hotaks444
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थोड़ा शरमाते हुए, मैने कंबल हटाकर बेड से नीचे उतर आया. जैसे ही मैं खड़ा हुआ , मैने देखा कि मम्मी अभी भी मेरे लंड को एक टक देख रही हैं. जब तक मैं चल कर बाथरूम तक जाता, मम्मी ने अपनी दोनों बाहें मेरे गले में डाल दी, और मुझे एक बहुत प्यारी झप्पी दे दी. जैसे ही मैं मम्मी को झप्पी देने लगा, मुझे महसूस हुआ, मेरा लंड मम्मी के नाइट्गाउन के उपर से उनकी जांघों के बीच दबाव बना रहा है. “आइ लव यू, राज,” मम्मी बोली.
"मी टू, मम्मी."
मम्मी ने फिर मुझे छोड़ दिया, मैं भी चाइ का कप उठा कर बाथरूम की तरफ चल दिया, मैं अब भी महसूस कर रहा था, मम्मी की नज़रें मेरी गान्ड पर थी. हमेशा की तरह, मैने नहाते हुए शवर के नीचे मूठ मारने लगा, लेकिन आज मूठ मारते समय मेरे दिमाग़ में वो सब ही घूम रहा था, कैसे मम्मी मेरे तने हुए लंड को देख रही थी. जब मैं झडा तो आज पिछले कुछ दिनों से ज़्यादा वीर्य निकला. मुझे मूठ मारने में भी ज़्यादा मज़ा आया, मैने सोचा ये तरकीब अच्छी है, फिर से ट्राइ करेंगे.
***
अगली सुबह जब मम्मी मारे कमरे में आई, मैं आज फिर से नंगा ही सो रहा था. मैने उठ कर चाइ का कप पकड़ लिया. “लगता है नंगे सोने में तुम को ज़्यादा अच्छी नींद आती है,” मम्मी बोली.
“हां, मुझे तो कपड़े उतार कर ही अच्छी नींद आती है,” मैं बोला.
“मुझे भी,” मम्मी बोली. मैने मम्मी की तरफ देखा. वो फिर से मेरे खड़े हुए लंड को देख रही थी. तभी उन्होने अपनी नज़रें उठा के मेरी तरफ देखा, और उनका चेहरा लाल हो गया. “मेरा मतलब... मेरा कहने का मतलब था, कि मैं भी सारे कपड़े उतार कर नंगी ही सोती हूँ.”
मैने उनके नाइट्गाउन की तरफ देखा.
“हां, लेकिन उठने के बाद, मैं चाइ बनाकर तुमको उठाने से पहले कुछ पहन लेती हूँ.”
“क्यों, मम्मी? जब आप पापा के साथ कपड़े उतार कर सोती हैं, तो क्या मेरे सामने ऐसे आने में क्या परेशानी है, और वैसे भी आज कल पापा तो घर पर हैं भी नही. आप ही ने तो कहा था इसमे शरमाने वाली कौन सी बात है.” मैने चाइ की चुस्की लेते हुए बोला.
“उम्म... नही बेटा, हरगिज़ नही, क्योंकि.... क्योंकि मैं तुम्हारी माँ हूँ.” जब मम्मी ये बोल रही थी, तब भी वो मेरे खड़े हुए लंड को निहारने से अपने आप को नही रोक पा रही थी. मेरे को अपने गुप्तांगों का प्रदर्शन करना हरगिज़ अच्छा नही लगता, लेकिन मम्मी के सामने नंगा रहने में मुझे अब मज़ा आने लगा था. जब मम्मी मेरे खड़े हुए लंड को देखती , तो मेरे को एक अजीब से रोमांच का अनुभव होता.
"ठीक है, मम्मी,"मैं बोला. मैने मम्मी की एक झप्पी ली, और अपने लंड के दबाव को उनके उपर महसूस किया. मम्मी ने मुझे झप्पी देते हुए, मेरे नंगे हिप्स पर एक हल्की सी चपत लगा दी, और फिर हाथों से सहला दिया. फिर मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया, एक बार फिर से सोचने लगा, कैसे मम्मी मेरे खड़े हुए लंड को और मेरे नंगे बदन को देखती हैं...
***
अगली सुबह जब मम्मी मुझे उठाने को मेरे रूम में आई, तो वो भी नंगी थी. मैं एक दम बेड से उतर कर खड़ा हो गया, हम दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा. मेरा मूँह खुला का खुला ही रह गया. क्या मस्त शरीर था मम्मी का, पतली लंबी टाँगें, पतली कमर, मस्त उभार लिए हुए मम्मे, उनके निपल्स खड़े हुए थे. सबसे पहले मेरे दिमाग़ में ये ही आया, कि वो इतनी हॉट नही हैं, लेकिन तभी मुझे मेरे रूम में मम्मी की सेक्सी मादक सुगंध का एहसास हुआ. मेरी मम्मी गरम हो रही थी.
