desiaks
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दोनों की धड़कनें तेज थी। डर भी लग रहा था मगर उत्तेजना भी चरम पर थी। क्या कर रहे होंगे मम्मी डैडी? क्या वो सच में अपनी हवस की आग को हवा दे रहे होंगे? क्या हम उनको सुन पायंगे? उनको देख पायंगे? उन्होंने हमें देख लिया तो? नेहा और समर यही सोच रहे थे।
मगर नेहा का डिटर्मिनेशन समर से ज्यादा था। उनकी आँखें अंधेरे में अज़स्ट कर रही थी। थोड़ा-थोड़ा दिखने लगा था। मगर कुछ पलों से दरवाजे के बाहर होने के बावजूद उनको कुछ सुनाई नहीं दिया था। समर ने नेहा की ओर ऊपर वापस जाने का इशारा किया। मगर वो नहीं मानी, और वो सही थी।
कुछ टाइम बाद उनकी माँ की आवाज आई अंदर से- “ओके मैं तैयार हैं। तुम्हारे लिए स्पेशली आज मैंने ये लिंगरी पहनी है...”
दोनों भाई बहन के कान खड़े हो गये। नेहा मुश्कराने लगी। समर शर्मा गया। उनकी माँ अपने पति को खुश करने के लिए लिंगरी पहनकर आई थी।
ना चाहते हुए भी समर अपनी माँ को उस रूप में इमेजिन करने लगा। कितनी सेक्सी लग रही होगी मोम। उनको अपने बाप की आवाज नहीं आ रही थी। शायद वो आराम से बोल रहा था।
प्रीति- “तुम तो उत्तेजित ही नहीं हए? मेरा शरीर सेक्सी नहीं लग रहा? मेरे चूचे, मेरी गाण्ड... मस्त नहीं लग रही?" फिर से प्रीति की आवाज आई।
अपनी माँ के ये शब्द सुनकर दोनों के जबड़े लटक गये। समर तो हैरान था। गाण्ड, चूचे... मेरी माँ के मुँह से ऐसे शब्द।
कमरे के अंदर का दृश्य। अपनी बीवी को ऐसे उसने बहुत टाइम बाद देख था, मगर अभी भी यतीन इतना उत्साहित नहीं था। अपनी बीवी को खुश रखने के लिए वो खुश होने का ड्रामा कर रहा था, कहा- “अच्छी लग रही हो। बहुत हाट...” उसने कहा।
प्रीति- “बैंक यू... डार्लिंग... आज मैं तुम्हारे लिए हर चीज करने को तैयार हूँ..." प्रीति बोली। और यतीन को चूमने लगी। यतीन ने भी उसको वापस चूमा। प्रीति ने उसके हाथ अपनी गाण्ड पर रखवा दिए- "मेरी गाण्ड से खेलो
और मुझे चूमो..” प्रीति बोली।
यतीन ने उसकी गाण्ड दबाना शरू करा। इतनी बड़ी-बड़ी, कोमल गाण्ड। यतीन ने जोर से थप्पड़ मारा उसकी गाण्ड पे।
"अयाया.” प्रीति के मुंह से चीख निकली।
नेहा और समर ने एक-एक शब्द सुना था अपने माँ बाप का। नेहा के मुंह पे इतनी शैतानी सी थी। उसने एक बेटे को अपनी माँ का सेक्सी रूप दिखा दिया था। समर को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था। ‘पटक' तभी एक और थप्पड़ की आवाज आई। पापा मम्मी की गाण्ड पे थप्पड़ मार रहे थे।
नेहा पास आई और समर के कान में बहुत धीरे से बोला- “लगता है मम्मी को भी स्पैकिंग बहुत पसंद है..”
मगर नेहा का डिटर्मिनेशन समर से ज्यादा था। उनकी आँखें अंधेरे में अज़स्ट कर रही थी। थोड़ा-थोड़ा दिखने लगा था। मगर कुछ पलों से दरवाजे के बाहर होने के बावजूद उनको कुछ सुनाई नहीं दिया था। समर ने नेहा की ओर ऊपर वापस जाने का इशारा किया। मगर वो नहीं मानी, और वो सही थी।
कुछ टाइम बाद उनकी माँ की आवाज आई अंदर से- “ओके मैं तैयार हैं। तुम्हारे लिए स्पेशली आज मैंने ये लिंगरी पहनी है...”
दोनों भाई बहन के कान खड़े हो गये। नेहा मुश्कराने लगी। समर शर्मा गया। उनकी माँ अपने पति को खुश करने के लिए लिंगरी पहनकर आई थी।
ना चाहते हुए भी समर अपनी माँ को उस रूप में इमेजिन करने लगा। कितनी सेक्सी लग रही होगी मोम। उनको अपने बाप की आवाज नहीं आ रही थी। शायद वो आराम से बोल रहा था।
प्रीति- “तुम तो उत्तेजित ही नहीं हए? मेरा शरीर सेक्सी नहीं लग रहा? मेरे चूचे, मेरी गाण्ड... मस्त नहीं लग रही?" फिर से प्रीति की आवाज आई।
अपनी माँ के ये शब्द सुनकर दोनों के जबड़े लटक गये। समर तो हैरान था। गाण्ड, चूचे... मेरी माँ के मुँह से ऐसे शब्द।
कमरे के अंदर का दृश्य। अपनी बीवी को ऐसे उसने बहुत टाइम बाद देख था, मगर अभी भी यतीन इतना उत्साहित नहीं था। अपनी बीवी को खुश रखने के लिए वो खुश होने का ड्रामा कर रहा था, कहा- “अच्छी लग रही हो। बहुत हाट...” उसने कहा।
प्रीति- “बैंक यू... डार्लिंग... आज मैं तुम्हारे लिए हर चीज करने को तैयार हूँ..." प्रीति बोली। और यतीन को चूमने लगी। यतीन ने भी उसको वापस चूमा। प्रीति ने उसके हाथ अपनी गाण्ड पर रखवा दिए- "मेरी गाण्ड से खेलो
और मुझे चूमो..” प्रीति बोली।
यतीन ने उसकी गाण्ड दबाना शरू करा। इतनी बड़ी-बड़ी, कोमल गाण्ड। यतीन ने जोर से थप्पड़ मारा उसकी गाण्ड पे।
"अयाया.” प्रीति के मुंह से चीख निकली।
नेहा और समर ने एक-एक शब्द सुना था अपने माँ बाप का। नेहा के मुंह पे इतनी शैतानी सी थी। उसने एक बेटे को अपनी माँ का सेक्सी रूप दिखा दिया था। समर को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था। ‘पटक' तभी एक और थप्पड़ की आवाज आई। पापा मम्मी की गाण्ड पे थप्पड़ मार रहे थे।
नेहा पास आई और समर के कान में बहुत धीरे से बोला- “लगता है मम्मी को भी स्पैकिंग बहुत पसंद है..”