hotaks444
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अभी कल ही तो वो ये बात बोल रही थी की उसका कोई बी एफ नही है, फिर ये एकदम से कहां से आ गया...
उसे लगने लगा की शायद वो उसे बताना नही चाहती थी, इसलिए उससे झूट बोला.
तन्वी चीख सी पड़ी : "साली....एक नंबर की चालू है तू तो....कल तक तो कुछ बताया नही..ये एकदम से कहां से टपक गया....कौन है ये... कहाँ रहता है.... तेरे होस्टल में है क्या.... स्टूडेंट है या टीचर....बोल ना....बता ना...''
सोनिया ने हंसते हुए अपना पैर नीचे किया और दूसरा उठा कर सामने रख लिया और उसपर पॉलिश लगाने लगी और बोली : "अरे....सब्र कर....सब बताउंगी ...पर प्रोमिस कर ...तू किसी को नही बोलेगी....''
तन्वी : "यार...ड्रामे ना कर...तेरे-मेरे बीच की बात मैने आज तक किसी को बोली है जो आज बोलूँगी...बता ना यार...मेरे तो पेट में दर्द सा हो रहा है.... जल्दी बोल...कौन है वो...''
सोनिया कुछ देर चुप सी हो गयी....उसके चेहरे पर वही कल रात वाली हँसी आ गयी.... और बोली :"तू उसे जानती है.... वो यहीं रहता है....''
तन्वी : "मैं जानती हू....वो वही रहता है, तेरे मोहल्ले में ....ओह माय गॉड .... कहीं वो रजत तो नही....वो तेरे पीछे काफ़ी दिनों से था....वो है क्या..... या फिर वो राहुल....जो तेरे घर के सामने रहता है...सक्सैना आंटी का लड़का , वो है ना..''
सोनिया के साथ-2 अब तो सोनू को भी काफ़ी उत्सुकतता हो रही थी....
अपनी बहन के बी ऍफ़ का नाम जानने के लिए...
अंदर से उसे अजीब सी फीलिंग हो रही थी....
जलन वाली...
कुछ जल सा रहा था उसके दिल में.
सोनिया : "वो.....वो......सोनू है.....मेरा भाई...''
जब उसने ये कहा तो तन्वी का तो मुँह ही बंद हो गया.....
और
सोनू के दिल ने तो इतनी ज़ोर से धड़कना शुरू कर दिया जैसे उसके अंदर कोई मशीन लगा दी हो....
धड़-धड़ की आवाज़ें उसके कानो तक आ रही थी....
ये क्या कह दिया सोनिया ने...
वो उसे प्यार करती है...
ये कैसे हुआ..
कब हुआ...
कोई अपने भाई से कैसे प्यार कर सकता है...हालाँकि जो कुछ उनके बीच चल रहा था वो सब इसी तरफ इशारा कर रहा था, पर सोनू ने तो उस नजरिये से अपनी बहन को कभी देखा ही नहीं था
ये तो ग़लत है.
बिल्कुल ग़लत .
और यही बात कुछ देर चुप रहकर तन्वी ने भी कही..
''ओह्ह माय गॉड ..... आर यू मेड ... तुझे सोनू से प्यार हो गया है... अपने सगे भाई से.... तू पागल है क्या... पता भी है की तू क्या बोल रही है.... ये बहुत ग़लत है...बिल्कुल ग़लत.''
सोनू ने भी मन ही मन में तन्वी की बात पर हामी भरी...
आज जिंदगी में उसे पहली बार तन्वी की बात सही लग रही थी...
वरना वो उसे एकदम झल्ली समझता था.
सोनिया : "आई नो यार.... ये ग़लत है... बट मुझे अपने आप पर कुछ कंट्रोल ही नही रह गया... जब से वापिस आई हूँ ...कुछ ना कुछ ऐसा होता चला गया जो मेरे साथ लाइफ में पहली बार हो रहा था... वो सब जिनके लिए मैने ना जाने कितने सपने देखे थे.....''
तन्वी की परेशान सी आवाज़ गूँजी फोन पर : "है भगवान...ऐसा क्या कर लिया तूने.... कुछ ग़लत काम तो नही कर बैठी भाई के साथ ...''
