Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग - Page 9 - SexBaba
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Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग

दोनों की धड़कनें तेज थी। डर भी लग रहा था मगर उत्तेजना भी चरम पर थी। क्या कर रहे होंगे मम्मी डैडी? क्या वो सच में अपनी हवस की आग को हवा दे रहे होंगे? क्या हम उनको सुन पायंगे? उनको देख पायंगे? उन्होंने हमें देख लिया तो? नेहा और समर यही सोच रहे थे।

मगर नेहा का डिटर्मिनेशन समर से ज्यादा था। उनकी आँखें अंधेरे में अज़स्ट कर रही थी। थोड़ा-थोड़ा दिखने लगा था। मगर कुछ पलों से दरवाजे के बाहर होने के बावजूद उनको कुछ सुनाई नहीं दिया था। समर ने नेहा की ओर ऊपर वापस जाने का इशारा किया। मगर वो नहीं मानी, और वो सही थी।

कुछ टाइम बाद उनकी माँ की आवाज आई अंदर से- “ओके मैं तैयार हैं। तुम्हारे लिए स्पेशली आज मैंने ये लिंगरी पहनी है...”

दोनों भाई बहन के कान खड़े हो गये। नेहा मुश्कराने लगी। समर शर्मा गया। उनकी माँ अपने पति को खुश करने के लिए लिंगरी पहनकर आई थी।

ना चाहते हुए भी समर अपनी माँ को उस रूप में इमेजिन करने लगा। कितनी सेक्सी लग रही होगी मोम। उनको अपने बाप की आवाज नहीं आ रही थी। शायद वो आराम से बोल रहा था।

प्रीति- “तुम तो उत्तेजित ही नहीं हए? मेरा शरीर सेक्सी नहीं लग रहा? मेरे चूचे, मेरी गाण्ड... मस्त नहीं लग रही?" फिर से प्रीति की आवाज आई।

अपनी माँ के ये शब्द सुनकर दोनों के जबड़े लटक गये। समर तो हैरान था। गाण्ड, चूचे... मेरी माँ के मुँह से ऐसे शब्द।

कमरे के अंदर का दृश्य। अपनी बीवी को ऐसे उसने बहुत टाइम बाद देख था, मगर अभी भी यतीन इतना उत्साहित नहीं था। अपनी बीवी को खुश रखने के लिए वो खुश होने का ड्रामा कर रहा था, कहा- “अच्छी लग रही हो। बहुत हाट...” उसने कहा।

प्रीति- “बैंक यू... डार्लिंग... आज मैं तुम्हारे लिए हर चीज करने को तैयार हूँ..." प्रीति बोली। और यतीन को चूमने लगी। यतीन ने भी उसको वापस चूमा। प्रीति ने उसके हाथ अपनी गाण्ड पर रखवा दिए- "मेरी गाण्ड से खेलो
और मुझे चूमो..” प्रीति बोली।

यतीन ने उसकी गाण्ड दबाना शरू करा। इतनी बड़ी-बड़ी, कोमल गाण्ड। यतीन ने जोर से थप्पड़ मारा उसकी गाण्ड पे।

"अयाया.” प्रीति के मुंह से चीख निकली।

नेहा और समर ने एक-एक शब्द सुना था अपने माँ बाप का। नेहा के मुंह पे इतनी शैतानी सी थी। उसने एक बेटे को अपनी माँ का सेक्सी रूप दिखा दिया था। समर को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था। ‘पटक' तभी एक और थप्पड़ की आवाज आई। पापा मम्मी की गाण्ड पे थप्पड़ मार रहे थे।

नेहा पास आई और समर के कान में बहुत धीरे से बोला- “लगता है मम्मी को भी स्पैकिंग बहुत पसंद है..”
 
समर अपनी माँ की ऐसी बातें सुन रहा था जो किसी बेटे को नहीं सुननी चाहिये। मगर फिर भी उसका लण्ड खड़ा हो रहा था।
अब प्रीति ने किस तोड़ी और यतीन के कच्छे के अंदर हाथ डाल दिया। कितने दिन हो गये थे उसने अपने पति का लण्ड नहीं देखा था। उसने उसको बाहर निकाला। वो अभी भी बैठा हुआ था। प्रीति बोली- “अरे ये तो अभी भी बैठा हुआ है... लगता है इसे मुझे ही खड़ा करना पड़ेगा..” ये बोलकर वो उसे सहलाने लगी।

बाहर दोनों सब सुन रहे थे। उनके बाप के लण्ड की बात हो रही थी। नेहा की चूत गीली होने लगी। डैडी का लण्ड कैसा होगा? वो सोचने लगी।

प्रीति- “पता है यतीन। कितने दिनों से इस पल का इंतेजार था मुझे। प्यासी थी मैं, तुम्हारे लण्ड के लिए। आज नहीं जाने दूंगी ये मौका। ऐसे चूसूंगी तुम्हारा लण्ड जैसा आज तक नहीं चूसा..."

