hotaks444
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" क्या मतलब ?" चौका विकास ।
" मतलब एकदम साफ है ।" अलफांसे ने बताया ----" हैरी मेरे मेकअप में वतन से मिला है । वतन, धनुषटंकार और अपोलो उसे अलफांसे ही समझते हैं । तुम समझ सकते हो कि यह सब कुछ वह --वेवज एम-- का फर्मुला प्राप्त करने के लिये कररहा है ।"
“ओह ।" विकास का चेहरा गंभीर हो गया----" तो हैरी पहुंच चूका है यहां ।"
"उधर वह अपनी बात चाल रहा है और इधर हम अपनी अलफासे ने बताया ।
"कैसी चाल ?"
"वह्र सब कुछ बाद में संमझना ।" अलफांसे ने कहा--"पहले जरा यह समझ लो कि यहां कैसे क्या हो रहा है के अखबार में वतन का स्टेटमेंट पढकर ही मैं और पिशाचनाथ यहां पहुंचे हैं । पहुंचते ही चौके, क्योंकि पता लगा कि पहले ही एक अलफांसे यहां पहुंच चका है । यह पता लगाने की तरकीब सोच ही रहे थे कि वह कौन है कि अचानक हमारे गले में पड़ा ये लॉकेट रुपी ट्रासमीटर स्पार्क करने लगा । ओपिन करके बातें की तो पता लगा कि दूसरी ओर से विजय दी ग्रेट बोल रहे थे ।
उन्होंने पूछा कि, हम कहां से बोल रहे है ? हमने शराफत से बता दिया । दूसरों तरफ से कहा गया कि वतन के पास जो अलफासें पहुचा है वो हैरी है । हमने हमने पूछा कि यह चक्कर क्या है ? वह कहां से बोल रहा है ? जवाब आया--चीन से ।। हम चौकें । चौकने की वजह भी थी । चीन का बच्चा बच्चा विजय, का दुश्मन है और उसी, चीन से विजय बोल रहा था । साथ ही चीन में बैठे बैठे उसे यह भी मालूम था कि चमन में वतन के पास जो अलकांसे पहुँचा है, वह हैरी है । बहुत-से सवाल हमारे दिमाग में चकराने लगे जिनका जबाब हमने विजय से मांगा ।।
उत्तर में विजय से कहा कि 'जब तक सारा चक्कर हमें नहीं बतायेगा, हमारी समझ हैं … कुछ नहीं आयेगा । अत: विजय ने ट्रांसमीटर पर ही हमें पूरा चक्कर समझायां ।।
बताया कि किस-किस प्रकार विभिन्न राष्ट्र के जासूस 'वेवज एम' का फामू'ला प्राप्त करने के लिये चमन की ओर चले हैं । यह भी बताया कि सभी राष्ट्रों के जासूसों को नाकाम करने केलिये उसने भारतीय जासूसों का जाल किस प्रकार बिछाया है ।। उसने बताया कि अमेरिका में अशरफ ने सूचना भेजी है कि हैरी ने ट्रांसमीटर द्वारा अपने चीफ को रिपोर्ट भेजी है कि वह अलफांसे के मेकअप में वतन तक पहुंच चुकां है । यही खबर उसने मुझे दी ।। यह भी बताया कि आज किसी समय एक सरदार के भेष में तुम यहाँ पहुंचने बाले हो । बस-उसी सूचना पर हमने तुम्हें एयरपोर्ट पर पकड़ा और किस मजे से तुम्हें यहां तक ले आये ।"
" लेकिन गुरु, जब आपको मालूम है कि वह है तो ---?"
"तो क्या ?"
“क्यों नहीं राष्ट्रपति भवन में पहुंचकर, वतन से मिलकर उसकी असलियत खोल देते'"
"उससे क्या, होगा ?"
"होंना क्या है, 'वैवज एम' का फार्मुला प्राप्त करने के उसके इरादों पर पानी फिर जायेगा ।"' विकास ने कहा ----" इसके अतिरिक्त चमन में आने का हमारा मकसद भी क्या है ?"
"'मामला अगर सिंर्फ हैरी तक ही सीमित हो विकासं प्यारे, तो तुम्हारा बताया हुआ रास्ता सही था । अलफांसे ने कहा--"लेकिन यहाँ किस्सा सिर्फ हैरी का नहीं वल्कि बागरोफ, जेम्स बाण्ड तुगलक अली नुसरत खान, सांगपौक , हवानची और सिंगसी इत्यादि का है ।"
"क्याआपको मालूम है कि ये सब लोग कहां है और क्या कर रहे हैं ?"
" यही तो मालूम करना है ।" अलफासे ने कहा----"यह बातें तो स्पष्ट है कि ये सभी अलग अलग फार्मुला प्राप्त करने के लिये अपना-अपना मोर्चा जमा चूके है लेकिन कौन कहां किस ताक में है, यही पता लगाना है ।"'
" लेकिन यह पता कैसे लगेगा ?"
…"चुपचाप यहां बैठे तमाशा देखते रहो स्वयं ही पता ला जायेगा ।" अलफासे ने कंहा…अगऱ हम मैंदान में पहले कूद पड़े तो वे सभी हमारे प्रति सतर्क हो जायेंगे । अपने से पहले मैदान में कूदने को अवसर हमें उन्हें देना ।"
"'मैं समझ नही रहा हुं गुरु, कि आप कहना क्या चाहते हैं:' जै"
-"वह साला जासूस की दुम ठीक कहता है तुम्हारी खोपड़ी में अक्ल की बात नहीं घुस पाती है" अलफांसे ने कहा-"अबे हमारा सीधासा मतलब यह है कि हमें उस समय मैदान में कूदना है जब सब की स्थिति का, ज्ञान हो जाये ।
" मतलब एकदम साफ है ।" अलफांसे ने बताया ----" हैरी मेरे मेकअप में वतन से मिला है । वतन, धनुषटंकार और अपोलो उसे अलफांसे ही समझते हैं । तुम समझ सकते हो कि यह सब कुछ वह --वेवज एम-- का फर्मुला प्राप्त करने के लिये कररहा है ।"
“ओह ।" विकास का चेहरा गंभीर हो गया----" तो हैरी पहुंच चूका है यहां ।"
"उधर वह अपनी बात चाल रहा है और इधर हम अपनी अलफासे ने बताया ।
"कैसी चाल ?"