सोनिया : "अरे नहीं पागल.... .वैसा कुछ नही है.... बस .... जो मैने कहा वो है.... तू ज़्यादा दिमाग़ पर ज़ोर ना दे... और वैसे भी, प्यार तो किसी से भी हो सकता है.... तूने भी तो मुझे लास्ट टाइम कहा था ना की तुझे अपने पापा बहुत अच्छे लगते हैं... उनके जैसा कोई शादी के लिए मिल जाए तो तू दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की होगी...''
तन्वी : "अरे पागल.... वो तो मेरी एक फीलिंग थी.... तुझे तो पता है की मेरे पापा कितने हेंडसम है... उन्हे देखकर अक्सर मेरे दिल में ऐसे ख़याल आते हैं... और वही मैने तेरे साथ शेयर कर लिया... अब इसका मतलब ये नही है की जो मैने सोचा वो मैं कर ही डालूंगी... वो मेरे पापा है पागल... उनके बारे में सोचना एक बात है, उनसे शादी करना दूसरी बात , ऐसे मन में सोचना अलग बात है... और इस तरह से बोलना दूसरी बात...''
सोनिया : "तो मैने कौन सा बोल दिया है उसको... मेरे भी मन में ये बात आई और मैने तेरे साथ शेयर कर ली...मैं कौन सा सोनू को बोलने जा रही हूँ की आई लव यू सोनू...''
उसने आई लव यू सोनू इतने प्यार से कहा था जैसे उसे बोलने की प्रैक्टिस कर रही हो....
और बाहर खड़े सोनू का दिल नम सा हो गया अपनी बहन के मुँह से ये सुनकर...
भले ही उसने सामने नही कहा था...
पर उसके दिल की बात सोनू को पता चल ही चुकी थी.
तन्वी : "चल मान ली तेरी बात... पर ये क्या था,जो तूने अभी बोला की जब से आई है कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है.... मुझे बता तो ज़रा...की ऐसा क्या चल रहा है तेरे और सोनू के बीच जो बात प्यार तक पहुँच गयी...''
वो तो किसी इंस्पेक्टर की तरह सवाल कर रही थी सोनिया से...
सोनू सोचने लगा की अगर उसकी बहन ने सब बता दिया की पिछले 2 दिनों से उनके बीच क्या चल रहा है तो वो तन्वी से कैसे नज़रें मिला सकेगा...
पर ऐसा कुछ हुआ नही.
सोनिया : "अरे इडियट ... वो जो कुछ भी हो रहा है, मेरी सोच का ही फल है...वरना उसकी तरफ से कुछ नही है...वैसे एक बात बता...तुझे सोनू की बड़ी फ़िक्र हो रही है....कही तुझे वो पसंद तो नही है...''
तनवी : "वो....अकड़ू....हुंह ...वो साला तो मेरी तरफ देखता भी नही है...हाँ ये सच है की शुरू में वो मुझे अच्छा लगता था..पर औरों की तरह वो भी बड़े बूब्स वाली लड़कियों का दीवाना है...पता है मुझे...उसकी क्लास में मेरी भी एक फ्रेंड है...उसने काफ़ी कुछ बताया है उसके बारे में मुझे...''
अब चौंकने की बारी सोनिया की थी...
और साथ-2 सोनू की भी...
यानी उसके और साक्षी के बीच की बात तन्वी तक भी पहुँच चुकी है....
कितनी छोटी दुनिया है ये..
सोनिया : "बता ना यार....जल्दी से...क्या पता है तुझे...''
तन्वी अब ऐंठने लगी और बोली : "ओहो....अपनी बाते तो छुपा रही है, और मुझसे निकलवाने में लगी है...पहले तू बोल, फिर मैं बताउंगी ...''
सोनिया : "एक काम कर...तू घर आ जा ... यहीं बैठकर बातें करेंगे...''
तन्वी : "सॉरी....अभी मैं नही आ सकती...शाम को आउंगी ... ओके...''
सोनिया : "ओके ...आई विल वेट फॉर यू .... बाइ....''
इतना कहकर उसने फोन काट दिया.
उसकी नाइल पोलिश भी लग चुकी थी...
उसने अपना समान समेटना शुरू कर दिया.
