hotaks444
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जैसे ही राज के लंड का सुपाडा सुमन की चूत के छेद अंदर घुसा, सुमन दर्द से बिलबिला उठी…उसकी आँखे फॅट गयी….और आँखों से आँसू बह निकल आए….
सुमन: अहह बहुत दर्द हो रहा है ओह निकालो इसे बाहर….
राज : आहह कोई बात नही जान थोड़ी देर दर्द होगा….फिर ठीक हो जायगा,,,,..
राज ने सुमन के दर्द की परवाह किए बिना फिर से एक और जोरदार धक्का मारा…इस बार राज का आधे से ज़्यादा लंड सुमन की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया….सुमन दर्द के मारे चिल्ला उठी…उसकी चूत से खून बह कर बेड शीट पर गिर रहा था….उसके गाल उसकी आँखों से निकले आँसुओ से गीले हो चुके थे…
राज ने थोड़ी देर रुक कर उसकी चुचियों को चूसना चालू कर दिया….कुछ ही देर मे सुमन की चुचियों के निपल एक दम तन गये…अब सुमन का दर्द काफ़ी हद तक कम हो चुका था….और उसने रोना बंद कर दिया था…सुमन के बदन मे फिर से एक बार मस्ती छाने लगी थी…..राज ने सुमन की चुचियों को बारी-2 चूस्ते हुए, जितना लंड अंदर घुसा था….उसे धीरे-2 अंदर बाहर करना चालू कर दिया…जैसे ही राज अपना लंड और अंदर घुसाने की कॉसिश करता…सुमन दर्द के मारे चीख उठती…और राज की पीठ पर अपने हाथों को कस लेती….
सुमन की चूत मे आ रहे पानी के कारण राज का लंड एक दम चिकना हो गया. और आसानी से उसकी चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होने लगा…थोड़ी ही देर मे राज का पूरा लंड सुमन की चूत के अंदर बाहर होने लगा…..
जब राज के लंड का सुपाडा सुमन की टाइट चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता…सुमन के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ जाती….उसे अपनी चूत की दीवारों पर राज के लंड की रगड़ दर्द के बावजूद मदहोश किए जा रही थी…राज अपने धक्को की रफतार को हर धक्के के साथ बढ़ा रहा था…और सुमन के हाथ तेज़ी से राज की पीठ को सहला रहे थे….
अचानक से सुमन को ऐसा लगा मानो उसकी चूत मे से आग निकलने लगी है….उसके बदन का सारा खून उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा….अब लंड की रगड़ चूत के दीवारों पर होती…तो सुमन मदहोशी से भरी आवाज़ मे सिसका उठती….राज को पता चल गया था, कि सुमन झड़ने के बेहद करीब है….और उसने अपने धक्कों की रफ़्तार को और बढ़ा दिया….
सुमन तेज़ी से अंदर बाहर हो रहे हो राज के लंड के सुपाडे की रगड़ को अपनी चूत पर बर्दास्त नही कर पाई….उसका पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया….और उसने अपने होंठो को राज के होंठो की तरफ बढ़ा दिया…राज ने पूरे जोश के साथ अपने लंड से उसकी चूत को चोदना चालू कर दिया….और फिर सुमन की चूत से उसके लावा उगल पड़ा..
सुमन इतनी मस्त हो चुकी थी, कि उसने अपने होंठो मे राज के होंठो को बुरी तरहा से जाकड़ रखा था……और राज भी सुमन की कुँवारी चूत की गर्मी को ज़्यादा ना झेल सका…उसके लंड से वीर्य की पिचकारियाँ छूट कर सुमन की चूत की दीवारों पर गिरने लगी….सुमन अपनी चूत की दीवारों पर राज के लंड से निकल रहे गरम वीर्य को महसूस करके मस्ती मे सिसक उठी….अगले ही पल जैसे सुमन को होश सा आया, तो उसने अपने होंठो को राज के होंठो से हटा लिया….और शरमाते हुए दूसरी ओर देखने लगी…..
