desiaks
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उसी पल तीन इंच का मोमो जिन्न बड़ा होता चार फूट का हो गया।
उस पर नजर पड़ते ही सपन चड्ढा उछल पड़ा।
तुम?” उसके होंठों से निकला।
मैं उल्लू का पट्टा हूं।” मोमो जिन्न प्यार से बोला।
म...मैंने कब कहा?” सपन चड्ढा हड़बड़ाया।
“तू मेरी गर्दन तोड़ेगा।”
तु...तुमने गलत सुना है।”
“अपने यार को बोलता है कि मेरे से विद्रोह करे। भड़काता है उसे।”
“म...मैंने नहीं कहा।” सपन चड्ढा का चेहरा सफेद हो गया।
“तू मुझे सबक सिखाएगा।”
“व...वो तो यूं ही गुस्से में कह दिया था।” “मैं—मुसीबत हूं।”
सपन चड्ढा उसे देखता रहा। कुछ कह न सका। घबराया हुआ था वो।
मोमो जिन्न आगे बढ़ा और कुर्सी पर बैठता, प्यार भरे स्वर में कह उठा।
तेरे को शिक्षा देनी पड़ेगी।
” शिक्षा?” सपन चड्ढा ने सूखे होंठों पर जीभ फेरी।
“हां, तेरे में दूसरों के लिए आदर भाव जरा भी नहीं है, जबकि मैं सोचता था कि तेरे में जथूरा का सेवक बनने की काबिलीयत
मैं जथूरा का सेवक क्यों बनूंगा। मेरा अपना बिजनेस है। मैं...।”
जथूरा महान है। उसका सेवक बनना अपने आप में गर्व की बात है।”
सपन चड्ढा फंसे अंदाज में मोमो जिन्न को देखता रहा। “बोल, जथूरा महान है।”
होगा।” सपन चड्ढा ने बेचैनी से पहलू बदला–“मुझे क्या?”
जो मैंने कहा है बोल, वरना नंगा करके अभी बाहर सड़क पर घुमाऊंगा।” मोमो जिन्न गुस्से से कह उठा।।
“ज...जथूरा महान है।” सपन चड्ढा जल्दी से कह उठा।
इंसान तू बुरा नहीं। तेरे को पढ़ाने की जरूरत है। धीरे-धीरे सीख जाएगा तू।” ।
सपन चड्ढा चुप ।।
मिन्नो को फोन कर ।”
म...मोना चौधरी को?”
हां। वो ही। उसे कह कि तेरे को पता चला है देवा कल 11.30 पर राजीव चौक के मैट्रो स्टेशन आएगा।”
क्या मतलब?" “देवा और मिन्नो में झगड़ा करवाकर, एक को खत्म करवाना
क्यों?"
ऐसा होते ही जथूरा पर मंडराने वाले खतरे के बादल हट जाएंगे। नहीं तो बहुत बड़ा खतरा आने वाला है।”
कैसा खतरा?"
मोमो जिन ने सपन चड्ढा को घूरा।
उस पर नजर पड़ते ही सपन चड्ढा उछल पड़ा।
तुम?” उसके होंठों से निकला।
मैं उल्लू का पट्टा हूं।” मोमो जिन्न प्यार से बोला।
म...मैंने कब कहा?” सपन चड्ढा हड़बड़ाया।
“तू मेरी गर्दन तोड़ेगा।”
तु...तुमने गलत सुना है।”
“अपने यार को बोलता है कि मेरे से विद्रोह करे। भड़काता है उसे।”
“म...मैंने नहीं कहा।” सपन चड्ढा का चेहरा सफेद हो गया।
“तू मुझे सबक सिखाएगा।”
“व...वो तो यूं ही गुस्से में कह दिया था।” “मैं—मुसीबत हूं।”
सपन चड्ढा उसे देखता रहा। कुछ कह न सका। घबराया हुआ था वो।
मोमो जिन्न आगे बढ़ा और कुर्सी पर बैठता, प्यार भरे स्वर में कह उठा।
तेरे को शिक्षा देनी पड़ेगी।
” शिक्षा?” सपन चड्ढा ने सूखे होंठों पर जीभ फेरी।
“हां, तेरे में दूसरों के लिए आदर भाव जरा भी नहीं है, जबकि मैं सोचता था कि तेरे में जथूरा का सेवक बनने की काबिलीयत
मैं जथूरा का सेवक क्यों बनूंगा। मेरा अपना बिजनेस है। मैं...।”
जथूरा महान है। उसका सेवक बनना अपने आप में गर्व की बात है।”
सपन चड्ढा फंसे अंदाज में मोमो जिन्न को देखता रहा। “बोल, जथूरा महान है।”
होगा।” सपन चड्ढा ने बेचैनी से पहलू बदला–“मुझे क्या?”
जो मैंने कहा है बोल, वरना नंगा करके अभी बाहर सड़क पर घुमाऊंगा।” मोमो जिन्न गुस्से से कह उठा।।
“ज...जथूरा महान है।” सपन चड्ढा जल्दी से कह उठा।
इंसान तू बुरा नहीं। तेरे को पढ़ाने की जरूरत है। धीरे-धीरे सीख जाएगा तू।” ।
सपन चड्ढा चुप ।।
मिन्नो को फोन कर ।”
म...मोना चौधरी को?”
हां। वो ही। उसे कह कि तेरे को पता चला है देवा कल 11.30 पर राजीव चौक के मैट्रो स्टेशन आएगा।”
क्या मतलब?" “देवा और मिन्नो में झगड़ा करवाकर, एक को खत्म करवाना
क्यों?"
ऐसा होते ही जथूरा पर मंडराने वाले खतरे के बादल हट जाएंगे। नहीं तो बहुत बड़ा खतरा आने वाला है।”
कैसा खतरा?"
मोमो जिन ने सपन चड्ढा को घूरा।