hotaks444
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मुझे देख इन्होने कहा; "बेटा ... ये जादू आपकी माँ का है| आज सुबह मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.... मैं तो सपना देख रहा था की मैं. आप और नेहा hide and seek खेल रहे हैं.... आप दोनों छुपे हुए हो और मैं आप दोनों को ढूँढ रहा हूँ….. की नजाने कहाँ से एक परी आ गई... और मुझसे बात कर रही है| फिर अचानक से...." इनकी बात पूरी होने से पहले आयुष बोल उठा; "और मम्मी ने आपको kiss किया| ही...ही...ही...ही..." उसकी बातें सुन कर मेरे गाल शर्म से लाल हो गए| तभी नेहा भी आ गई और आयुष को गुस्सा करने लगी; "शैतान..... बहुत बदमाश हो गया है तू! मम्मी..... सब लड़के एक जैसे होते हैं|" ये कहते हुए नेहा ने मेरा पक्ष लिया..... ये मेरे लिए पहलीबार था! 'ये' मेरी तरफ देख मुस्कुरा रहे थे और मेरे गाल लाल हो रहे थे......!
अब आगे.........
बच्चे स्कूल चले गए..... और उनके जाते ही मैंने फिर से ‘इनपर’ chance मारा! ‘ये’ कमरे में शर्ट पहन रहे थे ... और टाई बाँध रहे थे| मैंने पीछे से आ कर ‘इन्हें’ जकड लिया.... पर ‘इन्होने’ ने कुछ नहीं कहा|
"कहाँ जाने की तैयारी हो रही है? वो भी इतना बन-ठन कर" मैंने पूछा|
"स्कूल" ‘इन्होने’ बस एक शब्द में जवाब दिया|
"क्यों ?" मैंने हैरान होते हुए पूछा|
"नेहा..." ‘इन्होने’ काफी गंभीर होते हुए कहा|
"मैं भी चलूँगी|" मुझे डर था की गुस्से में आ कर ये कहीं कुछ ऐसा-वैसा ना कर दें|
"ठीक है... जल्दी तैयार हो जाओ| हमें लंच टाइम तक पहुँचना है|" इतना कह कर ‘ये’ अपना ब्लेजर उठा कर बाहर चले गए| मैं भी जल्दी से तैयार हो कर बाहर आ गई... 'इनका' मन पसंद नाश्ता बनाया और साढ़े दस बजे हम निकल पड़े| रास्ते भर 'इन्होने' कुछ नहीं कहा... और मुझसे हिम्मत नहीं हुई की मैं कुछ कहूँ| रास्ते में एक जगह रुक कर इन्होने दो polythene भरकर कुछ सामान लिया| उसमें से मुझे कुछ खाने की खुशबु आ रही थी... पर मैंने कुछ पूछा नहीं| पर ‘इन्हें’ मेरी हालत के बारे में पता चला गया; "don't worry मैं लड़ाई करने नहीं जा रहा|" और फिर मुस्कुराने लगे| ये सुन कर मेरे दिल की हलचल शांत हुई| आखिर हम स्कूल पहुंचे... और क्या timing पर पहुँचे! हम क्लास के बाहर खड़े ही हुए थे की bell बज गई और नेहा की subject teacher निकली| वो 'इन्हें' जानती थी... तो hi - hello हुई और 'इन्होने' मेरा introduction टीचर जी से कराया| "ये नेहा और आयुष की मम्मी हैं| वो actually हम नेहा से मिलने आये थे|"
"ओह.... no problem!" और टीचर जी चली गईं| अभी कोई भी बच्चा क्लास से निकला नहीं था.... सब अपना-अपना lunch box हाथ में लिए खड़े थे और बाहर जाने ही वाले थे| "hey guys!" 'इनकी' आवाज सुन सबका ध्यान इनकी ओर हुआ..... "umm .. i'm neha's father ....." और नेहा 'इनके' पास आकर खड़ी हो गई| "आप मे से अक्षय यादव and party कौन है?" सब चुप हो गए.... और एक साथ सबकी नजर आखरी वाली लाइन के तीसरे desk पर बैठे लड़के की तरफ घूम गई| "ओह्ह!!! there you are .... come here" 'इन्होने' उसे अपने पास बुलाया| वो बेचारा हिचकता हुआ आया और इनके सामने आ कर खड़ा हो गया| "हाँ तो क्या प्रॉब्लम है तुम्हें नेहा से?"
"अंकल ... वो..... मतलब..... कुछ नहीं|" वो हकलाते हुए बोलने लगा| उसकी शकल देख कर पता चल रहा था की वो कितना डरा हुआ है|
"हम्म्म.... कोई जवाब नहीं? अच्छा तो राम यादव जी के लड़के हो ना?" 'इन्होने' पूछा|
"हाँ"
"हम्म्म.... क्यों tease करते हो मेरी बेटी को?"
