hotaks444
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वहां से मैं सीधे ही ऑफिस गया और तभी मेरा फोन बजता है ,स्क्रीन को देखकर मेरे दिल की धड़कने रुक सी गयी नाम था ,जान और काजल की तस्वीर वहां पर दिखाई दे रही थी ,मैंने काँपते हुए हाथो से फोन रिसीव किया,
“हैल्लो जान कहा हो आप “
“मैं आफिस में हु और तुम कैसी हो ,”मेरी आवज की थकान को जैसे वो पहचान गयी थी ,
“क्या हुआ आपको मैं कल से आपको काल कर रही हु पर आप जवाब ही नही दे रहे हो ,मैंने प्यारे काका को भी काल किया तो पता लगा की आप बिना कुछ बताये ही कही गए हो ,जानते हो कल से कितनी परेशान हु ,अब जल्दी से घर आ जाओ मैं घर आ गयी हु ,”
काजल घर आ गयी है ,क्या वो घर में अकेले है ,मेरे दिमाग में एक ही बात गूंज गयी ,
“हा जान आ रहा हु “
मैंने तुरंत रघु को काल किया वो वो गाड़ी लेकर आफिस आ जाए मैं जल्द ही अपने घर पहुचा वहां देखा तो 2 बड़ी suv खड़ी थी मैंने उन्हें पहचान लिया ये मेरे ससुराल की गाड़िया थी,घर के बाहर के गार्डन में कुछ गार्ड खड़े थे वो भी मेरे ससुराल के थे ,सबने मेरा अभिवंदन किया ,मैं जब अंदर गया तो वहां काजल के बड़े भैया और भाभी जी भी थी मुझे समझ आ गया की ये काजल को छोड़ने को ही यहां आये है मैंने सबका अभिनदंन किया काजल मुझसे तब तक बात भी नही कर रही थी ,वो बड़े ही सलीके से वहां खड़ी थी पास ही प्यारे खड़ा था जिसे मैंने गुस्से से देखा वो बेचारा किचन में चला गया,कुछ देर में काजल मेरे लिए चाय ले आयी और मुझे देखकर एक मुस्कान बिखरा गयी ,वो शरारत भरी मुस्कान मासूम सी मेरी प्यारी काजल ,वाह जैसे कुछ हुआ ही ना हो मैं अपने सभी गम भूलकर बस उसे देखने लगा की काजल की भाभी जी ने हल्के से खासते हुए हमे फिर से होश में लाया ,काजल तो शर्म से पानी पानी हो गयी और फिर किचन के दरवाजे के पास चली गयी वही भाभी और भैया दोनो ही हसने लगे …
“क्यो दमांद जी कहा चले गए थे आप,काल रात से काजल का रो रो कर बुरा हाल है ,आप फोन उठा नही रहे थे और घर में भी नही थे रातो रात हमे यहां आना पड़ा “मैंने काजल की तरफ निगाह घुमाई उसके मासूम से चहरे को देखा उसकी आंखे सचमे थोड़ी सूजी हुई थी मानो रात भर वो रोइ हो ,वो अपना सर झुककर खड़ी थी ,पता नही क्यो कहना तो वो बहुत कुछ चाहती थी पर जैसे अपने भैया भाभी की उपस्थिति में कुछ नही कह पा रही थी ,मैं कुछ बोलने ही वाला था की भैया बोल पड़े
“देखो आकाश हमारी एक ही बहन है और हमने इसे बड़े ही प्यार से पाला है ,इसको की बात का दुख ना हो जाय ,ये तुमसे बहुत प्यार करती है और कल से ये तुम्हारे लिए ही परेशान है ,इसमें हम सबकी जान बसती है ,तुमसे हाथ जोड़कर विनती है इसका खयाल रखना “भैया ने अपने हाथ मेरे सामने जोड़ लिए ,मैंने तुरंत ही उनका हाथ पकड़ लिया,उनकी आंखे कुछ नम थी ,
“भैया ये आप क्या कह रहे है ,मुझसे सचमे कल गलती हो गयी असल में मैं कल अपने एक दोस्त के पास चला गया था और रात भर उसके ही साथ था,मैं काजल का काल देख ही नही पाया था,मुझे माफ कर दीजिये और आप यू हाथ जोड़कर मुझे शर्मिंदा मत करे आप तो बड़े है आपका तो हक है की आप हमे डांटे …”अब भैया के चहरे में कुछ मुस्कान आ गयी थी ,पर वो मुस्कान अब भी फीकी ही थी ,
