Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें - Page 10 - SexBaba
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Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें

मूवी देखते देखते मेरी चूत रगड़ने की स्पीड बढ़ गयी और मैं एक हाथ से चूत रगड़ने के दूसरे हाथ से अपने चुचियों को मसल्ने लगी



देखते देखते मैं एक दम नंगी हो गयी... मूवी साइड में करके अपने पेर फेला दिए और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत के दाने को मसल्ति हुई बोली



"आहहहहाहा मेरे भाई अहहहहहा.. ज़ोर से चोदो ना अपनी बहेन को अहाआहहा मेरे सैयाँ लव यू अहहहहहा, फक मी हार्ड ना अहहहा"



मैं अपनी मस्ती में लगी हुई थी., तभी दरवाज़े के पास मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी, तो डॉली वहाँ सिर्फ़ टॉवेल में खड़ी थी.. ना कुछ बोल रही थी, ना कुछ देख रही थी.. आँखें बंद करके वो भी नीचे अपनी चूत को सहला रहा थी.. और हल्की हल्की सिसकारी भर रही थी



मैं बेड से उठ के उसके पास गयी और उसका हाथ पकड़ के अंदर लाई, इससे उसका ध्यान टूटा और वो मुझसे नज़रें चुरा रही थी


जैसे ही हम बेड पे आए, मैने दरवाज़ा बंद किया और डॉली को देखने लगी




उसका गदराया शरीर, उसके बालों से पानी टपक रहा था, उसके 38 के चुचे, उसकी मूसल जांघे, ऐसा लग रहा थे साउत इंडिया की कोई हेरोयिन है


मैं उसके पास जाके बैठ गयी


"पायल.. मैं" डॉली ने बोलना चाहा, बुत मैने उसके होंठों पे उंगली रख दी..




"ष्ह्ह्ह्ह.. " मैने उसे बोला




मैने तुरंत उसके नरम होंठों को चूसने का कार्य शुरू किया.. उसके होंठों का रस पीक मुझे एक अजीब सी हलचल होने लगी चूत में..


थोड़ी देर बाद डॉली भी मेरा साथ देने लगी और मेरी जीभ को चाटने लगी... मैं उसके नीचे के होंठ को चूसे जा रही थी


"उम्म्म्म अहहहहहा... राइट हियर पायल, येस अहहहहहा... युवर सो हॉट अहाहहाहहाहा उम्म्म्मम" डॉली बोले जा रही थी



किस को तोड़के मैने उसके टवल को उतार दिया और उसको चुचों को मूह में लेने लगी... इतने बड़े चुचे मेरे मूह में समा ही नहीं रहे थे


मैं एक हाथ से उसके निपल को सहला रही थी और दूसरे से उसके चुचे को चूस रही थी...




"आहहाआहः सीईईई उम्म्म्म हाना कर ना और आहाहहाहा हनाणाअना माँ ओा अहहाहा"



मैं उसकी तडप देख के निपल को छोड़ के, दूसरे हाथ से उसकी चूत सहलाने लगी, जो बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी


"अहहहहहाः हान्ना और तेज़ कर ना अहहहहहहा आहाः बेबी, ओह चोद ना मुझे तेरी जीभ से अहाहाहः पायल अहहहहहा, तेरी चूत दे ना अहहा ओहमामममम मर गयी मैं अहहहहहा बहुत मज़ा आ रहा अहैइ अहहाहा"


मैं तुरंत उसके उपर से उठके 69 पोज़िशन में आ गयी और उसकी चूत पे जीभ रख के चाटने लगी



" अहाहहाहा डॉली.. उम्म्म और मज़ा दे ना मेरी बहेन अहाहाहाहा.. ज़ोर से चोद ना अपनी पायल को उम्म्म आहहहहहहा.. मैं सिसकारियाँ भर के बोले जा रही थी...




हम एक दूसरे को चोदे जा रहे थे अपनी जीभ से और बड़बड़ाने लगे


" अहहहहहाहा ह्म अहहहाहा मेरी बहेन आहाहाहा चोद ना पायल अहहहाहा.. हननाना मेरी डॉली अहहहहा चोद तो रही हूँ आ आ आ मज़ा दे ना और अहहहहहहहहः" ऐसी आवाज़ों से पूरे रूम का समा बंद चुका था




मैं झड़ने वाली थी, पर इतना जल्दी झड़ना नहीं चाहती थी, मैने तुरंत डॉली के उपर से उठ के अपने पेर उसके पेर से मिला लिया जिससे हमारी चूत भी मिलने लगी,, और हम एक दूसरे की चूत घिसने लगे.. 


हम एक दूसरे की आँखों में ही देख रहे थे और चूत घिसे जा रहे थे.. आँखों में सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स का नशा., वासना भरी हुई थी हमारी



"अहहहहः इतना मज़ा देती है अहहहः.. भाई के तो आहाहहहा मज़े हैं अहहामांमा"


"ओह्ह्ह्ह हहहाहाहा, तो तू भी आजा ना हमारे साथ फिर अहहहहहहा.. डबल मज़ा मिलेगा तुझे अहहहहाहा मेरी बहेन अहहहवह"



देखते देखते हम करीब 2 मीं में झाड़ गये और पूरी बेडशीट हमारे इस संभोग का सबूत बन चुकी थी...


झड़ने के बाद डॉली को होश ही नहीं रहा और बेड पे ही सो गयी, जैसे मर गयी थी मुझे ऐसा लगा



इतनी सेक्स के बाद मैं बाथरूम जाके फ्रेश हुई, और बाहर आके कपड़े पहने.. डॉली अब तक सो रही थी... मैने उसपे एक नज़र मारी



उसकी वो बाहर निकली हुई गान्ड.. एक दम वेल्वेट जैसी, इतनी मुलायम, उपर से उसकी गान्ड का छेद देख के मुझे फिर से चूत गीली लगने लगी


मैने कंट्रोल किया और जाके भाई को एक मसेज किया



"वन डाउन.. एंजाय !!! " मैने भाई को स्मस कर दिया


स्मस करके मैं डॉली के पास चली गयी.. वो अभी भी नंगी थी और सोई हुई थी.. गहरी नींद तो नहीं थी, बट थकि हुई लग रही थी...


