hotaks444
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सोनिया को रिएक्ट करने का मौका ही नही मिला...
पर उसकी बॉडी लॅंग्वेज से पता चल रहा था की उसे इस बात से ज़्यादा फ़र्क नही पड़ रहा ..
क्योंकि उसके बाद उसने मॉम से टावल वापिस लेने की जिदद नही की.
अब सोनिया दी मोम के सामने नंगी खड़ी थी
मेरा लटका हुआ लंड फिर से अकड़ने लगा , और इस बार सोनिया दी के नंगे बदन को देखकर नहीं बल्कि मॉम को ऐसा करते देखकर।।।।
मैं उन्हें देख भी रहा था, और उनके बारे में गंदे ख्याल ना आएं उनसे बचने के लिए अपना तकिया कलाम भी दोहरा रहा था
''ये गलत है , ये गलत है ''
पर मेरे इस ग़लत कहने का कुछ भी सही असर मॉम पर नही पड़ रहा था....
जैसे शुरू में मुझे और सोनिया दी को आपस में कुछ करने से डर सा लगता था, वैसा कुछ भी इस वक़्त मॉम और सोनिया के बीच फील नहीं हो रहा था...
दोनो बड़े ही आराम से बाते कर रहे थे, बावजूद इसके की इस वक़्त सोनिया दी पूरी नंगी खड़ी थी उनके सामने..
मॉम : "वॉव .... तुम सही कह रही थी, बड़ी ब्रेस्ट ही सही लगती है... इन्फेक्ट तुम्हे देखकर मुझे अपनी कॉलेज टाइम की याद आ गयी... मैं भी लगभग ऐसी ही दिखती थी... बल्कि मेरी ब्रेस्ट तो तुमसे थोड़ा बड़ी थी उस वक़्त...''
और ये बात तो सच ही है
उनकी ब्रेस्ट सच में काफ़ी बड़ी थी, और जितनी बड़ी थी उतना ही उन्होने मेंटेन करके रखा हुआ था उसे...
आज वो शायद 45 के आस पास थी पर ब्रेस्ट एकदम तनी हुई सी रहती थी.
उनकी बातें सुनकर मैं अपनी मॉम की ब्रेस्ट साइज़ का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा..
शायद 38 की होंगी..
पर जो भी था, उनकी इन रसीली बातों को छुपकर सुनने में मज़ा बहुत आ रहा था..
हालाँकि अभी भी मेरे अंतर्मन के हिसाब से ये ग़लत था पर सोनिया दी के बाद शायद मुझे इस तरह का हर ग़लत सही लगने लग गया था.
इसी बीच एक बार फिर मॉम ने सोनिया दी की ब्रेस्ट को हाथ में पकड़ कर उनका वजन नापना शुरू कर दिया..
उनके दोनो हाथ में सोनिया दी के गुब्बारे उछल कूद मचा रहे थे, हालाँकि सोनिया दी के चेहरे पर कोई एक्शप्रेशन नही था पर मुझे पता था की जब बात उनके निप्पल्स तक पहुचेगी तो ये एक्शप्रेशन बदलते देर नही लगेगी...
और हुआ भी ऐसे ही.
मॉम के दोनो हाथ सोनिया के मोम्मे नापने में बिज़ी थे और उनके हाथ के अंगूठे किसी साँप की तरह सरकते हुए उनके निप्पल्स पर आ लगे और उन्हे सहलाने लगी...
एक तेज साँस सोनिया दी ने अपनी नाक के थ्रू भरी, जैसे दुनिया की सारी ऑक्सिजन अपने अंदर समेट लेना चाहती हो...
मॉम के चेहरे पर वही शरारत भरी मुस्कान फिर से आ गयी... मैने आज से पहले उनका ये नॉटी अवतार कभी नही देखा था.
मॉम : "लगता है ये तुम्हारा सेंसेटिव पॉइंट है...''
सोनिया दी ने गहरी साँस लेते हुए कहा : "ये तो सभी का होता है...ये पॉइंट है ही ऐसा...''
मॉम ने मुस्कुराते हुए कहा : "मेरा नही है....''
सोनिया ने शरारती नज़रों से मॉम को देखा और बोली : "अच्छा जी...मैं चेक करू क्या...''
मॉम : "हाँ कर ले...मुझे क्या दिक्कत है..''
इतना कहते हुए उन्होने अपनी ब्रेस्ट सोनिया के सामने लहरा दी...
मेरा तो कलेजा मुँह को आ गया...
धाड़-2 की आवाज़ें दिल से सॉफ सुनाई देने लगी...
सोनिया ने अपना हाथ मॉम के दाँये चुके पर जमा दिया...
