hotaks444
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नेक्स्ट मॉर्निंग……………
रघु अपने कुछ आदमियों के साथ **** कॉलेज के पार्क मे खड़ा था…. वो जानता था, कि अमित (सुमन का भाई) उसके पास ज़रूर आएगा…..
और थोड़ी देर बाद अमित रघु को ढूँढते हुए पार्क मे आ गया….जैसे ही अमित ने रघु को देखा, वो तेज़ी से चलता हुआ उसके पास आया…..
अमित: नमस्ते भाई कैसे हो…..
रघु: (अमित की ओर अजीब सी नज़रों से देखते हुए) हूँ ठीक हूँ……..बोलो क्या काम है….
अमित: भाई मुझ थोड़ी से अफ़ीम दे दो……कसम से पूरा बदन टूट रहा है…
रघु: पैसा लिया है कि, फिर से उधारी माँग रहा है….
अमित: भाई पैसे मे दे दूँगा….पिछली बार भी आपको सारे पैसे लोटा तो दिए थे.
रघु: अर्रे सुन…..फालतू की मगजमारी मत कर. कॅश हैं तो बोल………
अमित: भाई प्लीज़ मे मर रहा हूँ, थोड़ी सी ही दे दो……..मैं जल्द ही पैसे दे दूँगा…कभी मैने आपके पासे रखे हैं…
रघु ने अमित के कंधे पर हाथ रखा, और पार्क के दूसरी तरफ जाने लगा….अमित भी उसके साथ चल रहा था….उसे समझ मे नही आ रहा था, कि रघु उसे कहाँ लेकर जा रहा था….जब दोनो पार्क के कोने मे पहुँच गये तो, रघु ने उसकी तरफ देखा…..
रघु: देख अमित अगर तुझे ड्रग्स चाहिए तो, तुझे मेरा एक काम करना पड़ेगा….
अमित: (थोड़ी देर सोचने के बाद) क्या काम करना है भाई…
रघु: तुझे मेरे लिए एप्रा गाँव से ड्रग्स लानी होंगी सिटी मे,….
अमित: (रघु की बात सुन कर थोड़ा घबरा गया) पर भाई मे ये काम नही कर सकता… इसमे तो बहुत रिस्क है….मुझसे नही होगा भाई…..
रघु: चल तुझे एक और चीज़ दूँगा…अगर तू मेरे लिए काम करेगा…..बोल करेगा. ?
अमित रघु की बातों को सुन कर सकतें मे आ गया….और रघु को फटी हुई आँखों से देखते हुए पूछा….
अमित: क्या भाई ?
रघु: देख अगर तू मुझे एक बार माल सप्लाइ करेगा…..तो मे तुझे एक चक्कर के 5000 रुपये दूँगा……और जो तुझे चाहिए…. वो भी फ्री मे मिलेगा.बोल करेगा मेरे लिए काम ?
अमित: क्या भाई 5000 रुपये… सिर्फ़ एक बार के….
रघु: (होंठो पर मुस्कान लाते हुए) हां 5000 हज़ार मिलेंगे……और जितनी बार तू मुझ माल ला कर देगा……हर बार 5000 रुपये मिलेंगे….
अमित: ठीक है भाई……कब जाना होगा मुझे……….
रघु: आज ही चला जा……. मे तुझे समझा देता हूँ कि, जाना कहाँ हैं….
थोड़ी देर बाद अमित रघु से सब जान कर चला गया…उसके जाते ही रघु ने राज को फोन किया…..
रघु: हैल्लो राज बाबू जी… चिड़िया अपने जाल मे फँस चुकी है….वो बस थोड़ी देर मे एप्रा गाँव पहुँच जाएगा…..अब आगे क्या करना है…..
राज : (दूसरी तरफ फोन से) आज कुछ नही करना………जब वो तुम्हे ड्रग्स लाकर दे, तो उसे 5000 रुपये दे देना, और ड्रग्स भी….बस तुम उसके साथ ऐसे ही खेल खेलते रहो…बाकी मे देख लूँगा……
दूसरी तरफ सुमन अपनी पहली क्लास ख़तम करके बाहर आ चुकी थी….तभी उसे इंग्लीश की टीचर साधना उसे मिली…और उसने सुमन को आवाज़ लगाई….
साधना: सुमन एक मिनिट के लिए ज़रा इधर आओ…..
सुमन: जी मॅम……..
साधना: वो तुम्हारा भाई कहाँ है…..आज कल क्लास आटेड भी करने नही आता…..कॉलेज भी आया है कि नही…
सुमन: जी कॉलेज तो आया था, पर ?
साधना: चलो छोड़ो….उसे कुछ समझाती क्यों नही….एक मंत बाद एग्ज़ॅम शुरू होने वाले हैं….अभी उसको पढ़ाई मे ध्यान देना चाहिए…
सुमन: जी मॅम…….आज घर जाकर उससे बात करूँगी……
साधना: ओके…..अच्छा मे चलती हूँ…..
