hotaks444
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सुनील ने अपने कपड़े उतार फेंके …. उसका लंड सीधा 90डिग्री पे खड़ा दोनो की चूत की तरफ लहराने लगा.
आगे बढ़ उसने दोनो को अपनी बाँहों में भर लिया और तीनो के होंठ एक साथ चिपक गये. दोनो औरतों की धड़कन बढ़ी हुई थी नाचने की वजह से …. दोनो ही बेल की तराहा सुनील से लिपट गयी ………बारिश की ठंडी बूँदें भी बदन में बढ़े हुए ताप को कम नही कर पा रही थी.
तीनो को ये सुध ही नही रही के अंदर चले जाएँ…….शायद प्रकृति की गोद इन्हें ज़यादा पसंद थी….खुल्ले में चुदाई का आनंद अपने आप में सबसे उत्तम भावना होती है. और ये मोका तीनो अपने हाथ से कैसे जाने देते.
ये बंगलो इंट पत्थर से नही बना था… सारा काम लकड़ी का ही था. और ये तीनो वहीं बाहर लकड़ी की बनी बाल्कनी में बारिश का मज़ा लेते हुए लेट गये. सुनील नीचे था और सोनल और सूमी उसके बदन के साथ अपना बदन रगड़ रही थी… एक तरफ सोनल का निपल अपना अहसास दिला रहा था और दूसरी तरफ सुमन का. दोनो के निपल इतने सख़्त हो चुके थे कि सुनील को चुभ रहे थे …जैसे उसके जिस्म में छेद ही कर डालेंगे.
दोनो के पैरों में बँधी पायल की रुनझुन वातावरण को अनोखा संगीत दे रही थी.
जब भी दोनो के हाथ सुनील के जिस्म को सहलाते तो चूड़ियों की खनखनाहट पायल की रुन झुन से मिल कामुकता के नये संगीत को जनम दे रही थी…..कुछ ऐसे सुर निकल रहे थे जो कोई म्यूज़िक कॉंपोज़र कभी पहचान ही नही पाएगा. मानो स्वयं गायित्री देवी ने नये काम और रति के लिए नये सुरों की रचना करी हो …जिसके पहले सुर इन दोनो की पायल और चूड़ियों से निकल रहे थे.
टपकती हुई मुसला धार बारिश का उनपे कोई असर नही पड़ रहा था…. उल्टा उन्हें ये बारिश अच्छी लग रही थी .
‘जानम आज की रात को एक यादगार बना दो… हमे इतना प्यार करो…इतना प्यार करो कि हमारी रूह उस प्यार के सागर में जिंदगी भर गोते लगाती रहे…..’दोनो एक साथ ही बोली.
सुनील ने पलटी मारी …. अब दोनो फ़ाश पे पीठ के बल थी और सुनील उन दोनो के बीच अपने पेट के बल था……..उसके हाथ दोनो के उरोज़ को मसल्ने लग गये और होंठ कभी एक को चूमते तो कभी दूसरे को.
सोनल और सुमन दोनो कामग्नी में जल रही थी और उनकी इस जलन को महसूस कर हवाएँ और तेज चलने लगी नतिजन बारिश की बूंदे सुइयों की तरहा बदन पे चुबने लगी….पर ये चुबन उस अग्नि और ही भयंकर दावानल का रूप देने लगी …..जिसका असर ये हुआ कि दोनो ने पलटी मार कर सुनील को नीचे ले लिया और उसके उपर आ गयी …..
अब सोनल का आधा बदन सुनील से रगडे खा रहा था और सोनल का आधा बदन दोनो के निपल सुनील के निपल्स को अपने कड़े होने अहसास देने लगे ….उरोज़ मचल रहे थे सुनील की चाहते से रगडे खाते हुए ……..अब दोनो ही तो उसके होंठों पे क़ब्ज़ा नही कर सकती थी….तो सोनल ने सुनील के निपल पे धावा बोल दिया और सुमन ने अपने होंठ सुनील के होंठों से चिपका दिया.
सोनल कभी सुनील के निपल को ज़ोर से चूस्ति तो कभी दाँत गढ़ा देती और सुमन तो अपने होंठों का जाम पिलाने में लगी हुई थी…..जब भी सोनल के दाँत गढ़ते सुनील के निपल पे….सुनील सकती से सुमन के होंठ चूसने लग जाता.
ये दो तरफ़ा हमला जो सुनील पे हुआ था वो उसे बहुत बेचैन और कामोत्तेजित कर रहा था….
