hotaks444
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पापी परिवार--20
बेड - रूम मे आते ही दीप ने अपने चेहरे पर नाराज़गी के भाव बना लिए ..शिवानी अपने बेग से दूसरे कपड़े निकाल कर पहेन चुकी थी और इस वक़्त उसके हाथो मे नोट की गद्दी थी जिसे गिनते हुए उसका चेहरा खुशी से खिला जा रहा था ..दीप के कमरे मे आते ही उसका चेहरा गंभीर हो गया
" पूरे पैसे हैं ना ? "
दीप ने अपनी आवाज़ मे भारी पन लाते हुए पूछा
" जी पूरे हैं ..क्या मैं अब जा सकती हूँ ..रात हो गयी है मगर मैं टॅक्सी मॅनेज कर लूँगी "
शिवानी ने पैसे वापस अपने बेग मे रखे और बेड से उठ कर खड़ी हो गयी
" कहाँ जाना है बेटी ? "
दीप अपने मुरझाए लंड को पकड़ कर बेड से थोड़ी दूरे रखे सोफे पर बैठा था और इस बार उसने जान कर शिवानी के लिए बेटी शब्द का इस्तेमाल भी किया
" अंकल हॉस्टिल जाउन्गि "
इतना बोल कर शिवानी बेड - रूम के गेट की तरफ चल दी
" अभी कहाँ से ..ज़रा मेरा सेल देना ..मुझे अपने दोस्त इनस्पेक्टर तांबे को फोन करना है "
दीप ने अपने मोबाइल की तरफ इशारा करते हुए कहा ..उसके मूँह से पोलीस वाले का नाम सुन कर शिवानी के बढ़ते कदम रुक गये ..उसने दीप के चेहरे पर नज़र डाली जो इस वक़्त काफ़ी बोखलाया सा दिख रहा था
" ई ..ई ..इनस्पेक्टर ? "
शिवानी ने अपना थूक गले से नीचे उतार कर कहा ..वो एक दम से घबरा सी गयी
" हां वो यहाँ आएगा ..तुम्हारे घर बार के विषय मे पूच्छ - ताच्छ करेगा ..तुम प्रॉस्टिट्यूशन के धंधे मे उतरी हो ना इसीलिए उसे जानकारी देना ज़रूरी है "
दीप ने बड़ी आसानी से अपनी बात पूरी कर दी ..लेकिन शिवानी की गान्ड फट कर धुआ छोड़ने लगी ..उसे समझ आ गया कि उसके मूँह से अपनी बेटी का नाम सुन कर दीप नाराज़ हो गया है और अब वो अपनी बेवकूफी पर पछ्ता रही थी
" नही अंकल ऐसा मत करिए मैं बर्बाद हो जाउन्गि ..आप ये पैसे ले लीजिए मैं कान पकड़ती हूँ आगे से कोई ग़लत काम नही करूँगी "
शिवानी ने जल्दी से बेग खोल कर पैसे निकाले और बेड पर रख कर अपने कान पकड़ लिए ..उसकी पतली हालत देख कर दीप का मन प्रसन्न हो गया ..अब शिवानी काफ़ी हद्द तक उसके काबू मे थी लेकिन नरम पड़ कर दीप का गेम बिगड़ सकता था ..ऐसा सोच कर उसने अपना नाटक जारी रखने का फ़ैसला किया
" अरे तेरे मा - बाप को भी तो पता चलना चाहिए कि अब उनकी बेटी को ज़्यादा पैसो की ज़रूरत पड़ने लगी है और इसके लिए वो रंडी तक बनने को तैयार है ..मैने सही कहा ना बेटी "
दीप सोफे से उठ कर बेड की तरफ बढ़ गया ..सेल उठा कर उसने झूठा नंबर. डाइयल किया ही था की शिवानी के रोने की आवाज़ उसके कानो तक पहुच गयी
" माफ़ कर दो अंकल ..वो मर जाएँगे ..अगर आप इस लिए मुझसे नाराज़ हैं कि मैं नामिता की क्लास मेट हूँ तो मैं वादा करती हूँ उसे कभी कुछ नही बताउन्गि ..आप कहें तो मैं बिना पैसो के ही आप के साथ सेक्स करूँगी ..पर प्लीज़ ऐसा ज़ुलूम मत कीजिए "
