Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें - Page 20 - SexBaba
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Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें

अब कहानी वर्तमान में…………………………………………………………………


आगे क्या हुआ, आप को पता है...


पूजा के मूह से ये सब सुनके जहाँ मैं बहुत बड़े शॉक में चला गया था, वहीं पूजा की आँखों से आँसू बहने लगे थे.... कुछ देर बाद



मैं:- पूजा, तुम्हे यकीन है उस औरत का नाम माया देवी ही है..


पूजा:- हां .. मैं कैसे भूल सकती हूँ उसे... और मैं ये भी जानती हूँ कि आप इस नाम की उम्मीद नहीं कर रहे थे इन सब के पीछे....


मैं:- पूजा, उम्मीद क्या, मैने ख्वाबों में भी नहीं सोचा था कि वो...


पूजा:- मैं जानती हूँ .. आप पे इस वक़्त जो बीत रही है.. पर येई सच है




काफ़ी देर तक, रूम में खामोशी छाई रही... पूजा के आँसू भी अब सुख चुके थे.. काफ़ी कोशिशों के बाद मैने पूजा के कहना स्वीकार लिया



"ठीक है पूजा... मैं मान लेता हूँ, पर अभी हमे काफ़ी सावधान रहना है... तुम नहाने जाओ, फ्रेश हो जाओ... तब तक मैं कुछ खाने का ऑर्डर देता हूँ..." मैने पूजा के सर पे हाथ घूमाते हुए कहा...


कुछ सेकेंड्स में पूजा बाथरूम में घुस गयी.. उसके जाते ही, मैने मेरे मोबाइल में देखा तो इंटरनॅशनल रोमिंग आक्टीवेट हो चुका था...मैने तुरंत कॉल मिलाया...



"हेलो..."


"हाई डॉग... बोलो, रीच्ड यौर हनिमून होटल"


"फर्गेट इट... आइ वान्ट टू मीट यू नाउ..." मैने सामने वाले शक्स को कहा


"श्योर... मैं तुम्हारी होटेल के रिसेप्षन पे ही हूँ"



मैने तुरंत फोन कट करके नीचे की ओर प्रस्थान किया.. निकालने से पहले चेक किया पूजा बाथरूम में नहा ही रही थी.. मैने धीरे से रूम लॉक करके, सीडीयों की तरफ तेज़ी से बढ़ते हुए रिसेप्षन के पास पहुँचा.. रिसेप्षन के तरफ बढ़ते ही


"हेलो मिस्टर वीरानी..."


"जो बात मुझे अभी पता चली है, मुझे उम्मीद नहीं थी इतनी जल्दी हमे पता चल पाएगी" मैने लॉबी में चेअर पे बैठते हुए कहा


"क्या पता लगा आपको..."


"सुनने से पहले अपने लिए कुछ मंगवा लो, तुम्हे ये बात सुनके बहुत बड़ा सदमा ना पहुँचे...." मैने सामने शक्स की आँखों में देखते हुए कहा..


"स्टॉप बीटिंग अराउंड दा बुश प्लीज़.... जो भी बात बोलनी है सीधे सीधे कहो ना, यूँ घुमा क्यूँ रहे हो" चिढ़ते हुए मुझे जवाब मिला


काफ़ी लंबे पॉज़ के बाद मैने उसे सब बता दिया जो मैं पूजा से सुनके आ रहा था....



"व्हाट नोन-सेन्स... ऐसा हो ही नहीं सकता कभी.." सामने से गुस्से में मुझे जवाब मिला


"क्यूँ नहीं हो सकता ऐसा... क्या सिर्फ़ इसलिए क्यूँ कि उस शक्स का नाम माया देवी है.... क्या सिर्फ़ इसलिए ये सब नहीं हो सकता, क्यूँ कि माया तुम्हारी मा का नाम है.." मैने अपनी आवाज़ उँची करते हुए कहा...


"तमीज़ से बात करो भाई... मेरी मा को इन सब में इन्वॉल्व करने से पहले आपके पास कोई सबूत है इन सब का" पायल आग बाबूला होने लगी थी...



इससे पहले कि मैं कुछ बोलता, पायल फिर बोली


" अगर मेरी मा इन्वॉल्व होती तो मैं आप का इन सब में साथ ही क्यूँ देती... और उसके पास कोई सबूत है कि इसमे मेरी माँ इन्वॉल्व्ड है" पायल ने दोबारा इस बात पे दबाव डाला....
 
"सबूत तो तेरे पास भी नहीं है पायल कि माया बुआ इन सब में इन्वॉल्व्ड नहीं है... और भला पूजा बुआ के नाम से झूठ क्यूँ बोलेगी.." मैने हैरानी से पूछा


पायल:- वोई तो बोल रही हूँ भाई, आप को अब वो दो टके की लड़की ज़्यादा सही लगने लगी है.. आपकी ये बहेन अब तो किसी कीमत की नहीं है ना, उसके साथ और उसकी मा के साथ रंगरलियाँ जो मना चुके हो...



"ज़बान संभाल के बात कर पायल.. पूजा के बारे में मैं अब कुछ सुन नहीं सकता, बेहतर होगा तू भी ये बात का ध्यान रखे..." हमारी बातें अब आस पास के लोग सुनने लगे थे



"वाह भाई वाह... क्या बात हाँ... मुझसे ज़्यादा प्यार उसपे आ रहा है हाँ.. येई तो जादू है लड़कियों की टाँगों के बीच में, जिसे चाहे उसे अपना गुलाम बना सकती हैं... और चिल्ला के बात करो मुझसे.. और कहाँ है आपकी वो पूजा रांड़ कहीं की.. उसे अपने साथ नहीं लाए, वो भी देख लेती ना आपके इस प्यार को... यहीं शादी करवा देते हैं आपकी... यहीं सुहाग रात मनाओ.." पायल की आवाज़ मुझसे ज़्यादा उँची और तीखी होने लगी थी...


"देख पायल... अगर इन सब में कहीं माया बुआ इन्वोल्व है तो मुझे बता दे... अगर पूजा की बात में ज़रा सी भी सच्चाई निकली, तो तू मुझे अच्छी तरह जानती है.." मैने पायल को धमकाते हुए कहा...



पायल:- ये धमकी आप किसी और को देना भाई.. अगर आपके पास कुछ सबूत आए कि इन सब में मेरी मा शामिल है, तो मैं बिल्कुल भी पीछे नहीं हटूँगी... लेकिन अगर इस बात में कुछ भी सच नहीं निकला, तो आपको तो मैं बाद में देख लूँगी, उससे पहले आपकी प्यारी पूजा के मैने दो टुकड़े नहीं किए, तो मेरा नाम भी पायल मेहता नहीं..



हमारी इस बहस के बाद पायल वहाँ से निकल गयी और जाते जाते उसने मुझे ये भी बोल दिया कि वो वापस इंडिया जा रही है, यहाँ अब वो कुछ नहीं कर सकती..



