hotaks444
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रागिनी सिहर उठी और बोली: शैतान भी बड़े हैं आप.
बिहारी: शैतानी तो अभी शुरू हुई है, आगे आगे देखती जाओ.
रागिनी ने उसे और कस के जकड लिया.
बिहारी: थोड़ा धीरे से चिपको जान दम घुट रहा है.
रागिनी ने शरमाते हुए अपने बदन को ढीला किया तो बिहारी ने ड्रेस को नीचे से पकड़ते हुए तेज़ी से रागिनी के शरीर से अलग कर दिया और पिंक ब्रा मे क़ैद रागिनी के बड़े बड़े मगर सख़्त उरोज उसकी आँखों के सामने आ गये. रागिनी बिहारी की इस हरकत को देखती ही रह गई.
रागिनी(बिहारी के सीने मे प्यार से मुक्का मारते हुए): हटो बेशरम कहीं के!!!! और यह कहते ही रागिनी बिहारी से दूर हटने ही वाली थी कि बिहारी ने उसे एक बार फिर से अपने सीने से लगा लिया. दोनो के शरीर मिलते ही एक आग दोनो के बदन मे पैदा हुई और दोनो हवा मे उड़ने लगे. दोनो के तपते हाथ एक दुसरे की पीठ पर चल रहे थे. जहाँ रागिनी के कोमल हाथ बिहारी को स्वर्ग सा सुख दे रहे थे वही बिहारी के मर्दाना हाथ रागिनी को एक अलग ही दुनिया मे ले गये थे. बिहारी जानता था कि इस वक्त रागिनी उस से कहीं ज़्यादा रोमांचित और आनंदित महसूस कर रही होगी क्यूंकी वो तो खेला खाया मर्द है लेकिन रागिनी एक दम कच्ची कली जो अभी पूरी तरह से खिली भी नहीं कि बिहारी जैसे भंवरे के पास चली आई उसे अपना रस पिलाने.
बिहारी ने धीरे धीरे अपने हाथ रागिनी के भारी गान्ड पर रख दिए. रागिनी की तो सांस ही रुक सी गई और बिहारी उस रेशमी गान्ड को अपने हाथो से मसल्ने लगा. रागिनी सचमुच इस दुनिया से कहीं दूर निकल गई थी.
बिहारी(बड़े प्यार से):जान.
रागिनी:हुउऊउउंम.
बिहारी:क्या खाती हो तुम?
रागिनी के हाथ बिहारी की पीठ पर चलते चलते रुक गये, उसने बिहारी के सीने से दूर होकर उसके चेहरे की तरफ देखा और पूछा: क्या मतलब???
बिहारी ने उसकी गान्ड पर ज़ोर से हाथ मारते हुए कहा: देखो यह कितनी बड़ी है.
रागिनी ऊउच!!!
बिहारी: इसे देख कर तो मेरा नशा चार गुना हो गया है.
ऐसा सुनते ही रागिनी की आँखों मे चमक आ गई और शरम से झुक गई. बिहारी ने उसे फिर से अपने सीने से लगाते हुए कहा: बताओ ना??
रागिनी: आपको पसंद आई???
बिहारी: बहुत, जी तो करता है कि पहले यहीं से शुरू करूँ.
रागिनी ने बिहारी की पीठ पर मुक्का मारते हुए कहा: धत्त. सच मैं विराट आप बहुत बेशरम हो.
बिहारी ने उसे कस के जकड लिया और उसके कान के नीचे किस करते हुए धीरे से पूछा: नहीं दोगि क्या???
कान के नीचे विराट के किस करने से ही रागिनी मदहोश हो गई और मदहोश होते हुए बिहारी की बाहों मे गिरती हुई बोली: दूँगी ना..
बिहारी ने उसकी गान्ड से अपने हाथ उठाकर उसकी पीठ पर रखे और झट से उसकी ब्रा की हुक्स अलग कर दी और बोला: तो चलो फिर शुरू करें.
रागिनी ने अपनी ब्रा की लाडियां अपनी बाहों मे झूलती हुई देखी तो बोली: विराट सारे कपड़े उतार दिए मेरे, देखो मुझे कितनी शरम आ रही है.
बिहारी: क्यूँ, इस मे शरम कैसी??
अभी मैं भी तो अपना पाजामा उतारने वाला हूँ तो दोनो पूरे नंगे, कोई शरम नहीं.