"सॉरी अंकल"
"क्या कहते हो तुम....वो.... हाँ.... तेरे पापा ने अपने से ज्यादा उम्र वाली लड़की से शादी की... and all ..... बच्चों आपको पता है इस तरह की बातें तो जनानियाँ करती हैं|" ये सुन कर सब उस लड़के पर जोर से हँस पड़े... और सबको हँसता देख वो बेचारा शर्म से जमीन में गड़ने लगा|
"वैसे तुम्हारे पापा को ये सब सुन कर अच्छा नहीं लगेगा की उनका लड़का जनानियों वाली हरकतें करता है!" बच्चे और भी ज्यादा दहाड़ें मार कर हँसने लगे.... और अब तो मेरी भी हँसी छूट गई| पर उस लड़के की तो जैसे बैंड ही बज गई थी.... "sorry अंकल...." इतना कहते-कहते वो रो पड़ा|
"बेटा कैसा लगा जब खुद का मज़ाक बनता है? और sorry मझे नहीं नेहा को बोलो... तुम्हें पता है उसके दिल को कितनी चोट पहुँचती थी जब तुम ऐसी बातें उसे बोलते थे? उसने ये बात हमसे भी छुपाई.... बहुत जोर देने पर हमें पता चला की आखिर बात क्या है|"
"sorry नेहा.... मैं आगे से कभी ऐसा मज़ाक नहीं करूँगा| really sorry ..." उसने रोते-रोते कहा|
"its okay ... i forgive you" नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा|
"चलो भई मैं और आपकी आंटी आपके लिए कुछ लाये हैं|" एक पॉलिथीन मेरे पास थी और एक इनके पास.... इनकी पॉलिथीन में समोसे थे और मेरी वाली में cup cakes! हमने मिलकर सभी को दो-दो समोसे और एक-एक cup cake बातें| सारे बच्चे बहुत खुश थे..... और नेहा के चेहरा तो सब से ज्यादा खिला हुआ था|
"तो बच्चों अब तो आपको नेहा से दोस्ती करने में कोई problem नहीं है?" ये सुन कर सब बच्चे हँस पड़े|
हम दोनों भी ख़ुशी-ख़ुशी क्लास से बाहर आ गए| स्कूल की canteen में छोले-कुलचे बहुत famous हैं तो मैंने वो खाने की जिद्द की तो हम canteen पहुँच गए| वहां पत्थर की सीढ़ियां बानी हुई थीं... तो मैं वहाँ बैठ गई और ये मेरे लिए छोले-कुलचे ले आये| तभी वहाँ आयुष आ गया..... और उसके साथ उसकी girlfriend भी थी| बहुत ही sweet थी वो..... जैसे ही उसने मुझे नमस्ते बोला मैंने एकदम से बोला; "ओह! तो ये तेरी girlfriend है?" ये सुनकर आयुष के गाल शर्म से लाल-लाल हो गए (जैसे सुबह मेरे गाल लाल हो गए थे) और वो चिल्लाया... "मम्मी!!!" और आँखों से मुझे गुस्सा दिखने लगा जिसे देख मुझे बहुत हँसी आ गई| फिर वो जा कर अपने पापा के पीछे छुप गया... अब बात इन्हें संभालनी थी क्योंकि शर्म से उस बच्ची के भी गाल लाल होने लगे थे| इन्होने अपनी हँसी सँभालते हुए आयुष से कहा; "बेटा अपनी दोस्त को कुछ खिलाओगे नहीं? ये लो ... एक प्लेट छोले कुलचे ले आओ|" मैं इस बात पर भी चुटकी लेने से नहीं छूटी; "एक प्लेट में दो लोग कैसे खाएंगे?" ये सुन कर इनकी भी हँसी छूटने लगी पर पता नहीं कैसे इन्होने अपनी हँसी पर काबू किया| इधर आयुष की हालत देखने लायक थी!
आयुष के जाने के बाद मैंने उस प्यारी सी बच्ची को अपने पास बुलाया और उसे अपनी बगल में बिठाया| मैं उससे प्यार से बात करने लगी ... उसके घरवालों के बारे में सवाल करने लगी| जैसे की मैं आयुष के रिश्ते की बात कर रही हूँ| (ही...ही...ही...) हम खा ही रहे थे की नेहा हमें ढूढ़ती हुई आ गई और आ कर सीधा इनसे लिपट गई| "hey ... my baby .... क्या हुआ?" इन्होने कुलचा मुझे थमाया और अपने हाथ पांच कर नेहा के आँसूं पोंछने लगे| "क्या हुआ बेटा? किसी ने कुछ कहा क्या?" आखिर नेहा ने अपने रोने पर काबू पाया और कहा; "thank you पापा"
"बेटा.... बस... अब रोना नहीं| मेरा sweet baby है ना? और बेटा अब आपको खुद के लिए stand लेना सीखना होगा| मम्मी-पापा हर जगह नहीं होते... तब आपको खुद के लिए स्टैंड लेना होगा.... fight करना होगा.... so you have to be strong! okay? मेरी बहादुर बेटी है ना?"