सोनल ने दोपहर में ही सुनील के साथ जो मज़े लिए थे उन्हें ध्यान में रख वो पीछे हट गयी और सुनील और सुमन को मस्त करने के लिए अकेला छोड़ दिया और पीछे सरक उनकी लीला देखने लगी …..
सुनील ने सुमन को नीचे कर लिया और उसे चुंबनो से भर दिया. एक तरफ सुनील के तपते होंठ और दूसरितरफ ठंडी बारिश के बूंदे जो लगातार जिस्म पे गिरती जा रही थी ….इन दोनो के संगम ने सुमन को पिघलना शुरू कर दिया था.
सुमन ने अपनी टाँगें फैला दी और सुनील बीच में आ कर उसके उपर लेट गया और उसके उरोज़ को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा ……..साथ ही दूसरे उरोज़ के निपल को चूसने लगा….नमकीन बारिश का पानी साथ में मुँह में जाने लगा ….पर इसकी कोई चिंता ना थी क्यूंकी सुमन के निपल का अहसास जो उसे अपने मुँह में मिल रहा था वो इस महॉल में किसी आठवें अजूबे से कम ना था.
अहह उउउम्म्म्ममममम सुमन के होंठ खुलते सिसकियाँ छोड़ने के लिए पर पानी अंदर घुसता चला जाता….और वो फट से मुँह बंद कर लेती …..सुनील उसके वक्षों के साथ लगा रहा और सुमन सिसकियाँ लेती फिर फट से मुँह बंद कर लेती.
सुमन ने अपनी टाँगें सुनील की कमर पे लप्पेट ली और उसे अपनी और खिचने लगी….सॉफ इशारा था कि अब नही रहा जाता …….आग बहुत भड़क चुकी है …..और बारिश की बूँदें आग भुजाने की जगह और भड़का रही हैं.
हालत तो सुनील की भी कुछ ऐसी ही थी ….. सुमन ने खुद उसके लंड को अपनी चूत पे सेट किया और पल भर में ही सुमन की चीख आआआआआआआआआआआआअ फ़िज़ा में गूँज गयी……उसके नाख़ून सुनील के पीठ में गढ़ते चले गये……और सुनील का लंड उसे अपने पेट तक पहुँचता हुआ महसूस हुआ.
5 मिनट की धुआँ दार चुदाई में दोनो ही झड़ने लगे….और एक दूसरे से चिपक हाँफने लगे.
सोनल अब करीब आ गयी और सुनील जो सुमन के उपार गिरा पड़ा था उसकी पीठ सहलाने लगी.
कुछ देर बाद जब साँसे ठीक हुई तो इन्हें अंदर जाना ही पड़ा क्यूंकी बारिश अब भयंकर तुफ्फान का रूप ले चुकी थी… यहाँ तक की वॉटर बंग्लॉ भी हिलने लगा था थोड़ा थोड़ा …..पर उसे इतनी मजबूती से बँधा गया था कि ज़यादा नुकसान नही होने वाला था…. सिवाए इसके कि वो कुछ देर हिलता और तुफ्फान कम होने पे स्थिर हो जाता फिर अगले दिन मर्रम्मत का काम शुरू हो जाता.
अंदर पहुँच तीनो ने शवर लिया खुद को सूखाया और सुमन ने हॉट कॉफी का इंतेज़ाम किया.
सोनल सुनील की गोद में बैठ गयी.
कॉफी पीने के बाद तीनो बिस्तर में घुस गये…..रात अभी बाकी थी और सोनल ने सुनील को सोने तो देना ही नही था.
रात को सोनल और सुनील के बीच एक राउंड हुआ फिर सब सो गये. अगला दिन इनका आखरी दिन था मालदीव में.
नाश्ते के बाद कुछ स्यूवेनिर्स की शूपिंग करी और लंच तक वापस वॉटर बंग्लॉ पहुँच गये थे. अगले दिन के कपड़े छोड़, सारा समान पॅक कर लिया.
जब तीनो लंच कर रहे थे सोनल ने एक बॉम्ब फोड़ दिया….
‘आप दोनो सुन लो….दीदी की मजबूरी है उन्हे तो विधवा का ढोंग करना पड़ेगा … जब तक दूसरे शहर में शिफ्ट नही होते….पर मैं खुद को कुँवारी और अवेलबल शो नही करूँगी… मैं एलान कर दूँगी … मेरी लव मॅरेज हो गयी है’
खाते खाते सुनील के हाथ से चम्मच छूट गया और खाना गले में अटक गया.
