hotaks444
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यह कहानी मेरे मकान मालिक के बड़े भाई जो मेरे वाले ही मकान में रहते हैं।
की सबसे छोटी बेटी की चुदाई की है।
बहुत सी आंटी और भाभियों को चोदने के बाद मुझे लगा कि अब कोई कुँवारी चूत की सील भी खोलनी चाहिए। मेरी नजर तब उस लौंडिया पर गई। उसका नाम मीनू था, उसकी उम्र 18 साल, लम्बाई थोड़ी कम थी। वो 12वीं में पढ़ती थी और स्कूल की ड्रेस में बिल्कुल किशोरी लगती थी। पर जब जीन्स टी-शर्ट पहनती थी तो पूरी चोदने लायक माल लगती थी।
उसका रंग भी थोड़ा सांवला था, उसपर नई-नई जवानी उभर रही थी, उसके मम्मे अभी बिल्कुल छोटे चीकू जैसे
थे जिससे पता चलता था कि उन्हें अभी किसी ने नहीं दबाया है।
मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा। मेरे पास कंप्यूटर था। जिस पर मैं अपने घर में ही फिल्म देखा करता था। वो मेरे से घुलमिल तो पहले दिन से ही गई थी। पर मुझसे बोलती कम थी। मैंने उसे कम्प्यूटर सीखने का
आफर दिया, जिसे वो और उसके घर वाले तुरन्त मान गए क्योंकी उसके पापा उसे घर से बाहर नहीं भेजना चाहते थे।
अब वो जब भी समय मिलता। मेरे कमरे में आकर सीखने लगी। उसने इसी साल 12वीं पास किया था। अब प्राइवेट में ही पढ़ रही थी। इसलिए वह दिन भर घर में ही रहती थी।
मेरी नाइट ड्यूटी होने पर मैंने उससे कहा- “तुम रात को मेरे ही कमरे में सो जाया करो और रात भर कम्प्यूटर सीखा करो..” जिसे वो मान गई।
मैंने उसे अब अपने सिस्टम के सारे फोल्डरों के बारे में बताना शुरू किया किसमें क्या सेव है और एक खास फोल्डर दिखाकर उससे कहा- “मीनू इसे कभी मत खोलना। इसमें तुम्हारे देखने की चीज नहीं है...”
उसने कहा- तो किसके देखने की चीज है भैया। क्या है इसमें?
मैंने कहा- इसमें जवानों के देखने की चीज है। तू देखना भी मत।
उसने कहा- क्या मैं जवान नहीं हुई हूँ। मैं भी देख सकती हूँ। अब मैं बड़ी हो गई हैं।
हु
मैंने कहा- “तू कहाँ से जवान है। बता तो जरा? अभी छोटी ही है। तू तो अभी जो भी करती है, अपने मम्मीपापा को सब बता देती है। उन्हें पता लग गया तो मेरी भी खैर नहीं। इसलिए मैंने कहा कि नहीं खोलना.. तो नहीं खोलना। समझी...”