सोनू भी दबे पाँव नीचे उतर आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...
करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.
सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.
उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.
उसे लगने लगा की शायद वो उसे बताना नही चाहती थी, इसलिए उससे झूट बोला.
तन्वी चीख सी पड़ी : "साली....एक नंबर की चालू है तू तो....कल तक तो कुछ बताया नही..ये एकदम से कहां से टपक गया....कौन है ये... कहाँ रहता है.... तेरे होस्टल में है क्या.... स्टूडेंट है या टीचर....बोल ना....बता ना...''
सोनिया ने हंसते हुए अपना पैर नीचे किया और दूसरा उठा कर सामने रख लिया और उसपर पॉलिश लगाने लगी और बोली : "अरे....सब्र कर....सब बताउंगी ...पर प्रोमिस कर ...तू किसी को नही बोलेगी....''
तन्वी : "यार...ड्रामे ना कर...तेरे-मेरे बीच की बात मैने आज तक किसी को बोली है जो आज बोलूँगी...बता ना यार...मेरे तो पेट में दर्द सा हो रहा है.... जल्दी बोल...कौन है वो...''
सोनिया कुछ देर चुप सी हो गयी....उसके चेहरे पर वही कल रात वाली हँसी आ गयी.... और बोली :"तू उसे जानती है.... वो यहीं रहता है....''
तन्वी : "मैं जानती हू....वो वही रहता है, तेरे मोहल्ले में ....ओह माय गॉड .... कहीं वो रजत तो नही....वो तेरे पीछे काफ़ी दिनों से था....वो है क्या..... या फिर वो राहुल....जो तेरे घर के सामने रहता है...सक्सैना आंटी का लड़का , वो है ना..''
सोनिया के साथ-2 अब तो सोनू को भी काफ़ी उत्सुकतता हो रही थी....
अपनी बहन के बी ऍफ़ का नाम जानने के लिए...
अंदर से उसे अजीब सी फीलिंग हो रही थी....
जलन वाली...
कुछ जल सा रहा था उसके दिल में.
सोनिया : "वो.....वो......सोनू है.....मेरा भाई...''
जब उसने ये कहा तो तन्वी का तो मुँह ही बंद हो गया.....
और
सोनू के दिल ने तो इतनी ज़ोर से धड़कना शुरू कर दिया जैसे उसके अंदर कोई मशीन लगा दी हो....
धड़-धड़ की आवाज़ें उसके कानो तक आ रही थी....
ये क्या कह दिया सोनिया ने...
वो उसे प्यार करती है...
ये कैसे हुआ..
कब हुआ...
कोई अपने भाई से कैसे प्यार कर सकता है...हालाँकि जो कुछ उनके बीच चल रहा था वो सब इसी तरफ इशारा कर रहा था, पर सोनू ने तो उस नजरिये से अपनी बहन को कभी देखा ही नहीं था
ये तो ग़लत है.
बिल्कुल ग़लत .
और यही बात कुछ देर चुप रहकर तन्वी ने भी कही..
''ओह्ह माय गॉड ..... आर यू मेड ... तुझे सोनू से प्यार हो गया है... अपने सगे भाई से.... तू पागल है क्या... पता भी है की तू क्या बोल रही है.... ये बहुत ग़लत है...बिल्कुल ग़लत.''
सोनू ने भी मन ही मन में तन्वी की बात पर हामी भरी...
आज जिंदगी में उसे पहली बार तन्वी की बात सही लग रही थी...
वरना वो उसे एकदम झल्ली समझता था.
सोनिया : "आई नो यार.... ये ग़लत है... बट मुझे अपने आप पर कुछ कंट्रोल ही नही रह गया... जब से वापिस आई हूँ ...कुछ ना कुछ ऐसा होता चला गया जो मेरे साथ लाइफ में पहली बार हो रहा था... वो सब जिनके लिए मैने ना जाने कितने सपने देखे थे.....''
तन्वी की परेशान सी आवाज़ गूँजी फोन पर : "है भगवान...ऐसा क्या कर लिया तूने.... कुछ ग़लत काम तो नही कर बैठी भाई के साथ ...''
