hotaks444
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अब राज ने उसे नंगा किया और एक बार फिर दोनों आलिंगन बद्ध हो गए। इस बार राज का लिंग डॉली की नाभि को टटोल रहा था। डॉली ने अपने पंजों पर खड़े हो कर किसी तरह लिंग को अपनी योनि की तरफ किया और अपनी टांगें थोड़ी चौड़ी कर लीं। राज का लिंग अब डॉली की चूत के दरवाज़े पर था और डॉली उसकी तरफ आशा भरी नज़रों से देख रही थी। राज ने एक ऊपर की तरफ धक्का लगाया और उसका लंड चूत में थोड़ा सा चला गया।
अब उसने डॉली को चूतड़ से पकड़ कर ऊपर उठा लिया और डॉली ने अपने हाथ राज की गर्दन के इर्द-गिर्द कर लिए तथा उसकी टांगें उसकी कमर से लिपट गईं। अब वह अधर थी और राज खड़ा हो कर उसे अपने लंड पर उतारने की कोशिश कर रहा था। थोड़ी देर में लंड पूरा डॉली की चूत में घुस गया या यों कहिये कि चूत उसके लंड पर पूरी उतर गई।
डॉली ने ऊपर नीचे हो कर अपने आप को चुदवाना शुरू किया। उसे बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि ऐसा आसन उसने पहली बार ग्रहण किया था। कुछ देर के बाद राज ने बिना लंड बाहर निकाले डॉली को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसको जोर जोर से चोदने लगा। हालाँकि राज आज डॉली की गांड मारने के इरादे से आया था पर काम और क्रोध पर किसका जोर चलता है !! राज २-३ मिनटों में ही बेहाल हो गया और उसकी पिचकारी डॉली की योनि में छूट गई। राज की यही एक कमजोरी थी कि पहली बार उसका काम बहुत जल्दी तमाम हो जाता था। पर दूसरी और तीसरी बार जब वह सम्भोग करता था तो काफी देर तक डटा रह सकता था।
उसने लंड बाहर निकाला और डॉली को माथे पर पुच्ची करके बाथरूम चला गया। अपना लंड धो कर वह वापस आ गया। डॉली जब कुछ देर के लिए बाथरूम गई तो राज ने एक गोली खा ली। शाम के ६ बज रहे थे। अभी भी उसके पास करीब २ घंटे थे। जब डॉली वापस आई तो राज ने उससे पूछा कि वह कितनी देर और रुक सकती है।
डॉली ने भी अपने पति से देर से आने की बात कह दी थी सो उसे भी कोई जल्दी नहीं थी। तो राज ने सोचा की शायद आज ही उसकी बरसों की मनोकामना पूरी हो जायेगी। उसने डॉली से पूछा वह उस से कितना प्यार करती है।
डॉली ने कहा- इम्तिहान ले कर देख लो !!
राज ने कहा- कितना दर्द सह सकती हो?
डॉली ने कहा- जब औरत बच्चे को जन्म दे सकती है तो बाकी दर्द की क्या बात !!
