hotaks444
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वो शाम कुछ अजीब थी
भाइयो आपके लिए राजेश सरहदी की लिखी हुई एक और मस्ती से भरी कहानी लेकर आया हूँ , उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरा साथ ज़रूर देंगे ,
अपने मा बाप की तरहा सोनल भी डॉक्टर बन गयी. आज उसे उसकी डिग्री मिलनेवाली थी. सोनल बिल्कुल अपनी मा पे गयी थी – खूबसूरती की इंतेहा – जो भी उसे देखता तो बस देखता रह जाता. उसकी यही खूबसूरती उसकी सहेलियों में जलन का बायस बन गयी. क्यूंकी हर लड़का बस सोनल की ही कामना करता था और किसी ना किसी तरहा उसे पाटने की कोशिश करता था. चूँकि सोनल के मा बाप दोनो विख्यात डॉक्टर थे और कभी कभी कॉलेज में गेस्ट लेक्चर भी लिया करते थे इसलिए कभी किसी लड़के में इतनी हिम्मत ना हुई की सीधा उसे प्रपोज़ कर सके – क्यूंकी सब जानते थे की एक बार कोई भी प्रोफेसर उनके बारे में ग़लत राय बना लेगा तो ये पक्का है की वो जिंदगी भर डॉक्टर नही बन पाएँगे.
आज डिग्री मिलने के बाद सबके रास्ते अलग हो जाने थे इसलिए कुछ लड़के जो हर कीमत पर सोनल को पाना चाहते थे उन्होने एक प्लान बनाया था आज शाम की पार्टी में सोनल को नशा दे के उसके रूप रस का पान करने की और इसमे उनका साथ दे रही थी सोनल की ख़ास सहेली सोनालिका जो अंदर ही अंदर उस से बहुत जलती थी – ना सिर्फ़ खूबसूरती की वजह से बालिक लियाक़त की वजह से भी.
सोनल का एक ही छोटा भाई है सुनील जो उसे दो साल छोटा है वो भी सबके नक़्शे कदमों पे चलता हुआ उसी कॉलेज में म्बबस की पदाई कर रहा था. सुनील भी हमेशा क्लास में अवल रहता था और साथ ही उसे बॉडी बिल्डिंग का भी शोक था तो नियमित व्यायाम करने से उसने अपना जिस्म लोहे का बना डाला था.
दोनो भाई बहन किसी और चीज़ में कोई दिलचस्पी नही दिखाते थे – उन्हें बस अपने मा बाप की तरहा अपना नाम बनाना था – इसलिए दोनो के एक आध ही दोस्त थे और दोनो किसी भी पार्टी वगेरह में नही जाते थे.
क्यूंकी सुनील वहीं हॉस्टिल में रहता था उसके कानो में उड़ती उड़ती खबर पहुँच चुकी थी की आज कुछ लड़के सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाले हैं. पर क्या और कोन ये सब उसे पता नही चल पाया था.
इधर सुनील सोच रहा था कि कैसे पता करे कॉन सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाला है – तो अचानक उसके दिमाग़ में आरुसि का ख़याल आ गया – आरुसि उसकी साथ ही पढ़ती थी और उसकी बड़ी बहन कामया सोनल के साथ. सुनील ने आरषि को फोन किया सारी बात उसे बताई और कामया को इस काम पे लगने के लिए कहा साथ ही ये बात भी की पार्टी के टाइम कामया जौंक की तरहा सोनल के साथ रहे – और जैसे ही कोई गड़बड़ दिखे तो सुनील को फोन कर दे. आरषि दिल ही दिल में सुनील से प्यार करने लगी थी – पर सुनील लड़कियों से सिर्फ़ काम की बात किया करता था कभी किसी को कोई खास लिफ्ट नही दी थी और ना ही किसी को ये जताया कि वो किसी को पसंद भी करता है – उसका सारा ध्यान बस पढ़ाई पे और टॉप करने में लगा रहता था.
सुनील के दिल के द्वार पे दस्तक देने के लिए आरषि को ये एक अच्छा मोका लगा और उसने काफ़ी देर तक कामया से इस बारे में बात करी. हालाँकि कामया और सोनल सिर्फ़ उपरी बातचीत करती थी दोनो में कोई खास दोस्ती नही थी पर जब कामया को पता चला कि कुछ लड़के सोनल की इज़्ज़त से खेलना चाहते हैं तो वो दिल से इस काम के लिए तयार हो गयी. पहला काम उसने ये किया कि सोनल को फोन कर उसे अपने साथ रहने की रिक्वेस्ट करी जिसे सोनल ने मान लिया क्यूंकी उसे तो किसी में कोई दिलचस्पी ना थी.
उधर हॉस्टिल के सीनियर विंग में रंजीत के कमरे में सोनालिका उसके बिस्तर पे नग्न लेटी हुई थी. सामने खड़ा रंजीत अपने कपड़े उतार रहा था.
