hotaks444
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तीन देवियाँ पार्ट -9
गतान्क से आगे..................
खाना खाने के बाद ऋतु कॉफी बना के ले आई और हम दोनो कॉफी पीने लगे और साथ ही मे उसकी छोटी छोटी चुचिओ को मसल्ने लगा और उसके थाइस को मसाज करने लगा तो वो बोली के अब कुछ नही बाबू प्लीज़ मेरा सारा बदन दुख रहा है इतनी बे-दरदी से तो तुम ने इतना बड़ा और मोटा लोहे जैसा डंडा मेरी छोटी सी चूत और गंद के दोनो सुराखो मे डाल दिया जिस से मेरा सारा बदन दुख रहा है तो मैं ने उसका हाथ पकड़ा के अपने लंड पे रख दिया जिसे उसने फॉरन ही अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिया और ऋतु से पूछा के बोल अब इसका क्या करू जो तेरी इतनी मस्त चूत और टाइट गंद को सल्यूट कर रहा है. ऋतु मुस्कुराते हुए बोली के मुझे पता है इसका क्या करना है और अपने हाथ मे मेरे लंड को पकड़ के ऊपेर नीचे करते हुए
वो मूठ मारने लगी और मैं उसकी चूत मे उंगली से मसाज करने लगा. उसकी चूत बोहोत ही गरम हो गई थी पर वो चुदवाने को रेडी नही हो रही थी मैं ने भी सोचा के अभी शालु को भी तो चोदना है इसी लिए ऋतु को अपने हाथो मे उठा के डाइनिंग टेबल पे ऐसे लिटा दिया जिस से उसकी टाँगें नीचे लटक रही थी और झुक के उसकी चूत पे किस किया तो फॉरन ही उसने अपनी टाँगें मेरे शोल्डर्स पे रख ली और मेरी नेक पे फोल्ड कर के मेरे सर को अपनी चूत मे खेच लिया और अपने हाथो से मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा दिया और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी. उसकी चूत ऐसी चुदाई के बाद अंदर से बोहोत ही लाल हो गई थी. अपनी ज़ुबान को गोल मोड़ के उसकी चूत के सुराख मे अंदर बाहर करने लगा जिस से वो कराहने लगी आआआआआआआहह ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआआब्ब्ब्ब्बु
उउउउउउउउउउ
हहाआआआआआऐईईईईईईईईई म्म्म्ममममममममीईईईईईईईईईई ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहहाआअद्द्द्दद्ड र्राअह्ह्ह्ह्हीईईई ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउ और उसका बदन टाइट हो गया और काँपने लगा और वो एक ही मिनिट के अंदर झड़ने लगी मुझे उसकी चूत से निकला जूस मीठा लग रहा था जिसे मैं मज़े से सारे का सारा जूस पी गया. जब उसका झड़ना ख़तम हो गया और उसकी आँखें खुल गई तो वो टेबल से नीचे उतार गई और मुझे चेर पे बिठा के खुद मेरे दोनो पैरों के बीचे मे घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने दोनो हाथो से पकड़ लिया फिर भी लंड का सूपड़ा और उसके हाथो से बाहर ही निकला हुआ था. लंड के सख़्त डंडे को जोश मे दबा रही थी और दोनो हाथो से मूठ मारते हुए लंड को गौर से देखते हुए बोलने लगी यह तो किसी घोड़े (हॉर्स) के लंड जैसा लंड है और मुझ से पूछने लगी के बाबू मुझे तो अभी तक यकीन नही हो रहा है के यह इतना बड़ा गधे जैसा लंड मेरी इतनी छोटी सी चूत मे कैसे घुस्स गया……. और फिर मूठ मारते मारते लंड के सूपदे पर अपनी जीभ फेरने लगी और फिर सूपदे को मूह मे ले के चूसने लगी और फिर देखते ही देखते पूरा लंड अपने मूह मे ले के चूसने लगी जिस से लंड का सूपड़ा उसके हलक तक चला गया.. मेरा लंड तो सॉफ्ट होने का नाम ही नही ले रहा था वो तो सुबह से ही आकड़ा हुआ था. जितनी देर वो मेरे लंड को चूस्ति रही मैं हाथ नीचे कर के उसकी छोटी छोटी बेबी एप्पल या गोल्फ बॉल के साइज़ की चुचिओ को मसल्ने लगा. अब लगता था के ऋतु लंड चूसने मे पर्फेक्ट हो गयी है और बड़ी अछी तरह से किसी प्रोफेशनल्स की तरह से मेरे चेहरे को अपनी बड़ी बड़ी आँखो से देखते हुए चूस रही थी जैसे सेक्स फिल्म मे आक्ट्रेस लंड चूस्ते हुए कॅमरा को या जिसका लंड चूस रही हो उसकी तरफ देखती है बिल्कुल उसी स्टाइल मे मुझे देख रही थी. उसके पर्फेक्षन से मेरे लंड मे भी
हल चल मचना शुरू हो गयी थी और मैं उसके सर को अपने हाथो से पकड़ के उसके मूह को चोद्ते चोद्ते उसके मूह मे ही अपनी गरम गरम मलाई की पिचकारियाँ छोड़ने लगा जिसे वो एक बूँद भी गिराए बिना ही बड़े मज़े से खा गई और अपने होंठो पे ज़बान फेरने लगी जिस से पता चलता था के मेरी मलाई कितनी टेस्टी है. जब मेरी मलाई पूरी तरह से निकल गई तो मैं आँखें बंद किए हुए चेर पे बैठा रहा.
