गई.

मुन्ना: "हाय मेरे गंदू भैया आपसे गांद मारा कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. आप अपने छ्होटे भाई की फूली फूली गांद मारने के शौकीन है तो आपका यह छ्होटा भाई भी अपने भैया के हल्लाबी लॉड का दीवाना है. भैया में तो तेरी रखैल हूँ. तुझसे अपनी गांद की खुजली मिटाने में मुझे बहुत मज़ा आता है." में बेड पर घुटनों के बाल चोपाया बने भाई पर सांड़ की तरह चढ़ा हुवा था और उसकी गांद में दनादन लंड पेल रहा था.

में: "अरे भाई तू मेरे लंड का शौकीन है तो में भी तेरी गांद का दीवाना हूँ. में मा जैसी मस्त और कड़क औरत को छोड़ता हूँ पर जब तक तेरी गांद नहीं मार लेता तब तक ऐसा लगता है जैसे की कहीं कुच्छ कमी रह गई है. देखो मा में कैसे तेरे छ्होटे बेटे की तेरे सामने ही गांद मार रहा हूँ और तेरा छ्होटा बेटा कैसे खुशी खुशी मेरे से मरवा रहा है. यह तेरा देवर है क्योंकि तू मेरी लुगाई है और साथ ही तेरी सौत भी है क्योंकि जैसे तुम मेरे से चुड़वति है वैसे ही यह मेरे से मरवाता है."
 
मुन्ना: "मा तुम हम दोनो भाइयों की गांद मारामारी देखना चाहती थी ना तो देख. हन में तेरी सौत हूँ और रहूँगा. जब तक भैया मेरी गांद मारना चाहेंगे में उनसे मरवाता रहूँगा. तू जलती हो तो जलती रहना पर में तो अपने राजा भैया से मस्त हो कर मार्व्ौनगा.

मा: "यह छ्होटा तो पक्का गान्डू है. देख तो तेरा हल्लाबी लॉडा कितने आराम से बिना चूं छापद किए इसने पूरा अपनी गांद में ले लिया है. जितना मस्त हो कर आज यह अपनी मारा रहा है कल इतना ही मस्त हो कर इसने मेरी छोड़ी भी थी." यह कह मा उठी और अजय के खड़े लंड के सामने डॉगी स्टाइल के पोज़ में आ गई. माने पिच्चे अपनी गांद उठा दी और अपनी रस छ्चोड़ती छूट उसके लंड से सताने लगी. अजय माकी मनसा को समझ गया और उसने हाथ के सहारे से लंड ठीक छूट के च्छेद पर टीका दिया. उसने अपनी बाँहें माकी कमर में कस ली और चार पाँच करारे धक्के मार पूरा लंड माकी छूट में दे दिया. अब अजय आराम से अपनी चुदसी माको डॉगी स्टाइल में छोड़ने लगा. मेने भी वापस अजय की गांद में अपना लंड दे दिया. उधर अजय माको पिच्चे से छोड़ रहा था और इधर में अजय की गांद मार रहा था. हम तीनों पुर जोश में थे. मा अपनी छूट अजय के लंड पर दबाती हुई बहुत मस्त हो कर छुड़ा रही थी. अब अजय ने माकी दोनो लटकती चूचियाँ थाम ली और उन्हें रसीले आमों की तरह दबाने लगा. अजय बहुत ही जोरदार धक्के छूट में मार रहा था. छूट में धक्का मारने से सुपारे तक मेरा लंड उसकी गांद से बाहर निकल जाता और उसके फ़ौरन बाद अजय माकी छूट से लंड वापस बाहर खींचते हुए अपनी गांद मेरे लंड पर दबा देता जिसके कारण मेरा पूरा लंड उसकी गांद में समा जाता. यह प्रक्रिया एक ले बद्ध तरीके से हो रही थी और हम तीनों अपना अपना पार्ट बखूबी निभा रहे थे. जब माकी छूट में अजय का पूरा लंड होता तब गांद से मेरा लंड लगभग निकल जाता और जब मेरा पूरा लंड गांद में होता तब अजय का लंड छूट से लगभग बाहर आ जाता. यह सिलसिला कई देर यूँ ही चलता रहा और आख़िर में झड़ने की कगार पर आ गया.
मुन्ना: "क्यों भैया मज़ा आ रहा है ना? ऐसा छ्होटा भाई नहीं मिलेगा जो अपने बड़े भैया का मूसल सा लॉडा पूरा का पूरा इतने शौक से अपनी गांद में ठुकवा लेता है. आप ऐसे ही मेरी गांद में अपना लंड छापते रहिए. आज आप मेरी गांद माके सामने बहुत मस्त हो कर मारिएगा, मुझे बोल बोल कर आपसे मरवाने में बहुत मज़ा आता है. देख मा में कैसे भैया से गांद मरवा रहा हूँ. में भैया के लंड का पक्का शौकीन हूँ. भैया मेरे सैंया है और में अपने जानू भैया की लुगाई हूँ. देख में अपने प्यारे भैया से गांद मरवा कर कितना खुश हूँ." में मुन्ना का जोश देख कर पूरा उत्तेजित हो गया और मेने अजय की कमर दोनो हाथों से जाकड़ ली. मेने उसकी पीठ अपनी छ्चाटी से दबानी शुरू कर दी. में माके सामने गांडू भाई की गांद ताबड़तोड़ तरीके से मार रहा था. अब मुन्ना रह रह गांद कुच्छ आयेज खींचता जिससे टीन चोथाई लंड बाहर आ जाता और फिर पिच्चे कस के ज़ोर का धक्का देता जिससे मेरा लंड जड़ तक वापस उसकी गांद में समा जाता. इस प्रकार वा कई देर मरवाता रहा और में भी उसकी गांद में लंड छापता रहा. तभी मेने भाई के होंठ अपने होंठों में कस लिए और सिसकते हुए बहुत कमतूर हो भाई का चुंबन लेने लगा. मेने अपनी ज़ुबान भाई के मुख में डाल दी जिसे अजय चूसने लगा. उधर मेरा लंड उसकी गांद में एक पिस्टन की तरह आयेज पिच्चे हो रहा था. मा हम दोनो भाइयों की यह लीला बहुत ही आश्चयचकित हो कर देख रही थी.

