Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर - Page 5 - SexBaba
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Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर

राहुल- इनके पास कुछ समान मिला हैं क्या कोई आइ.डी या कुछ????

ख़ान- हां सर इनके पास ड्रग्स के कुछ पॅकेट्स थे. और एक रेवोल्वेर भी मिला हैं. जिससे ये लोग हम पर हमला किए थे.

ख़ान- और सर इनका पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये भी पता चला हैं कि ये दोनो बहुत दिनो से ड्रग्स के अडिक्ट थे. और ये शायद इसका धनदा भी करते थे. और एक चौकाने वाली बात भी पता चली हैं.

राहुल- कौन सी बात??

ख़ान- सर हम ने इस रेवोल्वेर की पूरी आइडेंटिफिकेशन निकाली हैं. ये रेवोल्वेर किसी डॉक्टर के नाम से इश्यू हैं. पर सर नाम और अड्रेस जाली हैं. और हां सर आप पर जो 5 महीने पहले जो हमला हुआ था वो गोली इसी रेवोल्वेर से चलाई गयी थी.

अब चौकने की बारी राहुल की थी.

राहुल- क्या बकते हो ख़ान ??

ख़ान- हां सर हमने पूरी रिपोर्ट टेस्ट करवाई हैं और जिससे ये 100% प्रूफ होता हैं की ये गोली इसी रेवोल्वेर की हैं. ख़ान रिपोर्ट देते हुए बोला.

राहुल- तो इसका मतलब जो गोली मुझपे चलाई गयी थी और जो गोली रघु को लगी हैं वो दोनो सेम हैं. और एक ही रेवोल्वेर से चलाई गयी हैं. इसका मतलब ये कोई बहुत बड़ी साज़िश रची गयी हैं. यानी कि ये दोनो सिर्फ़ मोहरे थे. इनका असली मालिक कोई और हैं.

ख़ान- हां सर आपने बिल्कुल सही पहचाना .

राहुल- पूरे सहर में रेड अलर्ट घोषित कर दो. सहर से जानी वाली सारी गाड़ियों की अच्छे से तलाशी लो. मुझे किसी भी हाल में ये ड्रग्स का धंधा करने वाले गिरोह को पकड़ना हैं. उसके बाद उन सालों की ऐसी मौत मारूँगा कि मौत भी शरमा जाएगी.

फिर थोड़ी देर के बाद राहुल खुद जाकर उनका मुआइना करता हैं. और फिर इस केस की तहक़ीकात शुरू कर देता हैं.

वहाँ से दूर ...................बिहारी के गेस्ट हाउस में.

विजय- नमस्कार बिहारी जी.

बिहारी- आओ आओ विजय कैसा चल रहा हैं धंधा पानी.

विजय-आपको तो सब पता हैं कि कल रात हमारे दो आदमी मारे जा चुके हैं और पोलीस भी अब आक्टिव हो गयी हैं. जगह जगह नकबंदी भी लगा रखा है. अब तो समझ लो कि धंधा बिल्कुल बंद हो गया हैं.

बिहारी- तो इसमें मैं क्या कर सकता हूँ. ऐसे ऐसे नमूने लोगो को रखोगे अपने धंधे में तो यही होगा ना.

विजय- प्लीज़ बिहारी जी आप कैसे भी करके इस सिचुयेशन को हॅंडल कर लीजिए.वरना वो हरामी राहुल को अगर भनक भी लग गयी कि ड्रग्स का गॅंग लीडर मैं ही हूँ तो साला मुझे ज़िंदा दफ़न कर देगा.

बिहारी- मैं इस वक़्त कुछ नहीं कर सकता. अभी एलेक्षन का टाइम हैं और मैं अपनी रेप्युटेशन नही खराब करना चाहता. बेहतर इसी में हैं कि तुम कुछ दिनो तक अपना धंधा बंद कर दो. जब हालत सुधर जाएँगे तो देख लेंगे.

विजय- बिहारी तुम मेरे दोस्त हो इसका मतलब ये नही कि तुम केवल अपना ही फ़ायदा निकालो. आज जो तुम्हारी पोज़िशन हैं सब मेरी बदौलत हैं. और आज भी तुम मेरे बगैर ये एलेक्षन जीत नहीं सकते. तो अब मुझे नही लगता कि अब मुझे तुमसे इस बारे में कोई बात करनी चाहिए. बाकी तुम खुद समझदार हो.

बिहारी- ठीक हैं ठीक हैं. मैं कुछ सोचता हूँ. लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा.

विजय- बोल ना बिहारी तुझे क्या चाहिए.

बिहारी- तू तो जनता ही हैं ना मेरी कमज़ोरी. लड़की चाहिए मुझे चोदने के लिए. ना कि रंडी.

विजय- अरे यार अब तेरे लिए मैं लड़की का कहाँ से इंतज़ाम करू. ठीक हैं मैं कुछ सोचता हूँ.

विजय मन ही मन बिहारी को गाली देता हैं. साला मदर्चोद देख लेना किसी दिन कुत्ता ये लड़की के चक्कर में साला बर्बाद हो जाएगा. साला 50 साल का हो गया मगर ऐय्याशि साले की दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं. अपना तो फँसेगा साला कहीं मुझे भी ना ले डूबे.

कुछ देर तक उन दोनो में ऐसी ही बात होती हैं फिर दोनो वहाँ से निकल जाते हैं अपने अपने रास्ते.

विजय - अब मदर्चोद के लिए लड़की कहाँ से ले आऊ. साला रंडी माँगता तो मैं काजीरी से बोलकर लाइन लगा देता. और अब मेरी नज़र में तो कोई लड़की.............................एक दम से विजय को कुछ याद आता हैं और उसके चेहरे पर मुस्कान फैल जाती हैं...........................................................हैं एक लड़की तो है...........
 
दूसरे दिन जब राधिका कॉलेज पहुँचती हैं तो वही पर कॅंटीन में निशा भी बैठी मिलती हैं. वो उसके पास जाकर बैठ जाती हैं.

निशा- आ गयी जान. मैं तेरा ही इंतेज़ार कर रही थी.

राधिका- हां तुझे तो मेरे बिना एक पल भी चैन ही नही मिलता.शुक्र हैं कि मैं तेरी सहेली हूँ वरना बाय्फ्रेंड होती तो ......... इतना कहकर राधिका मुस्कुरा देती हैं.

वही थोड़े दूर पर दो लड़के आपस में बात कर रहे थे और वो उनकी बात सुन लेते हैं तभी एक बोल पड़ता हैं

पहला- यार हम क्या मर गये हैं. हमे अपना बाय्फ्रेंड बना लो कसम से मज़ा आ जाएगा.

दूसरा- यार हमारी भी रातें रंगीन हो जाएगी और तुम्दोनो की भी.बोलो ना क्या कहती हो.

जैसा कि निशा ने उम्मीद की थी कि राधिका इस बार ज़रूर उनका बॅंड बजाएगी मगर अब झटका लगने की बारी उन लड़कों की नही बल्कि निशा की थी.

राधिका- यार निशा चलो ना कहीं और चलते हैं.

निशा- एक दम से हैरत से देखते हुए- राधिका!!! ये तू बोल रही हैं मैं बिल्कुल विश्वास नही कर सकती!!! ओह गॉड आइ कॅन'ट इमॅजिन!!!!

