hotaks444
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मूवी देखते देखते मेरी चूत रगड़ने की स्पीड बढ़ गयी और मैं एक हाथ से चूत रगड़ने के दूसरे हाथ से अपने चुचियों को मसल्ने लगी
देखते देखते मैं एक दम नंगी हो गयी... मूवी साइड में करके अपने पेर फेला दिए और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत के दाने को मसल्ति हुई बोली
"आहहहहाहा मेरे भाई अहहहहहा.. ज़ोर से चोदो ना अपनी बहेन को अहाआहहा मेरे सैयाँ लव यू अहहहहहा, फक मी हार्ड ना अहहहा"
मैं अपनी मस्ती में लगी हुई थी., तभी दरवाज़े के पास मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी, तो डॉली वहाँ सिर्फ़ टॉवेल में खड़ी थी.. ना कुछ बोल रही थी, ना कुछ देख रही थी.. आँखें बंद करके वो भी नीचे अपनी चूत को सहला रहा थी.. और हल्की हल्की सिसकारी भर रही थी
मैं बेड से उठ के उसके पास गयी और उसका हाथ पकड़ के अंदर लाई, इससे उसका ध्यान टूटा और वो मुझसे नज़रें चुरा रही थी
जैसे ही हम बेड पे आए, मैने दरवाज़ा बंद किया और डॉली को देखने लगी
उसका गदराया शरीर, उसके बालों से पानी टपक रहा था, उसके 38 के चुचे, उसकी मूसल जांघे, ऐसा लग रहा थे साउत इंडिया की कोई हेरोयिन है
मैं उसके पास जाके बैठ गयी
"पायल.. मैं" डॉली ने बोलना चाहा, बुत मैने उसके होंठों पे उंगली रख दी..
"ष्ह्ह्ह्ह.. " मैने उसे बोला
मैने तुरंत उसके नरम होंठों को चूसने का कार्य शुरू किया.. उसके होंठों का रस पीक मुझे एक अजीब सी हलचल होने लगी चूत में..
थोड़ी देर बाद डॉली भी मेरा साथ देने लगी और मेरी जीभ को चाटने लगी... मैं उसके नीचे के होंठ को चूसे जा रही थी
"उम्म्म्म अहहहहहा... राइट हियर पायल, येस अहहहहहा... युवर सो हॉट अहाहहाहहाहा उम्म्म्मम" डॉली बोले जा रही थी
किस को तोड़के मैने उसके टवल को उतार दिया और उसको चुचों को मूह में लेने लगी... इतने बड़े चुचे मेरे मूह में समा ही नहीं रहे थे
मैं एक हाथ से उसके निपल को सहला रही थी और दूसरे से उसके चुचे को चूस रही थी...
"आहहाआहः सीईईई उम्म्म्म हाना कर ना और आहाहहाहा हनाणाअना माँ ओा अहहाहा"
मैं उसकी तडप देख के निपल को छोड़ के, दूसरे हाथ से उसकी चूत सहलाने लगी, जो बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी
"अहहहहहाः हान्ना और तेज़ कर ना अहहहहहहा आहाः बेबी, ओह चोद ना मुझे तेरी जीभ से अहाहाहः पायल अहहहहहा, तेरी चूत दे ना अहहा ओहमामममम मर गयी मैं अहहहहहा बहुत मज़ा आ रहा अहैइ अहहाहा"
मैं तुरंत उसके उपर से उठके 69 पोज़िशन में आ गयी और उसकी चूत पे जीभ रख के चाटने लगी
" अहाहहाहा डॉली.. उम्म्म और मज़ा दे ना मेरी बहेन अहाहाहाहा.. ज़ोर से चोद ना अपनी पायल को उम्म्म आहहहहहहा.. मैं सिसकारियाँ भर के बोले जा रही थी...
