hotaks444
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तनवी को भी शायद सोनिया से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नही थी....
एक पल के लिए तो वो भी चुप सी हो गयी....
पर तब तक सोनिया संभल चुकी थी....
उसे ये एहसास हुआ की वो क्या बोल गयी है.
सोनिया : "अरी पागल.... मेरे कहने का मतलब ये है की ना तो तुझे इस बात की नॉलेज है और ना ही सोनू को.... कुछ गड़बड़ हो गयी तो दोनो फँस जाओगे.... इसलिए मैने ये कहा... बाकी तुम दोनो देख लेना.''
बेचारी तनवी ओके के सिवाए कुछ और ना बोल पाई
सोनिया ने बात घुमाते हुए कहा
"अच्छा , बता ना... कैसी तैयारी कर रही है....''
ये सुनकर तनवी का ध्यान एक बार फिर से अपनी तरफ आ गया...
वो चहकते हुए बोली : "मैने ना... एक न्यू सेट लिया है... ब्रा-पेंटी का.... बड़ा ही सैक्सी है.... और हर जगह के हेयर भी रिमूव कर लिए है.... ही ही...''
सोनिया : "वाव..... नोट बेड .... नोट बेड .... यानी, आज तू पूरी तैयारी करके आ रही है....''
वैसे कहना तो वो ये चाहती थी की ब्रा के लायक तेरी चुचियां है भी नही, फिर ली किसलिए...पर बोली नही..
तनवी (शरमाते हुए) : "हाँ अभी तक तो यही सोचा है.... बाकी तेरे भोंदू भाई के उपर है.... वो कितना आगे तक ले जाता है.... मैं तो कुछ भी करने को रेडी हूँ आज ''
सोनिया : "यार... तू कितनी लक्की है..... काश ये सब मैं भी देख पाती....''
तनवी : "हा हा... बेशरम है तू एक नंबर की.... तेरा भाई है वो.... मेरा और कोई बीएफ होता तो शायद मैं तुझे साथ में बिठा लेती... पर अपने भाई को वो सब करता देखकर तुम तुझे इन्फेक्ट तुम दोनों को कितना ओकवर्ड लगेगा... ये तो सोच ज़रा...''
सोनिया ने मन में सोचा 'वो तो मैं देख ही लूँगी... सोनू ने मुझे प्रोमिस किया है.... वो अपने प्रोमिस से कभी पीछे नही हटता''
सोनिया : "चल ठीक है फिर.... घर पर बोल कर आना की रात को लेट हो जाएगी... हमने एक साथ स्टडी करनी है.... ओके ''
तनवी : "हाँ , वो तो मैने बोल दिया है.... मम्मी को पता है की आजकल तू आई हुई है... इसलिए उन्होने एक ही बार में परमिशन दे दी... हे हे''
सोनिया : "ओके देन, शाम को मिलते है.... बाइ''
और उसने फोन रख दिया...
फोन रखने के बाद उसने एक बार फिर से अपने नंगे बदन को शीशे के आगे खड़े होकर निहारा...
और धीरे से बुदबुदाई 'पता नही तनवी में उसे क्या मिलेगा.... असली माल तो मेरे पास है....''
ये कहते हुए उसने अपनी नन्ही और अल्हड़ ब्रेस्ट को पकड़कर निचोड़ डाला....
और अपने हिप्स की मोटाई को दबाकर महसूस करने लगी.
फिर उसने कपड़े पहन लिए...
एक नॉर्मल सी टी शर्ट और टाइट जीन्स पहनी.
दोपहर को जब सोनू स्कूल से वापिस आया तो उसके चेहरे की चमक देखकर वो समझ गयी की आज भी साक्षी के साथ उसने कुछ किया है.... पर उसने ज़्यादा पूछा नही उसके बारे में , क्योंकि दोनो को अभी शाम के लिए ज़्यादा एक्साइटमेंट थी.