राधिका- इसमें हैरत की क्या बात हैं. प्लीज़ चलो ना यहाँ से.

निशा उठकर उन्दोनो के करीब जाती हैं और जाकर वही खड़ी हो जाती हैं.

निशा- हां तो आप क्या बोल रहे थे ज़रा मैं भी तो सुनू.निशा एक दम गुस्से होकर और उन्दोनो को घूर कर बोली..

निशा के ऐसे तेवर देखकर दोनो लड़के चुप चाप वहाँ से सॉरी बोल कर निकलने लगते हैं. लेकिन जवाब में निशा उन्दोनो को एक एक थप्पड़ गाल पर मार देती हैं.

निशा- हम कमज़ोर नहीं हैं. और हमे कमज़ोर समझने की ग़लती भी मत करना. आज के बाद किसी ने हम से ऐसी बातें भी की तो साले का मूह नूच लूँगी.

और कुछ देर में महॉल पहले जैसा हो जाता हैं. इतना सब कुछ होने के बाद भी आज राधिका पहली बार एक भी शब्द नही बोली थी.

निशा भी चुप चाप राधिका के पास जाकर बैठ जाती हैं. और उसकी आँखों से आँसू का एक सैलाब बहने लगता हैं.

राधिका- प्यार से निशा के कंधे पर हाथ रखकर- क्या ज़रूरत हैं तुझे ऐसे लड़कों से उलझने की.

निशा- मर गयी निशा!!! आज से मैं तेरी कोई नही राधिका, प्लीज़ लीव मी अलोन!!!

राधिका एक टक उसको देखती हैं फिर से अपना हाथ उसके हाथ में रख देती हैं

राधिका- आख़िर बताएगी भी कि बात क्या है. तू मुझसे ऐसे क्यों पेश आ रही हैं.आख़िर तू रो... क्यों रही हैं???

निशा- ये बात मुझे तुझसे पूछनी चाहिए कि आख़िर तुझे क्या हो गया हैं. मुझे विश्वास नही हो रहा कि तू अब वो राधिका हैं . कल तक जो आदमी घूर कर देख भी लेता था तू उसका पूरा बॅंड बजा देती थी लेकिन आज ऐसा क्या हो गया हैं जो वो दो लड़के इतना सब कुछ बोल कर हमे निकल गये और तू एक भी शब्द नही बोली. मैं इसकी वजह जानना चाहती हूँ.

राधिका इतना सुनकर कुछ देर तक खामोश रहती हैं मगर कोई जवाब नही देती हैं.

निशा- बोल ना राधिका चुप क्यों हैं. मुझे तेरा जवाब चाहिए.है कोई इसका जवाब????

राधिका- प्लीज़ निशा ये सब बातें बाद में करेंगे. प्लीज़ अब रोना बंद का ना.

निशा- मैं जानती थी कि तेरे पास इसका कोई जवाब नही होगा. अब तू वो राधिका नही रही जो मेरी कभी जान हुआ करती थी.

निशा- आख़िर तू क्या साबित करना चाहती हैं राधिका. प्लीज़ मैं तेरे हाथ जोड़ती हूँ तू अपने आप को तमाशा मत बना. ये रास्ता तुझे ज़िंदगी की ओर नहीं बल्कि मौत की ओर ले जाएगा. और जब तक तू इस बात को समझेगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. और मैं अपनी राधिका को किसी भी कीमत पर खोना नही चाहती .आगर तुझे कुछ हो गया तो मैं तेरे बगैर नही जी पाउन्गि. तू मेरी जान से बढ़कर हैं. प्लीज़ ................इतना कहकर निशा फूट फूट कर राधिका के कंधे पर रोने लगती हैं.

राधिका के भी आँखें नम हो जाती और वो अपना हाथ बढ़ाकर निशा के आँसू पोछती हैं. दोनो के आँखों से आँसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे.

कुछ देर तक वो दोनो ऐसे ही लिपटकर एक दूसरे से रोते हैं.

निशा- देख राधिका मैं तेरी कोई दुश्मन नही हूँ. और मैं कभी नही चाहूँगी कि तुझपर कोई आँच भी आए. मैं तो यही भगवान से दुआ करती हूँ कि अगर मौत भी आकर मुझसे कहे तो मैं तेरे बदले अपनी जान देना पसंद करूँगी मगर तुझे कुछ नहीं होने दूँगी.

राधिका अपने आँसू पोछते हुए- प्लीज़ निशा ऐसी बात मत कर, तुझे मैं कैसे समझाऊ कि आज मैं किस मज़धार में खड़ी हूँ. मेरे सामने एक तरफ़ पहाड़ हैं तो डुसरी तरफ खाई. आइ आम सॉरी निशा मैं तुझे अपनी मज़बूरी नही बता सकती. लेकिन वादा ज़रूर करती हूँ कि वक़्त आने पर तुझे सब कुछ पता चल जाएगा.

निशा- आख़िर कौन सी मज़बूरी हैं जो तू मुझे नहीं बता सकती.

राधिका- नही निशा प्लीज़ मुझे फोर्स मत कर मैं इस वक़्त तुझे नही समझा सकती.

निशा- लेकिन मैं जानती हूँ तेरी मज़बूरी का कारण, तेरे भैया हैं ना वो वजह.और तू अपने ही भैया के साथ सोना चाहती हैं यही हैं ना तेरी मज़बूरी.

राहिका- प्लीज़ निशा मैं तेरे हाथ जोड़ती हूँ प्लीज़ चुप हो जा.

निशा- ठीक हैं राधिका अगर तेरी यही ज़िद्द हैं तो मैं अपने सर की कसम खा कर कहती हूँ कि मैं आज के बाद तेरे भैया और तेरे बीच में कभी नहीं आउन्गि. आज से तेरे जो दिल में आए तू कर.मैं तुझे कभी कुछ नहीं कहूँगी, मगर एक बात याद रखना कि तू अपनी ही ज़िंदगी से एक घिनौना मज़ाक कर रही हैं. जिसका अंजाम आगे जाकर बहुत भयानक होने वाला हैं.

राधिका- मुझे अपनी चिंता नहीं हैं निशा, मुझे अपनों के खोने का दर्द मालूम हैं. एक बार मैं आपनी मा को खो चुकी हूँ और अब अपने भैया को नही खोना चाहती. चाहे इसके बदले मुझे कितनी भी बड़ी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े.

निशा- अरे बलिदान वहाँ दिया जाता हैं जहाँ लोग उसकी कद्र समझे . तुझे क्या लगता हैं कि तेरी कुर्बानी से क्या तेरे भैया अपना ज़िंदगी संवार लेंगे. कभी नहीं राधिका हां तेरे भैया को तो नहीं पर मेरी जान से बढ़कर मेरी राधिका ज़रूर मुझसे दूर हो जाएगी.

इतना कहकर एक बार फिर निशा राधिका को अपने गले लगा लेती हैं.

राधिका- चल बहुत बड़ी बड़ी बातें करती हैं. अब अंकल से बोलकर तेरे हाथ जल्दी से पीले करने पड़ेंगे.लगता हैं तू तो मेरे से भी बेस्ट हाउसवाइफ बनेगी.

निशा- मारूँगी समझी. और फिर दोनो के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती हैं. .....
 
