hotaks444
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राहुल फिर राधिका को अपनी कार में बैठा कर उसे उसके घर से कुछ दूरी पर ड्रॉप कर देता हैं और वो सीधे अपने थाने चला जाता हैं.
जैसे ही राधिका घर पर पहुँचती हैं उसके भैया पहले से ही घर पर आ चुके थे.
कृष्णा- कहाँ थी अब तक राधिका. 6 बज चुके हैं और तुम्हारा कॉलेज तो 3 बजे तक बंद हो जाता हैं . और वैसे भी आज सनडे हैं तो कॉलेज तो बंद ही होगा ना..
राधिका वो भैया... बस ऐसे ही मैं...निशा के घर गयी थी.
कृष्णा- राधिका तुमने कब से झूट बोलना शुरू कर दिया. जहाँ तक मैं तुम्हें जानता हूँ की तुम कभी झूट नहीं बोलती. और वैसे भी मैं निशा के पास फोन कर के पूछ चुका हूँ और उसने मुझे बताया हैं कि वो आज तुमसे मिली ही नहीं हैं.
कृष्णा- राधिका अब मैं तुमसे यही उमीद करूँगा कि तुम जो भी मुझसे बात कहोगी सच कहोगी................................................बोलो राधिका क्या हैं सच..........................................
राधिका- भैया वो मैं आपको नही बता सकती.
कृष्णा- राधिका मेरा इतना तो हक़ बनता हैं की मेरी बेहन कहाँ जाती हैं, क्या करती हैं और किससे मिलती हैं.
राधिका-भैया वो बात हैं .........कि.
कृष्णा- बोल ना राधिका. विश्वास कर मेरा मैं तुझे कुछ नही कहूँगा.
राधिका- भैया वो............ दर-असल मैं राहुल से प्यार करती हूँ और उससे शादी करना चाहती हूँ. इस वक़्त मैं उससे ही मिलकर आ रही हूँ.
इतना सुनकर कृष्णा को एकदम से गुस्सा आ जाता हैं लेकिन वो अपने गुस्से को पूरा कंट्रोल करके बोलता हैं.
कृष्णा- अच्छा वो पोलीस वाला. कहीं वही तो नही हैं ना ....................राहुल मल्होत्रा यहाँ का सब-इनस्पेक्टर.
कृष्णा- क्यों तुझे और कोई नही मिला था क्या. दिल भी लगाया तो एक पोलिसेवाले से .जानती नहीं हैं तू इन पोलीस वालों को. बहुत हरामी चीज़ होते हैं ये. बस तेरे बदन से खिलवाड़ करके तुझे छोड़ देंगे. कोई प्यार व्यार नही होता बस अपनी हवस को मिटाने के लिए तुझे इस्तेमाल कर रहा हैं वो इनस्पेक्टर.
राधिका- नहीं भैया राहुल ऐसा नहीं हैं. वो मुझ से सच्चा प्यार करता हैं.
फिर कृष्णा की नज़र राधिका की पहनी हुई हीरे की अंगूठी पर पड़ती हैं.
कृष्णा- राधिका के हाथ की ओर इशारा करते हुए- अच्छा तो वो तुझसे शादी करना चाहता हैं इसलिए उसने तुझे अपनी सगाई के तौर पर ये अंगूठी दी हैं.क्यों सच हैं ना..........
राधिका- प्लीज़ भैया मुझे ग़लत मत समझिए, मैं भी उससे बहुत प्यार करती हूँ.
कृष्णा- कब से चल रहा हैं ये सब.
राधिका- यही कोई 6 महीने से............
कृष्णा- तब तो वो तेरे साथ सो भी चुका होगा. हैं ना................
राधिका भी अपना सिर नीचे झुका लेती हैं और नीचे फर्श की ओर देखने लगती हैं. कृष्णा को भी सब समझ में आ जाता हैं.
कृष्णा- एक बात जान ले राधिका अगर वो पोलिसेवला तेरे साथ कोई खिलवाड़ किया ना तो उस साले को मैं ज़िंदा ज़मीन में दफ़न कर दूँगा. और फिर उसके बाद मैं तेरा क्या हाल करूँगा तू फिर समझ लेना.