पायल के जाने के बाद कुछ देर मैं वहीं बैठा रहा... सोचने लगा जो मुझे पूजा ने बताया था... अगर सही में माया बुआ इन्वॉल्व्ड है, तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि पायल को ना पता हो... और अगर पायल को सब पता है तो क्या वो भी मेरे साथ खेल रही है... पूजा और पायल में से किसपे विश्वास करूँ मुझे समझ नहीं आ रहा था... मैने घड़ी देखी तो आधा घंटा हो चुका था मुझे नीचे आए हुए.. मैं तुरंत वहाँ से उठके अपने रूम में गया जो बाहर से लॉक्ड था... मैने जैसे ही दरवाज़ा खोला, सामने का नज़ारा देख के मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी..सर घूमने लगा.............................

पायल से हुए झगड़े के बाद, मैं लॉबी में बैठे बैठे ही अपनी सोच में डूब सा गया था.. मैं सोच रहा था, अंशु जो अपने सास ससुर के साथ ऐसा बर्ताव कर सकती है, वो मेरे मा बाप के साथ क्या कुछ नहीं कर सकती... मैं सोच रहा था, पायल या पूजा, इन दोनो में से कौन सच्चा है, कौन झूठा है, मुझे उसकी परवाह नहीं, मुझे बस अपने मा बाप के बारे में सोचना था.. येई सब सोचते सोचते मैने घड़ी की तरफ देखा तो लॉबी में मुझे काफ़ी देर हो गयी थी... मैं वहाँ से उठके अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा.... जैसे ही मैने अपने कमरे का दरवाज़ा खोला, सामने 
का नज़ारा देख के मेरी हालत खराब हो गयी...
 
"पूजा..... पूजा, क्या हुआ ये, पूजा, तुम्हारी ये हालत किसने की, पूजा जवाब दो..." 

मेरे सामने पूजा बेहोश सी हालत में पड़ी थी.. उसके सर पे चोट थी जिसकी वजह से थोड़ा खून भी निकल रहा था... मैने तुरंत रिसेप्षन पे फोन करके डॉक्टर असिस्टेन्स मँगवाया.. कुछ देर में डॉक्टर पूजा का ज़रूरी ट्रीटमेंट करके चला गया, और हिदायत दी के पूजा को सख़्त आराम की ज़रूरत है... डॉक्टर से बातचीत करने पर पता चला कि शायद पूजा का पैर कहीं फिसला होगा जिससे वो आगे की तरफ गिरी.... डॉक्टर के जाते ही मैने पूजा को ठीक से बेड पे लिटाया, और बाहर आके सोफा पे बैठ गया... कुछ देर में जाके फ्रेश हुआ, और चेक किया तो पूजा अब तक सो रही थी... मैने रूम सर्विस में फोन करके कुछ ऑर्डर कर दिया, ताकि पूजा कुछ ख़ाके अच्छा महसूस करे... करीब 15 मिनट बाद पूजा की आँख धीरे 
धीरे खुली..

"पूजा.... तुम ठीक हो... अभी कैसे महसूस कर रही हो..." मैं पूजा का हाथ पकड़ के उससे बातें करने लगा...

"उम्म्म.... .. यस, फीलिंग बेटर नाउ....." पूजा अभी भी बोलते वक़्त थोड़ा खिचाव महसूस कर रही थी..

तभी डोर बेल बजी.. मैने जाके देखा तो खाना आ चुका था.... पूजा और मैं खाना साथ में खाने बैठे

"उम्म.... वाउ, तुम्हे कैसे पता चला नूडल्स ईज़ माइ फेव" पूजा ने खाते खाते मुझसे सवाल पूछा

"तुम मेरे बारे में इतना कुछ जान सकती हो तो, मैं भी तो कुछ जान ही सकता हूँ... अच्छा, अब बताओ, तुम्हे क्या हुआ था, तुम्हारा पैर कहाँ फिसला,जो अचानक इतनी चोट लगी तुम्हे." मैने पूजा से पूछा

पूजा:- पैर कहीं फिसला नहीं .. मैं नहा कर बाहर निकली तब देखा तुम कहीं नहीं थे, मैने दरवाज़ा की तरफ देखा तो वो भी लॉक्ड था, मैं अपने पुराने कपड़े ही पहनने लगी, तभी अचानक मुझे ऐसा लगा कि कोई है मेरे अलावा इस कमरे मेंहै...

जैसे तैसे करके मैं कपड़े पहन कर फिर बाहर आई और जैसे ही मैं सोफा की तरफ बढ़ी, तभी अचानक मुझे ऐसा लगा किसी ने मुझे पीछे से ज़ोर का धक्का दिया हो... मैं अपने आप को संभाल ना पाई और जाके फ्लवर वास से टकरा गयी... आपने देखा नहीं वास भी गिरा हुआ था जब आए अंदर... 

पूजा की ये बात सुनके मेरी तो जैसे सिट्टी बिट्टी गुल हो गयी... मेरे हाथ से चॉप स्टिक्स गिर गयी और मैं बाहर मैन हॉल की तरफ दौड़ा, जाके देखा तो अभी तक वास वहीं गिरा हुआ पड़ा था... मैं डीटेक्टिव तो हूँ नहीं, पर हॉल के इधर उधर देखने लगा, ढूँढने लगा कि अगर कोई आया भी तो कहाँ से आया... हॉल के बाहर एक बाल्कनी थी जो रोड व्यू थी... पर हमारा रूम 20थ फ्लोर पे था, कोई इतना उपर इतनी रिस्क लेके कैसे आएगा..

"क्या हुआ .. किसे ढूँढ रहे हैं आप.." मेरे पीछे पीछे आई पूजा ने मुझसे सवाल किया

"पूजा.. कोई यहाँ कैसे आ सकता है, रूम की चाबी मेरे पास थी, और हम 20थ फ्लोर पे हैं, कोई बाल्कनी से कैसे आएगा इतनी रिस्क लेके.." मैं रूम में इधर उधर देखता और पूजा से सवाल किया

पूजा:- प्लीज़ रिलॅक्स कीजिए... मैं आपको बोल चुकी हूँ कि मुझे ऐसा लगा, अब श्योर नहीं हूँ, हो सकता है कहीं मेरा पैर अटक गया हो जिससे मेरा बॅलेन्स बिगड़ा हो... आप प्लीज़ आराम से बैठिए और खाना ख़तम कीजिए.." पूजा इतना कहके मैन हॉल में ही खाना ले आई

खाना खाते वक़्त भी मेरे दिमाग़ को चेन नहीं मिल रहा था, दिमाग़ में हज़ार बातें घूम रही थी.. इतने में मेरे मोबाइल पे पायल का एसएमएस आया

"शी ईज़ लाइयिंग भाई.. डोंट ट्रस्ट हर"

मैने उसे तुरंत रिप्लाइ किया

"इन नो स्टेट ऑफ माइंड आइ कॅन डिसकस दिस नाउ.. मीट यू ओवर ड्रिंक्स लेटर"


"किसका मेसेज है ..." पूजा ने मुझसे पूछा

मैं:- पायल का है, तुम विश्वास नहीं करोगी, पर उसने हमे हॅपी जर्नी विश किया है.. 