दोपहर हो चुकी थी, पर अमित का कुछ अता पता नही था, सुमन ने उसे कॉलेज मे बहुत ढूँढा….पर वो उसे नही मिला….और वो कॉलेज से बाहर आगयी, और ऑटो पकड़ कर घर के लिए चल दी…..
थोड़ी देर बाद ही अमित अपनी बाइक पर कॉलेज मे आ गया, उसने अपनी बाइक खड़ी की, और कॉलेज की बिल्डिंग के पीछे की तरफ चला गया….उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था, हाथ पैर डर के मारे कांप रहे थे….कंधे पर एक बॅग लटकाए, वो इधर उधर देखता हुआ, उस तरफ बढ़ रहा था, जहाँ पर रघु ने उसे मिलने के लिए कहा था.
तभी अमित की नज़र रघु पर पड़ी….उसकी जान मे जान आई….उसने एक लंबी साँस ली, और तेज़ी से उसकी तरफ भागा…..रघु के पास पहुँचते ही, उसके अपने कंधे पर टँगे हुए बॅग को रघु को पकड़ा दिया,…..
अमित: (तेज़ी से साँस लेते हुए) ये लो भाई मैं ले आया……..
रघु: शाबास बस ऐसे ही काम करता रहा……तो दीनो दिनो मे अमीर हो जायगा……
रघु ने बॅग मे से एक पॅकेट ड्रग्स का निकाल कर अमित की ओर बढ़ा दिया…अमित के होंठो पर मुस्कान फैल गयी….उसने पॅकेट को अपनी पेंट की पॉकेट मे रख लिया… और फिर रघु ने उसे 5000 रुपये दे दिए…
रघु: ये ले जा ऐश कर……कल मिलते हैं…….
ये कह कर रघु बॅग को लेकर वहाँ से चला गया….अमित इस ग़लत काम से मिले हुए पैसो को लेकर बहुत खुश था….अब अमित हर दूसरे दिन रघु के लिए ये काम करने लगा था….अमित का डर अब ख़तम हो चुका था….एक दिन जब अमित ड्रग्स से भरा हुआ बॅग लेकर रघु की बताई हुई जगह पर पहुँचा , तो उसे रघु वहाँ नही मिला…..
उसने रघु को फोन किया….पर रघु ने उसे बहाना बना दिया कि, उसे ज़रूरी काम से सिटी से बाहर जाना पड़ा है….वो ड्रग्स का बॅग अपने घर पर रख ले, और मैं कल आकर तुमसे बॅग ले लूँगा…..
रघु अपने कुछ आदमियों के साथ **** कॉलेज के पार्क मे खड़ा था…. वो जानता था, कि अमित (सुमन का भाई) उसके पास ज़रूर आएगा…..
और थोड़ी देर बाद अमित रघु को ढूँढते हुए पार्क मे आ गया….जैसे ही अमित ने रघु को देखा, वो तेज़ी से चलता हुआ उसके पास आया…..
अमित: नमस्ते भाई कैसे हो…..
रघु: (अमित की ओर अजीब सी नज़रों से देखते हुए) हूँ ठीक हूँ……..बोलो क्या काम है….
अमित: भाई मुझ थोड़ी से अफ़ीम दे दो……कसम से पूरा बदन टूट रहा है…
रघु: पैसा लिया है कि, फिर से उधारी माँग रहा है….
अमित: भाई पैसे मे दे दूँगा….पिछली बार भी आपको सारे पैसे लोटा तो दिए थे.
रघु: अर्रे सुन…..फालतू की मगजमारी मत कर. कॅश हैं तो बोल………
अमित: भाई प्लीज़ मे मर रहा हूँ, थोड़ी सी ही दे दो……..मैं जल्द ही पैसे दे दूँगा…कभी मैने आपके पासे रखे हैं…
रघु ने अमित के कंधे पर हाथ रखा, और पार्क के दूसरी तरफ जाने लगा….अमित भी उसके साथ चल रहा था….उसे समझ मे नही आ रहा था, कि रघु उसे कहाँ लेकर जा रहा था….जब दोनो पार्क के कोने मे पहुँच गये तो, रघु ने उसकी तरफ देखा…..
रघु: देख अमित अगर तुझे ड्रग्स चाहिए तो, तुझे मेरा एक काम करना पड़ेगा….
अमित: (थोड़ी देर सोचने के बाद) क्या काम करना है भाई…
रघु: तुझे मेरे लिए एप्रा गाँव से ड्रग्स लानी होंगी सिटी मे,….
अमित: (रघु की बात सुन कर थोड़ा घबरा गया) पर भाई मे ये काम नही कर सकता… इसमे तो बहुत रिस्क है….मुझसे नही होगा भाई…..
रघु: चल तुझे एक और चीज़ दूँगा…अगर तू मेरे लिए काम करेगा…..बोल करेगा. ?
अमित रघु की बातों को सुन कर सकतें मे आ गया….और रघु को फटी हुई आँखों से देखते हुए पूछा….