राधिका चाह कर भी एक शब्द नही बोल पाती हैं और बस नीचे अपना सिर झुकाए देखती हैं.
कृष्णा भी उसके पास आता हैं और फिर उसके चेहरे को अपने दोनो हाथों से उपर की ओर करता हैं.
कृष्णा- देख राधिका, मैं ज़्यादा पढ़ा लिखा तो नहीं हूँ मगर दुनिया दारी अच्छे से जनता हूँ. मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और मैं कभी नहीं चाहूँगा कि तुझे कोई तकलीफ़ हो. बस मैं यही कहूँगा कि जवानी के जोश में कोई ऐसा ग़लत कदम ना उठा लेना की आगे चलकर कोई तेरे पर उंगली उठाए.
राधिका भी झट से अपने भैया के सीने लग जाती हैं - भैया मुझे माफ़ कर दो ये बात मैने आप से इतने दिनो से छुपाकर रखी. मैने कई बार आपसे इस बारे में बात करने की कोशिश की मगर आप से मुझे कहने की हिम्मत नही हुई.
कृष्णा- कोई बात नहीं राधिका. मैं जानता हूँ कि तू कोई काम ग़लत कर ही नहीं सकती. चल अब झट से मुझे एक गरमा गरम चाइ पिला.
थोड़े देर में उसका बाप भी आ जाता हैं और फिर सब मिलकर चाइ पीते हैं. राधिका फिर घर का सारा काम ख़तम कर लेती हैं और रात में बिस्तेर पर जाकर सोने चली जाती हैं. आज उसके मन बहुत हल्का हो गया था. उसे इस बात की खुशी थी की उसके भैया ने भी अब राहुल को आक्सेप्ट कर लिया हैं.
........................................
कहते हैं ना कि खुशियों को ग्रहण लगते देर नहीं लगती. ऐसा ही कुछ आज के बाद राधिका के साथ भी होने वाला था, जो अब उसकी जिंदगी में तूफान लाने के लिए काफ़ी था.
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जैसे ही राधिका घर पर पहुँचती हैं उसके भैया पहले से ही घर पर आ चुके थे.
कृष्णा- कहाँ थी अब तक राधिका. 6 बज चुके हैं और तुम्हारा कॉलेज तो 3 बजे तक बंद हो जाता हैं . और वैसे भी आज सनडे हैं तो कॉलेज तो बंद ही होगा ना..
राधिका वो भैया... बस ऐसे ही मैं...निशा के घर गयी थी.
कृष्णा- राधिका तुमने कब से झूट बोलना शुरू कर दिया. जहाँ तक मैं तुम्हें जानता हूँ की तुम कभी झूट नहीं बोलती. और वैसे भी मैं निशा के पास फोन कर के पूछ चुका हूँ और उसने मुझे बताया हैं कि वो आज तुमसे मिली ही नहीं हैं.
कृष्णा- राधिका अब मैं तुमसे यही उमीद करूँगा कि तुम जो भी मुझसे बात कहोगी सच कहोगी................................................बोलो राधिका क्या हैं सच..........................................
राधिका- भैया वो मैं आपको नही बता सकती.
कृष्णा- राधिका मेरा इतना तो हक़ बनता हैं की मेरी बेहन कहाँ जाती हैं, क्या करती हैं और किससे मिलती हैं.
राधिका-भैया वो बात हैं .........कि.
कृष्णा- बोल ना राधिका. विश्वास कर मेरा मैं तुझे कुछ नही कहूँगा.
राधिका- भैया वो............ दर-असल मैं राहुल से प्यार करती हूँ और उससे शादी करना चाहती हूँ. इस वक़्त मैं उससे ही मिलकर आ रही हूँ.
इतना सुनकर कृष्णा को एकदम से गुस्सा आ जाता हैं लेकिन वो अपने गुस्से को पूरा कंट्रोल करके बोलता हैं.
