hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
पापी परिवार--60
मानसिक एवं शारीरिक समर्पण कर चुकी नीमा, निकुंज की मजबूत छाति में अपना शर्म से सराबोर लाल मुखड़ा छुपाये ज़ोर-ज़ोर से हाँफ रही थी. उसके गोल मटोल मम्मो का आकार निरंतर उसकी फूलती सांसो के उतार चढ़ाव से घट-ता बढ़ता जा रहा था और उसके टॉप के अंदर ब्रा का कोई आधार मौजूद ना होने से उसके तने चुचको के भेदन की असहनीय वेदना से निकुंज के लंड में अकल्पनीय विकरलता आने लगी थी.
"आंटी !! कब से मेरा लंड आप के कोमल होंठो के अंदर प्रवेश करने की राह देख रहा था" निकुंज उसकी ठोड्डी को अपने हाथ की प्रथम उंगली से ऊपर उठाते हुए, अपने चेहरे के सम्तुल्य ला कर कहता है "उसे आप के मूँह से एक बेहतरीन चुसाई की उम्मीद है" वह उसकी कजरारी आँखों में झाँक कर बोला.
"निकुंज !! तुम बेहद घटिया और गंदे किसम के लड़के हो" नीमा ने उसकी छाति में मुक्का जड़ा "अपनी मा की उमर की औरत से ऐसी अश्लील बातें करने में तुम्हे शरम आनी चाहिए" वह जान-बूझ कर अपने कथन में मा शब्द का उच्चारण करती है और झूठे क्रोध का नाटक करती हुई, लजा भी जाती है.
"उफ़फ्फ़ आंटी !! जल्दी मेरा लंड चूस कर मुझे इस भयानक दर्द से निजात दिलवाए" नीमा जो चाहती थी वही हुआ. खुद की मा का जीकर सुनते ही निकुंज के टट्टो में अचानक से अविश्वसनीय उबाल आ जाता है और उसके लंड का मोटा सुपाडा अत्यधिक फूल कर, गाढ़ा रस उगलने लगता है.
लंड की संपूर्ण विशालता को देखने के लिए तो नीमा भी कब से तड़प रही थी. अपनी चूत में मचती कुलबुलाहट के और अधिक आघात से पाना अब उसके बस में नही था. उसने एक अंतिम नज़र निकुंज के धैर्य खोते चेहरे पर डाली और इसके पश्चाताप ही वह उसके लंड पर स्वेक्षा से अपने हाथ का एकाधिकार कर लेती है.
"आह" दोनो कराह कर उठे. फॉरन नीमा ने निकुंज के भारी-भरकम शरीर को उसके लंड की पकड़ से खीचना शुरू किया और जिस सोफे पर वह पूर्व में बैठा हुआ था, बड़े कामुक अंदाज़ में धकेल कर उसे नीचे गिरा देती है.
"निकुंज" वह उसकी टाँगो के बीचो-बीच अपने घुटनो पर बैठ कर बोली "बेटा !! मैं तुम्हारी मा कामिनी की सबसे अच्छी दोस्त हूँ और क्या यह जानते हुए भी तुम अपना लंड, अपनी नीमा आंटी से चुसवाना चाहोगे ?" विस्फोटक प्रश्न पुछ्ते हुए वह अपने दोनो हाथो की उंगलियाँ निकुंज की फ्रेंची उतारने के उद्देश्य से उसकी एलास्टिक के इर्द-गिर्द फसा देती है.
नीमा का विध्वंशक सवाल और लंड शब्द के स्पष्ट उच्चारण को सुन कर फॉरन निकुंज अतीत की एक सुनहरी याद में खो जाता है. कुच्छ ऐसा ही द्रश्य उसकी आँखों के सामने नृत्य करने लगता है, जब उसकी सग़ी मा उसके सोए लंड को खड़ा करने के उपचार हेतु, उसे अपने मूँह में लेकर चूसने को विवश हो गयी थी.