अमित: क्या भाई ?
रघु: देख अगर तू मुझे एक बार माल सप्लाइ करेगा…..तो मे तुझे एक चक्कर के 5000 रुपये दूँगा……और जो तुझे चाहिए…. वो भी फ्री मे मिलेगा.बोल करेगा मेरे लिए काम ?
अमित: क्या भाई 5000 रुपये… सिर्फ़ एक बार के….
रघु: (होंठो पर मुस्कान लाते हुए) हां 5000 हज़ार मिलेंगे……और जितनी बार तू मुझ माल ला कर देगा……हर बार 5000 रुपये मिलेंगे….
अमित: ठीक है भाई……कब जाना होगा मुझे……….
रघु: आज ही चला जा……. मे तुझे समझा देता हूँ कि, जाना कहाँ हैं….
थोड़ी देर बाद अमित रघु से सब जान कर चला गया…उसके जाते ही रघु ने राज को फोन किया…..
रघु: हैल्लो राज बाबू जी… चिड़िया अपने जाल मे फँस चुकी है….वो बस थोड़ी देर मे एप्रा गाँव पहुँच जाएगा…..अब आगे क्या करना है…..
राज : (दूसरी तरफ फोन से) आज कुछ नही करना………जब वो तुम्हे ड्रग्स लाकर दे, तो उसे 5000 रुपये दे देना, और ड्रग्स भी….बस तुम उसके साथ ऐसे ही खेल खेलते रहो…बाकी मे देख लूँगा……
दूसरी तरफ सुमन अपनी पहली क्लास ख़तम करके बाहर आ चुकी थी….तभी उसे इंग्लीश की टीचर साधना उसे मिली…और उसने सुमन को आवाज़ लगाई….
साधना: सुमन एक मिनिट के लिए ज़रा इधर आओ…..
सुमन: जी मॅम……..
साधना: वो तुम्हारा भाई कहाँ है…..आज कल क्लास आटेड भी करने नही आता…..कॉलेज भी आया है कि नही…
सुमन: जी कॉलेज तो आया था, पर ?
साधना: चलो छोड़ो….उसे कुछ समझाती क्यों नही….एक मंत बाद एग्ज़ॅम शुरू होने वाले हैं….अभी उसको पढ़ाई मे ध्यान देना चाहिए…
सुमन: जी मॅम…….आज घर जाकर उससे बात करूँगी……
साधना: ओके…..अच्छा मे चलती हूँ…..
दोपहर हो चुकी थी, पर अमित का कुछ अता पता नही था, सुमन ने उसे कॉलेज मे बहुत ढूँढा….पर वो उसे नही मिला….और वो कॉलेज से बाहर आगयी, और ऑटो पकड़ कर घर के लिए चल दी…..
थोड़ी देर बाद ही अमित अपनी बाइक पर कॉलेज मे आ गया, उसने अपनी बाइक खड़ी की, और कॉलेज की बिल्डिंग के पीछे की तरफ चला गया….उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था, हाथ पैर डर के मारे कांप रहे थे….कंधे पर एक बॅग लटकाए, वो इधर उधर देखता हुआ, उस तरफ बढ़ रहा था, जहाँ पर रघु ने उसे मिलने के लिए कहा था.
तभी अमित की नज़र रघु पर पड़ी….उसकी जान मे जान आई….उसने एक लंबी साँस ली, और तेज़ी से उसकी तरफ भागा…..रघु के पास पहुँचते ही, उसके अपने कंधे पर टँगे हुए बॅग को रघु को पकड़ा दिया,…..
अमित: (तेज़ी से साँस लेते हुए) ये लो भाई मैं ले आया……..
रघु: शाबास बस ऐसे ही काम करता रहा……तो दीनो दिनो मे अमीर हो जायगा……
रघु ने बॅग मे से एक पॅकेट ड्रग्स का निकाल कर अमित की ओर बढ़ा दिया…अमित के होंठो पर मुस्कान फैल गयी….उसने पॅकेट को अपनी पेंट की पॉकेट मे रख लिया… और फिर रघु ने उसे 5000 रुपये दे दिए…
रघु: ये ले जा ऐश कर……कल मिलते हैं…….
ये कह कर रघु बॅग को लेकर वहाँ से चला गया….अमित इस ग़लत काम से मिले हुए पैसो को लेकर बहुत खुश था….अब अमित हर दूसरे दिन रघु के लिए ये काम करने लगा था….अमित का डर अब ख़तम हो चुका था….एक दिन जब अमित ड्रग्स से भरा हुआ बॅग लेकर रघु की बताई हुई जगह पर पहुँचा , तो उसे रघु वहाँ नही मिला…..
उसने रघु को फोन किया….पर रघु ने उसे बहाना बना दिया कि, उसे ज़रूरी काम से सिटी से बाहर जाना पड़ा है….वो ड्रग्स का बॅग अपने घर पर रख ले, और मैं कल आकर तुमसे बॅग ले लूँगा…..