थोड़ी देर के बाद मैं और ऋतु फिर से बाथरूम मे घुस गये और एक दूसरे को साबुन से रगड़ के नहाने लगे. शवर लेके बाहर निकल गये तो मैं ने उसको कहा ऋतु अभी तो 5 बज चुके है तू ऐसा कर कपड़े पहेन ले और रैन कोट पहेन के छाता (अंब्रेला) ले के शालु के पास चली जा और उस से बोल के मेरी मोम और डॅड बहेर गये थे और वापस नही आ सकेगे और रात को यही आ जाए और तेरे साथ रहे और सुन उसको कुछ बताया तो बुरा होगा ओके !! तो वो मुस्कुराने लगी और बोलने लगी क्यों बाबू अभी मेरी चूत आंड गंद फाड़ के जी नही भरा क्या जो अब शालु दीदी के पीछे पड़े हो तो मैं ने कहा के हा उसकी कुँवारी चूत की सील भी तो तोड़नी है ना तो ऋतु अपना मूह दबा के हस्ने लगी और बोली बड़े खराब हो बाबू तुम कितने लोगो की सील तोड़ोगे तो मैं ने कहा जितनी सील तोड़ुगा उतना ही लंड मज़बूत होगा और सच बताउ तो टाइट और कुँवारी चूत को चोदने का मज़ा ही कुछ और है और आज पहले मैं शालु को चोदुगा फिर हम दोनो मिल के शालु के साथ मज़ा करेगे तो वो मुस्कुराते हुए अपने कपड़े पहेन्ने लगी और बॅस अभी बाहर जाने के लिए रेडी हो रही थी के डोर की बेल बजी और मैं नंगा ही ऊपेर भाग गया और अपने कमरे मे घुस के कपड़े पहेन्ने लगा. ऋतु तो कपड़े पहेन ही चुकी थी उसने डोर खोला तो सामने शालु खड़ी थी. ऋतु उसे हैरानी से देखने लगी तो शालु बोली के ऐसे क्या देख रही है कभी देखा नही क्या तो उसने कहा के नही दीदी यह बात नही मैं बॅस अभी आप ही के पास आने वाली थी क्यॉंके आज मैं अकेली ही हू और मेम साहेब और साहेब बाहर गये थे उनकी कार बारिश की वजह से नही आ सकती इसी लिए वो वही गेस्ट हाउस मे रुक गये है तो मैं ने सोचा के आपको ही यहा बुला लू तो शालु बोली हा मुझे पता है आंटी ने मुझे फोन किया था और बोल दिया था के आज मैं यहा तेरे पास ही रहू इसी लिए मैं आई हू. मैं ऊपेर से सब सुन रहा था ऋतु और शालु की बातें सुन कर मेरे लंड मे नयी जान पड़ गयी थी और मेर लंड जो डोर की बेल सुन के ढीला पड़ रहा था शालु की मस्त जवानी और उसकी कुँवारी चूत के ख़याल से फिर से अकड़ने लगा और मैं अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगा.
दोस्तो अब तीसरी हसीना की भी सील टूटते हुए देखते हैं
शालु की चुदाइ
शालु अंब्रेला डोर के पास ही रख के अंदर आ गई और पूछा के राज कहा है तो ऋतु ने बोला के बाबू ऊपेर कमरे मे है क्या कर रहे है पता नही. मैं ऐसी पोज़िशन में था के मैं ऊपेर से दोनो को देख सकता था पर वो मुझे नही देख सकते थे तो शालु आगे बढ़ गई और ऋतु को अपनी बाहो मे ले के किस करने लगी और ऋतु ने भी उसका साथ दिया और दोनो टंग सकिंग किस करने लगे और देखते ही देखते दोनो इतने मूड मे आ गये कि खड़े खड़े ही अपनी चूते एक दूसरे से रगड़ने लगे और एक दूसरे की चूतदो पे हाथ फेरने लगे. मैं दिल ही दिल मे हस्ने लगा के चलो शालु गरम हो रही है और उसको चोदने मे ज़ियादा टाइम नही लगेगा. मैने अपने कमरे मे जा के वो फोटोस के एन्वेलप को टीवी वाले रूम की टेबल पे रख दिया और सामने वाली दीवार पे एक रर्फ्लियेक्टिव ग्लास वाली पैंटिंग लगा दिया जिस से मुझे सब दिखाई दे और प्लॅनिंग करने लगा के कैसे शालु की कुँवारी चूत की सील तोड़ू और कितना मज़ा आएगा जब वो चिल्लाएगी यही सोच सोच के मेरा लंड फुल्ली एरेक्ट हो गया और जोश मे हिलने लगा और शालु की चूत फाड़ने को मचलने लगा.
मैं थोड़ी देर के बाद अपने बॉक्सर्स शॉर्ट्स और टी-शर्ट मई ही नीचे उतर के आ गया और नीचे उतर ते उतरते ही ऋतु से पूछा के ऋतु कौन आया है तो उसने कहा के बाबू शालु दीदी आई है तो मैं ने कहा कहा और नीचे उतर आया. शालु अब तक चेर पे बैठ चुकी थी शाएद उनका वेलकम किस ख़तम हो गया था. शाम के तकरीबन 6 बज चुके थे और बारिश की वजह से अंधेरा बढ़ गया था लगता था जैसे रात के 10 बज गये हो. मैं ने शालु को हेलो बोला और ऋतु से बोला के हे ऋतु कॉफी तो बना दे तेरी शालु दीदी आई है. ऋतु कॉफी बना का ले आई और हम दोनो कॉफी पीने और इधर उधर की बातें करने लगे.
