hotaks444
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रिशू इसी उधेड़ बुन में था की रुची का घर आ गया.
रिक्की अपनी सहेली के घर चली गयी और रिशू ने बाइक मेरे घर की तरफ मोड़ ली. वासना से उसका लंड फटने को हो रहा था. उसने मेरे घर पहुच कर डोर बेल बजाई. रश्मि दीदी ने सोचा की मैं बड़ी जल्दी वापस आ गया. उन्होंने फ़ौरन दरवाजा खोल दिया.
रिशू: मोनू है क्या?
रश्मि: नहीं पर तुम...
इतना सुनते ही रिशू ने घर के अन्दर आकर दरवाजा बंद किया और रश्मि दीदी कुछ और बोल पाती इससे पहले ही दीदी को बाँहों में भरकर उनके होठो पर अपने जलते हुए होठ रख दिए. कौन आया है ये देखने के लिए मोनिका भी कमरे से निकल कर बाहर आ गयी. रिशू अचानक मोनिका को देख कर हडबडा गया और उसने दीदी को छोड़ दिया.
मोनिका ने मन में सोचा की रश्मि तो पूरी रंडी है. न जाने कितने यार बना रखे है इसने. और वो कमरे के अन्दर चली गयी.
रश्मि: अरे क्या करते हो. पूरी बात तो सुना करो. ये क्या तरीका है तुम्हारा... दीदी गुस्से से बोली...
रिशू: अरे मुझे लगा कोई नहीं है घर में. ये कौन है...
रश्मि: मेरी कजिन है मोनिका... कुछ दिनों के लिए आई हुई है.
रिशू: तुमने मुझे बताया नहीं. मस्त पटाखा है. मुझे बजाना है यार... कुछ चक्कर चलाओ न.
रश्मि: पागल हो क्या...अभी तुम जाओ, मैं रात को कोशिश करके तुम्हारे यहाँ आ जाऊंगी.
रिशू रश्मि का हाथ अपने लंड पर रखते हुए, अरे रात तक तो ये बेचारा भूखा मर जायेगा. देखो न कितना तड़प रहा है. तेरी कजिन को कुछ समझा दे और बस आधे घंटे के लिए मेरे साथ ऊपर के कमरे में चल न..
रश्मि: अरे आधे घंटे में तुम्हारा कुछ नहीं होगा मैं जानती हूँ. अभी तुम जाओ.
रिशू: मेरी जान, अब अपने लंड की प्यास बुझाये बिना मैं कही नहीं जाने वाला.
रश्मि दरअसल मोनिका के सामने अपने सारे पत्ते नहीं खोलना चाहती थी इसीलिए नाराज़ होते हुए बोली: अरे इतनी ही आग लगी थी तो किसी कोठे पे चले जाते. या घर में माँ बहन की चूत से प्यास बुझा लेते.
रिशू: मेरी जान, माँ को तो मैंने कल रात भर चोदा है और बहन घर पर नहीं थी वरना उसे भी नंगा करके चोदता. और रही बात कोठे की तो तू तो मेरी प्राइवेट रंडी है न. तो तेरा घर मेरे लिए तो कोठा ही है. चल नखरे न कर. मैं ऊपर जा रहा हूँ, जल्दी से आजा कुतिया...
रिक्की अपनी सहेली के घर चली गयी और रिशू ने बाइक मेरे घर की तरफ मोड़ ली. वासना से उसका लंड फटने को हो रहा था. उसने मेरे घर पहुच कर डोर बेल बजाई. रश्मि दीदी ने सोचा की मैं बड़ी जल्दी वापस आ गया. उन्होंने फ़ौरन दरवाजा खोल दिया.
रिशू: मोनू है क्या?
रश्मि: नहीं पर तुम...
इतना सुनते ही रिशू ने घर के अन्दर आकर दरवाजा बंद किया और रश्मि दीदी कुछ और बोल पाती इससे पहले ही दीदी को बाँहों में भरकर उनके होठो पर अपने जलते हुए होठ रख दिए. कौन आया है ये देखने के लिए मोनिका भी कमरे से निकल कर बाहर आ गयी. रिशू अचानक मोनिका को देख कर हडबडा गया और उसने दीदी को छोड़ दिया.
मोनिका ने मन में सोचा की रश्मि तो पूरी रंडी है. न जाने कितने यार बना रखे है इसने. और वो कमरे के अन्दर चली गयी.
रश्मि: अरे क्या करते हो. पूरी बात तो सुना करो. ये क्या तरीका है तुम्हारा... दीदी गुस्से से बोली...
रिशू: अरे मुझे लगा कोई नहीं है घर में. ये कौन है...
रश्मि: मेरी कजिन है मोनिका... कुछ दिनों के लिए आई हुई है.
रिशू: तुमने मुझे बताया नहीं. मस्त पटाखा है. मुझे बजाना है यार... कुछ चक्कर चलाओ न.
रश्मि: पागल हो क्या...अभी तुम जाओ, मैं रात को कोशिश करके तुम्हारे यहाँ आ जाऊंगी.
रिशू रश्मि का हाथ अपने लंड पर रखते हुए, अरे रात तक तो ये बेचारा भूखा मर जायेगा. देखो न कितना तड़प रहा है. तेरी कजिन को कुछ समझा दे और बस आधे घंटे के लिए मेरे साथ ऊपर के कमरे में चल न..
रश्मि: अरे आधे घंटे में तुम्हारा कुछ नहीं होगा मैं जानती हूँ. अभी तुम जाओ.
रिशू: मेरी जान, अब अपने लंड की प्यास बुझाये बिना मैं कही नहीं जाने वाला.
रश्मि दरअसल मोनिका के सामने अपने सारे पत्ते नहीं खोलना चाहती थी इसीलिए नाराज़ होते हुए बोली: अरे इतनी ही आग लगी थी तो किसी कोठे पे चले जाते. या घर में माँ बहन की चूत से प्यास बुझा लेते.
रिशू: मेरी जान, माँ को तो मैंने कल रात भर चोदा है और बहन घर पर नहीं थी वरना उसे भी नंगा करके चोदता. और रही बात कोठे की तो तू तो मेरी प्राइवेट रंडी है न. तो तेरा घर मेरे लिए तो कोठा ही है. चल नखरे न कर. मैं ऊपर जा रहा हूँ, जल्दी से आजा कुतिया...