Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें - Page 8 - SexBaba
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Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें

"अहहाहाहा मेरी बहना, सुबह से आहाहाब,लंड पे हमले कर रही है आयी तू अहहहा" अब बदला लूँगा भाडवी साली तुझसे अहहहहहः"



"ह्म यूवायमॅम अहहहहा, तो ले ले ना बदला मेरे बेहेन्चोद भाई अहहहहहा.. तेरी ये रंडी बहेना अहाहहा सीईईईईई... चूत खोले हाज़िर ही है तेरे लिए आहहसीसिस"



मैने अपनी स्पीड धीमे कर दी, और मैं नीचे ज़मीन पे लेट गया और पायल से इशारे में मेरे लंड की सवारी करने को कहा



बिना देर किए पायल ने मेरे लंड पे अपनी चूत सेट की और धीरे धीरे हिलने लगी



"अहहहहः मेरे सैयाँ आहहहा... इतनी बार चुदवाया है अहहहहा.. आज भी तेरा लंड मेरी चूत की दीवारों पे लगता है आहाहहहः.... मेरे कलेजे तक तेरा लंड पहुँचता है अहहहः... क्या चोद्ता है तू मेरे प्यारे भाई आहाहहाहा.. उम्म्म्म ..



इतना कहके पायल ने अपने चुदवाने की स्पीड बढ़ाई और मेरे लंड पे बैठके ज़ोर ज़ोर से कूदने लगी






उसकी तेज़ी के साथ उसके चुचे भी उछलने लगे और मैने हाथ बढ़ा के उसके निपल्स दबाने लगा



"आहहहा भाई... यस यस यस.. आमाममामा हार्डर भाई फक मी यस आहाहहहहः.. आइ अम कमिंग भाई येसाहहहह फक मी हार्डर ऑश आहहा यॅ यॅ यअहह



इतना चिल्लाके उसने पाना पूरा पानी मेरे लंड पे छोड़ दिया... मैने तुरंत उसे उठा के पेट के बल घोड़ी बनाक पीछे से उसकी चूत चोदने लगा



पायल में जान ही नहीं थी.. वो सिर्फ़ आँखें बंद करके मज़े ले रही थी






"अहहहाहा आँखें खोल मेरी रांड़ साली आहाहहहः... देख तेरे भाई का लंड तो एक बार आहहहहाः" मैं तेज़ी से धक्के लगाए जा रहा था



पूरे रूम में सिर्फ़ हमारी उखड़ी हुई साँसें चल रही थी.. और चुदाई के धक्के "फ़ाच पच अहहहः ठप ठप"



इन आवाज़ों से ऐसा लग रहा था कि कोई फुल वॉल्यूम में पॉर्न मूवी देख रहा है रूम में



कुछ धक्के लगाने के बाद मुझे लगा मेरा पानी निकलने वाला है



मैने तुरंत पायल को पलटा और उसको अपना लंड हाथ में पकड़ा दिया.. मेरा लंड हाथ में पकड़ पायल ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी



"अहहाहाः कम फॉर मी भाई, अहहहहा कम ना आहाहहहमम्म्मम गिव इट टू मी यॅ आहाहहा"




"आहहहहहहहह ओोह अहहहाहा... इस चीख से मेरा पूरा स्पर्म पायल के मूह पे ही गिर गया
 
इतनी चुदाई के बाद मैं निढाल हो गया और सीधा ज़मीन पे लेट गया...



कुछ देर की बाद मैं और पायल उतेर, फ्रेश होके निकल ही रहे थे के दरवाज़ा नॉक हुआ



जैसे ही मैने दरवाज़ा खोला सामने वेटर खड़ा था



"सर.. मॅनेजर साब ने आपके लिए ये सामान भेजा है"



मैने उसका सामान हाथ में लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया



मॅनेजर ने 4 बियर की बॉटल्स, 2 ग्लासस भेजे थे



मैने तुरंत एक बियर की बॉटल खोली और दो ग्लास भर डाले... बाकी की बॉटल्स फ्रीज़र में रख दी चिल्ड करने के लिए



पायल और मैं बियर पीने लगे"...



तभी पायल ने रिसेप्षन पे फोन किया



'हेलो... मैं 302 से बोल रही हूँ, जी हां वोई... आप प्लीज़ एक बेनसन आंड हेड्जस सिगरेट का पॅक भिजवा देंगे... थॅंक यू"


इतना कहके पायल ने फोन रखा और मुझसे बोली



"भाई... इस खेल को अब कुछ नया मोड़ देते हैं" उसने मेरे मोबाइल में डॉली का नंबर फ्लश करते हुए कहा....




