hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
एक यादगार और मादक रात पार्ट --1
मेरा नाम है कैलाश. में देहाती लड़की हूँ, हाइ स्कूल तक पढ़ी हुई. मेरी शादी दो साल पहले हुई है. मेरे पति गंगाधर किसान है. वो 22 साल के हैं और में 18 साल की. घर में हम दोनो ही हैं, उन के माता पिता कई सालों से गुजर गये थे. आज में आप को मेरी निजी कहानी सुनाने जा रही हूँ.
छ्होटी उमर से ही मुझे सेक्स का भान था. हम देहाती बच्च्चे बचपन से ही गाय, भेंस, कुत्ते वगेरह प्राणिओ की चुदाई देख पाते हेँ. मेरे पिताजी के घर कई गाएँ थी. वो जब चुदवाने के लिए हीट में आती थी तब हमारा नौकर सांड़ ले आता था. बचपन से ही मेने सांड़ का पतला लंबा लंड गाय की चूत में जाता देखा था. दस साल की उम्र तक ऐसे सेक्स देखने से मुझे कुछ नहीं होता था. बढ़ती उम्र के साथ गाय की चुदाई देख में उत्तेजित होती जाती थी.
बारह साल में मेरी माहवारी शुरू हुई तब मेरी बड़ी बहन ने मुझे वो कहा जो में जानती थी. उस ने कहा कि पति जो करे वो करने देना, पाँव लंबे रख कर सोते रहना. मेरे सीने पर बड़े बड़े स्तन उभर आए थे और नितंब भारी चौड़े हो गये थे. भोस पर काले घुंघराले बाल निकल आए थे. उसी साल मेरी मँगनी गंगाधर से हो गयी. पहली बार वो हमारे घर आए और हम मिले तब गंगा ने मेरी कच्ची चुचियाँ सहलाई थी, मेरा हाथ थाम कर अपना लंड पकड़ा दिया था. मुझे गुदगुदल हो गई थी. इतने में जीजी ना आ जाती तो उस दिन में अवश्य चुद जाती.
खेर, 16 साल की उम्र में शादी कर के में ससुराल आई. पहली रात ही मेरे पति ने मुझे जिस तरह चोदा ये में कभी भूल ना पाउन्गि. आधा घंटे तक चूमा चाती और स्तन से खिलवाड़ किया, भोस सहलाई, मेरे हाथ से लंड सहलवाया बाद में चूत में डाला. योनि पटल टूटा तब दर्द तो हुआ लेकिन चुदवाने के आवेश में मालूम ना पड़ा. एक घंटे तक चली चुदाई के दौरान में दो बार झड़ी. आज भी वो मुझे ऐसे चोदते हेँ कि जैसे हमारी सुहाग रात हो. हम दोनो एक तुझ से खूब प्यार करते हेँ. हमारे बीच समझौता हुआ है कि वो मन चाहे वो लड़की को चोद सके और में कोई भी मर्द से चुदवा सकती हूँ . लेकिन ऐसा अब तक हुआ नहीं था.
शादी के दो साल बाद मेरे पति के एक दूर के चाचा कई साल अफ्रीका रह कर वापस लौटे. उन के परिवार में एक लड़का था, परेश, मेरी उमर का और एक लड़की थी, माधवी जो दो साल छ्होटी थी. अफ्रीका में वो भाई बहन रेसिडेन्षियल स्कूल में पढ़े थे. चाचा नया घर बनवा रहे थे, उस दौरान वो सब हमारे मकान में ठहरे.
परेश और माधवी बड़े प्यारे थे. उन के साथ मेरी अच्छि बन गयी थी. नये घर में जाने के बाद भी वे रोज मेरे घर आते थे और दुनिया भर की बातें करते थे. मेने देखा कि उन दोनो काफ़ी हुशियार थे लेकिन सेक्स के बारे में बिल्कुल अग्यात थे. परेश मानता था कि लड़की के मुँह से लड़के का मुँह लगने से बच्चा पैदा होता है. माधवी कुच्छ ज़्यादा जानती थी लेकिन उसे पता नहीं था कि चुदाई कैसे की जाती है.