"उसकी किस बात पे विश्वास करें, किसपे नहीं, मुझे पता नहीं चलता... खैर, आपको अब पता चला है कि उसकी मोम ही इसमे सब कुछ कर रही है, आपने उसके साथ डिसकस किया है कुछ ?" पूजा ने सवाल पूछना जारी रखा

"इसमे क्या डिसकस करने जैसा है... पता लगाना पड़ेगा सब कुछ, ऐसे ही मैं कुछ बोलूं और वो ग़लत साबित हुआ तो.. वो मेरी बुआ है" 

पूजा:- ग़लत नहीं है , आपको मुझपे विश्वास तो है ना

मैं:- हां पूजा.. मुझे तुमपे विश्वास है, अच्छा तुम बताओ, तुम्हारे पास कोई सबूत है जिससे हम साबित कर सकें कि ये सब करने के पीछे मेरी बुआ का दिमाग़ है

पूजा:- , सबूत होता तो आज हमारी हालत ऐसी नहीं होती... और सॉरी, मैं आपसे इतने सवाल पूछ रही हूँ.. भूल गयी थी, के मुझसे ज़्यादा मानसिक तनाव में आप हैं..

"मैं ठीक हूँ पूजा.... बस ये गुत्थी सुलझ जाए...लाइफ ईज़ी है फिर तो..." मैं निराश सा साउंड कर रहा था

"कोई प्राब्लम नहीं है...ये गुत्थी क्या, इससे बड़ी मुश्किल भी आएगी ना...मैं आपका साथ नहीं छोड़ूँगी, किसी भी मुसीबत को आप तक पहुँचने के लिए, पहले मुझ पर से गुज़रना पड़ेगा..." कहते कहते पूजा मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ लिया...
 
कुछ देर तक मैं और पूजा यूही एक दूसरे की आँखों में देखते रहे.. एक अजीब सी खामोशी थी उस वक़्त हम दोनो के बीच..इतना सन्नाटा, शायद किसी बड़े तूफान का इशारा कर रहा था.

"यूही देखते रहेंगे, या कुछ करने का इरादा भी है आपका" पूजा ने खुद को मेरी बाहों में समर्पित करके कहा...

मैं धीरे से उसकी कमर पे हाथ घुमाने लगा, उसकी गर्दन के पास अपने होंठ ले गया...और उसे कहा

"चलो..साइट सीयिंग पे चलते हैं"

ये सुनके जैसे पूजा ने आँखें खोली, उसकी शकल देख के मेरी हँसी बंद ही नहीं हो रही थी... कुछ देर तक हम दोनो वहीं बैठे बैठे मज़ाक करने लगे, फिर तैयार होके होटेल की कॅब से ही आस पास में साइट्स देखने चले गये... कुछ देर में सूरज भी ढल गया और हम लोग एक रेस्टोरेंट में खाना खाने बैठ गये... कुछ देर में मैने भी घर पे फोन करके हाल चाल शेअर किया और वापस पूजा को टेबल पे जाय्न कर लिया.. जैसे ही मैं टेबल पे बैठा, पीछे से एक आवाज़ ने पूजा और मुझे चोंका दिया

"एक्सक्यूस मी... थ्री सिंगल माल्ट, ऑन दा रॉक्स प्लीज़" इतना कहके पायल मेरे साथ टेबल पे आके बैठ गयी...
पूजा ने तो क्या, मैने भी पायल को वहाँ एक्सपेक्ट नही किया था...

"हेलो भाई, लव्ली सर्प्राइज़ ना" पायल मेरे सामने और पूजा के साथ वाली चेअर पे बैठती हुई बोली.

"ओफ़कौर्स स्वीट हार्ट..व्हाट ब्रिंग्स यू हियर हाँ, तू हमारे साथ नही आई, और अकेले इधर, शॉकिंग हाँ" 

"उम्म्म...हम तो ऐसे ही हैं भाई.... ऊप्स !!! सॉरी, भाभी, मैने तो आपको देखा ही नहीं, क्या हाल है आपका हाँ, और क्या बात है, नाइस चाय्स ऑफ ड्रेस हाँ, पर्फेक्ट फॉर दा एवे" पायल ने पूजा को ताना मारते हुए कहा....

उस वक़्त जहाँ पायल ने एक सिंगल पीस गाउन पहना था ब्लॅक कलर का बॅकलेस, ऐज यूषुयल, शी वाज़ अट हर बेस्ट... दूसरी तरफ पूजा सिंपल जीन और टॉप में थी, और उसके बाल खुले हुए थे...

"थॅंक्स पायल.. और ये क्या, तुमने ऐज यूषुयल वोई ड्रेस...चेंज दा वॉर्डरोब बेब... हॅव अ चाय्स" पूजा ने ठान ली थी वो पायल के दबाव में नहीं आएगी...

इससे पहले पायल कुछ जवाब देती, हमारा सिंगल माल्ट स्कॉच का ऑर्डर आ चुका था...

"टू दा लव्लियेस्ट ब्रदर इन दा वर्ल्ड...रेज़ अ टोस्ट भाई... आंड टू दा बिचिएस्ट सिस इन लॉ..." पायल ने ये कहके अपने पेग का बॉटम्स अप कर डाला...

पूजा को ये बिल्कुल अच्छा नहीं लगा, 

"पायल...एक चॅलेंज हो जाए" पूजा ने पायल को देखते हुए कहा..

"आक्सेप्टेड माइ लॉर्ड...तुम्हारा हर चॅलेंज मुझे मंज़ूर है... आज हो जाए, देखते हैं किसमे है दम.." पायल चिल्लाने लगी...

"तो ठीक है... जो सबसे ज़्यादा स्कॉच के पेग ख़तम करेगा वो विन्नर... और विन्नर कॅन आस्क दा लूज़र टू डू एनितिंग..." पूजा ने एनितिंग पे इतना ज़ोर डाला, मुझे डर लगने लगा था...

"पूजा, प्लीज़ डोंट डू दिस ओक... तुम पायल को नहीं जानती... वो तो पैदा ही सिंगल माल्ट में हुई है... उसने अपने मूह से पहला शब्द मा या पा नहीं, स्कॉच कहा था, तुम जानती नहीं हो उसकी केपॅसिटी को" मैने पूजा को चेतावनी देके कहा

"भाई... प्लीज़ स्टे आउट ऑफ दिस, आइ आम इन फॉर दिस" पायल ने पूजा के सामने आते हुए कहा...

मैं इस खेल में किसी का साथ नहीं देना चाहता था, अंजाम में जानता था, इसलिए चुपचाप साइड की कुर्सी पकड़ ली और वेटर को दो पेग सिंगल माल्ट ऑर्डर किए, नो आइस, नो वॉटर.. जस्ट नीट.

