hotaks444
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बारिश अपने जोरों पर थी हाईवे के किनारे की घनी झाड़ियों के बीच निर्मला अपनी कार को खड़ी कर दी थी घने पेड़ के नीचे,,,, वह लोग बारिश थमने तक आसरा लिए हुए वहीं रूके रहे। निर्मला क्या सोच रहे थे कि बारिश के रुकते ही वह फिर से शीतल के घर उस की सालगिरह मनाने चली जाएगी लेकिन बारिश का मिजाज देखते हुए ऐसा संभव हो पाना मुश्किल ही लग रहा था। निर्मला ने अपनी कार को ऐसी घनी झाड़ियों के बीच पाक की थी की हाईवे से आते जाते लोगों को भी कार नजर नहीं आती। बरसात की वजह से मौसम में ठंडक का अनुभव होने लगा था निर्मला अपने बेटे की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली।
बेटा अब ऐसी बारिश में हमें तो यहां रुकना ही पड़ेगा लेकिन जैसा मैंने तुझे बोली कि जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है तो हो सकता है कि यहां रुकना हम दोनों के लिए कुछ अच्छा साबित हो जाए।
मम्मी ऐसी कोई बात है नहीं लेकिन आप कह रही हैं तो जरूर मुझे आप पर विश्वास है। (इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को बड़े गौर से देखने लगा जो कि इस समय मुस्कुराते हुए और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।)
ऐसे क्या देख रहा है?
कुछ नहीं मम्मी मैं तो यह देख रहा हूं कि ऐसी मुसीबत की घड़ी मे भी आप मुस्कुराते हुए कितनी खूबसूरत लगती है।
अच्छा मैं तुझे खूबसूरत लगती हूं,,,,( निर्मला अपने बेटे की बात पर मुस्कुराते हुए बोली।)
हां मम्मी तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो।
अब बे वजह तू बातें मत बना,,,,,
नहीं मम्मी सच में अपनी कसम तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो खूबसूरत लगती क्या हो,,,, तुम हो ही बहुत खूबसूरत।
( निर्मला को अपने बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर बहुत अच्छा लग रहा था वह मन ही मन मुस्कुरा भीे रही थी। वहां अपने बेटे की नजर को अच्छे से पहचान रही थी खूबसूरती के पीछे आकर्षण भी था जो कि उससे अपने बेटे की आंखों में साफ नजर आ रहा था कि वहां उसके बदन के प्रति आकर्षित है। लेकिन अभी उसके अंदर झिझक भरी हुई थी। निर्मला को तभी कुछ याद आया हो इस तरह से बोली।)
अच्छा मैं तुझसे एक सवाल पूछी थी लेकिन तूने उसका जवाब नहीं दिया,,,,,
कैसा सवाल मम्मी?
यही कि तेरे दोस्त भी तो गर्लफ्रेंड लड़कियों की बातें करते होंगे तुझ से उन लोगों ने तो तुझे कुछ बताया ही होगा कि प्यार व्यार क्या होता है।
नहीं मम्मी ऐसा कुछ भी नहीं है वह लोग मुझसे ऐसी बातें नहीं करते।
नहीं तू झूठ बोल रहा है ऐसा हो ही नहीं सकता लड़के अक्सर अपने दोस्तों से यह सब बातें जरूर शेयर करते हैं।
( निर्मला अपनी बात पर जोर देते हुए बोली वह अपने बेटे के मुंह से जानना चाहती थी कि प्यार व्यार के बारे में उसके दोस्त क्या बोलते हैं।)
नहीं मम्मी सच कह रहा हूं ऐसी कोई बात नहीं है।
नहीं तू जरुर झूठ बोल रहा है। देख बारिश को देखते हुए हम लोगों को लगता है कि सारी रात यहीं रुकना होगा और एक दूसरे से बातें किए बिना या रात कटने वाली नहीं है। यह तूफानी रात गुजारने के लिए हम दोनों को टाइम पास के लिए बातचीत तो करनी ही होगी अब मैं तुझ से घर गृहस्ती के बारे में बातचीत तो कर नहीं सकती इसलिए ऐसे टॉपिक पर बात करना चाहती हूं जिसमे तुझे भी इंटरेस्ट हो क्योंकि तेरी उम्र भी अब जवान हो रही है ऐसे में तेरा आकर्षण लड़कियों के प्रति जरूर होता होगा।