प्रीति की ये बात सुनकर यतीन का लण्ड झटका।

मगर इससे बुरा हाल तो बाहर नेहा और समर का हो गया। मम्मी डैडी का लण्ड चूसने वाली है... वो इसके लिये भूखी है... वो लोग ये विचार अपने मन में डाल ही रहे थे की।

यतीन की आवाज आई- “ऊवू.” वो अपनी बीवी का मुँह अपने लण्ड पे पड़ने से खुद को रोक नहीं पाया, और उसके मुँह से आनंद की कराहट निकल गई।

ये आवाज सुनकर दोनों भी समझ गये की उनकी माँ अपने काम में शुरू हो गई है। ये सोचकर ही समर के लण्ड से प्री-कम निकलने लगा।

मम्मी डैडी का लण्ड मुँह में लेकर चूस रही है। ये क्या हो रहा है? नेहा भी अपने बाप के लण्ड को इमेजिन करके उत्तेजित हो रही थी। उन दोनों के बीच भी सेक्सुयल टेन्शन बढ़ रही थी। अंदर से अब स्लप-स्लप की आवाजें आ रही थी। ये आवाज प्रीति के मुँह से अंदर-बाहर होते यतीन के लण्ड की थी।

प्रीति- “बहुत सुंदर और स्वादिष्ट है तुम्हारा लण्ड यतीन... स्लर्प-स्लप कैसे बढ़ रहा है मेरे मुँह में... मेरे मुँह को चोदो ना इससे। चोदो ना मेरे मुँह को स्लप-स्लप...” प्रीति चूसते-चूसते ये बोल रही थी।

यतीन भी अपनी बीवी के इस टैलेंट से हैरान था। उसकी सेक्रेटरी सलमा भी रोज उसको ब्लोजाब देती थी। मगर उसकी बीवी आज सलमा को भी मात दे रही थी। शायद ये इतने दिनों से सेक्स ना मिल पाने की आग थी। यतीन ने अपनी पत्नी की बात मानते हए उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया। वो अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा, प्रीति अपना मुँह खोले बैठी रही। 'स्लप-स्लप-स्लप' यतीन के अपनी बीवी के मुँह को चोदने की आवाज बाहर तक आ रही थी।

समर का लण्ड जो कुछ मिनटों पहले ही झड़ा था फिर से पाजामे में टेंट बनाए बैठा था। नेहा की हालत ज्यादा खराब थी। वो तो उत्तेजना में भारी सांसें ले रही थी। सुबह से दो लण्डों से खेल चुकी थी, गाण्ड के बीच लण्ड ले चुकी थी। मगर अभी तक उसे आर्गेज्म प्राप्त नहीं हुआ था। उसके हाथ अपने पाजामो के अंदर चले गये और वो जोरों से उंगली करने लग गई। अंदर से आ रही आवाजें उसे और पागल कर रही थी।
 
नेहा को देखकर समर और गरम हो गया। उसे डर था की कहीं उसके माँ बाप बाहर ना आ जाएं। क्या बोलेंगे वो उनको? ये सब सोचते हए भी वो अपने आपको उत्साहित होने से रोक नहीं पा रहा था। आखीरकार, उसकी माँ लण्ड लिए बैठी थी और बाहर उसके सामने उसकी बहन उंगली कर रही थी। उत्साहित कौन नहीं होगा।

प्रीति चिल्ला रही थी- “चोदो मेरा मुँह यतीन, चोदो स्लप.."