“आप लोग बातें करे मैं और काजल मिलकर खाना बनाते है,”भाभी जी इतना कहकर वहां से चले गयी और भैया ने मुझे बाहर आने को कहा
हम दोनो गार्डन में बैठे थे
“देखो आकाश काजल अभी भी बच्ची है ,और अगर उससे कोई गलती हो जाए तो हमे बताना हम उसे समझायेंगे लेकिन इस तरह रुठ जाना सही नही है ना “भैया की बात से मेरी भवे चढ़ गयी
“मैं काजल से नाराज नही हु भैया “
“ह्म्म्म देखो काजल ने अपनी भाभी को बताया था की तुम कुछ दिनों से थोड़े खोये खोये रहते हो और काजल के जाने के बाद से तुमने उससे फोन पर भी बात नही की ,और ये कल का किस्सा तुम एक क्लब में जाकर दारू पी रहे थे ,ये सब क्या है ..”मैंने उन्हें आश्चर्य से देखा
“हा कल मेरा एक दोस्त वही था जहा बैठकर तुम दारू पी रहे थे ,और साथ में वो तुम्हारा दोस्त भी था ,उसने मुझे ये बताया तो मुझे समझ आ गया की काजल और तुम्हारे बीच कुछ ठीक नही है ,क्योकि जहा तक मैं तुम्हे जनता हु तुम तो शराब को हाथ भी नही लगाते क्यो सही हैहै ना “
मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या कहु
“भैया वो दोस्त ने मुझे जबरदस्ती पिला दी थी “
“उसने ये भी बताया की तुम दोनो में कुछ झगड़ा हो रहा था,और तुम पहले से वहां बैठे थे ,मैंने ये बात काजल को नही बताई पर तुम मुझे सच सच बताओ सब ठीक तो है ना “
“हा भैया सब ठीक है ,डरने वाली कोई भी बात नही है और रही काजल की बात तो मैं उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हु ,मैं कभी उसे दुखी नही करूँगा,और रही काल की बात तो वो कुछ अलग मेटर है ,मेरे और मेरे दोस्त के बीच की आप को चिंता की जरूरत नही है वो कल ही हमने सॉल्व कर लिया था,”
“तुम्हे अगर कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो बिना झिझक कहना यहां हमारी बहुत पहचान है और तुम अब हमारे परिवार हो ठीक है ,किसी नेता या अधिकारी कोई दिक्कत देता है तो उसे हम सम्हाल लेंगे “भैया को मैंने बड़े प्यार से देखा
“नही भैया सब कुछ ठीक है यहां काम संबंधित कोई भी परेशानी मुझे नही है ,आप चिंता ना करे “
भैया अब थोड़े से निश्चिंत दिख रहे थे ,हम बैठे युही इधर उधर की बाते करने लगे ………..
भैया भाभी के जाने के बाद काजल और मैं एक अजीब सी और अनकही सी खामोशी का जन्म हो गया,मैं कुछ बोल नही पा रहा था और काजल अपनी नम आंखों से मुझे देखे जा रही थी….उसका भोलापन साला दिल को चीरने वाला होता है..वो कभी भी मेरे सामने किसी को भी तजव्वो नही देती,यही मुझे उसे प्यार करने पर मजबूर कर देता है.प्यारे की आंखों में एक चमक मैंने देखी थी,जो काजल के आने पर थी ,पर काजल अभी भी उसे कोई भी भाव नही दे रही थी,वो उससे बात करने की कोशिस करता पर वो मेरे बारे में ही पूछे जा रही थी...उसने काजल को सब बाता दिया की कैसे मैं आजकल ज्यादा गुस्सैल हो गया हु ,कैसे मैं उसे बिना बात भी चिल्ला देता हु…
प्यारे मेरी शिकायत कर रहा था पर काजल के लिए ये एक गंभीर बात थी वो मेरी चिंता में थी की आखिर इसे हुआ क्या है……..