जब हम एक दूसरे को निहार रहे थे, मेरा लंड जो सोया हुआ था, तुरंत हरकत में आकर खड़ा होने लगा. मम्मी उसको देख रही थी, कैसे वो धीरे धीरे खड़ा हो रहा है, और फिर तन कर पूरे 7 इंच का हो गया, और फिर मम्मी की तरफ पॉइंट कर के देखने लगा.
"अब तो ठीक है, राज?" मम्मी बोली. मम्मी थोड़ा शरमा रही थी, शायद इस डर से की कहीं मैं चौंक ना जाऊं, या कहीं ऐसा ना हो कि मुझे उनका नग्न शरीर पसंद ना आए. “मुझे नंगा रहना पसंद है राज, और फिर कल की हमारी बातों को याद करके मैने सोचा, कि अपने ही बेटे से अपने शरीर को छुपाना तो बेवकूफी है.
"हां, मम्मी,ऑफ कोर्स इट'स ओके. वाउ..., आप तो बहुत सुंदर हैं, मुझे तो मालूम ही नही था, आप तो मॉडेल बन सकती थी.”
वो थोड़ा शरमा गयी, और उनके गाल गुलाबी हो गये, फिर वो थोड़ा साइड से हुई, तो मुझे उनकी गोल गोल टाइट गान्ड के दर्शन हो गये. जब वो फिर से घूम कर मेरे सामने सीधी खड़ी हो गयी, तब मुझे पहली बार एहसास हुआ कि, उनकी चूत एक दम चिकनी थी, उस पा एक भी बाल नही था- या तो उन्होने शेव किया था, या फिर वॅक्सिंग. उनके मम्मे और गान्ड एक दम टाइट कसे हुए थे.
"थॅंक्स, बेटा. आइ ट्राइ टू स्टे इन शेप."
"बहुत सही, मम्मी. यू'आर हॉट! मैं आप से एक बात पूछूँ? उन के मम्मे की तरफ इशारा करते हुए मैने पूछा, ये इतने टाइट कैसे हैं? मैं बातों को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाना चाहता था, ना जाने फिर कब मुझे अपनी मम्मी का खूबसूरत नग्न शरीर देखने का मौका मिले.
"नही बेटा ये तो नॅचुरली ऐसे ही हैं," वो बोली.
हालाँकि, वो मुझ से बातें कर रही थी, लेकिन उनकी नज़र अब भी मेरे लंड पर ही थी. मैने नीचे की तरफ देखा, मैं इतना ज़्यादा उत्तेजित हो चुका था, कि मेरा लंड 45 डिग्री का आंगल बना कर फन्फना रहा था. मेरी हर धड़कन के साथ, लंड उपर नीचे होकर सलामी दे रहा था. इतना ज़्यादा कड़क आज ये पहली बार हुआ था. जब हम दोनो उसको देख रहे थे, तभी सुपाडे के छेद में से एक प्रेकुं की बूँद बाहर निकल आई, और अपने पीछे एक लंबा धागा बनाते हुए ज़मीन पर गिर गयी. जब मैने मम्मी की तरफ देखा, तो वो अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी.
"मैं आप से एक बात और पूछूँ, मम्मी? आपके वहाँ पर एक भी बाल नही है.... वहाँ नीचे, आप शेव करती हो क्या?"
मेरे लंड पर से अपनी नज़र हटाते हुए मम्मी बोली, नही बेटा, हर महीने वो मेरी कज़िन सिस्टर उमा, जो मेरे गाँव के पास किसी नर्सिंग होम में नर्स है, वो घर पर आकर मेरी वॅक्सिंग कर जाती है. बेचारी ग़रीब है, मैं भी उसको पैसे कपड़ों से मदद करती रहती हूँ.
"लेकिन आप वॅक्सिंग करती क्यों हैं?" मैने पूछा.
"ओह, वॅक्सिंग करने से मुझे सॉफ सुथरा और सेक्सी फील होता है. और तुम्हारे पापा को भी चिकनी ही पसंद है, और वैसे भी चिकने होकर कुछ चीज़ें करने में ज़्यादा मज़ा आता है.” जैसे ही मम्मी ने ये बोला, उनका हाथ अपने आप अपनी चिकनी चूत की तरफ चला गया. मुझे लगा मेरा पानी तभी निकल जाएगा, मेरे मूँह से हालाँकि सी एक आहह निकल गयी. तभी मम्मी को एहसास हुआ, कि वो क्या कर रही हैं, उन्होने तुरंत अपना हाथ वहाँ से हटाया, और फिर थोड़ा शरमा गयी. हवा में अब और ज़्यादा मादक खुश्बू फैल चुकी थी.
