Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें - Page 15 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें

जैसे ही पूजा ने मुझे अपनी तरफ घुमाया, मैं उसके बाल पकड़ के उसके होंठों की तरफ बढ़ा..

मेरे कमरे में पूजा के आने से ये साबित होने लगा था, ये कुछ भी कर सकती है मेरे कहने पे... पर मैं इसे मेरे रूम में नहीं, बल्कि इसकी मा के सामने चोदना चाहता था... फिलहाल जो है उसी से काम चला लेते हैं.... ये सोच के मैं अपने होंठ पूजा के होंठ की तरफ बढ़ा रहा था.....

जैसे जैसे हम नज़दीक आ रहे थे, दिल में बार बार पायल का ख़याल आ रहा था... मैने उससे वादा किया था, मैं किसी के साथ भी नहीं बनाउन्गा जिस्मानी रिश्ता... पर उस वक़्त मैने ज़्यादा सोचे बिना, मैने अपने होंठ पूजा के होंठ से मिला लिए...


"उम्म्म्म...... एउम्म्म्ममममम... ेउउम्म्म्ममम.... अहह.... ओह्ा हाहहहामम्म्ममममममम उम्म्म्ममममममममम.... अहहहहहहहहा....उम्म्म्म..... किस मे हार्ड ना आहहहहहा.... किस मे मोरे ना बाबययययययययययययययी अहहहहहहहहहा......अहहहहहहा उम्म्म्ममम उम्म्म्मममम,...
मवाहाहहहहहा उम्म्म्ममममममममम.........." 

मैं सिर्फ़ येई बोल पा रहा था........


पूजा और मैं एक दूसरे के जिस्म में समाने लगे थे.... हमे बिल्कुल होश नहीं था वक़्त का और ना ही परवाह थी किसी के आने की....हम एक दूसरे के होंठों को चूसे जा रहे थे.. उसके वो लाल लाल होंठ मुझे पागल बना रहे थे.. उसका वो चेहरा, भर भर के उसपर से वासना टपक रही थी....मैने पूजा को उल्टा घुमा लिया और धीरे धीरे उसकी गर्दन पे अपनी जीभ फेरने लगा... इससे पूजा एक दम मदहोश हो गयी...

"उम्म्म्मममममममम........ अहहहहहहहह यूआर फक्किंग गुड अट दिस .... आआहहाहहाहा सीसिसीसीईईईईई.... उम्म्म्म यआहहहहहहा...." 

पूजा बहेकने लगी थी.... मैने ज़्यादा देर ना करते हुए, उसकी नाइटी का टॉप खोल लिया और वो अब सिर्फ़ अपनी ब्रा में आ गयी थी... उसके वो 34 साइज़ के चुचे देख मेरा लंड भी अपनी औकात पे आ गया था... मेरा लंड उसकी गान्ड में घुसने को फनफना रहा था.... उसे इस हालत में देख मैने भी अपनी टी शर्ट उतार फेंकी...



मैं अपनी उंगली उठा के उसके मूह के पास लेके गया... पूजा ने बिल्कुल देरी ना करते उसको चूसना चालू कर दिया.... धीरे धीरे में अपनी उंगली उसके 
मूह के नीचे उसके चुचों के पास ले गया.. उसकी क्लीवेज बिल्कुल किसी गहरी घाटी जैसी लग रही थी... उसके चुचों के पास जाके, उसकी ब्रा के उपर से मैं उसके चुचे मसल्ने लगा

"उफफफफफफ्फ़!!!!! अहहहहहा सीसीसिसीसिस..... इन्हे उपर से ही मस्लोगे या चूसना भी चाहोगे यययययययययययययी अहाहहाहहाहहहाआ........"

ये कहके पूजा मुझसे अलग हुई और मेरे सामने आके खड़ी हो गयी... उसके बाल बिखरे हुए थे, उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी, वो धीरे से अपने होंठों पे ज़बान घुमा कर मुझे ललचाने लगी, और एक ही झटके में उसने अपनी ब्रा अपने शरीर से अलग कर दी.... 

पूजा मुझसे कुछ कदम की दूरी पे सिर्फ़ एक सिल्की पैंटी में खड़ी थी, उसके चुचे मुझे पागल कर रहे थे, उसके सफेद चुचों पे उसके लाल लाल निपल्स देख के मेरे मूह में पानी आने लगा था... मैं धीरे धीरे उसके पास बढ़ाने लगा, हर बढ़ते कदम के साथ मेरे ट्रॅक पेंट में मेरा लंड फड़फड़ा रहा था.. आज मेरा लंड कुछ ज़्यादा ही आकड़ा हुआ था, पूजा उस वक़्त ऐसी हालत में थी, उसे देख के किसी नपुंसक का लंड भी साँप की तरह फन उठाए...

मैं जैसे ही पूजा के करीब पहुँचा, पूजा ने झुक के मेरा ट्रॅक पॅंट और मेरा अंडरवेर एक ही झटके में उतार दिया... हम दोनो पे वासना इस कदर सवार हो चुकी थी कि कपड़े उतारने में और कपड़े फाड़ने में कोई अंतर ही नहीं रहा था.. जैसे ही पूजा ने मुझे नीचे से नंगा किया, मेरा 7 इंच का लंड जो एक दम टाइट हो चुका था उसके मूह के सामने आ गया... पूजा मेरे लंड को इस कदर घूर रही थी जैसे शिकारी अपने शिकार को गोली मारने से पहले देखता है.... पूजा ने मेरा लंड मुठिया लिया और मेरी आँखों में देखते देखते मेरे लंड को हिलाने लगी...

हम दोनो एक दूसरे को आँखों में देख रहे थे, और पूजा धीरे धीरे मेरे लंड को सहला रही थी.. देखते देखते उसने मेरे लंड को हिलाने की स्पीड तेज़ कर दी...

"उहह अहहहहहहहहह.... ओमी गावद्द्दद्ड.द......... अहहहहहाहाः.... ज़ोर से हिला ना मेरी रानी अहहहहा सीसिसीसीसीसीसिससिईस"

मुझे ऐसे मज़े में देख पूजा ने मेरे लंड को हिलाना बंद कर दिया अचानक से.... जब मैने उसे सवालिया नज़रों से देखा तो उसने एक शरारत भरी मुस्कान दी, और अपनी जीभ मेरे लंड के सुपाडे पे घुमाने लगी... उसकी जीभ मेरे लंड के सुपाडे पे पड़ते ही मैं अपने मज़े को कंट्रोल ना कर पाया...


"आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..... ओह.....उम्म्म्ममममम उम्म्म्मम...... सीसीसिसीसीसिस अहहहहहहहहहहहाहा...."

मैं मज़े में आके चिल्लाने लगा था.. मुझे ऐसे देख पूजा ने धीरे धीरे मेरा लंड अपने मूह में ले लिया... मुझसे रहा नहीं गया, मैने उसके बाल पकड़ के अपना लंड पूरा का पूरा उसके हलक में उतार दिया.... पूरा लंड वो ले नहीं पाई शायद और खाँसने लगी.....मैं अपना लंड उसके मूह से निकालने लगा, पर उसने मेरा लंड नहीं छोड़ा और लंड अंदर बाहर करने लगी... 

ये देख मैं भी जोश में आ गया और उसके बाल पकड़ के उसको माउथ फक देने लगा.... जैसे ही मैं लंड बाहर निकालता, उससे कहीं ज़्यादा तेज़ी से मैं लंड उसके मूह में वापस घुसा देता... इस तरह उसने मेरे लंड को लिया हुआ था, कि सिर्फ़ मेरे टटटे ही बाहर थे, एक इंच भी लंड का उसने बाहर नहीं रखा था



कुछ देर तक ब्लोवजोब देने के बाद पूजा खड़ी हुई और मेरा हाथ पकड़ के मुझे अपने बेड पे ले जाने लगी...... 