मुझे पता था कि मेरे ना होने पर ये उसे जरूर खोलेगी। उसमें जवान और स्कूल की लड़कियों की बहुत सारी । ब्लू-फिल्में थीं। मैंने उसे फिल्में कैसे चलाते हैं और फोल्डर को कैसे खोला जाता है। ये सब तो सिखा ही दिया था। जल्दी ही वह सब सीख भी गई।
एक दिन मेरी नाइट ड्यूटी लगी। उस रात मीनू मेरे कमरे में ही सोई और उसने वह फोल्डर खोलकर कुछ फिल्में देख लीं। उसे उस रात वो सब देखने में बड़ा मजा आया। अब तो वह मेरी गैरहाजिरी में रोज वो फिल्में देखती।। जिसका पता मुझे रीसेन्ट हिस्ट्री खोलकर पता चल जाता था।
अब वो चुदने लायक हो गई थी। मैं भी सिखाने के बहाने उसे इधर-उधर छूता रहता था। जिसका वो बुरा नहीं । मानती थी। कुछ गलत करने पर मैं उसके गाल और कमर में चिकोटी काटता तो वह मचल जाती। उसपर मेरा
और ब्लू-फिल्मों को देखने का असर होने लगा था। बस अब उस समय का इन्तजार था, जब उसकी चूत खोलनी थी। वह समय भी जल्दी ही आ गया।
एक दिन उसके पापा और मम्मी शादी में गुड़गांव गए और उस रात वहीं रुक कर अगले दिन शाम को आने को बोलकर गए।
मेरी तो मानो लाटरी लग गई। मैंने उस दिन नाइट और अगले दिन की छुट्टी ले ली। उसका भाई सुबह से शाम
की ड्यूटी करता था। उस रात मेरी नाइट होने के कारण वो मेरे कमरे में ही रही। पापा-मम्मी के ना होने के कारण उस रात उसने जमकर ब्लू-फिल्में देखी थीं। अगले दिन उसका भाई डयूटी चला गया। अब मैं और वो ही घर पर थे।
मैंने उससे कहा- “मीनू चलो नाश्ता करने के बाद आज साथ में फिल्म देखते हैं.”
वो बोली- ठीक है भइया आज फिल्म ही देखते हैं। मम्मी-पापा भी घर पर नहीं हैं। बहुत मजा आएगा।
हमने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद मैंने मर्डर फिल्म लगा ली। जिसके सीन देखकर वो गरम हो रही थी। अब बस आगे बढ़ने की बारी थी। पर मैं जरा डर रहा था कि कहीं ये चिल्ला पड़ी तो क्या होगा? पर कहते हैं। ना कि किसी की दिल से लेनी हो तो रास्ता अपने आप बन जाता है।
अचानक उसके पेट में हल्का सा दर्द उठा और मेरा काम बना गया।
वो बोली- मेरे पेट में दर्द हो रहा है। क्या करूं?
मैंने कहा- तू रुक। मेरे पास पेट दर्द की दवाई है। उसे खा ले अभी ठीक हो जाएगा।
मैंने फटाफट पेन-किलर और एक कामोत्तेजना बढ़ाने वाली गोली उसे खाने को दे दी। जिसे उसने चुपचाप खा लिया।
मैं बोला- मीनू, दिखा तो कहाँ दर्द हो रहा है?
वो बोली- “भइया पेट के इस तरफ..” उसने हाथ लगाकर बताया।
मैं बोला- “अरे यहाँ पर तो नाल भी जा सकती है, दिखा... मैं वहाँ पर मालिश कर देता हूँ। तेरा दर्द कम हो। जाएगा...” मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मालिश के बहाने से उसकी कमर और पेट पर हाथ फिराने लगा। धीरे-धीरे दोनों दवाइयों ने भी काम करना शुरू कर दिया था। दर्द कम होने लगा और चुदास की खुमारी बढ़ने लगी, मेरे हाथों का स्पर्श उसे पागल कर रहा था।
उसकी कल रात की देखी ब्लू-फिल्म, अभी की मर्डर फिल्म के सीन, मेरे हाथों का स्पर्श और दवाई... इन सबका असर उसे एक साथ होने लगा था। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैंने कहा- मीनू कैसा लग रहा है? अब तुम्हारा दर्द कैसा है?
उसने कहा- भइया, दर्द तो कम है, बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसे ही करते रहिए बस।
मैंने उसे और सहलाना शुरू किया। मेरे हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर सरक रहे थे, मेरी उंगलियां उसके चीकुओं पर बार-बार छू रही थी। जिससे वो कड़क होकर संतरे जैसे हो गए थे। उसकी सांसें फूलने लगी।
मैं बोला- मीनू तुम्हें मजा आ रहा है ना?
