hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
बेवकूफ. देख तूने क्या किया. अब मैं रश्मि को क्या बोलूंगी. अरे मैं कही भागी जा रही थी. अगर आज तूने ये हरकत न की होती तो फिर कभी तुझे पूरा मर्द बना देती. गधा कहीं का.
मैंने सोचा आंटी को नाराज़ करना ठीक नहीं है. ये मुझे अपनी चूत का तोहफा दे सकती है. तो मै उनसे माफ़ी मांगने लगा.
पर आंटी ने कहा अभी चुपचाप यहाँ से निकल और दुसरे कमरे में जा कर अपने कपडे पहन. रश्मि फिर आ जाएगी. जब तक मैं अपनी हालत थोड़ी ठीक करती हूँ.
मैं दरवाजा खोल के धीरे से सरक गया और बगल वाले रूम में जाकर कपडे पहनने लगा. तभी फिर रश्मि दीदी की आवाज़ आई
अरे आंटी. जल्दी खोलो अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. क्या कर रही हो. तभी कामिनी ने दरवाजा खोल कर कहा अरे मेरी सलवार पे पानी पद गया है वो ही सुखा रही हूँ. आजा तू मूत ले अन्दर आकर.
तुम्हारे सामने? पहले तुम बाहर जाओ. दीदी ने कहा.
अरे अब मुझसे कैसी शर्म. आ जा. आंटी ने दीदी का हाथ पकड़ कर अन्दर खींचा.
दीदी बाथरूम में घुस गयी और आंटी ने अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया.
मैंने कपडे पहन लिए थे तो चुपचाप वहां से निकल कर बाहर ड्राइंग रूम में जा कर टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद दीदी और आंटी ड्राइंग रूम में आई और मुझे देख कर दीदी ने पुछा.
तू कब आया मोनू और दरवाजा किसने खोला
अभी अभी आया दीदी. मम्मी की चाभी मेरे पास थी तो उसी से दरवाजा खोल कर आ गया. मैंने आंटी की तरफ देखते हुए कहा जो अब मुझे देख कर फिर से मुस्कुरा रही थी. फिर वो दीदी से बोली अच्छा रश्मि अब मैं चलती हूँ.
दीदी बोली फिर आना आंटी.
हां अब तो आना ही पड़ेगा. आंटी बोली और अपने घर चली गयी और दीदी अपने रूम में ऊपर चली गयी और मैं टीवी देखने लगा.
मैंने सोचा आंटी को नाराज़ करना ठीक नहीं है. ये मुझे अपनी चूत का तोहफा दे सकती है. तो मै उनसे माफ़ी मांगने लगा.
पर आंटी ने कहा अभी चुपचाप यहाँ से निकल और दुसरे कमरे में जा कर अपने कपडे पहन. रश्मि फिर आ जाएगी. जब तक मैं अपनी हालत थोड़ी ठीक करती हूँ.
मैं दरवाजा खोल के धीरे से सरक गया और बगल वाले रूम में जाकर कपडे पहनने लगा. तभी फिर रश्मि दीदी की आवाज़ आई
अरे आंटी. जल्दी खोलो अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. क्या कर रही हो. तभी कामिनी ने दरवाजा खोल कर कहा अरे मेरी सलवार पे पानी पद गया है वो ही सुखा रही हूँ. आजा तू मूत ले अन्दर आकर.
तुम्हारे सामने? पहले तुम बाहर जाओ. दीदी ने कहा.
अरे अब मुझसे कैसी शर्म. आ जा. आंटी ने दीदी का हाथ पकड़ कर अन्दर खींचा.
दीदी बाथरूम में घुस गयी और आंटी ने अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया.
मैंने कपडे पहन लिए थे तो चुपचाप वहां से निकल कर बाहर ड्राइंग रूम में जा कर टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद दीदी और आंटी ड्राइंग रूम में आई और मुझे देख कर दीदी ने पुछा.
तू कब आया मोनू और दरवाजा किसने खोला
अभी अभी आया दीदी. मम्मी की चाभी मेरे पास थी तो उसी से दरवाजा खोल कर आ गया. मैंने आंटी की तरफ देखते हुए कहा जो अब मुझे देख कर फिर से मुस्कुरा रही थी. फिर वो दीदी से बोली अच्छा रश्मि अब मैं चलती हूँ.
दीदी बोली फिर आना आंटी.
हां अब तो आना ही पड़ेगा. आंटी बोली और अपने घर चली गयी और दीदी अपने रूम में ऊपर चली गयी और मैं टीवी देखने लगा.