मैं लेज़्बीयन बनती जा रही हूँ क्या. मैने सोचा



फिर मैने अपने सब ख़यालों को झटक के, डॉली के सर पे हाथ घमाया और उसे उठाया


"उठ जा डॉली अब.. कितना सोएगी तू"



"उम्म्म.. तूने आज इतना परेशान किया, तो सोने दे ना थोड़ी देर प्लीज़ " डॉली ने आलस खाते हुए कहा


"चल ना अब, ललिता आ जाएगी तो वो क्या सोचेगी" मैने ज़ोर देते हुए कहा


मेरी बात अनसुनी करके डॉली ने मुझे अपने उपर खींचा और मुझे पकड़ के मेरे कंधों से अपने होंठों को मेरे होंठों से फिर चूसने लगी


"उम्म्म्म...अहहहहहाहा डॉली छोड़ ना अहहहः कोई आना जाए अहहाहा, छोड़ अब" ये कहके मैं उससे दूर हट गयी और डॉली खड़ी हो गयी



" अच्छा, चल अब एक काम करेगी प्लीज़" डॉली ने कहा


मैं:- क्या हुआ बोल


" भाई का लंड दिलवा दे ना यार, कितने दिन हो गये इस चूत में लंड ही नहीं गया... " डॉली ने अपनी चूत मसल्ते हुए कहा


"मैं सोचूँगी बाद में, चल जा पहले तू हुलिया ठीक कर और अपने रूम में जा जल्दी" मैने उसे बाथरूम में धक्का देते हुए कहा



उसके अंदर जाने के बाद मैं अपने होश में आई.. मोबाइल देखा तो भाई का कोई जवाब नहीं था
 
कुछ देर में डॉली बाहर आई टवल लपेट के


"उम्म्म्म... मेरी पायल, प्लीज़ सोचना ना के बारे में... तीनो मिलके मज़ा करेंगे.."



"अच्छा चल ठीक है, मैं जो कहूँगी तू वैसा करेगी, तभी मैं कुछ सोच सकती हूँ इस बारे मैं" मैने कहा


"क्या करना है, मेरे बस में होगा तो करूँगी पक्का" डॉली ने भीख माँगते हुए कहा


मैं:- वो मैं तुझे बाद में बताऊँगी, अब चल पहले तू जल्दी निकल नहीं तो ललिता को शक ना हो



जैसे तैसे करके डॉली गयी और मैं वहीं बैठे बैठे कुछ सोचने लगी.. इतने में भाई का स्मस आया


भाई:- क्या कह रही है, और तू क्या करने में लगी हुई है, मुझे बताएगी के नहीं



मैने तुरंत भाई को कॉल किया


मैं:- हेलो स्वीटी पिए, क्या कर रहे हो


भाई:- दिमाग़ लगा रहा हूँ, पर काम में नहीं, तेरी बातों को समझने में, 


मैं:- ओफफो भाई.. अच्छा आज ज़्यादा काम मत करना.. रात को मैं आपकी थकान बढ़ाने वाली हूँ



इससे पहले भाई कुछ और बोलते मैने फोन कट कर दिया और डॉली के पास जाने लगी



जैसे ही मैं उनके पास पहुँचने वाली थी, तभी


"तू देखना छोटी... पायल को लगता है मैं फँस रही हूँ, अच्छा हुआ मम्मी ने बता दिया मुझे के पायल को हमारे प्लान के बारे में पता चल गया है...नहीं तो आज मैं कहीं लंड लेने के चक्कर में उसे वादा नहीं कर देती"


ललिता:- थोड़ा संभाल के दीदी... आज जब रात को चुदाई करोगे तुम तीनो, मैं आके आपको पकड़ लूँगी और फिर हम पायल को ब्लॅकमेल करके उसे इसमे से निकाल देंगे.. रही उस की बात, वो आगे देखेंगे, 


इतना सुनके मैं वापस नीचे मूड गयी और अपने कमरे में जाने लगी.. मैने तुरंत जाके भाई को स्मस किया


मैं:- रात को जल्दी निकलना और सीधे होटेल ****** में आना, रूम नंबर विल मसेज यू लेटर


भाई:- तेरे इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे... ओके डन, मैं 11 बजे पहुँचुँगा




मैने टाइम देखा तो शाम के 4 बज रहे थे.. मैं थोड़ी देर सोने लगी, पर नींद मीलों दूर थी...



मैने डॉली को स्मस किया



मैं:- शाम को घूमने चलें.. कपड़े भी लेंगे और कुछ बातें भी करनी है तेरे साथ


डॉली:- बाहर क्यूँ, यहीं कर ना, ललिता को छोड़ के कैसे चलूंगी


मैं:- जब मामी आएगी तब चलना ना, कुछ चाहिए तो कुछ तो मेरी माननी पड़ेगी ना तुझे


डॉली:- ओके... 




मैने फिर अपने एक्स बॉय फ्रेंड विकी को कॉल किया


विकी:- हाई पायल, इतने दिनो बाद वो भी अपने एक्स बाय्फ्रेंड को ? क्या बात है


पायल:- एक काम करोगे मेरा, प्लीज़


विकी:- बोल ना यार, तेरे लिए तो मैं 24 घंटे हाज़िर हूँ



मैने उसे सब बता दिया...



विकी:- ओह!! कुछ बड़ा प्लान कर रही है तू. चल ठीक है, दो मिनट में तुझे स्मस करता हूँ 


पायल:- ओके... बाइ



10 मीं बाद विकी का स्मस आया



विकी:- रूम नंबर 1082.. जो चीज़ चाहिए सब रेडी करवा दूँगा..