यतीन को भी मजा आने लगा था। वो अब जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा।

ये सब सुनकर समर का हाथ भी अपने आप अपने लण्ड तक पहुँच गया और हिलाने लगा।

यतीन ने एक पाइंट पे आकर अपना पूरा लण्ड प्रीति के मुँह में घुसा दिया और उसे वहीं रखकर उसको गैग करने लगा। उसने जब अपना लण्ड बाहर निकाला, तो प्रीति चिल्लाई- “उहह... आर्गम्ह... फिर से करो.." और यतीन ने फिर पूरा लण्ड उसके मुँह घुसाकर छोड़ दिया।

नेहा सुन रही थी। उसका मन विचलित हो रहा था। कितने मजे से चूस रही है माँ लण्ड? कितना मजा आ रहा है मम्मी को? क्या सच में इतना मजा आता है लण्ड चूसने में? उसका ध्यान समर पे गया जिसका लण्ड अब पाजामे के बाहर आ चुका था और वो खुलेआम मूठ मार रहा था। वो भूल चुका था की वो अकेला नहीं है। बस अपनी माँ की आवाजें सुनकर पागल हो रहा था।\

अपने सामने लण्ड देखकर नेहा भी सोचने लगी। कैसे लगेगा मुँह में लण्ड? क्या ट्राई करूँ? चूत गीली हो चुकी है, तड़प रही है। उसके दिल में तूफान उठ रहा था। इतनी हद पार हो चुकी है। एक और... होना तो है ही कभी ना कभी। आज क्यों नहीं? मुँह में तो लण्ड लूँगी ही कभी ना कभी। आज क्यों नहीं? मगर यहां, पेरेंट्स के रूम के आगे... सोचकर डर भी लग रहा था और उत्तेजना भी हो रही थी।

अंदर उनकी माँ अपने पति का लण्ड छोड़ने को राजी ही नहीं हो रही थी। टट्टे तक चाट रही थी। ऊपर से नीचे तक उसका लण्ड गीला हो चुका था। कहा- “दो मुझे लण्ड दो, मेरे चूचे दबाओ ना..."

यतीन उसके मम्मे दबाने लगा। पहाड़ जैसे बड़े-बड़े मम्मे। डीडी साइज के लटके हुए मम्मे। उसके हाथों में इतने कोमल लग रहे थे। उसने अपना हाथ उसकी ब्रा में घुसा दिया, और उसके बड़े निप्पलों को दबाने लगा। एक इंच लंबे निपल रहे होंगे उसके। जो अब यतीन टीज कर रहा था।

"ऊवू अया.." ऐसी आवाजें आ रही थी बाहर- “ऐसे ही दबाते रहो स्लप, पिचकाओ, स्लप, निप्पलों को खींचो.." प्रीति चिल्ला रही थी।

समर और नेहा अपने-अपने गुप्तांगों से खेल रहे थे। नेहा की नजरें समर पर थी। समर ने नेहा को खुद को देखते हुए देखा। नेहा मुश्कुराते हुए उसका लण्ड देख रही थी और साथ-साथ अपनी चूत से खेल रही थी। नेहा ने अपना टाप ऊपर करके समर को अपना फिट पेट दिखाया। समर को टीज कर रही थी वो।

समर ने सोचा की क्या हो रहा है उसकी जिंदगी में? ये कुछ दिनों में कैसा मोड़ ले लिया मेरी लाइफ ने? इतनी हद पार कर दी मैंने अपनी बहन के साथ और अब मैं अपनी माँ की सेक्स लाइफ को सुन रहा हूँ। अपनी चूत में उंगली करती हुई बहन के सामने वो बिना डर के मूठ मार रहा था।

प्रीति की आवाज आई- “एम्म... स्लप... चोदो मेरा मुँह स्लप.."

समर ने आँखें बंद की और इन सब चीजों को सोचकर मूठ मारने लगा। वो जोर-जोर से हिलाने लगा अपना लण्ड की तभी नेहा ने उसका लण्ड पकड़ लिया, और वो उसे हिलाने लगी। समर आँखें बंद करके एंजोय करने लगा। नेहा के मन में अभी भी वो सब विचार चल रहे थे। समर अपनी बहन के हाथों को एंजोय कर रहा था की तभी उसके हाथ रुक गये। समर कारण देखने नीचे देखने ही वाला था की उसका लण्ड एक गीली, गरम चीज में समा गया। उसके लण्ड से करेंट की ऐसी लहर उठी जिसने उसकी आत्मा को हिला दिया। वो चीज अब उसके लण्ड पे ऊपर-नीचे होने लगी।