नेहा ने हाँ में सर हिलाया और फिर इन्हें गाल पर kiss किया| इन्होने एक कौर नेहा को खिलाया और फिर उसे लाड करने लगे|
अब आगे.........
बच्चे स्कूल चले गए..... और उनके जाते ही मैंने फिर से ‘इनपर’ chance मारा! ‘ये’ कमरे में शर्ट पहन रहे थे ... और टाई बाँध रहे थे| मैंने पीछे से आ कर ‘इन्हें’ जकड लिया.... पर ‘इन्होने’ ने कुछ नहीं कहा|
"कहाँ जाने की तैयारी हो रही है? वो भी इतना बन-ठन कर" मैंने पूछा|
"स्कूल" ‘इन्होने’ बस एक शब्द में जवाब दिया|
"क्यों ?" मैंने हैरान होते हुए पूछा|
"नेहा..." ‘इन्होने’ काफी गंभीर होते हुए कहा|
"मैं भी चलूँगी|" मुझे डर था की गुस्से में आ कर ये कहीं कुछ ऐसा-वैसा ना कर दें|
"ठीक है... जल्दी तैयार हो जाओ| हमें लंच टाइम तक पहुँचना है|" इतना कह कर ‘ये’ अपना ब्लेजर उठा कर बाहर चले गए| मैं भी जल्दी से तैयार हो कर बाहर आ गई... 'इनका' मन पसंद नाश्ता बनाया और साढ़े दस बजे हम निकल पड़े| रास्ते भर 'इन्होने' कुछ नहीं कहा... और मुझसे हिम्मत नहीं हुई की मैं कुछ कहूँ| रास्ते में एक जगह रुक कर इन्होने दो polythene भरकर कुछ सामान लिया| उसमें से मुझे कुछ खाने की खुशबु आ रही थी... पर मैंने कुछ पूछा नहीं| पर ‘इन्हें’ मेरी हालत के बारे में पता चला गया; "don't worry मैं लड़ाई करने नहीं जा रहा|" और फिर मुस्कुराने लगे| ये सुन कर मेरे दिल की हलचल शांत हुई| आखिर हम स्कूल पहुंचे... और क्या timing पर पहुँचे! हम क्लास के बाहर खड़े ही हुए थे की bell बज गई और नेहा की subject teacher निकली| वो 'इन्हें' जानती थी... तो hi - hello हुई और 'इन्होने' मेरा introduction टीचर जी से कराया| "ये नेहा और आयुष की मम्मी हैं| वो actually हम नेहा से मिलने आये थे|"
"ओह.... no problem!" और टीचर जी चली गईं| अभी कोई भी बच्चा क्लास से निकला नहीं था.... सब अपना-अपना lunch box हाथ में लिए खड़े थे और बाहर जाने ही वाले थे| "hey guys!" 'इनकी' आवाज सुन सबका ध्यान इनकी ओर हुआ..... "umm .. i'm neha's father ....." और नेहा 'इनके' पास आकर खड़ी हो गई| "आप मे से अक्षय यादव and party कौन है?" सब चुप हो गए.... और एक साथ सबकी नजर आखरी वाली लाइन के तीसरे desk पर बैठे लड़के की तरफ घूम गई| "ओह्ह!!! there you are .... come here" 'इन्होने' उसे अपने पास बुलाया| वो बेचारा हिचकता हुआ आया और इनके सामने आ कर खड़ा हो गया| "हाँ तो क्या प्रॉब्लम है तुम्हें नेहा से?"
"अंकल ... वो..... मतलब..... कुछ नहीं|" वो हकलाते हुए बोलने लगा| उसकी शकल देख कर पता चल रहा था की वो कितना डरा हुआ है|
"हम्म्म.... कोई जवाब नहीं? अच्छा तो राम यादव जी के लड़के हो ना?" 'इन्होने' पूछा|
"हाँ"
"हम्म्म.... क्यों tease करते हो मेरी बेटी को?"