हम कॉर्नर टेबल पे बैठे थे, इसलिए ज़्यादा जनता हमे देख नहीं सकती थी... वेटर पहला राउंड लाया... पूजा और पायल ने अपने अपने ग्लास उठा के पीना चालू किया... दूसरा राउंड, दो पेग और, पायल और पूजा ने इसे भी एक दम स्मूद्ली नीचे उतार लिया... दरअसल सिंगल माल्ट सबसे ज़्यादा स्मूद होता है, 5 पेग तक किसी को कुछ नहीं लगता, 6थ पेग से नशा छाने लगता है, दिमाग़ सुन्न होता है, आदमी बादलों में उड़ने लगता है... अभी तो सिर्फ़ 2 पेग हुए थे, असली खेल तो अब तक शुरू भी नहीं हुआ था... तीसरा राउंड और दोनो की दोनो ने पेग ख़तम कर दिया था....

"पूजा, थ्ट्स ओके, डोंट बी चाइल्डिश, बस करो ये, मैं नही चाहता तुम पायल के सामने हार जाओ, यू डोंट नो हर" मैं पूजा को समझाने लग गया...

"वेटर... रिपीट प्लीज़" पूजा ने सिर्फ़ जवाब में ये कहा...

"पायल..क्या यार, तेरा भी कोई मुकाबला है इससे...तू कहाँ और ये कहाँ यार, अब बच्चों के साथ शर्त लगाएगी तू, तेरे ऐसे दिन आ गये हैं क्या" मैं पायल के पास चला गया

"बच्चा या बड़ा भाई, हर किसी को अपनी औकात पता लगनी चाहिए... और आप तो मुझे जानते हो, एक बार मैने बोल दिया तो बोल दिया...मेरे लफ्ज़ बंदूक से निकली हुई गोली की तरह हैं..." पायल अब पीछे हटने वाली नहीं थी...

मैं शांति से अपनी चेर पे आके बैठा और देखने लगा तमाशा... कौन कहता है भाभी और ननद का रिश्ता खट्टा होता है, यहाँ देखो, दोनो दारू साथ पी रहे हैं , इससे ज़्यादा मिठास कहाँ होगी मैं सोचने लगा.. इतने में वेटर आया और उसने दो पेग और दिए, ये था 5थ राउंड का सिग्नल... पूजा और पायल ने इसे भी हल्के से अपने गले के नीचे उतार दिया... उस राउंड के साथ वेटर मेरा क्रेडिट कार्ड भी ले गया, शायद उसे भी डर था अपनी पेमेंट नही मिलने का...

"रिपीट... रिपीट... रिपीट.." बस यही शब्द था जो मैं पिछले एक घंटे से सुन रहा था... देखते देखते पूजा और पायल 8 पेग ख़तम कर चुके थे... 

8 पेग के बाद पूजा की हालत नॉर्मल लग रही थी, माथे पे हल्का सा पसीना था, चेहरे पे वोई स्माइल, किल्लर स्माइल, और उसकी आवाज़ नॉर्मल... दूसरी तरफ पायल ने अपने बँधे हुए बाल खोल दिए थे, माथे पे काफ़ी पसीना था... वो कुछ बोल ही नहीं रही थी, उसकी आँखें सुर्ख लाल हो चुकी थी...
 
"पायल, रहने दे यार, एनफ ईज़ एनफ" मैने तंग होते हुए कहा...

"हाहः... हीईियचह... वॉट हीचह..., अभी तो शुरू हुआ है हाहाहा हिच..." पायल ने जवाब दिया...

"रिपीट प्लीज़... दिस टाइम मेक दिस 90 म्ल प्लीज़" पूजा ने ऑर्डर दिया... 90 म्ल मतलब तीन पेग एक साथ..

"पूजा, आर यू नट्स, बंद करो अब प्लीज़" 

"ओह हो मिस्टर वीरानी, युवर सिस ईज़ लूज़िंग, तभी क्या... नहीं, एनफ सुन लिया मैने, इसके ताने सुन सुन के आज मेरी बारी है इसे जवाब देने की" पूजा ने अपनी नॉर्मल आवाज़ में कहा..

वेटर दो पेग और लाया... सॉरी, 6 पेग लाया दो ग्लासस में..

"व्हाट दा हेल हाँ... तू समझती क्या आअहज्चह मुझे हन्णन्न्..."पायल ने इतना कहा और पेग नीचे... दूसरी तरफ पूजा ने आराम से पेग नीचे उतारा और मुझे आँख मारती हुई बोली

"डोंट वरी मिस्टर वीरानी...तुम्हारी शादी बेवड़ी से नहीं, फाइटर से हो रही है.. प्लीज़ स्माइल ओके"

ये सुनके मैने पायल की तरफ देखा तो शी वाज़ आउट... नॉक आउट, नॉक डाउन, ब्लोन आउट... जो भी कहो... उसके बँधे हुए बाल खुल चुके थे, उसका स्कार्फ ढीला हो गया था, उसकी आँखें आउट...आइ मीन लाल, शब्द सम्भल नहीं रहे थे, तो खुद को क्या खाक संभालती... 

"रेप्ेअटततटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त.........." बस पायल ने इतना ही कहने के लिए उठी के धदामम्म्ममममम.... इस आवाज़ के साथ पायल नीचे गिर गयी... वो शर्त हार चुकी थी... पूरा का पूरा क्राउड बस हमे ही देख रहा था... मैने जैसे तैसे करके पूजा को मनाया कि वो पायल को उसके होटेल तक छोड़ने चलें, पूजा के मानने के बाद मैने उन्हे कॅब में जाने को कहा, और मैं बिल भरने गया...

"15000 " ये सुनके होटेल वाला भी मुझे घुरके बोलने लगा..

"सर... 24 पेग्स ऑफ सिंगल माल्ट आरेंट चीप..बिसाइड्स दट वाज़ दा बेस्ट ऑफ दा लॉट... बिकॉज़ ऑफ युवर क्वांटिटी, यू हॅव रिसीव्ड डिसकाउंट ऐज वेल"

मेरे बाप के क्रेडिट से पहली पेमेंट उनकी बहू की विस्की की..... वाहह!!!! बिल भरके जैसे ही मैं अपनी कॅब में पहुँचा, वहाँ पूजा के साथ पायल भी थी....

"चलो, अब चलें इसे छोड़ने" मैने कॅब में बैठते पूजा से कहा...

"....आज की रात ये अपने होटेल ना जाए तो......." 
 
रेस्टोरेंट में हुए कॉंपिटेशन के बाद तो एक बात सॉफ थी... पूजा दिखने में जितनी सीधी थी, उतनी सीधी है नहीं.. कॅब में बैठते हुए जब मुझे पूजा ने कहा कि पायल को वो अपने रूम में ले जाएगी आज, मुझे पहले तो कुछ समझ नही आया, पर तुरंत मुझे ख़याल आया, कहीं पूजा कुछ उल्टा ना कर दे पायल के साथ.. चाहे जो भी हो, मैने अभी तक पूजा की कहानी को स्वीकारा नहीं था, इसलिए मैं चाहता था अंत तक पायल मेरे साथ रहे... आज भी दिल पूजा से ज़्यादा भरोसा पायल पे करता था...