"मी टू, मम्मी."
मम्मी ने फिर मुझे छोड़ दिया, मैं भी चाइ का कप उठा कर बाथरूम की तरफ चल दिया, मैं अब भी महसूस कर रहा था, मम्मी की नज़रें मेरी गान्ड पर थी. हमेशा की तरह, मैने नहाते हुए शवर के नीचे मूठ मारने लगा, लेकिन आज मूठ मारते समय मेरे दिमाग़ में वो सब ही घूम रहा था, कैसे मम्मी मेरे तने हुए लंड को देख रही थी. जब मैं झडा तो आज पिछले कुछ दिनों से ज़्यादा वीर्य निकला. मुझे मूठ मारने में भी ज़्यादा मज़ा आया, मैने सोचा ये तरकीब अच्छी है, फिर से ट्राइ करेंगे.
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अगली सुबह जब मम्मी मारे कमरे में आई, मैं आज फिर से नंगा ही सो रहा था. मैने उठ कर चाइ का कप पकड़ लिया. “लगता है नंगे सोने में तुम को ज़्यादा अच्छी नींद आती है,” मम्मी बोली.
“हां, मुझे तो कपड़े उतार कर ही अच्छी नींद आती है,” मैं बोला.
“मुझे भी,” मम्मी बोली. मैने मम्मी की तरफ देखा. वो फिर से मेरे खड़े हुए लंड को देख रही थी. तभी उन्होने अपनी नज़रें उठा के मेरी तरफ देखा, और उनका चेहरा लाल हो गया. “मेरा मतलब... मेरा कहने का मतलब था, कि मैं भी सारे कपड़े उतार कर नंगी ही सोती हूँ.”
मैने उनके नाइट्गाउन की तरफ देखा.
“हां, लेकिन उठने के बाद, मैं चाइ बनाकर तुमको उठाने से पहले कुछ पहन लेती हूँ.”
“क्यों, मम्मी? जब आप पापा के साथ कपड़े उतार कर सोती हैं, तो क्या मेरे सामने ऐसे आने में क्या परेशानी है, और वैसे भी आज कल पापा तो घर पर हैं भी नही. आप ही ने तो कहा था इसमे शरमाने वाली कौन सी बात है.” मैने चाइ की चुस्की लेते हुए बोला.
“उम्म... नही बेटा, हरगिज़ नही, क्योंकि.... क्योंकि मैं तुम्हारी माँ हूँ.” जब मम्मी ये बोल रही थी, तब भी वो मेरे खड़े हुए लंड को निहारने से अपने आप को नही रोक पा रही थी. मेरे को अपने गुप्तांगों का प्रदर्शन करना हरगिज़ अच्छा नही लगता, लेकिन मम्मी के सामने नंगा रहने में मुझे अब मज़ा आने लगा था. जब मम्मी मेरे खड़े हुए लंड को देखती , तो मेरे को एक अजीब से रोमांच का अनुभव होता.
"ठीक है, मम्मी,"मैं बोला. मैने मम्मी की एक झप्पी ली, और अपने लंड के दबाव को उनके उपर महसूस किया. मम्मी ने मुझे झप्पी देते हुए, मेरे नंगे हिप्स पर एक हल्की सी चपत लगा दी, और फिर हाथों से सहला दिया. फिर मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया, एक बार फिर से सोचने लगा, कैसे मम्मी मेरे खड़े हुए लंड को और मेरे नंगे बदन को देखती हैं...
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अगली सुबह जब मम्मी मुझे उठाने को मेरे रूम में आई, तो वो भी नंगी थी. मैं एक दम बेड से उतर कर खड़ा हो गया, हम दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा. मेरा मूँह खुला का खुला ही रह गया. क्या मस्त शरीर था मम्मी का, पतली लंबी टाँगें, पतली कमर, मस्त उभार लिए हुए मम्मे, उनके निपल्स खड़े हुए थे. सबसे पहले मेरे दिमाग़ में ये ही आया, कि वो इतनी हॉट नही हैं, लेकिन तभी मुझे मेरे रूम में मम्मी की सेक्सी मादक सुगंध का एहसास हुआ. मेरी मम्मी गरम हो रही थी.