वक़्त के हाथों मजबूर--16

आज राधिका के मंन में हज़ारो सवाल उठ रहे थे. उपर से निशा के ऐसे तेवर देखकर उसे खुद विश्वास नही हो रहा था. वो कॉलेज अटेंड कर के घर आती हैं और फ्रेश होकर खाना बनाती हैं.

दूसरे दिन सुबह ही राहुल का फोन आता हैं और वो राधिका से मिलने के लिए बेचैन रहता हैं. आज सनडे होने के कारण वो राधिका को लेने उसके घर आता हैं और कुछ देर में वो उसे अपने घर ले जाता हैं.

राहुल- जान अब तो मैं यही सोचता हूँ कि जल्दी से जल्दी हम शादी कर ले.

राधिका- हां तो जनाब कब मुझे मन्गल्सुत्र पहना रहे हैं.

राहुल- बहुल जल्दी. देख लेना ऐसा बारात लेकर आउन्गा की सारा सहर देखता रह जाएँगा. और मैं अपनी दुल्हन को अपनी बाहों में उठाकर इस घर में ले आउन्गा.

राधिका- लेकिन आप तो हम से सुहाग रात पहले ही मना चुके हैं. अब उसका क्या.

राहुल- अरे तो क्या हुआ ये सब चीज़ों से भला कभी मन भरता हैं क्या. और राहुल मुस्कुरा देता हैं और राधिका भी शरम से अपनी नज़रें नीचे झुका लेती हैं.

राहुल- अरे वाह हमारी दुल्हन तो हम से शरमा रही हैं. लगता हैं आभी भी पूरी शरम गयी नही हैं. आज पूरी बची हुई भी उतार दूँगा.

राधिका का चेहरा शरम से लाल हो जाता हैं.और वो भी धीरे से मुस्कुरा देती हैं.

कुछ देर इधेर उधेर की बातें होती हैं फिर दोनो नाश्ता करते हैं और फिर राहुल उसे अपने कमरे में ले जाता हैं.

अंदर आकर वो झट से राधिका को कस कर अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने लब से राधिका के लब को चूम लेता हैं. और फिर धीरे धीरे उसे अपने दाँतों से काटने लगता हैं और जवाब में राधिका भी अपना बदन को उसके हवाले कर देती हैं और अपनी आँखें बंद कर के अपना हाथ उसके सर पर फिराती हैं.

कुछ देर तक ऐसे ही वो दोनो आपस में एक दूसरे के होंठ चूस्ते और चाट ते हैं.

राहुल जब से राधिका से मिला था वो कुछ परेशान सा दिख रहा था, और राधिका भी उसके चेहरे पर परेशानी सॉफ सॉफ पढ़ लेती हैं.

राधिका- अपने से राहुल को दूर करते हुए. बात क्या हैं राहुल मैं जब से तुमसे मिली हूँ तुम कुछ परेशान से दिख रहे हो.

राहुल- हां जान , क्या करू बात ही ऐसी हैं.

राधिका- मुझे नही बताओगे क्या.

राहुल- राहुल कुछ देर तक सोचता हैं फिर बोलना शुरू करता हैं.

राहुल- दर-असल परसों रात में दो बदमाश मारे गये थे पोलीस मुठभेड़ में. जानती हो वो दोनो कौन थे.

राधिका- चौुक्ते हुए, कौन???

राहुल- याद हैं जब मैं पहली बार तुमसे मिलने तुम्हारे घर आया था तब किसी ने मुझपर हमला किया था, वो दोनो हमलावर यही थे. ये तो बस मोहरे थे मगर इनका लीडर अभी पकड़ा नही गया हैं.

राधिका- चलो राहुल ये तो और भी अच्छा हुआ, मगर आगे से तुम सावधान रहना.

राहुल- मुझे तो ये चिंता सता रही हैं कि मेरी हर पल पल की खबर इनके पास कैसे पहुचती हैं. कोई तो ऐसा आदमी हैं जो हमारी पोलीस फोर्स में इनको पल पल की खबर दे रहा हैं. वरना मैं उस दिन तुम्हारे यहाँ पहली बार आया था और ये सब इनको कैसे मालूम हुआ कि मैं इस वक़्त तुम्हारे घर पर हूँ. जबकि मैं उस दिन किसी को ये बात नही बताई थी.

राधिका- एक दम से उसे कुछ याद आता हैं. मैं यकीन से तो नही कह सकती राहुल मगर हो ना हो इन हमलावरो के पीछे ज़रूर तुम्हारे दोस्त विजय का हाथ हो सकता हैं.

राहुल- चौुक्ते हुए. तुम कैसे इतना यकीन से कह सकती हो. क्या तुम्हारे पास कोई सुबूत हैं.

राधिका- याद हैं राहुल जब तुम पर हमला हुआ था उसके करीब 20 मिनिट पहले तुम्हारे दोस्त विजय का फोन आया था.और तुमने ही तो उसे बताया था कि तुम इस वक़्त मेरे घर पर हो.

राहुल- हां मानता हूँ की विजय का 20 मिनिट पहले फोन आया था, लेकिन वो तो हर रोज़ मुझसे ऐसी ही बातें करता हैं. और रोज़ मुझसे मिलकर अपना हाल चाल जानकार अपने क्लिनिक चला जाता हैं. नही वो ऐसा नहीं कर सकता.

राधिका- लेकिन ये बात तो उस वक़्त बस विजय ही जानता था की तुम कहाँ पर हो. और हो सकता हैं वो ही तुम पर हमला करवाया हो.

राहुल- नही राधिका, विजय को मैं अच्छे से जानता हूँ, वो मेरे दोस्त ही नही बल्कि मैं उसे अपना छोटे भाई की तरह मानता हूँ. वो ऐसा कभी नही कर सकता. और ये भी तो हो सकता हैं कि उन हमलावरो ने मेरी गाड़ी का पीछा किया हो और मौका देखकर मुझपर हमला कर दिया हो.

राधिका- जो भी हो राहुल मुझे ये तुम्हारा दोस्त कुछ ठीक नही लगता. मैं तो बस यही कहूँगी कि तुम बस सावधान रहना.

राहुल- मुझे कुछ नही होगा राधिका. तुम जो मेरे साथ हो. देख लेना एक दिन साले सब पकड़े जाएगे. और तुम बे-वजह मेरे दोस्त पर शक कर रही हो. वो ऐसा नहीं हैं.
 
राधिका भी अब कुछ बोलना ठीक नही समझी और फिर वो राहुल की आँखों में एक टक देखने लगती हैं.राधिका ने जिस तरफ उसको इशारा किया था अगर राहुल विजय के बारे में ज़रा भी सीरीयस होता तो आने वाले तूफान को रोकना उसके हाथ में था. मगर यहाँ पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था.

कहते हैं कि अगर बड़े ख़तरे टलने हो तो आस पास के छोटे ख़तरों को नज़र अंदाज़ नही करनी चाहिए. बस यहाँ पर राहुल की एक छोटी सी भूल की वजह से ना जाने कितनों की ज़िंदगी पर इसका असर पड़ने वाला था.

राधिका- हो गया ना मिस्टर. आपका टेन्षन ख़तम.

राहुल- राधिका को गले लगाते हुए. हां जान तुम मेरे साथ होती हो तो मैं सब कुछ भूल जाता हूँ. चलो इसी खुशी में कुछ मूह मीठा करते हैं.

राहुल किचन में जाकर एक बटर केक ले आता हैं और अपने मूह में आधा रख लेता हैं.