कृष्णा- अच्छा वो पोलीस वाला. कहीं वही तो नही हैं ना ....................राहुल मल्होत्रा यहाँ का सब-इनस्पेक्टर.
कृष्णा- क्यों तुझे और कोई नही मिला था क्या. दिल भी लगाया तो एक पोलिसेवाले से .जानती नहीं हैं तू इन पोलीस वालों को. बहुत हरामी चीज़ होते हैं ये. बस तेरे बदन से खिलवाड़ करके तुझे छोड़ देंगे. कोई प्यार व्यार नही होता बस अपनी हवस को मिटाने के लिए तुझे इस्तेमाल कर रहा हैं वो इनस्पेक्टर.
राधिका- नहीं भैया राहुल ऐसा नहीं हैं. वो मुझ से सच्चा प्यार करता हैं.
फिर कृष्णा की नज़र राधिका की पहनी हुई हीरे की अंगूठी पर पड़ती हैं.
कृष्णा- राधिका के हाथ की ओर इशारा करते हुए- अच्छा तो वो तुझसे शादी करना चाहता हैं इसलिए उसने तुझे अपनी सगाई के तौर पर ये अंगूठी दी हैं.क्यों सच हैं ना..........
राधिका- प्लीज़ भैया मुझे ग़लत मत समझिए, मैं भी उससे बहुत प्यार करती हूँ.
कृष्णा- कब से चल रहा हैं ये सब.
राधिका- यही कोई 6 महीने से............
कृष्णा- तब तो वो तेरे साथ सो भी चुका होगा. हैं ना................
राधिका भी अपना सिर नीचे झुका लेती हैं और नीचे फर्श की ओर देखने लगती हैं. कृष्णा को भी सब समझ में आ जाता हैं.
कृष्णा- एक बात जान ले राधिका अगर वो पोलिसेवला तेरे साथ कोई खिलवाड़ किया ना तो उस साले को मैं ज़िंदा ज़मीन में दफ़न कर दूँगा. और फिर उसके बाद मैं तेरा क्या हाल करूँगा तू फिर समझ लेना.
राधिका चाह कर भी एक शब्द नही बोल पाती हैं और बस नीचे अपना सिर झुकाए देखती हैं.
कृष्णा भी उसके पास आता हैं और फिर उसके चेहरे को अपने दोनो हाथों से उपर की ओर करता हैं.
कृष्णा- देख राधिका, मैं ज़्यादा पढ़ा लिखा तो नहीं हूँ मगर दुनिया दारी अच्छे से जनता हूँ. मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और मैं कभी नहीं चाहूँगा कि तुझे कोई तकलीफ़ हो. बस मैं यही कहूँगा कि जवानी के जोश में कोई ऐसा ग़लत कदम ना उठा लेना की आगे चलकर कोई तेरे पर उंगली उठाए.
राधिका भी झट से अपने भैया के सीने लग जाती हैं - भैया मुझे माफ़ कर दो ये बात मैने आप से इतने दिनो से छुपाकर रखी. मैने कई बार आपसे इस बारे में बात करने की कोशिश की मगर आप से मुझे कहने की हिम्मत नही हुई.
कृष्णा- कोई बात नहीं राधिका. मैं जानता हूँ कि तू कोई काम ग़लत कर ही नहीं सकती. चल अब झट से मुझे एक गरमा गरम चाइ पिला.
थोड़े देर में उसका बाप भी आ जाता हैं और फिर सब मिलकर चाइ पीते हैं. राधिका फिर घर का सारा काम ख़तम कर लेती हैं और रात में बिस्तेर पर जाकर सोने चली जाती हैं. आज उसके मन बहुत हल्का हो गया था. उसे इस बात की खुशी थी की उसके भैया ने भी अब राहुल को आक्सेप्ट कर लिया हैं.
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कहते हैं ना कि खुशियों को ग्रहण लगते देर नहीं लगती. ऐसा ही कुछ आज के बाद राधिका के साथ भी होने वाला था, जो अब उसकी जिंदगी में तूफान लाने के लिए काफ़ी था.
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