वो बोलीं- “हाँ, भइया करते रहो बस..” वो अब गरम हो चुकी थी।
मैंने उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा।
अब वो मना करने के हालत में थी ही नहीं। उसने अपने पैर फैला दिए फिर एकदम से मुझे कसकर पकड़ लिया। मैंने झटपट उसके सारे कपड़े उतार दिए। मैं पहली बार किसी कुंवारी लड़की को नंगी देख रहा था। उसके जिश्म से एक अलग ही खुशबू आ रही थी। उसकी चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे। चूत की फांकें बिल्कुल गुलाबी
थीं। जो आपस में चिपकी हुई थीं।
मैंने अपनी उंगली हल्के से बुर के अन्दर डाली तो वो कराहने लगी। मेरा भी बुरा हाल था। खुद नंगा होकर उसकी चूत चाटने लगा।
वो बिन पानी की मछली की तरह फड़फड़ाने लगी। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने उसके हाथ में अपना लण्ड पकड़ा दिया। इतने दिन ब्लू-फिल्में देखने के बाद वो सब कुछ जान चुकी थी, उसने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे। अब देरी करना सही नहीं था। मैंने कहा- मीनू, मजा आ रहा है कि नहीं और मजा लेना चाहती हो?
वो बोली- बहुत मजा आ रहा है। और पूरा मजा लेना चाहती हूँ भइया।
मैंने कहा- देख मजा तो बहुत आएगा पर पहले थोड़ा सा दर्द होगा, जो तुम्हें सहन करना होगा। फिर तो मजे ही मजे हैं।
वो बोली- ठीक है, मैं सहन कर लँगी। पर अब मुझसे नहीं रहा जाता। मुझे कुछ हो रहा है। आपको जो भी करना है जल्दी से करो। नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैंने उसकी चूत और अपने लण्ड पर खूब तेल लगाया और उसकी टाँगें फैलाकर कमर के नीचे एक तौलिया रखा फिर उसके ऊपर लेट गया। उसके होंठों से अपने होंठों को चिपका कर लण्ड का दबाव चूत पर बढ़ाना शुरू किया। उसकी चूत बहुत टाइट थी। इसलिए लण्ड बार-बार फिसल रहा था।
उसने ही मेरा लण्ड चूत के मुंह पर लगाया और अन्दर डालने को बोला।
मैंने एक जोर का धक्का लगाया तो आधा लण्ड चूत में फँस गया।
की सबसे छोटी बेटी की चुदाई की है।
बहुत सी आंटी और भाभियों को चोदने के बाद मुझे लगा कि अब कोई कुँवारी चूत की सील भी खोलनी चाहिए। मेरी नजर तब उस लौंडिया पर गई। उसका नाम मीनू था, उसकी उम्र 18 साल, लम्बाई थोड़ी कम थी। वो 12वीं में पढ़ती थी और स्कूल की ड्रेस में बिल्कुल किशोरी लगती थी। पर जब जीन्स टी-शर्ट पहनती थी तो पूरी चोदने लायक माल लगती थी।
उसका रंग भी थोड़ा सांवला था, उसपर नई-नई जवानी उभर रही थी, उसके मम्मे अभी बिल्कुल छोटे चीकू जैसे
थे जिससे पता चलता था कि उन्हें अभी किसी ने नहीं दबाया है।
मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा। मेरे पास कंप्यूटर था। जिस पर मैं अपने घर में ही फिल्म देखा करता था। वो मेरे से घुलमिल तो पहले दिन से ही गई थी। पर मुझसे बोलती कम थी। मैंने उसे कम्प्यूटर सीखने का
आफर दिया, जिसे वो और उसके घर वाले तुरन्त मान गए क्योंकी उसके पापा उसे घर से बाहर नहीं भेजना चाहते थे।
अब वो जब भी समय मिलता। मेरे कमरे में आकर सीखने लगी। उसने इसी साल 12वीं पास किया था। अब प्राइवेट में ही पढ़ रही थी। इसलिए वह दिन भर घर में ही रहती थी।
मेरी नाइट ड्यूटी होने पर मैंने उससे कहा- “तुम रात को मेरे ही कमरे में सो जाया करो और रात भर कम्प्यूटर सीखा करो..” जिसे वो मान गई।
मैंने उसे अब अपने सिस्टम के सारे फोल्डरों के बारे में बताना शुरू किया किसमें क्या सेव है और एक खास फोल्डर दिखाकर उससे कहा- “मीनू इसे कभी मत खोलना। इसमें तुम्हारे देखने की चीज नहीं है...”