मैं:- ओके, बाय नाउ, कल बात करते हैं




मैने रूम नंबर भाई को स्मस कर दिया और भाई ने भी ओके दे दिया



मैं रात की तैयारी करने लगी.. मेरे कुछ कपड़े जिसमे शॉर्ट्स और सेक्सी लाइनाये थी, वो गाड़ी में रख दी, ताकि मामी ना देख पाए


मैं तुरंत गाड़ी लेके बाहर चली गयी और कुछ खरीदी करके वापस घर पे आई, और सामान सब गाड़ी में ही पड़ा था



जब मैं आई, तुरंत 10 मीं में मेरे पीछे मामी भी आ गयी
 
हम बातें करने बैठ गये और मैने सब समान अरेंज करने में मामी को मदद भी की... धीरे धीरे सूरज ढलने लगा, शाम के करीब 7 बजे मैने डॉली को स्मस किया



मैं:- चलें, इससे ज़्यादा देर तुम्हारे लिए अच्छी बात नहीं है 


डॉली:- ओके चल.. तू पहुँच मैं आती हूँ गाड़ी में



मैं गाड़ी में जाके बैठ गयी और 2 मीं में डॉली गाड़ी में आके बैठ गयी


डॉली:- क्या हुआ इतना अर्जेंट में, 


मैं:- वो सब छोड़, अपनी मोम को क्या कहा के कहाँ जा रहे हैं


डॉली:- मैने कुछ कहा नहीं किसी को, हम जल्दी आ जाएँगे ना तो कोई दिक्कत नहीं होगी



मैने बिना कुछ बोले गाड़ी आगे ले ली.. थोड़ा आगे जाके मैने मामी को कॉल किया


शन्नो मामी:- हां पायल, बोलो


मैं:- मामी, मैं और डॉली बाहर जा रहे हैं, मेरी फ्रेंड के घर पे एक फंक्षन है, मैं अकेली बोर हो जाउन्गि तो डॉली भी चल रही है हम शायद रात को वहीं रुकें


शन्नो मामी:- क्या बकवास है, डॉली को फोन दो


डॉली:- हां मोम... नहीं, मैने नहीं कहा कुछ ऐसा.. हां बट .. हां ठीक है पर... पर सुनो तो.. ओके!!!!



फोन कट करके 


डॉली:- पायल ये क्या है, दोपहर को कुछ और, रात को कुछ और, तुम्हे क्या प्राब्लम है मुझसे


मैं:- कोई प्राब्लम नहीं है स्वीट हार्ट.. तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है


डॉली:- क्या..


मैं:- रात को तुझे और मुझे साथ में चोदने के प्लान बना रहा है 


ये सुनके डॉली ने कुछ रिक्ट नहीं किया.. शायद वो ये सोच रही थी कि घर में रहती तो ललिता ने जो सोचा था वो होगा, बट यहाँ पे सब उल्टा हो गया


कुछ सेकेंड्स बाद



डॉली:- तुझे खुद राज ने कहा ये


पायल:- नहीं... आज हमारा प्लान था होटेल में चुदाई करने का, पर तू भाई के लिए सर्प्राइज़ है मेरी तरफ से, समझी 


"अगर तुझे कोई प्राब्लम है तो वापस चलते हैं.. फिर मुझसे मत बोलना के मैने तेरा एक काम भी नहीं किया" मैने जान बुझ के ये ज़ोर डाला


करीब 10 मीं तक हम आगे चलते रहे.. इतनी देर में एक शब्द भी बातचीत नहीं हुई हमारे बीच में




डॉली ने अपना फोन उठा के किसी को कॉल मिलाया
 
"हां मोम, प्लीज़ मैं आज पायल के फ्रेंड के घर ही रहती हूँ ना, प्लीज़ मोम.. हां , नहीं पायल ने बताया था पहले पर दिमाग़ से निकल गया..
हां, अब कहा ना आपको, बाइ, मैं वहीं रहूंगी, आपको जो करना है कल सुबह कर लेना ओके!!!"



गुस्से में डॉली ने फोन रख दिया और मुझे देखने लगी



" आइ लव यू पायल.. थॅंक यू वेरी मच डार्लिंग" ये कहके डॉली मेरे पास आई और धीरे से मेरे होंठ को काट खाया


गाड़ी चलाते चलाते मैने कुछ रिक्ट नहीं किया और सिर्फ़ स्माइल दे दी उसको



करीब एक घंटे बाद, यानी 8.30 बजे हम होटेल में पहुँच गये


"वाउ!!!! ये तो बहुत शानदार जगह है.... मानना पड़ेगा भाई की चाय्स को" डॉली ने कहा


मैं:- ह्म्म्मह.. हम दोनो भी तो उन्ही की चाय्स हैं, मैने हंस के कहा



हम रिसेप्षन पे पहुँचे और हमारे रूम की चाबी ले ली..


मैं:- डॉली तू रूम में पहुँच मैं आती हूँ, गाड़ी में कुछ रह गया है


ओक.. बोलके डॉली लिफ्ट में रूम के पास जाने लगी




मैं जल्दी गाड़ी में गयी और विकी को कॉल किया



मैं:- विकी, सब सेट है ?


विकी:- जैसा तूने कहा सब सेट है, अगर कुछ और चाहिए तो वेटर है एक नारायण नाम का, उसको 1000 का नोट पकड़ा देना, और मेरे नाम से काम करवा लेना


मैं:- विकी योउ आर सच आ डार्लिंग... बाय, 





मैं समान लेके होटेल के अंदर गयी और बेल बॉय को रूम में ले चलने का इशारा किया


जैसे ही हम रूम में पहुँचे, मैने 100 को नोट देके बेल बॉय को अलविदा किया और रूम के अंदर गयी


हमारा रूम देख के डॉली तो मानो पागल सी हो गयी थी



डॉली:- वाह पायल... मतलब क्या प्लान है.. इतना सेक्सी सेटप मैने आज तक नहीं देखा


मैने बिना कुछ बोले उसके सामने अपना शॉपिंग बॅग उल्टा किया और सामान देख के डॉली शरमाने लगी


ये सब क्या है... कपड़े पहन के चोदेगा या उतार के, डॉली हंस के कहने लगी.. 


उसके सामने उसके और मेरे सेक्सीयेस्ट ब्रा पैंटी थी, कुछ शॉर्ट्स,और नाइटीस पड़ी थी



मैं:- डॉली डार्लिंग, अभी तक सिर्फ़ 9 बजे हैं, तब तक तू ये ट्राइ कर ले, तेरे लिए मैं लाई हूँ न्यू


डॉली:- तू क्यूँ लाई, मैं घर से ले लेती बोलती तो


मैं:- ना... आज की नाइट सबसे सेक्सी तुझे लगना है मेरी जान, चल अब तू मुझे दिखा पहन के


ये सुनके डॉली ने अपने कपड़े उठाए और बाथरूम में जाने लगी



उसके जाते ही मैने भाई को स्मस किया


मैं:- ऑन टाइम ना आज ?