मैने सवालिया नज़रों से पायल की तरफ देखा, मुझे कन्फ्यूषन में देखके पायल उठके मेरे पास आई और मेरी गोद में बैठ गयी....


"क्या नहीं समझे मेरे भैया"... पायल ने अपनी बाहें मेरे गले में डालते हुए कहा


जब तक मैं कुछ बोलता, तब मेरा फोन रिंग हुआ... फॉर आ चेंज इस बार मोम का कॉल था


"यस मोम... मैं ऑफीस में ही, बोलिए ना... उः हा.... ओह, .... ओके मोम, डन"


"चल स्वीटी, तुझे अफीशियली मेरे घर ले जाने का कॉल था" मैने आँख मारते हुए कहा


"वाउ भाई...आंटी ने मुझे बहू के रूप में स्वीकार लिया "


"अरे...चल घर, आज रात तू हमारे घर रहेगी, याद है ना, मोम ने वही बताने को फोन किया था..."


ओह...सो सॅड फॉर मी... पायल ने हंसते हुए कहा


"चल छोड़ अब... बियर ख़तम करनी है"


हम बियर पीने लगे...साथ ही सिगरेट का धुआँ माहॉल को बहुत ही नम बना रहा था..


हल्का हल्का बियर का नशा पायल की आँखों में दिख रहा था... पायल मेरे सामने अभी भी ब्रा पैंटी में बैठी थी, मैं उसे घुरे जा रहा था बिना पलकें झपकाए... हम एक दूसरे को सिर्फ़ देख रहे थे और इशारे में बातें कर रहे थे... देखते देखते हमने दो बियर की बॉटल ख़तम की


पायल उठके फ्रीज़र से दो बॉटल लाई और मुझे एक पकड़ा दी.. मैं समझ गया और इस बार हमने डाइरेक्ट बॉटल से बियर पीना स्टार्ट किया...


लगभग आधी बॉटल ख़तम हुई थी के नशा पायल पे बढ़ने लगा और उसने बियर साइड में रखके अपनी ब्रा उतारी और मेरी आँखों में देखके अपने चुचे मसल्ने लगी...


"उम्म्म्म आहह भाई यॅ सिससी आहह"


ये देखके मैं उसके पास गया और उसके होंठ चूसने लगा... हम किस करते करते बेड पे गिर गये और एक और चुदाई का राउंड कर लिया...


करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद हम बेड पे ही लेटे रहे, और मैने टाइम देखा तो 4.30 बजने आए थे... साइड में देखा तो पायल अभी भी सो रही थी, मैं उसको ध्यान से देखने लगा और कुछ सोचकर मैने रिसेप्षन पे फोन घमाया..


"हेलो... 302 से बोल रहा हूँ...ह्म्‍म्म..आप ज़रा एक मिनट उपर आएँगे"


कुछ सेकेंड्स में दरवाज़े पे नॉक हुआ


दरवाज़ा खोलते ही
 
मॅनेजर:- सर, उम्मीद है आपको निराशा नही हुई हमारी सेवा से


"नहीं...आप हमारे कपड़ों का बॅग मंगवा लीजिए चेंजिंग रूम से प्लीज़, और हां ये पकड़िए, आगे भी आपका काम रहेगा मुझे.. मैने 1000 का नोट देते हुए कहा"


थॅंक यू सर..आपके कपड़े अभी भिजवाता हूँ..ये कहके मॅनेजर निकल गया


"1000 रुपीज़ क्यूँ भाई...किसी और को लाने का इरादा है क्या" पीछे से पायल ने कहा


मैने मूड के देखा पायल अपनी टाँगें फेलाए अपनी चूत पे हाथ रगड़ रही थी..


मैं उसके पास गया "नहीं स्वीट हार्ट...अभी तो तुझे खुश ही कहाँ किया है" ये कहके मैं उसकी टाँगों के बीच जाने लगा


"छोड़ो भी अब.. 5 बाज गये हैं, घर चलते हैं".. ये कहके वो उठके बातरूम में चली गयी और मुझे चिढ़ाने लगी


मैं भी जल्दी से रेडी हो गया और पायल भी बाहर आ गई.. हम वहाँ से निकल गये और जल्दी गाड़ी स्टार्ट करके घर का रास्ता पकड़ा


"भाई..आज की रात मैं शन्नो आंटी के रूम में सोउंगी" पायल ने मुझे कहा


मैने ज़्यादा डिसकस ना करके हां में सर हिलाया


पूरे रास्ते हम खामोश थे.. शायद हम दोनो का दिमाग़ एक ही बात सोच रहा था..


