" क्या कम्मो !!! मेरा बेटा तो मरता है ऐसे सुनहरे मौको की तलाश में और तुझे कोई इंटेरेस्ट नही .. कम से कम झूठी तारीफ ही कर दे " ....... नीमा ने पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा और उसकी यह बात सुनकर कम्मो का हाथ काँपने लगा.
" क्या .. क .. कैसी तारीफ नीमा, मैं समझी नही " ...... कम्मो ने अपना थूक निगलते हुए ग्लास अपने हाथ में पकड़ लिया .... माना वह लेज़्बीयन नही थी लेकिन एक पल को उसके दिल में ज़रूर आया कि वह नीमा के नंगे चूतडो को यूँ ही देखती रहे .... उसे अपनी दोस्त का यह नया अवतार हैरानी से भरने लगा था.
नीमा के चेहरे पर वा बहुत ग्लो देख रही थी, एक दम चमचमाता चेहरा .... आवाज़ में चहक, शैतानी, कॉन्फिडेन्स, उत्साह .... कहाँ कुछ दिन पहले वह कम्मो को मुरझाई सी मिली थी और आज उसका रोम - रोम पुलकित है ...... " इतने सारे चेंजस एक साथ, वह भी मात्र 5 - 6 दिनो में .. लेकिन कैसे ? " ...... कम्मो सोचने लगी.
नीमा वापस उसी सोफे पर बैठ गयी जहाँ पहले बैठी थी .... कम्मो शांत !!! बिना कोई हलचल किए उसकी नंगी चिकनी टाँगो को देख रही थी .... शायद वह खुद की टाँगो से उसका मिलान कर रही होगी.
" अरे यही तारीफ !!! यह ड्रेस मुझ पर कैसा लग रहा है, क्या मैं हॉट और सेक्सी दिख रही हूँ कम्मो ? .... नीमा ने अपनी दोनो चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए पूछा .... वह मुस्कुरा रही थी.
" हां नीमा !!! तुझे पहचान पाना मुश्किल है लेकिन " ...... इतना कह कर कम्मो चुप हो गयी, उसकी झिझक अब भी उतनी ही बरकरार है जितनी घर में आते वक़्त थी
" लेकिन क्या कम्मो ? " ..... नीमा ने दोबारा सवाल किया.
" मेरी बात का बुरा मत मानना नीमा !!! पर क्या तू अपने बच्चो के सामने भी ? " ...... कम्मो ने फिर से अपनी बात अधूरी छोड़ दी लेकिन नीमा उसका आशय समझ चुकी थी.
" उफ़फ्फ़ कामो !!! यह विक्की भी ना बड़ा शैतान है, उसका बस चले तो मुझे कपड़े ही ना पहनने दे .. कहता है उसकी मम्मी उसे नंगी सबसे अच्छी लगती है " ...... नीमा ने नॉटी वे में यह बात कह कर अपने दाँत बाहर निकाल दिए और कम्मो के हाथ से पानी का ग्लास छूटते छूटते बचा.
" न .. नीमा लेकिन स्नेहा !!! क्या उसे पता है तेरे और विक्की के बारे में .. मेरा मतलब तू ऐसे कपड़ो में, वह कोई सवाल नही करती ? " ....... कम्मो ने लजा कर पूछा .... नीमा जहाँ जहाँ, जिस जिस जगह खुद को अपने बेटे विक्की के साथ जोड़ रही थी सुनकर कम्मो के दिल में भी आ रहा था ..... " काश निकुंज भी उसके साथ ऐसा ही कुछ करता या फ्यूचर में करे "
" नही कम्मो !!! स्नेहा को कुछ पता नही .. अभी दो दिन पहले विक्की मेरे लिए यह ग्रीन टॉप और एक छोटा सा ब्लॅक हाफ़ पॅंट खरीद कर लाया था, उसने मुझे वह ड्रेस पहनने को कहा .... मैने स्नेहा के डर से उसे मना कर दिया और वह नाराज़ होकर घर से बाहर चला गया " ...... नीमा ने देखा कम्मो बड़े गौर से उसका एक - एक लफ्ज़ सुन रही है तो उसने अपनी बात ज़ारी रखी.
" फिर थोड़ी देर बाद स्नेहा घर लौट आई ... उस वक़्त मैं यूँ ही उस ड्रेस को पहेन कर मिरर के सामने खड़ी खुद को निहार रही थी .. जाने क्यों मुझे अच्छा लग रहा था, मैं शीशे में खुद को बिल्कुल भी पहचान नही पा रही थी .. एक खुशी थी मेरे चेहरे पर कि मेरा बेटा मुझे जवान और सेक्सी देखना चाहता है और तभी मेरे कमरे का गेट खुला पा कर स्नेहा मेरे कमरे के अंदर आ गयी .. उसे देख कर में घबरा गयी और खुद ब खुद मेरे कदम तेज़ी से बाथरूम की तरफ बढ़ गये .. कम्मो मैं सच में डर गयी थी, मेरी बेटी अपनी मम्मी के बारे में क्या क्या सोच रही होगी " ..... नीमा ने एक गहरी साँस लेते हुए बात को वही रोक दिया.
" आगे तो बता नीमा !!! क्यों रुक गयी " ...... कम्मो ने अधीरता से कहा, उसके चेहरे पर जिग्यासा थी.