desiaks
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अपडेट-24
आज में घर कुच्छ जल्दी आ गया. माँ किचन में खाना बनाने का काम कर रही थी. में अपने रूम में आ गया और फ्रेश होकर नाइट ड्रेस
चेंज कर वापस टीवी के सामने बैठ गया. थोड़ी देर में माँ भी किचन का काम ख़तम कर मेरे पास आ कर बैठ गई.
में: "क्यों माँ, मुन्ना के आजाने से अब तुझे नींद नहीं आ रही होगी. कैसे काम चलाती हो? रात भर बिस्तर पर पड़ी इधर से उधर करवट बदलती रहती होगी और अपनी चूत में अंगुल पेलती रहती होगी. तेरे से ज़्यादा तो तेरी चूत की चिंता अब मुझे है. ऐसा करना कि आज तुम वापस सज धज कर पूरे दुल्हन वाले रूप में आना. देखना मुन्ना तुम्हें जब इस रूप में देखेगा तो हक्का बक्का हो जाएगा. वैसे भी दुल्हन
के रूप में तो तुम कयामत ढाती हो. याद हैना तेरी पहली बार तो मेने दुल्हन वाले रूप में ही ली थी. कैसे मेने तेरे एक एक करके
कपड़े उतारे थे और तुझे पूरी नंगी करके तेरी क्या जबरदस्त चुदाई की थी."
माँ: "चल बेशरम कहीं का. जब तक अजय यहाँ है, ऐसी बातें बिल्कुल नहीं. अजय को थोड़ी भी भनक नहीं लगनी चाहिए."
में: "तुझे बताया तो था कि अजय की तुम बिल्कुल चिंता मत करो. अजय तो अपने भैया का तेरे से भी ज़्यादा दीवाना है. वह तो मेरी खुशी
के लिए हरदम तैयार रहता है. तुझे मालूम है? मेरा पक्का लौंडा है वह." यह बात मेने माँ की आँखों में झाँक कर कही.
माँ: "तो क्या तूने यह भी शुरू कर रखा है? तभी अजय आजकल गहरी गहरी बातें करता है. कल मुझे अपने भैया की दुल्हन बनाने के लिए कितना ज़ोर लगा रहा था? में तो इसे उसकी नादानी समझ रही थी, अब पता चला कि वह नाटक तुम दोनो की मिलीभगत का नतीज़ा था. क्या सचमुच में तुम अजय के साथ लौंडेबाज़ी करते हो? कहाँ तो मेरा भोला सा सीधा साधा छोटा बेटा और कहाँ तुम एक नंबर का चालू. तो तूने अपने चिकने भाई को भी नहीं छोड़ा? यह तो मुझे शक़ था कि गाव में उसकी संगत कुच्छ लौंडेबाज़ किस्म के मर्दों से थी, पर तेरे
साथ वह इस हद तक खुल जाएगा, विश्वास नहीं होता. तेरी तो वह भगवान जैसी इज़्ज़त करता है. ज़रूर तूने उसके साथ ज़बरदस्ती की होगी और शरम के कारण अजय कुच्छ बोलता नहीं होगा. बेचारा मेरा मासूम बेटा. वह तेरा गधे सा मूसल कैसे झेलता होगा. बहुत ही शर्मीले किस्म का लड़का हैना, तेरे काम निपटाने तक चुपचाप पड़ा रहता होगा बेचारा."
में: "अरे माँ ऐसी बात बिल्कुल नहीं है. जानती हो अजय एक नंबर का गांडू है. तुझे चुदवाने का शायद जितना शौक़ नहीं होगा उससे ज़्यादा शौक उसे गान्ड मरवाने का है. में तो एक दिन सोया हुआ था तभी उसने मेरे लंड से अपनी गान्ड भिड़ा दी और मेरे लंड पर अपनी गान्ड दबाने लगा. एक तो मुन्ना एकदम मक्खन सा चिकना है, लड़कियों जैसा कमसिन है, औरतों जैसी मस्त भारी और फूली हुई गान्ड है और उपर से गान्ड मरवाने का पक्का शौकीन है. अब तू ही बता ऐसा मस्त लौंडा जब खुद अपनी गान्ड मेरे लंड पर दबाए तो में क्या ब्रह्मचारी बना
रह सकता था? मेने तो तेरी मस्त जवानी देख तुझे नहीं छोड़ा और आख़िर में तुझे अपने साथ सुला ही लिया फिर अजय तो मेरे साथ सोता ही है, उसे कैसे छोड़ देता? लेकिन मुन्ना भी ठीक तुम्हारी तरह मस्ती लेने का पूरा शौकीन है, भैया से खुल के मज़ा लेता है और भैया को भी पूरा मज़ा करवाता है."
