hotaks444
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शन्नो:- वो इसलिए, क्यूँ कि राज अगर पायल के करीब ज़्यादा रहेगा तो तुम लोगों के करीब कैसे आएगा.. और मैं देख रही हूँ, तुम लोग राज को
फ़सा ही नहीं रहे, वो तुम्हे देख भी नहीं रहा... अगर तुम लोग उसके करीब जाके उससे एक बार चुदवा लो, तो हम उसे आसानी से ब्लॅकमेल करेंगे
और पूजा की बात उसके आगे रखेंगे... ब्लॅकमेल होके हमारी बात ज़रूर मानेगा... और अपने मा बाप को भी कुछ नहीं बता पाएगा
विजय:- वो सब ठीक है, अब डॉली और ललिता, अपने भाई को फसाने का काम तेज़ करो.. और रही पायल की बात, उसे तो मैं देख लूँगा....
शन्नो:- क्या करने का सोच रहे हो उसके साथ
विजय:- कुछ भी कर सकता हूँ मैं.. बहुत इंतेज़ार किया है मैने इस प्रॉपर्टी के लिए.. एक चूत आके मेरा ये खेल नहीं बिगाड़ सकती.. राज को मार सकता हूँ, तो पायल को कुछ भी कर सकता हूँ मैं..
ये सब सुनके मुझे बहुत डर लगा.. चाहे कुछ भी हो, मैं अकेली इनसे लड़ नहीं सकती थी.. ये सोचते सोचते मैं भाई के पास चली गयी और उन्हे सब बता दिया..
मैं:- सुना भाई... ये है आपके चाचा चाचा का खेल...
भाई:- मैं कभी सोच भी नहीं सकता पायल के ये लोग इतना गिर सकते हैं.. पर तू क्यूँ मुस्कुरा रही है इतना... तुझे भी ख़तरा है इन सब से
मैं:- वो इसलिए मेरे भैया.. क्यूँ कि आप जानते नहीं हो मैं क्या चीज़ हूँ... शादी तो दूर, अगर इन लोगों ने आपको टच भी किया तो इन लोगों का जो हश्र होगा, वो कोई सोच भी नहीं सकता...
मैं:- डोंट वरी भाई.. आपकी बहेन आपके साथ है हमेशा, अगर आप को इन लोगों ने टच भी किया, इनका वो हाल होगा के दुनिया इनका नामो निशान भूल जाएगी... भूल जाएँगे लोग कि कोई शन्नो विजय या उसकी दो बेटियाँ कभी ज़िंदा थी भी... आप भी भूल जाओगे कि आपके चाचा चाचा कभी थे आपके साथ...
कहते कहते मेरी आँखों में गुस्सा सॉफ झलक रहा था.... जैसे ही मेरी आँखें लाल होती गयी, गुस्से के बदले मेरी आँखों से आँसू टपक पड़े..मुझे रोता देख कर
भाई:- हे स्वीट हार्ट.. तू क्यूँ रो रही है... अभी तो तू उनको रुलाने की बात कर रही थी.. आंड डोंट वरी , मुझे क्या, हम में से किसी को भी कुछ
नहीं होगा
मैं और ज़्यादा रोना चाहती थी. डर गयी थी शन्नो मामी और उन लोगों की बातें सुनके.. भाई को देख के मैं खुद को आश्वासन दिया के कुछ भी नहीं होगा... मैने रोना बंद कर दिया और भाई से कहा
मैं:- भाई... अभी हम क्या करेंगे आगे
भाई:- सबसे पहले तू एक काम कर, डॉली का जो एक लौंडा था होंडा सिटी वाला, उसका पता लगा.. हमे उसकी मदद चाहिए होगी इस कार्य में..और तू शन्नो आंटी के साथ जो चाहे वैसे बिहेव कर सकती है.. यू आर फ्री माइ जान
बॅक टू प्रेज़ेंट:-
होटल ***** का टेरेस बार जहाँ हम बैठे हुए थे.