( अपनी मां की बात सुनकर सुदंर हैरान होते हुए अपनी मां को ही देखे जा रहा था अपने बेटे के चेहरे के भाव को पढ़ते हुए निर्मला बोली।)
देख सुबह मैं जानती हूं कि ऐसी बातें करना ठीक नहीं है लेकिन मैं तेरी मां हूं और तुझे सही उम्र में सही बातों की जानकारी देना मेरा फर्ज बनता है और साथ ही में तो एक टीचर भी हूं इसके लिए तेरे हर सवालों का सही जवाब देना मेरा फर्ज बनता है और मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तेरी उम्र के लड़के अक्सर अपने दोस्तों से लड़कियों के बारे में अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में जरूर बात करते हैं इसलिए मुझसे तू झूठ मत बोल,,,,।
( निर्मला शुभम पर अपनी बातों का दबाव बराबर बनाई हुई थी,, और निर्मला के सवालों से शुभम का छटक पाना था। उसके लिए भी जवाब देना जरूरी होता जा रहा था वह थोड़ा सोचने लगा और फिर सोचता हुआ देखकर निर्मला फिर बोली।)
देख शुभम तू घबरा मत आज की रात तू दिल खोल कर जो तेरे मन में है सब कुछ मुझे बोल डाल क्योंकि जिस माहौल में हम दोनों फंसे हुए हैं ऐसे माहौल में अगर एक प्रेमी और प्रेमिका फंस जाते हैं और उन्हें इस तरह का एकांत मिल जाता है तो उनके लिए तो यह जन्नत के बराबर हो जाता है।
और शायद तो यह नहीं जानता की जिन लड़की लड़कियों को आपस में प्यार हो जाता है वह अक्सर ऐसे ही एकांत माहौल को ढूंढते रहते हैं।( शुभम अपनी मां की बात बड़े गौर से सुन रहा था और उसे अपनी मां की यह सब बातें बड़ी अजीब भी लग रही थी।) अच्छा तो मुझे एक बात सच सच बताना क्या तूने कभी किसी लड़की से प्यार किया है या तुझे किसी लड़की से प्यार हुआ है।
नहीं मम्मी ऐसा कुछ भी नहीं है।
बेटा अब ऐसी बारिश में हमें तो यहां रुकना ही पड़ेगा लेकिन जैसा मैंने तुझे बोली कि जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है तो हो सकता है कि यहां रुकना हम दोनों के लिए कुछ अच्छा साबित हो जाए।
मम्मी ऐसी कोई बात है नहीं लेकिन आप कह रही हैं तो जरूर मुझे आप पर विश्वास है। (इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को बड़े गौर से देखने लगा जो कि इस समय मुस्कुराते हुए और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।)
ऐसे क्या देख रहा है?
कुछ नहीं मम्मी मैं तो यह देख रहा हूं कि ऐसी मुसीबत की घड़ी मे भी आप मुस्कुराते हुए कितनी खूबसूरत लगती है।
अच्छा मैं तुझे खूबसूरत लगती हूं,,,,( निर्मला अपने बेटे की बात पर मुस्कुराते हुए बोली।)
हां मम्मी तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो।
अब बे वजह तू बातें मत बना,,,,,
नहीं मम्मी सच में अपनी कसम तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो खूबसूरत लगती क्या हो,,,, तुम हो ही बहुत खूबसूरत।
( निर्मला को अपने बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर बहुत अच्छा लग रहा था वह मन ही मन मुस्कुरा भीे रही थी। वहां अपने बेटे की नजर को अच्छे से पहचान रही थी खूबसूरती के पीछे आकर्षण भी था जो कि उससे अपने बेटे की आंखों में साफ नजर आ रहा था कि वहां उसके बदन के प्रति आकर्षित है। लेकिन अभी उसके अंदर झिझक भरी हुई थी। निर्मला को तभी कुछ याद आया हो इस तरह से बोली।)
अच्छा मैं तुझसे एक सवाल पूछी थी लेकिन तूने उसका जवाब नहीं दिया,,,,,
कैसा सवाल मम्मी?