माँ: "अभी तो तू कह रहा था कि तुम्हे मेरे से ज़्यादा मेरी चूत की चिंता है. मेरी फ़िक़ार लगी हुई थी कि में एक बार तेरा लंड लेलेने के बाद अब रात कैसे काटती होऊँगी. पर तेरे लंड को तो छोटे भाई की गुदाज गान्ड मारने को मिल रही है. तुझे मेरी चूत की कहाँ फिक़र है वह
तो अपने भाई की गान्ड के आगे तुझे याद भी नहीं आती होगी. तो तुम दोनो भाइयों की यह रास लीला कब से चल रही है?"
में: "देखो माँ इस मामले में तो मुन्ना ने तुम से बाज़ी मार ली. तुम तो इतनी मस्तानी चूत और गांद लेकर अंगुल करती ही रह गई थी. यह तो भला हो कि मेने ही अपनी तरफ से कोशिश की कि माँ को भी मुन्ना की तरह बड़े से लंड की ज़रूरत है और जब मेरे पास यह है तो क्यों ना माँ को दे दिया जाय? तेरी खुशी के लिए मुझे अपना लंड देने में भी कितने पापड बेलने पड़े तब कहीं जा कर में तुझे अपना लंड दे पाया. वहीं मुन्ना ने तो खुद मेरे लंड को अपनी गांद का रास्ता दिखा दिया और बेचारे लंड का क्या दोष उसे तो बिल दिखेगा तो वा तो उस में जाएगा ही."
आज में घर कुच्छ जल्दी आ गया. माँ किचन में खाना बनाने का काम कर रही थी. में अपने रूम में आ गया और फ्रेश होकर नाइट ड्रेस
चेंज कर वापस टीवी के सामने बैठ गया. थोड़ी देर में माँ भी किचन का काम ख़तम कर मेरे पास आ कर बैठ गई.
में: "क्यों माँ, मुन्ना के आजाने से अब तुझे नींद नहीं आ रही होगी. कैसे काम चलाती हो? रात भर बिस्तर पर पड़ी इधर से उधर करवट बदलती रहती होगी और अपनी चूत में अंगुल पेलती रहती होगी. तेरे से ज़्यादा तो तेरी चूत की चिंता अब मुझे है. ऐसा करना कि आज तुम वापस सज धज कर पूरे दुल्हन वाले रूप में आना. देखना मुन्ना तुम्हें जब इस रूप में देखेगा तो हक्का बक्का हो जाएगा. वैसे भी दुल्हन
के रूप में तो तुम कयामत ढाती हो. याद हैना तेरी पहली बार तो मेने दुल्हन वाले रूप में ही ली थी. कैसे मेने तेरे एक एक करके
कपड़े उतारे थे और तुझे पूरी नंगी करके तेरी क्या जबरदस्त चुदाई की थी."
माँ: "चल बेशरम कहीं का. जब तक अजय यहाँ है, ऐसी बातें बिल्कुल नहीं. अजय को थोड़ी भी भनक नहीं लगनी चाहिए."
में: "तुझे बताया तो था कि अजय की तुम बिल्कुल चिंता मत करो. अजय तो अपने भैया का तेरे से भी ज़्यादा दीवाना है. वह तो मेरी खुशी
के लिए हरदम तैयार रहता है. तुझे मालूम है? मेरा पक्का लौंडा है वह." यह बात मेने माँ की आँखों में झाँक कर कही.
