hotaks444
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ये सुनके पूजा के मूह पे निराशा बढ़ सी गयी.. क्यूँ कि अगर पायल पीछे बैठती, तो शायद उन लोगों की बात होती कि पायल यहाँ क्यूँ आई, और पूजा के मोबाइल से जो टेक्स्ट गये थे उस बारे में... अब मेरा काम ये था कि पूजा और पायल को बिल्कुल अकेला नहीं छोड़ूं.. ताकि उन लोगों के बीच इस बारे में कोई बात ना हो... हम लोग एरपोर्ट के लिए रवाना हो गये, और कुछ ही देर में एरपोर्ट पहुँच गये... एरपोर्ट पहुँचते ही सबसे पहला मेरा काम ये था, कि पायल की शाम की फ्लाइट के बदले अभी वाली फ्लाइट में अरेजमेंट हो जाए..
"पूजा, तुम समान निकलवाओ, तब तक मैं पायल की टिकेट्स का कुछ देखता हूँ.. चल पायल मेरे साथ.." मैने कॅब से उतरते हुए कहा
"ये कहाँ जाएगी.. आप होके आओ ना, इसे इधर ही रहने दो.." पूजा ने फिर मौका तलाशना चाहा
"अरे, इसके डॉक्युमेंट्स देने हैं, इसके आइडी प्रूफ देने हैं, ये नहीं आएगी तो मैं टिकेट्स का कुछ नहीं कर पाउन्गा... पायल चल तू, पूजा प्लीज़ मॅनेज ओके.." मैं पायल का हाथ पकड़ के अंदर ले गया और पूजा वहीं खड़ी रही कॅब के पास समान के लिए..
अंदर जाते ही सबसे पहले पायल ने मुझे कहा..
"क्या बात है भाई,बहुत उतावले हो रहे हो मुझे ले जाने के लिए.. पूजा में मज़ा नहीं है क्या हाँ.." पायल ने हंसते हुए कहा
"अरे, मेरी स्वीट हार्ट, तुझसे ज़्यादा मज़ा और किसमे होगा.. देख नहीं रही है, कितना जल रही है वो तुझसे.. इससे यही साबित होता है कि तू है तो एक दम बला की खूबसूरत, तेरे सामने तो वो पानी कम चाइ है.." मैं उसकी कमर में हाथ डालते हुए चल रहा था..
बातें करते करते हम टिकेट काउंटर के पास पहुँचे, किस्मत अच्छी थी मेरी यहाँ कि हमारी फ्लाइट में जगह थी, हमने पायल की शाम की फ्लाइट के बदले ये टिकेट से स्वप मारा, कुछ पैसे भर के वापस पूजा के पास जाने के लिए मुड़े, तो देखा पूजा लाउंज के पास ही खड़ी थी समान के साथ.... हम पूजा के पास पहुँचे,
"लो जी, हो गया काम.. पायल की टिकेट हो गयी, पर उसकी टिकेट अलग है हम से.. "
"तो क्या हुआ, हम साथ में बैठेंगे, आप अलग बैठना," पूजा ने मुझसे कहा
"क्यूँ.. मैं नहीं बैठती तुम्हारे साथ, सॉरी, सुबह की बातों को प्यार मत समझो, भाई, मैं अलग ही बैठूँगी प्लीज़ ओके..." पायल इतना कहके कुछ ड्रिंक्स लेने चली गयी.. इधर पायल समझ रही थी कि उसे और पूजा को फिर झगड़े का नाटक करना है, और पूजा जो करना चाहती थी वो पायल अपनी आक्टिंग की वजह से होने नहीं दे रही थी... इन सब में मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था...
"देखा.. सुबह से पागल हुए जा रही हो, जब वो तुमसे बात नहीं कर रही, तो तुम्हे क्या है अचानक उसपे प्यार आ रहा है.." मैने पूजा को डाँट के कहा.. पूजा ने कोई जवाब नहीं दिया.. कुछ देर में बोरडिंग की अनाउन्स्मेंट हो गयी और हम गेट्स की तरफ बढ़ गये... कुछ देर में टेक ऑफ हुआ, जकार्ता से बालि 1 घंटे की फ्लाइट थी, पर ये 1 घंटा पूजा के लिए बहुत भारी था, वो पायल से बात ही नहीं कर पा रही थी, और उधर पायल मुझे पागल बनाने के चक्कर में लगी हुई थी... खैर इन सब के बीच हम बालि पहुँचे, जहाँ हमारे रिज़ॉर्ट की कॅब हमारा वेट कर रही थी... हमने कॅब ली, और अपने रिज़ॉर्ट की तरफ निकल गये.. रिज़ॉर्ट में हमने विला बुक करवाया था, पायल क्यूँ कि अनएक्सपेक्टेड थी, तो उसे सिंपल सूयीट से काम चलाना पड़ा... पूजा और मैं अपने विला में निकल गये, जब कि पायल अपने सूयीट में जाके सो गयी... जैसे ही हम अपने विला में पहुँचे, हम दोनो की आँखें चका चोंध हो गयी... विला था ही इतना खूबसूरत, इतना रोमॅंटिक, इतना एग्ज़ोटिक.. इससे ज़्यादा एग्ज़ोटिक लोकेशन मैने आज तक नहीं देखा था... अगर जन्नत है तो वो बस यहीं है...
