hotaks444
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तभी डॉक्टर. उसके कमरे मे दाखिल हुआ जिसे देख कर वीरेंदर ने आँखों ही आँखों मे उसे विश किया. डॉक्टर. ने वीरेंदर को लेटे रहने का इशारा किया और पूछा: मिस्टर. वीरेंदर अब आप कैसा फील कर रहे हैं?
वीरेंदर: मैं ठीक हूँ डॉक्टर. बस ज़रा सी कमज़ोरी फील हो रही है.
डॉक्टर.: इट्स ओके, वो जल्द ही ठीक हो जाएगी. अब आप के साथ जो लड़कियाँ आई थीं वो आप से मिलने आएँगी, आप प्लीज़ ज़्यादा बोलने की कोशिश ना करना.
वीरेंदर: मुझे यहाँ कोई दो लड़कियाँ लेकर आई थी???.
डॉक्टर.: हां, ओह तो आपको पता नहीं होगा कि वो कॉन हैं, कोई बात नहीं बस ज़्यादा बोलना मत अभी आपको बहुत कमज़ोरी है.
वीरेंदर: ओके डॉक्टर.
डॉक्टर. ने बाहर आकर जब आशना और प्रिया को यह खबर दी के वीरेंदर को होश आ गया है, वो चाहें तो उस से मिल सकती है, आशना एक दम वीरेंदर के वॉर्ड की तरफ भागी.
डॉक्टर. ने उन्हे सावधान रहना के लिए कहा कि पेशेंट के साथ कोई टॅन्षन वाली बात ना करें. आशना जैसे ही दरवाज़े से अंदर पहुँची, वीरेंदर एक पल उसे देख कर हैरान रह गया. दोनो एक दूसरे के एकटक देखते रहे और फिर आशना एक दम भागी और उस से लिपट कर रो पड़ी.वीरेंदर के सारे गीले शिकवे एक पल के लिए जैसे धुल से गये और उसने प्यार से अपना हाथ आशना के सिर पर रख दिया.
आशना(रोते हुए): आप यहाँ क्या करने आ गये? मुझे बताया क्यूँ नहीं?क्या हालत बना ली आपने अपनी, पता है मैं कितनी परेशन हो गई थी.? आप सच मुच बहुत गंदे हैं, मैं आपको कभी माफ़ नहीं करूँगी.
वीरेंदर (मन मे सोचते हुए): आशना माफ़ तो मैं भी तुम्हे ज़िंदगी भर नहीं करूँगा, तुमने मुझ से बहुत बड़ा झूठ बोला है.
आशना: अब चुप क्यूँ हैं, कुछ बोलिए ना. वीरेंदर खामोश रहा.
तभी उसकी नज़र दरवाज़े पर खड़ी प्रिया पर पड़ी. आशना ने देखा कि वीरेंदर प्रिया की तरफ सवालिया नज़रों से देख रहा है तो आशना बोली: यह प्रिया दीदी है एयिर्हसटेस्स हैं, आपकी चचेरी बेहन आशना जी की रूम पार्ट्नर.इतना सुनकर वीरेंदर चौंक गया.
आशना: जी हां, डॉक्टर, बीना ने ही मुझे आपकी चचेरी बेहन के बारे मे बताया था. उन्होने बताया था कि आपकी एक चचेरी बेहन है आशना जो कि बॅंगलॉर मे रहती है और एक एयिर्हसटेस्स है. मैं भी बॅंगलॉर मे ही मेडिकल की स्टडी कर रही थी तो मैने अपनी फ्रेंड्स से इनका पता करवाया. मेरी फ्रेंड ने मुझे आशना का नंबर. भी दिया, मैने उनसे बात की और मैने उनसे आपके बारे मे भी बताया कि आपकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी. आशना दीदी ने मुझे बस इतना कहा कि "मेरा कोई भाई नहीं है". यह बात सुनकर वीरेंदर को खुशी भी हो रही थी और दुख भी कि उसकी बेहन आशना ने उसे अभी तक माफ़ नहीं किया है.