जैसे ही हम बेड के पास पहुँचे, पूजा ने मुझे बेड पे धक्का देके सुला दिया और अपनी पैंटी उतार के अपनी चूत को मेरे उपर ले आई... उसकी चूत एक दम पनिया चुकी थी, उसकी चूत के लाल होंठ किसी गुलाब की पंखुड़ी की तरह लग रहे थे और मुझे पागल करे जा रहे थे, उसकी चूत पे एक बाल ना था... जैसे ही मैं अपनी जीभ उसकी चूत के पास ले गया, एक बहुत ही मादक खुश्बू आ रही थी वहाँ से.... मैने जैसे ही अपनी जीभ उसकी चूत पे रखी, पूजा जैसे नशे में आ गयी 
और आवाज़ करने लगी..

"उम्म्म्ममम..... अहहहहहहहहहहहाः...... सुन्न्नयययययययययययययययययययययी अहहहहहहहः सीईईई..... चाटो ना मेरी चूत को अहहहहहा......"

पूजा की तरफ से प्रोत्साहन पाके, मैं उसकी चूत पे अपनी जीभ से हमला करने लगा था... और तेज़ी से उसकी चूत चाटने लगा..

"उम्म्म्मम अहहहहाः यस बेबी अहहहहः... सक हार्ड जान अहहहहहा.. अहहहहा यआःहहहहहाः यआःाहहहा ओह अहहहहहहा
आहहहहहहा... और तेज़ी से चाटो ना आहहहाहाहहाहहा...."

कहते कहते पूजा ने भी मेरे लंड पे अपनी जीभ घुमाना शुरू कर दिया... मेरे लंड पे उसकी जीभ का अनोखा जादू चल रहा था..

पूजा और मैं 69 पोज़िशन में आ गये थे.. फरक ये था, पूजा ने मेरे लंड को अपने मूह के बदले अपने हाथ में लिया हुआ था और मैं उसकी चूत को किसी कुत्ते की तरह चाटे जा रहा था...

"उम्म्म उम्म्म्मम सुक्ककककककककक सुम्म्म्मममम अहहहहः उम्म्म्ममम..... छापाप छापप्प्प औआहहाहहः.... उम्म्म्म अहहहहहहा....."

उसकी चूत चाटने के अलावा मुझे रूम में कोई आवाज़ सुनाई नही दे रहा था..... पूजा मज़े में अपनी आँखें बंद किए मेरे लंड पे धीरे धीरे हाथ घुमा रही थी..... धीरे धीरे पूजा बोलने लगी..

"उम्म्म्म अहहहहः ... उम्म्म्मम अहहहहा अहाहहा.... इसे चोदो ना, अब इसका भी ख़याल करो ना.. अहहहहहा मेरे सैयाँ अहहहहः"

ये कहके पूजा ने अपनी चूत हटा के अपनी गान्ड का छेद मेरे मूह के पास ला दिया... उसकी गान्ड का छेद उसकी चूत से ज़्यादा लाल था... कुछ भी सोचे बिना मैं उसकी गान्ड को चाटने लगा.... 

"स्लूरप्प्प्प्प्प स्लूरप्प्प्प्प्प्प्प्प आहहहहहाहाहा सीसीसिसीसिससीई... उम्म्म्म..... अहहहहहा यआः फक मी आहहहहः यॅ अजजजजाजजज्जज्जजा.... लव यू डार्लिंग अहहहहहहहाहाहा...... अहहहाआ ... और चोदो ना मेरी गान्ड को अहहहहहहा...... हाहहहहा मेरी जानेमन अहहहहहा तुझे हिचोदुन्गा अहहहहा मेरी रंडी कहीं की अहहहहहहा...." 

मेरे रूम में उस वक़्त हमारी ये बातें गूँज रही थी... अगर कोई बाहर खड़ा होता तो उसे आराम से पता चल जाता अंदर क्या कांड हो रहे हैं...
 
हम लोग पसीने में लत पथ हो गये थे... पूजा की चूत और गान्ड चाटने के बाद मुझसे रहा नहीं गया , मैने उसे अपने उपर से हटने का इशारा किया... पूजा उस वक़्त तो उपर से उठ गयी, पर अगले ही पल में वो मेरी तरफ चेहरा घुमा के मेरे होंठों को सक करने लगी...

"उम्म्म्मम अहहहः उम्म्म्मम यूम्ममय्ययी अहहहहहहा अहहहाहा... अहहहहा आइ लव यू लॉट बेबी अहहहहहहा..... प्लीज़ फक मी नाउ..अहहहहा.... फाड़ डालो ना मेरी चूत को अहहहहहह.... ये कहके पूजा ने अपनी चूत को मेरे लंड पे सेट कर लिया और उपर नीचे होने लगी... 

"फ़ाचह फ़ाचह... उम्म्म्म अहहहहहहा.... यआहहा अहहहहहहः ओह सीईईईईई.... अहहाहाहा माइ फक्किंग अहहहहहहहहहाआ.... उम्म्म्मम, और ले ना मेरी जान अहहहाहहः... आइ लव यू टू पूजा अहहहहाहहः.... अहहाहा सुनयी अहहहहहः चोदो ना और अहहहहहहाः हननननाना और ज़ोर से अहहहहा....." हम लोग पागल हो चुके थे...

इतनी देर के बाद भी हम में से कोई नहीं झाड़ा था.... हम दोनो थक तो चुके थे, पर हम रुकना नहीं चाहते थे... हम पूरी तरह उस वक़्त के मज़े लेना चाहते थे... इसी कारण से मैं बेड पे सोने की पोज़िशन में आ गया और पूजा भी मेरे लंड से हटे बिना अपना एक हाथ पीछे ले गयी सपोर्ट के लिए और एक हाथ अपने बिखरे हुए बालों में घुमाने लगी..




मेरे कमरे का हर एक कोना हमारी चुदाई का गवाह बन चुका था.. "चईए चईए कछुउऊउ छुउऊ" अब तो बेड से भी आवाज़ आने लगी थी....

पूजा उछल उछल के चुदवा रही थी और मेरा लंड भी फुल स्पीड में उसकी चूत के अंदर बाहर चल रहा था... आज मेरा लंड एक पिस्टल की तरह चल रहा था.. पिस्टल एक दम ग्रीस्ड थी, लेकिन गोली निकल ही नहीं रही थी... शायद आज मेरे लंड ने भी ठान ली थी, जब तक पूजा नहीं झडेगी तब तक वो भी नहीं निकालेगा अपना माल....

हम लोग चुदाई में लगे हुए थे, तभी मैने पूजा को पोज़िशन बदलने का इशारा किया.. आज पूजा मुझे डॉमिनेट करना चाहती थी, पोज़िशन बदलने के बाद भी वो मेरे उपर ही थी, पर इस बार उसका मूह मेरी उल्टे दिशा में था.. उसकी पीठ मेरे चेहरे के सामने थी... 

ऐसी पोज़िशन में आके पूजा ने मेरे पैर पकड़े अपने दोनो हाथों से और मेरे लंड पर सिर्फ़ बैठ गयी... पीछे अपने चेहरा घुमा के उसने मुझे इशारे से चोदने को कहा... अभी मेहनत करने की बारी मेरी थी.... हम दोनो की हालत तो खराब थी, पर बात अब इज़्ज़त पे आ चुकी थी, हम दोनो में से पहले कोई नहीं झड़ना चाहता 
था... इसलिए मैने भी उसकी चूत मारना चालू किया. उस पोज़िशन में स्पीड थोड़ी धीमी थी पर मज़ा हम दोनो को आ रहा था...




इतनी देर के सेक्स में, ये पहली बार थे जहाँ हम दोनो मज़े ले रहे थे.. लंड एक दम धीरे धीरे चूत के अंदर बाहर हो रहा था... मैने अपना सर उँचा कर के देखा तो पूजा आँखें बंद किए हुए मज़े में गुम हो गयी थी... 