खाना खाने के बाद सोनिया ने जब उससे पूछा की क्या प्लान है शाम का तो सोनू उसे लेकर उपर आ गया...
और अपने रूम के साथ बने स्टोर रूम का दरवाजा खोलने लगा.
सोनिया चिल्लाई : "अर्रे सोनू, इसे मत खोलना, इसमें तो चूहे भरे पड़े है...''
सोनू : "दी, ऐसा कुछ नही है.... यहाँ सब क्लियर है... वो बचपन में मोंम हमे डराया करती थी, ताकि हम लोग इसमें ना घुस पाए... ट्रस्ट मी, कोई चूहा नही है यहाँ ...''
सोनू ने दरवाजा खोला और अंदर आ गया....
छोटे से स्टोर में सब कबाड़ भरा पड़ा था...
सोनू एक टेबल पर चढ़ गया, उपर की दीवार में एक छोटा सा रोशनदान था, जहाँ से सोनू ने उस दिन तनवी और सोनिया की बातें सुनी थी छुप कर..
सोनू ने अपना हाथ बढ़ाकर सोनिया को भी उस स्टूल के उपर खींच लिया.
बिल्कुल पर्फेक्ट जगह थी वो....
उपर के छोटे से जाली वाले रोशनदान से दूसरे कमरे का सब कुछ दिख रहा था...
सोनिया ये देखकर बहुत खुश हुई, उसे अपने भाई का ये प्लान काफी पसंद आया, वहां से वो उन दोनों की रासलीला साफ़ देख सकेगी
सोनिया की हाईट थोड़ी कम थी, इसलिए उसे उचक कर देखना पड़ रहा था...
सोनू ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे सहारा दिया और थोड़ा उचका दिया.
ऐसा करते हुए वो उसके लंड वाले हिस्से से टकरा गयी... और एकदम सोनिया के दिमाग़ की बत्ती जल उठी.
इस मौके का फायदा उठाने के लिए.
वो बोली : "मुझे तो यहाँ से कुछ दिखाई ही नही दे रहा .... थोड़ा और उपर उठाओ ना...''
सोनू चाहता तो नीचे उतार कर स्टूल के उपर कोई ऐसी चीज़ रख सकता था, जिसके बाद वो आराम से दूसरी तरफ देख पाती... पर वो भी समझ गया की सोनिया के दिमाग़ में शरारत चल रही है.
उसने सोनिया की कोमल कमर में हाथ रखकर थोड़ा उचकाया, और जान बूझकर उसने उसकी उभरी हुई गांड को अपने लंड के उपर लाकर रोक दिया.
उफफफफफफफ्फ़ क्या फीलिंग थी..... ऐसा लग रहा था किसी टाइट से पिल्लो के अंदर लंड फँस गया है उसका.
और सोनिया भी उस पल और उसके लंड को पूरा फील कर रही थी
वो बोली : "बड़े चालू होते जा रहे हो तुम आजकल.... ये सब ना अपनी उस गर्लफ्रेंड के साथ करना....''
सोनू ने उसके कान में कहा : "मेरी गर्लफ्रेंड तो तुम हो....''
ये सुनते ही सोनिया के पुर शरीर मे एक बिजली सी दौड़ गयी...
उसने पीछे की तरफ होते हुए अपने आप को सोनू के उपर छोड़ दिया...
और बोली : "सच्ची ???''
उसने इस ठंडी आवाज़ में ये कहा की सोनू तो डर सा गया की कहीं उसने उसे ग़लत ना समझ लिया हो....
वो बोला : "आई मीन दी, तुम तो शुरू से मेरे साथ रही हो... मेरी हर बात जानती हो.... मेरी बेस्ट फ्रेंड हो ना तुम..... और बेस्ट फ्रेंड गर्लफ्रेंड से कम थोड़े ही होती है....''
सोनिया उसकी तरफ घूम गयी और अपनी नुकीली छातिया उसकी छाती में दबाकर बोली : "अच्छा जी... आजकल बड़ी बातें करना सीख गया है....''