अगली सुबह जब सुमन उठी….तो उसने अपने आप को राज की बाहों मे नंगा पाया…वो अपनी हालत देख कर एक दम से शरमा गयी….और जल्दी से उठ कर अपने बॅग मे से अपने लिए, एक सलवार कमीज़ निकाल कर बाथरूम मे घुस गयी….उधर डॉली सुबह से उठ चुकी थी….और अपने ससुराल वापिस जाने के तैयारी कर रही थी…उसके सास ससुर पहले से ही जा चुके थे……
दूसरी तरफ सुमन के घर पर अमित और उसकी छोटी बेहन तैयार होकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहे थे….9 बजे दोनो घर से निकल पड़े…..जब दोनो कॉलेज पहुँचे , तो टीना सीधा अपनी क्लास मे चली गयी…पर अमित क्लास मे नही गया, और सीधा पार्क की तरफ चल पड़ा….तभी उसे रघु के गॅंग के कुछ आदमी वहाँ बैठे हुए दिखाई दिए.
जब वो उनकी तरफ बढ़ा तो अमित को ये देख कर बहुत हैरानी हुई, कि सभी के चहरों पर कोई शिकन तक नही है….कुछ दिन पहले उनका माल पकड़ा गया था. और वो लोग बिना किसी डर और खोफ़ के पार्क मे बैठे हुए हंस रहे थे….अमित ने तुरंत अपना इरादा बदल दिया, और उनके पास लगे एक पेड़ के पास जाकर खड़ा हो गया, ताकि उनमे से कोई उसे देख ना सकें…जैसे ही वो वहाँ पेड़ के पीछे छुप कर खड़ा हुआ, तभी उसे सामने से रघु भी आता हुआ दिखाई दिया…..
रघु: और कैसे हो पन्टर लोग…..सब मस्त हैं ना….
आदमी: एक दम मस्त रघु भाई…..पर उस साले का क्या हुआ…
रघु: कल ही पता चला है, उसे छोड़ दिया गया…..भाई जिस काम के लिए उसे अंदर करवाया था, अब वो हो गया है, तो उसे अंदर रख कर कोई फ़ायदा नही था…उसकी बेहन की शादी राज जी से हो गयी है….अब हम लोग ये बेकार के धंधे छोड़ देंगे…और जाकर अपना खुद का बिज्निस करते हैं….राज बाबू जी ने 25 लाख रुपये दिए हैं….
अमित के पैरो के नीचे से मानो जैसे ज़मीन खिसक गयी हो, वो मन मे सोचने लगा…..मे कितना बड़ा बेवकूफ़ था, मेरी वजह से मेरी बेहन की जिंदगी बर्बाद हो रही थी….और मे छी कैसा भाई हूँ मैं…..मुझ ये सारी बात घर जाकर सब को बतानी होगी….हां मुझ बतानी होगी…..मैं अपनी बेहन की लाइफ को ऐसे खराब नही होने दूँगा….इन्होने ने मेरे साथ धोखा किया है….इसकी सज़ा इन्हे भुगतनी पड़ेगी….
अमित ने टीना की पहली क्लास ख़तम होने का इंतजार किया, जैसे ही टीना पहली क्लास ख़तम होते ही बाहर आई. अमित उसके पास गया….
अमित: टीना हमे अभी घर चलना है…कुछ ज़रूरी काम है.
टीना: पर अचानक से क्या….
अमित: तुम चलो तो सही….मे घर चल कर बताता हूँ.
टीना: पर बात क्या है.
अमित: मैने कहा ना पहले घर चलो…
और अमित टीना को लेकर घर आ गया…..जैसे ही वो घर पहुँचा …घर के बाहर राज की कार खड़ी थी…जिसे देख अमित और बौखला गया…वो जल्दी से बाइक से नीचे उतरा, और घर के अंदर जाने लगा…टीना ने जब राज की कार देखे…तो वो एक दम से खुश हो गयी….