"तुम्हारे रूम में क्यूँ बेबी...हम तो नाइट साथ में स्पेंड करने वाले थे ना, फिर पायल को छोड़ दो ना, आगे के लिए बचा के रखो उसकी सज़ा... " मैने पूजा को बाहों में लेते हुए कहा...

पूजा बलखाती हुई मेरे सीने से ऐसे लिपटी जैसे चंदन के पेड़ से अजगर... पूजा ने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया मेरे उपर... पूजा मेरी गोद में लेटी हुई थी, पायल को उसने आगे की सीट पे बिठाया था... 

"...आप सही बोल रहे हैं , हम यहाँ आए थे सब बातों को भूलने, पर पायल का यूँ अचानक इधर आना, मुझे कुछ सही नहीं लग रहा...ज़रूर ये यहाँ किसी मकसद से आई है" पूजा ने मेरे गालों पे हाथ फेरते हुए कहा

(अरे जानेमन, अब तुझे क्या बताऊं... पायल और मेरा बिछड़ना, हमारा अलग होना, सब नाटक था तेरे करीब आके तुझे अपने रास्ते से साइड करने के लिए, पर अब तू भी नयी कहानी लाई है, इसके लिए मुझे पायल को यहाँ बुलाना पड़ा) ... मैं इस सोच में पड़ गया था, यूँ अचानक मुझे सोचते हुए देख, पूजा फिर बोली

"... आप सुन रहे हैं ? कुछ सोच रहे हैं तो शेअर कीजिए"

"नहीं... कुछ भी नहीं पूजा, देखो तुम्हे जो ठीक लगे वो करो, अगर तुम्हे लगता है पायल कुछ नुकसान पहुँचने आई थी हमे, तो उसमे तुम ग़लत हो.. और पायल मेरी सबसे प्यारी बहन है, मैं नहीं चाहूँगा के उसे कोई नुकसान पहुँचे...एक बार मेरा दिल डॉली और ललिता को तकलीफ़ में देख सकता है, पर पायल को चोट पहुँचेगी तो उससे कहीं ज़्यादा दर्द मेरे दिल में होगा..." पूजा को समझाते समझाते मेरा दिल भर आया था..

मुझे समझ नही आ रहा था कि कोई कैसे अपने होनेवाली बीवी से ये सब बोल सकता है.. वो भी उस वक़्त जब उसको ख़तरा भी उसी प्यारे इंसान से है.... पूजा ने मेरी भावनाओ को समझ कर, मेरी आँखों से निकल रहे अश्क देखे, वो उठकर मेरी आँखों के आँसू अपने होंठों से चूसने लगी.... ये देख के मुझसे रहा नही गया और मैं पूजा के सीने से लिपट के सिसकियाँ लेने लगा... शायद इतने दिन बाद मुझे रोना अच्छा लग रहा था, मैं अपने दिल को हल्का कर देना चाहता था... 

"आए मेरा बच्चा, क्यूँ रो रहे हैं आप...आप के जज़्बातों की कदर करती हूँ मैं .. आप बेफ़िक्र रहें, पायल अगर आपकी जान है तो मैं भी उसका उतना ही ख़याल रखूँगी... पर आज आप मुझे अगर रोकेंगे तो शायद हम इस सिलसिले में आगे ना बढ़ पायें... मैं आपके पीछे ही हूँ... अगर आपकी मर्ज़ी नहीं है तो रहने देते हैं.." पूजा मेरे गले में अपनी बाहों का हार बना के मुझे मना रही थी.
 
फाइनली, मैं पूजा की बात मान गया... जब तक हम होटेल पहुँचते, तब तक हम खामोश थे, मेरे दिमाग़ में सवालों,का सैलाब सा आया हुआ था, मैं बार बार सोच रहा थे कि पूजा पायल से क्या बात करेगी , पायल नशे में कहीं उसको ये ना बता दे, कि वो मेरे कहने पे यहाँ आई हुई है... सोचते सोचते हम होटेल की लॉबी में पहुँचे जहाँ पूजा और मैं पायल को कंधा देके लिफ्ट की तरफ बढ़े, हम जैसे ही पूजा के रूम के करीब पहुँचे मैं कुछ बहाना करके वापस लॉबी में आ गया रिसेप्षन पे..

"हाई.. वी हॅव आक्च्युयली फर्गॉटन और आक्सेस कार्ड इनसाइड दा रूम... प्लीज़ इश्यू मी आ न्यू वन, आंड ब्लॉक दा ओल्ड वन इफ़ यू वान्ट" 

मैने रिसेप्षन पे झूठ बोलके पूजा के रूम का आक्सेस ले लिया.... पूजा के रूम में आज बहुत कुछ खुल सकता था, मैं किसी भी कीमत पे आज की रात ज़ाया नही करना चाहता था... न्यू आक्सेस लेके मैं पूजा के रूम के पास चला गया, वो लोग अंदर जा चुके थे , अब उनका कार्ड ब्लॉक्ड था... मैं पूजा को सी ऑफ करके और पायल को सुला के अपने रूम में आ गया.... अपने रूम में आके कुछ देर में फ्रेश हुआ, टाइम देख के घर पे बात की, संतुष्टि मिली कि वहाँ सब ठीक है और साथ ही साथ डॅड से बॅंक के पेपर्स फॅक्स करने को कहा जिसपे,पूजा के सिगनेचर्स चाहिए थे.. अभी भी रात गहरी नहीं हुई थी, वक़्त देखा तो रात के करीब 11 बज रहे थे, मैने तुरंत पूजा को कॉल किया..

"हाई बेबी... व्हाट डूयिंग" 

"अभी तो फ्रेश होने जा रही हूँ, फ्रेश होके फिर थोड़ी देर घर पे बात करूँगी, मोम से बात ही नहीं हुई है" 

"और पायल सो गयी, शी ईज़ ओके ?" मैने फिर सवाल किया पूजा से

"एप... सो रही है, मैं एक बार फ्री हो जाउ, इसको होश में लाने की कोशिश करूँगी..."

"ओके...चलो, स्लीप वेल" मैने फोन कट करते हुए कहा...

मेरे पास अंदाज़न आधा घंटा और था, मैं रूम के मिनी फ्रिड्ज से बियर लेके पीने लगा, और एक और एसएमएस किया

"सेंड देम नाउ..."

सामने से ओके का जवाब पाके मैं वक़्त का इंतेज़ार करने लगा, इसी चक्कर में एक और बियर ख़तम कर दी... बियर पीते पीते रूम की बाल्कनी में आके जकार्ता की चका चोंध को देखने लगा...रात के करीब 12 बज रहे थे और ये शहर रंगीन होता जा रहा था...लाइट्स, गाड़ियाँ, भीड़ बिल्कुल कम नहीं हो रही थी... मोम डॅड को ज़रूर यहाँ वाकेशन पे लाउन्गा, वो भी अपने पैसों से.. खुद से ये वादा कर, मैने घड़ी की तरफ देखा तो 12.15 बज रहे थे रात के, मैं तुरंत अपने रूम से निकल के, पूजा के कमरे की तरफ बढ़ गया, पूजा के कमरे के पास पहुँच के धीरे से मैने आक्सेस कार्ड की मदद से दरवाज़ा खोला....