भाई:- यस, 11 बजे फिक्स आ जाउन्गा





मैने फोन साइड में रख दिया और उसी वक़्त डॉली सामने मेरे आई





मैं उसे देखती ही रह गयी.. उसके वो चुचे उभर के बाहर आ रहे थे... उसकी कमर देख के मेरा कंट्रोल ही टूट गया. जैसे ही वो पलटी,
उफ़!!! उसकी गान्ड तबाही मचा रही थी
 
मैं तुरंत जाके उससे पीछे चिपक गयी


"उम्म्म्मम... अभी जब तक आएगा, तब तक तू सिर्फ़ मेरी है डॉली रानी"

डॉली को ऐसे रूप में देख के मुझसे रहा नहीं गया... पिछले कुछ वक़्त से पता नहीं क्यूँ मैं लड़कियों की तरफ कुछ ज़्यादा ही खींची चली जा रही थी

मैं डॉली के पीछे जाके उससे लिपट गयी और उसके चुतडो पे हाथ घुमाते हुए बोली

"उम्म्म्म...... अब जब तक नहीं आता, तब तक तू सिर्फ़ मेरी है डॉली रानी"

"ओह्ह्ह्ह अहहहामम्म... मैं तो हमेशा ही तेरी हूँ मेरी पायल डार्लिंग... तू ही मुझसे झगड़ा करती थी.. अहहहहहहा, शुरू से ही तेरे चुचे और तेरे गोल चूतड़ मुझे तेरी तरफ आकर्षित करते थे.. आआहहहा सीईईईई उम्म्म्मममम"

मैं एक दम से उसे मेरी तरफ घूम कर उसके होंठ चूसने लगी और उसके गोल चुचे ब्रा के उपर से ही सहलाने लगी

" अहहहहहाहहा क्या रस है अहाहाहः डॉली तेरा, उम्म्म्मम मेरी प्यास बुझा दे मेरी रानी अहहहहहहः......"

"उहह पी ले ना मेरी बहना अहहहहा, तेरे लिए ही हैं मेरे ये होंठ अहहहहहा सीसीईईईई.. यॅ अहहहा , "

करीब 5 मिनट किस करते करते.. मैं उससे अलग हुई

"वेट हनी... मैं भी तो तैयार होके आउ, मुझे भी तो तेरे जैसा सेक्सी दिखना है ना मेरी जान"

डॉली:- ओमम्म्म... जल्दी जा ना, और जल्दी आ.. अब ये आग तू ही भुजाएगी

मैं गान्ड हिलाती अंदर चली गयी और अपने लिए जो सेक्सी लाइनाये लाई थी वो पहन ली.. खुद को बाथरूम के आईने में देख के मेरी वासना बढ़ गयी और मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी.. 




मैं चूत में उंगली करने में व्यस्त हो गई


"उम्म्म्मम अहहहहहा.. सीसीसीसीीससी अहहहहहः फक मी अहहहहहहा ओह"

दरवाज़ा नॉक होने की आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा...


"पायल.... वेटिंग हनी, जल्दी करना, और कितना तडपाएगी"


मैं ये सुनके बाहर गयी और डॉली ने मुझे देखते ही कहा

"ओह्ह्ह्ह... आज तो तू पानी में भी आग लगा सकती है मेरी जान.. आआहहहा"


ये कहके डॉली ने मुझे गले लगा लिया और अपने चुचों को मेरे चुचों से रगड़ने लगी... हम एक दूसरे में मदहोश हो गये थे... मुझे कोई फरक नहीं पड़
रहा था के मैं लेज़्बीयन आक्ट में इन्वॉल्व हो रही हूँ.. मैं बस उस वक़्त सब कुछ भूल के डॉली के साथ वासना की आग में जल जाना चाहती थी..


"ओह्ह्ह अहहहहहाहा.... उम्म्म और करना मेरी रानी अहहाहहः डॉली अहहहाहा यस, अहहहहा, लव यू आहाहहाहा यू आर सो हॉट नेःना अहाहहाहहाहाहा" मैं मदहोश 
होके बकती हुई चली गयी...
 
"नॉक नॉक..." हमारा ध्यान दरवाज़े पे गया


"ह.. ये बेहेन्चोद कौन आ गया अब" डॉली ने चिढ़ते हुए कहा


मैं:- रुक मैं देखती हूँ...

मैने जल्दी से अपना रोब उठाया और दरवाज़ा खोलके देखा तो सामने वेटर खड़ा था


मैं:- यस...

वेटर:- उः माँ, आपको कुछ चाहिए

मैं:- नो.. अब डिस्टर्ब मत करना प्लीज़..

ये कहके मैं दरवाज़ा बंद कर रही थी..

वेटर:- मॅम मॅम.. 2 मिन्स प्लीज़... मुझे विकी साहब ने भेजा है.. आपको कुछ चाहिए तो, वेटर ने अपने यूनिफॉर्म पे उसका नामे बॅड्ज दिखाया जिसपे सुनहेरे अक्षरों से लिखा था "नारायण"


शिट!!! मैने खुद से कहा, मैं भूल ही गयी थी के मैं यहाँ किस वजह से आई हूँ..


मैं:- ओह सॉरी... रुकिये मैं अभी आई

ये कहके मैं अंदर चली गयी.. मुझे वापस आते देख

डॉली:- अरे कौन था, और दरवाज़ा तो बंद कर ले

मैं:- वेट मेरी रानी... इस रात को थोड़ा यादगार बनाना चाहती हूँ मैं तेरे लिए 


ये कहके मैने अपने पर्स से 5000 रुपये निकाले और वापस आई..


मैं:- लीजिए, ये 1000 आपके लिए, बाकी के पैसों से एक विस्की की बॉटल लाइए "100 पाइपर्स", बेनसन आंड हेड्जस का सिगरेट पॅक लाइए और बचे हुए पैसे आप रखिए आप का काम मुझे फिर से पड़ेगा


वेटर:- थॅंक यू वेरी मच मॅम... आप मुझे कॉल कीजिएगा, मेरा नंबर लिखिए.. 


मैने उसका नंबर लिया और उसे थॅंक्स कहके दरवाज़ा बंद कर लिया...

"थॅंक गॉड ये आ गया नहीं तो मैं तो भूल ही गयी थी के मैं यहाँ क्यूँ आई हूँ" मैं सोचती हुई अंदर गयी, 

सामने डॉली को देखके मेरी चूत फिर से पनियाने लगी... एक दम गोरी.. बिना किसी दाग के उसकी स्किन... उपर से एक दम नंगी थी.. उसकी वो बिना बालों की चूत, उसके वो लाल 
निपल्स वाले चुचे.. जांघें फेला के मेरी आँखों में आँखें डालके अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी...