इस हालत में देख मैं अपने हाथ आगे उसके चुचों पे ले गया और उसके चुचे धीरे धीरे मसल्ने लगा... दोहरे प्रहार से पूजा का मज़ा दुगना हो गया..

"उम्म्म्म अहहाः ... कितना अच्छा चोद्ते हो तुम अहहहाहा.... उम्म्म्मम..... आइ लव यू .... प्लीज़ मॅरी मी ना आहाहहहहा.... अब और रुका नहीं जाता इस लंड को अपने अंदर हमेशा के लिए लेने को.... अहहहहहः और चोद ना मेरे होने वाले पति अहहहहहाहा...."


"ह्म्‍म्म्मम अहहहहहः.... और देरी क्यूँ मेरी बीवी अहहहहा.. जब दिल हो तब आ जाना ना इस लंड के नीचे अहाहहाहा....." मैं मज़े में आके उसका साथ दे रहा था....

"अहहहहः...नहीं ना अहहहहा..... शादी के पहले चुदवाना अहहहहहहा.... और नहीं अब अहहहहा.... शादी के बाद ही दूँगी अब तुम्हे अहहहहः...मेरे पति अहहहाहा मेरे आ अहहहहाहा.... अपनी दासी बना के रखना हमेशा के लिए अहहहहा....."

पूजा की इन बातों पे मैने फिलहाल ध्यान नहीं दिया और चोदना चालू रखा..... जब मुझे लगा मेरा लंड झड़ने वाला है, मैने पूजा की चूत से अपना लंड निकाला और उसकी चूत में जीभ ज़ोर ज़ोर से फिराने लगा.. मैं चाहता था मेरा झड़ने से पहले वो झाड़ जाए... 

ये एक मानसिक जीत मैं हासिल करना चाहता था.... मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत पे जीभ फेरने लगा और पूजा ने भी देरी ना करके मेरा लंड अपने मूह में ले लिया.... जब मुझे लगा वो अभी और वक़्त लेगी, मैने एक उंगली उसकी चूत में और एक उंगली उसकी गान्ड के छेद में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा..

"अहाहहाहहहहाहाः धीरे आहहहाः अफ..... अहहहहाहहाहह धीरे चोदो ना अहहहाहा...." पूजा चिल्लाने लगी....

मैं उसकी बात को अनसुना करते हुए ज़ोर ज़ोर से उंगली अंदर बाहर करना चालू रखा... पूजा शायद जान चुकी थी कि मैं क्या चाहता हूँ, इसलिए उसने भी अपने मूह से मेरा लंड निकाल के मेरे लंड के सुपाडे पे अपनी जीभ फेरना चालू किया... मैं मज़े में पागल सा हो रहा था.. 

मेरा लंड झटके खाने लगा और मेरा पूरा शरीर अब पूजा के बस में आ चुका था.. शायद पूजा का शरीर भी अब अकड़ने लगा था, और वो भी अब तेज़ी से अपनी चूत को मेरे मूह पे रगड़ने लगी....

कुछ सेकेंड्स में एक शांति सी छा गयी रूम में... पूजा मेरे उपर ही लेट चुकी थी.. उसके पैर खुले हुए थे और उसकी चूत मेरे मूह के सामने..

उसके बिखरे खुले बाल, उसकी नंगी पीठ.... मेरा लंड उसके मूह के बाहर था.... हम दोनो एक साथ झाड़ चुके थे.. मुझे इस बात की खुशी थी कम से कम मैं पहले नहीं झाड़ा... पर आज पूजा को चोदने का जो मज़ा मिला था, वो मुझे डॉली और पायल की चुदाई करके भी नहीं मिला था....

करीब 5 मिनट बाद पूजा अपने बालों को ठीक करके मेरे उपर से उठी, और आके मेरे पास लेट गयी.. उसकी साँसें अब भी उखड़ी हुई थी.... उसने अपनी टूटी हुई साँसों से मुझे देखते हुए कहा...

"उहहहहहः... सॉरी ... हाहः हाहहा..."

उसका सॉरी सुनके मुझे बहुत अजीब लगा, मैं खुद को रोक नहीं पाया और उससे पूछा

"क्यूँ पूजा.. सॉरी क्यूँ" मेरी आवाज़ में भी वो कमज़ोरी थी.. मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी... 

ये सवाल पूछ के मानो मैने कोई बहुत बड़ी ग़लती कर दी हो... इस सवाल के बाद काफ़ी लंबी खामोशी थी... 

उस खामोशी के दौरान हम लोग अपने दिल की तेज़ धड़कनो को भी सुन सकते थे... हमारी टूटी हुई साँसें इस बात का सबूत थी कि आज हम ये भी भूल चुके थे कि हम कहाँ है...

"क्या हुआ पूजा.. बोलो तो.... सॉरी क्यूँ " मैने ज़ोर देते हुए पूछा..

पूजा फिर खामोश हो गयी... उसने अपना मूह दूसरी तरफ फेर लिया.. कुछ सेकेंड्स में पूजा उठ के अपने कपड़े पहनने लगी और रूम के बाहर निकल गयी..

पूजा तो चली गयी.. पर मेरे मन में छोड़ गयी कई सारे सवाल....

"आख़िर सॉरी क्यूँ कहा पूजा ने" मैं खुद से पूछने लगा...
 
घड़ी में रात के 3 बज रहे थे.. मेरा और पूजा का खेल करीब 1.30 घंटा चला था.. मुझे खुद पे गर्व था, इतनी देर तक मैं पहली बार सेक्स कर पाया था... लेकिन खुशी के साथ एक अजीब सी असमंजस भी था... मेरे मन में बार बार ये ख़याल आ रहा था कि आख़िर पूजा ने सॉरी क्यूँ कहा...

मैं ना चाहते हुए भी बार बार पूजा के बारे में सोच रहा था.. मेरा दिमाग़ और ज़्यादा खराब हुआ जब मुझे ख़याल आया कि सेक्स के वक़्त पूजा ने ऐसा क्यूँ कहा कि अब वो सिर्फ़ शादी के बाद ही चुदवायेगि... आइ मीन, उसको क्या फरक पड़ता था, मैं जितना उसके करीब आउन्गा वो उतना ही करीब पहुँचेंगे अपनी मंज़िल के, फिर भी उसने क्यूँ मना किया.. 

ये सब सवालों के जवाब मिलना बहुत ज़रूरी थे मेरे लिए.. मैं ये सब सोच ही रहा था तभी मेरे मोबाइल पे एसएमएस आया... मैने जैसे ही स्मस का टोन सुना, कई ख़याल दिल में आए.. 

"काश ये पायल का मसेज हो.. काश ये पूजा का हो, उसने कुछ लिखा हो सॉरी क्यूँ कहा.." ये सोचते सोचते जैसे ही मैने मोबाइल देखा तो सब अरमानो पे पानी फिर गया.. मसेज मेरे भाई ज़य का था...

"ब्रदर... कमिंग बाइ टुमॉरो फ्लाइट.. प्लीज़ पिक मी अप अट दा एरपोर्ट."

ज़य मेरा छोटा भाई था... बंगलोर में अपना पोस्ट ग्रॅजुयेशन कंप्लीट करने गया था.... कितने दिनो से मैने उससे बात नहीं की थी.. इन सब बातों में भूल ही गया था मेरे छोटू को मैं.... मैने तुरंत उसे कॉल बॅक किया..

"बोल छोटू... किधर है, अभी इतना लेट स्मस क्यूँ, सोया नहीं क्या अब तक" मैने उसे बोलने का मौका तक नहीं दिया, उससे बात करके मैं बहुत खुश था..

"भाई... आप ना छोटू मत बोलो यार, आप से सिर्फ़ 3 साल ही छोटा हूँ... और आप तो जानते हो हमारे कॉलेज को, इनको जब मूड होता है तब लेक्चर रखते हैं"

मैं:- अच्छा भाई, बता, कल क्यूँ आ रहा है, वाकेशन है क्या...