"पूजा, तुम समान निकलवाओ, तब तक मैं पायल की टिकेट्स का कुछ देखता हूँ.. चल पायल मेरे साथ.." मैने कॅब से उतरते हुए कहा
"ये कहाँ जाएगी.. आप होके आओ ना, इसे इधर ही रहने दो.." पूजा ने फिर मौका तलाशना चाहा
"अरे, इसके डॉक्युमेंट्स देने हैं, इसके आइडी प्रूफ देने हैं, ये नहीं आएगी तो मैं टिकेट्स का कुछ नहीं कर पाउन्गा... पायल चल तू, पूजा प्लीज़ मॅनेज ओके.." मैं पायल का हाथ पकड़ के अंदर ले गया और पूजा वहीं खड़ी रही कॅब के पास समान के लिए..
अंदर जाते ही सबसे पहले पायल ने मुझे कहा..
"क्या बात है भाई,बहुत उतावले हो रहे हो मुझे ले जाने के लिए.. पूजा में मज़ा नहीं है क्या हाँ.." पायल ने हंसते हुए कहा
"अरे, मेरी स्वीट हार्ट, तुझसे ज़्यादा मज़ा और किसमे होगा.. देख नहीं रही है, कितना जल रही है वो तुझसे.. इससे यही साबित होता है कि तू है तो एक दम बला की खूबसूरत, तेरे सामने तो वो पानी कम चाइ है.." मैं उसकी कमर में हाथ डालते हुए चल रहा था..
बातें करते करते हम टिकेट काउंटर के पास पहुँचे, किस्मत अच्छी थी मेरी यहाँ कि हमारी फ्लाइट में जगह थी, हमने पायल की शाम की फ्लाइट के बदले ये टिकेट से स्वप मारा, कुछ पैसे भर के वापस पूजा के पास जाने के लिए मुड़े, तो देखा पूजा लाउंज के पास ही खड़ी थी समान के साथ.... हम पूजा के पास पहुँचे,
"लो जी, हो गया काम.. पायल की टिकेट हो गयी, पर उसकी टिकेट अलग है हम से.. "
"तो क्या हुआ, हम साथ में बैठेंगे, आप अलग बैठना," पूजा ने मुझसे कहा
"क्यूँ.. मैं नहीं बैठती तुम्हारे साथ, सॉरी, सुबह की बातों को प्यार मत समझो, भाई, मैं अलग ही बैठूँगी प्लीज़ ओके..." पायल इतना कहके कुछ ड्रिंक्स लेने चली गयी.. इधर पायल समझ रही थी कि उसे और पूजा को फिर झगड़े का नाटक करना है, और पूजा जो करना चाहती थी वो पायल अपनी आक्टिंग की वजह से होने नहीं दे रही थी... इन सब में मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था...
"देखा.. सुबह से पागल हुए जा रही हो, जब वो तुमसे बात नहीं कर रही, तो तुम्हे क्या है अचानक उसपे प्यार आ रहा है.." मैने पूजा को डाँट के कहा.. पूजा ने कोई जवाब नहीं दिया.. कुछ देर में बोरडिंग की अनाउन्स्मेंट हो गयी और हम गेट्स की तरफ बढ़ गये... कुछ देर में टेक ऑफ हुआ, जकार्ता से बालि 1 घंटे की फ्लाइट थी, पर ये 1 घंटा पूजा के लिए बहुत भारी था, वो पायल से बात ही नहीं कर पा रही थी, और उधर पायल मुझे पागल बनाने के चक्कर में लगी हुई थी... खैर इन सब के बीच हम बालि पहुँचे, जहाँ हमारे रिज़ॉर्ट की कॅब हमारा वेट कर रही थी... हमने कॅब ली, और अपने रिज़ॉर्ट की तरफ निकल गये.. रिज़ॉर्ट में हमने विला बुक करवाया था, पायल क्यूँ कि अनएक्सपेक्टेड थी, तो उसे सिंपल सूयीट से काम चलाना पड़ा... पूजा और मैं अपने विला में निकल गये, जब कि पायल अपने सूयीट में जाके सो गयी... जैसे ही हम अपने विला में पहुँचे, हम दोनो की आँखें चका चोंध हो गयी... विला था ही इतना खूबसूरत, इतना रोमॅंटिक, इतना एग्ज़ोटिक.. इससे ज़्यादा एग्ज़ोटिक लोकेशन मैने आज तक नहीं देखा था... अगर जन्नत है तो वो बस यहीं है...