मैं हॉल में बिल्कुल गहरा अंधेरा छाया हुआ था, सिर्फ़ बाल्कनी के थ्रू बाहर की हल्की रोशनी अंदर आ रही थी.. धीरे धीरे आगे बढ़के चेक किया तो बाथरूम भी खाली था... मतलब पूजा और पायल अंदर वाले रूम में थे, मैं उस कमरे की ओर बढ़ा, कमरा लॉक था, लेकिन मैन विंडो के पर्दे नहीं लगे थे, मैं खिड़की से अंदर छुप छुप के झाँकने लगा... 

अंदर पूजा ने सिर्फ़ एक पतली सी येल्लो कलर की नाइटी पहनी थी जिसमे से उसके चूचे सॉफ नज़र आ रहे थे, उसकी नाइटी उसके घुटनो से थोड़ी उपर तक थी, नीचे से उसकी टाँगें एक दम सॉफ और चिकनी... बेड पे बैठे बैठे वो एक बुक पढ़ रही थी, बुक पढ़ते पढ़ते उसने अपनी टाँगों को खोला जिससे उसकी नाइटी एक तरफ हो गयी और उसकी चूत सॉफ दिखाई देने लगी, उसकी चूत के होंठ एक दम गुलाबी से लग रहे थे, उसने अंदर पैंटी भी नही पहनी थी..कुछ सेकेंड्स में बुक साइड में रख के पूजा ने एक नज़र पायल की तरफ घुमाई.. पायल जो अभी तक शायद नशे में थी, बेड पे लेटी हुई थी, नशे में होने के कारण, उसका ड्रेस नीचे से उपर हो गया था, उसकी टाँगें सफेद , एक भी दाग नहीं, एक भी बाल नहीं, टाँगों के बीच से नज़र गयी तो उसकी ब्लॅक कलर की सिल्क पैंटी सॉफ दिख रही थी... पूजा ने एक हाथ बढ़ा के पायल के बालों को सहलाने लगी...धीरे धीरे उसका हाथ बालों से सरक के पायल के गालों पे आ गया...
 
पूजा का एक हाथ पायल के गालों को सहलाने लगा और उसका दूसरा हाथ पायल के चुचों को ड्रेस के उपर से सहलाने लगा... पूजा उसके चुचे सहला के बहकने लगी... कुछ सेकेंड्स में पूजा पायल की ड्रेस उतारने लगी....धीरे धीरे पायल निर्वस्त्र हो गयी, अब सो सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी.... पायल को नंगा करके, पूजा बेड से उठी, और उसने भी अपनी नाइटी उतार फेंकी... अंदर से पूजा एक दम नंगी थी, उसके चुचे एक दम गोल तरबूज़ जैसे थे, उसके निपल्स कड़क होके तन चुके थे..उसने एक उंगली से अपने निपल्स को सहलाया और एक उंगली गीली करके अपनी चूत पे रख दी..

"सीईईईईयाहह...उम्म्म्ममम" चूत पे हाथ रखते ही पूजा की सिसकारी निकल गयी

दो कदम आगे बढ़के पूजा बेड पे पायल के उपर चढ़ गयी...उसने अपनी दोनो टाँगें को चौड़ा कर पायल के पेट के पर बैठ गयी, और मस्ती में आके उसकी ब्रा के उपर से उसके चुचे सहलाने लगी....

"उम्म्म...अहह...ससिईईईई.....उम्म्म्ममम" ऐसी आवाज़ों से रूम में वासना का समा सा बँध गया.... काफ़ी देर तक पूजा पायल के चुचों को सहलाती रही, और अपनी टाँगें आगे पीछे करती जैसे वो किसी घोड़े की सवारी कर रही हो.... धीरे धीरे पूजा का जोश बढ़ सा गया, अब उसकी सिसकारियाँ चीखों में बदलने लगी

"आहह...आहह...उम्म्म्मम...यॅ अहहहह यू आर सो हॉट अहहह....यॅ राइड मी बेबी अहहहहहहाः..."

इसकी चीखें सुनके पायल की आँखें अब धीरे धीरे खुलने लगी थी...पायल के हाथ अब हवा में उठे और वो पूजा को उसके बालों से पकड़ के अपनी तरफ खीचने लगी...पूजा भी किसी कटी पतंग की तरह उसकी तरफ झुकने लगी, उनके होंठों के बीच में अब फासला बिल्कुल कम था...पायल के हाथ अब पूजा के बालों से उतरके उसकी पीठ सहलाने में लग गये थे...एक उंगली से वो पूजा की पीठ को सहलाने लगी,जब कि पूजा के दोनो हाथ पायल के आस पास थे...दोनो के बदन अब पसीने से एक दम भीगे हुए थे...देखते देखते अब दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लगे...कण्ठ चूस्ते चूस्ते अब पायल पूजा की पीठ को कस्के पकड़ने लगी...पूजा की पीठ से पसीना बहता हुआ धीरे धीरे नीचे जाके उसकी गान्ड के छेद में बहने लगा था...

"उम्म्म....आहह....पपोक्वह अहहह....आहहः....सीईईई..... किस मी हार्ड अहहहहा.... आहहाहा ज़ोर से चूसो ना मेरी प्यारी भाभी आहहः.....और ज़ोर से करो ना अबभा...अहहहमम्म्म आहम्म्म्म मम...उम्म्म्मम" पायल कहते कहते अब पूजे के चुचे मसल्ने लगी थी....

"आहहह...मेरी प्यारी ननद अहहहहहा....क्या गरम शरीर है तेरा आहहाहः..उम्म्म....और चूस ना मेरे होंठों को अहहहसिईईई" कहते कहते पूजा और पायल जंगली बिल्लियों की तरह एक दूसरे को चूसने और चाटने लगे थे....

बेड से उठके पूजा ने पायल का हाथ थामा, और अपनी बाहों में भर के, पायल के शरीर से उसकी ब्रा को अलग कर दिया... पायल आँखें बंद करके उस लम्हे का मज़ा लेने लगी... पायल की ब्रा उतार के, पूजा अपनी जीभ को पायल के निपल पे रख के उसको चाटने लगी, और अपने हाथ नीचे खिसका के उसकी चूत को उसकी पैंटी के उपर से रगड़ने लगी.... पायल पूजा से अलग होके अब पूजा को आँखों में आँखें डाल के देखने लगी... पूजा और पायल एक दूसरे को घूर्ने लगे, पर पूजा के हाथ अभी भी उसकी चूत से नहीं हटे....दोनो की आँखों से वासना रस टपक रहा था... देखते देखते पूजा ने पायल की चूत सहलाने की स्पीड बढ़ा दी... पायल आँखें बंद करने लगी, और उसकी टाँगें अकड़ने लगी

"येआः अहहह...मेरी ननद, देख ना मुझे अहहहहा...कैसे तेरी होने वाली भाभी तेरी चूत को रगड़ रही है अहाहाः....." पूजा चिल्लाने लगी... पायल की आँखें बंद ही रही और वो उस पल का मज़ा लेते लेते चिल्लाने सी लगी

"आआहाहा....हां ले ले ना मेरी रांड़ भाभी अहहहहा....खा जा ना मेरी चूत को अहाहा सीईइ...ह्म्म्म्म अहहहहाहा....मेरी रांड़ भडवि भाभी अहहहः.."