कुच्छ देर इस प्रकार तेज़ी से गांद मरवाने के बाद वा बेड पर घुटनों के बाल चोपाया बन गया और अपनी गांद मेरे लंड के सामने उभार दी. उसकी फूली हुई बड़ी सी गोरी गांद मेरे सामने पूरी उभरी हुई बड़ी मस्त लग रही थी. गांद का बड़ा सा गोल च्छेद बिल्कुल खुला हुवा साफ दिख रहा था. में भी अब घुटनों के बाल बेड पर मुन्ना के पिच्चे बैठ गया. तब मुन्ना ने वापस अपनी गांद का च्छेद मेरे लंड से भिड़ा दिया और अपनी गांद जब तक मेरे लंड पर दबाता चला गया तब तक की वापस मेरा पूरा लंड उसकी गांद में ना समा गया. एक बार फिर सतसट गांद मरवाने की क्रिया शुरू हो गई.

मुन्ना: "हाय मेरे गंदू भैया आपसे गांद मारा कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. आप अपने छ्होटे भाई की फूली फूली गांद मारने के शौकीन है तो आपका यह छ्होटा भाई भी अपने भैया के हल्लाबी लॉड का दीवाना है. भैया में तो तेरी रखैल हूँ. तुझसे अपनी गांद की खुजली मिटाने में मुझे बहुत मज़ा आता है." में बेड पर घुटनों के बाल चोपाया बने भाई पर सांड़ की तरह चढ़ा हुवा था और उसकी गांद में दनादन लंड पेल रहा था.

में: "अरे भाई तू मेरे लंड का शौकीन है तो में भी तेरी गांद का दीवाना हूँ. में मा जैसी मस्त और कड़क औरत को छोड़ता हूँ पर जब तक तेरी गांद नहीं मार लेता तब तक ऐसा लगता है जैसे की कहीं कुच्छ कमी रह गई है. देखो मा में कैसे तेरे छ्होटे बेटे की तेरे सामने ही गांद मार रहा हूँ और तेरा छ्होटा बेटा कैसे खुशी खुशी मेरे से मरवा रहा है. यह तेरा देवर है क्योंकि तू मेरी लुगाई है और साथ ही तेरी सौत भी है क्योंकि जैसे तुम मेरे से चुड़वति है वैसे ही यह मेरे से मरवाता है."
 