उसने कहा- तो किसके देखने की चीज है भैया। क्या है इसमें?
मैंने कहा- इसमें जवानों के देखने की चीज है। तू देखना भी मत।
उसने कहा- क्या मैं जवान नहीं हुई हूँ। मैं भी देख सकती हूँ। अब मैं बड़ी हो गई हैं।
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मैंने कहा- “तू कहाँ से जवान है। बता तो जरा? अभी छोटी ही है। तू तो अभी जो भी करती है, अपने मम्मीपापा को सब बता देती है। उन्हें पता लग गया तो मेरी भी खैर नहीं। इसलिए मैंने कहा कि नहीं खोलना.. तो नहीं खोलना। समझी...”
मुझे पता था कि मेरे ना होने पर ये उसे जरूर खोलेगी। उसमें जवान और स्कूल की लड़कियों की बहुत सारी । ब्लू-फिल्में थीं। मैंने उसे फिल्में कैसे चलाते हैं और फोल्डर को कैसे खोला जाता है। ये सब तो सिखा ही दिया था। जल्दी ही वह सब सीख भी गई।
एक दिन मेरी नाइट ड्यूटी लगी। उस रात मीनू मेरे कमरे में ही सोई और उसने वह फोल्डर खोलकर कुछ फिल्में देख लीं। उसे उस रात वो सब देखने में बड़ा मजा आया। अब तो वह मेरी गैरहाजिरी में रोज वो फिल्में देखती।। जिसका पता मुझे रीसेन्ट हिस्ट्री खोलकर पता चल जाता था।
अब वो चुदने लायक हो गई थी। मैं भी सिखाने के बहाने उसे इधर-उधर छूता रहता था। जिसका वो बुरा नहीं । मानती थी। कुछ गलत करने पर मैं उसके गाल और कमर में चिकोटी काटता तो वह मचल जाती। उसपर मेरा
और ब्लू-फिल्मों को देखने का असर होने लगा था। बस अब उस समय का इन्तजार था, जब उसकी चूत खोलनी थी। वह समय भी जल्दी ही आ गया।
एक दिन उसके पापा और मम्मी शादी में गुड़गांव गए और उस रात वहीं रुक कर अगले दिन शाम को आने को बोलकर गए।
मेरी तो मानो लाटरी लग गई। मैंने उस दिन नाइट और अगले दिन की छुट्टी ले ली। उसका भाई सुबह से शाम
की ड्यूटी करता था। उस रात मेरी नाइट होने के कारण वो मेरे कमरे में ही रही। पापा-मम्मी के ना होने के कारण उस रात उसने जमकर ब्लू-फिल्में देखी थीं। अगले दिन उसका भाई डयूटी चला गया। अब मैं और वो ही घर पर थे।
मैंने उससे कहा- “मीनू चलो नाश्ता करने के बाद आज साथ में फिल्म देखते हैं.”
वो बोली- ठीक है भइया आज फिल्म ही देखते हैं। मम्मी-पापा भी घर पर नहीं हैं। बहुत मजा आएगा।
हमने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद मैंने मर्डर फिल्म लगा ली। जिसके सीन देखकर वो गरम हो रही थी। अब बस आगे बढ़ने की बारी थी। पर मैं जरा डर रहा था कि कहीं ये चिल्ला पड़ी तो क्या होगा? पर कहते हैं। ना कि किसी की दिल से लेनी हो तो रास्ता अपने आप बन जाता है।
अचानक उसके पेट में हल्का सा दर्द उठा और मेरा काम बना गया।
वो बोली- मेरे पेट में दर्द हो रहा है। क्या करूं?
मैंने कहा- तू रुक। मेरे पास पेट दर्द की दवाई है। उसे खा ले अभी ठीक हो जाएगा।
मैंने फटाफट पेन-किलर और एक कामोत्तेजना बढ़ाने वाली गोली उसे खाने को दे दी। जिसे उसने चुपचाप खा लिया।
मैं बोला- मीनू, दिखा तो कहाँ दर्द हो रहा है?