आशना:मेरी फ्रेंड ने मुझे प्रिया दीदी का नंबर. दिया तो इन्होने ही मुझ से कहा कि मैं बॅंगलॉर आकर इनसे बात करूँ, हो सकता है कि हम दोनो मिलकर कुछ कर सकें. इसीलिए देल्ही से निकालने से पहले मैने इन्हे फोन करके अपने आने के बारे मे बता दिया था तो यह मुझे लेकर अपने फ्लॅट मे आ गई.
वीरेंदर को कुछ समझ ही नही आ रहा था कि क्या हो रहा है. वीरेंदर की आसमंजस्ता को देख कर प्रिया बोली: मिस्टर. वीरेंदर, आशना का सच मे कोई भाई भी है मुझे तो कुछ दिन पहले ही पता चला जब इन्होने मुझे फोन करके बताया वरना मुझे तो यही लगता था कि शायद लोगों को आशना के बारे मे ग़लत पता है. मैने उस दिन आशना से बात की तो वो मुझसे नाराज़ होकर चली गई.
वीरेंदर: इसमे उस बेचारी का कोई कसूर नहीं है प्रिया जी, शायद मैने ही उसके साथ अच्छा नहीं किया हो.
आशना के मन मे आया "भैया आपने तो मेरे लिए वो किया है जो शायद एक बाप भी अपनी बेटी के लिए ना करता, मेरी हर ज़िद, हर ख्वाहिश अपने पूरी की है, मैं ही आपको ग़लत समझी".
वीरेंदर: अब आशना कहाँ है??
प्रिया: दो दिन से उसका कोई पता नहीं, एरलाइन्स मे पता किया कि उसने नौकरी छोड़ दी है, शायद वो यहाँ से कहीं और चली गई है.
वीरेंदर: अगर कभी वो आप से मिले तो प्लीज़ एक बार मुझे उस से ज़रूर मिला देना.
प्रिया की आँखों मे पानी आ गया और घुटे हुए लहजे मे वो बोली: जी ज़रूर.
प्रिया: अच्छा, आशना मैं चलती हूँ, शाम को आउन्गि. आशना ने उसे अपनी आँखों से शुक्रिया अदा किया.
प्रिया के जाने के बाद आशना बोली: तो आप मेरा पीछा करते हुए यहाँ तक आ गये थे.
वीरेंदर: तो और क्या करता? तुमने मेरी बात का जवाब भी नहीं दिया था.
आशना: कॉन सी बात?
वीरेंदर: तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
आशना: सोच लो बहुत ज़िद्दी हूँ मैं, मेरी सारी ख्वाइशे पूरी कर सकोगे?
वीरेंदर: ज़िद्दी तो मैं भी बहुत हूँ देखो तुम्हे मनाने यहाँ तक आ गया.
आशना: तो फिर ठीक है, चलो खूब पटेगी हमारी और यह कह कर हंस दी. वीरेंदर भी उसके साथ ही हंस दिया.
वीरेंदर: तुमने मुझे ग़लत नंबर. क्यूँ दिया था.
आशना: ग़लत नंबर. नहीं दिया था. नंबर. तो ठीक ही था. आक्च्युयली वो मेरा प्राइवेट नंबर. था, रीसेंट्ली ही लिया था. सबसे पहले वो नंबर.आपको ही दिया था. मैं आपके फोन का इंतज़ार सारी रात और अगले सारे दिन करती रही लेकिन कोई फोन ही नहीं आया. फिर जब आपकी गाड़ी मे रखा समान मैने अपने रूम मे रखा तो देखा (वीरेंदर उसकी तरफ देख कर हैरान रह गया)कि जिस समान को मैने हाथ लगाया था वो सब आपने मेरे लिए पॅक करवा लिया है, उसी मे मुझे यह मोबाइल मिला. आशना ने वीरेंदर को अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर दिखाया. जब अपने मोबाइल से सिम निकाल कर इस मोबाइल मे डालने लगी तो मैं यह देख कर हैरान रह गई कि ग़लती से वो सिम मैने मोबाइल मे डाली ही नहीं है. उस सिम को लेने के बाद मैने पता नहीं कहाँ रख दिया था, वो मुझे मिली ही नहीं. मैने उसे काफ़ी ढूँढा मगर वो सिम नहीं मिली.