ज़य:- भाई, स्कूल में नहीं हूँ मैं यार, वाकेशन नहीं देते ये लोग... हमारी बॅच इंडस्ट्रयल विज़िट पे आ रही है कल और जहाँ हमे विज़िट करनी है, वो तो मेरा होम टाउन है.. इसलिए मैने पर्मिशन ली है कॉलेज से... दो दिन के बाद मैं अपनी बॅच को जाय्न करूँगा और बॅक टू बेन्गलुरु..

"बॅक तो बेंगलूर..." उसने इतने उत्साह के साथ कहा था, मैं सोच रहा था ये साला घर से दूर रहके कितना खुश है... पर इस बात की खुशी थी कि मेरा छोटू इनडिपेंडेंट है...

कुछ मिनट तक बात करते रहे तभी ज़य ने पूछा..

"भाई.. आप क्यूँ जाग रहे हो इतनी देर... कुछ प्राब्लम है क्या"

मैं:- क्या प्राब्लम होगा , नींद नहीं आ रही थी पता नहीं क्यूँ..

ज़य:- भाई, मैं आपको बहुत अच्छे से जानता हूँ, आप टाइम टू टाइम सोने वाले, किसी के लिए अपनी नींद नहीं बिगाड़ो, ऐसे जाग रहे हो, कुछ तो लोचा है

(अब मैं इसे क्या बताता. यहाँ पे क्या क्या हो रहा है...")

मैं:- कुछ नहीं मेरे भाई.. तू कुछ मत सोच, अपने लेक्चर में जा, कल आ जाउन्गा तुझे लेने..

ज़य:- मत बताओ बस.. चलो बाइ, कल दोपहर को 2 बजे आना..

हमारी बात ख़तम हुई पर मुझे अभी भी नींद नहीं आ रही थी... मैं थोड़ा फ्रेश हुआ, रूम की हालत ठीक की, और नीचे जाने का सोचा.. मैं जैसे ही नीचे पहुँचा मेरा दिमाग़ फिर सब कुछ सोचने पे मजबूर हो गया.. 

नीचे लिविंग रूम में पूजा सोफा पे बैठी थी... शायद रो रही थी अपना मूह अपने हाथों में छुपा के.. रूम में सिर्फ़ एक छोटा कॉर्नर लॅंप जल रहा था जो सोफा के पास था.. रोशनी में मुझे सॉफ दिखाई दिया, पूजा सूबक सूबक के रो रही थी... मैं उसके पास जाने से पहले फ्रिड्ज की तरफ बढ़ा और पानी की बॉटल लेके उसके पास जाने लगा... मैं उसके पास जाके ठीक उसके सामने बैठा और उसे देखने लगा... 
 
उसने अभी भी अपना चेहरा अपने हाथों में छुपा रखा था.... करीब 5 मिनट के बाद जब उसने अपना चेहरा उपर किया तो सामने मुझे बैठे देख थोड़ा सा चौंक गयी...

मैने कुछ बोले बिना पानी की बॉटल उसके आगे कर दी.. पानी पीकर पूजा थोड़ी संभली और मुझसे बोली

"आप क्यूँ सोए नहीं हो अब तक... " पूजा ने अपनी आवाज़ को थोड़ा नीचे करके कहा

"ऊह हुह.. ये सवाल तो मुझे तुमसे पूछना चाहिए पूजा... तुम सोई क्यूँ नहीं... और रो क्यूँ रही हो इधर अकेले में." मैने जवाब में मेरा सवाल आगे रखा

".. ईडियट, कोई रोएगा तो अकेले में ना.. थोड़ी सब को बुला के रोएगा....." पूजा ने मेरे हाथ पे हल्के से मारते हुए कहा..

उसकी ये बात सुनके मेरे चेहरे पे मुस्कान सी आ गयी.. और मुझे मुस्कुराता देख पूजा भी मुस्कुराने लगी...

कुछ देर तक हम मंद मंद मुस्कुरा रहे थे.. उस वक़्त मुझे बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा था कि पूजा ही वो लड़की है जो शन्नो और मेरे अंकल के प्लान में अहम किरदार निभा रही है...

"पूजा... बताओ ना प्लीज़, क्यूँ रो रही थी डियर तुम..." मैने पूजा के सर पे हाथ घुमाते हुए पूछा..

"कुछ नहीं .. छोड़िए ना उसको.. आप बताइए, आप यहाँ क्यूँ इतनी रात को" पूजा ने बात को टालना चाहा..

मैं:- मुझे तो प्यास लगी थी.. पानी पीने आया था, और रात नहीं मेडम, सुबह के 4 बज गये हैं.. 

पूजा:- ओह.. सुबह हो गयी.... पता ही नहीं चला आज.. पता नहीं क्यूँ नींद तो कोसों दूर है आँखों से...

मैं वहीं बैठे बैठे पूजा को देखने लगा था... सुबह के 4 बजे बैठ के मैं पूजा से ये सब बातें करूँगा मैने कभी सोचा भी नहीं था...

और अभी वो मुझे "आप" बोल रही थी.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये सही में इज़्ज़त दे रही है या ड्रामा है.. 

"ऐसे क्या देख रहे हो आप.. रुकिये, मैं चाइ बना के लाती हूँ एक दम मस्त वाली... साथ में चाइ पीते हैं... क्या ख़याल है" पूजा ने मेरा ध्यान तोड़ते हुए कहा

"हां... बिल्कुल नेक ख़याल है... तुम लाओ चाइ, आइ एम वेटिंग" मैने पूजा को मुस्कुराते हुए कहा...

जैसे ही पूजा गयी, मेरा दिमाग़ फिर ख़यालों में खो गया.. मेरा दिल जो पल पायल के साथ बिताना चाहता था वो पल मैं पूजा के साथ बिता रहा था..

मैने फिर पायल को एसएमएस किया... पर उसने कोई जवाब नहीं दिया... कुछ देर में सामने पूजा आई हाथ में चाइ लेके

"ये लीजिए चाइ... जैसी आपको चाहिए, स्ट्रॉंग, एक चम्मच चीनी" पूजा ने मुझे हाथ में चाइ देते हुए कहा

"तुम्हे कैसे पता मैं चाइ में एक चम्मच चीनी लेता हूँ..." मैने सर्प्राइज़ होके पूछा

"आंटी बता रही थी मुझे जब किचन में मैं उनके साथ थी.. पर एक बात बताइए, आपके छोटे भाई आ रहे हैं आज, उनके लिए आपने कोई गिफ्ट लिया है कि नहीं.. कितने महीने बाद आएँगे वो आज" पूजा मुझे एक बार फिर चौंकाते हुए बोली

मैं:- तुम्हे कैसे पता ज़य आ रहा है.

पूजा:- उन्होने कल घर पे फोन किया था, आप कल पूरी शाम बाहर थे इसलिए आपसे बात नहीं हुई उनकी.. 

मैं:- हां. उसने मुझे अभी थोड़ी देर पहले फोन किया था.. नहीं, उसके लिए कोई गिफ्ट तो नहीं लिया है, पर जाके लाउन्गा थोड़ी देर में

पूजा:- आप को ऑफीस भी जाना है, फिर वहाँ से उन्हे लेने एरपोर्ट जाएँगे.. तो गिफ्ट कब लेंगे ?

"सही कह रही हो तुम.. पर आइ विल मॅनेज" मैने चाइ ख़तम करते हुए कहा..

पूजा:- अरे नहीं... आप प्लीज़ उन्हे सिर्फ़ लेने जाइए टाइम पे, गिफ्ट का ख़याल मैं रखूँगी.. बट आप टाइम पर पहुँच जाना

मैं:- ओके... डन, चलो तुम सो जाओ अब थोड़ी देर.. मैं भी अपने रूम में जाता हूँ

पूजा:- चलिए. बाय
 
पूजा से बात करके मैं अपने कमरे में तो चला आया.. पर जहाँ दिल को एक सुकून था इतने अच्छे बिताए हुए वक़्त का, वहीं दिमाग़ फिर खराब होने लगा.. 