समर समझ गया की उसका अच्छा टाइम और अच्छा हो गया है। उसने नीचे देख। नेहा उसकी तरफ देख रही थी, आँखों में चमक थी और मुँह में समर का लण्ड। अपने माँ बाप के खेल को सुनते हुए, समर और नेहा बहुत गरम हो गये थे। नेहा ने अपने मन की इच्छा मान ली और अपने भाई समर का लण्ड मुँह में ले लिया।
 
समर समझ गया की उसका अच्छा टाइम और अच्छा हो गया है। उसने नीचे देख। नेहा उसकी तरफ देख रही थी, आँखों में चमक थी और मुँह में समर का लण्ड। अपने माँ बाप के खेल को सुनते हुए, समर और नेहा बहुत गरम हो गये थे। नेहा ने अपने मन की इच्छा मान ली और अपने भाई समर का लण्ड मुँह में ले लिया।

समर को जन्नत नसीब हो गई। समर के अंग-अंग में ऐसे झटके लग रहे थे, मानो उसपे बिजली गिर गई हो। ऐसा आनंद, ऐसी फीलिंग आज तक नहीं आई थी। वो दिन आ ही गया जब उसका लण्ड एक लड़की के मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था। लड़की जो एक अप्सरा से भी हसीन थी। लड़की जो बला से भी ज्यादा सेक्सी थी। लड़की जो उसकी अपनी बहन थी।

समर- “एम्म्म ... ओहह... ओहह... ओहह... ओहह... एम्म्म... दीदी आहह..” समर अपनी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा था। मगर उसकी आनंदित सिसकियां उसके मुंह से निकलना बंद नहीं हो रही थी। लण्ड की पूरी लंबाई पर, ऊपर-नीचे नेहा का मुँह दौड़ रहा था। समर का पूरा बदन उत्तेजना में कांप रहा था। अंदर उसकी माँ उसके बाप का लण्ड मुँह में लिए चिल्ला रही थी। और यहां उसकी बहन उसका लण्ड मुंह में लिए बैठी थी। कहां से कहां आ गया था ये भाई बहन का रिश्ता।

नेहा का भी हाल ऐसा ही था। निपल पत्थर से भी सख्त हो गये थे। चूत ऐसे बह रही थी जैसे पानी के पाइप में लीक आ गया हो। अपनी हवस के काबू में आकर उसने अपने भाई का लण्ड मुँह में ले ही लिया था, और उसको ये बहुत मजेदर लगा। पहली बार एक लण्ड उसके मुँह में गया था। पहली बार उसे ये स्वाद सीधा उसके सोर्स से चखने का मौका मिला था। वो इसका पूरा मजा लेना चाहती थी। समर के लण्ड को अपने मुँह में और बढ़ते महसूस कर रही थी वो। जैसा आज तक उसने पोर्न में देख था, ठीक वैसा करने की कोशिश कर रही थी।

समर फर्श पर पैर फैलाकर बैठा हुआ था। आँखें बंद, सिर सीलिंग की ओर किए इस स्वर्गीय पल का आनंद ले रहा था। नेहा झुक कर उसे ब्लोजाब दे रही थी। वो घुटनों के बल थी, जिससे उसकी गाण्ड हवा में उठ गई थी।

अपने होंठों को लण्ड पर रैप किए ऊपर-नीचे कर रही थी।

नेहा- “कैसा लग रहा है भाई?” उसने रुक के पूछा। उसके मुँह में लण्ड था, और इसी पोजीशन में वो समर को देख रही थी। वो इस वक्त दुनियां की सबसे सुंदर पोर्नस्टार लग रही थी।

समर- “ओहह... एम्म्म..." समर ने बस इतना ही बोला।

मगर नेहा समझ गई। उसने अपनी चुसाई चालू रखी। उसने अब अपनी जीभ से खेलना शुरू किया। अपनी जीभ से वो लण्ड को चाटने लगी। समीर के लण्ड का हेड जो उत्तेजना में एकदम लाल हो गया था, उसपर जब नेहा की जीभ टकराई तो समर का लण्ड झड़ने को हो गया। उसने बहुत मुश्किल से कंट्रोल किया, क्योंकी वो इस मोमेंट को और खींचना चाहता था।

नेहा को भी बहुत मजा आ रहा था। वो जितना हो सके उतना अपनी आवाजों को दबा रहे थे। अपने माँ बाप के कमरे के बाहर, उनके ही सेक्स खेल को सुनते हुए ये दोनों सिब्लिंग्स अपना सेक्स खेल कर रहे थे। दिल का यही डर, उनके सेक्स आर्गन्स की उत्तेजना बन गया था।

नेहा ने समर के हाथ लिए और अपनी गाण्ड पर रख दिए, और कहा- “तू भी कुछ कर, मेरी गाण्ड से खेल..."