एक दिन गंगाधर को दूसरे गाँव जाना हुआ. इतने बड़े मकान में रात को अकेले रहने से मुझे डर लगता था. मेने परेश और माधवी को सोने के लिए बुला लिए, चाचा चाची की मंज़ूरी साथ.
रात का खाना खा कर हम ताश खेलने लगे. परेश ने रानी डाली उस पर मेने राजा डाला. माधवी शरमाती हुई हसी और बोली, "रानी पर राजा चढ़ गया, अब बच्चा होगा."
परेश : क्या बकवास करती हो ?
माधवी : तू नहीं समझेगा. है ना भाभी ?
में : ये तो ताश है. इस में बच्चा कच्चा कुच्छ नहीं होता.
बाज़ी आगे चली. माधवी की रानी पर मेने गुलाम डाला. माधवी फिर बोली : भाभी, रानी पर गुलाम चढ़ने से तो राजा उसे मार डालेगा.
परेश अब गुस्सा हो गया, पन्ने फैंक दिए और बोला : ये क्या चढ़ने उतरने की चला रक्खी है ?
मेने उसे शांत किया. मुँह च्छुपाए माधवी हस रही थी. वो बोली : भैया, भाभी से कहो तो बच्चा कैसे पैदा हो ता है.
परेश चुप रहा. मेने धीरे से पुचछा : कहो तो सही, में जानूँ तो.
परेश ने माधवी से कहा : छिपकली, तू ही बता दे ना, हुशियार कहीं की
माधवी की शर्म और हसी थमती ना थी, परेश का गुस्सा थमता ना था.
मेने कहा : माधवी तू ही बता.
सर झुका कर, दाँतों में उंगली डाल कर वो बोली : भीया कहते हैं कि लड़का लड़की का हाथ पकड़ कर मुँह से मुँह लगाता है तब बच्चा पैदा होता है.
में : और तुम क्या कहती हो ?
माधवी ने मुँह फेर लिया और बोली : नहीं बताती, मुझे शर्म आती है.
अब परेश बोला : में कहूँ. वो कहती है कि जब लड़की पर लड़का चढ़ता है तब बच्चा होता है. क्या ये सच है भाभी ?
में : सच तो है लेकिन पूरा नहीं. माधवी, जानती हो कि उपर चढ़ कर लड़का क्या करता है ?
सर हिला कर माधवी ने हा कही और बोली : चोदता है.
ये सुन कर परेश अवाक हो गया. फिर बोला : माधवी गंदा बोली.
में समझ गयी कि दोनो में से किसी को पता नहीं था कि चोदना क्या है.
में ; जानती हो चोदना क्या होता है ?
माधवी : एक दूजे के मूह से मुँह मिलते हैं.
परेश : वो तो में कब का कह रहा हूँ.
में : रूको.मुँह से मुँह लगता है चुदाई में, लेकिन इस से ज़्यादा ओर कुच्छ भी होता है.
माधवी : भाभी तुम बताओ ना.. बड़े भैया तुम्हे रोज...रोज..चोदते होंगे ना ?
परेश : माधो , तुम बहुत गंदा बोलती हो.
माधवी : तुम्हे क्या ? तुम भी बोलो.
में : झगाडो मत. अब कौन बताएगा कि लड़का और लड़की में फ़र्क क्या है ?
परेश : लड़के को दाढ़ी मुछ होते हेँ और लड़की के सीने पर चुचियाँ.
में : सही. लेकिन मुख्य फ़र्क कौन सा है ?
माधवी : जाँघो बीच लड़की की पिंकी होती है और लड़के की नुन्नि.
में : बराबर. जब वो बड़े होतेहें तब उसे भोस और लॉडा कहते हेँ.