इतनी प्यारी लड़की, प्यारी बातें करती है, आख़िर वो ऐसा क्यूँ कर रही है.... और रो क्यूँ रही थी....ये सब सोचते सोचते मैं टीवी देखने लगा...

सुबह के करीब 8 बजे मेरी हल्की से नींद टूटी किसी के हाथ लगाने से... आँख खुली तो सामने पूजा खड़ी थी. आज वो बिल्कुल अलग लग रही थी.. मैने पहली बार उसे इंडियन ड्रेस में देखा था.. पहली बार वो मुझे सेक्सी नहीं, खूबसूरत लग रही थी.. रेड ड्रेस में वो बला की खूबसूरत लग रही थी... पहली बार मैने उसके चुचों को नहीं, उसके चेहरे को देखा.. उसका वो स्माइलिंग चेहरा, खुले हुए बाल, मुझे नींद में भी वो बहुत हसीन लग रही थी....

"चलिए उठिए, ऑफीस नहीं जाना आपको..." पूजा ने मुझे सोफे से उठाते हुए पूछा...

"हां हां जाना है..." मैने आँखें मसल्ते हुए बोला

"आपको नींद क्यूँ नहीं आती... सुबह को टीवी देखता है कोई, और टीवी देखते देखते सोफे पे ही सो गये" पूजा ने टीवी बंद करते हुए कहा....

मैने कुछ नहीं कहा और अपने कपड़े निकालने लगा...

"अरे रुकिये, आप के कपड़े, वॉलेट, . , कार की कीज़ , सब बेड पे रखा है मैने.." पूजा ने मुझे टोकते हुए कहा...

मैं फिर से चौंक गया.. पूजा की हर एक बात मुझे पायल की याद दिला रही थी... 

"नहा के आइए नीचे, ब्रेकफास्ट रेडी है" पूजा बोलके रूम से निकल गयी...

जिस चीज़ को मैं सुलझाना चाहता हूँ, उसमे खुद उलझ रहा हूँ... कैसे सुलझेगी ये गुत्थी.. मैं सोचते सोचते नहाने चला गया.... रेडी होके नीचे गया तो जैसे मानो कोई फेस्टिवल हो.. पूजा और मोम सबसे ज़्यादा तैयारियाँ कर रहे थे किचन में खाने की

"डॅड... ये सब क्या है, अचानक इतना खाना क्यूँ.." मैने टेबल पे बैठ के डॅड से पूछा

"अरे, ज़य आ रहा है, उसके लिए, और सुबह 6 बजे से पूजा तेरी मम्मी से ज़्यादा खुश है इस बात से.... सुबह से वो सब बना रही है खाने में जो जे को पसंद है" डॅड ने अख़बार में से आँख निकालते कहा

"पर वो सिर्फ़ दो दिन के लिए आ रहा है डॅड... उसमे क्या इतनी तैयारियाँ यार" मैने मज़ाक में डॅड से कहा

इससे पहले डॅड कुछ बोलते पीछे से पूजा बोली

"अरे आप वो सब छोड़िए ना.. आप को कौन बोल रहा है हमारी मदद करने को.. आप नाश्ता ख़ाके ऑफीस जाइए और एरपोर्ट टाइम पे पहुँचना प्लीज़"

मैं नाश्ता करके निकल रहा था तभी सामने से त्रिमूर्ति आई... विजय, शन्नो और अंशु....

तीनो को आते देख मेरे दिल में आया "ये साला मेरा चाचा, पूरा दिन अपनी बीवी और साली की गान्ड में ही घुसा रहता है क्या"

खैर मैं आगे बढ़ा तभी मेरे मोबाइल पे एसएमएस आया..

"प्लीज़ डोंट डिस्टर्ब मी अगेन आंड अगेन"
 
सुबह से जो दिल बहुत खुश था... सुबह से पूजा का बर्ताव देख के जिस दिल को सब से ज़्यादा सुकून मिला था...पायल का एसएमएस देख के वो दिल मानो ज़मीन पे गिर के चूर चूर हो गया था... पायल ने मेरे एसएमएस का जवाब दिया भी तो क्या... के बार बार मैं उसे तंग ना करूँ...

आँखों में आँसू आने लगे, जाते जाते आंशु पोंछ के गाड़ी में बैठ के ऑफीस जाने लगा.. रात को नींद नहीं की, सुबह कुछ चीज़े अच्छी मिली, तो वो भी शायद किस्मत में नहीं था.. सोचते सोचते ऑफीस पहुँचा पर दिल बिल्कुल नहीं था काम करने के लिए.. काफेटेरिया में जाके कुछ कॉलीग्स के साथ बैठा चाइ पीने, तभी एसएमएस आया..

"व्हाट हॅपंड ..."

स्मस पूजा का था...

मैने सोचा, किसके बारे में पूछ रही है

"व्हाट. कुछ नहीं हुआ , क्यूँ ?" मैने जवाब दिया

पूजा:- , सुबह आप गाड़ी में बैठते बैठते रुमाल से अपने आँसू पोछ रहे थे.. क्या हुआ नहीं शेअर् करेंगे ?

मैं:- कुछ नहीं पूजा... इट्स ओके, आंड तुम गिफ्ट लाई ज़य के लिए, या मैं जाउ..

पूजा:- अरे नहीं, आप क्यूँ, मैं लेके आई हूँ.. लेदर आक्सज़्रीस हैं, वॉलेट, बेल्ट, और 3 परफ्यूम्स लिए उनके फॅवुरेट.. इससे ज़्यादा कुछ समझ नही आया मुझे..

मैं:- अरे इतना बहुत है, थॅंक यू वेरी मच डियर 

पूजा:- थॅंक यू क्यूँ... ये बेसिक चीज़ें है जो मुझे करनी चाहिए.. भले ही फिर आगे जो हो, बट अभी तो ये मेरी ज़िम्मेदारी है ना..

उसका जवाब पढ़ के मैं फिर सोचने लगा.. " भले ही फिर आगे जो हो"... इसका क्या मतलब है.. ये क्यूँ शब्दों के साथ खेल रही है...

सोचते सोचते मैं अपने काम में लग गया... आज किस्मत शायद अच्छी थी कि मेरा मॅनेजर छुट्टी पे था, इसलिए एरपोर्ट जाने के लिए किसी की पर्मिशन नहीं लेनी पड़ेगी.... काम करते करते टाइम निकल गया पता ही नहीं चला, तभी मेरे सेल पे फिर एसएमएस आया, और इस बार भी पूजा ही थी...

"एक बज गया है.. अभी निकलेंगे तो 1.50 तक पहुँचेंगे एरपोर्ट आप... "

उसके रिमाइंडर्स पढ़ के मुझे खुशी हो रही थी, फिर दिमाग़ बोल रहा था "बॉस.... ध्यान रख, गहरी चाल है कोई"

मैं तुरंत निकला एरपोर्ट के लिए नहीं तो मेरा छोटा भाई मेरा बाप बन जाता एरपोर्ट पे ही..

करीब 45 मिनट्स की ड्राइव का बाद मैं एरपोर्ट पहुँचा और छोटू का वेट करने लगा...

जैसे ही मुझे छोटू दिखाई दिया, खुशी के साथ एक और झटका लगा...

छोटू के साथ पायल थी... मैं हैरान था, ये यहाँ कैसे... मैं जानता था कि छोटू और पायल की भी बहुत अच्छी बनती है, पर वो यहाँ आनेवाली थी मैं नहीं जानता था... मैं धीरे धीरे आगे बढ़ा और छोटू की तरफ बढ़ने लगा....

"भाई.... सो गुड टू सी यू... कैसे हो आप.." छोटू मुझसे गले लगते हुए बोला

"मैं फिट हूँ... तू भी फिट हो गया है हाँ, क्या बात है" मैने बात तो छोटू से कही, पर नज़रें पायल से हट ही नहीं रही थी... 