राधिका- ये क्या राहुल मुझे मूह मीठा करने से पहले तुम खुद ही अपने मूह मीठा कर लिए.

राहुल- आज हम ऐसे ही आपका मूह मीठा कराएँगे. राहुल बटर केक को मूह से निकालते हुए कहता हैं और फिर अपने मूह में वापस रख लेता हैं.राधिका भी समझ जाती हैं की राहुल क्या चाहता हैं और वो मुस्कुरा कर उसके करीब चली जाती हैं.

राधिका भी अपना मूह खोलती हैं और राहुल के मूह में आधे बटर को धीरे धीरे अपने मूह में लेना शुरू कर देती हैं. राहुल भी एक हाथ बढ़ाकर उसके सीने पर रख देता हैं और कस कर उसके निपल्स को अपनी उंगली से मसल देता हैं. राधिका के मूह पहले से ही राहुल के मूह में था इस वजह से वो कुछ नही बोल पाती और धीरे धीरे उसके हाथ सरकते हुए राधिका की कमर के नीचे उसके गान्ड पर सरकने लगते हैं.

राहुल भी अब पूरा केक राधिका के मूह में दे देता हैं और राधिका बड़े ही प्यार से उसे खा जाती हैं.

राधिका- लगता हैं अब मुझे ऐसे ही खाना भी खाना पड़ेगा.

राहुल- तो इसमें क्या बुराई हैं. क्यों टेस्ट अच्छा नही लगा क्या.

राधिका- देख रहीं हूँ राहुल अब तुम भी धीरे धीरे बदमाश होते जा रहे हो. और राधिका फिर से मुस्कुरा देती हैं....

राहुल- पहले ये बताओ कि बटर केक का टेस्ट कैसा था.

राधिका-हां वैसे तो कोई बुरा नही था.ठीक ही था. इतना कहकर राधिका मुस्कुरा देती हैं.

राहुल- आज तो जी चाहता हैं कि मैं तुम्हारा रेप कर दू. कसम से जब से तुम मेरे संपर्क में आई हो और भी निखरती ही जा रही हो.

राधिका- तो कर लो ना मैने कब मना किया हैं. वैसे पोलीस वालों के लिए बलात्कार करना कोई नयी बात थोड़ी ही ना हैं.

राहुल- जाने दो नहीं करता. नहीं तो कहोगी की तुममें और बाकी पोलिसेवालों में क्या फ़र्क हैं.

राधिका- अगर नही किए तो अब मैं तुम्हारा रेप करूँगी. फिर कल अख़बार में नयी खबर आएगी कि एक लड़की ने पोलिसेवाले की इज़्ज़त लूट ली और उस पोलिसेवाले ने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. राधिका मुस्कुराते हुए बोली.

राहुल- यार सच में तुम कमाल की हो. किसी की भी वॉट लगाने में बिल्कुल देऱ नही करती हो. सच ही लोग तुम्हारे बारे में कहते हैं कि तुम पूरी आटम बॉम्ब हो.
 
राधिका- अगर अब तुमने भी मुझे आटम बॉम्ब बोला ना ..तो मैं अभी यहाँ से चली जाउन्गि. फिर हाथ मलते रहना.

राहुल- नही हाथ तो नही मगर कुछ और ही मलना पड़ेगा. राधिका राहुल की बात समझते ही उसे ज़ोर से पिंच कर देती हैं.

राधिका- देख रही हूँ की तुम बहुत बिगड़ गये हो.

राहुल भी उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसने लगता हैं. राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो अपना हाथ उसके सर पर रख देती हैं.

कुछ देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूस्ते हैं फिर राहुल अपने हाथ धीरे धीरे बढ़ाते हुए उसके सीने पर रख देता हैं और दूसरा हाथ उसके गान्ड पर रखकर धीरे धीरे मसलना शुरू कर देता है.

राधिका- प्लीज़ राहुल, मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी आग आज ठंडी कर दो ना.

राहुल- तो बताओ ना तुम्हारी आग को मैं कैसे ठंडा करू. कहों तो पानी ले कर आऊ.

राधिका- घूर कर देखते हुए. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती.

राहुल- अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो, बताओगि नही तो मैं तुम्हारे आग का इलाज़ कैसे करूँगा.

राधिका भी समझ चुकी थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना चाहता हैं. लेकिन राधिका को अभी भी ये सब बोलने में झिझक हो रही थी.

राधिका- राहुल मुझे शरम आती हैं वो सब बात करने में. प्लीज़ ऐसे ही कर लो ना आज. ज़रूरी हैं क्या हर बात बोलना.

राहुल- क्यों खाना खाती हो तो पानी नही पीती क्या. वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं. अगर नही कहोगी तो मैं भी आज कुछ नही करने वाला.

राहुल - बोलो ना जान. मुझसे कैसी शरम आज मैं तुम्हारी बेशर्मी देखना चाहता हूँ. क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती.

राधिका- पहले से ही बेशरम बना दिया हैं मुझे, और अब क्या बाकी रह गया हैं.

राहुल- तो फिर देर किस बात की है, चलो शुरू हो जाओ.

राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हें ये सब से खुशी मिलती हैं तो ये ही सही. आज मैं तुम्हें अपनी पूरी बेशर्मी दिखाउंगी अगर सच में अगर तुम ना शरमा गये तो मेरा नाम भी राधिका नहीं.

राहुल- तो देख लेते हैं कि किसमे कितना दम हैं.

राधिका- अब बातें भी करोगे या कुछ शुरू भी करोगे.

राहुल- मैं नही कुछ करने वाला आज जो भी करोगी तुम करोगी. समझ लो कि मैं नया हूँ और तुम मुझे आज सब कुछ सिखा रही हो.

राधिका- अच्छा, ये क्या बात हुई. जाओ .......मैं........... ये नही कर सकती.

राहुल- फिर ठीक हैं मैं भी अब जाता हूँ.

राधिका तुरंत राहुल का हाथ पकड़ लेती हैं और उसका हाथ अपने राइट बूब्स पर रखकर ज़ोर से मसल देती हैं.

राधिका- आओ ना राहुल, मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. आओ और अपने राधिका को अच्छे से , अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ कर चोदो.

अब चौकने की बारी राहुल की थी. उसने कभी सपने में भी राधिका से ऐसी उम्मीद नही की थी. और उसका बड़ा सा मूह खुल जाता हैं.

राधिका- ऐसे क्या देख रहे हो मैने कुछ ग़लत तो नही कहा ना. जो तुम चाहते थे वही तो बोला हैं.

राहुल- राधिका , मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा कि तुम इतनी बिंदास होकर ऐसे बातें कैसे बोल सकती हो.
 
राधिका अपने सर पर हाथ रखकर- हे भगवान!!! अब मैं क्या करू. नही बोलती हूँ तो कहते हो बोलो. अब बोल दिया तो कह रहे हो कैसे बोल दिया. अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ...........

राहुल- ठीक हैं , ठीक हैं, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, जो तुम्हे अच्छा लगे तुम बोलो. मैं अब कुछ नहीं बोलुगा.

राधिका- यार तुमने तो अच्छे भले चुदाई के खेल का पूरा सत्यनाश कर दिया. मेरी बात मानो थोड़ा फ्रेश हो जाते हैं फिर बाद में देखेंगे.