शिवानी रोते हुए लड़खड़ाते कदमो से दीप की तरफ चलने लगी ..उसके पास पहुच कर वो तुरंत अपने घुटनो पर बैठी और झटके से उसका पूरा मुरझाया लंड एक बार मे ही अपने गले से नीचे उतार लिया ..उसकी सिसकियाँ हिचक़ियों मे बदल गयी और बहती आँखों की परवाह ना करते हुए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया ..दीप के मज़े की तो कोई सीमा ही नही रही
" आहह........ शिवानी छोड़ इसे और पहले उस अलमारी से मेरा डिजिटल कॅमरा निकाल कर ला "
दीप ने उसका सर पकड़ कर लंड मूँह से बाहर निकाला और वापस सोफे पर आ कर बैठ गया
" कॅमरा !!!!!!!! "
शिवानी को चक्कर आने लगे ..वो खुद को कोसने लगी कि क्यों पैसो के लालच मे आ कर वो इस बुरी मुसीबत मे फस गई ..वो अभी तक अपने घुटनो पर बैठे रोए जा रही थी
" हां कॅमरा ..मुझे भी तो अपना फ्यूचर सेव करना है ..चल अब ये रोने की नौटंकी ख़तम कर और जैसा कहता हूँ वैसा कर "
मोबाइल के कीपॅड की लाइट जलते ही शिवानी दौड़ कर अलमारी के पास पहुचि और कॅमरा ढूँढने लगी ..अब ग़लत करम किया है तो नुकसान तो झेलना ही पड़ेगा
[ इवेंट मेनेजमेंट फर्म होने की वजह से दीप अक्सर पार्टियों मे रेकॉर्डिंग वगेरा करता रहता था ..ताकि भविश्य के न्यू क्लाइंट'स को इंप्रेस करने के लिए स्नॅप्स दिखा सके ..और तभी एक पर्सनल कॅमरा 24 अवर्स उसके ऑफीस मे रखा रहता था ]
" दराज़ खोल उसमे है "
दीप के कहने पर शिवानी ने दराज़ खोल कर कॅमरा बाहर निकाल लिया ..लेकिन वो दीप के करीब आने की हिम्मत नही जुटा सकी
" अंकल मैने प्रॉमिस तो किया है ..प्लीज़ ऐसा मत करिए ..मेरी लाइफ स्पायिल हो जाएगी "
शिवानी को लगा जैसे अब वो बेहोशी के काफ़ी नज़दीक है ..फिर भी उसने खुद को नीचे गिरने से बचाए रखा था
" इधर ला इसे और बैठ जा मेरे सामने ज़मीन पर "
दीप गरजा और डर के मारे शिवानी तुरंत उसके करीब आ गयी ..इस वक़्त उसने ब्लॅक स्कर्ट और येल्लो टॉप पहेन लिया था जो वो सुबह वापसी की चेंजिंग के लिए बेग मे साथ रख कर लाई थी
" सुना नही तूने या लगाऊ फोन अपने इनस्पेक्टर दोस्त को "
दीप ने उसे हड़काया और कॅमरा ऑन करने लगा ..शिवानी ज़मीन पर उसकी टाँगो के पास बैठ गयी
" चल अब जब मैं कॅमरा तेरे ऊपर फोकस करू तो अपनी फुल डीटेल्स ..जैसे परिवार वालो का नाम ..अपना नाम ..शहर ..यहाँ मुंबई मे क्यों आई है ..कौन सा कॉलेज वगेरा - वगेरा सारी जानकारी बताना और हां अपने ये आँसू पोछ ले ..मुस्कुरा कर पूरा इंट्रोडक्षन देना "
इतना कह कर दीप उसके रेडी होने का इंतज़ार करने लगा ..टॉप से अपने आँसू पोछ कर शिवानी ने फेस को स्माइलिंग बनाया लेकिन कोई भी शक़्स उसे देख कर कह सकता था कि थोड़ी देर पहले वो जम कर रोई होगी
" चल बोलना शुरू कर "
दीप ने कमेरे का सारा फोकस शिवानी के चेहरे पर कर दिया
" मैं शिवानी सहाए ..उमर 19 साल ..शहर आगरा से यहाँ मुंबई ..फ्रॅंक विन इन्स्टिट्यूट से एर होस्टेस्स का कोर्स करने आई हूँ ..मेरे पिता हीरा चन्द सहाए पेशे से गूव्ट. टीचर हैं और माताजी. शुषमा सहाए हाउस वाइफ ..तीन भाइयों मे मैं अकेली लड़की हूँ "