करीब 2 घंटे के बाद हम घर पहुँचे.. जैसे ही हम घर के अंदर गये


मोम:- वेलकम पायल बेटे, कैसी हो, हमे कभी याद ही नहीं करती तुम तो


पायल:- क्या मामी आप भी, अभी कुछ दिन पहले ही तो होके गयी थी. आप भी ना, ये कहके पायल मोम के पेर छूके उनके गले लग गयी


मामी, शन्नो मामी किधर हैं, पायल ने पूछा


मैं इधर हूँ डियर.. कैसी हो तुम, शन्नो आंटी पीछे से बोल पड़ी


“ओह आंटी, हाउ आर यू, आंड आप दिन प्रति दिन खिलते जा रहे हो, क्या बात है हाँ, लगता है अंकल आपको अकेले छोड़ते ही नहीं” हा हहहहहा


आंटी थोड़ा शॉक लग रही थी क्यूँ कि पायल इससे पहले कभी इतनी अच्छी तरह बात नहीं करती थी… बट उन्होने उस मज़ाक को हँसी में उड़ा दिया


थोड़ी देर बाद हम खाना खाने बैठ गये


आंटी:- अरे डॉली बेटे, आओ, कहाँ थे तुम दोनो, देखो पायल आई है
 
डॉली.:- मोम, बाहर गये थे कुछ काम से , हाई पायल, क्या हाल है,


पायल:- मैं तो ठीक हूँ, अभी बेहतर फील करूँगी 


कोई समझे ना समझे.. मैं समझ गया ये ज़रूर कुछ लफडा करेगी इनके साथ


पायल:- “शन्नो मामी, अगर बुरा ना लगे तो मैं डॉली और ललिता के साथ रूम शेर करूँ”


मैं सोच में पड़ गया, कि इसे क्या करना है, मुझे कहा था शन्नो आंटी के रूम में सोएगी, और अभी ..


तभी डॉली बोल पड़ी


“पायल, प्लीज़ डॉन’ट माइंड, पर ऑलरेडी हम दो एक रूम में हैं, गर्मी में तीन जने कैसे होंगे”


शन्नो आंटी:- डॉली कोई ऐसा बोलता है,.. पायल बेटे, तुम मेरे साथ रूम शेर करना बस, प्लीज़ फील अट होम डियर


पायल:- अरे बट मामी, मामा कहाँ सोएंगे फिर


आंटी:- डॉन’ट वरी बेटे, मैं उन्हे बोल देती हूँ, तो वो अड्जस्ट कर लेंगे, आंड गेस्ट रूम में जगह है, तुमको अकेले थोड़ी सुलाएँगे उधर.. डॉन’ट वरी


“थॅंक यू मामी, युवर सो स्वीट” ये कहके मेरी तरफ देखके आँख मार दी पायल ने



मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था. खाना खाते खाते मैं सोच रहा था आने वाले वक़्त के बारे में. उधर डॉली और ललिता भी ये देख के हैरान थे कि पायल आज इतना अच्छा कैसे बिहेव कर रही है शन्नो आंटी के साथ


मैने खाना फिनिश करके अपने रूम में जाना ठीक समझा… जैसे ही मैं निकला रूम की तरफ, पीछे से आवाज़ आई



“ओह मेरे प्यारे भाई.. क्या है ये, गुड नाइट किस तो देके जाओ, बहेन को भूल गये हो आप तो” पायल ने कहा….


“अरे नहीं यार , बस थोड़ा थका हुआ हूँ, ये कहके मैं पायल के पास गया और उसके गालों पे हल्का सा पेक देके निकल गया रूम में”
 
मैं रूम में जाके फ्रेश होने गया और सोच सोच के दिमाग़ खराब हो गया. पायल बहुत ज़्यादा वियर्ड बिहेव कर रही है, शन्नो आंटी से इतना प्यार, फिर गुड नाइट किस… ये सब क्यूँ ?



मैं फ्रेश होके निकला और आके मोबाइल लिया हाथ में तो 10 मिस कॉल्स थे मेरे मॅनेजर के.. पूरे दिन में मैं उसे बताना ही भूल गया था कि मैं नहीं आउन्गा आज.. मैने सोचा कल सुबह को देखेंगे, और फिर सो गया…. पूरे दिन की थकावट तो थी ही, बट अभी कुछ 2 घंटे में दिमाग़ बहुत चलाया था…


मैं आराम से सो रहा था…. करीब 1.30 बजे मेरा मोबाइल बजा


मैं:- बोल डियर…


पायल:- दरवाज़ा ओपन करो



मैने जैसे ही दरवाज़ा खोला, पायल झट से अंदर आई और दरवाज़ा बंद कर दिया


“आपको विश्वास नहीं होगा जो मैने सुना है आज भाई” ये कहते वक़्त उसके चेहरे पे एक बहुत ही शैतानी मुस्कान और एक शिकन , दोनो थी
 
आगे कुछ अपडेट्स अब पायल की ज़बानी....


