hotaks444
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सामने आंटी, सिर्फ़ ब्लॅक ब्रा पैंटी में थी और अपनी मांसल जाँघो पर कोई क्रीम लगा रही थी.. एक दम गोरी चिट्टि, ब्लॅक ब्रा, क्या चुचे थे, उस पर से पैंटी भी चुतडो को ढक ही नहीं पा रही थी...
"क्या है ये" आंटी चिल्लाई..
इस आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा और सामने देखा तो आंटी ने टवल से खुद को ढका हुआ था
"मनेर्स कहाँ हैं राज, ऐसे कोई आता है क्या, जवाब दो"
सॉरी आंटी...मैं सिर्फ़ इतना कह पाया, और कहके निकल गया..
बाहर आते ही मैने सोचा, साली बहुत मनेर सिखा रही है..तेरी बेटियों के बाद तेरा ही नंबर है साली..
कुछ देर में आंटी आई नीचे और मैं उन्हे छोड़ने जाने लगा...
गाड़ी में कई बार आंटी मुझे तिरछी नज़रों से देख रही थी, मैने भी हर बार स्माइल फ्लश की..जिसका जवाब सिर्फ़ एक नज़र, बस और कुछ नहीं...
मोम और आंटी को छोड़ने के बाद मैं घर आया और सोचा देखूं दोनो रंडी बहने क्या कर रही हैं
मैं उनके रूम की ओर निकल गया
जैसे ही मैं मोम और आंटी को छोड़के घर पहुँचा, मैने सोचा देखूं तो दोनो बहने क्या कर रही हैं
मैं उपर उनके रूम के पास गया और आस यूषुयल दरवाज़ा बंद था, बट खिड़की से उनकी आवाज़ सॉफ सुनाई दे रही थी
डॉली:- हाहहहाहा, छोटी, तू तो पहली बार में ही चुद गयी, मैने तो सिर्फ़ तुझे राज के करीब जाने को कहा था ताकि उसे कभी भनक ना हो कि हम दोनो मिलके पायल की गान्ड मारने का प्लान कर रहे हैं
ललिता:- दीदी, डोंट वरी, चूत के आगे वो भी झुक गया है, आदमी लंड से सोचते हैं जब उनके सामने हमारे जैसी बाला नंगी खड़ी हो तो.. राज ने भी वोई किया
डॉली:- वो सब तो ठीक है छोटी, बट ध्यान रखना, कहीं राज को खबर ना हो कि हम पायल की गान्ड मारने के पीछे हैं... नहीं तो.
ललिता ने बीच में ही कहा.. ओह फो!! चिंता नही करो मेरी बहना, आप देखते जाओ मैं क्या क्या करवाती हूँ राज से, कैसे भूल सकती हूँ आपकी बेइज़्ज़ती जो उस रांड़ पायल ने की थी हमारे बेहेन्चोद भाई राज से मिलके
डॉली:- हाए मेरी बहेन, इतना प्यार करती है मुझसे.. आजा मेरे गले लग मेरी छोटी, उम्म्म्म..
डॉली:- हाए छोटी... कुछ भी बोल, राज के लंड को सिर्फ़ सोच के ही चूत में खुजली होने लगती है.. हाअ मेरी सेक्सी बहेन, उम्म्म्म..
ललिता:- हां दीदी.... आहहाहा क्या लंड है उसका, है सिर्फ़ 7 इंच का, बट भेन का लोड्ा क्या चलना जानता है.. हाए मेरी चूत तो पिस ही गयी थी आज उससे
मैं अंदर देख नहीं पा रहा था... पर ये सब सुनके लंड खड़ा तो हुआ ही, बट पायल की चिंता भी होने लगी...
मैने सोचा, पायल की चिंता साइड करके फिलहाल मज़ा लेते हैं...अंदर से सिर्फ़ आवाज़ें आ रही थी
"आआहहहहाहा छोटी.. ह्म्म्म नंगी कर दे ना मुझे, आहहहा, तेरा जिस्म भी पागल कर देता है, हाए में तो लेज़्बीयन हो गयी तेरे लिए मेरी बहना आहहहहहहाः"
"ह्म्म्म्मम दीदी, आहहहहा, आपके चुचे भी मस्त हैं बहुत... अहहहाहा मेरी चूत तो पनिया गयी, अहाहाहः, क्या एहसास है उम्म्म्मम"
ह्म्म्म्म और चूस ना मेरे होंठ मेरी छोटी बहेन, आहहहहाहा क्या चुस्ती है, राज का लंड भी ऐसे ही चूसा था क्या आहहहहः, ह्म्म्म्म और ले ना
"हनाअना दीदी... उसका तो माल भी लिया पूरा मूह में हाहहहाहा.... उम्म्म्म क्या नमकीन था, अहहहा....ह्म्म्म्म दीदी, अब नंगी भी करो ना, अहहहहहाआ आओ ना मेरी बाहों में अहहहहाहा"
इतना सब सुनके ही मेरे लंड में अकड़न शुरू हो गयी थी.. कुछ देख तो नहीं सकता था, मैं वहाँ से निकल के सीधा अपने रूम में जाके नहाने लगा, सोचा ठंडे पानी से शायद सुकून मिले
काफ़ी देर नहा के ट्रॅक पहन के मैं नीचे आया तो देखा दोनो बहने नीचे खाने बैठी थी... दोनो को देख के मेरे दिमाग़ में कुछ देर पहले का सीन घूमने लगा
मैं:- डॉली, क्या है खाने में, बहुत मस्त खुश्बू आ रही है
ललिता:- हेहहहे भाई, वो तो मेरे पर्फ्यूम की स्मेल है, खाने में तो दीदी ने अमेरिकन च्युपसी बनाई है
(बहन की लोन्डिया, पूरा दिन वेस्टर्न ही खाती हैं, इनकी शादी के बाद इनके हज़्बेंड के तो लंड ही लगने वाले हैं, मैने सोचा)
"क्या है ये" आंटी चिल्लाई..