वीरेंदर: मैं ठीक हूँ डॉक्टर. बस ज़रा सी कमज़ोरी फील हो रही है.
डॉक्टर.: इट्स ओके, वो जल्द ही ठीक हो जाएगी. अब आप के साथ जो लड़कियाँ आई थीं वो आप से मिलने आएँगी, आप प्लीज़ ज़्यादा बोलने की कोशिश ना करना.
वीरेंदर: मुझे यहाँ कोई दो लड़कियाँ लेकर आई थी???.
डॉक्टर.: हां, ओह तो आपको पता नहीं होगा कि वो कॉन हैं, कोई बात नहीं बस ज़्यादा बोलना मत अभी आपको बहुत कमज़ोरी है.
वीरेंदर: ओके डॉक्टर.
डॉक्टर. ने बाहर आकर जब आशना और प्रिया को यह खबर दी के वीरेंदर को होश आ गया है, वो चाहें तो उस से मिल सकती है, आशना एक दम वीरेंदर के वॉर्ड की तरफ भागी.
डॉक्टर. ने उन्हे सावधान रहना के लिए कहा कि पेशेंट के साथ कोई टॅन्षन वाली बात ना करें. आशना जैसे ही दरवाज़े से अंदर पहुँची, वीरेंदर एक पल उसे देख कर हैरान रह गया. दोनो एक दूसरे के एकटक देखते रहे और फिर आशना एक दम भागी और उस से लिपट कर रो पड़ी.वीरेंदर के सारे गीले शिकवे एक पल के लिए जैसे धुल से गये और उसने प्यार से अपना हाथ आशना के सिर पर रख दिया.
आशना(रोते हुए): आप यहाँ क्या करने आ गये? मुझे बताया क्यूँ नहीं?क्या हालत बना ली आपने अपनी, पता है मैं कितनी परेशन हो गई थी.? आप सच मुच बहुत गंदे हैं, मैं आपको कभी माफ़ नहीं करूँगी.
वीरेंदर (मन मे सोचते हुए): आशना माफ़ तो मैं भी तुम्हे ज़िंदगी भर नहीं करूँगा, तुमने मुझ से बहुत बड़ा झूठ बोला है.
आशना: अब चुप क्यूँ हैं, कुछ बोलिए ना. वीरेंदर खामोश रहा.
तभी उसकी नज़र दरवाज़े पर खड़ी प्रिया पर पड़ी. आशना ने देखा कि वीरेंदर प्रिया की तरफ सवालिया नज़रों से देख रहा है तो आशना बोली: यह प्रिया दीदी है एयिर्हसटेस्स हैं, आपकी चचेरी बेहन आशना जी की रूम पार्ट्नर.इतना सुनकर वीरेंदर चौंक गया.
आशना: जी हां, डॉक्टर, बीना ने ही मुझे आपकी चचेरी बेहन के बारे मे बताया था. उन्होने बताया था कि आपकी एक चचेरी बेहन है आशना जो कि बॅंगलॉर मे रहती है और एक एयिर्हसटेस्स है. मैं भी बॅंगलॉर मे ही मेडिकल की स्टडी कर रही थी तो मैने अपनी फ्रेंड्स से इनका पता करवाया. मेरी फ्रेंड ने मुझे आशना का नंबर. भी दिया, मैने उनसे बात की और मैने उनसे आपके बारे मे भी बताया कि आपकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी. आशना दीदी ने मुझे बस इतना कहा कि "मेरा कोई भाई नहीं है". यह बात सुनकर वीरेंदर को खुशी भी हो रही थी और दुख भी कि उसकी बेहन आशना ने उसे अभी तक माफ़ नहीं किया है.