सुमन : ये क्या बक रही है…. अभी से कैसे एलान कर सकती है
सोनल : आप समझते क्यूँ नही है --- सुनील से शादी के बाद मेरे जिस्म में बदलाव आ गया है … कोई भी देख के कह देगा कि मैं सेक्स कर चुकी हूँ.. अगर खुद को अभी भी अनमॅरीड शो किया….तो क्या सोचेंगे लोग मेरे बारे में. वैसे ही काफ़ी सीनियर डॉक्टर्स मेरे पीछे पड़े रहते हैं …. सब यही सोचेंगे मैं अवेलबल हूँ और बहती गंगा में हाथ धोने की कोशिश करेंगे.
सुमन और सुनील … दोनो ही सीरीयस हो गये.
सुमन : अपने पति के बारे में क्या बोलोगि -----
सोनल : कह दूँगी – यूके में सेटल्ड हैं और तीन साल तक मेरा स्टे पर्मिट मिल जाएगा …फिर मैं हमेशा के लिए उनके पास चली जाउन्गि.
सुनील : तुमने मज़ाक समझ लिया है क्या इस बात को – कॉन लड़का है, क्या करता , है, माँ-बाप….परिवार में कॉन कॉन और कहाँ, शादी के फोटोस वगेरा वगेरह हज़ारों सवाल उठेंगे….क्या जवाब दोगि.
सोनल :बिल्कुल सही जवाब दूँगी…बस इतना झूठ होगा कि लड़का यूके में सेटल्ड है.
लड़के का नाम : सुनील कमरा ( समर की कास्ट कमरा)
लड़के का बाप : समर कमरा (एक्सपाइर्ड)
लड़के की माँ : यहाँ सोनल सोच में पड़ गयी – फिर बोली – अभी मिल ही नही पाई – बस फट माँगनी पट शादी हो गयी --- वी लाइक्ड ईच अदर सो मच.
बाकी रिश्तेदार : पूछा ही नही उनके बारे में --- जब मिलेंगे पता चल जाएगा
लड़का अपने दोस्तो के साथ मालदीव घूमने आया हुआ था….. बस आँख लड़ गयी हम दोनो की और कुछ दिन की रोज मिलने लगे और वहीं शादी कर डाली – लड़का भी बहुत
अच्छा डॉक्टर है.
कल इनके साथ कुछ फोटो खिच्वाउन्गी ---जिसमे ये नकली दाढ़ी लगा लेंगे….बालों में कलर कर लेंगे और हेर स्टाइल चेंज कर लेंगे.
आगे बढ़ उसने दोनो को अपनी बाँहों में भर लिया और तीनो के होंठ एक साथ चिपक गये. दोनो औरतों की धड़कन बढ़ी हुई थी नाचने की वजह से …. दोनो ही बेल की तराहा सुनील से लिपट गयी ………बारिश की ठंडी बूँदें भी बदन में बढ़े हुए ताप को कम नही कर पा रही थी.
तीनो को ये सुध ही नही रही के अंदर चले जाएँ…….शायद प्रकृति की गोद इन्हें ज़यादा पसंद थी….खुल्ले में चुदाई का आनंद अपने आप में सबसे उत्तम भावना होती है. और ये मोका तीनो अपने हाथ से कैसे जाने देते.
ये बंगलो इंट पत्थर से नही बना था… सारा काम लकड़ी का ही था. और ये तीनो वहीं बाहर लकड़ी की बनी बाल्कनी में बारिश का मज़ा लेते हुए लेट गये. सुनील नीचे था और सोनल और सूमी उसके बदन के साथ अपना बदन रगड़ रही थी… एक तरफ सोनल का निपल अपना अहसास दिला रहा था और दूसरी तरफ सुमन का. दोनो के निपल इतने सख़्त हो चुके थे कि सुनील को चुभ रहे थे …जैसे उसके जिस्म में छेद ही कर डालेंगे.
दोनो के पैरों में बँधी पायल की रुनझुन वातावरण को अनोखा संगीत दे रही थी.
जब भी दोनो के हाथ सुनील के जिस्म को सहलाते तो चूड़ियों की खनखनाहट पायल की रुन झुन से मिल कामुकता के नये संगीत को जनम दे रही थी…..कुछ ऐसे सुर निकल रहे थे जो कोई म्यूज़िक कॉंपोज़र कभी पहचान ही नही पाएगा. मानो स्वयं गायित्री देवी ने नये काम और रति के लिए नये सुरों की रचना करी हो …जिसके पहले सुर इन दोनो की पायल और चूड़ियों से निकल रहे थे.
टपकती हुई मुसला धार बारिश का उनपे कोई असर नही पड़ रहा था…. उल्टा उन्हें ये बारिश अच्छी लग रही थी .