में: "मुन्ना आज तो तेरी गांद मार कर बहुत ही मज़ा आ रहा है. भाई में तो अब झड़ने वाला हूँ. देखना तू माको पूरी झाड़ कर ही झड़ना." यह कह मेने अपना लंड मुन्ना की गांद से निकाल लिया. में चिट हो कर माकी छूट के नीचे अपना मुख ले आया. माकी छूट में मुन्ना का लंड एक पिस्टन की तरह बहुत तेज़ी से आयेज पिच्चे हो रहा था. में जीभ से रस से लथपथ छूट की दीवारें चाटने लगा. उधर मेरा खड़ा लंड माके सामने था. मा उस पर झुक गई और उसे अपने मुख में लेने लगी. मा पूरी मेरे लंड पर झुक मेरे पुर लंड को अपने मुख में ले चूसने लगी और पिच्चे उसने अपनी गांद पूरी उभर दी. इससे उसकी छूट पूरी खुल गई और अजय का लंड फ़च्छ फ़च्छ करता हुवा छूट के अंदर बाहर होने लगा. तभी मेने मा के मुख में अपना रस छ्चोड़ना शुरू कर दिया. "ले लंड की भूखी मा अपने बेटे का रस पी. हा... में माके मुख में झाड़ रहा हूँ. ले चूस इसे और गतगत मेरा पूरा जूस पी जा....हाय.... मेरा माल बह रहा है. इसकी एक बूँद भी बर्बाद मत होने देना. हाय मेरी राधा रानी चूस अपने बेटे का लॉडा. हाय मेरी राधा जानू.... हाय मेरी लुगा....ईईईई." यह कहते कहते में माके मुख में झाड़ रहा था और मा भी मेरा सारा रस गतक रही थी. उधर में माके मुत्रा च्चिद्रा पर अपनी जीभ की नोक फिरा रहा था जिससे मा दुगनी मस्ती में आ गई. मेरा लंड का सारा रस पी कर माने मेरा लंड मुख से निकाल दिया.

मा: "हन.... विजय बेटे छातो मेरे मूतने के च्छेद को छातो.... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. में भी झाड़ रही हूँ. मेरी भी छूट से कुच्छ बहने लग गया है. देख आज भी यह छ्होटा तेरी माको कैसे कस कस के छोड़ रहा है. इस में और इसके लंड में बहुत ताक़त है. जितनी ताक़त इसकी गांद में बड़ा से बड़ा लंड झेलने की है उतनी ही ताक़त इसके लंड में चुड़दकड़ से चुड़दकड़ औरत को झाड़ देने की है. में तो ऐसे दो दो मस्त बेटों से मस्ती कर पूरी निहाल हो गई."

अजय: "हन मा में एक नंबर का गान्डू हूँ तो देख में एक नंबर का छोड़ू भी हूँ. देख मेने कैसे तुझ जैसी चुड़दकड़ और लूंदखोर औरत को झाड़ कर रख दिया है. ले झेल मेरे धक्के. में तेरी छूट को भाड़ सी भोसड़ी बना के छ्चोड़ दूँगा. ले अब तो में भी झाड़ रहा हूँ. में तो सारा माल तेरी छूट में ही गिरवँगा. नौ महीने बाद मेरे माल से अपने जैसी एक चुड़दकड़ बेटी पैदा कर देना. जब तुम बूढ़ी हो जाओगी तब वा हम दोनो भाइयों के काम आएगी. भैया देख में माकी छूट में झाड़ रहा हूँ." यह कहते कहते अजय भी माकी छूट में झड़ने लग गया. में माकी छूट और भाई के लंड का मिलाजुला रस जो भी छूट से बाहर आ रहा था उसे चाट रहा था. कुच्छ देर बाद यह सारा तूफान बिल्कुल शांत पद गया और हम तीनों बिस्तर पर निढाल हो गये.

मेरी नींद सुबह के समय ही खुली. मा अपने कमरे में जा चुकी थी और अजय नंगा पड़ा गहरी नींद में सो रहा था. हम तीनों मा बेटों में आपस में कोई परदा और भेद भाव नहीं रहा. दिन में सब की दिनचर्या सामान्या रहती और रात में नये नये तरीके से बिल्कुल बेबाक हो एक दूसरे से बिल्कुल बेशरम हो खुल के मस्ती करते.


समाप्त.
 
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