ऋतु डिन्नर की तय्यारी करने लगी. मैं ने शालु से पूछा के कोई ख़ास डिश खाने का मन करे तो बता देना तो उसने हँस के कहा कोई बात नही जो ऋतु बनाएगी मैं ख़ालूंगी तो मैने ने कहा ठीक है ऋतु जो तुम्हारे मन मे आए बना देना और फिर मैं
और शालु इधर उधर की बातें करने लगे कॉलेज की फिल्म्स की फिल्म स्टार्स की. नॉर्मली शालु तो फ्रेंड्ली नेचर की ही थी पर अनु के साथ रहते रहते वो भी मुझ से कम ही बात करती थी पर आज तो घर मे कोई भी नही था इसी लिए वो मुझसे खुल के बातें कर रही थी जैसे हम बोहोत पुराने दोस्त हो. तकरीबन 1 घंटा बातें करते रहे इसी टाइम पे ऋतु ने खाना टेबल पे लगा दिया और मैं ने ऋतु से कहा के चल आजा ऋतु तू भी यही हमारे साथ ही बैठ के खा ले तो वो भी बैठ गई और हम तीनो मिल के खाना खाने लगे और इधर उधर की बातें करने लगे. ऋतु को खाना बना ना उतना अछा नही आता था फिर भी उसने अछा टेस्टी ही बनाया था. तीनो ने मज़े से खाना खाया और फिर एक एक कप कॉफी के पिए इतनी देर मे ऑलमोस्ट 9 बज गये थे अब बारिश फिर से तेज़ हो गयी थी. खाना खाने के बाद भी कुछ देर तक डिन्नर टेबल पे बैठ के तीनो बातें करते रहे फिर ऋतु बर्तन धोने जाने लगी तो शालु बोली के चल ऋतु मैं भी तेरे साथ हेल्प करती हो दोनो मिल के जल्दी से बर्तन धो डालेगे तो ऋतु ने कहा नही दीदी आप ऊपेर जाओ और टीवी देखो मैं थोड़ी ही देर मे काम ख़तम कर के ऊपेर आती हू तो शालु नही मानी और दोनो मिल के बर्तन धोने लगे मैं नीचे ही चेर पे बैठा बारिश का मज़ा लेता रहा. थोड़ी देर मे दोनो फ्री हो गये तो मैं और शालु ऊपेर टीवी के रूम मे जाने लगे. मैं ऊपेर चढ़ते चढ़ते वापस नीचे आ गया और शालु से बोला के मैं फ्रिड्ज से कुछ चॉक्लेट ले के आता हू तुम ऊपेर चलो. शालु को मिल्क चॉक्लेट्स बोहोत पसंद थे. मैं नीचे उतर गया और शालु ऊपेर टीवी के रूम मे जा के टीवी ऑन करने लगी इतनी देर मे मैं ऋतु से बोला के देख ऋतु तू जल्दी ही ऊपेर आ जाना और टीवी देखते देखते नींद का बहाना कर के उठ जाना मैं शालु को देख लुगा तो वो मुस्कुराने लगी और मेरे आकड़ा हुआ लंड पकड़ के बोली के आज तो भगवान ही रक्षा करे शालु दीदी की तुम्हारे इस मूसल से तो मैं ने उसके चूतदो पे एक धीरे से मारा और बोला के चल अब जल्दी से काम ख़तम कर के ऊपेर आ जा और मैं चॉक्लेट्स ले के ऊपेर टीवी रूम मे चला गया.
मैने फोटोस वाले एन्वेलप को एक न्यूज़ पेपर के नीचे रख दिया था इसी लिए शालु को वो इमीडीयेट्ली नज़र नही आया और मेरे ऊपेर आने तक वो टीवी ऑन करके इंग्लीश फिल्म देखने लगी थी. फिल्म काफ़ी रोमॅंटिक थी. कुछ आछे ख़ासे डीप किस्सिंग के सीन्स भी थे. शालु बड़े टू सीटर वाले सोफे पे बैठी थी. सोफा अछा ख़ासा डीप और कंफर्टबल था जिसके हॅंड रेस्ट बोहोत मोटे मोटे थे. हॅंड रेस्ट इतने ऊँचे थे के दूसरे सोफे पे बैठने वाले को पता नही चलता थे के दूसरे सोफे मे क्या हो रहा है लैकिन शालु अपनी आदत के मुताबिक जब अपने हाथ उठा ती और बगल दिखती तो मुझे उसके ऊपेर उठे हाथ
दिखाई देते और उसकी बगल मे लगे रोल ऑन पर्फ्यूम की खुश्बू भी आ जाती. मैं उसके पास ही पड़े सिंगल सीटर सोफे पे बैठ गया और दोनो फिल्म देखने लगे. कभी कभी फिल्म के सीन्स के बारे मे कॉमेंट्स भी कर लेते. थोड़ी ही देर मे ऋतु काम ख़तम करके ऊपेर आ गयी और शालु के पास ही सोफे पे बैठ गयी और फिल्म देखने लगी. ऋतु 9थ क्लास पास थी इसी लिए उसको इंग्लीश उतनी अछी तरह से समझ मे नही आ रही थी पर वो भी रोमॅंटिक सीन्स का मज़ा लेने लगी. शालु ने सेंटर टेबल अपने सोफे के करीब खेच लिया और उस पे ऐसे पैर रख लिया के उसके घुटने मूड गये मैं ने सामने वाले ग्लास के फ्रेम से देखा के शालु और ऋतु रोमॅंटिक और किस्सिंग सीन्स देख के गरम हो गये थे और एक दूसरे के हाथो को दबा रहे थे तो शालु कभी ऐसे अपने आप को अड्जस्ट करती के मुझे कुछ नज़र नही आए पर उसे क्या पता के मैं पहले से अड्जस्ट किए हुए फोटो फ्रेम से वो सब सॉफ देख रहा हू जो वो छुपाना चाहती है. जब शालु को यकीन हो गया के सोफे के इतने बड़े और मोटे हॅंड रेस्ट से मुझे कुछ नज़र नही आएगा तो वो ऋतु की चूत पे हाथ रख के दबाने लगी और ऋतु ने भी शालु की पतले कपड़े वाली सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया जिस से शालु अपनी टाँगें खोल के बैठ गई और वो अपनी गरम और गीली चूत पे ऋतु के छोटे छोटे हाथो का मज़ा लेने लगी. मैं सामने वाले ग्लास मे यह तमाशा देखता रहा फिर बोला के लाइट कुछ ज़ियादा ही हो गयी है अगर शालु और ऋतु कोई माइंड नही करे तो कमरे की लाइट बंद कर देते है और टीवी की रोशनी मे ही फिल्म देखेंगे तो दोनो खुश हो गये और कहा हा यह ठीक है. लाइट के बंद होते ही शालु ने अपने सलवार का नाडा धीरे से खोल डाला और ऋतु का हाथ पकड़ के अपनी सलवार के अंदर घुसा दिया जिस से ऋतु उसकी नंगी चूत का मसाज करने लगी और शालु का हाथ ऋतु की सलवार के अंदर घुस्स गया और दोनो एक दूसरे की चूतो का मसाज करने लगे जिसे देख के मेरे लंड मे इतना पवरफुल एरेक्षन आ गया के मुझे दरद होने लगा पर क्या करता प्लान को एक्सेक्यूट करने मे थोड़ा और सबर करना था इसी लिए खामोश शालु और ऋतु के मसाज का तमाशा देखता रहा.