‘जानम आज की रात को एक यादगार बना दो… हमे इतना प्यार करो…इतना प्यार करो कि हमारी रूह उस प्यार के सागर में जिंदगी भर गोते लगाती रहे…..’दोनो एक साथ ही बोली.
सुनील ने पलटी मारी …. अब दोनो फ़ाश पे पीठ के बल थी और सुनील उन दोनो के बीच अपने पेट के बल था……..उसके हाथ दोनो के उरोज़ को मसल्ने लग गये और होंठ कभी एक को चूमते तो कभी दूसरे को.
सोनल और सुमन दोनो कामग्नी में जल रही थी और उनकी इस जलन को महसूस कर हवाएँ और तेज चलने लगी नतिजन बारिश की बूंदे सुइयों की तरहा बदन पे चुबने लगी….पर ये चुबन उस अग्नि और ही भयंकर दावानल का रूप देने लगी …..जिसका असर ये हुआ कि दोनो ने पलटी मार कर सुनील को नीचे ले लिया और उसके उपर आ गयी …..
अब सोनल का आधा बदन सुनील से रगडे खा रहा था और सोनल का आधा बदन दोनो के निपल सुनील के निपल्स को अपने कड़े होने अहसास देने लगे ….उरोज़ मचल रहे थे सुनील की चाहते से रगडे खाते हुए ……..अब दोनो ही तो उसके होंठों पे क़ब्ज़ा नही कर सकती थी….तो सोनल ने सुनील के निपल पे धावा बोल दिया और सुमन ने अपने होंठ सुनील के होंठों से चिपका दिया.
सोनल कभी सुनील के निपल को ज़ोर से चूस्ति तो कभी दाँत गढ़ा देती और सुमन तो अपने होंठों का जाम पिलाने में लगी हुई थी…..जब भी सोनल के दाँत गढ़ते सुनील के निपल पे….सुनील सकती से सुमन के होंठ चूसने लग जाता.
ये दो तरफ़ा हमला जो सुनील पे हुआ था वो उसे बहुत बेचैन और कामोत्तेजित कर रहा था….
सोनल ने दोपहर में ही सुनील के साथ जो मज़े लिए थे उन्हें ध्यान में रख वो पीछे हट गयी और सुनील और सुमन को मस्त करने के लिए अकेला छोड़ दिया और पीछे सरक उनकी लीला देखने लगी …..
सुनील ने सुमन को नीचे कर लिया और उसे चुंबनो से भर दिया. एक तरफ सुनील के तपते होंठ और दूसरितरफ ठंडी बारिश के बूंदे जो लगातार जिस्म पे गिरती जा रही थी ….इन दोनो के संगम ने सुमन को पिघलना शुरू कर दिया था.
सुमन ने अपनी टाँगें फैला दी और सुनील बीच में आ कर उसके उपर लेट गया और उसके उरोज़ को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा ……..साथ ही दूसरे उरोज़ के निपल को चूसने लगा….नमकीन बारिश का पानी साथ में मुँह में जाने लगा ….पर इसकी कोई चिंता ना थी क्यूंकी सुमन के निपल का अहसास जो उसे अपने मुँह में मिल रहा था वो इस महॉल में किसी आठवें अजूबे से कम ना था.
अहह उउउम्म्म्ममममम सुमन के होंठ खुलते सिसकियाँ छोड़ने के लिए पर पानी अंदर घुसता चला जाता….और वो फट से मुँह बंद कर लेती …..सुनील उसके वक्षों के साथ लगा रहा और सुमन सिसकियाँ लेती फिर फट से मुँह बंद कर लेती.
सुमन ने अपनी टाँगें सुनील की कमर पे लप्पेट ली और उसे अपनी और खिचने लगी….सॉफ इशारा था कि अब नही रहा जाता …….आग बहुत भड़क चुकी है …..और बारिश की बूँदें आग भुजाने की जगह और भड़का रही हैं.
हालत तो सुनील की भी कुछ ऐसी ही थी ….. सुमन ने खुद उसके लंड को अपनी चूत पे सेट किया और पल भर में ही सुमन की चीख आआआआआआआआआआआआअ फ़िज़ा में गूँज गयी……उसके नाख़ून सुनील के पीठ में गढ़ते चले गये……और सुनील का लंड उसे अपने पेट तक पहुँचता हुआ महसूस हुआ.
5 मिनट की धुआँ दार चुदाई में दोनो ही झड़ने लगे….और एक दूसरे से चिपक हाँफने लगे.