एक पल के लिए तो वो भी चुप सी हो गयी....
पर तब तक सोनिया संभल चुकी थी....
उसे ये एहसास हुआ की वो क्या बोल गयी है.
सोनिया : "अरी पागल.... मेरे कहने का मतलब ये है की ना तो तुझे इस बात की नॉलेज है और ना ही सोनू को.... कुछ गड़बड़ हो गयी तो दोनो फँस जाओगे.... इसलिए मैने ये कहा... बाकी तुम दोनो देख लेना.''
बेचारी तनवी ओके के सिवाए कुछ और ना बोल पाई
सोनिया ने बात घुमाते हुए कहा
"अच्छा , बता ना... कैसी तैयारी कर रही है....''
ये सुनकर तनवी का ध्यान एक बार फिर से अपनी तरफ आ गया...
वो चहकते हुए बोली : "मैने ना... एक न्यू सेट लिया है... ब्रा-पेंटी का.... बड़ा ही सैक्सी है.... और हर जगह के हेयर भी रिमूव कर लिए है.... ही ही...''
सोनिया : "वाव..... नोट बेड .... नोट बेड .... यानी, आज तू पूरी तैयारी करके आ रही है....''
वैसे कहना तो वो ये चाहती थी की ब्रा के लायक तेरी चुचियां है भी नही, फिर ली किसलिए...पर बोली नही..
तनवी (शरमाते हुए) : "हाँ अभी तक तो यही सोचा है.... बाकी तेरे भोंदू भाई के उपर है.... वो कितना आगे तक ले जाता है.... मैं तो कुछ भी करने को रेडी हूँ आज ''
सोनिया : "यार... तू कितनी लक्की है..... काश ये सब मैं भी देख पाती....''
तनवी : "हा हा... बेशरम है तू एक नंबर की.... तेरा भाई है वो.... मेरा और कोई बीएफ होता तो शायद मैं तुझे साथ में बिठा लेती... पर अपने भाई को वो सब करता देखकर तुम तुझे इन्फेक्ट तुम दोनों को कितना ओकवर्ड लगेगा... ये तो सोच ज़रा...''
सोनिया ने मन में सोचा 'वो तो मैं देख ही लूँगी... सोनू ने मुझे प्रोमिस किया है.... वो अपने प्रोमिस से कभी पीछे नही हटता''
सोनिया : "चल ठीक है फिर.... घर पर बोल कर आना की रात को लेट हो जाएगी... हमने एक साथ स्टडी करनी है.... ओके ''
तनवी : "हाँ , वो तो मैने बोल दिया है.... मम्मी को पता है की आजकल तू आई हुई है... इसलिए उन्होने एक ही बार में परमिशन दे दी... हे हे''
सोनिया : "ओके देन, शाम को मिलते है.... बाइ''
और उसने फोन रख दिया...
फोन रखने के बाद उसने एक बार फिर से अपने नंगे बदन को शीशे के आगे खड़े होकर निहारा...
और धीरे से बुदबुदाई 'पता नही तनवी में उसे क्या मिलेगा.... असली माल तो मेरे पास है....''
ये कहते हुए उसने अपनी नन्ही और अल्हड़ ब्रेस्ट को पकड़कर निचोड़ डाला....
और अपने हिप्स की मोटाई को दबाकर महसूस करने लगी.
फिर उसने कपड़े पहन लिए...
एक नॉर्मल सी टी शर्ट और टाइट जीन्स पहनी.
दोपहर को जब सोनू स्कूल से वापिस आया तो उसके चेहरे की चमक देखकर वो समझ गयी की आज भी साक्षी के साथ उसने कुछ किया है.... पर उसने ज़्यादा पूछा नही उसके बारे में , क्योंकि दोनो को अभी शाम के लिए ज़्यादा एक्साइटमेंट थी.
खाना खाने के बाद सोनिया ने जब उससे पूछा की क्या प्लान है शाम का तो सोनू उसे लेकर उपर आ गया...