बस ये बोलने की देर थी की समर ने एक झटके में अपने हाथ नेहा की पैंटी में घुसा दिये और उसके चूतड़ों को दबोच लिया।

नेहा को मजा आ गया। अब जैसे-जैसे नेहा समर का लण्ड चूस रही थी वैसे-वैसे ऊपर से समर उसकी गाण्ड को दबोच रहा था। दोनों के मुंह से सेक्स उल्लास के स्वर निकल रहे थे। नेहा का मन किया की काश उसकी चूत की प्यास भी कोई बुझा रहा होता। उसने अपना एक हाथ अपनी चूत तक पहुँचा दिया और उसपर फेरने लगी।

समर की जन्नत और हसीन हो रही थी। अब वो खुद को ज्यादा देर कंट्रोल नहीं कर सकता था। वो नेहा की कोमल गाण्ड को और जोरों से दबाने लगा। उसका हाथ नेहा की गाण्ड के छेद तक पहुँच गया। जैसे ही ये हुआ, नेहा की चूत ने पानी छोड़ दिया। वो काँपने लगी, जैसे उसे करेंट लग रहा हो। अपनी हवस की चीखों को दबाते हुए उसने अपना आर्गेज्म पा लिया।

समर ये देखकर और भी ज्यादा जल गया। उसकी उंगलियां उसकी बहन के गाण्ड का छेद पर थी। उसके मुंह में अभी भी समर का लण्ड था। समर के शरीर में हलचल होने लगी। वो बोलने लगा- “दीदी मैं भी..” मगर उससे पहले ही उसके लण्ड का दूध नेहा के मुंह में झड़ने लगा।

नेहा ने एक पल के लिए भी अपना मुँह हटाया नहीं। बस एक आज्ञाकारी राड़ की तरह एक-एक बूंद निगल गई। जब तक समर के टट्टे खाली ना हो गये, तब तक वो उसका लण्ड निचोड़ती रही।

समर ने सोचा ना जाने उसने क्या अच्छे करम किए होंगे, जो उसे ऐसी बहन मिली। दोनों भाई बहन कुछ पलों तक इसी नशे में रहे, अपनी सेक्स की दुनियां में। मगर एक आवाज ने उनको इस दुनियां से बाहर, असलियत में पहुंचा दिया।

प्रीति- “जल्दी करो यतीन। अब रुका नहीं जाता। घुसा दो अपना मोटा लंबा लण्ड मेरी गीली चूत में..” प्रीति की आवाज आई।
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अगले दिन जब दोनों घर पर अकेले थे तब समर ने नेहा को उसके कमरे के बाहर से आवाज दी, पर कोई जवाब नहीं आया। उसने सोचा की शायद वो सो रही है पर जब उसने अंदर देखा तो पता लगा की नेहा दो तकियों के बीच में अपना सिर दबाए कंबल ओढ़े लेटी हुई है। समर ने एक बार फिर जोर से आवाज दी तो नेहा ने उसकी तरफ देखा। नेहा की लाल-लाल आँखें देखकर समर थोड़ा परेशान हुआ।

नेहा ने बड़ी भारी आवाज में बताया की उसे सिरदर्द हो रहा है और ठंड लग रही है, साथ में हाल्का-हल्का पूरा बदन भी दर्द कर रहा है स्पेशली गर्दन और कंधे।

समर- “आपने मेडिसिन ली? और ठंड क्यों लग रही है, कही बुखार तो नहीं है?" समर ने आगे बढ़ाकर नेहा के माथे का टेंपरेचर चेक किया

नेहा - “हाँ ले ली, पर उसे कोई फरक नहीं हो रहा है और बुखार नहीं है बस यूँ ही जैसे बहुत तेज थकान जैसा महसूस हो रहा है। तू कुछ कर सकता है क्या?" नेहा बोली।

समर- “मैं आपकी मसाज कर दूं.. मुझे बहुत अच्छे से आती है.."

नेहा - “कुछ भी कर, पर ये सिर दर्द और थकान दूर हो जानी चाहिए.."