पायल का ये जोश देख के पूजा से रहा नहीं गया और उसने एक बार फिर पायल को अपने पास खीच लिया और कुतिया की तरह उसके होंठ चूसने लगी.... पायल से भी रहा नहीं गया, और पूजा को चूमते चूमते अपनी पैंटी उतार के फेंक दी.. दोनो के नंगे बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे और एक दूसरे को ऐसे चूम रहे थे जैसे इस रात की सुबह नहीं... चूमते चूमते दोनो बेड की तरफ बढ़ने लगे और एक दूसरे के उपर लेट के चूमने लगे...कभी पूजा उपर तो कभी पायल...दोनो के होंठ एक दूसरे से अलग ही नहीं हो रहे थे.... काफ़ी देर तक एक दूसरे के होंठों को निचोड़ के, पूजा पायल की चूत चाटने गयी, और 69 में आ गयी... 

दोनो एक दूसरे की चूत चाटने में व्यस्त हो गये...

"उम्म्म्म आबहः.......ज़ोर से चाट ना मेरी भाभी अहहाहा....मेरी चूत को आज मत छोड़ना, अपनी जीभ से फाड़ दे ना इसको आबाहबा...उम्म्म्म..स्लर्प स्लर्प आहाहहाहा......स्लूरप्पाहह" पायल पूजा की चूत चाटने में व्यस्त होते हुए बोली

"उम्म्म्म...अहहाहा मेरी रांड़ ननद अहहहाहा.....अपने भाई से चुदवाति है ना आहह..रांड़ है तू टॉप की आहहहः..." पूजा अब उसकी चूत की फाँक खोल के अंदर तक अपनी जीभ घुमा रही थी....
 
"उम्म्म्म आहहाहा....स्लर्प स्लर्प अहहहः...तू भी तो रोज़ लेगी ना मेरे भाई का मुस्सल अपनी दोनो टाँगों के बीच में अहहः..साली रंडी तू है, सीईयाहह....उम्म्म्म...तेरी मा को चोदु साली आअहह..रंडी मा बेटी कहीं की आअहहस्सिईईई...." पायल अब पूजा की गान्ड का छेद चाटने लगी थी

"उम्म्म्माहज...सीईईईई....आअहह, मेरी मा तो है ही रंडी आहह....काश वो यहाँ होती उफफफ्फ़ आहहसीसीई...साथ मिलके उसका चूत रस पीते मेरी रांड़ ननद.. " 

पूजा और पायल अब सड़क छाप रंडीगिरी पे उतर आए थे.... पूरे रूम में उनकी ही आवाज़ें गूँज रही थी...उनकी गालियाँ, उनकी सिसकारियाँ सुनके मेरे लंड में अकड़न बढ़ने लगी थी..मेरा दिल भी किया के अंदर जाके उनको लंड से पेल ही दूं...

"ओाहह....ज़ोर से करो भाभी आहहसिईईई......मैं आ रही हूँ उम्म्म्माहह" पायल की टाँगें भी अब अकड़ने लगी, उधर पायल के साथ पूजा भी चिल्लाने लगी...

"ओह्ह्ह्ह आहह हन मेरी ननद ऐसे ही चाट मुझे आहह...मैं भी आ रही हूँ ओह उफफफफ्फ़ आहह...उ.म्म्म्मडम कमिंग बेबी आहह..... हां भाभी मैं भी गाइिईईईईई आअहह,......उम्म्म्मम ऊहह....."

इस चीख से उनके रूम में वासना का तूफान थम चुका था... पूजा और पायल दोनो बेजान सी होके एक दूसरे की बाहों में आ गई... अभी भी इनका चूसना चाटना तो चालू था....

"उम्म्म...मेरी प्यारी भाभी...क्या मस्त मज़ा देती है मेरी पूजा रानी...." पायल ने पूजा के निपल्स मोड़ते हुए कहा

"आउच....उहह धीरे मेरी प्यारी ननद रानी...मज़ा देना तो मेरा फ़र्ज़ है तुमको...मैं तुम्हारी गुलाम जो हूँ" पूजा ने पायल के होंठों पे अपनी उंगलियाँ फेरते हुए कहा...

"लेकिन पूजा...तुमने राज को मेरी मोम का नाम क्यूँ बताया...हम मिलके ये सब कर रहे हैं, अब तो वो मेरी मोम के बारे में जान गया है, अब कैसे रोकेंगे इसको.."

"डोंट वरी स्वीट हार्ट... राज को जैसा मैं कहूँगी वो वैसा ही करेगा... अब तक उसको पता नही लगने दिया है कि तुम शुरू से ही उसके साथ नाटक कर रही हो... अब क्या कर लेगा वो.." पूजा ने पायल के नीचे वाले होंठ को चूस्ते हुए कहा

ये सुनके दोनो हँसने लगी और एक बार फिर अपनी चुदाई में व्यस्त हो गयी....

पायल और पूजा की बातें सुनने के बाद, मेरी फट के हाथ में आ चुकी थी... अंदर दो बला की खूबसूरत लड़कियाँ, एक दम नग्न मुद्रा में काम लीला में बह रही थी, वहीं मैं उन्हे देख के और ज़्यादा तड़प रहा था... ये तड़प सेक्स की नहीं थी, तड़प थी धोखे की वजह से... 


धोखा, जो मुझे पायल ने दिया, पायल मेरी सबसे प्यारी बहेन जिसे मैं अपनी जान से भी ज़्यादा मानता था, जिसके लिए मैं कुछ भी कर सकता था... पूजा ने भी पिछले कुछ दिनो में मेरे दिल में जो घर बनाया था वो एक मिट्टी के महल की तरह 
बिखर चुका था... अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हुआ, और मैं वहाँ से लौट के अपने रूम में आ गया.... अपने रूम में आते ही, मैने अपने लिए एक फुल स्कॉच ऑर्डर कर दी... वैसे तो मैं दारू हमेशा खुशी में पीता था, पर आज जो मैने देखा, सुना, शायद वो सब भूलने के लिए मुझे स्कॉच की ज़रूरत थी... कुछ सेकेंड्स में स्कॉच के आते ही, मैने एक.... दो.. तीन... कम से कम 5 पेग उसने नीट उतार दिए थे... इतने बड़े रूम में मैं अकेला बैठा दारू पिए जा रहा था... मेरी जलन बढ़ने लगी थी नीट पीने की वजह से... 