और अपने रूम के साथ बने स्टोर रूम का दरवाजा खोलने लगा.
सोनिया चिल्लाई : "अर्रे सोनू, इसे मत खोलना, इसमें तो चूहे भरे पड़े है...''
सोनू : "दी, ऐसा कुछ नही है.... यहाँ सब क्लियर है... वो बचपन में मोंम हमे डराया करती थी, ताकि हम लोग इसमें ना घुस पाए... ट्रस्ट मी, कोई चूहा नही है यहाँ ...''
सोनू ने दरवाजा खोला और अंदर आ गया....
छोटे से स्टोर में सब कबाड़ भरा पड़ा था...
सोनू एक टेबल पर चढ़ गया, उपर की दीवार में एक छोटा सा रोशनदान था, जहाँ से सोनू ने उस दिन तनवी और सोनिया की बातें सुनी थी छुप कर..
सोनू ने अपना हाथ बढ़ाकर सोनिया को भी उस स्टूल के उपर खींच लिया.
बिल्कुल पर्फेक्ट जगह थी वो....
उपर के छोटे से जाली वाले रोशनदान से दूसरे कमरे का सब कुछ दिख रहा था...
सोनिया ये देखकर बहुत खुश हुई, उसे अपने भाई का ये प्लान काफी पसंद आया, वहां से वो उन दोनों की रासलीला साफ़ देख सकेगी
सोनिया की हाईट थोड़ी कम थी, इसलिए उसे उचक कर देखना पड़ रहा था...
सोनू ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे सहारा दिया और थोड़ा उचका दिया.
ऐसा करते हुए वो उसके लंड वाले हिस्से से टकरा गयी... और एकदम सोनिया के दिमाग़ की बत्ती जल उठी.
इस मौके का फायदा उठाने के लिए.
वो बोली : "मुझे तो यहाँ से कुछ दिखाई ही नही दे रहा .... थोड़ा और उपर उठाओ ना...''
सोनू चाहता तो नीचे उतार कर स्टूल के उपर कोई ऐसी चीज़ रख सकता था, जिसके बाद वो आराम से दूसरी तरफ देख पाती... पर वो भी समझ गया की सोनिया के दिमाग़ में शरारत चल रही है.
उसने सोनिया की कोमल कमर में हाथ रखकर थोड़ा उचकाया, और जान बूझकर उसने उसकी उभरी हुई गांड को अपने लंड के उपर लाकर रोक दिया.
उफफफफफफफ्फ़ क्या फीलिंग थी..... ऐसा लग रहा था किसी टाइट से पिल्लो के अंदर लंड फँस गया है उसका.
और सोनिया भी उस पल और उसके लंड को पूरा फील कर रही थी
वो बोली : "बड़े चालू होते जा रहे हो तुम आजकल.... ये सब ना अपनी उस गर्लफ्रेंड के साथ करना....''
सोनू ने उसके कान में कहा : "मेरी गर्लफ्रेंड तो तुम हो....''
ये सुनते ही सोनिया के पुर शरीर मे एक बिजली सी दौड़ गयी...
उसने पीछे की तरफ होते हुए अपने आप को सोनू के उपर छोड़ दिया...
और बोली : "सच्ची ???''
उसने इस ठंडी आवाज़ में ये कहा की सोनू तो डर सा गया की कहीं उसने उसे ग़लत ना समझ लिया हो....
वो बोला : "आई मीन दी, तुम तो शुरू से मेरे साथ रही हो... मेरी हर बात जानती हो.... मेरी बेस्ट फ्रेंड हो ना तुम..... और बेस्ट फ्रेंड गर्लफ्रेंड से कम थोड़े ही होती है....''
सोनिया उसकी तरफ घूम गयी और अपनी नुकीली छातिया उसकी छाती में दबाकर बोली : "अच्छा जी... आजकल बड़ी बातें करना सीख गया है....''