इस आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा और सामने देखा तो आंटी ने टवल से खुद को ढका हुआ था
"मनेर्स कहाँ हैं राज, ऐसे कोई आता है क्या, जवाब दो"
सॉरी आंटी...मैं सिर्फ़ इतना कह पाया, और कहके निकल गया..
बाहर आते ही मैने सोचा, साली बहुत मनेर सिखा रही है..तेरी बेटियों के बाद तेरा ही नंबर है साली..
कुछ देर में आंटी आई नीचे और मैं उन्हे छोड़ने जाने लगा...
गाड़ी में कई बार आंटी मुझे तिरछी नज़रों से देख रही थी, मैने भी हर बार स्माइल फ्लश की..जिसका जवाब सिर्फ़ एक नज़र, बस और कुछ नहीं...
मोम और आंटी को छोड़ने के बाद मैं घर आया और सोचा देखूं दोनो रंडी बहने क्या कर रही हैं
मैं उनके रूम की ओर निकल गया
जैसे ही मैं मोम और आंटी को छोड़के घर पहुँचा, मैने सोचा देखूं तो दोनो बहने क्या कर रही हैं
मैं उपर उनके रूम के पास गया और आस यूषुयल दरवाज़ा बंद था, बट खिड़की से उनकी आवाज़ सॉफ सुनाई दे रही थी
डॉली:- हाहहहाहा, छोटी, तू तो पहली बार में ही चुद गयी, मैने तो सिर्फ़ तुझे राज के करीब जाने को कहा था ताकि उसे कभी भनक ना हो कि हम दोनो मिलके पायल की गान्ड मारने का प्लान कर रहे हैं
ललिता:- दीदी, डोंट वरी, चूत के आगे वो भी झुक गया है, आदमी लंड से सोचते हैं जब उनके सामने हमारे जैसी बाला नंगी खड़ी हो तो.. राज ने भी वोई किया
डॉली:- वो सब तो ठीक है छोटी, बट ध्यान रखना, कहीं राज को खबर ना हो कि हम पायल की गान्ड मारने के पीछे हैं... नहीं तो.
ललिता ने बीच में ही कहा.. ओह फो!! चिंता नही करो मेरी बहना, आप देखते जाओ मैं क्या क्या करवाती हूँ राज से, कैसे भूल सकती हूँ आपकी बेइज़्ज़ती जो उस रांड़ पायल ने की थी हमारे बेहेन्चोद भाई राज से मिलके
डॉली:- हाए मेरी बहेन, इतना प्यार करती है मुझसे.. आजा मेरे गले लग मेरी छोटी, उम्म्म्म..
डॉली:- हाए छोटी... कुछ भी बोल, राज के लंड को सिर्फ़ सोच के ही चूत में खुजली होने लगती है.. हाअ मेरी सेक्सी बहेन, उम्म्म्म..
ललिता:- हां दीदी.... आहहाहा क्या लंड है उसका, है सिर्फ़ 7 इंच का, बट भेन का लोड्ा क्या चलना जानता है.. हाए मेरी चूत तो पिस ही गयी थी आज उससे
मैं अंदर देख नहीं पा रहा था... पर ये सब सुनके लंड खड़ा तो हुआ ही, बट पायल की चिंता भी होने लगी...
मैने सोचा, पायल की चिंता साइड करके फिलहाल मज़ा लेते हैं...अंदर से सिर्फ़ आवाज़ें आ रही थी
"आआहहहहाहा छोटी.. ह्म्म्म नंगी कर दे ना मुझे, आहहहा, तेरा जिस्म भी पागल कर देता है, हाए में तो लेज़्बीयन हो गयी तेरे लिए मेरी बहना आहहहहहहाः"
"ह्म्म्म्मम दीदी, आहहहहा, आपके चुचे भी मस्त हैं बहुत... अहहहाहा मेरी चूत तो पनिया गयी, अहाहाहः, क्या एहसास है उम्म्म्मम"
ह्म्म्म्म और चूस ना मेरे होंठ मेरी छोटी बहेन, आहहहहाहा क्या चुस्ती है, राज का लंड भी ऐसे ही चूसा था क्या आहहहहः, ह्म्म्म्म और ले ना
"हनाअना दीदी... उसका तो माल भी लिया पूरा मूह में हाहहहाहा.... उम्म्म्म क्या नमकीन था, अहहहा....ह्म्म्म्म दीदी, अब नंगी भी करो ना, अहहहहहाआ आओ ना मेरी बाहों में अहहहहाहा"
इतना सब सुनके ही मेरे लंड में अकड़न शुरू हो गयी थी.. कुछ देख तो नहीं सकता था, मैं वहाँ से निकल के सीधा अपने रूम में जाके नहाने लगा, सोचा ठंडे पानी से शायद सुकून मिले
काफ़ी देर नहा के ट्रॅक पहन के मैं नीचे आया तो देखा दोनो बहने नीचे खाने बैठी थी... दोनो को देख के मेरे दिमाग़ में कुछ देर पहले का सीन घूमने लगा
मैं:- डॉली, क्या है खाने में, बहुत मस्त खुश्बू आ रही है
ललिता:- हेहहहे भाई, वो तो मेरे पर्फ्यूम की स्मेल है, खाने में तो दीदी ने अमेरिकन च्युपसी बनाई है
(बहन की लोन्डिया, पूरा दिन वेस्टर्न ही खाती हैं, इनकी शादी के बाद इनके हज़्बेंड के तो लंड ही लगने वाले हैं, मैने सोचा)