हम एक दूसरे को चोदे जा रहे थे अपनी जीभ से और बड़बड़ाने लगे
" अहहहहहाहा ह्म अहहहाहा मेरी बहेन आहाहाहा चोद ना पायल अहहहाहा.. हननाना मेरी डॉली अहहहहा चोद तो रही हूँ आ आ आ मज़ा दे ना और अहहहहहहहहः" ऐसी आवाज़ों से पूरे रूम का समा बंद चुका था
मैं झड़ने वाली थी, पर इतना जल्दी झड़ना नहीं चाहती थी, मैने तुरंत डॉली के उपर से उठ के अपने पेर उसके पेर से मिला लिया जिससे हमारी चूत भी मिलने लगी,, और हम एक दूसरे की चूत घिसने लगे..
हम एक दूसरे की आँखों में ही देख रहे थे और चूत घिसे जा रहे थे.. आँखों में सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स का नशा., वासना भरी हुई थी हमारी
"अहहहहः इतना मज़ा देती है अहहहः.. भाई के तो आहाहहहा मज़े हैं अहहामांमा"
"ओह्ह्ह्ह हहहाहाहा, तो तू भी आजा ना हमारे साथ फिर अहहहहहहा.. डबल मज़ा मिलेगा तुझे अहहहहाहा मेरी बहेन अहहहवह"
देखते देखते हम करीब 2 मीं में झाड़ गये और पूरी बेडशीट हमारे इस संभोग का सबूत बन चुकी थी...
झड़ने के बाद डॉली को होश ही नहीं रहा और बेड पे ही सो गयी, जैसे मर गयी थी मुझे ऐसा लगा
इतनी सेक्स के बाद मैं बाथरूम जाके फ्रेश हुई, और बाहर आके कपड़े पहने.. डॉली अब तक सो रही थी... मैने उसपे एक नज़र मारी
उसकी वो बाहर निकली हुई गान्ड.. एक दम वेल्वेट जैसी, इतनी मुलायम, उपर से उसकी गान्ड का छेद देख के मुझे फिर से चूत गीली लगने लगी
मैने कंट्रोल किया और जाके भाई को एक मसेज किया
"वन डाउन.. एंजाय !!! " मैने भाई को स्मस कर दिया
स्मस करके मैं डॉली के पास चली गयी.. वो अभी भी नंगी थी और सोई हुई थी.. गहरी नींद तो नहीं थी, बट थकि हुई लग रही थी...
मैं लेज़्बीयन बनती जा रही हूँ क्या. मैने सोचा
फिर मैने अपने सब ख़यालों को झटक के, डॉली के सर पे हाथ घमाया और उसे उठाया
"उठ जा डॉली अब.. कितना सोएगी तू"
"उम्म्म.. तूने आज इतना परेशान किया, तो सोने दे ना थोड़ी देर प्लीज़ " डॉली ने आलस खाते हुए कहा
"चल ना अब, ललिता आ जाएगी तो वो क्या सोचेगी" मैने ज़ोर देते हुए कहा
मेरी बात अनसुनी करके डॉली ने मुझे अपने उपर खींचा और मुझे पकड़ के मेरे कंधों से अपने होंठों को मेरे होंठों से फिर चूसने लगी
"उम्म्म्म...अहहहहहाहा डॉली छोड़ ना अहहहः कोई आना जाए अहहाहा, छोड़ अब" ये कहके मैं उससे दूर हट गयी और डॉली खड़ी हो गयी
" अच्छा, चल अब एक काम करेगी प्लीज़" डॉली ने कहा
मैं:- क्या हुआ बोल
" भाई का लंड दिलवा दे ना यार, कितने दिन हो गये इस चूत में लंड ही नहीं गया... " डॉली ने अपनी चूत मसल्ते हुए कहा
"मैं सोचूँगी बाद में, चल जा पहले तू हुलिया ठीक कर और अपने रूम में जा जल्दी" मैने उसे बाथरूम में धक्का देते हुए कहा
