hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
"डॉली.. डॉली.. तू ठीक है" मैने डॉली को कंधों से झटकते हुए कहा
"नहीं .... पर....
डॉली ख़तम भी नहीं कर पाई अपनी बात के मैने उसे बीच में काट दिया
"पर क्या डॉली.. तुझे सबूत चाहिए, ये देख..."
ये कहके मैने उसके हाथ में लिबीडो कॅप्सुल्स पकड़ा दिए...
"ये क्या है, कल मुझे तेरी पर्स से मिले थे... क्यूँ कि जैसा तू कल मेरे साथ बर्ताव कर रही थी मुझे लगा तूने कुछ ग़लत कदम उठाया है" मैने उसे चिल्लाके
कहा
ये देख डॉली के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गयी हो.... वो अपना सर पकड़ के रोने लगी.. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो ऐसा कुछ कर सकती है..
"...उहूहहह, प्लीज़ किसी को मत बोलना, उम्म्म्ममममोहोोहोहोोहो नूऊऊऊऊऊओ.... ये मैने क्या कर दिया... ओूहो मम्मी" कहते
कहते डॉली फुट फुट के रोने लगी.. उसकी आँखों से आँसू "टॅप टप टप टप" करके बह रहे थे
ये सीन देख के मुझे बहुत खुशी हुई.. जिन लोगों ने मुझे और मेरे मा बाप को नुकसान पहुँचाने का सोचा था, आज उनमे से एक मेरे आगे अपने पेर के बल बैठके ज़मीन पे रोए जा रही थी...
मुझे जब लगा कि ये बहुत रो रही है, लोग देख रहे हैं तो मैने उसे उठाने का प्रयत्न किया... जैसे ही मैं नीचे झुक रहा था तभी स्मस आया...
डॉली को छोड़ फिलहाल मैने स्मस देखा
"खबरदार.. उसे रोने दो समझे.." पायल का स्मस था..
मैं उसका स्मस पढ़ के इधर उधर देखने लगा बट वो मुझे कहीं दिखी नहीं... तुरंत उसका कॉल आया..
"हेलो... कहाँ है"
पायल:- कहीं भी... पर उसे रोने दो, ज़्यादा दयावान बनने की ज़रूरत नहीं समझे
मैं:- पर तू है कहाँ...
पायल:- कॉफी शॉप के उपर नाइकी का शोरुम है, उधर एंट्री गेट पे देखो.. इधर उधर देख रहे हो, उपर भी देख लेते.. आप कच्चे खिलाड़ी साबित हो रहे हो भैया हहहे हाहाहा..
मैने उसे देखा तो दूर से भी वो एक दम अप्सरा की तरह लग रही थी.. फिलहाल उसे छोड़ के मैने फोन कट किया
मैं:- डॉली प्लीज़ उठ जा अब.. प्लीज़ मेरी बहेन है ना प्यारी वाली
शायद मैने बहुत देर कर दी थी.. जब मैने ये कहा तब तक डॉली उठ भी चुकी थी और अब चुप हो गयी थी, रोना उसका बंद हो गया था
डॉली:- प्लीज़ किसी को मत बोलना ये बात आइ रिक्वेस्ट यू... कहे तो मैं तुझसे भीख भी माँगूँ इस बात की..... ये कहके उसने अपने हाथ फोल्ड करके मुझसे बिनती करने लगी....
"अरे प्लीज़ ऐसा मत बोल डियर... ये बात में कुछ है किसी को बोलने जैसा... तू हमारे घर की इज़्ज़त है, तेरा ध्यान हम ही रखेंगे ना" मैने उसके हाथ पकड़ते हुए कहा और उसे हग करके उसके फोर्हेड पे किस किया..
ये देखके डॉली को बहुत अच्छा लगा.. करीब 5 मिनट तक उसने मुझे छोड़ा नहीं, तब तक मैं पायल को देख रहा था जो मुझे उपर से बस अपना पंजा दिखा के मारने का इशारा कर रही थी...