यही कि तेरे दोस्त भी तो गर्लफ्रेंड लड़कियों की बातें करते होंगे तुझ से उन लोगों ने तो तुझे कुछ बताया ही होगा कि प्यार व्यार क्या होता है।
नहीं मम्मी ऐसा कुछ भी नहीं है वह लोग मुझसे ऐसी बातें नहीं करते।
नहीं तू झूठ बोल रहा है ऐसा हो ही नहीं सकता लड़के अक्सर अपने दोस्तों से यह सब बातें जरूर शेयर करते हैं।
( निर्मला अपनी बात पर जोर देते हुए बोली वह अपने बेटे के मुंह से जानना चाहती थी कि प्यार व्यार के बारे में उसके दोस्त क्या बोलते हैं।)
नहीं मम्मी सच कह रहा हूं ऐसी कोई बात नहीं है।
नहीं तू जरुर झूठ बोल रहा है। देख बारिश को देखते हुए हम लोगों को लगता है कि सारी रात यहीं रुकना होगा और एक दूसरे से बातें किए बिना या रात कटने वाली नहीं है। यह तूफानी रात गुजारने के लिए हम दोनों को टाइम पास के लिए बातचीत तो करनी ही होगी अब मैं तुझ से घर गृहस्ती के बारे में बातचीत तो कर नहीं सकती इसलिए ऐसे टॉपिक पर बात करना चाहती हूं जिसमे तुझे भी इंटरेस्ट हो क्योंकि तेरी उम्र भी अब जवान हो रही है ऐसे में तेरा आकर्षण लड़कियों के प्रति जरूर होता होगा।
( अपनी मां की बात सुनकर सुदंर हैरान होते हुए अपनी मां को ही देखे जा रहा था अपने बेटे के चेहरे के भाव को पढ़ते हुए निर्मला बोली।)
देख सुबह मैं जानती हूं कि ऐसी बातें करना ठीक नहीं है लेकिन मैं तेरी मां हूं और तुझे सही उम्र में सही बातों की जानकारी देना मेरा फर्ज बनता है और साथ ही में तो एक टीचर भी हूं इसके लिए तेरे हर सवालों का सही जवाब देना मेरा फर्ज बनता है और मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तेरी उम्र के लड़के अक्सर अपने दोस्तों से लड़कियों के बारे में अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में जरूर बात करते हैं इसलिए मुझसे तू झूठ मत बोल,,,,।
( निर्मला शुभम पर अपनी बातों का दबाव बराबर बनाई हुई थी,, और निर्मला के सवालों से शुभम का छटक पाना था। उसके लिए भी जवाब देना जरूरी होता जा रहा था वह थोड़ा सोचने लगा और फिर सोचता हुआ देखकर निर्मला फिर बोली।)
देख शुभम तू घबरा मत आज की रात तू दिल खोल कर जो तेरे मन में है सब कुछ मुझे बोल डाल क्योंकि जिस माहौल में हम दोनों फंसे हुए हैं ऐसे माहौल में अगर एक प्रेमी और प्रेमिका फंस जाते हैं और उन्हें इस तरह का एकांत मिल जाता है तो उनके लिए तो यह जन्नत के बराबर हो जाता है।
और शायद तो यह नहीं जानता की जिन लड़की लड़कियों को आपस में प्यार हो जाता है वह अक्सर ऐसे ही एकांत माहौल को ढूंढते रहते हैं।( शुभम अपनी मां की बात बड़े गौर से सुन रहा था और उसे अपनी मां की यह सब बातें बड़ी अजीब भी लग रही थी।) अच्छा तो मुझे एक बात सच सच बताना क्या तूने कभी किसी लड़की से प्यार किया है या तुझे किसी लड़की से प्यार हुआ है।
नहीं मम्मी ऐसा कुछ भी नहीं है।