मिया बीबी के बीच खामोशी रहे भी तो कब तक,जबकि वो एक दूजे को प्यार करते हो ,ये खामोशी हम दोनो के लिए ही जानलेवा थी...खाना हैम खा चुके थे,प्यारे सभी काम कर जा चुका था,काजल बिना बोले मेरे पास आकर खड़ी हो गयी ,हमारी नजर मिली उसके आंखों का आंसू मेरे दिल को पिघलने के लिए काफी था..
भीगी हुई आंखों के साथ मासूम काजल अग्रवाल को देख लो..चहरे से मासूमियत टपकती हुई सी,वो मुह खोले तो कोयल बोले,वो हँसे तो मोती शरमाये,प्यारे से चहरे पर मायूसी भी बड़ी प्यारी लग रही थी…
मुझसे रहा नही गया और मैं हाथ फैला कर उसे अपने पास आने को कहा,वो जोरो से रोती हुई मेरे सीने से लिपट गयी….
इतनी शांति….इतना प्यार …...इतनी कोमलता…..waaaahhhhhhh
वो मुझे प्यार से मारने लगी,
“क्या हो गया था आपको,क्यो कर रहे थो इतना गुस्सा…और जब से आयी हु प्यार से बात भी नही की,और ना ही काल न msg क्या हो गया…..”
अब इस पगली को क्या बताता की क्या हो गया है,जिसके कारण इतना तकलीफ में हु वही पूछ रही है की क्या हुआ…
लेकिन पूरा नही आधा सच तो बोल गया…
“तुम नही थी ना मेरे पास इसलिए...बेचैन हो गया था ,कही मन नही लग रहा था”
काजल ने मेरे आंखों में देखा,साला प्यार तो सच्चा था मेरा जो मेरी आंखों से भी उसे दिखता था...उसके आंखों में रुके आंसू फिर से हल्के हल्के से बहने लगे..वो मुझे बस थोड़ी देर देखती रही और मेरे ऊपर कूद पड़ी...मेरे गालो को होठो को ऐसे चूमना शुरू कर दिया जैसे मानो जन्मो की प्यासी है,
“अब कही नही जाऊंगी मेरी जान आपको छोड़कर “
उसके बच्चों वाली हरकत से मुझे हसी आ गयी,वो मेरे कंधे पर सर रखकर बैठ गयी...मैंने भी उसे अपनी बांहो में समा लिया…
मैं पुरानी बाते बस एक ही पल में भूल गया,मुझे पता था तो बस काजल का प्यार…
मैं उसके बालो को सहलाता हुआ वहां बैठा था की एक हल्की सी आहट ने मेरा ध्यान खिंचा…
msg का छोटा सा रिंगटोन..काजल का मोबाइल मेरे बाजू में ही पड़ा था,काजल ने उसे उठाया देखा और बिना किसी भी एक्सप्रेशन के ही उसे फिर से अपने बाजू में फेक दिया...वो पहले के ही तरह अपनी आंखे बंद कर मेरे बाजुओ में खुद को छोड़ गयी,
पर मैं अब वो नही था जो कुछ ही पलो पहले था मेरा ध्यान उस मोबाइल की तरफ गया...वो फिर कुछ जला इसबार टोन नही बजा शायद काजल ने उसे साइलेंट में डाल दिया था,वो बस जलता और बज जाता,मुझे आभस हो गया की लगभग 5 msg आ चुके थे...पर काजल का ध्यान वहां नही था..
थोड़ी देर में काजल और मुझे प्यार दे देखने लगी,उसकी आंखे कह रही थी की वो क्या चाहती है,प्यार ..?????
या सेक्स..?????