"चल छोड़ अब डॉली ये सब... अब सुन, आराम से घर जा और वादा कर मुझे के आगे से ऐसा कुछ नहीं लेगी तू" मैने डॉली को अलग करते हुए कहा
डॉली:- बिल्कुल नहीं... थॅंक यू के तुमने मुझे माफ़ किया....
मैं:- चल अब घर जा... हम साथ में आएँगे तो फिर कोई सवाल ना हो घर से... ओके ना
डॉली सिर्फ़ हल्का सा मुस्कुरा के वहाँ से निकल गयी.... जैसे ही वो निकली, मैने उपर देखा तो पायल भी नहीं खड़ी थी उपर.. मैं इधर उधर देखने लगा पर वो कहीं नहीं दिखी.. मैने जैसे ही उसे कॉल करने के लिए फोन निकाला तब पीछे से.
"मैने कहा था ना आप कच्चे खिलाड़ी हो" पायल ने आवाज़ देते हुए कहा
मैं पीछे पलटा और उसे देखने लगा...
"क्यूँ.." मैने पूछा..
पायल:- मुझे ढूँढने के लिए इधर उधर, उपर देख लिया... पीछे भी देखना पड़ता है, भूल गये क्या... और अपने दुश्मनो से बड़ा गले मिल रहे हो
मैं:- अरे ऐसा नहीं है यार, हुआ ऐसा कि..
"ओफफो अब रहने दो.... आप अपनी बहेन के साथ लगे रहो, मुझे क्या फरक पड़ता है, मैं हूँ ही कौन आपकी"
ये कहके पायल वहाँ से जाने लगी.. मैने उसका हाथ पकड़ के उसे अपनी बाहों से सटा लिया.. उसके कान के पास अपने होंठों को ले गया...
पायल की साँसें बहुत तेज़ चल रही थी...उसकी धड़कन मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी.. इतना शोर होने के बावजूद मैं उसमे कहीं खो सा गया था...
"नहीं .... पर....
डॉली ख़तम भी नहीं कर पाई अपनी बात के मैने उसे बीच में काट दिया
"पर क्या डॉली.. तुझे सबूत चाहिए, ये देख..."
ये कहके मैने उसके हाथ में लिबीडो कॅप्सुल्स पकड़ा दिए...
"ये क्या है, कल मुझे तेरी पर्स से मिले थे... क्यूँ कि जैसा तू कल मेरे साथ बर्ताव कर रही थी मुझे लगा तूने कुछ ग़लत कदम उठाया है" मैने उसे चिल्लाके
कहा
ये देख डॉली के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गयी हो.... वो अपना सर पकड़ के रोने लगी.. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो ऐसा कुछ कर सकती है..
"...उहूहहह, प्लीज़ किसी को मत बोलना, उम्म्म्ममममोहोोहोहोोहो नूऊऊऊऊऊओ.... ये मैने क्या कर दिया... ओूहो मम्मी" कहते
कहते डॉली फुट फुट के रोने लगी.. उसकी आँखों से आँसू "टॅप टप टप टप" करके बह रहे थे
ये सीन देख के मुझे बहुत खुशी हुई.. जिन लोगों ने मुझे और मेरे मा बाप को नुकसान पहुँचाने का सोचा था, आज उनमे से एक मेरे आगे अपने पेर के बल बैठके ज़मीन पे रोए जा रही थी...
मुझे जब लगा कि ये बहुत रो रही है, लोग देख रहे हैं तो मैने उसे उठाने का प्रयत्न किया... जैसे ही मैं नीचे झुक रहा था तभी स्मस आया...
डॉली को छोड़ फिलहाल मैने स्मस देखा
"खबरदार.. उसे रोने दो समझे.." पायल का स्मस था..
मैं उसका स्मस पढ़ के इधर उधर देखने लगा बट वो मुझे कहीं दिखी नहीं... तुरंत उसका कॉल आया..