जब हम एक दूसरे को निहार रहे थे, मेरा लंड जो सोया हुआ था, तुरंत हरकत में आकर खड़ा होने लगा. मम्मी उसको देख रही थी, कैसे वो धीरे धीरे खड़ा हो रहा है, और फिर तन कर पूरे 7 इंच का हो गया, और फिर मम्मी की तरफ पॉइंट कर के देखने लगा.
"अब तो ठीक है, राज?" मम्मी बोली. मम्मी थोड़ा शरमा रही थी, शायद इस डर से की कहीं मैं चौंक ना जाऊं, या कहीं ऐसा ना हो कि मुझे उनका नग्न शरीर पसंद ना आए. “मुझे नंगा रहना पसंद है राज, और फिर कल की हमारी बातों को याद करके मैने सोचा, कि अपने ही बेटे से अपने शरीर को छुपाना तो बेवकूफी है.
"हां, मम्मी,ऑफ कोर्स इट'स ओके. वाउ..., आप तो बहुत सुंदर हैं, मुझे तो मालूम ही नही था, आप तो मॉडेल बन सकती थी.”
वो थोड़ा शरमा गयी, और उनके गाल गुलाबी हो गये, फिर वो थोड़ा साइड से हुई, तो मुझे उनकी गोल गोल टाइट गान्ड के दर्शन हो गये. जब वो फिर से घूम कर मेरे सामने सीधी खड़ी हो गयी, तब मुझे पहली बार एहसास हुआ कि, उनकी चूत एक दम चिकनी थी, उस पा एक भी बाल नही था- या तो उन्होने शेव किया था, या फिर वॅक्सिंग. उनके मम्मे और गान्ड एक दम टाइट कसे हुए थे.
"थॅंक्स, बेटा. आइ ट्राइ टू स्टे इन शेप."
"बहुत सही, मम्मी. यू'आर हॉट! मैं आप से एक बात पूछूँ? उन के मम्मे की तरफ इशारा करते हुए मैने पूछा, ये इतने टाइट कैसे हैं? मैं बातों को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाना चाहता था, ना जाने फिर कब मुझे अपनी मम्मी का खूबसूरत नग्न शरीर देखने का मौका मिले.
"नही बेटा ये तो नॅचुरली ऐसे ही हैं," वो बोली.
हालाँकि, वो मुझ से बातें कर रही थी, लेकिन उनकी नज़र अब भी मेरे लंड पर ही थी. मैने नीचे की तरफ देखा, मैं इतना ज़्यादा उत्तेजित हो चुका था, कि मेरा लंड 45 डिग्री का आंगल बना कर फन्फना रहा था. मेरी हर धड़कन के साथ, लंड उपर नीचे होकर सलामी दे रहा था. इतना ज़्यादा कड़क आज ये पहली बार हुआ था. जब हम दोनो उसको देख रहे थे, तभी सुपाडे के छेद में से एक प्रेकुं की बूँद बाहर निकल आई, और अपने पीछे एक लंबा धागा बनाते हुए ज़मीन पर गिर गयी. जब मैने मम्मी की तरफ देखा, तो वो अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी.
"मैं आप से एक बात और पूछूँ, मम्मी? आपके वहाँ पर एक भी बाल नही है.... वहाँ नीचे, आप शेव करती हो क्या?"
मेरे लंड पर से अपनी नज़र हटाते हुए मम्मी बोली, नही बेटा, हर महीने वो मेरी कज़िन सिस्टर उमा, जो मेरे गाँव के पास किसी नर्सिंग होम में नर्स है, वो घर पर आकर मेरी वॅक्सिंग कर जाती है. बेचारी ग़रीब है, मैं भी उसको पैसे कपड़ों से मदद करती रहती हूँ.
"लेकिन आप वॅक्सिंग करती क्यों हैं?" मैने पूछा.
"ओह, वॅक्सिंग करने से मुझे सॉफ सुथरा और सेक्सी फील होता है. और तुम्हारे पापा को भी चिकनी ही पसंद है, और वैसे भी चिकने होकर कुछ चीज़ें करने में ज़्यादा मज़ा आता है.” जैसे ही मम्मी ने ये बोला, उनका हाथ अपने आप अपनी चिकनी चूत की तरफ चला गया. मुझे लगा मेरा पानी तभी निकल जाएगा, मेरे मूँह से हालाँकि सी एक आहह निकल गयी. तभी मम्मी को एहसास हुआ, कि वो क्या कर रही हैं, उन्होने तुरंत अपना हाथ वहाँ से हटाया, और फिर थोड़ा शरमा गयी. हवा में अब और ज़्यादा मादक खुश्बू फैल चुकी थी.