मैं:- अरे मेरे प्यारे भैया...कहाँ चल दिए, गुड नाइट किस तो देते जाओ यार


मैने जान बुझ के ये किया...क्यूँ कि जो चाल मैने शन्नो मामी को लेके सोची थी, उसके लिए ये बहुत ज़रूरी था...


जैसे ही भैया किस करने मुझे आए...मैने अपने गाल उनके गाल पे रखे, और तिरछी नज़र से त्रिमूर्ति को देखा..त्रिमूर्ति मतलब दो बहने और उनकी मा... बहनो का रिक्षन तो समझ आया.. शन्नो मामी कुछ जली हुई सी लग रही थी..पता नही क्यूँ, मुझे उनको देख के लग रहा था कि अपनी बेटियों से ज़्यादा उनके पिछवाड़े में आग लगी इस हरकत से


मैने भैया को छोड़ दिया और फिर वापस शन्नो मामी के साथ बातें करने लगी


मैं:- और मामी, क्या चल रहा है, सब ठीक?


शन्नो:- हां बेटे ऑल ईज़ ओके, तू बोल... तेरी फ्रीडम कुछ बढ़ा दी है तेरी मोम ने, उनसे बात करनी पड़ेगी कि तुझे काबू में रखे..मेरी बेटियाँ जैसे मेरे काबू में है....

ये कहके शन्नो मामी ने डॉली और ललिता की तरफ रोब की नज़र डालते हुए कहा


मैं:- काबू में तो खच्छर रहते हैं मामी..हम तो रेस के घोड़े हैं, अपनी मर्ज़ी से जीतते हैं और अपनी मर्ज़ी से जितवाते हैं


मेरा जवाब सुनके शायद मेरी बड़ी मामी , याने राज की मोम नेहा मामी को अच्छा नही लगा... उन्होने मुझे घूरते हुए चुप होने को कहा


मैं:- शन्नो मामी, आप बताओ , आपको ऐसा क्यूँ लगा मेरी फ्रीडम के बारे में..


शन्नो:- कुछ नहीं..बस तेरे स्टाइल से लग रहा है...ब्रॅंडेड कपड़े, अपनी गाड़ी..और अभी तो राज भी है तेरे साथ, तेरी तो फुल ऐश है


राज भाई का नाम सुनके मुझे अजीब लगा..इनको कैसे पता हमारी नज़दीकियों के बारे में..


खैर...हम यूँही एक दूसरे की मार ही रहे थे तभी मेरे दोनो मामा आ गये और मैं उनसे मिलके बातें करने बैठ गयी..


मैं:- मामा जी, आज तो व्रत है आपका..रात को गेस्ट रूम में सोना है आपको


छोटे मामा, याने विजय... कोई बात नहीं बेटे, आज पेट भरा हुआ है वैसे भी, तेरी मामी तेरे हवाले 


इन दोनो पति पत्नी की बात सुनके मुझे यकीन आ गया हराम्पन्ति फुल भरी हुई है दोनो में...


थोड़ी देर बाद हम खाने बैठे और खाते खाते 11 बज गये...तभी डॉली ने कहा


"राज भाई भी थक गये...काश कल की तरह आइस-क्रीम खाने जाते" मुझे देख के बोली और अपनी मिड्ल फिंगर दिखाई


"उसपे रिक्ट करने से पहले मैने सोचा, राज भाई ने मुझे क्यूँ नही बताया आइस-क्रीम के बारे में"


मैं सोच रही थी और तभी

नेहा मामी:- बेटे, क्या सोच रही हो..खाना खाओ


"जी मामी" मैने कहा और खाना फिनिश करने लगी... खाना फिनिश करके मैं सीधे शन्नो मामी के रूम में गयी, और पीछे देखा तो कोई नही था... मैं तुरंत दरवाज़ा बंद करके रूम की तलाशी लेने में लग गयी... आधे घंटे तक मैं रूम में तलाशी करती रही कि तभी दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आई...