जो भी हो बस मुझे ये समझ आ चुका था की उसकी वो नशीली आंखे अब मुझे अपनी ओर खिंच रही है,उसके देह से उठाने वाली महक बता रही थी की वो मुझे आकर्षित कर रही है...वो मेरे गालो को प्यार से सहलाई फिर मेरे होठो के पास अपने होठ लाकर रुक गयी,शायद उसे मेरे एक्शन का इंतजार था...पर मैं बस मुस्कुरा दिया…
“क्या हुआ आप ……..”काजल बस इतना कह मुझसे दूर हो रही थी पर मैंने उसकी कमर को जकड़ लिया और अपनी ओर खिंचा…
“आउच “वो शरारती नजरो से मुझे देखने लगी,दोनो के ही होठो पर एक मुस्कान थी जैसे की हम दोनो ही जानते थे की आगे क्या होने वाला है...बड़े धीरे से उसके होठो तक अपने होठ लाये और उसके होठो को अपने दांतो में जकड़ कर खिंच दिया…
“आआआआआआहहहहहहहह “मुझे मजा आने लगा,काजल ने शिकायत भरे लहजे से मुझे देखा
मैं उसके नितंबो के नीचे अपना हाथ डालकर उसे उठा लिया और बेडरूम की तरफ जाने लगा ,वो मेरे होठो अपने होठो से भरकर चूसने लगी...दोनो ही अब डूबना चाहते थे कोई भी सब्र अब नही था,....हम दोनो साथ ही पलंग पर लुडकगये
किस ने उत्तेजना को बढ़ाया और मैं उसके बड़े बड़े स्तनों को दबाने लगा,उसकी आहो की मधुरता ने हमारे जिस्म की आग को भड़का दिया था,मैं अपने कपड़े उतारने लगा पर वो मेरा हाथ खिंच कर अपने स्तनों पर ले आयी और खुद मेरे कपड़े खोलने लगी,उसकी बेताबी देखकर मुझे हसी आ गयी और वो मुझे देखकर शर्मा गयी...पर उसने मेरे कपड़े नही छोड़े और मेरे जीन्स के ऊपर से दिखते मेरे कसे हुए लिंग को अपने हाथो से दबा दिया…..
“ooooohhhh आआआआहहहह “अब मेरी बड़ी थी सिसकी लेने की ,उसने जल्दी ही मुझे नंगा कर दिया था मेरे लिंग को अपने हाथो से छोड़ ही नही रही थी उसकी बेताबी ने मेरा हाल बुरा कर दिया था,वो अपने होठो को खोलकर मेरे लिंग को अपने होठो से रगड़ने लगी…...हे भगवान ये क्या कर रही है,,,...मेरी हालात इतनी खराब थी की मैं अब ही निकल जाऊ पर वो तो पागलो की तरह उसे चूमे जा रही थी...उसने मेरे सुपडे की चमड़ी को पीछे खिंचा और उसे अपने मुह में लेकर चूसने लगी,
“मादरचोद….”मेरे मुह से अनायास ही निकल गया ,इतना मजा तो मैंने फील ही नही किया था,मैं लगभग छटपटा रहा था और वो मुझे देखकर एक स्माइल देती है,मैंने प्यार से उसे देखा उसका सर सहलाया और उसने फिर से मेरे लिंग को चुसान शुरू कर दिया...ये असहनीय था,मेरे सब्र की इन्तहां हो चुकी थी और में इतने दिनों से भरा हुआ सीधे अपनी धार उसके मुह में छोड़ता गया,मैं हफ्ता हुआ उसके सर को नीचे कर उसे देखा एक बून्द भी उसके मुह के बाहर नही था,यानी सब उसने पी लिया था...क्या हो गयी है मेरी काजल मुझे होश आया पर उसके चहरे पर आयी एक चमक………..