मानसिक एवं शारीरिक समर्पण कर चुकी नीमा, निकुंज की मजबूत छाति में अपना शर्म से सराबोर लाल मुखड़ा छुपाये ज़ोर-ज़ोर से हाँफ रही थी. उसके गोल मटोल मम्मो का आकार निरंतर उसकी फूलती सांसो के उतार चढ़ाव से घट-ता बढ़ता जा रहा था और उसके टॉप के अंदर ब्रा का कोई आधार मौजूद ना होने से उसके तने चुचको के भेदन की असहनीय वेदना से निकुंज के लंड में अकल्पनीय विकरलता आने लगी थी.
"आंटी !! कब से मेरा लंड आप के कोमल होंठो के अंदर प्रवेश करने की राह देख रहा था" निकुंज उसकी ठोड्डी को अपने हाथ की प्रथम उंगली से ऊपर उठाते हुए, अपने चेहरे के सम्तुल्य ला कर कहता है "उसे आप के मूँह से एक बेहतरीन चुसाई की उम्मीद है" वह उसकी कजरारी आँखों में झाँक कर बोला.
"निकुंज !! तुम बेहद घटिया और गंदे किसम के लड़के हो" नीमा ने उसकी छाति में मुक्का जड़ा "अपनी मा की उमर की औरत से ऐसी अश्लील बातें करने में तुम्हे शरम आनी चाहिए" वह जान-बूझ कर अपने कथन में मा शब्द का उच्चारण करती है और झूठे क्रोध का नाटक करती हुई, लजा भी जाती है.
"उफ़फ्फ़ आंटी !! जल्दी मेरा लंड चूस कर मुझे इस भयानक दर्द से निजात दिलवाए" नीमा जो चाहती थी वही हुआ. खुद की मा का जीकर सुनते ही निकुंज के टट्टो में अचानक से अविश्वसनीय उबाल आ जाता है और उसके लंड का मोटा सुपाडा अत्यधिक फूल कर, गाढ़ा रस उगलने लगता है.
लंड की संपूर्ण विशालता को देखने के लिए तो नीमा भी कब से तड़प रही थी. अपनी चूत में मचती कुलबुलाहट के और अधिक आघात से पाना अब उसके बस में नही था. उसने एक अंतिम नज़र निकुंज के धैर्य खोते चेहरे पर डाली और इसके पश्चाताप ही वह उसके लंड पर स्वेक्षा से अपने हाथ का एकाधिकार कर लेती है.
"आह" दोनो कराह कर उठे. फॉरन नीमा ने निकुंज के भारी-भरकम शरीर को उसके लंड की पकड़ से खीचना शुरू किया और जिस सोफे पर वह पूर्व में बैठा हुआ था, बड़े कामुक अंदाज़ में धकेल कर उसे नीचे गिरा देती है.
"निकुंज" वह उसकी टाँगो के बीचो-बीच अपने घुटनो पर बैठ कर बोली "बेटा !! मैं तुम्हारी मा कामिनी की सबसे अच्छी दोस्त हूँ और क्या यह जानते हुए भी तुम अपना लंड, अपनी नीमा आंटी से चुसवाना चाहोगे ?" विस्फोटक प्रश्न पुछ्ते हुए वह अपने दोनो हाथो की उंगलियाँ निकुंज की फ्रेंची उतारने के उद्देश्य से उसकी एलास्टिक के इर्द-गिर्द फसा देती है.
नीमा का विध्वंशक सवाल और लंड शब्द के स्पष्ट उच्चारण को सुन कर फॉरन निकुंज अतीत की एक सुनहरी याद में खो जाता है. कुच्छ ऐसा ही द्रश्य उसकी आँखों के सामने नृत्य करने लगता है, जब उसकी सग़ी मा उसके सोए लंड को खड़ा करने के उपचार हेतु, उसे अपने मूँह में लेकर चूसने को विवश हो गयी थी.