शन्नो मामी:- खोलो , दरवाज़ा क्यूँ बंद किया.. खट खट खट


"जी मामी एक मिनट" मैने कहा और कुछ सेकेंड्स के बाद रूम खोला


"सॉरी मामी.. ज़रा फ्रेश होने गयी थी.बट मैं रात के कपड़े ही नहीं लाई हूँ, इसलिए वापस यही कपड़े पहने*


शन्नो मामी:- कोई बात नही बेटे..मैं डॉली की नाइटी लाई हूँ, आज वो पहनो...


नाइटी देखके मैने सोचा..ऐसे कपड़े पहनेगी तो लोग चोद के फेंक ही देंगे ना...पता नही पैसों के साथ क्लास क्यूँ नही आया इसमे..एक तरफ राज और नेहा मामी हैं , और एक ये, मा बेटी सेम चाय्स... थर्ड क्लास..


"क्या हुआ बेटे" लो ना...


"ओह...हां आंटी, थॅंक्स, कुछ सोचने लग गई मैं


"थोड़ा दिमाग़ को आराम दो बेटी, पूरे दिन आज थक गयी होगी ना" ताने की टोन में शन्नो बोली


"जी!??


"ऑफीस के काम करके बेटे" शन्नो बात बदल के बोली..
 
मैने कुछ नहीं कहा और नाइटी पहन्के बाहर आई... फिर मेरे बाद शन्नो मामी चेंज करने गयी और कुछ देर में वो भी आ गयी..


मैं उनको देखती रह गयी... क्या चुचे थे, एक दम कड़क, उपर से सिल्क नाइटी में जो घुटनो तक आ रही थी, उसमे बिल्कुल नहीं लग रहा था कि ये औरत शादी शुदा है... क्या जांघे थी..ऐसा लग रहा था मानो तंदूरी लेग पीस पड़ा है सामने..वो भी एक दम लाल...


जैसे ही वो बाल बनाने पलटी.. उफ़फ्फ़!! क्या गान्ड थी..लड़की ना होके मैं लड़का होती तो रेप कर डालती, ऐसी गान्ड के होते हुए भी भैया ने आज तक नही मारी...क्या लायल्टी है मेरे प्रति उनकी, मैने सोचा.


मैं बेड पे लेट गयी और थोड़ी देर में मामी भी आके लेट गयी मेरे पास..


मामी:- अच्छा पायल, कितने बाय्फ्रेंड हैं तेरे, कभी हमारे साथ भी शेर कर, पूरा दिन बस राज भाई राज भाई करती रहती है


मैं:- ( तेरी गान्ड बहुत जल रही है) क्या मामी...पुराने ख़यालात है आपके, हम तो नो कमिटमेंट वाले हैं..कोई बाय्फ्रेंड नही, कोई लफडा नही


मामी:- हां, पता है, कितनो को आज तक आधे रास्ते में उतारा है तूने..तेरा फिगर तो अच्छा मेंटेंड है, कोई मर्द नही मिला लगता है,


एक तरफ मैं हैरान थी ऐसी बातें शन्नो मामी के मूह से सुनके...बट एक्सपेक्टेड था मुझे ये, मैं तैयार थी जवाब देने को..


मैं:- सही है आंटी...पूरे शहेर के मर्द तो आप की बेटियों के पीछे हैं, हमे कौन देखेगा..क्या खिलाती हैं आप उनको...


ये सुनके गान्ड में जैसे मिर्ची का तड़का मारा हो वैसी शकल हो गयी मामी की...


कुछ देर जवाब ना आने पर, मैने फिर कहा "अच्छा, उन्हे छोड़िए...आप बताइए क्या खाती हैं, आप की भी तो जवानी उभर रही है इस उमर में"


इतना तीखापन शायद बर्दाश्त नही हुआ और जवाब दिए बिना शन्नो मामी मेरी तरफ पीठ करके पलट गयी

मैने भी सिंपल "गुड नाइट मामी...स्लीप वेल" ऐसा कहा और फिर खुद भी सो गयी


करीब 1 बजे दरवाज़ा खुलने और बंद होने की आवाज़ से मेरी नींद खुली...देखा तो बाजू में मामी थी ही नहीं...


मैने सोचा, ये इतनी रात को कहाँ गयी... मैं भी उठके धीरे धीरे उनके पीछे जाने लगी..और एक जगह जाके रुक गयी..


करीब आधे घंटे अंदर की बातें सुनके मैं हैरान हुई, परेशान हुई राज भाई के लिए...


फिर कुछ सोचके मैं हंस कर भाई के रूम में भागी...