वो बोली- “भइया पेट के इस तरफ..” उसने हाथ लगाकर बताया।
मैं बोला- “अरे यहाँ पर तो नाल भी जा सकती है, दिखा... मैं वहाँ पर मालिश कर देता हूँ। तेरा दर्द कम हो। जाएगा...” मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मालिश के बहाने से उसकी कमर और पेट पर हाथ फिराने लगा। धीरे-धीरे दोनों दवाइयों ने भी काम करना शुरू कर दिया था। दर्द कम होने लगा और चुदास की खुमारी बढ़ने लगी, मेरे हाथों का स्पर्श उसे पागल कर रहा था।
उसकी कल रात की देखी ब्लू-फिल्म, अभी की मर्डर फिल्म के सीन, मेरे हाथों का स्पर्श और दवाई... इन सबका असर उसे एक साथ होने लगा था। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैंने कहा- मीनू कैसा लग रहा है? अब तुम्हारा दर्द कैसा है?
उसने कहा- भइया, दर्द तो कम है, बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसे ही करते रहिए बस।
मैंने उसे और सहलाना शुरू किया। मेरे हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर सरक रहे थे, मेरी उंगलियां उसके चीकुओं पर बार-बार छू रही थी। जिससे वो कड़क होकर संतरे जैसे हो गए थे। उसकी सांसें फूलने लगी।
मैं बोला- मीनू तुम्हें मजा आ रहा है ना?
वो बोलीं- “हाँ, भइया करते रहो बस..” वो अब गरम हो चुकी थी।
मैंने उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा।
अब वो मना करने के हालत में थी ही नहीं। उसने अपने पैर फैला दिए फिर एकदम से मुझे कसकर पकड़ लिया। मैंने झटपट उसके सारे कपड़े उतार दिए। मैं पहली बार किसी कुंवारी लड़की को नंगी देख रहा था। उसके जिश्म से एक अलग ही खुशबू आ रही थी। उसकी चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे। चूत की फांकें बिल्कुल गुलाबी
थीं। जो आपस में चिपकी हुई थीं।
मैंने अपनी उंगली हल्के से बुर के अन्दर डाली तो वो कराहने लगी। मेरा भी बुरा हाल था। खुद नंगा होकर उसकी चूत चाटने लगा।
वो बिन पानी की मछली की तरह फड़फड़ाने लगी। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने उसके हाथ में अपना लण्ड पकड़ा दिया। इतने दिन ब्लू-फिल्में देखने के बाद वो सब कुछ जान चुकी थी, उसने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे। अब देरी करना सही नहीं था। मैंने कहा- मीनू, मजा आ रहा है कि नहीं और मजा लेना चाहती हो?
वो बोली- बहुत मजा आ रहा है। और पूरा मजा लेना चाहती हूँ भइया।
मैंने कहा- देख मजा तो बहुत आएगा पर पहले थोड़ा सा दर्द होगा, जो तुम्हें सहन करना होगा। फिर तो मजे ही मजे हैं।
वो बोली- ठीक है, मैं सहन कर लँगी। पर अब मुझसे नहीं रहा जाता। मुझे कुछ हो रहा है। आपको जो भी करना है जल्दी से करो। नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैंने उसकी चूत और अपने लण्ड पर खूब तेल लगाया और उसकी टाँगें फैलाकर कमर के नीचे एक तौलिया रखा फिर उसके ऊपर लेट गया। उसके होंठों से अपने होंठों को चिपका कर लण्ड का दबाव चूत पर बढ़ाना शुरू किया। उसकी चूत बहुत टाइट थी। इसलिए लण्ड बार-बार फिसल रहा था।
उसने ही मेरा लण्ड चूत के मुंह पर लगाया और अन्दर डालने को बोला।
मैंने एक जोर का धक्का लगाया तो आधा लण्ड चूत में फँस गया।