उसके अंदर जाने के बाद मैं अपने होश में आई.. मोबाइल देखा तो भाई का कोई जवाब नहीं था
देखते देखते मैं एक दम नंगी हो गयी... मूवी साइड में करके अपने पेर फेला दिए और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत के दाने को मसल्ति हुई बोली
"आहहहहाहा मेरे भाई अहहहहहा.. ज़ोर से चोदो ना अपनी बहेन को अहाआहहा मेरे सैयाँ लव यू अहहहहहा, फक मी हार्ड ना अहहहा"
मैं अपनी मस्ती में लगी हुई थी., तभी दरवाज़े के पास मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी, तो डॉली वहाँ सिर्फ़ टॉवेल में खड़ी थी.. ना कुछ बोल रही थी, ना कुछ देख रही थी.. आँखें बंद करके वो भी नीचे अपनी चूत को सहला रहा थी.. और हल्की हल्की सिसकारी भर रही थी
मैं बेड से उठ के उसके पास गयी और उसका हाथ पकड़ के अंदर लाई, इससे उसका ध्यान टूटा और वो मुझसे नज़रें चुरा रही थी
जैसे ही हम बेड पे आए, मैने दरवाज़ा बंद किया और डॉली को देखने लगी
उसका गदराया शरीर, उसके बालों से पानी टपक रहा था, उसके 38 के चुचे, उसकी मूसल जांघे, ऐसा लग रहा थे साउत इंडिया की कोई हेरोयिन है
मैं उसके पास जाके बैठ गयी
"पायल.. मैं" डॉली ने बोलना चाहा, बुत मैने उसके होंठों पे उंगली रख दी..
"ष्ह्ह्ह्ह.. " मैने उसे बोला
मैने तुरंत उसके नरम होंठों को चूसने का कार्य शुरू किया.. उसके होंठों का रस पीक मुझे एक अजीब सी हलचल होने लगी चूत में..
थोड़ी देर बाद डॉली भी मेरा साथ देने लगी और मेरी जीभ को चाटने लगी... मैं उसके नीचे के होंठ को चूसे जा रही थी
"उम्म्म्म अहहहहहा... राइट हियर पायल, येस अहहहहहा... युवर सो हॉट अहाहहाहहाहा उम्म्म्मम" डॉली बोले जा रही थी
किस को तोड़के मैने उसके टवल को उतार दिया और उसको चुचों को मूह में लेने लगी... इतने बड़े चुचे मेरे मूह में समा ही नहीं रहे थे
मैं एक हाथ से उसके निपल को सहला रही थी और दूसरे से उसके चुचे को चूस रही थी...
"आहहाआहः सीईईई उम्म्म्म हाना कर ना और आहाहहाहा हनाणाअना माँ ओा अहहाहा"
मैं उसकी तडप देख के निपल को छोड़ के, दूसरे हाथ से उसकी चूत सहलाने लगी, जो बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी
"अहहहहहाः हान्ना और तेज़ कर ना अहहहहहहा आहाः बेबी, ओह चोद ना मुझे तेरी जीभ से अहाहाहः पायल अहहहहहा, तेरी चूत दे ना अहहा ओहमामममम मर गयी मैं अहहहहहा बहुत मज़ा आ रहा अहैइ अहहाहा"
मैं तुरंत उसके उपर से उठके 69 पोज़िशन में आ गयी और उसकी चूत पे जीभ रख के चाटने लगी
" अहाहहाहा डॉली.. उम्म्म और मज़ा दे ना मेरी बहेन अहाहाहाहा.. ज़ोर से चोद ना अपनी पायल को उम्म्म आहहहहहहा.. मैं सिसकारियाँ भर के बोले जा रही थी...