पर आज मुझे परवाह नहीं थी, शायद ये जलन उस जलन से कम थी जो पायल और पूजा ने मिलके मेरे दिल में पैदा की है... देखते ही देखते मैने आधे से ज़्यादा बॉटल ख़तम कर ली... वक़्त देखा तो रात के 2 बज रहे थे, जिसका मतलब इंडिया में करीब 6 या 6.30 हुए होंगे... मैं किसी से बात करना चाहता था, पर वक़्त की वजह से कर नहीं पाया....
 
मैं रूम में सोफे पे बैठे बैठे, मुझे कब नींद आई पता ही नहीं चला... मुझे इतनी पीने की आदत नहीं थी, शायद इसलिए होश ही नहीं रहा, के मैं दूसरे दिन की दोपहर तक सोता रहा... जब मेरी नींद खुली तब दोपहर के 2 बज चुके थे... अपनी नींद ख़तम करके मैने सबसे पहले अपना फोन उठाया जिसमे 10 से ज़्यादा मिस्ड कॉल्स थे और काफ़ी मेसेजस थे... पूजा और पायल के मेसेजस को इग्नोर करके, मुझे फाइनली वो एसएमएस मिला जिसका मुझे सबसे ज़्यादा इंतेज़ार था... एसएमएस पढ़ के तुरंत मेरे चेहरे पे मुस्कान आ गयी... इतने में पापा का कॉल आ गया...


पापा:- बेटे.. हाउ आर यू, एवेरितिंग ओके ना


मैं:- यस दाद, क्यूँ क्या हुआ


पापा:- बेटे, आइ आम कॉलिंग यू सिन्स दिस मॉर्निंग... कहाँ थे


मैं:- नींद में था पापा.. सॉरी, बोलिए आप सब कैसे हैं और मोम कैसी है..


पापा:- वी आर फाइन बेटा, और मोम बढ़िया है, उनसे कॉल करके बात कर लो घर पे... और हां, मैने पेपर्स भिजवा दिए हैं होटेल के फॅक्स नंबर पे... तुम्हारे पास 30 मिनट्स हैं, पूजा के साइन ले लो और मुझे भेजो.. कल आखरी दिन है पेपर्स सब्मिट करने का बॅंक में..


मैं:- आखरी दिन कैसे डॅड... हम जब चाहें तब एड कर सकते हैं नाम तो.. इसमे इतनी जल्दी क्यूँ


पापा:- .. क्या तुम ये कहना चाहते हो, कि तुमने अपना इरादा बदल दिया है अब.. अब पूजा का नेम एड नहीं करना चाहते हो... अगर ऐसा है , तो आइ वान्ट पेपर्स इन 15 मिन्स... पूजा के साइन लो, मैं कुछ नहीं सुनना चाहता ओके.. तुम क्या ज़िंदगी भर अकेले रहोगे.. और सडन्ली क्या हुआ, अपना इरादा क्यूँ बदल रहे हो... कल तक तो पूजा पसंद थी तुमको, आज फिर क्या हुआ...


मैं:- डॅड... मैने कब कहा ऐसा कुछ.... मैं तो सिर्फ़..... मैं इतना ही बोल पाया कि डॅड ने फिर मुझे बीच में कट कर दिया


पापा:- गुड देन .. सेंड मी दा पेपर्स आसाप ओके.... बाय....



मेरी बात सुने बिना ही फोन कट किया... एक तो हिन्दुस्तानी मा बाप को बहू लाने की इतनी जल्दी क्यूँ होती है.. और फिर पूरा प्यार उसपे ही बरसाएँगे... बहू के आते ही साला बेटा तो कुत्ता हो जाता है.... मेरे दिमाग़ में ये सब ख़याल ऐसे दौड़ रहे थे जैसे भाग मिल्खा भाग में फरहान दौड़ता है... अब मैं क्या करूँ, किसके पास जाउ.. कोई तो मदद करो यार... ऐसे अकेले में तो मेरी गान्ड लगेगी, साथ ही मेरे मा बाप को भी बहुत मुसीबतें होंगी.... ज़य को कॉल करता हूँ.. ये सोच के मैने जल्दी से ज़य को कॉल किया....


(पिक अप दा फोन यार.. जल्दी उठा ना.... ) ज़य के फोन पे जाती हुई हर रिंग के साथ मेरा BP बढ़ता जा रहा था... फाइनली जब कॉल डिसकनेक्ट हुआ , तभी ज़य का एसएमएस आया.. वो लेक्चर में था, जिसका मतलब 2 घंटे वो किसी से बात नहीं कर पाएगा.. 5 मिनट तक रूम में पागलों की तरह घूमने के बाद, मैं निराश सा होके रिसेप्षन की तरफ निकलने लगा पेपर्स कलेक्ट करने के लिए...


"हाई... आर देअर एनी पेपर्स फॉर राज वीरानी इन युवर फॅक्स..." मैने रिसेप्षन पे जाके पूछा...


"आह येस... वी वर एक्सपेक्टिंग यू... जस्ट आ सेकेंड..." रिसेप्षनिस्ट मुझे इंतेज़ार करने के लिए मेरे काम में लग गयी... कुछ सेकेंड्स बाद


"देअर यू आर मिस्टर राज वीरानी.. डॉक्स अराइव्ड दिस मॉर्निंग...." रेसेपटॉनिस्ट ने मुझे कवर देते हुए कहा...


"ईज़ दिस इट.. आइ मीन, एनी अदर डॉक्युमेंट्स फॉर मी.." मैने रूम में जाने से पहले पूछना सही समझा...


"उः.. लेट मी चेक अगेन...." कहके रिसेप्षनिस्ट फिर मेरे पेपर्स ढूँढने में लग गयी..


जब तक मैं पेपर्स ले रहा था, पूजा कॉल पे कॉल किए जा रही थी.. उसके हर एसएमएस के एंड में लव पूजा लिखा था... मेरे दिल में जलन बढ़ती जा रही थी... मैं डबल स्टॅंडर्ड्स का इंसान नहीं हूँ, मुझे सीधी बात करना पसंद है.. पर इनके सामने मुझे आक्टिंग करनी पड़ेगी, नहीं तो मैं इन्हे रोकुंगा कैसे... ये सब सोच रहा था तब रिसेप्षनिस्ट फिर आ गयी


"मिस्टर वीरानी.. सम मोर फॉर यू.. आइ आम अफ्रेड , देअर ईज़ नतिंग मच फॉर यू नाउ.." रिसेप्षनिस्ट ने मुझे फिर कवर देते हुए कहा...


"थॅंक यू वेरी मच.. यू हॅव बिन वेरी काइंड..." मैं पेपर्स को चेक करते हुए बोला..


"एवेरितिंग ओके मिस्टर वीरानी... लुक्स लाइक यू हॅव हॅड आ वेरी रफ लास्ट नाइट..." रिसेप्षनिस्ट ने मेरी हालत देखते हुआ कहा...
 
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