hotaks444
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मीनाक्षी की कामवासना
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राजशर्मा एक और कहानी शुरू कर रहा हूँ इस कहानी में आप मस्ती की अन्छुई वादियों की सैर करेंगे
कहानी मीनाक्षी की ज़ुबानी
मेरा नाम मीनाक्षी माथुर है। मेरे पति शरद माथुर ठेकेदारी का काम करते थे। उनका ठेकेदारी का काम बहुत ही लंबा चौड़ा था। उनका एक मैनेजर था जिसका नाम राजेंद्र प्रताप था। वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था। वो हमारे घर सुबह के ८ बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ साईट पर निकल जाता था।
मैं उसे राज कह कर बुलाती थी और वो मुझे मीना कह कर बुलाता था। उस समय उसकी उम्र लगभग २३ साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हैंडसम था। वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था। शादी के ५ साल बाद मेरे पति की एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी। अब उनका सार काम मैं ही सम्भालती हूँ और राज मेरी मदद करता है। मेरे पति बहुत ही सैक्सी थे और मैं भी।
उनके गुजर जाने के बाद लगभग ६ महीने तक मुझे सैक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी। एक दिन राज ने कहा, “क्या बात है मीना, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो।”
मैंने कहा, “बस ऐसे ही
वो बोला, “मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बताओगी? शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुछ मदद कर सकें।
मैंने कहा, “अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो। आज पूरे दिन बहुत काम है। मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह जरूर बताऊगी। मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको। मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें बहुत ज्यादा वक्त लग जाये, हो सकता है पूरी रात ही गुजर जाये... इसलिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे। मैं शाम को तुम्हें सब कुछ बता दूंगी।”
वो बोला, “ठीक है।”
हम दोनों सारा दिन काम में लगे रहे। एक मिनट की भी फुर्सत नहीं मिली। घर वापस आते आते रात के ८ बज गये। घर पहुँचने के बाद मैंने राज से कहा, “मैं एक दम थक गयी हूँ। पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लँ... उसके बाद बात करेंगे... तब तक तुम हम दोनों के लिए एक-एक पैग बना लो।”
वो बोला, “नहाना तो मैं भी चाहता हूँ। पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लँगा।” मैं नहाने चली गयी और राज पैग बनाने के बाद बैठ कर टी.वी देखने लगा। १५ मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आयी तो राज नहाने चला गया। मैंने केवल गाऊन पहन रखा था। गाऊन के बाहर से ही मेरे सारे बदन की झलक एक दम साफ़ दिख रही थी। राज मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला, “आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो।” मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी। उसके बाद राज नहाने चला गया। मैं सोफे पर बैठ कर टी.वी देखते हुए अपना पैग पीने लगी। थोड़ी देर बाद राज ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूछा, “क्या बात है?
वो अंदर से ही बोला, “मीना, मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा। अब मैं क्या पहनूंगा।”
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राजशर्मा एक और कहानी शुरू कर रहा हूँ इस कहानी में आप मस्ती की अन्छुई वादियों की सैर करेंगे
कहानी मीनाक्षी की ज़ुबानी
मेरा नाम मीनाक्षी माथुर है। मेरे पति शरद माथुर ठेकेदारी का काम करते थे। उनका ठेकेदारी का काम बहुत ही लंबा चौड़ा था। उनका एक मैनेजर था जिसका नाम राजेंद्र प्रताप था। वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था। वो हमारे घर सुबह के ८ बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ साईट पर निकल जाता था।
मैं उसे राज कह कर बुलाती थी और वो मुझे मीना कह कर बुलाता था। उस समय उसकी उम्र लगभग २३ साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हैंडसम था। वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था। शादी के ५ साल बाद मेरे पति की एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी। अब उनका सार काम मैं ही सम्भालती हूँ और राज मेरी मदद करता है। मेरे पति बहुत ही सैक्सी थे और मैं भी।
उनके गुजर जाने के बाद लगभग ६ महीने तक मुझे सैक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी। एक दिन राज ने कहा, “क्या बात है मीना, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो।”
मैंने कहा, “बस ऐसे ही
वो बोला, “मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बताओगी? शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुछ मदद कर सकें।
मैंने कहा, “अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो। आज पूरे दिन बहुत काम है। मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह जरूर बताऊगी। मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको। मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें बहुत ज्यादा वक्त लग जाये, हो सकता है पूरी रात ही गुजर जाये... इसलिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे। मैं शाम को तुम्हें सब कुछ बता दूंगी।”
वो बोला, “ठीक है।”
हम दोनों सारा दिन काम में लगे रहे। एक मिनट की भी फुर्सत नहीं मिली। घर वापस आते आते रात के ८ बज गये। घर पहुँचने के बाद मैंने राज से कहा, “मैं एक दम थक गयी हूँ। पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लँ... उसके बाद बात करेंगे... तब तक तुम हम दोनों के लिए एक-एक पैग बना लो।”
वो बोला, “नहाना तो मैं भी चाहता हूँ। पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लँगा।” मैं नहाने चली गयी और राज पैग बनाने के बाद बैठ कर टी.वी देखने लगा। १५ मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आयी तो राज नहाने चला गया। मैंने केवल गाऊन पहन रखा था। गाऊन के बाहर से ही मेरे सारे बदन की झलक एक दम साफ़ दिख रही थी। राज मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला, “आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो।” मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी। उसके बाद राज नहाने चला गया। मैं सोफे पर बैठ कर टी.वी देखते हुए अपना पैग पीने लगी। थोड़ी देर बाद राज ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूछा, “क्या बात है?
वो अंदर से ही बोला, “मीना, मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा। अब मैं क्या पहनूंगा।”