अब राहुल भी बुरा सा मूह बनाकर बिस्तर से उठ जाता हैं और फिर बाथरूम में जाकर मूह हाथ धो कर आता हैं.

राहुल- चलो पहले खाना खा लेते हैं फिर..बाद में वो सब करेंगे. अभी तो पूरा टाइम पड़ा हैं.

कुछ देर में राहुल और राधिका नीचे आते हैं और फिर रामू काका वही ड्रॉयिंग टेबल पर खाना परोसते हैं.

कुछ देर तक राहुल चुप चाप खाना ख़ाता हैं और फिर राधिका से कहता हैं.

राहुल- एक बात तो मैं तुम्हें बताना भूल ही गया. अगले हफ्ते मेरा प्रमोशन हो रहा हैं. मैं अब सब-इनस्पेक्टर से एसीपी बनने वाला हूँ. और मुझे नॉमिनेट करने के लिए सहर से बड़े बड़े लोग भी आ रहे हैं. तुमको भी ज़रूर आना होगा.

राधिका- तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं नही आउन्गि. ज़रूर आउन्गि. और तुमसे ज़्यादा मुझे खुशी होगी. मुझे उस दिन का बेसब्री से इंतेज़ार रहेगा.............................................

खाना खाने के करीब 1/2 घंटे बाद राहुल राधिका को अपने गोद में उठाकर सीधा अपने रूम में ले जाता हैं.

राधिका- अरे ये क्या कर रहे हो राहुल . मुझे नीचे उतारो प्लीज़.

राहुल- नहीं. अब तो मैं सीधे तुम्हे अपने बेडरूम में लेजाकार ही नीचे उतारूँगा.

राधिका भी अपनी बाहें राहुल के गले में डाल देती हैं और वो मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखने लगती हैं.

राहुल- ऐसे क्या देख रही हो जान.

राधिका- सोच रही हूँ कि आज तुम्हें मैं पूरी तरह से खुस कर दूं ताकि आज के बाद तुम्हें मुझसे कोई गिला शिकवा ना रहे.

राहुल- खुशी से चहकते हुए. सच में तो इसका मतलब जो मैं चाहता हूँ तुम वो सब करोगी.

राधिका- हां जो बोलॉगे वो सब करूँगी. अरे आज तो तुम्हें कुछ सिखाना भी हैं ना...........मिस्टर.

राहुल- क्या बात हैं जान आज तक मैने तुम्हारा ये रूप पहले कभी नहीं देखा.

राधिका- आज तो मैं तुम्हें बहुत कुछ दिखाने वाली हूँ जो तुमने आज तक नही देखा. और राधिका के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं.

राहुल जैसे ही राधिका को अपने रूम में ले आता हैं वो झट से उसे नीचे उतारता हैं और फिर दरवाज़े बंद कर लेता हैं.

राधिका भी राहुल को धक्का देकर उसे बेड पर गिरा देती हैं और फिर वही बेड के पास वो वही खड़ी रहती हैं.

राहुल- राधिका बताओ ना कहीं तुम मेरा सच में रेप तो नहीं करने वाली हो ना. अगर ऐसा हैं तो लगता हैं मुझे सच में शूसाइड करना पड़ेगा. तुम तो जानती हो ना ये कितने शर्म की बात होगी कि एक पोलिसेवाले का रेप वो भी उसी की प्रेमिका के हाथों.

राधिका अपनी एक उंगली अपने लिप्स पर रखती हैं और राहुल को चुप होने का इशारा करती हैं. राहुल भी बेचारा चुप होकर राधिका को देखने लगता हैं.

राधिका- आज मैं बोलूँगी और तुम चुप चाप सुनोगे. और राधिका अपना दुपट्टा अपने सीने से हटा देती हैं और उसे एक तरफ़ रख देती हैं.

राहुल- बोलो ना राधिका तुम क्या करने वाली हो. मेरा दिल बैठा जा रहा हैं.

राधिका- कहाँ ना अपना मूह बंद रखो.

राधिका फिर धीरे से राहुल के एक दम करीब आती हैं और अपना होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसना शुरू कर देती है. और कुछ देर में अपने दाँत से उसके लिप्स को हल्का सा काटने लगती हैं.

फिर वो धीरे से उठकर अपने बूब्स को राहुल के मूह पर धीरे धीरे रगड़ना शुरू कर देती हैं.

राधिका- क्यों आपका लंड अभी खड़ा हुआ कि नही. राधिका के अचानक ऐसे सवाल से राहुल तुरंत हड़बड़ा जाता हैं.

राहुल- राधिका......... सच में तुम बहुत बोल्ड हो.

राधिका- अभी तुमने मेरा बोल्डनेस देखा ही कहाँ हैं. ये तो बस शुरूआत हैं. देखते जाओ आगे आगे मैं क्या करती हूँ.
 
राधिका फिर धीरे से अपना कुरती उतार देती हैं और अब वो ब्रा में राहुल के सामने थी.

राधिका- क्या आँखें फाड़ कर देख रहे हो. मुझे बिना कपड़ों के पहले कभी नही देखा क्या.

राधिका के ऐसे तेवर को देखकर राहुल की बोलती पहले से ही बंद हो चुकी थी. आज मैं बताती हूँ कि रेप क्या होता हैं. आज इतिहास में एक लड़की एक लड़के का रेप करेगी. वो भी पोलीस वाले का .बोलो मुझपर कौन सी धारा और चार्जेशेट फाइल का केस करोगे .

राहुल- आरे मेडम क्यों तुम मेरी बॅंड बजाने पर तुली हो. अरे मेरी बस इतनी ही खता हैं कि मैने तुम्हें ज़रा खुलकर सेक्सी बातें करने को कहा था और तुम ................. लगता हैं सच में आज मेरी शामत आने वाली हैं.

राधिका अपना हाथ आगे बढ़ाकर राहुल के शर्ट का बटन को एक एक कर खोलने लगती हैं. फिर वो उसका पेंट भी उतार देती हैं.

राधिका उसके उपर आ जाती हैं और फिर एक दम धीरे धीरे अपने लब से चूमते हुए पहले उसके होंठ और फिर गर्देन से होते हुए उसके सीने पर अपना होंठ फ़िराने लगती हैं. और फिर उसका बनियान भी निकाल देती हैं. फिर से वो अपनी जीभ से धीरे धीरे चाटते हुए उसके निपल्स और पेट पर अपनी जीभ फिराती हैं. राहुल की हालत खराब होने लगती हैं और वो कस कर राधिका के बूब्स को मसल देता हैं.

राहुल- क्या जान आज सच में मुझे पागल बनाने का इरादा हैं क्या. कहाँ से सीखा ये सब.

राधिका- मैने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐसे देखा हैं. बस कुछ देख कर और कुछ.........................

राहुल- और कुछ?????क्या मतलब...... राहुल हड़बड़ाते हुए बोला.

राधिका- क्यों तुम मर्द लोग ही सब मज़े कर सकते हो क्या हमारा कोई हक़ नही बनता.

राधिका- रहने दो नही तो कहोगे कि मैं कॅरक्टर लेस हूँ. वैसे भी तुम तो बड़े शरीफ बनते हो.

राहुल- बनते हो का क्या मतलब... शरीफ हूँ. मैं तुम्हारी तरफ ब्लू फ़िल्मे नहीं देखता.