पायल को नहीं देखे 24 घंटे भी नहीं हुए थे, पर ऐसा लग रहा था अरसे बाद उसे देख रहा हूँ... उसे देखते देखते मैं फिर कहीं खो गया... 



उसकी वो स्माइल, उसके खुले हुए बाल... मैं हमेशा की तरह उसे ही देखता जा रहा था.. शायद पायल भी मुझे देख रही थी, पर उसके ग्लासस की वजह से मैं श्योर नहीं था...

"भाई... ये पायल है.. अपनी बुआ है ना, उनकी बेटी.. " ज़य ने मुझे टोकते हुए कहा

"हां रे... याद है, इसे कैसे भूल सकता हूँ मैं" मैने पायल से नज़रें हटाते हुए कहा

"तो फिर इतना घूर क्यूँ रहे हो इसे.. चलना नहीं है क्या घर पे" विजय ने आगे बढ़ते हुए कहा..

"चल ज़य.. मैं तुझे शाम को मिलती हूँ, " पायल ने ज़य की तरफ बढ़ते हुए कहा..

हमेशा की तरह उसकी मीठी आवाज़ मेरे कानो में किसी म्यूज़िक की तरह लग रही थी...
 
"क्यूँ.. चल ना घर पे, मैं सिर्फ़ 2 दिन ही हूँ यहाँ पे.." ज़य ने पायल को ज़ोर देते हुए कहा..

"हां मुझे पता है यार, तू चल मैं आती हूँ, विल राक टुडे, ओके" पायल ने छोटू से विदाई लेते कहा..

"ठीक है चल मिलते हैं. चलो भाई, हम भी चलते हैं" ज़य ने गाड़ी में बैठते कहा..

पायल मुझसे कुछ भी बोले बिना , वहाँ से निकल गयी.. इस बार मुझे दुख नहीं हुआ, मैने सोच लिया था मैं अकेला ही हूँ अब इस काम में, आंड बिसाइड्स पायल की कमी पूजा पूरी कर रही थी, तो मुझे भी कोई ज़रूरत नहीं है किसी की... ये सब सोच के मैं गाड़ी में बैठ के वहाँ से घर पे निकल गया

आधे रास्ते में 

"भाई... आप क्यूँ इतनी चिंता में हो" ज़य ने चल रही सीडी का आवाज़ कम करके पूछा

मैं:- कोई चिंता नहीं है यार.. क्यूँ ऐसा लग रहा है तुझे

ज़य:- भाई, कुछ तो है, हम तीनो जब मिलते थे तब हमसे सब परेशान हो जाते थे, पर आज पायल और आपने एक दूसरे से बात तक नहीं की

मैं:- एरपोर्ट पे थे हम छोटू, और ऐसा कुछ नहीं है जो तू सोच रहा है...

ज़य:- मत बताओ भाई, बस, मैं पता लगा लूँगा.. इतना कोई मुश्किल काम नहीं है ये..

पूरा रास्ता जे मुझसे पूछता रहा, और मैं टालता रहा...

जैसे ही हम घर पहुँचे, ज़य के आते ही सब लोग जैसे कोई सेलेब्रिटी आया हो ऐसे उसपे टूट पड़े.... सेम मा बाप के डायलॉग्स, शन्नो और विजय भी ज़य के साथ अच्छा बर्ताव कर रहे थे... 

अंशु और पूजा उन सब से अलग एक कोने में खड़े थे.. जैसे ही ज़य फ्री हुआ मा बाप के प्यार से, उसकी नज़र अंशु और पूजा पे पड़ी

"अरे... लेट मी गेस.. आप पूजा हो" ज़य ने आगे बढ़ते हुए पूछा

"जी.. सही पहचाना आपने भैया" पूजा ने ज़य को मुस्कुरा के जवाब दिया...

"अरे वाह... पूरा रास्ते भाई आपकी तारीफ़ करके थक नहीं रहे थे.... कमाल है, एनीवेस.. आप बहुत सुंदर हैं" ज़य ने मेरी तरफ देखते हुए कहा...


("... मैने कब तारीफ़ की इसकी, मैं मन में सोच रहा था...... ज़रूर मोम ने इसे बताया होगा पूजा के बारे में")


"थॅंक यू भैया... और आपके भाई की तरफ से ये आपके लिए वेलकम गिफ्ट" पूजा ने गिफ्ट देते हुए मुझे देख के कहा

"ये राज और पूजा दोनो की तरफ से है ज़य" मोम ने उनके पास जाते हुए कहा

"ओह... थॅंक यू वेरी मच" ज़य ने गिफ्ट लेते हुए कहा...

"मोम डॅड... मैं फ्रेश होके आता हूँ, खाना दीजिए जल्दी, और भाई, आप प्लीज़ मेरे साथ आइए, काम है मुझे" ज़य उपर जाते हुए बोला

जैसे ही मैं उपर ज़य के रूम में पहुँचा, उसका रूम बहुत सॉफ सुथरा था, एक दम चमक रहा था...

"आओ भाई... अब मुझे पता चल रहा है आपकी चिंता का कारण" ज़य ने मेरे अंदर जाते ही मुझे कहा

"आओ भाई... अब सीधे सीधे जवाब दो, अगर घुमाके दोगे ना तो याद रखो, मैं भी इंडिया के 2न्ड रॅंक बी स्कूल में पढ़ता हूँ, आपको ऐसा फसाउन्गा के कभी निकल नहीं पाओगे" ज़य ने मुझे धमकाते हुए कहा..

"पूछ भाई.. क्या पूछना है", मैने सोफे पे बैठते हुए कहा

"भाई.. सब से पहले तो हमारे वाली फुकड़ी निकालो, कितना टाइम हो गया आपके साथ"

उसकी बात सुनके मैने अपनी जेब से बेनसन आंड हेड्जस का पॅक निकाला और एक एक सिगरेट जला दी..

"उम्म्म.... फेववववव!!!! भाई, आप का टेस्ट सही में बहुत मस्त है हाँ, मानना पड़ेगा" छोटू ने सिगरेट का पफ लेते हुए कहा

मैं:- साले, इतनी बार तो मेरे साथ स्मोक कर चुका है, आज अचानक मेरे टेस्ट की तारीफ़ क्यूँ.. पैसे चाहिए क्या

ज़य:- नहीं भाई, सिगरेट की नहीं , पूजा की बात कर रहा हूँ... गुड चाय्स है आपकी

छोटू की ये बात सुनके मैने कुछ जवाब नहीं दिया.. बस सिगरेट स्मोक करने लगा...

कुछ सेकेंड्स की खामोशी के बाद......................................
 
कुछ सेकेंड्स की खामोशी के बाद...

"थ्ट्स इट..... पूजा ईज़ दा प्राब्लम भाई..." ज़य ने सोफे से उठते हुए कहा..

"पूजा ईज़ नोट दा प्राब्लम यार.. तू बैठ जा आराम से" मैने दूसरी सिगरेट जलाते हुए कहा


ज़य:- वो जो भी हो, बट प्राब्लम तो है आपने मान लिया.. अब बताओ क्या है


मैं ज़य से सब शेअर करने लगा.. जिस किसी के साथ मेरी चुदाई हुई वो सब सीन्स डेलीट कर के... ये सब सुनके

ज़य:- क्या बात करते हो भाई

मैं:- हां यार.. 

जे:- अंकल की तो निकल पड़ी हाँ.. मतलब अपनी बीवी के साथ साली फ्री... क्या बात है, कौनसा डियो लगाते हैं वो... हाहहहहहहा 

"यार इधर फटी पड़ी है और तू मज़ाक उड़ा रहा है" मैने चिड़ते हुए कहा

ज़य:- चिल यार भाई... सबसे पहले जिस प्लान में पायल हो वो कभी फैल नही होगा... दूसरी बात, अब पायल इस प्लान में नहीं है , तो भी ये फैल नहीं होगा... जानते हो क्यूँ

मैं:- क्यूँ ?