वो मुझे नीचे खीचने लगी और मेरे होठो से अपने होठो को मिला दिया मैं अपने ही वीर्य के बदबू या खुसबू जो भी कह लो को महसूस कर पा रहा था,साथ ही उसके स्वाद को भी जो उसके होठो पर अब भी लगा था………
थोड़ी ही देर में मेरे लिंग ने फिर से एक फुंकार मेरी इसबार मैं बिल्कुल भी बेताब नही था पर काजल थी...उसकी बेताबी मुझसे छिपी नही थी ...मै उसे चिढ़ाने के लिए वहां से उठाने लगा वो मुझे खिंच कर अपने ऊपर ले आयी और अपनी साड़ी को घुटनो के ऊपर तक ले आयी मैं उसे खोलने की कोशिस कर रहा था पर काजल मुझसे खिंच कर अपने ऊपर ले आयी
“अभी मत खोलो न अभी जल्दी करो “
वो अपनी पेंटी भी नही उतारना चाहती थी उसने उसे साइड कर दिया और मेरे लिंग को अपनी गुफा के पास लाकर टिका दिया…
“हैल्लो जान कहा हो आप “
“मैं आफिस में हु और तुम कैसी हो ,”मेरी आवज की थकान को जैसे वो पहचान गयी थी ,
“क्या हुआ आपको मैं कल से आपको काल कर रही हु पर आप जवाब ही नही दे रहे हो ,मैंने प्यारे काका को भी काल किया तो पता लगा की आप बिना कुछ बताये ही कही गए हो ,जानते हो कल से कितनी परेशान हु ,अब जल्दी से घर आ जाओ मैं घर आ गयी हु ,”
काजल घर आ गयी है ,क्या वो घर में अकेले है ,मेरे दिमाग में एक ही बात गूंज गयी ,
“हा जान आ रहा हु “
मैंने तुरंत रघु को काल किया वो वो गाड़ी लेकर आफिस आ जाए मैं जल्द ही अपने घर पहुचा वहां देखा तो 2 बड़ी suv खड़ी थी मैंने उन्हें पहचान लिया ये मेरे ससुराल की गाड़िया थी,घर के बाहर के गार्डन में कुछ गार्ड खड़े थे वो भी मेरे ससुराल के थे ,सबने मेरा अभिवंदन किया ,मैं जब अंदर गया तो वहां काजल के बड़े भैया और भाभी जी भी थी मुझे समझ आ गया की ये काजल को छोड़ने को ही यहां आये है मैंने सबका अभिनदंन किया काजल मुझसे तब तक बात भी नही कर रही थी ,वो बड़े ही सलीके से वहां खड़ी थी पास ही प्यारे खड़ा था जिसे मैंने गुस्से से देखा वो बेचारा किचन में चला गया,कुछ देर में काजल मेरे लिए चाय ले आयी और मुझे देखकर एक मुस्कान बिखरा गयी ,वो शरारत भरी मुस्कान मासूम सी मेरी प्यारी काजल ,वाह जैसे कुछ हुआ ही ना हो मैं अपने सभी गम भूलकर बस उसे देखने लगा की काजल की भाभी जी ने हल्के से खासते हुए हमे फिर से होश में लाया ,काजल तो शर्म से पानी पानी हो गयी और फिर किचन के दरवाजे के पास चली गयी वही भाभी और भैया दोनो ही हसने लगे …
“क्यो दमांद जी कहा चले गए थे आप,काल रात से काजल का रो रो कर बुरा हाल है ,आप फोन उठा नही रहे थे और घर में भी नही थे रातो रात हमे यहां आना पड़ा “मैंने काजल की तरफ निगाह घुमाई उसके मासूम से चहरे को देखा उसकी आंखे सचमे थोड़ी सूजी हुई थी मानो रात भर वो रोइ हो ,वो अपना सर झुककर खड़ी थी ,पता नही क्यो कहना तो वो बहुत कुछ चाहती थी पर जैसे अपने भैया भाभी की उपस्थिति में कुछ नही कह पा रही थी ,मैं कुछ बोलने ही वाला था की भैया बोल पड़े
“देखो आकाश हमारी एक ही बहन है और हमने इसे बड़े ही प्यार से पाला है ,इसको की बात का दुख ना हो जाय ,ये तुमसे बहुत प्यार करती है और कल से ये तुम्हारे लिए ही परेशान है ,इसमें हम सबकी जान बसती है ,तुमसे हाथ जोड़कर विनती है इसका खयाल रखना “भैया ने अपने हाथ मेरे सामने जोड़ लिए ,मैंने तुरंत ही उनका हाथ पकड़ लिया,उनकी आंखे कुछ नम थी ,