"सॉरी अंकल"
"क्या कहते हो तुम....वो.... हाँ.... तेरे पापा ने अपने से ज्यादा उम्र वाली लड़की से शादी की... and all ..... बच्चों आपको पता है इस तरह की बातें तो जनानियाँ करती हैं|" ये सुन कर सब उस लड़के पर जोर से हँस पड़े... और सबको हँसता देख वो बेचारा शर्म से जमीन में गड़ने लगा|
"वैसे तुम्हारे पापा को ये सब सुन कर अच्छा नहीं लगेगा की उनका लड़का जनानियों वाली हरकतें करता है!" बच्चे और भी ज्यादा दहाड़ें मार कर हँसने लगे.... और अब तो मेरी भी हँसी छूट गई| पर उस लड़के की तो जैसे बैंड ही बज गई थी.... "sorry अंकल...." इतना कहते-कहते वो रो पड़ा|
"बेटा कैसा लगा जब खुद का मज़ाक बनता है? और sorry मझे नहीं नेहा को बोलो... तुम्हें पता है उसके दिल को कितनी चोट पहुँचती थी जब तुम ऐसी बातें उसे बोलते थे? उसने ये बात हमसे भी छुपाई.... बहुत जोर देने पर हमें पता चला की आखिर बात क्या है|"
"sorry नेहा.... मैं आगे से कभी ऐसा मज़ाक नहीं करूँगा| really sorry ..." उसने रोते-रोते कहा|
"its okay ... i forgive you" नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा|
"चलो भई मैं और आपकी आंटी आपके लिए कुछ लाये हैं|" एक पॉलिथीन मेरे पास थी और एक इनके पास.... इनकी पॉलिथीन में समोसे थे और मेरी वाली में cup cakes! हमने मिलकर सभी को दो-दो समोसे और एक-एक cup cake बातें| सारे बच्चे बहुत खुश थे..... और नेहा के चेहरा तो सब से ज्यादा खिला हुआ था|
"तो बच्चों अब तो आपको नेहा से दोस्ती करने में कोई problem नहीं है?" ये सुन कर सब बच्चे हँस पड़े|
हम दोनों भी ख़ुशी-ख़ुशी क्लास से बाहर आ गए| स्कूल की canteen में छोले-कुलचे बहुत famous हैं तो मैंने वो खाने की जिद्द की तो हम canteen पहुँच गए| वहां पत्थर की सीढ़ियां बानी हुई थीं... तो मैं वहाँ बैठ गई और ये मेरे लिए छोले-कुलचे ले आये| तभी वहाँ आयुष आ गया..... और उसके साथ उसकी girlfriend भी थी| बहुत ही sweet थी वो..... जैसे ही उसने मुझे नमस्ते बोला मैंने एकदम से बोला; "ओह! तो ये तेरी girlfriend है?" ये सुनकर आयुष के गाल शर्म से लाल-लाल हो गए (जैसे सुबह मेरे गाल लाल हो गए थे) और वो चिल्लाया... "मम्मी!!!" और आँखों से मुझे गुस्सा दिखने लगा जिसे देख मुझे बहुत हँसी आ गई| फिर वो जा कर अपने पापा के पीछे छुप गया... अब बात इन्हें संभालनी थी क्योंकि शर्म से उस बच्ची के भी गाल लाल होने लगे थे| इन्होने अपनी हँसी सँभालते हुए आयुष से कहा; "बेटा अपनी दोस्त को कुछ खिलाओगे नहीं? ये लो ... एक प्लेट छोले कुलचे ले आओ|" मैं इस बात पर भी चुटकी लेने से नहीं छूटी; "एक प्लेट में दो लोग कैसे खाएंगे?" ये सुन कर इनकी भी हँसी छूटने लगी पर पता नहीं कैसे इन्होने अपनी हँसी पर काबू किया| इधर आयुष की हालत देखने लायक थी!
आयुष के जाने के बाद मैंने उस प्यारी सी बच्ची को अपने पास बुलाया और उसे अपनी बगल में बिठाया| मैं उससे प्यार से बात करने लगी ... उसके घरवालों के बारे में सवाल करने लगी| जैसे की मैं आयुष के रिश्ते की बात कर रही हूँ| (ही...ही...ही...) हम खा ही रहे थे की नेहा हमें ढूढ़ती हुई आ गई और आ कर सीधा इनसे लिपट गई| "hey ... my baby .... क्या हुआ?" इन्होने कुलचा मुझे थमाया और अपने हाथ पांच कर नेहा के आँसूं पोंछने लगे| "क्या हुआ बेटा? किसी ने कुछ कहा क्या?" आखिर नेहा ने अपने रोने पर काबू पाया और कहा; "thank you पापा"
"बेटा.... बस... अब रोना नहीं| मेरा sweet baby है ना? और बेटा अब आपको खुद के लिए stand लेना सीखना होगा| मम्मी-पापा हर जगह नहीं होते... तब आपको खुद के लिए स्टैंड लेना होगा.... fight करना होगा.... so you have to be strong! okay? मेरी बहादुर बेटी है ना?"
नेहा ने हाँ में सर हिलाया और फिर इन्हें गाल पर kiss किया| इन्होने एक कौर नेहा को खिलाया और फिर उसे लाड करने लगे|