"क्यूँ कि भाई.. आप संभाल रहे हो ना... आंड आप सही जा रहे हो.. सबसे पहले आप पूजा को अपने साइड करो, फिर धीरे धीरे थिंग्स विल फॉल इन प्लसेफ़ोर यू" ज़य ने अपने दिमाग़ को ठंडा रखते हुए कहा

मैं:- इतना आसान नहीं है यार, 

ज़य:- भाई येई तो फरक है आप में और पायल में.. कोई भी हालत हो, पायल कभी अपने दिमाग़ को पॅनिक सिचुयेशन में नहीं जाने देती.. वो हमेशा ठंडे दिमाग़ से सोचती है... आप भी दिमाग़ ठंडा रखो... और रही बात मेरी जजमेंट की, मैं पहली बार पूजा को देख के समझ गया था कि वो कैसी लड़की है.. चिंता मत करो, वो आपको कुछ नहीं करेगी.. आप चाचा चाची को सम्भालो, बाकियों का ख़याल मैं रखूँगा

मैं:- तू बिल्कुल चिंता नहीं कर रहा साले... क्यूँ ऐसा

ज़य:- थॅंक्स टू पायल भाई.. उसके साथ रहके मैं भी उसकी तरह सोचने लगा हूँ... आप इस प्लान में आगे बढ़ाओ, मैं अपना काम अभी जाके कर लूँगा

हम बातें करके नीचे गये जहाँ सब हमारा इंतेज़ार कर रहे थे..

"अरे आओ बेटा, इतनी देर कहाँ रह गये तुम दोनो.. पूजा ने इतने प्यार से तुम्हारे लिए खाना बनाया है" मोम ने ज़य को डाँट के कहा

"अरे वाह पूजा जी.. आपने बनाया खाना, क्या बात है, " ज़य ने पूजा को छेड़ते हुए कहा

"पूजा जी पूजा जी क्या लगा रखा है.. भाभी नहीं बोल सकता तू" डॅड ने बीच में कहा

"डॅड.. अभी तो काफ़ी टाइम है भाभी बोलने में.. इसलिए... वाह !!! मेरी फेव सब्ज़ी.. थॅंक यू पूजा जी" ज़य ने पापा की बात को अनसुना कर के कहा

मोम:- काफ़ी टाइम क्यूँ रे

ज़य:- मोम, अभी भैया और पूजा जी इंडोनेषिया जाएँगे.. उनके आते ही अगर इन दोनो में से किसी को बात नहीं जचि तो.. और मान भी लो कि दोनो अग्री करते हैं, तो क्या आप मेरे बगैर शादी कर लोगे भैया की

डॅड:- क्यूँ, तेरे बगैर.. तू कहाँ जा रहा है

ज़य:- डॅड, अभी 6 महीने तक तो यहाँ नहीं आ पाउन्गा, फिर प्लेसमेंट में मुझे अब्रॉड भेजा जाएगा, वहाँ से कम से कम एक साल तक नहीं आ पाउन्गा.. उसके बाद ही करोगे ना आप शादी भैया की
 
ज़य की इस बात से सब को शॉक लगा मुझे छोड़ के.. क्यूँ कि ये मुझे उसने उपर ही कहा था, वो यहाँ रहके मेरी मदद नहीं कर सकता, पर मुझे बहुत टाइम देगा.. ये वादा वो यहाँ निभा रहा था... ये बात सुनके मानो अंशु और शन्नो की तो हवाइयाँ ही उड़ गयी... विजय चाचा की तो जैसे गान्ड हाथ में आ गयी हो... 

डॅड:- नहीं ज़य, तुम नहीं जाओगे अब्रॉड.. तुम यहीं रह के बिज़्नेस सम्भालो, 

ज़य:- कम ऑन डॅड... मैं आपकी फॅक्टरीस में क्या करूँगा, मैं मास कम्यूनिकेशन का स्टूडेंट हूँ, आप भैया को दो ना फॅक्टरीस.. ही ईज़ आ मास्टर

डॅड:- पर बेटे, हम इतना टाइम कैसे रोक सकते हैं शादी को

"पूजा जी... आप को कोई प्राब्लम है अगर ये शादी लेट हुई तो" ज़य ने पूजा को देखते हुए कहा

पूजा ने कोई जवाब नहीं दिया... उसे शांत देख मोम बीच में बोली

"वो कैसे जवाब देगी... उसके मा बाप है ना, "

ज़य:- कम ऑन मोम... शादी पूजा और भाई को करनी है, उसके मोम डॅड से क्या फरक पड़ेगा.. और भाई मेरे बिना शादी नहीं करेंगे आइ नो..

और मेरा फ़ैसला नहीं बदलेगा, मैं अपना करियर आधे में छोड़ के फॅक्टरी में नहीं बैठूँगा.. ये डॅड भी जानते हैं.. डिस्कशन ओवर ओके...

ये कहके ज़य खाने बैठ गया... जिस ज़य के आने की खुशी सब को थी, उसने एक ही झटके में सब को हिला डाला.. सिर्फ़ एक चेहरा था जो ज़य की इस बात से बदला नहीं था.. ये ज़य और मैने दोनो ने नोटीस किया...

खाना ख़ाके ज़य और मैं मेरे रूम में निकल गये गेम खेलने के लिए

"देखा आपने... सब बातों में सिर्फ़ पूजा ने ही अपना चेहरा नहीं बदला.. मैने कहा आप सही हो... अब जाके उससे बात करो"

ज़य ने इतना कहा ही था, कि मेरा दरवाज़ा नॉक हुआ... जैसे ही ज़य ने दरवाज़ा ओपन किया, सामने पूजा थी

"आइए.. हम आपकी ही बातें कर रहे थे.." ज़य ने उसे अंदर आते हुए कहा

पूजा:- भैया.. मैं सिर्फ़ आपके सवाल का जवाब देने आई हूँ..

"कौनसा सवाल पूजा जी" ज़य ने पूजा से सर्प्राइज़ होके पूछा

"... मैं आपके लिए आप जितना कहेंगे उतनी देर वेट कर सकती हूँ.. और भैया... थॅंक यू, आपने इतना टाइम दिया हमे..." पूजा ने ज़य से नज़रें मिलाते हुए कहा

"मैं जानता हूँ भाभी... आपको और भाई को टाइम की ज़रूरत है, पर उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरत है साथ रहने की, और कुछ बातें सॉफ करने की..."

ज़य ने पूजा से सीधे पॉइंट पे आके बात की.. और पहली बार उसने पूजा को भाभी कहा...

"मैं सिर्फ़ एक बात बताना चाहूँगी आप दोनो को.. मेरा कोई इरादा नहीं आपको नुकसान पहुँचाने का.. मैं और मेरी मोम, सिर्फ़ एक कठपुतली हैं.. हमे कोई और चला रहा है... कोई है जो आप लोगों को नुकसान पहुँचाना चाहता है.." 

पूजा ने एक ही साँस में हमे ये बात कही.. कहते कहते उसकी आँखों में आँसू थे, पर वो फिर भी खुद को संभाल रही थी...

"पूजा... कौन है, क्यूँ पहेलियों में मुझसे बात कर रही हो.. मैं जानता हूँ तुम्हारे इरादे ग़लत नहीं है, पर तुम अटलीस्ट मुझे बताओ तो कि इन सब के पीछे कौन है.. तुम क्यूँ कठपुतली बन रही हो... मैं भी तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ" 

मैने इतना कहा ही था कि पूजा ने अपनी आँखें बड़ी की और मुझे घूर के बोलने लगी

"नहीं .. आप मेरी मदद नहीं करें , नहीं तो"

"नहीं तो क्या भाभी.." ज़य ने बीच में आते हुए कहा

"मौत्त... मौत निस्चित है.."