कमरे की लाइट्स बंद कर के हम तीनो फिल्म देखने लगे अब शालु और ऋतु एक दूसरे के साथ बिंदास मस्तियाँ कर रहे थे और समझ रहे थे के मुझे कुछ नही दिखाई दे रहा है जबके मैं उन दोनो की एक एक मूव्मेंट को बड़ी अछी तरह से देख रहा था और मैं पोज़ भी ऐसे ही कर रहा था जैसे मुझे कुछ भी नही मालूम के वो दोनो क्या कर रहे है और जैसे मैं फिल्म देखने मे ही बिज़ी हू. थोड़ी ही देर मे शालु का सर सोफे के
बॅकसाइड से लग गया और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी शाएद उसकी आँखें भी बंद हो चुकी थी. कमरे मे दोनो की चूत से निकले रस की सुगंध फैल गयी थी जिस से मेरे लंड मे कुछ ज़ियादा ही सख्ती आ गयी थी और लंड बोहोत ज़ोर से आकड़ा हुआ था. चूत के रस की सुगंध से लगता था के ऋतु और शालु दोनो ही झाड़ चुके थे. शालु तो बोहोत दीनो बाद मिली थी ऋतु से इसी लिए शाएद वो अपने चूत मे उंगली डलवा के मसाज करने की और झड़ने के लिए उतावली हो रही थी और इतना ख़याल नही रखा के मैं कमरे मे हू. सोफा डीप था इसी लिए उसको यकीन था के मैं कुछ नही देख सकता और वो जल्दी से अपनी सलवार का नाडा बाँधने लगी इतनी देर मे ऋतु बाथरूम मे चली गई और फिर बाथरूम से उसकी छोटी चूत मे से निकलती सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करके मूतने की आवाज़ आने लगी मुझे उसकी चूत से निकलते पिशाब की म्यूज़िक बड़ी सुरीली लगी. ऋतु बाथरूम से निकल के वापस अपनी जगह पर बैठ गई और फिल्म देखने लगी. थोड़ी ही देर मे शालु भी उठ के बाथरूम मे चली गई तो मैं ने ऋतु से कहा के अब तेरा काम ख़तम हो गया है तू जा के सो जा तो ऋतु बोली के बाबू मुझे भी देखने दो ना के तुम शालु दीदी की सील कैसे तोड़ ते हो तो मैं ने एक मिनिट के लिए सोचा और बोला के ठीक है तू नींद का बहाना करके उधर वाले बेड पे जा के सो जा मैं ने इशारे से कोने मे रखे बेड की तरफ इशारा करते हुए कहा और थोड़ी देर मे सोने का नाटक करने लग जा. अगर तेरी शालु दीदी को इसी कमरे मे चोदा तो देख लेना और अगर अपने कमरे मे ले के गया तो तू इस विंडो से झाँक लेना तो ऋतु जल्दी से अपनी जगह से उठी और दोनो कमरे के बीच वाली विंडो को खोल दिया और शालु के बाथरूम से वापस आने से पहले ही अपनी जगह पे आ के बैठ गई. बारिश फिर से तेज़ हो गयी थी ऐसा लगता था के यह रात भर होने वाली है कभी कभी बिजली भी चमक जाती जिस से थंडर की खोफ़नक आवाज़ भी आजाती. बारिश कभी एक दम से तेज़ हो जाती कभी धीमी पर कंटिन्यू हो रही थी जिस से हवा भी कुछ ठंडी हो गई थी कमरे के डोर्स बंद थे इसी लिए हमारा कमरा अंदर से अछा ख़ासा गरम ही था.
शालु वापस अपनी जगह आ के बैठ गई तो थोड़ी ही देर मे जब फिल्म के बीच मे कमर्षियल ब्रेक आया तो ऋतु बोली के दीदी मुझे बोहोत नींद आ रही है तो शालु बोली के ठहर ना थोड़ी देर फिल्म ख़तम हो जाए तो सो जाएँगे तो ऋतु बोली के दीदी मैं यही बेड पे लेट जाती हू आप फिल्म देखो जब बाबू वापस अपने कमरे मे चले जाए तो आप यही आ जाना मेरे पास हम दोनो एक ही बेड पे सो जाएगे तो शालु बोली के ठीक है तू बेड पे लेट जा मैं यही हू और फिल्म भी इंट्रेस्टिंग है और मैं आज दोपेहेर
मे काफ़ी देर तक सो के उठी हू इसी लिए मुझे अभी नींद नही आ रही है.
मैं खामोशी से सुनता रहा कुछ बोला नही. ऋतु सोफे से उठ गयी और कमरे के दूसरी तरह पड़े बेड पे जा के लेट गयी. ऋतु की चुदाई सुबह से चल रही थी उसकी चूत और गंद दोनो फॅट चुके थे तो वो सच मे टाइयर्ड हो गयी थी और बेड पे लेट ते ही खर्राटे मार के सो गयी.
