desiaks
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नेहा- “मगर गाण्ड तुझे दिख सकती है..” ये बोलकर नेहा पीछे मुड़ी। उसकी पैंटी से उसके आधे चूतड़ दिख रहे थे।
समर को लगा की नेहा इसकी ही बात कर रही है। मगर नहीं... नेहा ने अपनी पैंटी को ऊपर की ओर खींचा। इससे उसके दोनों गोले पूरे-पूरे दिखने लग गये। उसने गाण्ड के बीच से गुजर रहे कपड़े को गाण्ड की लाइन में दबा दिया। अब उसकी पूरी गाण्ड नजर में थी। बस ऊपर से एक पतला वेस्टबैंड जा रहा था। उसके अलावा उसकी गाण्ड एकदम नंगी थी।
"ऊहह...” समर के मुँह से उसकी उत्तेजना भरी आवाज निकल गई। अपनी बहन की एकदम नंगी गाण्ड देख रहा था वो। उसको कंट्रोल नहीं हुआ। वो अपनी जगह से बढ़ा और एक झटके में नेहा की गाण्ड पकड़ ली।
नेहा उसके इस ऐक्सन से चकित हो गई। उसने समर को पीछे धक्का दिया- "समर, मैंने तुझे पर्मिशन दी मुझे छूने की?" नेहा ने कड़क अंदाज में कहा। समर सिर झुका के खड़ा हो गया, और कहा- “सोरी... सारी दीदी.." समर खुद पे काबू नहीं रख पा रहा था। उसे डर था की कहीं वो कुछ गलत ना कर दे।
नेहा- “हम्म.. ठीक है। तू भी क्या करता। मेरी गाण्ड है ही इतनी सेक्सी..” ये बोलकर नेहा ने अपनी गाण्ड को अपने हाथों से फैलाया। अगर उसकी पैंटी ना होती तो उसकी गाण्ड का छेद दिख जाता उसके भाई को।
समर को गुस्सा आ रहा था की नेहा उसे इतनी बुरी तरह सिड्यूस क्यों कर रही है? उसने अब अपना टाप ऊपर उठाया जिससे उसकी पतली गरम कमर प्रगट हो गई। अगर समर को इस दृश्य को एक्सप्लेन करने को कहा जाता तो वो शायद ना कर पाता। क्योंकी शब्द नहीं है ऐसे दृश्य को दर्शाने के लिए। आवर-ग्लाश फिगर से भी सेक्सी फिगर थी समर की दीदी की।
नेहा को मजा आ रहा था खुद को एक्सपोज करने में। जिंदगी में पहली बार कुछ ऐसा कर रही थी वो। मन में हलचल थी। चूत गीली पड़ गई थी। फिर नेहा ने पूछा- “कैसी है मेरी बैकसाइड?"
समर तो होश में था ही नहीं। वो तो नेहा के बिखरे जादू में खो गया था।
नेहा पीछे हई। उसने अपने आपको समर के नंगे शरीर से चिपका दिया। इस तरह की उसकी गाण्ड समर के लण्ड पे दब गई। दोनों के शरीरों में करेंट दौड़ गया। अब नेहा धीरे-धीरे अपने बदन को समर के बदन पे रगड़ने लग गई। उसके लण्ड पे अपनी गाण्ड को हिलाने लग गई। समर को तो लगा जैसे वो मर के स्वर्ग पहुँच गया हो। इतना आनंद उसे आ रहा था। नेहा के कोमल चूतड़ उसके लण्ड पे घूम रही थी, ऊपर-नीचे सहला रही थी। नेहा का तो मन था की उसे गाण्ड में घुसा ले। मगर अभी वो वक्त नहीं आया था।
दोनों के मुँह से आनंद के स्वर निकल रहे थे- “एयेए... ऊवू... म्म्म्म
...” पूरा कमरा इन आवाजों से भर गया था।
नेहा पीछे मुड़ी और समर के होंठों को किस करने लगी। वो पागलों की तरह समर के मुँह को खाने लगी। उसके होंठ, सबको चाट डाला। समर ने अपनी बहन को इतना भखा अब तक नहीं देख था। 5 मिनट ऐसे ही स्मूच करने के बाद नेहा फिर मुड़ गई। और फिर से अपनी गाण्ड समर के लण्ड से मिला दी। मगर इस बार वो उसके लण्ड पे अपनी गाण्ड से झटके मारने लग गई। लण्ड जाकर सीधा गाण्ड की धारी पे जाता और बाहर निकलता, अंदर जाता और बाहर निकालता। नेहा को अपनी गाण्ड के छेद पर उस लण्ड के लगने का एहसास हो रहा था।
समर को भी पता लग रहा था की उसका लण्ड कहाँ स्पर्श कर रहा है।
भाई बहन हवस की आँधी में बह रहे थे। आनंद और उत्तेजना की आवाजें निकाल रहे थे। दोनों को लग रहा था जैसे उनकी जिंदगी का सबसे तगड़ा आर्गेज्म आने वाला है। समर भी अब जोर-जोर से नेहा की गाण्ड पे झटके मारने लगा। उसका लण्ड झड़ने वाला था। नेहा का पानी निकलने वाला था। दोनों जोर-जोर से हाँफ रहे थे। बस कुछ पल और... कुछ पल और... दोनों नशे में डूबने वाले थे।
तभी नेहा का फोन बज उठा- ट्रिंग ट्रिंग।
दोनों भाई बहन का ध्यान एकदम से भंग हो गया। जिस कमरे में अभी तक उनकी हवस की आवाजें गँज रही थी, वहां अब नेहा की रिंगटोन गूंज गई। दोनों चौंक गये। उनका सेक्सी मोमेंट डिस्टर्ब हो गया। दोनों ने एक दूसरे पे झटके मारना रोक दिया।