पूजा हमे सिर्फ़ इतना बोलके मेरे रूम से निकल के नीचे चली गयी.. उसकी बात सुनके ज़य और मैं दोनो हिल गये थे.. कुछ सेकेंड्स तक ज़य और मैं एक दूसरे को देखते रहे... हमारा दिमाग़ हिला हुआ था, ज़य जो कुछ देर पहले शांत था, उसके माथे पे शिकन आ गयी थी, पसीने से भीग चुका था..

"चिंता मत कर तू छोटू... तुझे तेरा भाई कुछ नहीं होने देगा.." मैं ज़य के सर पे हाथ फेरता हुआ बोला

"भाई.. चिंता नहीं है, पर मैं सिर्फ़ ये सोच रहा हूँ, कि पूजा अगर पूरी बात नहीं बता सकती, तो आधी बात भी क्यूँ बताई... इससे अच्छा तो ना बताती.. कम से कम दिल को शांति तो थी कि हम सही जा रहे हैं" ज़य ने चिंतित स्वर में कहा

"वोई तो.. पर फिर भी, काफ़ी मदद होगी इससे.." मैने सोफे पे बैठते हुए कहा

"ठीक है भाई... आप फिलहाल आराम कीजिए, मैं मेरे कुछ दोस्तों से मिलके आता हूँ, रात को बात करते हैं" ज़य ने अपने कपड़े बदलते हुए कहा

मैं:- चल बाइ.. अच्छा सुन, ये पकड़, और एंजाय कर ओके..

"क्या भाई आप ना... मुझे बिगाड़ रहे हो हीही" जे ने मुझसे पैसे लेते हुए कहा और निकल गया बाहर..
 
जैसे ही ज़य वहाँ से निकला, ऐन कुछ देर बैठे बैठे सोचने लगा आगे के बारे में.. आज की बातों से सॉफ हो चुका था, पूजा कोई ड्रामा नहीं कर रही... वो सही में मुझसे शादी करना चाहती थी... मुझे उस वक़्त पायल का भी ख़याल आ रहा था, पर वो जल्द से ओझल हो गया सुबह का एसएमएस याद करके...

सोचते सोचते कब मेरी आँख लग गयी मुझे ध्यान ही नहीं रहा.. शाम के 7 बजे फिर मुझे पूजा उठाने आई थी....

"आप फिर सोफे पे सो गये. इस बार टीवी के बदले गेम" पूजा एक बीवी की तरह बोले जा रही थी.

मैं वहीं खड़े खड़े उसे देख रहा था... सोच रहा था, पूजा इतनी खुशी का दिखावा कैसे कर सकती है, कोई उसको और उसकी मा को यूज़ कर रहा था, और ये हर पल में अपना काम कर रही थी.. मेरा साथ दे रही थी, अपनी मा का भी साथ दे रही थी.. कोई डबल कॅरक्टर कैसे प्ले कर सकता है

"ऐसे क्या देख रहे हैं आप... फ्रेश हो जाइए, मैं चाइ लाती हूँ आपके लिए" पूजा ने मुझे देखते हुए कहा

"पूजा... रूको... तुम क्यूँ ऐसा कर रही हो... आइ मीन, कीप इट सिंपल, तुम वापस यूएस चली जाओ, मैं तुम्हे निकाल सकता हूँ, किसी को पता भी नहीं चलेगा तुम कहाँ गयी.. और तुम्हारी मोम को भी ले जाओ, " मैने पूजा से दरख़्वास्त की

"... मेरा जाने की बात तो छोड़िए, हमारे बीच में क्या बातें हो रही हैं वो भी उस तक पहुँच सकती है.. आप नहीं जानते कि हर सेकेंड मुझ पर और आप पर नज़र रखी जा रही है" पूजा ने रूम से निकलने से पहले फिर मुझे डरा दिया

पूजा की बातें मुझे हर पल सोचने पे विवश कर रही थी... मैं उठके फ्रेश हुआ, और मोबाइल चेक करने लगा तो मेरे बॉस के 5 मिस कॉल्स थे और कुछ एसएमएस थे जिनमे से एक ज़य का भी था...

"भाई.. फ्रेंड्स के साथ आज बाहर ही रहूँगा.. कल मिलते हैं, और आपके प्लान के बारे में मैने जो सोचा है वो कल एक्सेक्यूट कर लूँगा.."

ज़य का एसएमएस पढ़ के मैं फिर मेरे मेल्स चेक करने बैठ गया , तभी पूजा मेरे लिए चाइ लेके आई रूम में...

"अरे आओ पूजा..." मैने मोबाइल साइड में रखते हुए कहा

"भैया का एसएमएस आया था, वो आज लेट आएँगे" पूजा ने मुझे चाइ देते हुए कहा

मैं:- लेट नहीं, वो कल ही आएगा, रात को एंजाय करेगा अपने फ्रेंड्स के साथ..

पूजा:- और आप कब एंजाय करते हैं... कितने दिन से मैं देख रही हूँ, ना तो आप कहीं गये हो घूमने, उस दिन डिन्नर पे गये थे तब भी आप खुश नहीं थे.. कारण मैं जानती हूँ, पर कुछ दिनो के लिए आप थोड़ा एंजाय करिए, मुझे भी अच्छा लगेगा और शायद आपको कोई रास्ता दिख जाए..

इससे पहले मैं कुछ बोल पाता, पूजा वहाँ से उठके रूम के बाहर निकल गयी....

जैसे ही मैने चाइ के लिए कप उठाया, उसपे एक नोट था..

"न्यू ड्युयल सिम फोन प्लीज़... वी कॅन कम्यूनिकेट मच मोर... लव , पूजा "

मुझे कुछ समझ नहीं आया, पर मैं फिर भी जल्दी से चाइ पीके बाहर निकला और एक ड्युयल सिम फोन ला दिया और एक न्यू सिम कार्ड.. सिम कार्ड मिलने में देर ना लगी, क्यूँ कि मैं टेलिकॉम कंपनी में काम करता हूँ, तो कस्टमर सर्विस से सेट्टिंग करके न्यू कार्ड एक ही घंटे में प्रीपेड आक्टीवेट करवा लिया....

जैसे ही मैं घर आया, तो सब लोग लिविंग रूम में बैठे बातें कर रहे थे.. मुझे देख डॅड ने पूछा..

"अरे आओ बेटा.. पॅकिंग कैसी चल रही है तुम्हारी, इंडोनेषिया की शॉपिंग हो गयी"

"नहीं डॅड... शॉपिंग बाकी है, और पायल ने मना किया चलने के लिए, तो आपके ट्रॅवेल एजेंट से बात कीजिए, कॅन्सल करवानी है उसकी बुकिंग" मैने जवाब में कहा


"ओके बेटा... पायल के बारे में क्या कर सकते हैं, बट तुम शॉपिंग करने कब जाओगे.. 3 दिन में तुम्हे जाना है.. कल छुट्टी ले लो,और पूजा के साथ शॉपिंग करने जाओ" डॅड ने ऑर्डर देके कहा..

"ओके डॅड... और हां एक और बात, वो फॅक्टरी के डॉक्युमेंट्स में आप प्लीज़ पूजा का नेम इंक्लूड करवाईए, आइ आम टोटली ओके वित हर" मैं ये कहके सीधा अपने रूम की तरफ निकला, और उपर बाल्कनी में जाके नीचे देखने लगा...

मेरे इस फ़ैसले से सबको यकीन हो गया था कि मेरा जवाब क्या होगा... मुझे इससे कोई फरक नहीं पड़ने वाला था , क्यूँ कि पूजा से शादी में कोई प्राब्लम नहीं थी, और मेरे पास वक़्त भी था... मैने जैसे ही नीचे देखा, सबसे ज़्यादा खुशी शन्नो और विजय को थी, अंशु भी झूठी खुशी लिए सबसे गले मिल रही थी... मेरे मोम डॅड को मानो पंख से लग गये हैं.... 
 
Back
Top