“भैया ये आप क्या कह रहे है ,मुझसे सचमे कल गलती हो गयी असल में मैं कल अपने एक दोस्त के पास चला गया था और रात भर उसके ही साथ था,मैं काजल का काल देख ही नही पाया था,मुझे माफ कर दीजिये और आप यू हाथ जोड़कर मुझे शर्मिंदा मत करे आप तो बड़े है आपका तो हक है की आप हमे डांटे …”अब भैया के चहरे में कुछ मुस्कान आ गयी थी ,पर वो मुस्कान अब भी फीकी ही थी ,
“आप लोग बातें करे मैं और काजल मिलकर खाना बनाते है,”भाभी जी इतना कहकर वहां से चले गयी और भैया ने मुझे बाहर आने को कहा
हम दोनो गार्डन में बैठे थे
“देखो आकाश काजल अभी भी बच्ची है ,और अगर उससे कोई गलती हो जाए तो हमे बताना हम उसे समझायेंगे लेकिन इस तरह रुठ जाना सही नही है ना “भैया की बात से मेरी भवे चढ़ गयी
“मैं काजल से नाराज नही हु भैया “
“ह्म्म्म देखो काजल ने अपनी भाभी को बताया था की तुम कुछ दिनों से थोड़े खोये खोये रहते हो और काजल के जाने के बाद से तुमने उससे फोन पर भी बात नही की ,और ये कल का किस्सा तुम एक क्लब में जाकर दारू पी रहे थे ,ये सब क्या है ..”मैंने उन्हें आश्चर्य से देखा
“हा कल मेरा एक दोस्त वही था जहा बैठकर तुम दारू पी रहे थे ,और साथ में वो तुम्हारा दोस्त भी था ,उसने मुझे ये बताया तो मुझे समझ आ गया की काजल और तुम्हारे बीच कुछ ठीक नही है ,क्योकि जहा तक मैं तुम्हे जनता हु तुम तो शराब को हाथ भी नही लगाते क्यो सही हैहै ना “
मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या कहु
“भैया वो दोस्त ने मुझे जबरदस्ती पिला दी थी “
“उसने ये भी बताया की तुम दोनो में कुछ झगड़ा हो रहा था,और तुम पहले से वहां बैठे थे ,मैंने ये बात काजल को नही बताई पर तुम मुझे सच सच बताओ सब ठीक तो है ना “
“हा भैया सब ठीक है ,डरने वाली कोई भी बात नही है और रही काजल की बात तो मैं उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हु ,मैं कभी उसे दुखी नही करूँगा,और रही काल की बात तो वो कुछ अलग मेटर है ,मेरे और मेरे दोस्त के बीच की आप को चिंता की जरूरत नही है वो कल ही हमने सॉल्व कर लिया था,”
“तुम्हे अगर कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो बिना झिझक कहना यहां हमारी बहुत पहचान है और तुम अब हमारे परिवार हो ठीक है ,किसी नेता या अधिकारी कोई दिक्कत देता है तो उसे हम सम्हाल लेंगे “भैया को मैंने बड़े प्यार से देखा
“नही भैया सब कुछ ठीक है यहां काम संबंधित कोई भी परेशानी मुझे नही है ,आप चिंता ना करे “
भैया अब थोड़े से निश्चिंत दिख रहे थे ,हम बैठे युही इधर उधर की बाते करने लगे ………..
भैया भाभी के जाने के बाद काजल और मैं एक अजीब सी और अनकही सी खामोशी का जन्म हो गया,मैं कुछ बोल नही पा रहा था और काजल अपनी नम आंखों से मुझे देखे जा रही थी….उसका भोलापन साला दिल को चीरने वाला होता है..वो कभी भी मेरे सामने किसी को भी तजव्वो नही देती,यही मुझे उसे प्यार करने पर मजबूर कर देता है.प्यारे की आंखों में एक चमक मैंने देखी थी,जो काजल के आने पर थी ,पर काजल अभी भी उसे कोई भी भाव नही दे रही थी,वो उससे बात करने की कोशिस करता पर वो मेरे बारे में ही पूछे जा रही थी...उसने काजल को सब बाता दिया की कैसे मैं आजकल ज्यादा गुस्सैल हो गया हु ,कैसे मैं उसे बिना बात भी चिल्ला देता हु…
प्यारे मेरी शिकायत कर रहा था पर काजल के लिए ये एक गंभीर बात थी वो मेरी चिंता में थी की आखिर इसे हुआ क्या है……..