समर को लगा की नेहा इसकी ही बात कर रही है। मगर नहीं... नेहा ने अपनी पैंटी को ऊपर की ओर खींचा। इससे उसके दोनों गोले पूरे-पूरे दिखने लग गये। उसने गाण्ड के बीच से गुजर रहे कपड़े को गाण्ड की लाइन में दबा दिया। अब उसकी पूरी गाण्ड नजर में थी। बस ऊपर से एक पतला वेस्टबैंड जा रहा था। उसके अलावा उसकी गाण्ड एकदम नंगी थी।
"ऊहह...” समर के मुँह से उसकी उत्तेजना भरी आवाज निकल गई। अपनी बहन की एकदम नंगी गाण्ड देख रहा था वो। उसको कंट्रोल नहीं हुआ। वो अपनी जगह से बढ़ा और एक झटके में नेहा की गाण्ड पकड़ ली।
नेहा उसके इस ऐक्सन से चकित हो गई। उसने समर को पीछे धक्का दिया- "समर, मैंने तुझे पर्मिशन दी मुझे छूने की?" नेहा ने कड़क अंदाज में कहा। समर सिर झुका के खड़ा हो गया, और कहा- “सोरी... सारी दीदी.." समर खुद पे काबू नहीं रख पा रहा था। उसे डर था की कहीं वो कुछ गलत ना कर दे।
नेहा- “हम्म.. ठीक है। तू भी क्या करता। मेरी गाण्ड है ही इतनी सेक्सी..” ये बोलकर नेहा ने अपनी गाण्ड को अपने हाथों से फैलाया। अगर उसकी पैंटी ना होती तो उसकी गाण्ड का छेद दिख जाता उसके भाई को।
समर को गुस्सा आ रहा था की नेहा उसे इतनी बुरी तरह सिड्यूस क्यों कर रही है? उसने अब अपना टाप ऊपर उठाया जिससे उसकी पतली गरम कमर प्रगट हो गई। अगर समर को इस दृश्य को एक्सप्लेन करने को कहा जाता तो वो शायद ना कर पाता। क्योंकी शब्द नहीं है ऐसे दृश्य को दर्शाने के लिए। आवर-ग्लाश फिगर से भी सेक्सी फिगर थी समर की दीदी की।
नेहा को मजा आ रहा था खुद को एक्सपोज करने में। जिंदगी में पहली बार कुछ ऐसा कर रही थी वो। मन में हलचल थी। चूत गीली पड़ गई थी। फिर नेहा ने पूछा- “कैसी है मेरी बैकसाइड?"
समर तो होश में था ही नहीं। वो तो नेहा के बिखरे जादू में खो गया था।
नेहा पीछे हई। उसने अपने आपको समर के नंगे शरीर से चिपका दिया। इस तरह की उसकी गाण्ड समर के लण्ड पे दब गई। दोनों के शरीरों में करेंट दौड़ गया। अब नेहा धीरे-धीरे अपने बदन को समर के बदन पे रगड़ने लग गई। उसके लण्ड पे अपनी गाण्ड को हिलाने लग गई। समर को तो लगा जैसे वो मर के स्वर्ग पहुँच गया हो। इतना आनंद उसे आ रहा था। नेहा के कोमल चूतड़ उसके लण्ड पे घूम रही थी, ऊपर-नीचे सहला रही थी। नेहा का तो मन था की उसे गाण्ड में घुसा ले। मगर अभी वो वक्त नहीं आया था।
दोनों के मुँह से आनंद के स्वर निकल रहे थे- “एयेए... ऊवू... म्म्म्म
...” पूरा कमरा इन आवाजों से भर गया था।
नेहा पीछे मुड़ी और समर के होंठों को किस करने लगी। वो पागलों की तरह समर के मुँह को खाने लगी। उसके होंठ, सबको चाट डाला। समर ने अपनी बहन को इतना भखा अब तक नहीं देख था। 5 मिनट ऐसे ही स्मूच करने के बाद नेहा फिर मुड़ गई। और फिर से अपनी गाण्ड समर के लण्ड से मिला दी। मगर इस बार वो उसके लण्ड पे अपनी गाण्ड से झटके मारने लग गई। लण्ड जाकर सीधा गाण्ड की धारी पे जाता और बाहर निकलता, अंदर जाता और बाहर निकालता। नेहा को अपनी गाण्ड के छेद पर उस लण्ड के लगने का एहसास हो रहा था।
समर को भी पता लग रहा था की उसका लण्ड कहाँ स्पर्श कर रहा है।
भाई बहन हवस की आँधी में बह रहे थे। आनंद और उत्तेजना की आवाजें निकाल रहे थे। दोनों को लग रहा था जैसे उनकी जिंदगी का सबसे तगड़ा आर्गेज्म आने वाला है। समर भी अब जोर-जोर से नेहा की गाण्ड पे झटके मारने लगा। उसका लण्ड झड़ने वाला था। नेहा का पानी निकलने वाला था। दोनों जोर-जोर से हाँफ रहे थे। बस कुछ पल और... कुछ पल और... दोनों नशे में डूबने वाले थे।
तभी नेहा का फोन बज उठा- ट्रिंग ट्रिंग।
दोनों भाई बहन का ध्यान एकदम से भंग हो गया। जिस कमरे में अभी तक उनकी हवस की आवाजें गँज रही थी, वहां अब नेहा की रिंगटोन गूंज गई। दोनों चौंक गये। उनका सेक्सी मोमेंट डिस्टर्ब हो गया। दोनों ने एक दूसरे पे झटके मारना रोक दिया।