मेरा नाम है कैलाश. में देहाती लड़की हूँ, हाइ स्कूल तक पढ़ी हुई. मेरी शादी दो साल पहले हुई है. मेरे पति गंगाधर किसान है. वो 22 साल के हैं और में 18 साल की. घर में हम दोनो ही हैं, उन के माता पिता कई सालों से गुजर गये थे. आज में आप को मेरी निजी कहानी सुनाने जा रही हूँ.
छ्होटी उमर से ही मुझे सेक्स का भान था. हम देहाती बच्च्चे बचपन से ही गाय, भेंस, कुत्ते वगेरह प्राणिओ की चुदाई देख पाते हेँ. मेरे पिताजी के घर कई गाएँ थी. वो जब चुदवाने के लिए हीट में आती थी तब हमारा नौकर सांड़ ले आता था. बचपन से ही मेने सांड़ का पतला लंबा लंड गाय की चूत में जाता देखा था. दस साल की उम्र तक ऐसे सेक्स देखने से मुझे कुछ नहीं होता था. बढ़ती उम्र के साथ गाय की चुदाई देख में उत्तेजित होती जाती थी.
बारह साल में मेरी माहवारी शुरू हुई तब मेरी बड़ी बहन ने मुझे वो कहा जो में जानती थी. उस ने कहा कि पति जो करे वो करने देना, पाँव लंबे रख कर सोते रहना. मेरे सीने पर बड़े बड़े स्तन उभर आए थे और नितंब भारी चौड़े हो गये थे. भोस पर काले घुंघराले बाल निकल आए थे. उसी साल मेरी मँगनी गंगाधर से हो गयी. पहली बार वो हमारे घर आए और हम मिले तब गंगा ने मेरी कच्ची चुचियाँ सहलाई थी, मेरा हाथ थाम कर अपना लंड पकड़ा दिया था. मुझे गुदगुदल हो गई थी. इतने में जीजी ना आ जाती तो उस दिन में अवश्य चुद जाती.
खेर, 16 साल की उम्र में शादी कर के में ससुराल आई. पहली रात ही मेरे पति ने मुझे जिस तरह चोदा ये में कभी भूल ना पाउन्गि. आधा घंटे तक चूमा चाती और स्तन से खिलवाड़ किया, भोस सहलाई, मेरे हाथ से लंड सहलवाया बाद में चूत में डाला. योनि पटल टूटा तब दर्द तो हुआ लेकिन चुदवाने के आवेश में मालूम ना पड़ा. एक घंटे तक चली चुदाई के दौरान में दो बार झड़ी. आज भी वो मुझे ऐसे चोदते हेँ कि जैसे हमारी सुहाग रात हो. हम दोनो एक तुझ से खूब प्यार करते हेँ. हमारे बीच समझौता हुआ है कि वो मन चाहे वो लड़की को चोद सके और में कोई भी मर्द से चुदवा सकती हूँ . लेकिन ऐसा अब तक हुआ नहीं था.
शादी के दो साल बाद मेरे पति के एक दूर के चाचा कई साल अफ्रीका रह कर वापस लौटे. उन के परिवार में एक लड़का था, परेश, मेरी उमर का और एक लड़की थी, माधवी जो दो साल छ्होटी थी. अफ्रीका में वो भाई बहन रेसिडेन्षियल स्कूल में पढ़े थे. चाचा नया घर बनवा रहे थे, उस दौरान वो सब हमारे मकान में ठहरे.
परेश और माधवी बड़े प्यारे थे. उन के साथ मेरी अच्छि बन गयी थी. नये घर में जाने के बाद भी वे रोज मेरे घर आते थे और दुनिया भर की बातें करते थे. मेने देखा कि उन दोनो काफ़ी हुशियार थे लेकिन सेक्स के बारे में बिल्कुल अग्यात थे. परेश मानता था कि लड़की के मुँह से लड़के का मुँह लगने से बच्चा पैदा होता है. माधवी कुच्छ ज़्यादा जानती थी लेकिन उसे पता नहीं था कि चुदाई कैसे की जाती है.