राधिका-ओह.....हो.... तो आज मैं तुम्हारी शराफ़त अभी थोड़े देर में उतार देती हूँ. इतना कहकर राधिका राहुल के अंडरवेर उतार देती है.

राधिका- तो ये हैं शराफ़त आपकी. देखो कैसे लंड महाराज खड़े होकर मुझे सलामी दे रहे हैं.

राहुल- अरे ऐसे ऐसे तेवर दिखाओगि तो क्या लंड नही खड़ा होगा. इसमें मेरी क्या ग़लती हैं.

राधिका- अच्छा अब मेरी ग़लती हैं. इतने ही साधु होते तो अपने लंड को पूरी कंट्रोल में नही रखते क्या.

राहुल- यार तुमसे तो बहस करना बेकार हैं. मुझे माफ़ करो मेरी मा ...............मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ. तुम जीती मैं हारा. बस.................

राधिका- वो तो अभी पता चल जाएगा बिस्तर पर कि कौन जीतता हैं और कौन हारता हैं.

राहुल- आज जान गया मैं औरत के असली रूप को. बस मुझे माफ़ करो और जो करना हैं कर लो.

राधिका- अरे मेरी जान इतनी भी क्या जल्दी हैं. अभी तो बस मैने ट्रेलर दिखाया हैं. अभी पूरी पिक्चर बाकी हैं.

राहुल- क्या ??? तो इसका मतलब अभी और भी कुछ बाकी हैं क्या.???

राधिका- ये तो शुरूवात हैं. बस देखते जाओ आगे आगे क्या होता हैं.

राधिका फिर धीरे से अपना सलवार खोल देती है और उसे अपने जिस्म से अलग कर देती हैं. फिर उसके बाद अपना ब्रा और पैंटी भी निकालकर एक दम नंगी हो जाती हैं. अब राहुल के भी जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था.

राहुल बड़े गौर से राधिका को देखता है.

राधिका- तुम्हे टोमॅटो सॉस पसंद है क्या. ???

राहुल- आश्चर्य से!!!! अरे अब ये टोमॅटो सॉस बीच में कहाँ से आ गया. क्या फिर से भूक लगी हैं क्या.??

राधिका- तुमसे जितना पूछा जाए उतना ही बोलो. बोलो पसंद हैं कि नहीं.

राहुल- बात तो ऐसे कर रही हो जैसे की मैं कोई मुजरिम हूँ और तुम मुझे टॉर्चर कर रही हो. मुझे टोमॅटो सॉस बिल्कुल पसंद नहीं.

राधिका- आज के बाद तुम्हें ज़रूर पसंद आएगा.इतना बोलकर राधिका झट से किचेन में चली जाती हैं और कुछ देर में वो टोमॅटो सॉस की एक बॉटल लेकर राहुल के पास आती हैं.

राहुल- अब इसका क्या करने वाली हो मेडम. मुझे तुम्हारे इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं.

राधिका फिर से अपनी लिप्स पर उंगली रख देती हैं और राहुल को चुप रहने का इशारा करती हैं. राहुल भी मज़बूरन चुप हो जाता हैं.

राधिका- आज मैं तुम्हें टोमॅटो सॉस का रियल टेस्ट करवाउंगी . इसके बाद तुम इसे खाने के लिए हमेशा बेचैन रहोगे.

राहुल भी हैरत से राधिका को चुप चाप देखने लगता हैं.
 
राधिका फिर धीरे से टोमॅटो सॉस की बॉटल खोलती हैं और सबसे पहले उसे राहुल के लिप्स पर गिराना शुरू करती हैं. राहुल को अब समझ में आ जाता हैं कि अब राधिका उसके साथ क्या करने वाली हैं.

राधिका थोड़ा सा सॉस राहुल के होंठ पर गिराने के बाद अपने लबो को राहुल के लबो पर रख देती हैं. फिर बहुत धीरे धीरे उसे अपने जीभ से चाटना शुरू करती हैं. उसके बाद वो उसे अच्छे से चाट कर पूरा अपने मूह में ले लेती हैं. और इस बार वो अपने जीभ पर थोड़ा सा सॉस गिरा देती हैं और राहुल को अपनी जीभ निकालने का इशारा करती है. राहुल भी अपनी जीभ पूरी निकाल देता हैं.

राधिका फिर धीरे से अपना जीभ राहुल के जीभ से सटाती हैं और फिर धीरे धीरे वो टोमॅटो सॉस को उसके मूह में ट्रान्स्फर करती हैं. इस बार राहुल कुछ देर तक उसे अपने मूह में रखता हैं फिर वो भी अपने गले के नीचे उतार देता हैं.

राधिका- कैसा लगा टोमॅटो सॉस का टेस्ट.

राहुल- विश्वास नही होता राधिका कि तुम .........................

राधिका- अभी तुमने राधिका को अच्छे से जाना ही कहाँ हैं. आज मैं तुम्हें दिखाउंगी कि राधिका हैं क्या चीज़.........

फिर राधिका टोमॅटो सॉस को राहुल की गर्दन से गिराते हुए उसके सीना और निपल्स पर गिराती हैं. फिर वो बहुत धीरे धीरे अपने जीभ फिराती हुई उसके गर्दन से होते हुए उसके निपल्स को अच्छे से चाट ती हैं और राहुल की हालत खराब होने लगती हैं.

राहुल- बस करो ना जान . आज मुझे मार डालगी क्या. बस अब सहन नहीं होता......आ.ह..

राधिका- क्या सहन नही होता. बोलो ना...

राहुल भी अब समझ जाता हैं कि राधिका ने उसकी चाल उसी पर चल दी हैं. जो सवाल राहुल अक्सर राधिका से पूछता था आज राधिका वो सवाल उससे पूछ रही है.

राहुल- सच में तुम जितनी खूबसूरत हो उतना ही तुम्हारा दिमाग़ भी तेज़ हैं. मेरी बिल्ली और मेरे से ही मियाऊ........

राधिका- तुमने बताया नही राहुल कि तुम्हें क्या सहन नहीं होता.

राहुल- मुस्कुराते हुए. यार तुमने ऐसे हालत पैदा कर दिए हैं कि अब मेरी भी बोलती बंद हो गयी हैं. सच में अब मुझे भी शरम महसूस हो रही हैं.

राधिका फिर वही सॉस को उसके लंड पर गिराने लगती हैं उर फिर अपनी उंगली से उसका टोपा खोलकर कुछ सॉस वहाँ पर भी गिरा देती हैं. फिर वो अपनी जीभ से धीरे धीरे चाटना शर कर देती हैं. राहुल के ना चाहते हुए भी एक तेज़्ज़ सिसकारी उसके मूह से निकल जाती हैं. .

उसके बाद वो थोड़ा सा सॉस उसके बॉल्स पर भी गिरा देती हैं और एक एक करके उसके दोनो बॉल्स को अपने मूह में लेकर उसे चूसना चालू कर देती हैं. राहुल एक दम बेचैन हो जाता हैं.

राहुल- हां राधिका, ऐसे ही चाटो ना.....बहुत मज़ा आ रहा हैं........आ.......ह..........हह

राधिका- ज़रा खुल कर बोलो ना क्या चाटु.

राहुल- मुस्कुराते हुए..... मेरा लंड.

राधिका- ऐसे नही पूरा खुल कर बोलो. सॉफ सॉफ शब्दों में.........................