"हेलो... कहाँ है"
पायल:- कहीं भी... पर उसे रोने दो, ज़्यादा दयावान बनने की ज़रूरत नहीं समझे
मैं:- पर तू है कहाँ...
पायल:- कॉफी शॉप के उपर नाइकी का शोरुम है, उधर एंट्री गेट पे देखो.. इधर उधर देख रहे हो, उपर भी देख लेते.. आप कच्चे खिलाड़ी साबित हो रहे हो भैया हहहे हाहाहा..
मैने उसे देखा तो दूर से भी वो एक दम अप्सरा की तरह लग रही थी.. फिलहाल उसे छोड़ के मैने फोन कट किया
मैं:- डॉली प्लीज़ उठ जा अब.. प्लीज़ मेरी बहेन है ना प्यारी वाली
शायद मैने बहुत देर कर दी थी.. जब मैने ये कहा तब तक डॉली उठ भी चुकी थी और अब चुप हो गयी थी, रोना उसका बंद हो गया था
डॉली:- प्लीज़ किसी को मत बोलना ये बात आइ रिक्वेस्ट यू... कहे तो मैं तुझसे भीख भी माँगूँ इस बात की..... ये कहके उसने अपने हाथ फोल्ड करके मुझसे बिनती करने लगी....
"अरे प्लीज़ ऐसा मत बोल डियर... ये बात में कुछ है किसी को बोलने जैसा... तू हमारे घर की इज़्ज़त है, तेरा ध्यान हम ही रखेंगे ना" मैने उसके हाथ पकड़ते हुए कहा और उसे हग करके उसके फोर्हेड पे किस किया..
ये देखके डॉली को बहुत अच्छा लगा.. करीब 5 मिनट तक उसने मुझे छोड़ा नहीं, तब तक मैं पायल को देख रहा था जो मुझे उपर से बस अपना पंजा दिखा के मारने का इशारा कर रही थी...
"चल छोड़ अब डॉली ये सब... अब सुन, आराम से घर जा और वादा कर मुझे के आगे से ऐसा कुछ नहीं लेगी तू" मैने डॉली को अलग करते हुए कहा
डॉली:- बिल्कुल नहीं... थॅंक यू के तुमने मुझे माफ़ किया....
मैं:- चल अब घर जा... हम साथ में आएँगे तो फिर कोई सवाल ना हो घर से... ओके ना
डॉली सिर्फ़ हल्का सा मुस्कुरा के वहाँ से निकल गयी.... जैसे ही वो निकली, मैने उपर देखा तो पायल भी नहीं खड़ी थी उपर.. मैं इधर उधर देखने लगा पर वो कहीं नहीं दिखी.. मैने जैसे ही उसे कॉल करने के लिए फोन निकाला तब पीछे से.
"मैने कहा था ना आप कच्चे खिलाड़ी हो" पायल ने आवाज़ देते हुए कहा
मैं पीछे पलटा और उसे देखने लगा...
"क्यूँ.." मैने पूछा..
पायल:- मुझे ढूँढने के लिए इधर उधर, उपर देख लिया... पीछे भी देखना पड़ता है, भूल गये क्या... और अपने दुश्मनो से बड़ा गले मिल रहे हो
मैं:- अरे ऐसा नहीं है यार, हुआ ऐसा कि..
"ओफफो अब रहने दो.... आप अपनी बहेन के साथ लगे रहो, मुझे क्या फरक पड़ता है, मैं हूँ ही कौन आपकी"
ये कहके पायल वहाँ से जाने लगी.. मैने उसका हाथ पकड़ के उसे अपनी बाहों से सटा लिया.. उसके कान के पास अपने होंठों को ले गया...
पायल की साँसें बहुत तेज़ चल रही थी...उसकी धड़कन मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी.. इतना शोर होने के बावजूद मैं उसमे कहीं खो सा गया था...