मॉम को तो जैसे कोई फ़र्क ही नही पड़ा.. सोनिया ने अपनी उंगली से उनके उभरे हुए निप्पल को पकड़ लिया और ज़ोर से दबा दिया, तब भी मॉम पर कोई असर नही पड़ा...
यानी वो सही कह रही थी
सोनिया : "वॉव मॉम, इट्स अमेज़िंग...मुझे तो लगता था की सभी लेडीज़ में यही वीक पॉइंट है...आपमे नही है''
मॉम (हंसते हुए) : "ऐसा नही है की मुझे कुछ होता नही था...शादी से पहले, इन्फेक्ट तुम दोनो के पैदा होने से पहले ये पायंट्स भी बहुत सेंसेटिव थे...पर...''
सोनिया : "पर क्या मॉम ...''
मॉम : "पर, तुम दोनो को दूध पिलाते हुए, ख़ासकर विक्की को, इनका सेंसेशन ख़त्म होता चला गया... विक्की तो उन्हे सक्क करते हुए इतनी ज़ोर से काटा करता था की कई बार तो इनमे से ब्लड़ भी निकल आया करता था... और शायद तभी से इनकी सेंसेटीविटी भी ख़त्म हो गयी है...''
मॉम की ये बात सुनकर मेरा तो बुरा हाल हो गया...
मॉम तो ये केवल बोल रही थी और मैं उस वक़्त अपने आप को उसी जगह पर रखकर ये सोच रहा था की मॉम मुझे गोद में लिटा कर दूध पिला रही है...
और मैं चपर -2 करके, उनके निप्पल्स को अपने तेज दांतो से काटता हुआ, उनका दूधु पी रहा हू...
और साथ ही साथ मुझे अपने आप पर गुस्सा भी आ रहा था की मेरी वजह से मॉम के निप्पल्स पंचर हो गये, वरना आज भी वो उतने ही सेंसेटिव होते...
सोनिया : "तो इसका मतलब अब आपका कोई भी पॉइंट सेंसेटिव नही है...''
मॉम (शरमाते हुए) : "ये मैने कब कहा...''
सोनिया के साथ-2 मेरी आँखे भी फैल कर चौड़ी हो गयी, जब उन्होने अपना हाथ सीधा सोनिया की चूत पर रख दिया...
वो बेचारी तो ऐसे काँपी जैसे ठंडा पानी डाल दिया हो उसके बदन पर...
मुझसे अच्छा सोनिया की दशा इस वक़्त भला कोई और कैसे जान सकता था...
पहले उसके निप्पल्स और अब उसकी गर्म चूत , दोनो एक से बढ़कर एक सेंसेटिव पॉइंट थे...
भले ही मॉम का हाथ सोनिया की चूत पर था पर बताना वो ये चाह रही थी की उनका भी यही सेंसेटिव पॉइंट है...
और ये बात जैसे ही सोनिया की समझ में आई उसका हाथ भी मॉम की चूत की तरफ सरकने लगा...
और मॉम ने मना भी नही किया, बल्कि उसके हाथ को महसूस करके वो भी ठीक वैसे ही काँपी जैसे सोनिया दी काँपी थी. लाइक डॉटर, लाईक मॉम.
''ससससससससस आआआआआह्हः ''
बंद अलमारी में मेरा बुरा हाल हो चुका था
एक तो अंदर वैसे ही गर्मी थी उपर से इतना गर्म सीन देखकर मेरे बदन से पसीने निकलने लगे.
वो मॉम की चूत को उनकी साड़ी के उपर से ही बुरी तरह से मसलने लगी...
अपना पूरा पंजा उसपर लगाकर उसने चूत पर ऐसा दबाव बनाया की मॉम का शरीर हवा में उठ सा गया...
'ओह्ह्ह गॉड ..... सोनी......उम्*म्म्ममममम डोंट डू इट...... कुछ हो रहा है....''
और अंदर खड़ा हुआ मैं सोनिया को कोस रहा था की ये क्या करने पर उतारू हो गयी है वो...
भला अपनी मॉम के साथ कोई बेटी ऐसा करती है क्या...
और करना भी है तो उसे ये सोच लेना चाहिए था की मैं अंदर ही हूँ ...
उनकी आवाज़ सुन सकता हूँ ...
इनफॅक्ट मैं तो दरार में से उन्हे देख भी पा रहा था, इसके बावजूद वो मॉम के साथ ये सब करने पर लगी हुई थी..
सोनिया पर तो अब कोई भूत सा चढ़ चुका था...
ठीक वैसा ही जैसा तनवी के साथ मज़े करते हुए चड़ता था.