"आहहहहः पायल... देख ना इसे, इसकी आग भुज ही नहीं रही . अहहःसीसीसिसीसिस" कहके डॉली ने अपनी चूत में उंगली करने की गति को और तेज़ कर लिया





मैं अपने होश खोने लगी.. इस बार हो ही जाए मैने सोचा और मैं भी एक दम नंगी होने लगी..


"अरे रे मेरी रानी रुक जा अहहहहहाहा" कहके डॉली मेरे पास आई और मुझे नंगी करने लगी

"उम्म्म्म.. अहहा मैं हूँ ना तेरे लिए, अहहहाहा तू क्यूँ तकलीफ़ ले रही है अहहहहा... " डॉली ने मेरी ब्रा उतारते हुए कहा

"उम्म्म्ममम अहहहहाहाः यआःहाहाहहहाः" मैं एक दम बूत बनके खड़ी थी और उस पल का मज़ा ले रही थी... वासना कहो या कुछ और, जो भी था, मुझे बहुत
मज़ा आ रहा था....

""अहाहाहा तेरे निपल्स मेरी पायल.. उजम्म्म्मम जी करता है इन्हे ही चुस्ती रहूं जी भर के आहाहहहहाहः"

इतना सुनके मैने उसका मूह अपने निपल्स पे रख दिया और उसे चूसने का खुला आमंत्रण दे दिया
 
अपने होंठ से मेरे एक निपल को डॉली चूसने लगी. दूसरे हाथ से मेरे दूसरे निपल को दबाने लगी, मसल्ने लगी

"आहहहहहः उम्म्म्मम ज़ोर से कर ना मेरी जान आहाहाहहः अहाहहा क्या सक करती है तू मेरी डॉली अहहहहहः" मैने बहेक के बड़बड़ाने लगी

देखते देखते डॉली ने मेरे चुचों को चूसने की स्पीड बढ़ा दी. और मैं सिर्फ़ " आहहहहहहा सीसीसीसिससीसी उम्म्म्ममाहहाहा" बोल पा रही थी


जैसे ही डॉली मेरी पैंटी उतारने नीचे बैठी. उस वक़्त दरवाज़ा नॉक हुआ

"क्या है ये भोसड़ी के को.. डॉली ने गुस्से में कहा


"तू रुक, मैने कुछ मँगवाया था , वो लेके आती हूँ" मैं वहाँ से रोब पहन्के चली गयी


दरवाज़े पे नारायण था


नारायण:- सॉरी तो डिस्टर्ब यू मॅम... ये लीजिए, आपकी विस्की, और सिगरेट

मैं:- थॅंक यू नारायण जी... आप प्लीज़ एक बॉटल विस्की की और लाएँगे.. पैसे मैं आपको दे देती हूँ बाद में प्लीज़

नारायण:- नो प्राब्लम मॅम.. आप विकी बाबू की फ्रेंड हैं, पैसों की कोई प्राब्लम नहीं है

मैं:- थॅंक यू.. बट आप वो बॉटल करीब एक घंटे के बाद, यानी 10.30 को लाईएगा

"ओके मॅम" कहके नारायण वहाँ से निकल गया


मैं विस्की और सिगरेट लेके अंदर चली गयी.. मेरे हाथ में ये सब देख के डॉली बोली


"लगता है आज यहाँ बहुत बड़ी आग लगने वाली है"

"आग लगने के साथ साथ फाइयर एक्स्टिंग्विशर भी आ जाएगा मेरी रानी, ठीक 11 बजे" मैने हंस के कहा


मैने विस्की की बॉटल खोली और डॉली को बेड पे धक्का देते हुए कहा


"अभी मेरी बारी है मेरी जान तुझे मज़ा देने की.. आज की रात तू कभी नहीं भूल पाएगी


ये कहके मैं शराब उसके शरीर पे गिराने लगी..

"उम्म्म्म अहहहहहहाः.. क्या कर रही है अहहहहहहा.. मज़ा आ रहा है अहहहहहहा... ओहहहहा एस अहहहहहहा" डॉली बकने लगी

मैने शराब से उसके चुचों को गीला कर दिया और उसके निपल्स चूसने लगी

"उम्म्म्म.. डॉली तेरे चुचे कितने नशीले हैं अहहहहहा.. क़यामत आ जाएगी आज रात डॉली उहहहहहहाहाः.." 

मैं तेज़ी से उसके निपल्स चूसने लगी.. "उम्म अहहहाहाः सीसीसीससीसिईसी याहहाहहहा तेज़ी सहहहहाहहाहः" डॉली सिसकने लगी





एक निपल छोड़के उसका दूसरा निपल मैने मूह में ले लिया और उसे भी चाट चाट के लाल करने लगी

"ऊअहहहहहह हां यहाँ आहाहहहहः अहहहहाः मम्मी सीसीसीसीसी यआहहहहहहा फक मे अहहहहा फक मेआाहहहहहः" 
डॉली भीक मांगती हुई गिड्गिडाने लगी


मैं उसके निपल को छोड़ के उसके पेट की नाभि में शराब गिरा के उसे चूसने लगी

"अहहहहहाहा तू अहाहाहा मार डालेगी अहहाब मुझे यआःाहहाहहाहा... बहुत मज़ा अहहहहहहहह आ रहा है आहहाहहहहहहा" अहहहहहा


मैं चुस्के मार मार के उसकी गहरी नाभि को चूसे जा रही थी

"स्लूरप्प्प्प्प्प स्लूरप्प्प्पाहाहहहहहहा उम्म्म्मम स्लुप्रपप्प्प्प" जैसे हम बरफ के गोले चूस्ते हैं


उसकी नाभि चूस चूस के, मैं उसकी चूत की तरफ पहुँची... मैने उसे खड़ा होने को कहा और बॉटल उसके हाथ में पकड़ा दी


जैसे ही डॉली खड़ी हुई, मैने उसकी चूत पे अपना मूह सेट किया.. 
 
"अहहहहहहहः सीसिसीसीसीसिस... उम्म्म अहहहहः और चाट ने मेरी कुतिया बहना अहाहहाहहहहहहा" ये कहके डॉली ने हाथ में पकड़ी हुई शराब नीचे गिराना
शुरू किया... 