इतना बुलवा कर दीप ने कॅमरा पॉज़ कर दिया
" जी अंकल मैने कह दिया जैसा आपने बोला था ..अब तो आप मुझसे नाराज़ नही हैं ना "
शिवानी ने ऐसा इसलिए कहा कि शायद उसका मासूम रोता चेहरा देख कर दीप को उस पर रहम आ जाए ..लेकिन दीप किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ था ..अचानक से उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैरने लगी ..उसकी हँसी देख कर शिवानी को लगा जैसे आज वो यहाँ से ज़िंदा वापस नही जा पाएगी ..अगर दीप ने उस पर और ज़्यादा ज़ुलूम ढाए तो ज़रूर उसके प्राण इस बंद कमरे मे निकल जाएँगे
" चल अब आगे बोलना ..मैं अपनी मज़री से यहाँ मुंबई मे प्रॉस्टिट्यूट बनी हूँ ..पैसो के खातिर अब तक मैने 15 मर्दो से चुदवाया है और आज मैं मेरी 16वी चुदाई आप के लिए रेकॉर्ड करवा रही हूँ ..आशा है आप सब को पसंद आएगी ..चल फटाफट बोल और फिर मेरा लंड चूसना शुरू कर देना और हां अपनी तरफ से भी कोई मिर्च मसाला डालना "
इतना कह कर दीप ने वापस कॅमरा उसके चेहरे पर फोकस कर दिया ..पर शिवानी अपना सर झुकाए बैठी रही ..ये काम तो बहुत जलालत भरा था ..कैसे वो कमेरे के सामने अपनी लाइव चुदाई रेकॉर्ड करवा सकती थी
" सुना नही तूने ..लगाऊ फोन ..चल इस बार लगा ही देता हूँ ..बाकी पोलीस के डंडे तुझसे सब उगलवा देंगे "
दीप ने मोबाइल उठाया और नंबर. डाइयल कर झुटि मूटि आक्टिंग करने लगा ..शिवानी समझ गयी अब उसे भगवान ही नही बचा सकते ..दीप की बात मान ने के अलावा उसके पास कोई और चारा नही बचा
" मैं बोलती हूँ अंकल आप कॉल काटिए "
बेड - रूम मे आते ही दीप ने अपने चेहरे पर नाराज़गी के भाव बना लिए ..शिवानी अपने बेग से दूसरे कपड़े निकाल कर पहेन चुकी थी और इस वक़्त उसके हाथो मे नोट की गद्दी थी जिसे गिनते हुए उसका चेहरा खुशी से खिला जा रहा था ..दीप के कमरे मे आते ही उसका चेहरा गंभीर हो गया
" पूरे पैसे हैं ना ? "
दीप ने अपनी आवाज़ मे भारी पन लाते हुए पूछा
" जी पूरे हैं ..क्या मैं अब जा सकती हूँ ..रात हो गयी है मगर मैं टॅक्सी मॅनेज कर लूँगी "
शिवानी ने पैसे वापस अपने बेग मे रखे और बेड से उठ कर खड़ी हो गयी
" कहाँ जाना है बेटी ? "
दीप अपने मुरझाए लंड को पकड़ कर बेड से थोड़ी दूरे रखे सोफे पर बैठा था और इस बार उसने जान कर शिवानी के लिए बेटी शब्द का इस्तेमाल भी किया
" अंकल हॉस्टिल जाउन्गि "
इतना बोल कर शिवानी बेड - रूम के गेट की तरफ चल दी
" अभी कहाँ से ..ज़रा मेरा सेल देना ..मुझे अपने दोस्त इनस्पेक्टर तांबे को फोन करना है "
दीप ने अपने मोबाइल की तरफ इशारा करते हुए कहा ..उसके मूँह से पोलीस वाले का नाम सुन कर शिवानी के बढ़ते कदम रुक गये ..उसने दीप के चेहरे पर नज़र डाली जो इस वक़्त काफ़ी बोखलाया सा दिख रहा था
" ई ..ई ..इनस्पेक्टर ? "
शिवानी ने अपना थूक गले से नीचे उतार कर कहा ..वो एक दम से घबरा सी गयी
" हां वो यहाँ आएगा ..तुम्हारे घर बार के विषय मे पूच्छ - ताच्छ करेगा ..तुम प्रॉस्टिट्यूशन के धंधे मे उतरी हो ना इसीलिए उसे जानकारी देना ज़रूरी है "