भाइयो आपके लिए राजेश सरहदी की लिखी हुई एक और मस्ती से भरी कहानी लेकर आया हूँ , उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरा साथ ज़रूर देंगे ,
अपने मा बाप की तरहा सोनल भी डॉक्टर बन गयी. आज उसे उसकी डिग्री मिलनेवाली थी. सोनल बिल्कुल अपनी मा पे गयी थी – खूबसूरती की इंतेहा – जो भी उसे देखता तो बस देखता रह जाता. उसकी यही खूबसूरती उसकी सहेलियों में जलन का बायस बन गयी. क्यूंकी हर लड़का बस सोनल की ही कामना करता था और किसी ना किसी तरहा उसे पाटने की कोशिश करता था. चूँकि सोनल के मा बाप दोनो विख्यात डॉक्टर थे और कभी कभी कॉलेज में गेस्ट लेक्चर भी लिया करते थे इसलिए कभी किसी लड़के में इतनी हिम्मत ना हुई की सीधा उसे प्रपोज़ कर सके – क्यूंकी सब जानते थे की एक बार कोई भी प्रोफेसर उनके बारे में ग़लत राय बना लेगा तो ये पक्का है की वो जिंदगी भर डॉक्टर नही बन पाएँगे.
आज डिग्री मिलने के बाद सबके रास्ते अलग हो जाने थे इसलिए कुछ लड़के जो हर कीमत पर सोनल को पाना चाहते थे उन्होने एक प्लान बनाया था आज शाम की पार्टी में सोनल को नशा दे के उसके रूप रस का पान करने की और इसमे उनका साथ दे रही थी सोनल की ख़ास सहेली सोनालिका जो अंदर ही अंदर उस से बहुत जलती थी – ना सिर्फ़ खूबसूरती की वजह से बालिक लियाक़त की वजह से भी.
सोनल का एक ही छोटा भाई है सुनील जो उसे दो साल छोटा है वो भी सबके नक़्शे कदमों पे चलता हुआ उसी कॉलेज में म्बबस की पदाई कर रहा था. सुनील भी हमेशा क्लास में अवल रहता था और साथ ही उसे बॉडी बिल्डिंग का भी शोक था तो नियमित व्यायाम करने से उसने अपना जिस्म लोहे का बना डाला था.
दोनो भाई बहन किसी और चीज़ में कोई दिलचस्पी नही दिखाते थे – उन्हें बस अपने मा बाप की तरहा अपना नाम बनाना था – इसलिए दोनो के एक आध ही दोस्त थे और दोनो किसी भी पार्टी वगेरह में नही जाते थे.
क्यूंकी सुनील वहीं हॉस्टिल में रहता था उसके कानो में उड़ती उड़ती खबर पहुँच चुकी थी की आज कुछ लड़के सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाले हैं. पर क्या और कोन ये सब उसे पता नही चल पाया था.
इधर सुनील सोच रहा था कि कैसे पता करे कॉन सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाला है – तो अचानक उसके दिमाग़ में आरुसि का ख़याल आ गया – आरुसि उसकी साथ ही पढ़ती थी और उसकी बड़ी बहन कामया सोनल के साथ. सुनील ने आरषि को फोन किया सारी बात उसे बताई और कामया को इस काम पे लगने के लिए कहा साथ ही ये बात भी की पार्टी के टाइम कामया जौंक की तरहा सोनल के साथ रहे – और जैसे ही कोई गड़बड़ दिखे तो सुनील को फोन कर दे. आरषि दिल ही दिल में सुनील से प्यार करने लगी थी – पर सुनील लड़कियों से सिर्फ़ काम की बात किया करता था कभी किसी को कोई खास लिफ्ट नही दी थी और ना ही किसी को ये जताया कि वो किसी को पसंद भी करता है – उसका सारा ध्यान बस पढ़ाई पे और टॉप करने में लगा रहता था.
सुनील के दिल के द्वार पे दस्तक देने के लिए आरषि को ये एक अच्छा मोका लगा और उसने काफ़ी देर तक कामया से इस बारे में बात करी. हालाँकि कामया और सोनल सिर्फ़ उपरी बातचीत करती थी दोनो में कोई खास दोस्ती नही थी पर जब कामया को पता चला कि कुछ लड़के सोनल की इज़्ज़त से खेलना चाहते हैं तो वो दिल से इस काम के लिए तयार हो गयी. पहला काम उसने ये किया कि सोनल को फोन कर उसे अपने साथ रहने की रिक्वेस्ट करी जिसे सोनल ने मान लिया क्यूंकी उसे तो किसी में कोई दिलचस्पी ना थी.
उधर हॉस्टिल के सीनियर विंग में रंजीत के कमरे में सोनालिका उसके बिस्तर पे नग्न लेटी हुई थी. सामने खड़ा रंजीत अपने कपड़े उतार रहा था.