Hindi Antarvasna - एक कायर भाई - Page 14 - SexBaba
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Hindi Antarvasna - एक कायर भाई

उसकी बड़ी बहन सरिता दीदी भी मेरी सबसे अच्छी सहेली है.. खुद राजू भी तो मुझे दीदी दीदी कह कर बुलाता है.. उसे समझाओ कि मैं भी उसकी सरिता दीदी की जैसी ही हूं. अगर उसने हमारी इज्जत उछालने की कोशिश की तो हम गांव में किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे... मेरी दीदी ने बेहद चिंतित मुद्रा में कहा..
हां दीदी... मैं राजू से बात करूंगा इस बारे में... मैंने कहा..
हां अंशुल... तुम्हें यह काम करना ही होगा... देखो मुन्नी कैसे सो रही है... बहुत भूख लगी है चलो खाना खाते हैं... दीदी ने कहा और हम लोग उठ कर कमरे से बाहर निकल गए.

रात में खाना खाने के बाद हम सभी लोग अपने अपने कमरों में सोने के लिए चले गए.. मैं अपने बिस्तर पर लेटा करवटें बदल रहा था नींद मेरी आंखों से कोसों दूर थी.. अजीब सी उलझन में फंसा हुआ था मैं मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं राजू से कैसे बात करूंगा इस टॉपिक पर... मुझे एहसास हुआ कि मुझे सूसू लगी हुई है.. मैं उठकर बाथरूम में गया और अपना लौड़ा निकालकर कमोड के अंदर पेशाब करने लगा... पेशाब करने के बाद मैं अपना लौड़ा पेंट के अंदर डालने वाला था मेरी नजर टॉयलेट के अंदर कोने में पड़ी हुई ब्रा और पेंटी के ऊपर गई...
टॉयलेट के अंदर तो बहुत सारी ब्रा पेंटी सूखने के लिए टंकी हुई थी जो अक्सर मेरे घर के बाथरूम के अंदर सूख रही होती है... ज्यादातर मेरी प्रियंका दीदी की... वह अपने अंडर गारमेंट्स बाथरूम के अंदर ही सूखने के लिए डालती है... मेरी चंदा भाभी तो अपने अंडर गारमेंट्स छत पर सूखने के लिए डालती है... छत पर जाने के बाद उन्हें अपने आस-पड़ोस के जवान लड़कों के साथ चालबाजी करने का मौका जो मिल जाता है.. सच कहूं दोस्तों मेरी चंदा भाभी तो छत पर सिर्फ आस पड़ोस पड़ोस के लड़कों का लोड़ा खड़ा करने के लिए जाती है.. कपड़े सुखाना तो सिर्फ एक बहाना होता है उनके लिए..

खैर मैं जिस ब्रा और पेंटी की बात कर रहा हूं... वह मेरी रूपाली दीदी की थी, उस गुलाबी रंग के अंडर गारमेंट्स को मैं देखते ही एक नजर में पहचान गया था.. कल जुनैद के फार्म हाउस पर जब वह औरत मेरी रूपाली दीदी को दुल्हन की तरह सजा रही थी तब उसने मेरी दीदी को वही अंडर गारमेंट्स पहनाए थे.. मैं उनकी ब्रा को उठाकर देखने लगा... बिल्कुल मेरी रूपाली दीदी की 36 साइज की चुचियों के बराबर.. ब्रा की चुचियों वाले भाग में अंदर की तरफ से दूध के धब्बे बने हुए थे... मैंने अपनी बहन की पेंटी भी उठा के बड़े गौर से देखा... पेंटी के योनि वाले भाग पर धब्बे बने हुए थे... बेहद गंदी लग रही थी उनकी वह गुलाबी चड्डी जाहिर है दोस्तों मेरी रूपाली दीदी ने जुनैद के फार्म हाउस से लौटने के बाद अपने अंडर गारमेंट उतार के बाथरूम के कोने में रख दिए थे और नहाने के बाद उनको साफ करना भूल गई थी.

मैं अपनी रूपाली दीदी की पेंटी को अपने चेहरे के पास लेकर आया.. अपनी सगी बहन की चड्डी की कामुक खुशबू का अहसास पाकर में मदहोश होने लगा था... मेरा लौड़ा अकड़ कर खड़ा हो गया और सलामी देने लगा रूपाली दीदी को...
 
बाथरूम के अंदर इतनी देर तक खड़े रहना मुझे ठीक नहीं लगा.. मैं अपनी दीदी की ब्रा और पेंटी को लेकर अपने बेडरूम के अंदर आ गया.... दरवाजा बंद करने के बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिय और बिल्कुल नंगा हो गया... अपनी रूपाली दीदी की मुलायम छोटी सी चड्डी को सूंघते हुए मैं जोर-जोर से मुठ मारने लगा मैं पागलों की तरह अपना लोड़ा ऊपर नीचे अपने हाथों से कर रहा था अपनी सगी बहन की पेंटी को सूंघते हुए.

अजीबोगरीब खुशबू आ रही थी मेरी दीदी की चड्डी के अंदर से.. उस मुलायम सी प्यारी छोटी सी चड्डी म ना सिर्फ मेरी दीदी की गुलाबी मछली का काम रस लगा हुआ था बल्कि जुनैद और असलम के काले काले मोटे लंबे लोड़े की मलाई भी लगी हुई थी जो सूख चुकी थी.

कुछ देर बाद मैंने अपनी दीदी की पेंटी को अपने लोड़े पर रख लिया और पैंटी के ऊपर से ही अपने हाथ से अपने लोड़े को मसलने लगा था .मुझे अद्भुत आनंद का एहसास हो रहा था... मैंने दीदी की ब्रा को अपने बिस्तर के ऊपर रख दिया और उसके ऊपर लेट कर मैं अपनी दीदी की ब्रा को चाटने लगा... ब्रा के दोनों मुलायम कप को अपने हाथों में पकड़ के मैं निपल्स वाले हिस्से को मैं अपनी जीभ से चाटने लगा... एक नई नवेली मां के दूध की खुशबू पाकर मैं पागल हो चुका था.. अपनी रूपाली दीदी की ब्रा को मै ऐसे चूस रहा था मानो मैं उनकी बड़ी बड़ी चूची से दूध पी रहा हूं.. मेरी आंखों के सामने उन सभी खुशनसीब मर्द का चेहरा घूम रहा था जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में मेरी रूपाली दीदी का दूध पिया था निचोड़ कर..... और मेरी दीदी को कभी पटक के,कभी घोड़ी बनाकर और कभी अपने लोड़े के ऊपर बिठा के चोदा था...
ये सब याद करके मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया।
 
चार पांच दिनों के बाद ही मालूम चला कि असलम और जुनैद ने एक बैंक में डाका डालने की कोशिश की और पुलिस एनकाउन्टर में मारे गए। ये सब सुनकर मेरी दीदी और जीजू बहुत खुश हुए। प्रियंका दीदी की भी अब शादी अजय के साथ हो गई है।अब हम सब खुश है।राजू को भी उसकी बहन का वास्ता देकर मैंने मना लिया है।


समाप्त
 
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