भाई:- पायल.. सॉरी तुझे इस काम के लिए कुछ ऐसी चीज़े करनी पड़ी जो तू नहीं चाहती थी
(भाई का मतलब था मेरे वो लेज़्बीयन एनकाउंटर्स जो मेरे और शन्नो और उसकी बेटी डॉली के बीच हुए थे)
मैं:- अरे भाई उदास मत हो... एक कदम ऐसा उठाना ही पड़ता हमारी प्लॅनिंग के लिए... बट भाई एक बात बताओ, हमने इस काम के लिए डॉली के बॉयफ्रेंड को ही क्यूँ चुना.. कोई और लड़का भी तो ले सकते थे ना..
भाई:- नहीं... कोई और लड़का लेते तो डॉली सॉफ बच सकती थी ये कहके कि उसके साथ फोर्स्ड सेक्स हुआ है और दूसरी बातें भी बनती.. उसके बॉयफ्रेंड का फ़ायदा ये है के... बोलते बोलते भाई बीच में रुक गये
मैं:- व्हाट ? आगे बोलो
भाई:- वो मैं तुझे बाद में बताऊँगा.. अभी तू खुद सोच सकती है तो सोच,
मैं चुप हो गयी.. जानती थी भैया नहीं बताएँगे और मुझे सोचना नहीं था... मैने सब छोड़ के अपनी ड्रिंक ख़तम करने लगी.. हम आगे की प्लॅनिंग ही कर रहे थे , तब मेरे सेल पे स्मस आया
" काम ओवर... जल्दी आओ" मैने मेसेज पढ़ा
"चलो भाई, जल्दी करो, काम होने को है' मैने भाई से चिल्ला के कहा
हमने वहाँ का बिल पे किया और जल्दी से जिस होटेल में डॉली थी वहाँ पहुँचे... जैसे ही हम गाड़ी से उतरे, मैने तुरंत नारायण को फोन किया और उसे कॅमरा का ध्यान रखने को कहा
"डोंट वरी मेडम... आप आइए, कॅमरा स्विच्ड ऑफ है फिलहाल." नारायण ने आश्वासन देते हुए कहा
फ़सा ही नहीं रहे, वो तुम्हे देख भी नहीं रहा... अगर तुम लोग उसके करीब जाके उससे एक बार चुदवा लो, तो हम उसे आसानी से ब्लॅकमेल करेंगे
और पूजा की बात उसके आगे रखेंगे... ब्लॅकमेल होके हमारी बात ज़रूर मानेगा... और अपने मा बाप को भी कुछ नहीं बता पाएगा
विजय:- वो सब ठीक है, अब डॉली और ललिता, अपने भाई को फसाने का काम तेज़ करो.. और रही पायल की बात, उसे तो मैं देख लूँगा....
शन्नो:- क्या करने का सोच रहे हो उसके साथ
विजय:- कुछ भी कर सकता हूँ मैं.. बहुत इंतेज़ार किया है मैने इस प्रॉपर्टी के लिए.. एक चूत आके मेरा ये खेल नहीं बिगाड़ सकती.. राज को मार सकता हूँ, तो पायल को कुछ भी कर सकता हूँ मैं..
ये सब सुनके मुझे बहुत डर लगा.. चाहे कुछ भी हो, मैं अकेली इनसे लड़ नहीं सकती थी.. ये सोचते सोचते मैं भाई के पास चली गयी और उन्हे सब बता दिया..
मैं:- सुना भाई... ये है आपके चाचा चाचा का खेल...
भाई:- मैं कभी सोच भी नहीं सकता पायल के ये लोग इतना गिर सकते हैं.. पर तू क्यूँ मुस्कुरा रही है इतना... तुझे भी ख़तरा है इन सब से
मैं:- वो इसलिए मेरे भैया.. क्यूँ कि आप जानते नहीं हो मैं क्या चीज़ हूँ... शादी तो दूर, अगर इन लोगों ने आपको टच भी किया तो इन लोगों का जो हश्र होगा, वो कोई सोच भी नहीं सकता...