मैं उसकी चूत चाट रही थी.. और वो उपर से उसपे दारू गिरा रही थी... चूत के पानी के साथ मेरी ज़बान पे शराब भी लग रही थी... मुझे शराब नहीं पीनी
थी, क्यूँ कि आगे दूसरा भी एक काम था जिसको ठिकाने लगाने के लिए मेरा होश में रहना ज़रूरी थी


मैने खड़ी होके उसके हाथ से शराब ले ली, साइड में रख के, उसे बेड पे सुला दिया और उसकी चूत चाटने लगी उल्टी होके.. इससे उसको भी मेरी चूत मिल गयी...


"अहहहहहहः गल्प गल्प स्लूरप्प्प्प आहहहहहाः स्लूप्रहाहहाहहाः" मैं उसकी चूत चाटने में लगी हुई थी

कुछ देर वो भी मेरी चूत चाट्ती रही.. फिर अच्चानक उसकी एक हरकत से मेरी चीख निकल गयी


"आहाहहहहहा उईईईई माममममम्ममम,.. क्या है ये रंडी साली अहहहहहहहः" मैने चिल्ला के कहा उसे


उसने पीछे से मेरी चूत में अपने हाथ की 4 उंगलियाँ एक साथ मेरी चूत में डाली हुई थी..

"चिल्ला मत भाडवी साली अहहहहहः... रुक तुझे मज़ा देती हूँ मेरी रांड़ बहना" ये कहके डॉली ने अपना पूरा हाथ मेरी चूत में घुसा दिया, जिससे मेरा दर्द बढ़
गया




"आहहहहहहाहा ओोूहो अहहहहहहहा, तेरी मा का भोसड़ा भैन्चोद कहीं की अहहहहहहहहः... मर गयी मैनहाहहहहहहा, निकाल इसेआःहहहहाः" मैं
भीक माँग रही थी उससे


"अहहहहहहहाहाः ह्म्म्म और ले न\मेरी कुतिया आहाहहहहाः.. कहते कहते डॉली ने अपने हाथ की गति बढ़ा दी


ये करते करते डॉली सीधी हुई और आके मेरे चेहरे के सामने मेरे होंठ के करीब आ गयी. जैसे ही वो मुझे दिखी, मैं उसका गला पकड़ के उसे मार देना चाहती
थी.. इतना होने के बावजूद डॉली ने अपना हाथ मेरी चूत से नहीं निकाला




मेरी हालत देख के डॉली बोली


"आहहाहा मेरी रांड़ बहेन... बोल भाडवी कहीं की अहहहहाहाहहा.. चुदवायेगि ना मुझे से.. बोल मेरी रांड़ साली अहहहहहहाहा"


मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी. सिर्फ़ "उम्म्म्म ह्म्म्मा हहहहहाहा" कर रही थी


डॉली ने मेरी हालत देख के अपना हाथ मेरी चूत से निकाला और मेरे फेस को पकड़ के मेरे होंठ चूसनेलागी


दर्द के बावजूद मुझे मज़ा आ रहा था.. ऐसा एक्सपीरियेन्स मैने कभी नहीं किया था...


"उम्म्म्मम अहहहाः, हां मेरी बहना, तेरे लिए ही है राज का लंड आआआअजजजाज.. और चोद ना मुझे भदवई अहहहहः" मैने होश गवा के कहा

डॉली ने जैसे किसी भक्त की मिन्नत स्वीकारी हो... मुझे सीधा करके मेरी चूत चाटने लगी...

"अहहहहहहहाः.. सीसिईसीससी लूर्प स्लर्प अहाहाहहहः उम्मम्मुंम्म्म अहहहहहहा" क्या चोदती है तू मेरी रानी अहहहहहहहहा मैं बोलने लगी.. चिल्लाने लगी....

"और ले ना मेरी रंडी अहहहहहहहहा " ये कहके डॉली ने वापस अपनी चूत मेरे मूह पे सेट की, हम 69 में आ गये और एक दूसरे की चूत कुतियों की तरह चाटने लगे


"अहहहहहः सीसिसीसी यॅ अहहहहहा फक हर्दीर अहाहाहहा यहाँ आहहाहाहा आहाहहा और ज़ोर से अहहहहहहाः कर ना अहहहहाहहहा मेरी रंडियाहहहहहहहहहा"

पूरे रूम में ऐसी आवाज़ें गूँज रही थी... करीब 15 मीं बाद हम दोनो अकडने लगे... चाटने की गति धीमी पड़ी


"अहहहहहहहा ओहोोहोहो मैं गयी अहहहहहहहहहहहा" हम दोनो साथ में चिल्लाए और एक दूसरे के उपर झाड़ गये"

जैसे ही हमने पानी छोड़ा.. पूरे रूम में सिर्फ़ साँसें ही चल रही थी हमारी... 

"हुहुआहहहाः उम्म्म्म हा उहू अहहः हहाः" हमारी साँसें उखड रही थी...

जैसे ही मैने घड़ी में देखा, 10.40 हो गये थे... मुझे याद आया के नारायण आने वाला है दूसरी बॉटल लेके.. मैं उठ खड़ी हुई. मुझे उठते हुए देख...

"क्या हुआ अबाहहहहहाहा" डॉली ने कहा

मैने शराब की बॉटल पकड़ी... और उसे कहा


"20 मीं में तेरी चूत के अंदर लंड होगा अहहहहहः... आजा ना आज तेरी बहेन के साथ दारू भी पी ना अहहहहाः. बहका दे ना मुझे मेरी रानी अहहहहसिसिसिस"


ये कहके मैने डॉली को अपने उपर खींचा.. उसके बाल पकड़ के मैने उसके मूह में दारू की बॉटल डाल दी और उसे उलटने लगी


"उम्म्म्मम गुगनूगञग अहहाहाः गुउन्न्ञणणन् उम्म्म्मम्मझहहाहा गुउन्ण गुउन्ण गुउन्न्ं " डॉली की साँसें अटक रही थी...

बॉटल ख़तम होते ही मैने बॉटल साइड में फेंक दी और डॉली के होंठ चूसने लगी..