समर- “वो मेरी गारंटी, मैं बस अभी आया..” इतना बोलकर वो रूम के बाहर निकल गया।

समर वापस आया तो उसके हाथ में एक कटोरी में गर्म किया सरसों का तेल, एक बाल्टी में हल्का सा गुनगुना पानी और एक तौलिया था, कहा- “आप आगे आकर सीधा बैठ जाओ और अपनी आँखें बंद करके पूरे बदन को आराम से छोड़ दो..” उसने अपने हाथ से सामान नीचे रखते हुए कहा।

नेहा ने अपना कम्बल हटाया। उसने एक पुरी बांह का शर्ट और ग्रे कलर का Jथ पहना हुआ था। शर्ट फुल साइज का था फिर भी उसके बटन नेहा की चूचियों पर टाइट हो रहे थे।

नेहा - "तू करने क्या वाला है इन सबसे?" नेहा ने समर को पूछा।

समर- “आप बस अपने पाँव इस बकेट में डाल दो...” समर ने पानी का बकेट नेहा के पाँव वाली साइड बेड के पास रखकर बोला।

नेहा ने अपना लोवर घुटनों से ऊपर किया और पाँव बकेट में डाल दिए। समर तेल की बोतल लेकर नेहा के पीछे घटनों के बल खडा हो गया और हाथ में तेल लेकर नेहा के सिर की मसाज करने लगा।

अपने पाँव पर गरम पानी और सिर में गरम तेल की मसाज पाकर नेहा को थोड़ी गर्माहट महसूस हो रही थी। समर की मजबूत उंगलियां नेहा के सिर को अच्छी तरह से मसल रही थी। समर को बहुत अच्छा अनुभव था मसाज का। कुछ देर हाथ चलाने के बाद ही नेहा का सिर दर्द कम होने लग गया था। वो अब काफी आराम महसूस कर रही थी और अब उसे ठंड भी नहीं लग रही थी।

नेहा - “समर, तेरे हाथों में तो वाकई जादू है..."

नेहा के मुँह से तारीफ पाकर समर को अच्छा लगा। उसने उंगलियों को अब थोड़ा अलग-अलग ढंग से घुमाना शुरू किया। नेहा को लग रहा था किसी पर्फेक्ट फिजियोथेरेपिस्ट का हाथ उसके सिर में घूम रहा है।

समर- “आपको अब कैसा महसूस हो रहा है..” समर ने कुछ 7-8 मिनट बाद पूछा।

नेहा - “बहुत ही अच्छा। ऐसे लग रहा है जैसे मेरा सिर दर्द तो गायब हो गया। बस अब ये थकान दूर हो जाए तो मजा आ जाए। वैसे तूने ये सब कहां से सीखा?" नेहा ने जवाब दिया।

समर- “वो भी अभी ठीक हो जाएगा। आप बिल्कुल चिंता ना करो। मैंने इंटरनेट से सीखा ये सब। अब आप खड़ी होकर बैठ जाओ और देखो मेरा कमाल...” समर अपना हाथ सिर से होता हआ नेहा के कंधों पर ले आया। अब वो गर्दन और कंधों की मसाज करना चाह रहा था, पर उसकी शर्ट बीच में आ रही थी।

नेहा - “समर, मैं ये शर्ट उतार देती हूँ..” नेहा बोली।

समर- “हाँ मैं भी यही बोलने वाला था। अगर आप बुरा ना मानो तो मैं खुद अपने हाथ.......” समर ने जानबूझ कर अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

नेहा - “अरे इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है, जब इतना सब कुछ कर ही चुके हैं तो इसमें क्या हर्ज है। चल तू ही खोल दे इस शर्ट को..” नेहा ने जवाब दिया।

समर के दिल में जैसे घंटी बजने लगी। उसके दिमाग में वही बात घूम रही थी की नेहा भी नार्मली रूम में कपड़े नहीं पहनती है। उसे लग रहा था की आज भी नेहा ने ब्रा नहीं पहनी हुई है। वो बहुत ज्यादा खुश हो गया था। नेहा बड़े आराम से अपने दोनों पाँव गर्म पानी की बकेट में डाले हाथों को पीछे करके बेड पर बैठी थी।

समर ने नेहा के सामने आकर शर्ट के सबसे नीचे वाले बटन से शुरू किया। दो बटन खुल जाने पर नेहा का गोरा और कोमल पेट दिखने लग गया। समर के हाथों में हल्का सा कंपन हो रहा था, जैसे-जैसे बटन्स खुलते जा रहे थे समर के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी।