मैं:- डोंट वरी भाई.. आपकी बहेन आपके साथ है हमेशा, अगर आप को इन लोगों ने टच भी किया, इनका वो हाल होगा के दुनिया इनका नामो निशान भूल जाएगी... भूल जाएँगे लोग कि कोई शन्नो विजय या उसकी दो बेटियाँ कभी ज़िंदा थी भी... आप भी भूल जाओगे कि आपके चाचा चाचा कभी थे आपके साथ...
कहते कहते मेरी आँखों में गुस्सा सॉफ झलक रहा था.... जैसे ही मेरी आँखें लाल होती गयी, गुस्से के बदले मेरी आँखों से आँसू टपक पड़े..मुझे रोता देख कर
भाई:- हे स्वीट हार्ट.. तू क्यूँ रो रही है... अभी तो तू उनको रुलाने की बात कर रही थी.. आंड डोंट वरी , मुझे क्या, हम में से किसी को भी कुछ
नहीं होगा
मैं और ज़्यादा रोना चाहती थी. डर गयी थी शन्नो मामी और उन लोगों की बातें सुनके.. भाई को देख के मैं खुद को आश्वासन दिया के कुछ भी नहीं होगा... मैने रोना बंद कर दिया और भाई से कहा
मैं:- भाई... अभी हम क्या करेंगे आगे
भाई:- सबसे पहले तू एक काम कर, डॉली का जो एक लौंडा था होंडा सिटी वाला, उसका पता लगा.. हमे उसकी मदद चाहिए होगी इस कार्य में..और तू शन्नो आंटी के साथ जो चाहे वैसे बिहेव कर सकती है.. यू आर फ्री माइ जान
बॅक टू प्रेज़ेंट:-
होटल ***** का टेरेस बार जहाँ हम बैठे हुए थे.
भाई:- पायल.. सॉरी तुझे इस काम के लिए कुछ ऐसी चीज़े करनी पड़ी जो तू नहीं चाहती थी
(भाई का मतलब था मेरे वो लेज़्बीयन एनकाउंटर्स जो मेरे और शन्नो और उसकी बेटी डॉली के बीच हुए थे)
मैं:- अरे भाई उदास मत हो... एक कदम ऐसा उठाना ही पड़ता हमारी प्लॅनिंग के लिए... बट भाई एक बात बताओ, हमने इस काम के लिए डॉली के बॉयफ्रेंड को ही क्यूँ चुना.. कोई और लड़का भी तो ले सकते थे ना..
भाई:- नहीं... कोई और लड़का लेते तो डॉली सॉफ बच सकती थी ये कहके कि उसके साथ फोर्स्ड सेक्स हुआ है और दूसरी बातें भी बनती.. उसके बॉयफ्रेंड का फ़ायदा ये है के... बोलते बोलते भाई बीच में रुक गये
मैं:- व्हाट ? आगे बोलो
भाई:- वो मैं तुझे बाद में बताऊँगा.. अभी तू खुद सोच सकती है तो सोच,
मैं चुप हो गयी.. जानती थी भैया नहीं बताएँगे और मुझे सोचना नहीं था... मैने सब छोड़ के अपनी ड्रिंक ख़तम करने लगी.. हम आगे की प्लॅनिंग ही कर रहे थे , तब मेरे सेल पे स्मस आया
" काम ओवर... जल्दी आओ" मैने मेसेज पढ़ा
"चलो भाई, जल्दी करो, काम होने को है' मैने भाई से चिल्ला के कहा
हमने वहाँ का बिल पे किया और जल्दी से जिस होटेल में डॉली थी वहाँ पहुँचे... जैसे ही हम गाड़ी से उतरे, मैने तुरंत नारायण को फोन किया और उसे कॅमरा का ध्यान रखने को कहा
"डोंट वरी मेडम... आप आइए, कॅमरा स्विच्ड ऑफ है फिलहाल." नारायण ने आश्वासन देते हुए कहा