"उम्म्म्म अहहहहहहहा.. अब जाके हुई ना तू मेरी बहेन.... मेरी नशीली काम देवी मेरी रांड़" मैने डॉली को आँखों में देखते हुए कहा


डॉली कुछ नहीं बोल रही थी. उसकी आँखें बंद थी, गला जल रहा था क्यूँ कि नीट विस्की किसी के नीचे भी गला जलाए बिना नहीं जाती



इतने में फिर से दरवाज़ा नॉक हुआ और नारायण दूसरी विस्की की बॉटल लाया था... मैने दरवाज़े से बॉटल लेके, अंदर आते ही, बॉटल खोल के डॉली को पिलाने लगी

मैं जानती थी के उसका गला बहुत जल रहा होगा.. पर हमारे प्लान को अंजाम तक पहुँचाने के लिए उसका नशे में डूब जाना बहुत ज़रूरी था


"उमममहहहहा छोड़ ना अब्बाहहहहाहा चहेहहे.." डॉली ने खाँसते हुए कहा.. उसकी साँसें रुकने लगी थी, 

मैने आधे से ज़्यादा बॉटल उसके गले के नीचे उतारी और उसे बेड पे सुला दिया


मैने घड़ी में वक़्त देखा तो 11 बजने में 5 मिनट थे... मैं बाथरूम में जाके अपने कपड़े पहनने लगी... और अंदर से स्मस किया

मैं:- 5 मिनट हैं बाकी, देर से आए तो याद रखना


सामने जवाब आया:- 2 मिन्स प्लीज़ , नोट मोर दैन दट


मैं कपड़े पहन के बाहर आई तो देखा डॉली नशे में हंसते हंसते बड़बड़ा रही थी


"उम्म्म आहहहः पायल... उम्म्म हहेहहहे, का लंड अहहहहहहेहहेहहे दे ना बहेन.. अहाहा. हेहहेहेहेहहे तू कितनी सफेद है.. हहेहेहेः"


मुझे उसकी हालत देख के दया आई, पर फिर इनके इरादे जान के मैने रूम की लाइट डिम कर दी... इतनी डिम के रूम में कौन है डॉली को पता नहीं चले.. पर्दे सब 
बंद कर दिए.. रूम में सिर्फ़ एक हल्का सा लॅंप जल रहा था जिससे सिर्फ़ रूम के सेंटर में उजाला आ रहा था...
 
मैं चुपके से बाहर जाके रूम लॉक कर दिया और चेक किया मेरा कोई सामान अंदर नहीं है..


जैसे ही मैं मूड के नीचे की तरफ जाने लगी.. सामने मुझे जिसका इंतेज़ार था, वो दिखाई दिया

मैं:- इतनी देर, तुम 2 मिनट लेट हो, मैने झूठे गुस्से में कहा

सामने से जवाब आया:- सॉरी जान, चल अब बोल वापस जाउ या काम करूँ अपना 

मैने उसे सब चीज़ो का ख़याल रखने को कहा और उसे रूम की चाबी दे दी..


जैसे ही वो रूम में गया.. मैं नीचे जाके नारायण को कॉल करने लगी


मैं:- नारायण जी, मैं लॉबी में आपका वेट कर रही हूँ, प्लीज़ आइए

करीब 10 मिनट के बाद नारायण आया


मैं:- ये लीजिए, मैने नोटों की गड्डि हाथ में दे दी उसे..

"सबसे पहले, मैं यहाँ आई उसकी कोई वीडियो रेकॉर्डिंग नहीं होनी चाहिए.. ये ध्यान रहे.. दूसरा, जो मेरे साथ लड़की आई थी सिर्फ़ उसकी अकेले की रेकॉर्डिंग होनी चाहिए..
और आखरी और सबसे ज़रूरी.. कॅमरा ऑन कीजिए, बट सिर्फ़ बिस्तर दिखना चाहिए, और उसपे कौन है और क्या कर रहा है, सॉफ दिखना चाहिए"

मैने एक ही साँस में नारायण पे हुकुम झाड़ दिया


नारायण:- मेडम, इतने पैसों के लिए आप कुछ और भी कहें तो वो भी कर लूँगा मैं... शुक्रिया.. जैसा आपने कहा है वैसा ही होगा... और रही रेकॉर्डिंग की बात,
मेरे साथ आइए प्लीज़


मैं उसके पीछे पीछे जाने लगी.. वो मुझे मैं सेक्यूरिटी कॅबिन में ले गया जहाँ ऑलरेडी दो गार्ड्स थे.. हमे किसी ने रोका नहीं..

"ये देखिए मेडम.. इसमे सिर्फ़ आपके साथ जो लड़की आई थी, वो ही दिखाए दे रही है... जब उनके बाद आप अंदर आए तब गार्ड ने एंट्री और रिसेप्षन का कॅमरा
बंद कर दिया था..."


मैं देख के वहाँ से निकल गयी.. और गाड़ी में जाके बैठ गयी... मुझे बैठने में बहुत दर्द हो रहा था.. डॉली ने अपना हाथ मेरी चूत में इतना ज़ोर से घुसा 
दिया था.. 


जैसे ही मैने गाड़ी स्टार्ट की.. मुझे स्मस आया


"व्हेअर आर यू ? "....

"चियर्स !!! "


हमने ग्लास से ग्लास टकराते हुए मुस्कुराते हुए कहा.. हम एक दूसरे की आँखों में आँखें डालके विस्की पी रहे थे. रात के करीब 12 बज रहे थे..

इस बार हमारी मुस्कान सब बयान कर रही थी.. हमारी मुस्कान ऐसी थी जैसे हमने बड़ी जंग जीत ली हो.. बट ये तो सिर्फ़ पहला कदम था.. अभी तो बहुत कुछ करना बाकी था...




"मानना पड़ेगा आपके प्लान को... इससे शन्नो मामी की मैन खिलाड़ी तो बाहर निकल जाएगी" मैने विस्की का घूँट लेते हुए कहा


भाई:- हां वो तो है..बट हमे अभी ज़्यादा सावधान होना पड़ेगा... भाई ने एक ही झटके में अपना ग्लास ख़तम करते हुए कहा


"बट भाई... ये तो हम डाइरेक्ट शन्नो मामी के साथ करते तो सही रहता ना. डॉली से कुछ ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा " मैने भाई की आँखों में देखते हुए कहा


भाई:- मेरी बहेन.. इसलिए तो तुझे बोलता हूँ कि कॉर्पोरेट में आजा तू भी काम करने.. दिमाग़ तेज़ होगा तेरा... पर सुन, हमेशा एक नियम याद रखना... जंग हो या पॉलिटिक्स... राजा की कुर्सी की चिंता खुद राजा से ज़्यादा उसके वज़ीर को रहती है... वज़ीर ढेर तो समझो राजा भी आधा ख़तम "
 