यह सुन कर राज खुश हो गया और डॉली को बिस्तर पर उल्टा लेटने के लिए बोला। डॉली एक अच्छी लड़की की तरह झट से उलटा लेट गई। राज ने उसके पेट के नीचे एक मोटा तकिया लगा दिया जिस से उसकी गांड ऊपर की ओर और उठ गई।
राज ने अपने बैग से तेल की शीशी, जेली का ट्यूब, छोटा तौलिया और "लिंगराज" को निकाला और पास की मेज़ पर रख दिया। डॉली का मुँह तकिये में छुपा था और शायद उसकी आँखें बंद थीं। वह जानती थी कि क्या होने वाला है और वह राज की खातिर कोई भी दर्द सहने के लिए तैयार थी।
राज ने नारियल के तेल से डॉली के चूतड़ों की मालिश शुरू की। डॉली की मांस पेशियाँ जो कसी हुईं थीं उन्हें धीरे धीरे ढीला किया और उसके बदन से टेंशन दूर करने लगा। उसके हाथ कई बार उसकी चूत के इर्द गिर्द और उसके अन्दर भी आने जाने लगे थे। डॉली को आराम भी मिल रहा था और मज़ा भी आ रहा था।
अब उसने डॉली को चूतड़ से पकड़ कर ऊपर उठा लिया और डॉली ने अपने हाथ राज की गर्दन के इर्द-गिर्द कर लिए तथा उसकी टांगें उसकी कमर से लिपट गईं। अब वह अधर थी और राज खड़ा हो कर उसे अपने लंड पर उतारने की कोशिश कर रहा था। थोड़ी देर में लंड पूरा डॉली की चूत में घुस गया या यों कहिये कि चूत उसके लंड पर पूरी उतर गई।
डॉली ने ऊपर नीचे हो कर अपने आप को चुदवाना शुरू किया। उसे बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि ऐसा आसन उसने पहली बार ग्रहण किया था। कुछ देर के बाद राज ने बिना लंड बाहर निकाले डॉली को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसको जोर जोर से चोदने लगा। हालाँकि राज आज डॉली की गांड मारने के इरादे से आया था पर काम और क्रोध पर किसका जोर चलता है !! राज २-३ मिनटों में ही बेहाल हो गया और उसकी पिचकारी डॉली की योनि में छूट गई। राज की यही एक कमजोरी थी कि पहली बार उसका काम बहुत जल्दी तमाम हो जाता था। पर दूसरी और तीसरी बार जब वह सम्भोग करता था तो काफी देर तक डटा रह सकता था।
उसने लंड बाहर निकाला और डॉली को माथे पर पुच्ची करके बाथरूम चला गया। अपना लंड धो कर वह वापस आ गया। डॉली जब कुछ देर के लिए बाथरूम गई तो राज ने एक गोली खा ली। शाम के ६ बज रहे थे। अभी भी उसके पास करीब २ घंटे थे। जब डॉली वापस आई तो राज ने उससे पूछा कि वह कितनी देर और रुक सकती है।
डॉली ने भी अपने पति से देर से आने की बात कह दी थी सो उसे भी कोई जल्दी नहीं थी। तो राज ने सोचा की शायद आज ही उसकी बरसों की मनोकामना पूरी हो जायेगी। उसने डॉली से पूछा वह उस से कितना प्यार करती है।
डॉली ने कहा- इम्तिहान ले कर देख लो !!
राज ने कहा- कितना दर्द सह सकती हो?
डॉली ने कहा- जब औरत बच्चे को जन्म दे सकती है तो बाकी दर्द की क्या बात !!
यह सुन कर राज खुश हो गया और डॉली को बिस्तर पर उल्टा लेटने के लिए बोला। डॉली एक अच्छी लड़की की तरह झट से उलटा लेट गई। राज ने उसके पेट के नीचे एक मोटा तकिया लगा दिया जिस से उसकी गांड ऊपर की ओर और उठ गई।
राज ने अपने बैग से तेल की शीशी, जेली का ट्यूब, छोटा तौलिया और "लिंगराज" को निकाला और पास की मेज़ पर रख दिया। डॉली का मुँह तकिये में छुपा था और शायद उसकी आँखें बंद थीं। वह जानती थी कि क्या होने वाला है और वह राज की खातिर कोई भी दर्द सहने के लिए तैयार थी।
राज ने नारियल के तेल से डॉली के चूतड़ों की मालिश शुरू की। डॉली की मांस पेशियाँ जो कसी हुईं थीं उन्हें धीरे धीरे ढीला किया और उसके बदन से टेंशन दूर करने लगा। उसके हाथ कई बार उसकी चूत के इर्द गिर्द और उसके अन्दर भी आने जाने लगे थे। डॉली को आराम भी मिल रहा था और मज़ा भी आ रहा था।