desiaks
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मैने जैसे ही नजमा से यह कहा शाहजी नजमा का हाथ पकड़ कर खुद भी खड़ा हो गया और नजमा को भी खड़ा करके उसे बिस्तर की तरफ ले जाने लगा, नजमा आँख उठा कर मेरी तरफ देखी और चुप चाप शाहजी के साथ बिस्तर की तरफ जाने लगी, मैं सॉफ देख रहा था कि वो काँपते हुए अपने होंठो पर ज़बान फेर राही थी और चेहरे पर पसीने की बूँदें चमक रही थी . मैं सोफा पर ही बैठा रहा क्यूँ कि मेरा खुद पूरा बदन जोश और जज़्बात की शिद्दत से काँप रहा था, आज किसी लड़की को चुदवाते हूए देखने और उसे चोदने की तमन्ना पूरी होने
वाली थी, मैं अपने लौडे को कपड़े के ऊपर ही से सहलाता हुआ दोनो को खामोशी से देखने लगा, नजमा शाहजी के बराबर सर झुकाए चुप चाप बैठी थी और शाहजी उसके गोरे गालों पर हाथ फेरते हुए उसको देख रहा था, फिर गाल से हाथ हटा कर दोनो हाथों से नजमा की पतली कमर को पकड़ कर उसे उठा कर अपने गोद मे बैठा लिय्या और एक दम उसकी छाती को पकड़ कर मसल्ते हुए बोला,
"मेरी जान तेरी खूबसूरती और तेरी कमसिन जवानी को जब भी देखता था तुझे चोदने के लिए पागल हो जाता था, समझ मे नही आता था कि तुझे किस तरह चोदु.तेरे भाई ने तुझे मुझ से चुदवाने के लिए राज़ी करके बहुत बड़ा अहसान किया है उसका ये अहसान कभी नही भूलूंगा
और आज अपने बेताब और तड़प्ते हुए लौडे को तेरी कंवारी चूत मे घुसा कर तुझे इतना चोदुन्गा कि तो मज़े मे पागल हो जाएगी",
मैने देखा यह कह कर शाहजी नजमा के चेहरे को उठा कर झुका और उसके गुल्लाबी होंठो को अपने मूह मे ले कर चूसने लगा और अपना एक हाथ उसकी क़मीज़ के अंदर घुसा कर उसकी नंगी छाती को मसल्ने लगा, नजमा आँखें बंद करके शाहजी से लिपट गयी, यह देख कर
मेरे अंदर जज़्बात के अँगारे दहक उठे और मैं ज़ोर ज़ोर से अपने लौडे को सहलाता हुआ और हांपता हुआ बोला,
"शाहजी क्या सिर्फ़ यही करते रहोगे, इसे चोदते क्यूँ नही, जल्दी से अपना लौडा इसकी चूत मे घुसा कर चोदना शुरू करदो",
मुझ से बर्दाश्त नही हो रहा था मैं चाहता था कि शाहजी ये सब करने की बजाए नजमा को नंगा करके फ़ौरन चोदना शुरू कर्दे. मेरी बात
सुन कर अपना मूँह नजमा के होंठो से हटा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला,
"अब्बे गान्डु कभी किसी लड़की को चोदा है जो मुझे मशवरा दे रहा है, मेरा मज़ा खराब मत कर चुप चाप बैठा अपने लंड को सहलाता हुआ
गौर से देखता रह कि मैं तेरी बेहन को कैसे चोदता हूँ फिर तुझे मालूम होगा कि किसी लड़की को कैसे चोदा जाता है",
वाली थी, मैं अपने लौडे को कपड़े के ऊपर ही से सहलाता हुआ दोनो को खामोशी से देखने लगा, नजमा शाहजी के बराबर सर झुकाए चुप चाप बैठी थी और शाहजी उसके गोरे गालों पर हाथ फेरते हुए उसको देख रहा था, फिर गाल से हाथ हटा कर दोनो हाथों से नजमा की पतली कमर को पकड़ कर उसे उठा कर अपने गोद मे बैठा लिय्या और एक दम उसकी छाती को पकड़ कर मसल्ते हुए बोला,
"मेरी जान तेरी खूबसूरती और तेरी कमसिन जवानी को जब भी देखता था तुझे चोदने के लिए पागल हो जाता था, समझ मे नही आता था कि तुझे किस तरह चोदु.तेरे भाई ने तुझे मुझ से चुदवाने के लिए राज़ी करके बहुत बड़ा अहसान किया है उसका ये अहसान कभी नही भूलूंगा
और आज अपने बेताब और तड़प्ते हुए लौडे को तेरी कंवारी चूत मे घुसा कर तुझे इतना चोदुन्गा कि तो मज़े मे पागल हो जाएगी",
मैने देखा यह कह कर शाहजी नजमा के चेहरे को उठा कर झुका और उसके गुल्लाबी होंठो को अपने मूह मे ले कर चूसने लगा और अपना एक हाथ उसकी क़मीज़ के अंदर घुसा कर उसकी नंगी छाती को मसल्ने लगा, नजमा आँखें बंद करके शाहजी से लिपट गयी, यह देख कर
मेरे अंदर जज़्बात के अँगारे दहक उठे और मैं ज़ोर ज़ोर से अपने लौडे को सहलाता हुआ और हांपता हुआ बोला,
"शाहजी क्या सिर्फ़ यही करते रहोगे, इसे चोदते क्यूँ नही, जल्दी से अपना लौडा इसकी चूत मे घुसा कर चोदना शुरू करदो",
मुझ से बर्दाश्त नही हो रहा था मैं चाहता था कि शाहजी ये सब करने की बजाए नजमा को नंगा करके फ़ौरन चोदना शुरू कर्दे. मेरी बात
सुन कर अपना मूँह नजमा के होंठो से हटा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला,
"अब्बे गान्डु कभी किसी लड़की को चोदा है जो मुझे मशवरा दे रहा है, मेरा मज़ा खराब मत कर चुप चाप बैठा अपने लंड को सहलाता हुआ
गौर से देखता रह कि मैं तेरी बेहन को कैसे चोदता हूँ फिर तुझे मालूम होगा कि किसी लड़की को कैसे चोदा जाता है",