"खट खट " धीरे से मैने दरवाज़ा नॉक किया... जल्द ही राज भाई ने दरवाज़ा खोला और मुझे देख के कुछ हैरान हुए... Mऐने जल्दी अंदर जाके उनके रूम जा दरवाज़ा बंद किया... पलट के मैने कहा


"शादी मुबारक हो भाई".. मैने हैरानी के साथ कहा पर मैं कंट्रोल ना कर पाई और एक शैतानी मुस्कान चेहरे पे फेल गयी


ये देख भाई हैरान हुए...और एक दम चुप हो गये


शादी मुबारक हो भाई...मैने हैरान होके और फिर शरारती मुस्कान देके भाई को कहा


राज भाई:- क्या बोल रही है पायल...शादी, किसकी?


" मेरे प्यारे राज भाई की..और किसकी मेरे जानू," मैने आँख मारते हुए कहा


क्या बोल रही है पायल..सीधे बोल, ज़्यादा घुमा मत, भाई ने इरिटेट होके कहा


मैने उन्हे सब बातें बता दी...


राज भाई:- व्हाट? पायल तू सच बोल रही है? शन्नो आंटी ऐसा भी कर सकती है मैने कभी नही सोचा था


मैं:- और एक चीज़ देखो....आपकी आंटी के रूम से वाइब्रटर्स, डिल्डोस, पॉर्न सीडी भी मिली है..


राज भाई:- क्या बोल रही है? ये सब तो...


मैं:- वोई तो...ये सब डिल्डोस वाइब्रटर्स डॉली ललिता रूम में थे जब हमने उनका वीडियो उतारा था

हो ना हो...मुझे 100% यकीन है कि ये लोग आपको फसाना चाहते हैं, और मुझे आपके करीब आता देख इनकी जल रही है इसलिए मेरे साथ भी शायद कुछ करने का सोच रहे हैं..मैने एक ही साँस में बोल दिया


राज भाई:- पायल, लव, एक बात छुपाई है मैने तुझसे..


मैं:- बोलिए भाई...क्या है


फिर भाई ने मुझे सब बता दिया डॉली और ललिता के प्लान के बारे में.और कैसे उन्होने डॉली और ललिता से नज़दीकियाँ बढ़ाने की कोशिश की...उसी कोशिश में चुदाई भी कर डाली
 
उनका कन्फेशन सुनके मैं खामोश हो गई..कुछ समझ नही आ रहा था, भाई की बात पे क्या रिक्ट करूँ..दिमाग़ कुछ और बोल रहा था, दिल कुछ और..


राज भाई:- पायल, सॉरी डियर, मैं तुझसे बेवफ़ाई नही करना चाहता था, बट वो घड़ी ऐसी थी, वो वक़्त ऐसा था..मुझे तेरे लिए जो ठीक लगा मैने वो किया...प्लीज़ माफ़ कर दे मुझे


मैने कोई रिक्षन ना देते...कुछ कदम बढ़ा के भाई के बेड पे बैठ गयी


मैं:- सिगरेट है मेरे वाली?


फिर भाई से मैने सिगर्रेट लेके , एक पफ अंदर लिया, तब दिल ने दिमाग़ को हरा दिया


"भाई..अपनी पायल से दूर क्यूँ खड़े हो"...मैने बाहें फेला के कहा


ये सुनके राज भाई मेरी बाहों में बच्चो जैसे आ गये


"मुझे पता था तू मुझे माफ़ कर देगी मेरी शोना" भाई ने मुझे हग करते हुए कहा


"क्यूँ नहीं भाई, आप ने मेरी वजह से ये किया, तो इसमे क्या ग़लत है हाँ" मैने भाई के बाल सहलाते हुए कहा


"बट, अब तक कुछ ज़्यादा पता नहीं चला ना , आगे क्या करें यार" भाई ने कहा


मैं:- डोंट वरी माइ लव...मैं अपना स्टे यहाँ एक्सटेंड कर रही हूँ इधर..तब तक मैं और आप कुछ ना कुछ रास्ता निकाल लेते हैं


हम लोग ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में बैठे हुए थे...उस रात सेक्स से ज़्यादा हम पर एमोशन्स हावी थे...




एक तरफ मुझे डर था भाई से दूर होने का, दूसरी तरफ भाई परेशान थे कि मुझे क्या नुकसान पहुँचेगा इन सब में


उस वक़्त के लिए मैं सब कुछ भूलके बस भाई के पास ही रहना चाहती थी...


कुछ सेकेंड्स में भाई ने अपने आइफ़ोन में एक सॉंग प्ले किया जो हम दोनो का फेवोवरिट है


"यूँही तुम मुझसे बात करती हो...या कोई प्यार का इरादा है"...