हम एक दूसरे को चोदे जा रहे थे अपनी जीभ से और बड़बड़ाने लगे
" अहहहहहाहा ह्म अहहहाहा मेरी बहेन आहाहाहा चोद ना पायल अहहहाहा.. हननाना मेरी डॉली अहहहहा चोद तो रही हूँ आ आ आ मज़ा दे ना और अहहहहहहहहः" ऐसी आवाज़ों से पूरे रूम का समा बंद चुका था
मैं झड़ने वाली थी, पर इतना जल्दी झड़ना नहीं चाहती थी, मैने तुरंत डॉली के उपर से उठ के अपने पेर उसके पेर से मिला लिया जिससे हमारी चूत भी मिलने लगी,, और हम एक दूसरे की चूत घिसने लगे..
हम एक दूसरे की आँखों में ही देख रहे थे और चूत घिसे जा रहे थे.. आँखों में सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स का नशा., वासना भरी हुई थी हमारी
"अहहहहः इतना मज़ा देती है अहहहः.. भाई के तो आहाहहहा मज़े हैं अहहामांमा"
"ओह्ह्ह्ह हहहाहाहा, तो तू भी आजा ना हमारे साथ फिर अहहहहहहा.. डबल मज़ा मिलेगा तुझे अहहहहाहा मेरी बहेन अहहहवह"
देखते देखते हम करीब 2 मीं में झाड़ गये और पूरी बेडशीट हमारे इस संभोग का सबूत बन चुकी थी...
झड़ने के बाद डॉली को होश ही नहीं रहा और बेड पे ही सो गयी, जैसे मर गयी थी मुझे ऐसा लगा
इतनी सेक्स के बाद मैं बाथरूम जाके फ्रेश हुई, और बाहर आके कपड़े पहने.. डॉली अब तक सो रही थी... मैने उसपे एक नज़र मारी
उसकी वो बाहर निकली हुई गान्ड.. एक दम वेल्वेट जैसी, इतनी मुलायम, उपर से उसकी गान्ड का छेद देख के मुझे फिर से चूत गीली लगने लगी
मैने कंट्रोल किया और जाके भाई को एक मसेज किया
"वन डाउन.. एंजाय !!! " मैने भाई को स्मस कर दिया
स्मस करके मैं डॉली के पास चली गयी.. वो अभी भी नंगी थी और सोई हुई थी.. गहरी नींद तो नहीं थी, बट थकि हुई लग रही थी...
मैं लेज़्बीयन बनती जा रही हूँ क्या. मैने सोचा
फिर मैने अपने सब ख़यालों को झटक के, डॉली के सर पे हाथ घमाया और उसे उठाया
"उठ जा डॉली अब.. कितना सोएगी तू"
"उम्म्म.. तूने आज इतना परेशान किया, तो सोने दे ना थोड़ी देर प्लीज़ " डॉली ने आलस खाते हुए कहा
"चल ना अब, ललिता आ जाएगी तो वो क्या सोचेगी" मैने ज़ोर देते हुए कहा
मेरी बात अनसुनी करके डॉली ने मुझे अपने उपर खींचा और मुझे पकड़ के मेरे कंधों से अपने होंठों को मेरे होंठों से फिर चूसने लगी
"उम्म्म्म...अहहहहहाहा डॉली छोड़ ना अहहहः कोई आना जाए अहहाहा, छोड़ अब" ये कहके मैं उससे दूर हट गयी और डॉली खड़ी हो गयी
" अच्छा, चल अब एक काम करेगी प्लीज़" डॉली ने कहा
मैं:- क्या हुआ बोल
" भाई का लंड दिलवा दे ना यार, कितने दिन हो गये इस चूत में लंड ही नहीं गया... " डॉली ने अपनी चूत मसल्ते हुए कहा
"मैं सोचूँगी बाद में, चल जा पहले तू हुलिया ठीक कर और अपने रूम में जा जल्दी" मैने उसे बाथरूम में धक्का देते हुए कहा
उसके अंदर जाने के बाद मैं अपने होश में आई.. मोबाइल देखा तो भाई का कोई जवाब नहीं था