सोनिया : "अरे नहीं पागल.... .वैसा कुछ नही है.... बस .... जो मैने कहा वो है.... तू ज़्यादा दिमाग़ पर ज़ोर ना दे... और वैसे भी, प्यार तो किसी से भी हो सकता है.... तूने भी तो मुझे लास्ट टाइम कहा था ना की तुझे अपने पापा बहुत अच्छे लगते हैं... उनके जैसा कोई शादी के लिए मिल जाए तो तू दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की होगी...''
तन्वी : "अरे पागल.... वो तो मेरी एक फीलिंग थी.... तुझे तो पता है की मेरे पापा कितने हेंडसम है... उन्हे देखकर अक्सर मेरे दिल में ऐसे ख़याल आते हैं... और वही मैने तेरे साथ शेयर कर लिया... अब इसका मतलब ये नही है की जो मैने सोचा वो मैं कर ही डालूंगी... वो मेरे पापा है पागल... उनके बारे में सोचना एक बात है, उनसे शादी करना दूसरी बात , ऐसे मन में सोचना अलग बात है... और इस तरह से बोलना दूसरी बात...''
सोनिया : "तो मैने कौन सा बोल दिया है उसको... मेरे भी मन में ये बात आई और मैने तेरे साथ शेयर कर ली...मैं कौन सा सोनू को बोलने जा रही हूँ की आई लव यू सोनू...''
उसने आई लव यू सोनू इतने प्यार से कहा था जैसे उसे बोलने की प्रैक्टिस कर रही हो....
और बाहर खड़े सोनू का दिल नम सा हो गया अपनी बहन के मुँह से ये सुनकर...
भले ही उसने सामने नही कहा था...
पर उसके दिल की बात सोनू को पता चल ही चुकी थी.
तन्वी : "चल मान ली तेरी बात... पर ये क्या था,जो तूने अभी बोला की जब से आई है कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है.... मुझे बता तो ज़रा...की ऐसा क्या चल रहा है तेरे और सोनू के बीच जो बात प्यार तक पहुँच गयी...''
वो तो किसी इंस्पेक्टर की तरह सवाल कर रही थी सोनिया से...
सोनू सोचने लगा की अगर उसकी बहन ने सब बता दिया की पिछले 2 दिनों से उनके बीच क्या चल रहा है तो वो तन्वी से कैसे नज़रें मिला सकेगा...
पर ऐसा कुछ हुआ नही.
सोनिया : "अरे इडियट ... वो जो कुछ भी हो रहा है, मेरी सोच का ही फल है...वरना उसकी तरफ से कुछ नही है...वैसे एक बात बता...तुझे सोनू की बड़ी फ़िक्र हो रही है....कही तुझे वो पसंद तो नही है...''
तनवी : "वो....अकड़ू....हुंह ...वो साला तो मेरी तरफ देखता भी नही है...हाँ ये सच है की शुरू में वो मुझे अच्छा लगता था..पर औरों की तरह वो भी बड़े बूब्स वाली लड़कियों का दीवाना है...पता है मुझे...उसकी क्लास में मेरी भी एक फ्रेंड है...उसने काफ़ी कुछ बताया है उसके बारे में मुझे...''
अब चौंकने की बारी सोनिया की थी...
और साथ-2 सोनू की भी...
यानी उसके और साक्षी के बीच की बात तन्वी तक भी पहुँच चुकी है....
कितनी छोटी दुनिया है ये..
सोनिया : "बता ना यार....जल्दी से...क्या पता है तुझे...''
तन्वी अब ऐंठने लगी और बोली : "ओहो....अपनी बाते तो छुपा रही है, और मुझसे निकलवाने में लगी है...पहले तू बोल, फिर मैं बताउंगी ...''
सोनिया : "एक काम कर...तू घर आ जा ... यहीं बैठकर बातें करेंगे...''
तन्वी : "सॉरी....अभी मैं नही आ सकती...शाम को आउंगी ... ओके...''
सोनिया : "ओके ...आई विल वेट फॉर यू .... बाइ....''
इतना कहकर उसने फोन काट दिया.
उसकी नाइल पोलिश भी लग चुकी थी...
उसने अपना समान समेटना शुरू कर दिया.
सोनू भी दबे पाँव नीचे उतर आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...
करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.
सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.
उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.