पर उसकी बॉडी लॅंग्वेज से पता चल रहा था की उसे इस बात से ज़्यादा फ़र्क नही पड़ रहा ..
क्योंकि उसके बाद उसने मॉम से टावल वापिस लेने की जिदद नही की.
अब सोनिया दी मोम के सामने नंगी खड़ी थी
मेरा लटका हुआ लंड फिर से अकड़ने लगा , और इस बार सोनिया दी के नंगे बदन को देखकर नहीं बल्कि मॉम को ऐसा करते देखकर।।।।
मैं उन्हें देख भी रहा था, और उनके बारे में गंदे ख्याल ना आएं उनसे बचने के लिए अपना तकिया कलाम भी दोहरा रहा था
''ये गलत है , ये गलत है ''
पर मेरे इस ग़लत कहने का कुछ भी सही असर मॉम पर नही पड़ रहा था....
जैसे शुरू में मुझे और सोनिया दी को आपस में कुछ करने से डर सा लगता था, वैसा कुछ भी इस वक़्त मॉम और सोनिया के बीच फील नहीं हो रहा था...
दोनो बड़े ही आराम से बाते कर रहे थे, बावजूद इसके की इस वक़्त सोनिया दी पूरी नंगी खड़ी थी उनके सामने..
मॉम : "वॉव .... तुम सही कह रही थी, बड़ी ब्रेस्ट ही सही लगती है... इन्फेक्ट तुम्हे देखकर मुझे अपनी कॉलेज टाइम की याद आ गयी... मैं भी लगभग ऐसी ही दिखती थी... बल्कि मेरी ब्रेस्ट तो तुमसे थोड़ा बड़ी थी उस वक़्त...''
और ये बात तो सच ही है
उनकी ब्रेस्ट सच में काफ़ी बड़ी थी, और जितनी बड़ी थी उतना ही उन्होने मेंटेन करके रखा हुआ था उसे...
आज वो शायद 45 के आस पास थी पर ब्रेस्ट एकदम तनी हुई सी रहती थी.
उनकी बातें सुनकर मैं अपनी मॉम की ब्रेस्ट साइज़ का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा..
शायद 38 की होंगी..
पर जो भी था, उनकी इन रसीली बातों को छुपकर सुनने में मज़ा बहुत आ रहा था..
हालाँकि अभी भी मेरे अंतर्मन के हिसाब से ये ग़लत था पर सोनिया दी के बाद शायद मुझे इस तरह का हर ग़लत सही लगने लग गया था.
इसी बीच एक बार फिर मॉम ने सोनिया दी की ब्रेस्ट को हाथ में पकड़ कर उनका वजन नापना शुरू कर दिया..
उनके दोनो हाथ में सोनिया दी के गुब्बारे उछल कूद मचा रहे थे, हालाँकि सोनिया दी के चेहरे पर कोई एक्शप्रेशन नही था पर मुझे पता था की जब बात उनके निप्पल्स तक पहुचेगी तो ये एक्शप्रेशन बदलते देर नही लगेगी...
और हुआ भी ऐसे ही.
मॉम के दोनो हाथ सोनिया के मोम्मे नापने में बिज़ी थे और उनके हाथ के अंगूठे किसी साँप की तरह सरकते हुए उनके निप्पल्स पर आ लगे और उन्हे सहलाने लगी...
एक तेज साँस सोनिया दी ने अपनी नाक के थ्रू भरी, जैसे दुनिया की सारी ऑक्सिजन अपने अंदर समेट लेना चाहती हो...
मॉम के चेहरे पर वही शरारत भरी मुस्कान फिर से आ गयी... मैने आज से पहले उनका ये नॉटी अवतार कभी नही देखा था.
मॉम : "लगता है ये तुम्हारा सेंसेटिव पॉइंट है...''
सोनिया दी ने गहरी साँस लेते हुए कहा : "ये तो सभी का होता है...ये पॉइंट है ही ऐसा...''
मॉम ने मुस्कुराते हुए कहा : "मेरा नही है....''
सोनिया ने शरारती नज़रों से मॉम को देखा और बोली : "अच्छा जी...मैं चेक करू क्या...''
मॉम : "हाँ कर ले...मुझे क्या दिक्कत है..''
इतना कहते हुए उन्होने अपनी ब्रेस्ट सोनिया के सामने लहरा दी...
मेरा तो कलेजा मुँह को आ गया...
धाड़-2 की आवाज़ें दिल से सॉफ सुनाई देने लगी...
सोनिया ने अपना हाथ मॉम के दाँये चुके पर जमा दिया...