गतान्क से आगे..................
खाना खाने के बाद ऋतु कॉफी बना के ले आई और हम दोनो कॉफी पीने लगे और साथ ही मे उसकी छोटी छोटी चुचिओ को मसल्ने लगा और उसके थाइस को मसाज करने लगा तो वो बोली के अब कुछ नही बाबू प्लीज़ मेरा सारा बदन दुख रहा है इतनी बे-दरदी से तो तुम ने इतना बड़ा और मोटा लोहे जैसा डंडा मेरी छोटी सी चूत और गंद के दोनो सुराखो मे डाल दिया जिस से मेरा सारा बदन दुख रहा है तो मैं ने उसका हाथ पकड़ा के अपने लंड पे रख दिया जिसे उसने फॉरन ही अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिया और ऋतु से पूछा के बोल अब इसका क्या करू जो तेरी इतनी मस्त चूत और टाइट गंद को सल्यूट कर रहा है. ऋतु मुस्कुराते हुए बोली के मुझे पता है इसका क्या करना है और अपने हाथ मे मेरे लंड को पकड़ के ऊपेर नीचे करते हुए
वो मूठ मारने लगी और मैं उसकी चूत मे उंगली से मसाज करने लगा. उसकी चूत बोहोत ही गरम हो गई थी पर वो चुदवाने को रेडी नही हो रही थी मैं ने भी सोचा के अभी शालु को भी तो चोदना है इसी लिए ऋतु को अपने हाथो मे उठा के डाइनिंग टेबल पे ऐसे लिटा दिया जिस से उसकी टाँगें नीचे लटक रही थी और झुक के उसकी चूत पे किस किया तो फॉरन ही उसने अपनी टाँगें मेरे शोल्डर्स पे रख ली और मेरी नेक पे फोल्ड कर के मेरे सर को अपनी चूत मे खेच लिया और अपने हाथो से मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा दिया और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी. उसकी चूत ऐसी चुदाई के बाद अंदर से बोहोत ही लाल हो गई थी. अपनी ज़ुबान को गोल मोड़ के उसकी चूत के सुराख मे अंदर बाहर करने लगा जिस से वो कराहने लगी आआआआआआआहह ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआआब्ब्ब्ब्बु
उउउउउउउउउउ
हहाआआआआआऐईईईईईईईईई म्म्म्ममममममममीईईईईईईईईईई ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहहाआअद्द्द्दद्ड र्राअह्ह्ह्ह्हीईईई ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउ और उसका बदन टाइट हो गया और काँपने लगा और वो एक ही मिनिट के अंदर झड़ने लगी मुझे उसकी चूत से निकला जूस मीठा लग रहा था जिसे मैं मज़े से सारे का सारा जूस पी गया. जब उसका झड़ना ख़तम हो गया और उसकी आँखें खुल गई तो वो टेबल से नीचे उतार गई और मुझे चेर पे बिठा के खुद मेरे दोनो पैरों के बीचे मे घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने दोनो हाथो से पकड़ लिया फिर भी लंड का सूपड़ा और उसके हाथो से बाहर ही निकला हुआ था. लंड के सख़्त डंडे को जोश मे दबा रही थी और दोनो हाथो से मूठ मारते हुए लंड को गौर से देखते हुए बोलने लगी यह तो किसी घोड़े (हॉर्स) के लंड जैसा लंड है और मुझ से पूछने लगी के बाबू मुझे तो अभी तक यकीन नही हो रहा है के यह इतना बड़ा गधे जैसा लंड मेरी इतनी छोटी सी चूत मे कैसे घुस्स गया……. और फिर मूठ मारते मारते लंड के सूपदे पर अपनी जीभ फेरने लगी और फिर सूपदे को मूह मे ले के चूसने लगी और फिर देखते ही देखते पूरा लंड अपने मूह मे ले के चूसने लगी जिस से लंड का सूपड़ा उसके हलक तक चला गया.. मेरा लंड तो सॉफ्ट होने का नाम ही नही ले रहा था वो तो सुबह से ही आकड़ा हुआ था. जितनी देर वो मेरे लंड को चूस्ति रही मैं हाथ नीचे कर के उसकी छोटी छोटी बेबी एप्पल या गोल्फ बॉल के साइज़ की चुचिओ को मसल्ने लगा. अब लगता था के ऋतु लंड चूसने मे पर्फेक्ट हो गयी है और बड़ी अछी तरह से किसी प्रोफेशनल्स की तरह से मेरे चेहरे को अपनी बड़ी बड़ी आँखो से देखते हुए चूस रही थी जैसे सेक्स फिल्म मे आक्ट्रेस लंड चूस्ते हुए कॅमरा को या जिसका लंड चूस रही हो उसकी तरफ देखती है बिल्कुल उसी स्टाइल मे मुझे देख रही थी. उसके पर्फेक्षन से मेरे लंड मे भी
हल चल मचना शुरू हो गयी थी और मैं उसके सर को अपने हाथो से पकड़ के उसके मूह को चोद्ते चोद्ते उसके मूह मे ही अपनी गरम गरम मलाई की पिचकारियाँ छोड़ने लगा जिसे वो एक बूँद भी गिराए बिना ही बड़े मज़े से खा गई और अपने होंठो पे ज़बान फेरने लगी जिस से पता चलता था के मेरी मलाई कितनी टेस्टी है. जब मेरी मलाई पूरी तरह से निकल गई तो मैं आँखें बंद किए हुए चेर पे बैठा रहा.