एक दिन गंगाधर को दूसरे गाँव जाना हुआ. इतने बड़े मकान में रात को अकेले रहने से मुझे डर लगता था. मेने परेश और माधवी को सोने के लिए बुला लिए, चाचा चाची की मंज़ूरी साथ.
रात का खाना खा कर हम ताश खेलने लगे. परेश ने रानी डाली उस पर मेने राजा डाला. माधवी शरमाती हुई हसी और बोली, "रानी पर राजा चढ़ गया, अब बच्चा होगा."
परेश : क्या बकवास करती हो ?
माधवी : तू नहीं समझेगा. है ना भाभी ?
में : ये तो ताश है. इस में बच्चा कच्चा कुच्छ नहीं होता.
बाज़ी आगे चली. माधवी की रानी पर मेने गुलाम डाला. माधवी फिर बोली : भाभी, रानी पर गुलाम चढ़ने से तो राजा उसे मार डालेगा.
परेश अब गुस्सा हो गया, पन्ने फैंक दिए और बोला : ये क्या चढ़ने उतरने की चला रक्खी है ?
मेने उसे शांत किया. मुँह च्छुपाए माधवी हस रही थी. वो बोली : भैया, भाभी से कहो तो बच्चा कैसे पैदा हो ता है.
परेश चुप रहा. मेने धीरे से पुचछा : कहो तो सही, में जानूँ तो.
परेश ने माधवी से कहा : छिपकली, तू ही बता दे ना, हुशियार कहीं की
माधवी की शर्म और हसी थमती ना थी, परेश का गुस्सा थमता ना था.
मेने कहा : माधवी तू ही बता.
सर झुका कर, दाँतों में उंगली डाल कर वो बोली : भीया कहते हैं कि लड़का लड़की का हाथ पकड़ कर मुँह से मुँह लगाता है तब बच्चा पैदा होता है.
में : और तुम क्या कहती हो ?
माधवी ने मुँह फेर लिया और बोली : नहीं बताती, मुझे शर्म आती है.
अब परेश बोला : में कहूँ. वो कहती है कि जब लड़की पर लड़का चढ़ता है तब बच्चा होता है. क्या ये सच है भाभी ?
में : सच तो है लेकिन पूरा नहीं. माधवी, जानती हो कि उपर चढ़ कर लड़का क्या करता है ?
सर हिला कर माधवी ने हा कही और बोली : चोदता है.
ये सुन कर परेश अवाक हो गया. फिर बोला : माधवी गंदा बोली.
में समझ गयी कि दोनो में से किसी को पता नहीं था कि चोदना क्या है.
में ; जानती हो चोदना क्या होता है ?
माधवी : एक दूजे के मूह से मुँह मिलते हैं.
परेश : वो तो में कब का कह रहा हूँ.
में : रूको.मुँह से मुँह लगता है चुदाई में, लेकिन इस से ज़्यादा ओर कुच्छ भी होता है.
माधवी : भाभी तुम बताओ ना.. बड़े भैया तुम्हे रोज...रोज..चोदते होंगे ना ?
परेश : माधो , तुम बहुत गंदा बोलती हो.
माधवी : तुम्हे क्या ? तुम भी बोलो.
में : झगाडो मत. अब कौन बताएगा कि लड़का और लड़की में फ़र्क क्या है ?
परेश : लड़के को दाढ़ी मुछ होते हेँ और लड़की के सीने पर चुचियाँ.
में : सही. लेकिन मुख्य फ़र्क कौन सा है ?
माधवी : जाँघो बीच लड़की की पिंकी होती है और लड़के की नुन्नि.
में : बराबर. जब वो बड़े होतेहें तब उसे भोस और लॉडा कहते हेँ.