मॉम को तो जैसे कोई फ़र्क ही नही पड़ा.. सोनिया ने अपनी उंगली से उनके उभरे हुए निप्पल को पकड़ लिया और ज़ोर से दबा दिया, तब भी मॉम पर कोई असर नही पड़ा...
यानी वो सही कह रही थी
सोनिया : "वॉव मॉम, इट्स अमेज़िंग...मुझे तो लगता था की सभी लेडीज़ में यही वीक पॉइंट है...आपमे नही है''
मॉम (हंसते हुए) : "ऐसा नही है की मुझे कुछ होता नही था...शादी से पहले, इन्फेक्ट तुम दोनो के पैदा होने से पहले ये पायंट्स भी बहुत सेंसेटिव थे...पर...''
सोनिया : "पर क्या मॉम ...''
मॉम : "पर, तुम दोनो को दूध पिलाते हुए, ख़ासकर विक्की को, इनका सेंसेशन ख़त्म होता चला गया... विक्की तो उन्हे सक्क करते हुए इतनी ज़ोर से काटा करता था की कई बार तो इनमे से ब्लड़ भी निकल आया करता था... और शायद तभी से इनकी सेंसेटीविटी भी ख़त्म हो गयी है...''
मॉम की ये बात सुनकर मेरा तो बुरा हाल हो गया...
मॉम तो ये केवल बोल रही थी और मैं उस वक़्त अपने आप को उसी जगह पर रखकर ये सोच रहा था की मॉम मुझे गोद में लिटा कर दूध पिला रही है...
और मैं चपर -2 करके, उनके निप्पल्स को अपने तेज दांतो से काटता हुआ, उनका दूधु पी रहा हू...
और साथ ही साथ मुझे अपने आप पर गुस्सा भी आ रहा था की मेरी वजह से मॉम के निप्पल्स पंचर हो गये, वरना आज भी वो उतने ही सेंसेटिव होते...
सोनिया : "तो इसका मतलब अब आपका कोई भी पॉइंट सेंसेटिव नही है...''
मॉम (शरमाते हुए) : "ये मैने कब कहा...''
सोनिया के साथ-2 मेरी आँखे भी फैल कर चौड़ी हो गयी, जब उन्होने अपना हाथ सीधा सोनिया की चूत पर रख दिया...
वो बेचारी तो ऐसे काँपी जैसे ठंडा पानी डाल दिया हो उसके बदन पर...
मुझसे अच्छा सोनिया की दशा इस वक़्त भला कोई और कैसे जान सकता था...
पहले उसके निप्पल्स और अब उसकी गर्म चूत , दोनो एक से बढ़कर एक सेंसेटिव पॉइंट थे...
भले ही मॉम का हाथ सोनिया की चूत पर था पर बताना वो ये चाह रही थी की उनका भी यही सेंसेटिव पॉइंट है...
और ये बात जैसे ही सोनिया की समझ में आई उसका हाथ भी मॉम की चूत की तरफ सरकने लगा...
और मॉम ने मना भी नही किया, बल्कि उसके हाथ को महसूस करके वो भी ठीक वैसे ही काँपी जैसे सोनिया दी काँपी थी. लाइक डॉटर, लाईक मॉम.
''ससससससससस आआआआआह्हः ''
बंद अलमारी में मेरा बुरा हाल हो चुका था
एक तो अंदर वैसे ही गर्मी थी उपर से इतना गर्म सीन देखकर मेरे बदन से पसीने निकलने लगे.
वो मॉम की चूत को उनकी साड़ी के उपर से ही बुरी तरह से मसलने लगी...
अपना पूरा पंजा उसपर लगाकर उसने चूत पर ऐसा दबाव बनाया की मॉम का शरीर हवा में उठ सा गया...
'ओह्ह्ह गॉड ..... सोनी......उम्*म्म्ममममम डोंट डू इट...... कुछ हो रहा है....''
और अंदर खड़ा हुआ मैं सोनिया को कोस रहा था की ये क्या करने पर उतारू हो गयी है वो...
भला अपनी मॉम के साथ कोई बेटी ऐसा करती है क्या...
और करना भी है तो उसे ये सोच लेना चाहिए था की मैं अंदर ही हूँ ...
उनकी आवाज़ सुन सकता हूँ ...
इनफॅक्ट मैं तो दरार में से उन्हे देख भी पा रहा था, इसके बावजूद वो मॉम के साथ ये सब करने पर लगी हुई थी..
सोनिया पर तो अब कोई भूत सा चढ़ चुका था...
ठीक वैसा ही जैसा तनवी के साथ मज़े करते हुए चड़ता था.