माँ: "तो क्या तूने यह भी शुरू कर रखा है? तभी अजय आजकल गहरी गहरी बातें करता है. कल मुझे अपने भैया की दुल्हन बनाने के लिए कितना ज़ोर लगा रहा था? में तो इसे उसकी नादानी समझ रही थी, अब पता चला कि वह नाटक तुम दोनो की मिलीभगत का नतीज़ा था. क्या सचमुच में तुम अजय के साथ लौंडेबाज़ी करते हो? कहाँ तो मेरा भोला सा सीधा साधा छोटा बेटा और कहाँ तुम एक नंबर का चालू. तो तूने अपने चिकने भाई को भी नहीं छोड़ा? यह तो मुझे शक़ था कि गाव में उसकी संगत कुच्छ लौंडेबाज़ किस्म के मर्दों से थी, पर तेरे
साथ वह इस हद तक खुल जाएगा, विश्वास नहीं होता. तेरी तो वह भगवान जैसी इज़्ज़त करता है. ज़रूर तूने उसके साथ ज़बरदस्ती की होगी और शरम के कारण अजय कुच्छ बोलता नहीं होगा. बेचारा मेरा मासूम बेटा. वह तेरा गधे सा मूसल कैसे झेलता होगा. बहुत ही शर्मीले किस्म का लड़का हैना, तेरे काम निपटाने तक चुपचाप पड़ा रहता होगा बेचारा."
में: "अरे माँ ऐसी बात बिल्कुल नहीं है. जानती हो अजय एक नंबर का गांडू है. तुझे चुदवाने का शायद जितना शौक़ नहीं होगा उससे ज़्यादा शौक उसे गान्ड मरवाने का है. में तो एक दिन सोया हुआ था तभी उसने मेरे लंड से अपनी गान्ड भिड़ा दी और मेरे लंड पर अपनी गान्ड दबाने लगा. एक तो मुन्ना एकदम मक्खन सा चिकना है, लड़कियों जैसा कमसिन है, औरतों जैसी मस्त भारी और फूली हुई गान्ड है और उपर से गान्ड मरवाने का पक्का शौकीन है. अब तू ही बता ऐसा मस्त लौंडा जब खुद अपनी गान्ड मेरे लंड पर दबाए तो में क्या ब्रह्मचारी बना
रह सकता था? मेने तो तेरी मस्त जवानी देख तुझे नहीं छोड़ा और आख़िर में तुझे अपने साथ सुला ही लिया फिर अजय तो मेरे साथ सोता ही है, उसे कैसे छोड़ देता? लेकिन मुन्ना भी ठीक तुम्हारी तरह मस्ती लेने का पूरा शौकीन है, भैया से खुल के मज़ा लेता है और भैया को भी पूरा मज़ा करवाता है."
माँ: "अभी तो तू कह रहा था कि तुम्हे मेरे से ज़्यादा मेरी चूत की चिंता है. मेरी फ़िक़ार लगी हुई थी कि में एक बार तेरा लंड लेलेने के बाद अब रात कैसे काटती होऊँगी. पर तेरे लंड को तो छोटे भाई की गुदाज गान्ड मारने को मिल रही है. तुझे मेरी चूत की कहाँ फिक़र है वह
तो अपने भाई की गान्ड के आगे तुझे याद भी नहीं आती होगी. तो तुम दोनो भाइयों की यह रास लीला कब से चल रही है?"
में: "देखो माँ इस मामले में तो मुन्ना ने तुम से बाज़ी मार ली. तुम तो इतनी मस्तानी चूत और गांद लेकर अंगुल करती ही रह गई थी. यह तो भला हो कि मेने ही अपनी तरफ से कोशिश की कि माँ को भी मुन्ना की तरह बड़े से लंड की ज़रूरत है और जब मेरे पास यह है तो क्यों ना माँ को दे दिया जाय? तेरी खुशी के लिए मुझे अपना लंड देने में भी कितने पापड बेलने पड़े तब कहीं जा कर में तुझे अपना लंड दे पाया. वहीं मुन्ना ने तो खुद मेरे लंड को अपनी गांद का रास्ता दिखा दिया और बेचारे लंड का क्या दोष उसे तो बिल दिखेगा तो वा तो उस में जाएगा ही."