राहुल- कसम से मैने आज तक तुम जैसी लड़की नही देखी. अगर तुम किसी की भी बॅंड बजाने की सोच लो तो वो चाहे लाख कोशिश भी क्यों ना कर ले तुम उसका पूरा वॉट लगा ही दोगि.

राधिका- जान बातों में मुझे मत फँसाओ. जितना पूछ रही हूँ उतना बोलो.

राहुल- मेरे लंड को अपने मूह में लेकर उसे प्यार से चूसो.........ना........

राधिका- ये हुई ना बात..........

राधिका अच्छे से राहुल के लंड को पूरा चुस्ती हैं और उसपे लगा सॉस को पूरा चाट ती हैं फिर वो अपने होंठ राहुल के मूह में दे देती हैं. राहुल बुरा सा मूह बनाता हैं मगर कुछ बोल नही पाता.

राधिका कुछ देर तक राहुल के होंठ चुस्ती हैं फिर से वो उसका लंड धीरे धीरे चूसना शुरू कर देती हैं. राहुल की सिसकारी फिर से तेज़ हो जाती हैं.

कुछ देर ऐसे ही चुसाइ के बाद राहुल का शरीर अकड़ने लगता हैं और उसका कम भी निकल जाता हैं लेकिन आज राधिका राहुल के पूरे माल को अपने मूह में ले लेती हैं और धीरे धीरे उसका पूरा कम अपने गले के नीचे उतार देती हैं.

राहुल- कसम से जान वाकई में तुम पूरी नशा हो.

अब राहुल उठकर राधिका को अपने करीब खींच लेता हैं और अपने होंठ फिर से उसके होठ पर रख देता हैं.

राहुल- सच कहाँ तुमने राधिका. मुझे वाकई में ये टोमॅटो सॉस बहुत पसंद आया. अब मैं इसे और खाना चाहता हूँ.

इतना कहकर राहुल टोमॅटो सॉस उठा लेता हैं और फिर राधिका की गर्दन पर गिरा देता हैं. और फिर वो भी धीरे धीरे राधिका की गर्दन को चाटना शुरू कर देता हैं. राधिका की धड़कनें एक दम तेज़ हो जाती हैं. फिर वो नीचे बढ़ते हुए अपने दोनो हाथों से उसके बूब्स को कस कर मसल देता हैं और उसके गुलाबी निपल्स को अपनी उंगलियों से मसलना शुरू कर देता हैं.

राधिका की भी सिसकारी बहुत तेज़ हो जाती हैं. फिर वो राधिका को बिस्तर पर लेटा देता हैं और सॉस की बॉटल को उसके बूब्स पर गिराना शुरू कर देता हैं और धीरे धीरे गिराते हुए उसके पेट से होते हुए उसकी चूत तक पूरा गिरा देता हैं. राधिका के जिस्म पर सॉस एक लाल डोरी जैसी लकीर सॉफ नज़र आती हैं.

राहुल झट से उसके उपर आता हैं और और पहले उसके निपल्स को अपने मूह में लेकर फिर सॉस को चाटना शुरू कर देता हैं. जैसे जैसे वो अपना जीभ फिराने लगता हैं राधिका की बेचैनी बढ़ने लगती हैं.

राधिका- हां राहुल ..........प्लीज़ ऐसे ही मेरे निपल्स को पूरा चूसो और और तब तक चूसो जब तक तुम्हारा मन ना भरे......

राहुल- जान तुम्हारे ये दूध इतने मस्त हैं कि मेरा मन इससे कभी ना भरेगा.

फिर राहुल भी अपने दाँत पर प्रेशर बढ़ाता हैं और राधिका के निपल्स को ज़ोर से अपने दाँतों से कुरेदने लगता है.

राधिका- हां............ऐसे ही...........काटो .........ना...........राहुल.......आ..........हह.आ....आआआआआअहह

फिर वो धीरे धीरे सरकते हुए नीचे की ओर आता हैं और उसके पेट को चाटना सुरू करता हैं. राधिका पर तो मानो कोई नशा सा छा गया था. वो अपनी आँखें बंद कर लेती हैं .

राहुल भी धीरे धीरे नीचे आता हैं और अबकी बार वो अपना होंठ राधिका की चूत पर रख देता हैं. राधिका के सब्र का बाँध टूट जाता हैं और उसके मूह से एक तेज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं....

राधिका भी अपनी चूत को उसके सामने पूरा फैला देती हैं और राहुल भी धीरे धीरे उसको चूसना शुरू करता हैं.

राधिका- आज मैं तुम्हें जन्नत दिखाना चाहती हूँ.

राहुल- आश्चर्य से ...........वो कैसे..
 
राधिका अपने दोनो हाथ ले जाकर अपनी चूत पर रखती हैं और राहुल के सामने उसे धीरे धीरे फैलाने लगती हैं. राहुल को भी उसकी चूत के अंदर गुलाबी रंग सॉफ नज़र आता हैं.

राधिका- राहुल ज़रा मेरी चूत के अंदर भी तो सॉस डालकर उसे चाटो नाअ.....

राहुल भी मुस्कुरा देता हैं और फिर वो टोमॅटो सॉस की बॉटल में से सॉस को राधिका की चूत के अंदर गिराना शुरू कर देता हैं. कुछ देर में वो अपनी एक उंगली से उसके चूत में डालता हैं और फिर अच्छे से सॉस को मिलाना शुरू कर देता हैं. फिर वो झुक कर अपने होंठ उसकी चूत पर रख देता हैं और अपनी जीभ को राधिका की चूत में पूरा डालकर आगे पीछे फिराने लगता हैं और सॉस को भी चाटने लगता हैं.

राधिका भी अब अपना पूरा कंट्रोल खो बैठती हैं और फिर वो भी फारिग हो जाती है. और एक दम से बिस्तर पर पसर जाती हैं. अभी भी उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी.

कुछ देर में राहुल फिर उठता है और टोमॅटो सॉस को अपने लंड पर गिराता हैं और फिर वो झट से राधिका की चूत में घुसाना शुरू करता हैं. राधिका के भी मूह से एक तेज़ सिसकारी निकल जाती हैं. और धीरे धीरे वो अपना पूरा लंड राधिका की चूत में डाल देता हैं.

राधिका को शुरू में थोड़ी तकलीफ़ होती हैं मगर कुछ देर में उसको भी मज़ा आना शुरू हो जाता हैं.

राधिका झट से राहुल को पीछे धकेल्ति हैं और वो उठकर बैठ जाती हैं.

राहुल- अब क्या हुआ जान.

राधिका- आज तुम नीचे सोओगे और मैं तुम्हारे उपर चढ़ूंगी.

फिर राधिका उसको अपने नीचे सुला कर झट से उसके उपर चढ़ जाती है और फिर धीरे धीरे अपनी गान्ड आगे पीछे करना शुरू कर देती हैं. कुछ देर तक वो इसी पोज़िशन में राहुल का पूरा लंड अपनी चूत में लेती हैं फिर लगभग 15 मिनिट की ज़बरदस्त चुदाई के बाद राहुल अपना कम राधिका की चूत में ही निकाल देता है. और राधिका भी फिर से फारिग हो जाती हैं.

आज राधिका पहली बार इतने अच्छे से फारिग हुई थी. और वो धम्म से राहुल के उपर पसर जाती हैं और दोनो की साँसें बहुत ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. घर की खामोशी में भी उनकी धड़कनों की आवाज़ सॉफ सुनाई दे रही थी..............................
 