दीप ने बड़ी आसानी से अपनी बात पूरी कर दी ..लेकिन शिवानी की गान्ड फट कर धुआ छोड़ने लगी ..उसे समझ आ गया कि उसके मूँह से अपनी बेटी का नाम सुन कर दीप नाराज़ हो गया है और अब वो अपनी बेवकूफी पर पछ्ता रही थी
" नही अंकल ऐसा मत करिए मैं बर्बाद हो जाउन्गि ..आप ये पैसे ले लीजिए मैं कान पकड़ती हूँ आगे से कोई ग़लत काम नही करूँगी "
शिवानी ने जल्दी से बेग खोल कर पैसे निकाले और बेड पर रख कर अपने कान पकड़ लिए ..उसकी पतली हालत देख कर दीप का मन प्रसन्न हो गया ..अब शिवानी काफ़ी हद्द तक उसके काबू मे थी लेकिन नरम पड़ कर दीप का गेम बिगड़ सकता था ..ऐसा सोच कर उसने अपना नाटक जारी रखने का फ़ैसला किया
" अरे तेरे मा - बाप को भी तो पता चलना चाहिए कि अब उनकी बेटी को ज़्यादा पैसो की ज़रूरत पड़ने लगी है और इसके लिए वो रंडी तक बनने को तैयार है ..मैने सही कहा ना बेटी "
दीप सोफे से उठ कर बेड की तरफ बढ़ गया ..सेल उठा कर उसने झूठा नंबर. डाइयल किया ही था की शिवानी के रोने की आवाज़ उसके कानो तक पहुच गयी
" माफ़ कर दो अंकल ..वो मर जाएँगे ..अगर आप इस लिए मुझसे नाराज़ हैं कि मैं नामिता की क्लास मेट हूँ तो मैं वादा करती हूँ उसे कभी कुछ नही बताउन्गि ..आप कहें तो मैं बिना पैसो के ही आप के साथ सेक्स करूँगी ..पर प्लीज़ ऐसा ज़ुलूम मत कीजिए "
शिवानी रोते हुए लड़खड़ाते कदमो से दीप की तरफ चलने लगी ..उसके पास पहुच कर वो तुरंत अपने घुटनो पर बैठी और झटके से उसका पूरा मुरझाया लंड एक बार मे ही अपने गले से नीचे उतार लिया ..उसकी सिसकियाँ हिचक़ियों मे बदल गयी और बहती आँखों की परवाह ना करते हुए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया ..दीप के मज़े की तो कोई सीमा ही नही रही
" आहह........ शिवानी छोड़ इसे और पहले उस अलमारी से मेरा डिजिटल कॅमरा निकाल कर ला "
दीप ने उसका सर पकड़ कर लंड मूँह से बाहर निकाला और वापस सोफे पर आ कर बैठ गया
" कॅमरा !!!!!!!! "
शिवानी को चक्कर आने लगे ..वो खुद को कोसने लगी कि क्यों पैसो के लालच मे आ कर वो इस बुरी मुसीबत मे फस गई ..वो अभी तक अपने घुटनो पर बैठे रोए जा रही थी
" हां कॅमरा ..मुझे भी तो अपना फ्यूचर सेव करना है ..चल अब ये रोने की नौटंकी ख़तम कर और जैसा कहता हूँ वैसा कर "
मोबाइल के कीपॅड की लाइट जलते ही शिवानी दौड़ कर अलमारी के पास पहुचि और कॅमरा ढूँढने लगी ..अब ग़लत करम किया है तो नुकसान तो झेलना ही पड़ेगा
[ इवेंट मेनेजमेंट फर्म होने की वजह से दीप अक्सर पार्टियों मे रेकॉर्डिंग वगेरा करता रहता था ..ताकि भविश्य के न्यू क्लाइंट'स को इंप्रेस करने के लिए स्नॅप्स दिखा सके ..और तभी एक पर्सनल कॅमरा 24 अवर्स उसके ऑफीस मे रखा रहता था ]
" दराज़ खोल उसमे है "
दीप के कहने पर शिवानी ने दराज़ खोल कर कॅमरा बाहर निकाल लिया ..लेकिन वो दीप के करीब आने की हिम्मत नही जुटा सकी
" अंकल मैने प्रॉमिस तो किया है ..प्लीज़ ऐसा मत करिए ..मेरी लाइफ स्पायिल हो जाएगी "