माने उनकी आँखों में देखके फोन बंद करके कहा


"अदायें दिल की जानता ही नहीं...मेरा हमदम भी कितना सादा है"


इतना सुनके भाई ने फिर मुझे गले लगा लिया और बहुत ही टाइट हग करके कहा


"पायल...लव यू शोना.... मॅरी मी"


"अभी नहीं भाई...अभी तो इन लोगों की इनकी औकात दिखानी है" मैने हंस के कहा... और भाई भी हँसने लगे


मैं:- डोंट वरी भाई...आपकी पायल आपके पास ही आएगी.. जीते जी नहीं तो जान देके भी...इतना सुनके भाई ने मेरे होंठों पे हाथ रख दिया और कहा


"तेरे लिए मैं किसी भी हद तक जा सकता हूँ पायल...तेरी जान से पहले मैं अपनी जान दे दूँगा"


ये सुनके मेरी आँख में आँसू आ गये और मैं भाई से लिपट गयी....
 
हम थोड़ी देर ऐसे लिपटे रहे, कब आँख लगी पता ही नही चला... सुबह मेरी आँख खुली तो देखा 7.30 बज गये थे...मैं तुरंत भाई को अपने कंधे से हटा के बेड पे रख दिया और बाहर निकल गयी उनके रूम से....


जैसे ही मैं शन्नो मामी के रूम में वापस गयी तो वो सो रही थी... मैं तुरंत उनके बाजू में सोई, और फिर पाँच मिनट में उठके कमरे के बाहर खड़ी हुई..


जैसे ही मुझे नेहा मामी दिखी...


"गुड मॉर्निंग मामी" मैने उन्हे स्माइल देते हुए कहा


"गुड मॉर्निंग बेटे...स्लेप्ट वेल?" मामी ने पूछा


" हां जी मामी..शन्नो मामी कहीं बीच में जाने के लिए उठी, उससे नींद टूटी, बट फिर जल्दी वापस आँख लग गयी" मैने कहा


ये मैने इसलिए कहा क्यूँ कि शन्नो सुबह को सब के सामने ना बोले कि मैं कहाँ थी पूरी रात...


नेहा मामी:- क्या? कितने बजे हुआ ये बेटा


मैं:- करीब 1 बजे मामी


मेरी बात सुनके नेहा मामी परेशान हुई....


खैर, मैं फ्रेश होने गयी.और जैसे ही बाहर आई, पीछे से आवाज़ आई


"पूरी रात कहाँ थी तुम... शन्नो की आवाज़ आई


मैं पलट के कुछ बोलती उससे पहले नेहा मामी मेरे बचाव में आई


"ये तो वहीं थी तुम्हारे साथ, मैने खुद इसे तुम्हारे रूम से निकलते हुए देखा है... उल्टा तुम कहाँ थी, 1 बजे क्या करने उठी थी..बच्ची की नींद खराब हुई


शन्नो एक दम झेंप गयी..उसे समझ नही आ रहा था क्या जवाब दे.. उसकी ज़ुबान लड़खड़ाने लगी


"वो मैं..उह दीदी"


मैने इतना सुनके वहाँ से टीवी वाले रूम में जाके भाई को स्मस किया..


मैं:- नो ऑफीस टुडे प्लीज़.., गेम ऑन फ्रॉम नाउ... 


10 मिनट बाद भाई ने सिर्फ़ स्माइली भेजा..


मेरे स्मस के रिप्लाइ में भाई ने सिर्फ़ स्माइली भेजा..मैने उनका स्माइली हां के तोर पे स्वीकारा...


स्मस करके मैं तुरंत नहाने चली गयी और नहाते वक़्त मैने बहुत अच्छी तरह से अपनी चूत के बाल भी उतारे, बगल में भी ध्यान रखा और नहा के मेरा फेव पर्फ्यूम छिड़क के बाहर आई..मेरे पास रात वाले कपड़े ही थे सो वो पहन्के ही बाहर आई


"अरे बेटी, ये कपड़े क्यूँ पहने, डॉली के ले लेती, या ललिता के भी हैं" नेहा मामी ने कहा


मैं:- नहीं मामी, अभी राज भाई ऑफीस के लिए जाएँगे ना, उनके साथ मैं घर जाउन्गि...और अपने कपड़े वहाँ से ले आउन्गि"


"मामी...मैं कुछ दिन और रुक जाउ यहाँ पे प्लीज़" मैने एक दम पप्पी फेस बना के पूछा


"ओफ़कौर्स डियर...तुम्हारा घर भी है ये...इसमे पूछना क्या... अब चलो तुम नाश्ता खाने बैठो मैं राज को उठाके आती हूँ"


"ओके मामी.." मैं कहके डाइनिंग टेबल पे बैठ गयी..