वक़्त के हाथों मजबूर--17

राधिका उठ कर बाथरूम में जाती हैं और कुछ देर में अपने कपड़े पहेन कर वापस आती हैं.राहुल भी अब अपने कपड़े पहन चुका था.

राहुल आब राधिका के पीछे जा कर राधिका से एकदम सटा कर खड़ा हो जाता है. और अपने दोनो हाथ धीरे से बढ़ाते हुए उसके बूब्स को अपने दोनो हाथों में कस कर पकड़ लेता हैं और अपने होंठ राधिका के गर्दन पर रख देता हैं.

राधिका- ये क्या कर रहे हो राहुल. अभी भी तुम्हारा मन नही भरा क्या???

राहुल-सच में जान तुम किसी नशे की तरह हो. जितना किया जाए उतना ही चढ़ता हैं. पता नहीं क्यों तुमसे मेरा जी ही नही भरता. जी करता हैं सुबह शाम बस तुम्हें ऐसे ही प्यार करू.

राधिका- ओ...मिस्टर. आशिक़ . मुझे अब घर भी जाना हैं. अभी इस वक़्त, मैं आपकी बीवी नहीं हूँ. जब आपकी बीवी बन जाउन्गि तो आप अपना पूरा हक़ जताना.

राहुल- अच्छा तो बस एक प्यारा सा लिप किस दे दो. फिर मैं तुम्हें घर छोड़ दूँगा.

राधिका- देख रहीं हूँ राहुल तुम्हारी शैतानी बढ़ती ही जा रही हैं. अब मुझे देर हो रही हैं.

राहुल अपने होंठ धीरे से सरकाते हुए राधिका के कान के नीचे अपनी जीभ फिरा देता हैं और राधिका फिर से मचल जाती हैं.

राधिका- बस राहुल........ मत करो ना...मैं फिर से बहक जाउन्गि....

राहुल- तो बहक जाओ ना..............

राधिका राहुल को अपने से दूर करते हुए- बस करो ना राहुल अगर मैं फिर से गरम हो गयी तो इस बार तुम्हारी खैर नहीं..........

राहुल तुरंत दूर हटते हुए- अरे क्यों डरा रही हो जान. सच में मैने आज तक तुम्हारा ऐसा रूप कभी नहीं देखा था.

राधिका- चलो कम से कम मेरे से कोई पोलिसेवला तो डरता हैं......इतना कहकर राधिका भी मुस्कुरा देती हैं.

राहुल- मत जाओ ना जान. मुझे तुम्हारे बिना एक पल भी अच्छा नहीं लगता.

राधिका- नही राहुल मुझे जाना होगा. मैं तुम्हारे पास हर वक़्त तो नही रह सकती ना. लेकिन तुम तो मेरी साँसों में , मेरी हर धड़कन में बसे हो. क्या तुमसे दूर रहकर मुझे एक पल भी चैन आता हैं .मैं भी हर एक पल तुम्हारे लिए बेचैन रहती हूँ.

राहुल- अपनी आँखें बंद करो ना जान. मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहता हूँ.

राधिका भी धीरे से अपनी आँखें बंद कर लेती हैं.

राहुल उठकर वही ड्रॉयर में से एक पायल की जोड़ी निकालता हैं और फिर जाकर सीडी प्लेयर ऑन कर देता हैं. सीडी प्लेयर में फिर वही गीत बजने लगता हैं..........

चाँद सी महबूबा हो मेरी कब मैने ऐसा सोचा था.............

हां तुम बिल्कुल वैसे हो जैसे मैने सोचा था...........

फिर वो राधिका के एक दम करीब जाता हैं और बड़े प्यार से उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं.

राहुल- आँखें खोलो ना जान.

राधिका धीरे से अपनी आँखें खोलती हैं.

राधिका- बोलो ना राहुल क्या दिखाने वाले हो...........

राहुल धीरे से अपना एक उंगली राधिका के लिप्स पर रख देता हैं और चुप रहने का इशारा करता हैं.

राहुल- कुछ मत कहो ना जान..........बस ये गीत सुनो .................. इसमें मैं तुम्हें हर पल पल महसूस किया हैं. राधिका भी उस गाने मे खोने लगती हैं और राहुल भी उसकी आँखों में बड़े प्यार से देखने लगता हैं.

राहुल- जानती हो जान ये गीत सिर्फ़ मेरा फ़ेवरेट गाना ही नही हैं बल्कि इस गाने से मेरी सारी यादें तुमसे जुड़ी हुई हैं. मैने बस हर लम्हे में तुमको पाया हैं , तुमको पूजा हैं. अब तो लगता हैं कि तुम मेरी ज़िंदगी से बढ़कर हो.......अब तो मेरी मौत.......राहुल इससे पहले कुछ कहता राधिका अपना हाथ उसके मूह पर रख देती हैं.

राधिका- आगे कुछ मत कहना राहुल. अगर तुमपर ज़रा भी आँच आए तो उसके पहले राधिका तुम्हारे कदमों में बिछ जाएगी मगर तुम पर कोई आँच नही आने देगी.

राहुल- मेरी किस्मत हैं राधिका कि तुम मेरी ज़िंदगी में हो. सच कहता हूँ कि मैने पछले जनम में कोई अच्छा कर्म ज़रूर किया होगा. इस लिए मुझे इसका फल के रूप में तुम मिली हो.

फिर राहुल धीरे से अपना हाथ बढ़ाकर पायल को राधिका के हाथ में दे देता हैं.

राधिका- ये क्या हैं राहुल. मुझे ये सब नहीं चाहिए. मुझे बस तुमसे प्यार हैं ना कि इन सब चीज़ों से...........

राहुल- मैं जानता हूँ कि मेरी हर चीज़ पर तुम्हारा पूरा हक़ हैं और जो मेरा हैं वो तुम्हारा भी तो हैं. ये तो मैं अपने होने वाली दुल्हन को प्यार के सौगात के रूप में दे रहा हूँ. रख लो ना इसे मुझे अच्छा लगेगा.

राधिका भी बड़े प्यार से राहुल के लब चूम लेती हैं और उसे अपने सीने से लगा लेती हैं. और फिर ना जाने कितने देर तक वो दोनो ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में खोए रहते हैं.

थोड़े देर बाद -

राधिका-अब जाने दो ना राहुल मुझे अब देर हो रही हैं. घर पर भैया आए होंगे तो मुझसे कई तरह के सवाल करेंगे. और तुम जानते हो कि मुझसे झूट बोला नही जाता.

राहुल- काश राधिका ये वक़्त यहीं पर थम जाए. इस हसीन पल में मैं अपना सब कुछ भूलकर बस तुम में खोना चाहता हूँ.

राधिका- वक़्त तो राहुल ठहर नहीं सकता मगर मैं तुम्हारे साथ बीते हर पल को, हर एक लम्हे को तुम्हारी यादों को अपने सीने में प्यार से सँजोकर रखा है.

राहुल- आइ लव यू जान................ इतना कहकर राहुल बड़े प्यार से राधिका के लब को चूम लेता हैं और जवाब में राधिका भी उसके लबो को प्यार से चूम लेती हैं.

राधिका- लव यू टू.................राहुल.

राहुल-चलो अब मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूँ और वही से अपने थाने भी चले जाऊँगा.
 
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