सोनल अब करीब आ गयी और सुनील जो सुमन के उपार गिरा पड़ा था उसकी पीठ सहलाने लगी.
कुछ देर बाद जब साँसे ठीक हुई तो इन्हें अंदर जाना ही पड़ा क्यूंकी बारिश अब भयंकर तुफ्फान का रूप ले चुकी थी… यहाँ तक की वॉटर बंग्लॉ भी हिलने लगा था थोड़ा थोड़ा …..पर उसे इतनी मजबूती से बँधा गया था कि ज़यादा नुकसान नही होने वाला था…. सिवाए इसके कि वो कुछ देर हिलता और तुफ्फान कम होने पे स्थिर हो जाता फिर अगले दिन मर्रम्मत का काम शुरू हो जाता.
अंदर पहुँच तीनो ने शवर लिया खुद को सूखाया और सुमन ने हॉट कॉफी का इंतेज़ाम किया.
सोनल सुनील की गोद में बैठ गयी.
कॉफी पीने के बाद तीनो बिस्तर में घुस गये…..रात अभी बाकी थी और सोनल ने सुनील को सोने तो देना ही नही था.
रात को सोनल और सुनील के बीच एक राउंड हुआ फिर सब सो गये. अगला दिन इनका आखरी दिन था मालदीव में.
नाश्ते के बाद कुछ स्यूवेनिर्स की शूपिंग करी और लंच तक वापस वॉटर बंग्लॉ पहुँच गये थे. अगले दिन के कपड़े छोड़, सारा समान पॅक कर लिया.
जब तीनो लंच कर रहे थे सोनल ने एक बॉम्ब फोड़ दिया….
‘आप दोनो सुन लो….दीदी की मजबूरी है उन्हे तो विधवा का ढोंग करना पड़ेगा … जब तक दूसरे शहर में शिफ्ट नही होते….पर मैं खुद को कुँवारी और अवेलबल शो नही करूँगी… मैं एलान कर दूँगी … मेरी लव मॅरेज हो गयी है’
खाते खाते सुनील के हाथ से चम्मच छूट गया और खाना गले में अटक गया.
सुमन : ये क्या बक रही है…. अभी से कैसे एलान कर सकती है
सोनल : आप समझते क्यूँ नही है --- सुनील से शादी के बाद मेरे जिस्म में बदलाव आ गया है … कोई भी देख के कह देगा कि मैं सेक्स कर चुकी हूँ.. अगर खुद को अभी भी अनमॅरीड शो किया….तो क्या सोचेंगे लोग मेरे बारे में. वैसे ही काफ़ी सीनियर डॉक्टर्स मेरे पीछे पड़े रहते हैं …. सब यही सोचेंगे मैं अवेलबल हूँ और बहती गंगा में हाथ धोने की कोशिश करेंगे.
सुमन और सुनील … दोनो ही सीरीयस हो गये.
सुमन : अपने पति के बारे में क्या बोलोगि -----
सोनल : कह दूँगी – यूके में सेटल्ड हैं और तीन साल तक मेरा स्टे पर्मिट मिल जाएगा …फिर मैं हमेशा के लिए उनके पास चली जाउन्गि.
सुनील : तुमने मज़ाक समझ लिया है क्या इस बात को – कॉन लड़का है, क्या करता , है, माँ-बाप….परिवार में कॉन कॉन और कहाँ, शादी के फोटोस वगेरा वगेरह हज़ारों सवाल उठेंगे….क्या जवाब दोगि.
सोनल :बिल्कुल सही जवाब दूँगी…बस इतना झूठ होगा कि लड़का यूके में सेटल्ड है.
लड़के का नाम : सुनील कमरा ( समर की कास्ट कमरा)
लड़के का बाप : समर कमरा (एक्सपाइर्ड)
लड़के की माँ : यहाँ सोनल सोच में पड़ गयी – फिर बोली – अभी मिल ही नही पाई – बस फट माँगनी पट शादी हो गयी --- वी लाइक्ड ईच अदर सो मच.
बाकी रिश्तेदार : पूछा ही नही उनके बारे में --- जब मिलेंगे पता चल जाएगा
लड़का अपने दोस्तो के साथ मालदीव घूमने आया हुआ था….. बस आँख लड़ गयी हम दोनो की और कुछ दिन की रोज मिलने लगे और वहीं शादी कर डाली – लड़का भी बहुत
अच्छा डॉक्टर है.
कल इनके साथ कुछ फोटो खिच्वाउन्गी ---जिसमे ये नकली दाढ़ी लगा लेंगे….बालों में कलर कर लेंगे और हेर स्टाइल चेंज कर लेंगे.