सुमन: अहह बहुत दर्द हो रहा है ओह निकालो इसे बाहर….
राज : आहह कोई बात नही जान थोड़ी देर दर्द होगा….फिर ठीक हो जायगा,,,,..
राज ने सुमन के दर्द की परवाह किए बिना फिर से एक और जोरदार धक्का मारा…इस बार राज का आधे से ज़्यादा लंड सुमन की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया….सुमन दर्द के मारे चिल्ला उठी…उसकी चूत से खून बह कर बेड शीट पर गिर रहा था….उसके गाल उसकी आँखों से निकले आँसुओ से गीले हो चुके थे…
राज ने थोड़ी देर रुक कर उसकी चुचियों को चूसना चालू कर दिया….कुछ ही देर मे सुमन की चुचियों के निपल एक दम तन गये…अब सुमन का दर्द काफ़ी हद तक कम हो चुका था….और उसने रोना बंद कर दिया था…सुमन के बदन मे फिर से एक बार मस्ती छाने लगी थी…..राज ने सुमन की चुचियों को बारी-2 चूस्ते हुए, जितना लंड अंदर घुसा था….उसे धीरे-2 अंदर बाहर करना चालू कर दिया…जैसे ही राज अपना लंड और अंदर घुसाने की कॉसिश करता…सुमन दर्द के मारे चीख उठती…और राज की पीठ पर अपने हाथों को कस लेती….
सुमन की चूत मे आ रहे पानी के कारण राज का लंड एक दम चिकना हो गया. और आसानी से उसकी चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होने लगा…थोड़ी ही देर मे राज का पूरा लंड सुमन की चूत के अंदर बाहर होने लगा…..
जब राज के लंड का सुपाडा सुमन की टाइट चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता…सुमन के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ जाती….उसे अपनी चूत की दीवारों पर राज के लंड की रगड़ दर्द के बावजूद मदहोश किए जा रही थी…राज अपने धक्को की रफतार को हर धक्के के साथ बढ़ा रहा था…और सुमन के हाथ तेज़ी से राज की पीठ को सहला रहे थे….
अचानक से सुमन को ऐसा लगा मानो उसकी चूत मे से आग निकलने लगी है….उसके बदन का सारा खून उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा….अब लंड की रगड़ चूत के दीवारों पर होती…तो सुमन मदहोशी से भरी आवाज़ मे सिसका उठती….राज को पता चल गया था, कि सुमन झड़ने के बेहद करीब है….और उसने अपने धक्कों की रफ़्तार को और बढ़ा दिया….
सुमन तेज़ी से अंदर बाहर हो रहे हो राज के लंड के सुपाडे की रगड़ को अपनी चूत पर बर्दास्त नही कर पाई….उसका पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया….और उसने अपने होंठो को राज के होंठो की तरफ बढ़ा दिया…राज ने पूरे जोश के साथ अपने लंड से उसकी चूत को चोदना चालू कर दिया….और फिर सुमन की चूत से उसके लावा उगल पड़ा..
सुमन इतनी मस्त हो चुकी थी, कि उसने अपने होंठो मे राज के होंठो को बुरी तरहा से जाकड़ रखा था……और राज भी सुमन की कुँवारी चूत की गर्मी को ज़्यादा ना झेल सका…उसके लंड से वीर्य की पिचकारियाँ छूट कर सुमन की चूत की दीवारों पर गिरने लगी….सुमन अपनी चूत की दीवारों पर राज के लंड से निकल रहे गरम वीर्य को महसूस करके मस्ती मे सिसक उठी….अगले ही पल जैसे सुमन को होश सा आया, तो उसने अपने होंठो को राज के होंठो से हटा लिया….और शरमाते हुए दूसरी ओर देखने लगी…..