थोड़ी देर में शन्नो मामी नाश्ता लेके आई


शन्नो:- लो, नाश्ता करो..दिमाग़ बहुत चलाती हो तुम, खाए बिना दिमाग़ नही चलता, आराम से नाश्ता खाओ


मैं:- आप भी तो बैठो, मेरा दिमाग़ भी आज कल आपको ही फॉलो कर रहा है मामी जी...मैने आँख मारते हुए कहा


शन्नो मुझे घूर घूर के देखने लगी, और दाँत पीसते हुई बोली... "मज़ा आएगा तेरे साथ खेलने में"


"अभी तो खेल शुरू ही कहाँ हुआ है मामी जी...आप चाहें तो शुरुआत करते हैं दोपहर को मेरे घर से...देखते हैं तिलों में कितना तेल है" मैने भी एक दम रुबाब से जवाब दिया


मेरा जवाब सुनके शन्नो चली गयी और राज भाई नीचे आके बोले


"क्या हुआ, अभी तो तूने मना किया ऑफीस जाने को..अभी मम्मी को कुछ और बोली"


"भाई, कितनी लीव्स लोगे आप..चलो रेडी हो जाओ और मुझे घर ले चलो, मैं वापस अपनी कार में आ जाउन्गि...जल्दी करो अब चलो भी" मैने भाई से कहा


राज भाई बोले बिना कुछ फ्रेश होने चले गये और मैं नाश्ता खाने लगी... 10 मिनट के बाद भाई आके नाश्ता करने बैठे मुझसे बिल्कुल बात नहीं कर रहे थे..


"डोंट बी नाराज़ भाई प्लीज़...अब लो पहला बाइट मेरे हाथ से खाओ, चलो मूह खोलो" मैने भाई के पास जाते हुए कहा


"उम्म्म्म.. यम्मी ना मस्त भाई" मैने पूछा


"राज भाई:- ह्म्म...तेरे हाथ से सब टेस्टी ही लगेगा स्वीट हार्ट, धीरे से बोले


मैं वापस आके अपनी जगह पर बैठ गयी और खाते खाते हम बातें करने लगे
 
नाश्ता फिनिश करके भाई नहा के रेडी होने गये और मैं किचन में चालू गयी


मैं:- तो आज का क्या प्लान है मामी... मैने शन्नो से पूछा


शन्नो:- कुछ नहीं, बस एक जगह किसी की हेकड़ी उतारने जाना है...


मैं:- ध्यान रखना, इस उमर में कहीं आपकी साड़ी ना उतर जाए, हेकड़ी तो दूर की बात है


शन्नो:- तू उसकी चिंता ना कर, खुद को संभाल...


मैं सिर्फ़ इतरा के बाहर आ गयी, और नेहा मामी से बातें करने लगी.. बातों बातों में टाइम गुज़र गया और राज भाई भी रेडी हो गये ऑफीस के लिए... हम दोनो ने घरवालों को बाइ कहा और गाड़ी में निकल गये...


"अब बताओगि, क्या हुआ अचानक से" भाई ने गाड़ी ड्राइव करते पूछा..


मैं:- कुछ नहीं मेरे प्यारे भैया...आप क्यूँ इतना लोड ले रहे हो.. ध्यान से गाड़ी चलाओ, ऑफीस में काम करो, और इंडोनेषिया की शॉपिंग पे चलना है, वो लिस्ट रेडी करती हूँ मैं, ओके?


हां बोलके हम मेरे घर के पास आ गये और मैं गाड़ी से उतरने लगी..तभी फिर गाड़ी के अंदर जाके


"भाई...यू आर दा बेस्ट इन दिस वर्ल्ड..ये बोलके मैने उनके गालों पे किस की और निकल गयी घर के अंदर जाने के लिए


मैं जल्दी से अंदर गयी घर को अनलॉक करके..सब से पहले मैने बाथ टब में जाके खुद को अच्छी तरह सॉफ किया, और नहा के अपने रूम में आके अपने कपड़े निकाले जो मुझे राज भाई के घर ले जाने थे...


मैने एक से एक टाइट जीन्स, शॉर्ट्स, लूस टॉप्स, सेक्सी ब्रा पैंटी लिए...


फिर एक मिनी निकालके मैने पहन ली और नीचे जाके जूस पीने लगी... जूस पीते पीते मैं सुबह शन्नो के साथ हुई बातचीत के बारे में सोचने लगी... सोचते सोचते मैने सिगरेट जलाई और दिमाग़ को थोड़ा रिलॅक्स किया..
 
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