थोड़ी देर के बाद मैं और ऋतु फिर से बाथरूम मे घुस गये और एक दूसरे को साबुन से रगड़ के नहाने लगे. शवर लेके बाहर निकल गये तो मैं ने उसको कहा ऋतु अभी तो 5 बज चुके है तू ऐसा कर कपड़े पहेन ले और रैन कोट पहेन के छाता (अंब्रेला) ले के शालु के पास चली जा और उस से बोल के मेरी मोम और डॅड बहेर गये थे और वापस नही आ सकेगे और रात को यही आ जाए और तेरे साथ रहे और सुन उसको कुछ बताया तो बुरा होगा ओके !! तो वो मुस्कुराने लगी और बोलने लगी क्यों बाबू अभी मेरी चूत आंड गंद फाड़ के जी नही भरा क्या जो अब शालु दीदी के पीछे पड़े हो तो मैं ने कहा के हा उसकी कुँवारी चूत की सील भी तो तोड़नी है ना तो ऋतु अपना मूह दबा के हस्ने लगी और बोली बड़े खराब हो बाबू तुम कितने लोगो की सील तोड़ोगे तो मैं ने कहा जितनी सील तोड़ुगा उतना ही लंड मज़बूत होगा और सच बताउ तो टाइट और कुँवारी चूत को चोदने का मज़ा ही कुछ और है और आज पहले मैं शालु को चोदुगा फिर हम दोनो मिल के शालु के साथ मज़ा करेगे तो वो मुस्कुराते हुए अपने कपड़े पहेन्ने लगी और बॅस अभी बाहर जाने के लिए रेडी हो रही थी के डोर की बेल बजी और मैं नंगा ही ऊपेर भाग गया और अपने कमरे मे घुस के कपड़े पहेन्ने लगा. ऋतु तो कपड़े पहेन ही चुकी थी उसने डोर खोला तो सामने शालु खड़ी थी. ऋतु उसे हैरानी से देखने लगी तो शालु बोली के ऐसे क्या देख रही है कभी देखा नही क्या तो उसने कहा के नही दीदी यह बात नही मैं बॅस अभी आप ही के पास आने वाली थी क्यॉंके आज मैं अकेली ही हू और मेम साहेब और साहेब बाहर गये थे उनकी कार बारिश की वजह से नही आ सकती इसी लिए वो वही गेस्ट हाउस मे रुक गये है तो मैं ने सोचा के आपको ही यहा बुला लू तो शालु बोली हा मुझे पता है आंटी ने मुझे फोन किया था और बोल दिया था के आज मैं यहा तेरे पास ही रहू इसी लिए मैं आई हू. मैं ऊपेर से सब सुन रहा था ऋतु और शालु की बातें सुन कर मेरे लंड मे नयी जान पड़ गयी थी और मेर लंड जो डोर की बेल सुन के ढीला पड़ रहा था शालु की मस्त जवानी और उसकी कुँवारी चूत के ख़याल से फिर से अकड़ने लगा और मैं अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगा.
दोस्तो अब तीसरी हसीना की भी सील टूटते हुए देखते हैं
शालु की चुदाइ
शालु अंब्रेला डोर के पास ही रख के अंदर आ गई और पूछा के राज कहा है तो ऋतु ने बोला के बाबू ऊपेर कमरे मे है क्या कर रहे है पता नही. मैं ऐसी पोज़िशन में था के मैं ऊपेर से दोनो को देख सकता था पर वो मुझे नही देख सकते थे तो शालु आगे बढ़ गई और ऋतु को अपनी बाहो मे ले के किस करने लगी और ऋतु ने भी उसका साथ दिया और दोनो टंग सकिंग किस करने लगे और देखते ही देखते दोनो इतने मूड मे आ गये कि खड़े खड़े ही अपनी चूते एक दूसरे से रगड़ने लगे और एक दूसरे की चूतदो पे हाथ फेरने लगे. मैं दिल ही दिल मे हस्ने लगा के चलो शालु गरम हो रही है और उसको चोदने मे ज़ियादा टाइम नही लगेगा. मैने अपने कमरे मे जा के वो फोटोस के एन्वेलप को टीवी वाले रूम की टेबल पे रख दिया और सामने वाली दीवार पे एक रर्फ्लियेक्टिव ग्लास वाली पैंटिंग लगा दिया जिस से मुझे सब दिखाई दे और प्लॅनिंग करने लगा के कैसे शालु की कुँवारी चूत की सील तोड़ू और कितना मज़ा आएगा जब वो चिल्लाएगी यही सोच सोच के मेरा लंड फुल्ली एरेक्ट हो गया और जोश मे हिलने लगा और शालु की चूत फाड़ने को मचलने लगा.
मैं थोड़ी देर के बाद अपने बॉक्सर्स शॉर्ट्स और टी-शर्ट मई ही नीचे उतर के आ गया और नीचे उतर ते उतरते ही ऋतु से पूछा के ऋतु कौन आया है तो उसने कहा के बाबू शालु दीदी आई है तो मैं ने कहा कहा और नीचे उतर आया. शालु अब तक चेर पे बैठ चुकी थी शाएद उनका वेलकम किस ख़तम हो गया था. शाम के तकरीबन 6 बज चुके थे और बारिश की वजह से अंधेरा बढ़ गया था लगता था जैसे रात के 10 बज गये हो. मैं ने शालु को हेलो बोला और ऋतु से बोला के हे ऋतु कॉफी तो बना दे तेरी शालु दीदी आई है. ऋतु कॉफी बना का ले आई और हम दोनो कॉफी पीने और इधर उधर की बातें करने लगे.