रागिनी: देखने मैं तो आप बिल्कुल भोले भले लगते हो लेकिन ......
बिहारी: बिस्तर पर तुम जैसी लड़की हो तो साधु भी शैतान बन जाए और मैं तो हूँ ही शैतान.
रागिनी: वो तो हो आप, बहुत ही बड़े शैतान हो.
बिहारी: मुझ से बड़ा शैतान तो वो है जो मेरे पाजामे मे है और चिल्ला चिल्ला कर बाहर आने की ज़िद कर रहा है.
रागिनी: तो मैं आँखें बंद कर लेती हूँ आप उस बेचारे को आज़ाद कर दो ना, क्यूँ तडपा रहे हो उस शैतान को.
बिहारी ने रागिनी को छोड़ा और एक तकिये पर सिर रखकर और अपने घुटने उपर की तरफ कर के लेट गया.
इस वक्त बिहारी का चेहरा रागिनी की पीठ की तरफ था.
रागिनी(जो कि अभी तक घुटनो के बल ही बैठी हुई थी): क्या हुआ??? लेट क्यूँ गये???
बिहारी: जिस ज़रूरत हो निकाल ले, मुझे तो बड़ी शरम आ रही है.
रागिनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और बोली: मुझे तो पूरा नंगा कर दिया और अब आपको बड़ी शरम आ रही है, अभी बताती हूँ आपको. यह कह कर रागिनी घूमी और बिहारी की कमर के पास घुटने बेड पर टिका कर अपने पैरों पर बैठ गई. बिहारी की नज़र पहली बार रागिनी के उरोजो पर पड़ी जिसके निपल्स एक दम तने हुए खड़े थे.इतने कड़क वक्ष देख कर ही बिहारी के मुँह मे पानी आ गया.
बिहारी(चौंकते हुए):यह क्या है?????????
रागिनी ने उसकी नज़र का पीछा करते हुए जब अपने वक्षो की तरफ देखा तो तेज़ी से अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए और फिर उतनी ही तेज़ी से अपने बड़े बड़े उरोजो पर.
बिहारी की हसी निकल गई. बिहारी: क्या क्या छुपाओगी तुम अपने छोटे छोटे दो हाथो से??? तुम तो पूरी की पूरी कयामत हो. अपने हाथो से कोई और काम लो.
बिहारी: शैतानी तो अभी शुरू हुई है, आगे आगे देखती जाओ.
रागिनी ने उसे और कस के जकड लिया.
बिहारी: थोड़ा धीरे से चिपको जान दम घुट रहा है.
रागिनी ने शरमाते हुए अपने बदन को ढीला किया तो बिहारी ने ड्रेस को नीचे से पकड़ते हुए तेज़ी से रागिनी के शरीर से अलग कर दिया और पिंक ब्रा मे क़ैद रागिनी के बड़े बड़े मगर सख़्त उरोज उसकी आँखों के सामने आ गये. रागिनी बिहारी की इस हरकत को देखती ही रह गई.
रागिनी(बिहारी के सीने मे प्यार से मुक्का मारते हुए): हटो बेशरम कहीं के!!!! और यह कहते ही रागिनी बिहारी से दूर हटने ही वाली थी कि बिहारी ने उसे एक बार फिर से अपने सीने से लगा लिया. दोनो के शरीर मिलते ही एक आग दोनो के बदन मे पैदा हुई और दोनो हवा मे उड़ने लगे. दोनो के तपते हाथ एक दुसरे की पीठ पर चल रहे थे. जहाँ रागिनी के कोमल हाथ बिहारी को स्वर्ग सा सुख दे रहे थे वही बिहारी के मर्दाना हाथ रागिनी को एक अलग ही दुनिया मे ले गये थे. बिहारी जानता था कि इस वक्त रागिनी उस से कहीं ज़्यादा रोमांचित और आनंदित महसूस कर रही होगी क्यूंकी वो तो खेला खाया मर्द है लेकिन रागिनी एक दम कच्ची कली जो अभी पूरी तरह से खिली भी नहीं कि बिहारी जैसे भंवरे के पास चली आई उसे अपना रस पिलाने.
बिहारी ने धीरे धीरे अपने हाथ रागिनी के भारी गान्ड पर रख दिए. रागिनी की तो सांस ही रुक सी गई और बिहारी उस रेशमी गान्ड को अपने हाथो से मसल्ने लगा. रागिनी सचमुच इस दुनिया से कहीं दूर निकल गई थी.