अगली सुबह जब सुमन उठी….तो उसने अपने आप को राज की बाहों मे नंगा पाया…वो अपनी हालत देख कर एक दम से शरमा गयी….और जल्दी से उठ कर अपने बॅग मे से अपने लिए, एक सलवार कमीज़ निकाल कर बाथरूम मे घुस गयी….उधर डॉली सुबह से उठ चुकी थी….और अपने ससुराल वापिस जाने के तैयारी कर रही थी…उसके सास ससुर पहले से ही जा चुके थे……
दूसरी तरफ सुमन के घर पर अमित और उसकी छोटी बेहन तैयार होकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहे थे….9 बजे दोनो घर से निकल पड़े…..जब दोनो कॉलेज पहुँचे , तो टीना सीधा अपनी क्लास मे चली गयी…पर अमित क्लास मे नही गया, और सीधा पार्क की तरफ चल पड़ा….तभी उसे रघु के गॅंग के कुछ आदमी वहाँ बैठे हुए दिखाई दिए.
जब वो उनकी तरफ बढ़ा तो अमित को ये देख कर बहुत हैरानी हुई, कि सभी के चहरों पर कोई शिकन तक नही है….कुछ दिन पहले उनका माल पकड़ा गया था. और वो लोग बिना किसी डर और खोफ़ के पार्क मे बैठे हुए हंस रहे थे….अमित ने तुरंत अपना इरादा बदल दिया, और उनके पास लगे एक पेड़ के पास जाकर खड़ा हो गया, ताकि उनमे से कोई उसे देख ना सकें…जैसे ही वो वहाँ पेड़ के पीछे छुप कर खड़ा हुआ, तभी उसे सामने से रघु भी आता हुआ दिखाई दिया…..
रघु: और कैसे हो पन्टर लोग…..सब मस्त हैं ना….
आदमी: एक दम मस्त रघु भाई…..पर उस साले का क्या हुआ…
रघु: कल ही पता चला है, उसे छोड़ दिया गया…..भाई जिस काम के लिए उसे अंदर करवाया था, अब वो हो गया है, तो उसे अंदर रख कर कोई फ़ायदा नही था…उसकी बेहन की शादी राज जी से हो गयी है….अब हम लोग ये बेकार के धंधे छोड़ देंगे…और जाकर अपना खुद का बिज्निस करते हैं….राज बाबू जी ने 25 लाख रुपये दिए हैं….
अमित के पैरो के नीचे से मानो जैसे ज़मीन खिसक गयी हो, वो मन मे सोचने लगा…..मे कितना बड़ा बेवकूफ़ था, मेरी वजह से मेरी बेहन की जिंदगी बर्बाद हो रही थी….और मे छी कैसा भाई हूँ मैं…..मुझ ये सारी बात घर जाकर सब को बतानी होगी….हां मुझ बतानी होगी…..मैं अपनी बेहन की लाइफ को ऐसे खराब नही होने दूँगा….इन्होने ने मेरे साथ धोखा किया है….इसकी सज़ा इन्हे भुगतनी पड़ेगी….
अमित ने टीना की पहली क्लास ख़तम होने का इंतजार किया, जैसे ही टीना पहली क्लास ख़तम होते ही बाहर आई. अमित उसके पास गया….
अमित: टीना हमे अभी घर चलना है…कुछ ज़रूरी काम है.
टीना: पर अचानक से क्या….
अमित: तुम चलो तो सही….मे घर चल कर बताता हूँ.
टीना: पर बात क्या है.
अमित: मैने कहा ना पहले घर चलो…
और अमित टीना को लेकर घर आ गया…..जैसे ही वो घर पहुँचा …घर के बाहर राज की कार खड़ी थी…जिसे देख अमित और बौखला गया…वो जल्दी से बाइक से नीचे उतरा, और घर के अंदर जाने लगा…टीना ने जब राज की कार देखे…तो वो एक दम से खुश हो गयी….