मेरी आँखों में कन्फ्यूषन देख के भाई ने कहा

"समाज.. डॉली को हमने इसलिए चुना क्यूँ कि सीधा हमला अगर हम तेरी शन्नो मामी पे करते तो डॉली और ललिता अलर्ट हो जाते और वो लोग हमारे सामने खड़े हो जाते.... और क्या भरोसा शन्नो हमारे इस प्लान में फँसती के नहीं.. डॉली को उसकी चूत की प्यास, उसकी जवानी लाई है इधर.. अब ये रात उसे ज़िंदगी भर याद रहेगी.. और रही शन्नो की बात... वो अब अकेली है, ललिता कभी हमारे लिए चुनौती थी ही नहीं.. और अगर वो हमारे सामने आई तो उसके लिए भी मैने कुछ सोच रखा है"


मैं:- पर भाई... आज कुछ ज़्यादा नहीं हुआ.. आइ मीन

भाई:- नहीं पायल.. बात मुझ तक होती तो ठीक था.. पर मेरे मोम डॅड को भी ये लोग नुकसान पहुँचना चाहते हैं.. इससे बदतर सुलूक होना चाहिए इनके साथ



फ्लॅशबॅक:-

चलते हैं उस रात में जब मैने शन्नो मामी को किसी के रूम में जाते हुए देखा और उनकी बातें सुनके भाई के पास गयी



मैं:- भाई... शादी मुबारक हो आपको

भाई:- व्हाट नॉनसेन्स... किसकी शादी

मैं:- आपकी मेरे प्यारे भैया और किसकी शादी

भाई:- मैं कुछ समझा नहीं, तू सीधा बताएगी प्लीज़

मैं:- अभी मैं शन्नो मामी के रूम में सोई थी.. तभी मेरी नींद खुली और देखा शन्नो मामी चुपके से उनके रूम से बाहर जाने लगी.. मैं जब उनके पीछे गयी, तो शन्नो मामी गेस्ट रूम में घुस गयी... गेस्ट रूम में आपके प्यारे विजय अंकल बैठे थे अपनी बेटियों के साथ


विजय अंकल:- ओह शन्नो.. क्या हुआ, अचानक क्यूँ आई तुम इधर, और ये डॉली और ललिता को क्यूँ बुलाया है

शन्नो:- आपको नींद की पड़ी है, और इधर हमारी सब प्लॅनिंग खराब हो रही है

विजय:- कौन खराब करेगा हमारी प्लॅनिंग... तुम होश में तो हो..

शन्नो:- हां, मैं पूरे होश में हूँ अपने... आपकी भांजी पायल, राज के बहुत नज़दीक आती जा रही है...

डॉली:- हां पापा, पायल और बहुत नज़दीक हैं, भाई बहेन होके चुदाई कर रहे हैं.. और तो और, ऑफीस टाइम में भी पायल के पास जाता है...

विजय:- वो सब ठीक हैं पर..

शन्नो:- क्या पर... अब आप खुद ही सोचिए.. हमारा प्लान ये है कि हम राज की शादी मेरी बहेन की लड़की पूजा के साथ करेंगे... जैसे कि आप जानते हैं, पूजा एक नंबर की रखैल है... जब वो हमारे घर आएगी, मैं उसे चुदाई की ऐसी लत लगा दूँगी, दिन में उसकी चूत खाली ही नहीं रहने दूँगी, वो हमारी गुलाम हो जाएगी.. फिर उससे में वो सब करवाउन्गि जो हमे हमारी मंज़िल के करीब ले जाएगा

ललिता:- क्या मोम... मैं कुछ समझी नहीं

विजय:- बेटे तुम नहीं जानती.. तुम हमारे प्लान में अभी शामिल हुई हो.... सुनो, हमने प्लान बनाया है कि जब पूजा इस घर में आ जाएगी तो हम
उसे इस्तेमाल करके के मा बाप यानी मेरे भाई और भाभी को बहुत तंग करेंगे... कुत्तों जैसी हालत कर देंगे उनकी.. वो इतने मजबूर हो जाएँगे कि वो या तो ये घर छोड़के चले जाएँगे या तो और पूजा को अलग कर देंगे... पूजा राज को भी अपने हुस्न के जाल में इतना फ़सा देगी कि राज दिन भर उसके आगे पीछे रहेगा...


डॉली:- डॅड, उससे हमारा क्या फ़ायदा होगा

विजय शन्नो की तरफ देखते हुए:- ये तेरी ही बेटी है ना, अकल कहाँ है इसकी, 

शन्नो:- डॉली, अभी कुछ दिन पहले तुम्हारे पापा राज के पापा के साथ प्रॉपर्टी के बारे में डिसकस कर रहे थे.. डिसकस करते करते उन्हे पता चला कि भाई साहब के 29थ बर्तडे पे ऐज आ गिफ्ट अपनी सारी प्रॉपर्टी राज के नाम कर देंगे... तू जानती है प्रॉपर्टी कितनी है.. घर, फार्महाउस,फॅक्टरी, गाड़ियाँ, बॅंक बॅलेन्स, सब टोटल करेगी तो प्रॉपर्टी की वॅल्यू 30 करोड़ तक हो सकती है


30 करोड़ सुन के डॉली और ललिता के मूह खुले के खुले रह गये..

"और सुनो...तुम्हारे पापा को राज के पापा देते क्या हैं, महीने के एक लाख .. बस ? दिन भर इतना काम करते हैं, फिर भी ऐसा व्यहवार.. माना कि ये उनके सौतेले भाई हैं, लेकिन सिर्फ़ 1 लाख.. महीने में इससे कहीं ज़्यादा तो राज के पापा को सिर्फ़ रेंट मिलता है उनकी प्रॉपर्टी से..." शन्नो ने एक साँस में कहा...

विजय:- और जब पूजा राज की बीवी बनेगी, और राज उसके जाल में फस गया तो हम सारी प्रॉपर्टी राज से पूजा के नाम... याने इनडाइरेक्ट्ली हमारे नाम करवा देंगे.. फिर देखना तुम दोनो, कैसे तुम्हारे चाचा चाची को दर दर भटकाउंगा.. और राज की तो लाश भी नहीं मिलेगी किसी को..


ललिता:- बट मोम डॅड... इसमे पायल क्या नुकसान कर सकती है
 
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