ऋतु डिन्नर की तय्यारी करने लगी. मैं ने शालु से पूछा के कोई ख़ास डिश खाने का मन करे तो बता देना तो उसने हँस के कहा कोई बात नही जो ऋतु बनाएगी मैं ख़ालूंगी तो मैने ने कहा ठीक है ऋतु जो तुम्हारे मन मे आए बना देना और फिर मैं
और शालु इधर उधर की बातें करने लगे कॉलेज की फिल्म्स की फिल्म स्टार्स की. नॉर्मली शालु तो फ्रेंड्ली नेचर की ही थी पर अनु के साथ रहते रहते वो भी मुझ से कम ही बात करती थी पर आज तो घर मे कोई भी नही था इसी लिए वो मुझसे खुल के बातें कर रही थी जैसे हम बोहोत पुराने दोस्त हो. तकरीबन 1 घंटा बातें करते रहे इसी टाइम पे ऋतु ने खाना टेबल पे लगा दिया और मैं ने ऋतु से कहा के चल आजा ऋतु तू भी यही हमारे साथ ही बैठ के खा ले तो वो भी बैठ गई और हम तीनो मिल के खाना खाने लगे और इधर उधर की बातें करने लगे. ऋतु को खाना बना ना उतना अछा नही आता था फिर भी उसने अछा टेस्टी ही बनाया था. तीनो ने मज़े से खाना खाया और फिर एक एक कप कॉफी के पिए इतनी देर मे ऑलमोस्ट 9 बज गये थे अब बारिश फिर से तेज़ हो गयी थी. खाना खाने के बाद भी कुछ देर तक डिन्नर टेबल पे बैठ के तीनो बातें करते रहे फिर ऋतु बर्तन धोने जाने लगी तो शालु बोली के चल ऋतु मैं भी तेरे साथ हेल्प करती हो दोनो मिल के जल्दी से बर्तन धो डालेगे तो ऋतु ने कहा नही दीदी आप ऊपेर जाओ और टीवी देखो मैं थोड़ी ही देर मे काम ख़तम कर के ऊपेर आती हू तो शालु नही मानी और दोनो मिल के बर्तन धोने लगे मैं नीचे ही चेर पे बैठा बारिश का मज़ा लेता रहा. थोड़ी देर मे दोनो फ्री हो गये तो मैं और शालु ऊपेर टीवी के रूम मे जाने लगे. मैं ऊपेर चढ़ते चढ़ते वापस नीचे आ गया और शालु से बोला के मैं फ्रिड्ज से कुछ चॉक्लेट ले के आता हू तुम ऊपेर चलो. शालु को मिल्क चॉक्लेट्स बोहोत पसंद थे. मैं नीचे उतर गया और शालु ऊपेर टीवी के रूम मे जा के टीवी ऑन करने लगी इतनी देर मे मैं ऋतु से बोला के देख ऋतु तू जल्दी ही ऊपेर आ जाना और टीवी देखते देखते नींद का बहाना कर के उठ जाना मैं शालु को देख लुगा तो वो मुस्कुराने लगी और मेरे आकड़ा हुआ लंड पकड़ के बोली के आज तो भगवान ही रक्षा करे शालु दीदी की तुम्हारे इस मूसल से तो मैं ने उसके चूतदो पे एक धीरे से मारा और बोला के चल अब जल्दी से काम ख़तम कर के ऊपेर आ जा और मैं चॉक्लेट्स ले के ऊपेर टीवी रूम मे चला गया.
मैने फोटोस वाले एन्वेलप को एक न्यूज़ पेपर के नीचे रख दिया था इसी लिए शालु को वो इमीडीयेट्ली नज़र नही आया और मेरे ऊपेर आने तक वो टीवी ऑन करके इंग्लीश फिल्म देखने लगी थी. फिल्म काफ़ी रोमॅंटिक थी. कुछ आछे ख़ासे डीप किस्सिंग के सीन्स भी थे. शालु बड़े टू सीटर वाले सोफे पे बैठी थी. सोफा अछा ख़ासा डीप और कंफर्टबल था जिसके हॅंड रेस्ट बोहोत मोटे मोटे थे. हॅंड रेस्ट इतने ऊँचे थे के दूसरे सोफे पे बैठने वाले को पता नही चलता थे के दूसरे सोफे मे क्या हो रहा है लैकिन शालु अपनी आदत के मुताबिक जब अपने हाथ उठा ती और बगल दिखती तो मुझे उसके ऊपेर उठे हाथ
दिखाई देते और उसकी बगल मे लगे रोल ऑन पर्फ्यूम की खुश्बू भी आ जाती. मैं उसके पास ही पड़े सिंगल सीटर सोफे पे बैठ गया और दोनो फिल्म देखने लगे. कभी कभी फिल्म के सीन्स के बारे मे कॉमेंट्स भी कर लेते. थोड़ी ही देर मे ऋतु काम ख़तम करके ऊपेर आ गयी और शालु के पास ही सोफे पे बैठ गयी और फिल्म देखने लगी. ऋतु 9थ क्लास पास थी इसी लिए उसको इंग्लीश उतनी अछी तरह से समझ मे नही आ रही थी पर वो भी रोमॅंटिक सीन्स का मज़ा लेने लगी. शालु ने सेंटर टेबल अपने सोफे के करीब खेच लिया और उस पे ऐसे पैर रख लिया के उसके घुटने मूड गये मैं ने सामने वाले ग्लास के फ्रेम से देखा के शालु और ऋतु रोमॅंटिक और किस्सिंग सीन्स देख के गरम हो गये थे और एक दूसरे के हाथो को दबा रहे थे तो शालु कभी ऐसे अपने आप को अड्जस्ट करती के मुझे कुछ नज़र नही आए पर उसे क्या पता के मैं पहले से अड्जस्ट किए हुए फोटो फ्रेम से वो सब सॉफ देख रहा हू जो वो छुपाना चाहती है. जब शालु को यकीन हो गया के सोफे के इतने बड़े और मोटे हॅंड रेस्ट से मुझे कुछ नज़र नही आएगा तो वो ऋतु की चूत पे हाथ रख के दबाने लगी और ऋतु ने भी शालु की पतले कपड़े वाली सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया जिस से शालु अपनी टाँगें खोल के बैठ गई और वो अपनी गरम और गीली चूत पे ऋतु के छोटे छोटे हाथो का मज़ा लेने लगी. मैं सामने वाले ग्लास मे यह तमाशा देखता रहा फिर बोला के लाइट कुछ ज़ियादा ही हो गयी है अगर शालु और ऋतु कोई माइंड नही करे तो कमरे की लाइट बंद कर देते है और टीवी की रोशनी मे ही फिल्म देखेंगे तो दोनो खुश हो गये और कहा हा यह ठीक है. लाइट के बंद होते ही शालु ने अपने सलवार का नाडा धीरे से खोल डाला और ऋतु का हाथ पकड़ के अपनी सलवार के अंदर घुसा दिया जिस से ऋतु उसकी नंगी चूत का मसाज करने लगी और शालु का हाथ ऋतु की सलवार के अंदर घुस्स गया और दोनो एक दूसरे की चूतो का मसाज करने लगे जिसे देख के मेरे लंड मे इतना पवरफुल एरेक्षन आ गया के मुझे दरद होने लगा पर क्या करता प्लान को एक्सेक्यूट करने मे थोड़ा और सबर करना था इसी लिए खामोश शालु और ऋतु के मसाज का तमाशा देखता रहा.