मिया बीबी के बीच खामोशी रहे भी तो कब तक,जबकि वो एक दूजे को प्यार करते हो ,ये खामोशी हम दोनो के लिए ही जानलेवा थी...खाना हैम खा चुके थे,प्यारे सभी काम कर जा चुका था,काजल बिना बोले मेरे पास आकर खड़ी हो गयी ,हमारी नजर मिली उसके आंखों का आंसू मेरे दिल को पिघलने के लिए काफी था..
भीगी हुई आंखों के साथ मासूम काजल अग्रवाल को देख लो..चहरे से मासूमियत टपकती हुई सी,वो मुह खोले तो कोयल बोले,वो हँसे तो मोती शरमाये,प्यारे से चहरे पर मायूसी भी बड़ी प्यारी लग रही थी…
मुझसे रहा नही गया और मैं हाथ फैला कर उसे अपने पास आने को कहा,वो जोरो से रोती हुई मेरे सीने से लिपट गयी….
इतनी शांति….इतना प्यार …...इतनी कोमलता…..waaaahhhhhhh
वो मुझे प्यार से मारने लगी,
“क्या हो गया था आपको,क्यो कर रहे थो इतना गुस्सा…और जब से आयी हु प्यार से बात भी नही की,और ना ही काल न msg क्या हो गया…..”
अब इस पगली को क्या बताता की क्या हो गया है,जिसके कारण इतना तकलीफ में हु वही पूछ रही है की क्या हुआ…
लेकिन पूरा नही आधा सच तो बोल गया…
“तुम नही थी ना मेरे पास इसलिए...बेचैन हो गया था ,कही मन नही लग रहा था”
काजल ने मेरे आंखों में देखा,साला प्यार तो सच्चा था मेरा जो मेरी आंखों से भी उसे दिखता था...उसके आंखों में रुके आंसू फिर से हल्के हल्के से बहने लगे..वो मुझे बस थोड़ी देर देखती रही और मेरे ऊपर कूद पड़ी...मेरे गालो को होठो को ऐसे चूमना शुरू कर दिया जैसे मानो जन्मो की प्यासी है,
“अब कही नही जाऊंगी मेरी जान आपको छोड़कर “
उसके बच्चों वाली हरकत से मुझे हसी आ गयी,वो मेरे कंधे पर सर रखकर बैठ गयी...मैंने भी उसे अपनी बांहो में समा लिया…
मैं पुरानी बाते बस एक ही पल में भूल गया,मुझे पता था तो बस काजल का प्यार…
मैं उसके बालो को सहलाता हुआ वहां बैठा था की एक हल्की सी आहट ने मेरा ध्यान खिंचा…
msg का छोटा सा रिंगटोन..काजल का मोबाइल मेरे बाजू में ही पड़ा था,काजल ने उसे उठाया देखा और बिना किसी भी एक्सप्रेशन के ही उसे फिर से अपने बाजू में फेक दिया...वो पहले के ही तरह अपनी आंखे बंद कर मेरे बाजुओ में खुद को छोड़ गयी,
पर मैं अब वो नही था जो कुछ ही पलो पहले था मेरा ध्यान उस मोबाइल की तरफ गया...वो फिर कुछ जला इसबार टोन नही बजा शायद काजल ने उसे साइलेंट में डाल दिया था,वो बस जलता और बज जाता,मुझे आभस हो गया की लगभग 5 msg आ चुके थे...पर काजल का ध्यान वहां नही था..
थोड़ी देर में काजल और मुझे प्यार दे देखने लगी,उसकी आंखे कह रही थी की वो क्या चाहती है,प्यार ..?????
या सेक्स..?????