समर ने नेहा के सामने आकर शर्ट के सबसे नीचे वाले बटन से शुरू किया। दो बटन खुल जाने पर नेहा का गोरा और कोमल पेट दिखने लग गया। समर के हाथों में हल्का सा कंपन हो रहा था जैसे-जैसे बटन खुलते जा रहे थे समर के दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही थी।
 
लेकिन जैसे ही उसने दो बटन और खोले उसके दिल की खुशी छू मंतर हो गई क्योंकी नेहा ने अंदर एक सफेद समीज पहनी हुई थी। समर ने एक और बटन खोलने के लिए बटन और शर्ट को पकड़ा तो उसकी उंगलियों को होने वाले नरम एहसास ने उसका पूरा बदन हिला दिया। समर की उंगलियां नेहा के मम्मों को छ गई थी। समर ने उन्हीं काँपते हाथों से बाकी के सारे बटन को खोल दिया।

नेहा की शर्ट के सारे बटन खुले थे। वो खुले बटन के शर्ट के साथ अपने हाथ पीछे टिकाकर बैठी उस पोजीशन में बहुत ही सेक्सी लग रही थी। फिर समर ने शर्ट को ऊपर से पकड़ा और धीरे-धीरे नेहा के कंधों तक नीचे उतार दिया। नेहा ने अपने हाथों को अडजस्ट किया और पूरी शर्ट निकालने में समर की हेल्प की। नेहा ने शर्ट के अंदर एक सफेद कलर की पतली स्ट्रैप वाली स्लीवलेश समीज पहनी हुई थी। समीज लंबाई में छोटी और बहत ढीली थी, फिर भी उसके बड़े-बड़े मम्मे पहाड़ की तरह खड़े दिख रहे थे और अंदर ब्रा नहीं होने के कारण निपल भी अपनी मोजूदगी बता रहे थे।

सफेद समीज और ग्रेथ के बीच में नजर आ रही पेट की गोरी और चिकनी स्किन उसके रूप को और निखार रही थी। समर बिना पलक झपकाए नेहा के इस रूप को निहार रहा था।

तभी नेहा ने कहा- “अब यूँ ही मुझे घूरता रहेगा या मसाज भी करेगा..."

नेहा की आवाज ने समर का ध्यान कहाड़ा। कहा- “मैं भी क्या करूं आप हो ही इतनी सुंदर की कोई भी देखता रह जाए...” समर ने जैसे अपने दिल की बात बोल दी और लग गया वापस मसाज करने।

नेहा को मन ही मन अपनी सुंदरता पर प्राउड महसूस हो रहा था।

समर के हाथों का जादू नेहा के बदन दर्द को ठीक कर रहा था। समर ने नेहा की गर्दन के दोनों तरफ अपने दोनों अंगूठे का दबाव दिया और अपने अंगूठों को रीढ़ के दोनों तरफ स्क्रोल करता हुआ नीचे लाया। नेहा की नंगी और कोमल कमर की स्किन का स्पर्श समर को तो रोमांचित कर ही रहा था और उधर नेहा के रोम-रोम में सनसनी फैल रही थी इस मसाज से, उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था की समर के हाथों में इतना बड़ा हुनर है।

समर अपना हाथ ज्यादा नीचे नहीं ले जा सकता था क्योंकी नेहा ने समीज पहनी हुई थी। समर ने अपना हाथ वापस ऊपर की तरफ स्क्रोल किया और गर्दन के पास में अपने हाथ और अंगूठे से मसाज करने लगा। अब वो अपनी हथेली से नेहा के कंधों से होता हआ कलाई का दर्द दूर कर रहा था। गर्मी के कारण दोनों को पशीना हो रहा था जिस वजह से मसाज में प्राब्लम हो रही थी।

नेहा - “तू चाहे तो अब फैन ओन कर दे समर, मुझे अब ठंड नहीं लग रही है...” नेहा बोली।

समर ने फैन ओन किया और नेहा के पाँव बकेट से निकालकर बकेट साइड में किया। फिर तौलिया लेकर नेहा के पाँव साफ किए।
 
समर- “टाँगों की भी मसाज करनी है?” तेल की कटोरी हाथ में लिए समर ने पूछा।

नेहा - "हाँ... करनी ही है। पूछ क्यों रहा है?" नेहा ने अपना रोब जमाते हुए बोला। फिर अपने लोवर की तरफ देखकर बोली- “अच्छा तुझे ये प्राब्लम देगा ना?"