शिवानी को लगा जैसे अब वो बेहोशी के काफ़ी नज़दीक है ..फिर भी उसने खुद को नीचे गिरने से बचाए रखा था
" इधर ला इसे और बैठ जा मेरे सामने ज़मीन पर "
दीप गरजा और डर के मारे शिवानी तुरंत उसके करीब आ गयी ..इस वक़्त उसने ब्लॅक स्कर्ट और येल्लो टॉप पहेन लिया था जो वो सुबह वापसी की चेंजिंग के लिए बेग मे साथ रख कर लाई थी
" सुना नही तूने या लगाऊ फोन अपने इनस्पेक्टर दोस्त को "
दीप ने उसे हड़काया और कॅमरा ऑन करने लगा ..शिवानी ज़मीन पर उसकी टाँगो के पास बैठ गयी
" चल अब जब मैं कॅमरा तेरे ऊपर फोकस करू तो अपनी फुल डीटेल्स ..जैसे परिवार वालो का नाम ..अपना नाम ..शहर ..यहाँ मुंबई मे क्यों आई है ..कौन सा कॉलेज वगेरा - वगेरा सारी जानकारी बताना और हां अपने ये आँसू पोछ ले ..मुस्कुरा कर पूरा इंट्रोडक्षन देना "
इतना कह कर दीप उसके रेडी होने का इंतज़ार करने लगा ..टॉप से अपने आँसू पोछ कर शिवानी ने फेस को स्माइलिंग बनाया लेकिन कोई भी शक़्स उसे देख कर कह सकता था कि थोड़ी देर पहले वो जम कर रोई होगी
" चल बोलना शुरू कर "
दीप ने कमेरे का सारा फोकस शिवानी के चेहरे पर कर दिया
" मैं शिवानी सहाए ..उमर 19 साल ..शहर आगरा से यहाँ मुंबई ..फ्रॅंक विन इन्स्टिट्यूट से एर होस्टेस्स का कोर्स करने आई हूँ ..मेरे पिता हीरा चन्द सहाए पेशे से गूव्ट. टीचर हैं और माताजी. शुषमा सहाए हाउस वाइफ ..तीन भाइयों मे मैं अकेली लड़की हूँ "
इतना बुलवा कर दीप ने कॅमरा पॉज़ कर दिया
" जी अंकल मैने कह दिया जैसा आपने बोला था ..अब तो आप मुझसे नाराज़ नही हैं ना "
शिवानी ने ऐसा इसलिए कहा कि शायद उसका मासूम रोता चेहरा देख कर दीप को उस पर रहम आ जाए ..लेकिन दीप किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ था ..अचानक से उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैरने लगी ..उसकी हँसी देख कर शिवानी को लगा जैसे आज वो यहाँ से ज़िंदा वापस नही जा पाएगी ..अगर दीप ने उस पर और ज़्यादा ज़ुलूम ढाए तो ज़रूर उसके प्राण इस बंद कमरे मे निकल जाएँगे
" चल अब आगे बोलना ..मैं अपनी मज़री से यहाँ मुंबई मे प्रॉस्टिट्यूट बनी हूँ ..पैसो के खातिर अब तक मैने 15 मर्दो से चुदवाया है और आज मैं मेरी 16वी चुदाई आप के लिए रेकॉर्ड करवा रही हूँ ..आशा है आप सब को पसंद आएगी ..चल फटाफट बोल और फिर मेरा लंड चूसना शुरू कर देना और हां अपनी तरफ से भी कोई मिर्च मसाला डालना "
इतना कह कर दीप ने वापस कॅमरा उसके चेहरे पर फोकस कर दिया ..पर शिवानी अपना सर झुकाए बैठी रही ..ये काम तो बहुत जलालत भरा था ..कैसे वो कमेरे के सामने अपनी लाइव चुदाई रेकॉर्ड करवा सकती थी
" सुना नही तूने ..लगाऊ फोन ..चल इस बार लगा ही देता हूँ ..बाकी पोलीस के डंडे तुझसे सब उगलवा देंगे "
दीप ने मोबाइल उठाया और नंबर. डाइयल कर झुटि मूटि आक्टिंग करने लगा ..शिवानी समझ गयी अब उसे भगवान ही नही बचा सकते ..दीप की बात मान ने के अलावा उसके पास कोई और चारा नही बचा
" मैं बोलती हूँ अंकल आप कॉल काटिए "