जो भी हो बस मुझे ये समझ आ चुका था की उसकी वो नशीली आंखे अब मुझे अपनी ओर खिंच रही है,उसके देह से उठाने वाली महक बता रही थी की वो मुझे आकर्षित कर रही है...वो मेरे गालो को प्यार से सहलाई फिर मेरे होठो के पास अपने होठ लाकर रुक गयी,शायद उसे मेरे एक्शन का इंतजार था...पर मैं बस मुस्कुरा दिया…
“क्या हुआ आप ……..”काजल बस इतना कह मुझसे दूर हो रही थी पर मैंने उसकी कमर को जकड़ लिया और अपनी ओर खिंचा…
“आउच “वो शरारती नजरो से मुझे देखने लगी,दोनो के ही होठो पर एक मुस्कान थी जैसे की हम दोनो ही जानते थे की आगे क्या होने वाला है...बड़े धीरे से उसके होठो तक अपने होठ लाये और उसके होठो को अपने दांतो में जकड़ कर खिंच दिया…
“आआआआआआहहहहहहहह “मुझे मजा आने लगा,काजल ने शिकायत भरे लहजे से मुझे देखा
मैं उसके नितंबो के नीचे अपना हाथ डालकर उसे उठा लिया और बेडरूम की तरफ जाने लगा ,वो मेरे होठो अपने होठो से भरकर चूसने लगी...दोनो ही अब डूबना चाहते थे कोई भी सब्र अब नही था,....हम दोनो साथ ही पलंग पर लुडकगये
किस ने उत्तेजना को बढ़ाया और मैं उसके बड़े बड़े स्तनों को दबाने लगा,उसकी आहो की मधुरता ने हमारे जिस्म की आग को भड़का दिया था,मैं अपने कपड़े उतारने लगा पर वो मेरा हाथ खिंच कर अपने स्तनों पर ले आयी और खुद मेरे कपड़े खोलने लगी,उसकी बेताबी देखकर मुझे हसी आ गयी और वो मुझे देखकर शर्मा गयी...पर उसने मेरे कपड़े नही छोड़े और मेरे जीन्स के ऊपर से दिखते मेरे कसे हुए लिंग को अपने हाथो से दबा दिया…..
“ooooohhhh आआआआहहहह “अब मेरी बड़ी थी सिसकी लेने की ,उसने जल्दी ही मुझे नंगा कर दिया था मेरे लिंग को अपने हाथो से छोड़ ही नही रही थी उसकी बेताबी ने मेरा हाल बुरा कर दिया था,वो अपने होठो को खोलकर मेरे लिंग को अपने होठो से रगड़ने लगी…...हे भगवान ये क्या कर रही है,,,...मेरी हालात इतनी खराब थी की मैं अब ही निकल जाऊ पर वो तो पागलो की तरह उसे चूमे जा रही थी...उसने मेरे सुपडे की चमड़ी को पीछे खिंचा और उसे अपने मुह में लेकर चूसने लगी,
“मादरचोद….”मेरे मुह से अनायास ही निकल गया ,इतना मजा तो मैंने फील ही नही किया था,मैं लगभग छटपटा रहा था और वो मुझे देखकर एक स्माइल देती है,मैंने प्यार से उसे देखा उसका सर सहलाया और उसने फिर से मेरे लिंग को चुसान शुरू कर दिया...ये असहनीय था,मेरे सब्र की इन्तहां हो चुकी थी और में इतने दिनों से भरा हुआ सीधे अपनी धार उसके मुह में छोड़ता गया,मैं हफ्ता हुआ उसके सर को नीचे कर उसे देखा एक बून्द भी उसके मुह के बाहर नही था,यानी सब उसने पी लिया था...क्या हो गयी है मेरी काजल मुझे होश आया पर उसके चहरे पर आयी एक चमक………..
वो मुझे नीचे खीचने लगी और मेरे होठो से अपने होठो को मिला दिया मैं अपने ही वीर्य के बदबू या खुसबू जो भी कह लो को महसूस कर पा रहा था,साथ ही उसके स्वाद को भी जो उसके होठो पर अब भी लगा था………
थोड़ी ही देर में मेरे लिंग ने फिर से एक फुंकार मेरी इसबार मैं बिल्कुल भी बेताब नही था पर काजल थी...उसकी बेताबी मुझसे छिपी नही थी ...मै उसे चिढ़ाने के लिए वहां से उठाने लगा वो मुझे खिंच कर अपने ऊपर ले आयी और अपनी साड़ी को घुटनो के ऊपर तक ले आयी मैं उसे खोलने की कोशिस कर रहा था पर काजल मुझसे खिंच कर अपने ऊपर ले आयी
“अभी मत खोलो न अभी जल्दी करो “
वो अपनी पेंटी भी नही उतारना चाहती थी उसने उसे साइड कर दिया और मेरे लिंग को अपनी गुफा के पास लाकर टिका दिया…