"वह्र सब कुछ बाद में संमझना ।" अलफांसे ने कहा--"पहले जरा यह समझ लो कि यहां कैसे क्या हो रहा है के अखबार में वतन का स्टेटमेंट पढकर ही मैं और पिशाचनाथ यहां पहुंचे हैं । पहुंचते ही चौके, क्योंकि पता लगा कि पहले ही एक अलफांसे यहां पहुंच चका है । यह पता लगाने की तरकीब सोच ही रहे थे कि वह कौन है कि अचानक हमारे गले में पड़ा ये लॉकेट रुपी ट्रासमीटर स्पार्क करने लगा । ओपिन करके बातें की तो पता लगा कि दूसरी ओर से विजय दी ग्रेट बोल रहे थे ।
उन्होंने पूछा कि, हम कहां से बोल रहे है ? हमने शराफत से बता दिया । दूसरों तरफ से कहा गया कि वतन के पास जो अलफासें पहुचा है वो हैरी है । हमने हमने पूछा कि यह चक्कर क्या है ? वह कहां से बोल रहा है ? जवाब आया--चीन से ।। हम चौकें । चौकने की वजह भी थी । चीन का बच्चा बच्चा विजय, का दुश्मन है और उसी, चीन से विजय बोल रहा था । साथ ही चीन में बैठे बैठे उसे यह भी मालूम था कि चमन में वतन के पास जो अलकांसे पहुँचा है, वह हैरी है । बहुत-से सवाल हमारे दिमाग में चकराने लगे जिनका जबाब हमने विजय से मांगा ।।
उत्तर में विजय से कहा कि 'जब तक सारा चक्कर हमें नहीं बतायेगा, हमारी समझ हैं … कुछ नहीं आयेगा । अत: विजय ने ट्रांसमीटर पर ही हमें पूरा चक्कर समझायां ।।
बताया कि किस-किस प्रकार विभिन्न राष्ट्र के जासूस 'वेवज एम' का फामू'ला प्राप्त करने के लिये चमन की ओर चले हैं । यह भी बताया कि सभी राष्ट्रों के जासूसों को नाकाम करने केलिये उसने भारतीय जासूसों का जाल किस प्रकार बिछाया है ।। उसने बताया कि अमेरिका में अशरफ ने सूचना भेजी है कि हैरी ने ट्रांसमीटर द्वारा अपने चीफ को रिपोर्ट भेजी है कि वह अलफांसे के मेकअप में वतन तक पहुंच चुकां है । यही खबर उसने मुझे दी ।। यह भी बताया कि आज किसी समय एक सरदार के भेष में तुम यहाँ पहुंचने बाले हो । बस-उसी सूचना पर हमने तुम्हें एयरपोर्ट पर पकड़ा और किस मजे से तुम्हें यहां तक ले आये ।"
" लेकिन गुरु, जब आपको मालूम है कि वह है तो ---?"
"तो क्या ?"
“क्यों नहीं राष्ट्रपति भवन में पहुंचकर, वतन से मिलकर उसकी असलियत खोल देते'"
"उससे क्या, होगा ?"
"होंना क्या है, 'वैवज एम' का फार्मुला प्राप्त करने के उसके इरादों पर पानी फिर जायेगा ।"' विकास ने कहा ----" इसके अतिरिक्त चमन में आने का हमारा मकसद भी क्या है ?"
"'मामला अगर सिंर्फ हैरी तक ही सीमित हो विकासं प्यारे, तो तुम्हारा बताया हुआ रास्ता सही था । अलफांसे ने कहा--"लेकिन यहाँ किस्सा सिर्फ हैरी का नहीं वल्कि बागरोफ, जेम्स बाण्ड तुगलक अली नुसरत खान, सांगपौक , हवानची और सिंगसी इत्यादि का है ।"
"क्याआपको मालूम है कि ये सब लोग कहां है और क्या कर रहे हैं ?"
" यही तो मालूम करना है ।" अलफासे ने कहा----"यह बातें तो स्पष्ट है कि ये सभी अलग अलग फार्मुला प्राप्त करने के लिये अपना-अपना मोर्चा जमा चूके है लेकिन कौन कहां किस ताक में है, यही पता लगाना है ।"'
" लेकिन यह पता कैसे लगेगा ?"
…"चुपचाप यहां बैठे तमाशा देखते रहो स्वयं ही पता ला जायेगा ।" अलफासे ने कंहा…अगऱ हम मैंदान में पहले कूद पड़े तो वे सभी हमारे प्रति सतर्क हो जायेंगे । अपने से पहले मैदान में कूदने को अवसर हमें उन्हें देना ।"
"'मैं समझ नही रहा हुं गुरु, कि आप कहना क्या चाहते हैं:' जै"
-"वह साला जासूस की दुम ठीक कहता है तुम्हारी खोपड़ी में अक्ल की बात नहीं घुस पाती है" अलफांसे ने कहा-"अबे हमारा सीधासा मतलब यह है कि हमें उस समय मैदान में कूदना है जब सब की स्थिति का, ज्ञान हो जाये ।