बिहारी(बड़े प्यार से):जान.
रागिनी:हुउऊउउंम.
बिहारी:क्या खाती हो तुम?
रागिनी के हाथ बिहारी की पीठ पर चलते चलते रुक गये, उसने बिहारी के सीने से दूर होकर उसके चेहरे की तरफ देखा और पूछा: क्या मतलब???
बिहारी ने उसकी गान्ड पर ज़ोर से हाथ मारते हुए कहा: देखो यह कितनी बड़ी है.
रागिनी ऊउच!!!
बिहारी: इसे देख कर तो मेरा नशा चार गुना हो गया है.
ऐसा सुनते ही रागिनी की आँखों मे चमक आ गई और शरम से झुक गई. बिहारी ने उसे फिर से अपने सीने से लगाते हुए कहा: बताओ ना??
रागिनी: आपको पसंद आई???
बिहारी: बहुत, जी तो करता है कि पहले यहीं से शुरू करूँ.
रागिनी ने बिहारी की पीठ पर मुक्का मारते हुए कहा: धत्त. सच मैं विराट आप बहुत बेशरम हो.
बिहारी ने उसे कस के जकड लिया और उसके कान के नीचे किस करते हुए धीरे से पूछा: नहीं दोगि क्या???
कान के नीचे विराट के किस करने से ही रागिनी मदहोश हो गई और मदहोश होते हुए बिहारी की बाहों मे गिरती हुई बोली: दूँगी ना..
बिहारी ने उसकी गान्ड से अपने हाथ उठाकर उसकी पीठ पर रखे और झट से उसकी ब्रा की हुक्स अलग कर दी और बोला: तो चलो फिर शुरू करें.
रागिनी ने अपनी ब्रा की लाडियां अपनी बाहों मे झूलती हुई देखी तो बोली: विराट सारे कपड़े उतार दिए मेरे, देखो मुझे कितनी शरम आ रही है.
बिहारी: क्यूँ, इस मे शरम कैसी??
अभी मैं भी तो अपना पाजामा उतारने वाला हूँ तो दोनो पूरे नंगे, कोई शरम नहीं.
रागिनी: देखने मैं तो आप बिल्कुल भोले भले लगते हो लेकिन ......
बिहारी: बिस्तर पर तुम जैसी लड़की हो तो साधु भी शैतान बन जाए और मैं तो हूँ ही शैतान.
रागिनी: वो तो हो आप, बहुत ही बड़े शैतान हो.
बिहारी: मुझ से बड़ा शैतान तो वो है जो मेरे पाजामे मे है और चिल्ला चिल्ला कर बाहर आने की ज़िद कर रहा है.
रागिनी: तो मैं आँखें बंद कर लेती हूँ आप उस बेचारे को आज़ाद कर दो ना, क्यूँ तडपा रहे हो उस शैतान को.
बिहारी ने रागिनी को छोड़ा और एक तकिये पर सिर रखकर और अपने घुटने उपर की तरफ कर के लेट गया.
इस वक्त बिहारी का चेहरा रागिनी की पीठ की तरफ था.
रागिनी(जो कि अभी तक घुटनो के बल ही बैठी हुई थी): क्या हुआ??? लेट क्यूँ गये???
बिहारी: जिस ज़रूरत हो निकाल ले, मुझे तो बड़ी शरम आ रही है.
रागिनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और बोली: मुझे तो पूरा नंगा कर दिया और अब आपको बड़ी शरम आ रही है, अभी बताती हूँ आपको. यह कह कर रागिनी घूमी और बिहारी की कमर के पास घुटने बेड पर टिका कर अपने पैरों पर बैठ गई. बिहारी की नज़र पहली बार रागिनी के उरोजो पर पड़ी जिसके निपल्स एक दम तने हुए खड़े थे.इतने कड़क वक्ष देख कर ही बिहारी के मुँह मे पानी आ गया.
बिहारी(चौंकते हुए):यह क्या है?????????
रागिनी ने उसकी नज़र का पीछा करते हुए जब अपने वक्षो की तरफ देखा तो तेज़ी से अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए और फिर उतनी ही तेज़ी से अपने बड़े बड़े उरोजो पर.
बिहारी की हसी निकल गई. बिहारी: क्या क्या छुपाओगी तुम अपने छोटे छोटे दो हाथो से??? तुम तो पूरी की पूरी कयामत हो. अपने हाथो से कोई और काम लो.