कमरे की लाइट्स बंद कर के हम तीनो फिल्म देखने लगे अब शालु और ऋतु एक दूसरे के साथ बिंदास मस्तियाँ कर रहे थे और समझ रहे थे के मुझे कुछ नही दिखाई दे रहा है जबके मैं उन दोनो की एक एक मूव्मेंट को बड़ी अछी तरह से देख रहा था और मैं पोज़ भी ऐसे ही कर रहा था जैसे मुझे कुछ भी नही मालूम के वो दोनो क्या कर रहे है और जैसे मैं फिल्म देखने मे ही बिज़ी हू. थोड़ी ही देर मे शालु का सर सोफे के
बॅकसाइड से लग गया और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी शाएद उसकी आँखें भी बंद हो चुकी थी. कमरे मे दोनो की चूत से निकले रस की सुगंध फैल गयी थी जिस से मेरे लंड मे कुछ ज़ियादा ही सख्ती आ गयी थी और लंड बोहोत ज़ोर से आकड़ा हुआ था. चूत के रस की सुगंध से लगता था के ऋतु और शालु दोनो ही झाड़ चुके थे. शालु तो बोहोत दीनो बाद मिली थी ऋतु से इसी लिए शाएद वो अपने चूत मे उंगली डलवा के मसाज करने की और झड़ने के लिए उतावली हो रही थी और इतना ख़याल नही रखा के मैं कमरे मे हू. सोफा डीप था इसी लिए उसको यकीन था के मैं कुछ नही देख सकता और वो जल्दी से अपनी सलवार का नाडा बाँधने लगी इतनी देर मे ऋतु बाथरूम मे चली गई और फिर बाथरूम से उसकी छोटी चूत मे से निकलती सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करके मूतने की आवाज़ आने लगी मुझे उसकी चूत से निकलते पिशाब की म्यूज़िक बड़ी सुरीली लगी. ऋतु बाथरूम से निकल के वापस अपनी जगह पर बैठ गई और फिल्म देखने लगी. थोड़ी ही देर मे शालु भी उठ के बाथरूम मे चली गई तो मैं ने ऋतु से कहा के अब तेरा काम ख़तम हो गया है तू जा के सो जा तो ऋतु बोली के बाबू मुझे भी देखने दो ना के तुम शालु दीदी की सील कैसे तोड़ ते हो तो मैं ने एक मिनिट के लिए सोचा और बोला के ठीक है तू नींद का बहाना करके उधर वाले बेड पे जा के सो जा मैं ने इशारे से कोने मे रखे बेड की तरफ इशारा करते हुए कहा और थोड़ी देर मे सोने का नाटक करने लग जा. अगर तेरी शालु दीदी को इसी कमरे मे चोदा तो देख लेना और अगर अपने कमरे मे ले के गया तो तू इस विंडो से झाँक लेना तो ऋतु जल्दी से अपनी जगह से उठी और दोनो कमरे के बीच वाली विंडो को खोल दिया और शालु के बाथरूम से वापस आने से पहले ही अपनी जगह पे आ के बैठ गई. बारिश फिर से तेज़ हो गयी थी ऐसा लगता था के यह रात भर होने वाली है कभी कभी बिजली भी चमक जाती जिस से थंडर की खोफ़नक आवाज़ भी आजाती. बारिश कभी एक दम से तेज़ हो जाती कभी धीमी पर कंटिन्यू हो रही थी जिस से हवा भी कुछ ठंडी हो गई थी कमरे के डोर्स बंद थे इसी लिए हमारा कमरा अंदर से अछा ख़ासा गरम ही था.
शालु वापस अपनी जगह आ के बैठ गई तो थोड़ी ही देर मे जब फिल्म के बीच मे कमर्षियल ब्रेक आया तो ऋतु बोली के दीदी मुझे बोहोत नींद आ रही है तो शालु बोली के ठहर ना थोड़ी देर फिल्म ख़तम हो जाए तो सो जाएँगे तो ऋतु बोली के दीदी मैं यही बेड पे लेट जाती हू आप फिल्म देखो जब बाबू वापस अपने कमरे मे चले जाए तो आप यही आ जाना मेरे पास हम दोनो एक ही बेड पे सो जाएगे तो शालु बोली के ठीक है तू बेड पे लेट जा मैं यही हू और फिल्म भी इंट्रेस्टिंग है और मैं आज दोपेहेर
मे काफ़ी देर तक सो के उठी हू इसी लिए मुझे अभी नींद नही आ रही है.
मैं खामोशी से सुनता रहा कुछ बोला नही. ऋतु सोफे से उठ गयी और कमरे के दूसरी तरह पड़े बेड पे जा के लेट गयी. ऋतु की चुदाई सुबह से चल रही थी उसकी चूत और गंद दोनो फॅट चुके थे तो वो सच मे टाइयर्ड हो गयी थी और बेड पे लेट ते ही खर्राटे मार के सो गयी.