समर- “हाँ इसके रहते कैसे पासिबल है..” समर ने जवाब दिया।

नेहा - “चल इसे भी तू ही निकाल दे..."

नेहा की बात सुनकर समर को यकीन नहीं हो रहा था की उसने जो सुना वो ही सही था ना- “क्या मैं?" समर ने कनफर्म करने के लिए पूछा।

नेहा ने एक आँख मारकर उसे हाँ का इशारा किया।

समर ने थ की ओर नजर डाली तो वहां एक जीन्स जैसा बटन और जिप थी। उसने अपनी उंगलियां को नेहा के पेट पर घुमाते हुए लोवर के वेस्टबंद में अपनी उंगलियों को घुसाया। नेहा की स्किन बहुत ज्यादा साफ्ट थी। उसने लोवर का बटन खोला और जिप के रन्नर को पकड़कर धीरे-धीरे नीचे करने लगा। थोड़ी सी जिप खुलने पर ही उसे रेड हाट कलर की पैंटी नजर आने लगी।

समर को हल्की सी हँसी आ रही थी तो नेहा ने उसका कारण पूछा।

समर - “आप लोगों के जिप का क्या इश्तेमाल है, ये सोचकर मुझे हँसी आ रही है..” समर ने हँसते हुए जवाब दिया।

समर की बात पर नेहा भी हँसने लगी और अपनी दो उंगलियां को दिखाते हुए बोली- “तुम लड़कों की तरह कुछ निकालने के लिए नहीं बल्कि ये तो डालने के लिए बनी है...”

समर को थोड़ा सर्पाइज हुआ, पर उसे पता था की नेहा उंगली करती है। वो नेहा की पूरी जिप खोल चुका था अब उसने लोवर को साइड में से पकड़ा और पैंटी के वेस्टबैंड को उससे अलग करते हुए नीचे तरफ स्क्रोल करने लगा। वो अपनी हथेली को नेहा की जांघे पर भी घुमाकर नेहा की कोमलता का मजा ले रहा था।

उधर नेहा को समर के हाथों का टच एक अजीब सा एहसास करा रहा था। नेहा का पूरा लोवर निकल चुका था। वो पैंटी में ही बेड पर लेट गई। वो ऐसे रिएक्ट कर रही थी जैसे ये सब बिल्कुल नार्मल है। हाट रेड कलर की छोटी सी लेसी पैंटी पहनी हुई थी जो सिर्फ नेहा की चूत कवर कर रही थी। छोटी सी सफेद कलर की समीज जो सिर्फ उसके चूचे और थोड़ा सा पेट कवर रही थी साथ में रेड पैंटी में क्या गजब ही लग रही थी।

समर का लण्ड भी पूरा खड़ा हो चुका था। अपने दिल और दिमाग पर काबू करते हुए उसने तेल हाथ में लिया। हालांकी तेल ठंडा हो चुका था पर समर के हाथों की गर्मी ही काफी थी नेहा की रही सही थकान दूर करने के लिए।

नेहा बेड पर पीछे सरक के लेट चुकी थी। समर भी बेड पर बैठ गया और नेहा के दोनों पाँव को घुटनों से मोड़कर खड़ा कर दिया और मखमली टांगों की मसाज करने लगा। उसका ध्यान मसाज में बिल्कुल भी नहीं था। पाँव मोड़ देने की वजह से नंगी टांगों, जांघों और चूत का जो नजारा उसे दिख रहा था वो किसी का भी ध्यान भटका सकता था। नेहा की पैंटी बहुत ही ज्यादा टाइट थी इस कारण उसकी गुलाबी चूत का शेप रेड पैंटी में दिख रहा था और उसकी बड़ी सडोल गाण्ड के दोनों गोले भी नजर आ रहे थे।

समर को पाँव के पायंट प्रेस करना भी आता था। उसने अपना ध्यान मसाज में लगाया और नेहा का एक पाँव अपनी गोद में रखकर उसके पायंट प्रेस करने लगा।


samapt
 
hi,
apki kahani bahut acchi lagi...... mai night mei 4 bajey tak padtha raha. plz iska agley part ka link dijey mujey bahut hi jyada intaejar rahega.
 
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