आशना:मेरी फ्रेंड ने मुझे प्रिया दीदी का नंबर. दिया तो इन्होने ही मुझ से कहा कि मैं बॅंगलॉर आकर इनसे बात करूँ, हो सकता है कि हम दोनो मिलकर कुछ कर सकें. इसीलिए देल्ही से निकालने से पहले मैने इन्हे फोन करके अपने आने के बारे मे बता दिया था तो यह मुझे लेकर अपने फ्लॅट मे आ गई.
वीरेंदर को कुछ समझ ही नही आ रहा था कि क्या हो रहा है. वीरेंदर की आसमंजस्ता को देख कर प्रिया बोली: मिस्टर. वीरेंदर, आशना का सच मे कोई भाई भी है मुझे तो कुछ दिन पहले ही पता चला जब इन्होने मुझे फोन करके बताया वरना मुझे तो यही लगता था कि शायद लोगों को आशना के बारे मे ग़लत पता है. मैने उस दिन आशना से बात की तो वो मुझसे नाराज़ होकर चली गई.
वीरेंदर: इसमे उस बेचारी का कोई कसूर नहीं है प्रिया जी, शायद मैने ही उसके साथ अच्छा नहीं किया हो.
आशना के मन मे आया "भैया आपने तो मेरे लिए वो किया है जो शायद एक बाप भी अपनी बेटी के लिए ना करता, मेरी हर ज़िद, हर ख्वाहिश अपने पूरी की है, मैं ही आपको ग़लत समझी".
वीरेंदर: अब आशना कहाँ है??
प्रिया: दो दिन से उसका कोई पता नहीं, एरलाइन्स मे पता किया कि उसने नौकरी छोड़ दी है, शायद वो यहाँ से कहीं और चली गई है.
वीरेंदर: अगर कभी वो आप से मिले तो प्लीज़ एक बार मुझे उस से ज़रूर मिला देना.
प्रिया की आँखों मे पानी आ गया और घुटे हुए लहजे मे वो बोली: जी ज़रूर.
प्रिया: अच्छा, आशना मैं चलती हूँ, शाम को आउन्गि. आशना ने उसे अपनी आँखों से शुक्रिया अदा किया.
प्रिया के जाने के बाद आशना बोली: तो आप मेरा पीछा करते हुए यहाँ तक आ गये थे.
वीरेंदर: तो और क्या करता? तुमने मेरी बात का जवाब भी नहीं दिया था.
आशना: कॉन सी बात?
वीरेंदर: तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
आशना: सोच लो बहुत ज़िद्दी हूँ मैं, मेरी सारी ख्वाइशे पूरी कर सकोगे?
वीरेंदर: ज़िद्दी तो मैं भी बहुत हूँ देखो तुम्हे मनाने यहाँ तक आ गया.
आशना: तो फिर ठीक है, चलो खूब पटेगी हमारी और यह कह कर हंस दी. वीरेंदर भी उसके साथ ही हंस दिया.
वीरेंदर: तुमने मुझे ग़लत नंबर. क्यूँ दिया था.
आशना: ग़लत नंबर. नहीं दिया था. नंबर. तो ठीक ही था. आक्च्युयली वो मेरा प्राइवेट नंबर. था, रीसेंट्ली ही लिया था. सबसे पहले वो नंबर.आपको ही दिया था. मैं आपके फोन का इंतज़ार सारी रात और अगले सारे दिन करती रही लेकिन कोई फोन ही नहीं आया. फिर जब आपकी गाड़ी मे रखा समान मैने अपने रूम मे रखा तो देखा (वीरेंदर उसकी तरफ देख कर हैरान रह गया)कि जिस समान को मैने हाथ लगाया था वो सब आपने मेरे लिए पॅक करवा लिया है, उसी मे मुझे यह मोबाइल मिला. आशना ने वीरेंदर को अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर दिखाया. जब अपने मोबाइल से सिम निकाल कर इस मोबाइल मे डालने लगी तो मैं यह देख कर हैरान रह गई कि ग़लती से वो सिम मैने मोबाइल मे डाली ही नहीं है. उस सिम को लेने के बाद मैने पता नहीं कहाँ रख दिया था, वो मुझे मिली ही नहीं. मैने उसे काफ़ी ढूँढा मगर वो सिम नहीं मिली.